देहरादूनवासियों को सौगात, मुख्यमंत्री ने किया खुले जिम का शुभारंभ

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गांधी पार्क में नगर निगम देहरादून द्वारा निर्मित ओपन जिम को लोकार्पित किया। उन्होंने कहा कि नगर निगम के सभी वार्डो में इस तरह के ओपन जिम बनाएं जाएं। देहरादून में खुले मैदानों व पार्कों की कमी है। इस तरह के जिम बनने से देशवासियो को काफी सुविधा मिलेगी।

फिट इंडिया फिट दून
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधी पार्क में वॉक के लिए आने वाले युवाओं, बच्चों व बुजुर्गो के स्वास्थ्य के लिये ओपन जिम लाभकारी होगा। यहां ट्रेनर भी रहेंगे। दिव्यांगजनों के अनुकूल उपकरण भी लगाए जाएं।

युवाओं को क्रिएटिवीटी और टेलेंट दिखाने का मौका मिले
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात की सम्भावना पर भी विचार किया जाए कि क्या सप्ताह में किसी एक दिन चार घंटे के लिये घंटाघर से गांधी पार्क तक जीरो जोन रहे। इस दौरान देशवासी खासतौर पर बच्चे, युवा यहाँ आएं। सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम हों। लोगों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर मिले। इससे क्रिएटिवीटी और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।

गांधी पार्क में हो रेन वाटर हार्वेस्टिंग
मुख्यमंत्री ने नगर निगम के अधिकारियों को गांधी पार्क में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। इससे गांधी पार्क में पानी की आवश्यकता की पूर्ति यहीं से हो सकेगी।

सरकार की हर योजना के केन्द्र में आमजन
विधायक राजपुर खजानदास ने कहा कि पिछले एक वर्ष में नगर निगम देहरादून ने काफी काम शुरू किए हैं। इनमें से अधिकांश उनके विधानसभा क्षेत्र में हैं। राज्य सरकार की हर योजना के केन्द्र में आम जन हैं। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना, सीएम हेल्पलाईन इसका उदाहरण हैं।

दून की बनेगी देश में पहचान
मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि देहरादून शहर को बेहतर बनाने के लिये नगर निगम लगातार प्रयासरत है। शहर को सुंदर बनाने के लिए छोटी छोटी बातों पर ध्यान दिया जा रहा है। जल्द ही दून की देश विदेश में पहचान बनेगी। इस बार बरसात से पहले नालों की सफाई की गई। यही कारण था कि घरों में पानी घुसने की शिकायत कम रही। सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति के लिए मानव श्रंखला बनाकर पूरे देश में संदेश दिया गया। देहरादून में शत प्रतिशत लाईट की व्यवस्था प्राथमिकता में है।

गांधी पार्क में सप्ताह में एक दिन बुजुर्गों के शुगरटेस्ट आदि की होगी व्यवस्था
नगर आयुक्त विनय शंकर पाण्डे ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि गांधी पार्क में सप्ताह में एक दिन बुजुर्गों के शुगर टेस्ट आदि की व्यवस्था की कोशिश की जा रही है।

एमडीडीए 29 घंटों अंदर दे रहा नक्शों की स्वीकृतिः श्रीवास्तव

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के 36वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। प्राधिकरण को 36वें स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राधिकरण द्वारा पिछले दो वर्षों में सराहनीय कार्य किया गया है। इससे सरकार की भी प्रतिष्ठा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक क्षेत्र का विकास हो सके इसके लिए जिला विकास प्राधिकरणों का गठन किया गया है। आम जन को हर प्रकार की सुविधा समय से उपलब्ध करा सकें इसके लिये प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए हमने विभिन्न नीतियों में छोटे-छोटे विभिन्न नीतिगत परिवर्तन किए हैं। इससे आमजन को कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं एवं सेवाएं प्रदान प्राप्त हो सकेंगी। इन नीतिगत परिवर्तनों का प्रभाव आने वाले समय में दिखाई देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक राज्य की अपनी अलग पहचान व संस्कृति होती है। पर्यटक भी इससे प्रभावित होते हैं। पर्यटकों को आकृषित करने के लिये उत्तराखण्ड में किये जा रहे निर्माण कार्यों में यहां की कला एवं संस्कृति की झलक दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हम सभी को सहयोग देना होगा। राज्य का पर्यटन अधिक से अधिक विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर सके इसके लिए भी प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने स्मार्ट सिटी के क्षेत्र में एमडीडीए द्वारा तेजी से कार्य करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिये लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश में गुरूत्व आधारित पेयजल की आपूर्ति के लिये विभिन्न योजनाएं शुरू की गयी हैं। सौंग बाँध निर्माण कार्य शुरू होने के 350 दिन में कार्य पूर्ण करने लिये प्रयासरत् हैं। सूर्यधार झील निर्माण कार्य भी शीघ्र पूर्ण हो जाएगा।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने प्राधिकरण को बधाई देते हुए कहा कि देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण राज्य के अन्य प्राधिकरणों के लिये मार्गदर्शक का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि समय की जरूरतों के अनुसार एमडीडीए हेतु 10 पाॅलिसीज में नीतिगत परिवर्तन किये हैं। साथ ही, राज्य सरकार व्यवस्थित वैंडिंग जोन विकसित करने के प्रयास कर रही है। वेंडर्स और आमजन को इससे लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान उपाध्यक्ष एमडीडीए आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि एमडीडीए द्वारा लगातार नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिये एमडीडीए ने नेशनल ई-गवर्नेंस अवार्ड (2018-19) प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि एमडीडीए द्वारा 29 घंटों के अन्दर नक्शे की स्वीकृति दी जा रही है। स्मार्ट सिटी की संकल्पना को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर तेजी से कार्य कर रही है।

विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अल्मोड़ा में 327 करोड़ की लागत से निर्मित होने वाले सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान और शोध संस्थान (मेडिकल कालेज) का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने मेडिकल कालेज के अवशेष निर्माण कार्यों को यथाशीध्र पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि एमसीआई की टीम द्वारा मेडिकल कालेज के निरीक्षण से पूर्व जो अवशेष कार्य एवं उपकरण आदि क्रय किये जाने हैं उन्हें यथाशीघ्र क्रय करना सुनिश्चित किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही मेडिकल कालेज में फैकल्टी की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान मेडिकल कालेज के फिजियोलॉजी कक्ष, एनाटोमी कक्ष, सर्वर कक्ष, हिस्ट्री कक्ष सहित अन्य कक्षों का निरीक्षण कर इससे जुड़े अधिकारियां एवं कार्यदायी संस्थओं को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
चिकित्सा शिक्षा निदेशक डाॅ. वाईके पंत ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि इस परियोजना की कुल लागत 327 करोड़ रू0 स्वीकृत है जिसमे प्रथम एलओपी के निर्माण हेतु स्वीकृत धनराशि कुल 216.77 करोड़ रू0 है। वर्तमान तक कार्यदायी संस्था को 215 करोड़ रू0 अवमुक्त किये जा चुके हैं तथा निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद अल्मोड़ा के लिये कुल 9902.52 लाख रू0 की विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकापर्ण भी किया। जिसमें 6181.73 लाख रू0 की विकास योजनाओं का लोकार्पण तथा 3720.79 लाख रू0 की विकास योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। इन योजनाओं में प्रमुख रूप से शिक्षा, पुलिस, लोक निर्माण विभाग, चिकित्सा, रेशम विभाग की योजनायें सम्मलित हैं।
इस अवसर पर प्रभारी मंत्री डाॅ. हरक सिहं रावत, सांसद अजय टम्टा, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान, कापरैटिव बैंक के अध्यक्ष ललित सिंह लटवाल, आयुक्त कुमाऊ मण्डल राजीव रौतेला, डीआईजी जगत राम जोशी आदि उपस्थित थे।

23 विकास योजनाओं की मुख्यमंत्री ने की घोषणा
वहीं, अल्मोड़ा में सम्पन्न हुई कैबिनेट बैठक के उपरान्त मुख्यमंत्री ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए अल्मोड़ा जनपद के विकास से सम्बन्धित 23 विकास योजनाओं की घोषणा की। इन सभी योजनाओं का निर्माण मुख्यमंत्री घोषणा के तहत किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की, कि पवित्र जागेश्वर धाम में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान्ट (एसटीपी) का निर्माण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं में अल्मोडा पेयजल योजना के भाग-1 का सुदृृढीकरण कार्य, कटारमल पम्पिंग पेयजल योजना का निर्माण किया जायेगा, अल्मोड़ा सीवरेज जोन-3 योजना का निर्माण का निर्माण कार्य किया जायेगा, अल्मोड़ा शहर मंे बाजार का सौन्दर्यीकरण किया जायेगा, होटल मैनेजमैन्ट संस्थान अल्मोड़ा का सुदृृढीकरण एवं आधुनीकीकरण किया जायेगा, सिमतौला ईकों पार्क में ईकों टूरिज्म की गीत विधियों को बढ़ावा दिया जायेगा, जनपद अल्मोड़ा के अन्तर्गत डयोलीडाना में बैडमिन्टन हाॅल का निर्माण किया जायेगा, स्पोर्टस स्टेडियम में अवस्थापना सुविधाओं को सुदृृढ किया जायेगा, जनपद के 100 विद्यालयांे में ई लर्निंग सुविधा हेतु रू0 1.00 लाख प्रति विद्यालय की दर से धनराशि दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने ताड़ीखेत में स्थापित गांधी कुटीर के जीर्णोद्वार एवं हाल का निर्माण, नगर पालिका परिषद रानीखेत चिलियानौला के कार्यालय भवन की स्थापना, ताड़ीखेत में मिनी स्टेडियम की स्थापना, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लमगड़ा में भवन का निर्माण, कसारदेवी में स्प्रिीचुअल इकोनाॅमी जोन बनाये जाने, 200 आंगनवाडी केन्द्रों की स्थापना, शीतलाखेत महाविद्यालय एवं लमगड़ा महाविद्यालय के भवनों का निर्माण कार्य किये जाने की घोषणा शामिल है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा जनपद चम्पावत के विकास से सम्बन्धित 51, पिथौरागढ़ के लिये 22, बागेश्वर के लिये 7, नैनीताल के लिये 25 जबकि उधम सिंह नगर से सम्बन्धित 9 घोषणाये की गई।

जरुरत मंद को उचित समय में न्याय दिलाना प्राथमिकताः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में सीएम डेशबोर्ड पर केपीआई के आधार पर सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सेवा के अधिकार में अधिसूचित सेवाएं ऑनलाईन भी उपलब्ध होनी चाहिए। ई-डिस्ट्रिक्ट में वर्तमान की सेवाओं के साथ ही अन्य सेवाओं को भी शामिल किया जाए। जो जिला इसमें बेहतर प्रदर्शन करेगा, उसे पुरस्कृत किया जाएगा। विभागों को डिजी-लॉकर से जोड़ने के लिए सचिव समिति द्वारा विचार किया जाए। एक ही एप्प के अंतर्गत सभी सुविधाएं उपलब्ध हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा के अधिकार में सेवाएं निर्धारित समय में दी जा रही है या नहीं, इसके लिए सतत मॉनिटरिंग की जाए। सीएम हेल्पलाईन पर वर्तमान में प्रातः 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक संचालित की जा रही है। रात्रि 10 बजे से सुबह 8 बजे तक जो भी कॉल आती हैं, उनकी रिकार्डिंग की व्यवस्था की जाए और उन्हें संबंधित अधिकारियों को अग्रसारित किया जाए। सीएम हेल्पलाईन में सभी स्तरों के अधिकारियों की परफोरमेंस वेल्युशन किया जाए। लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए। प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक डिजीटल विलेज के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। ताकि अधिक से अधिक छात्र इसका लाभ उठा सकें।
बैठक में बताया गया कि स्टेट डाटा सेंटर के अंतर्गत वर्तमान में 12 विभाग जुड़े हैं। स्वान से 1474 कार्यालय जुड़ चुके हैं, मार्च 2020 तक 164 कार्यालय और जोड़ दिए जाएंगे। इन्वेस्टर्स समिट के बाद आईटी में 2286 करोड़ रूपए की ग्राउंडिंग हो चुकी है। सीएम डेशबोर्ड से 33 विभाग जुड़े हैं। पीएमजी-दिशा में युवाओं को डिजीटल साक्षरता की ट्रेनिंग दी जा रही है। बैठक में मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार नरेंद्र सिंह, सचिव आरके सुधांशु, राधिका झा, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, अपर सचिव चंद्रेश यादव, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने आपदा से हुए नुकसान का आकंलन करने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य में घटित प्राकृतिक आपदाओं एवं दुर्घटनाओं से हुए नुकसान आदि के आंकलन, क्षतिपूर्ति, योजनाओं की मरम्मत में हुए वास्तविक व्यय का विवरण 30 सितम्बर तक शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को आपदा मद में 71 करोड़ धनराशि पूर्व में उपलब्ध करायी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त भी जिलाधिकारियों को 30 करोड़ और उपलब्ध कराये गये हैं। उन्होंने कहा कि आपदा राहत एवं इससे हुए नुकसान की भरपाई के लिय धन की कमी आड़े नहीं आने दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने आपदा के दौरान त्वरित कार्यवाही के लिये सभी सम्बन्धित आधिकारियों के प्रयासों की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा से लगभग रू. 300 करोड़ की क्षति होने का अनुमान है। जिलाधिकारियों से इस संबंध में आपदा से हुए नुकसान का पूर्ण विवरण 30 सितम्बर तक प्राप्त होने के बाद इसकी सूचना तद्नुसार केन्द्र सरकार को उपलब्ध कराई जायेगी।
सचिवालय में शासन के उच्चाधिकारियों एवं सभी जिलाधिकारियों के साथ आपदा से हुए नुकसान एवं राहत कार्यों की जनपदवार समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राहत एवं इससे हुए नुकसान की भरपाई के लिये धन की कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि आपदा से क्षतिग्रस्त सडकों, पुलों, पेयजल, बिजली, विद्यालय भवनों की मरम्मत का कार्य त्वरित गति से पूर्ण किया जाए। उन्होंने चार धाम यात्रा आरम्भ होने की स्थिति का भी जायजा लिया तथा इसके लिए भी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं यथा समय पूर्ण करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये हैं कि आपदाग्रस्त योजनाओं की मरम्मत के आंगणनों की स्वीकृति में भी विलम्ब न किया जाये। उन्होंने जिन जनपदों में अपेक्षा से कम वर्षा हुई है वहां उत्पन्न सूखे की स्थिति का भी आंकलन करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने सेब की फसल को हुए नुकसान का आंकलन तथा सेब को बाजार तक लाने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा, इसके लिये यदि अतिरिक्त धनराशि की जरूरत हो तो उसकी भी व्यवस्था की जायेगी। बैठक में सचिव आपदा प्रबन्धन अमित नेगी ने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष 15 जून से 14 सितम्बर 2019 तक आपदा से संबंधित 1124 घटनायें हुई हैं, जिसमें 70 लोगों की मृत्यु, 73 घायल तथा 4 लोग लापता हुए हैं। 235 भवन पूर्ण क्षतिगसत तथा इतने ही आंशिक क्षतिग्रस्त हुए हैं। 92 बड़े तथा 356 छोटे पशुओं की हानि तथा 21 गोशालाओं को नुकसान हुआ है, जबकि आपदा से 205 पेयजल योजनाओं तथा 29 विद्युत लाइनों को नुकसान पहुंचा है।

सरकार के प्रयास से हर वर्ग को मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने श्यामपुर, ऋषिकेश में विश्व बैंक पोषित अर्द्धनगरीय क्षेत्रों हेतु उत्तराखण्ड पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रतीत नगर हेतु 25 करोड़ 65 लाख एवं खड़कमाफी हेतु 13 करोड़ 36 लाख रूपये की पेयजल योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर श्रीदेव सुमन डिग्री कॉलेज के ऋषिकेश कैंपस हेतु शिक्षा शास्त्र, समाज शास्त्र एवं गृह विज्ञान की कक्षाएं संचालित करने व चार वर्षीय बी.एड के कोर्स के लिए सहमति दी। उन्होंने कहा कि इस कॉलेज की चारदीवारी की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा ऋषिकेश क्षेत्र की जिन विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया गया हैं उनका परीक्षण कर समाधान करने का हर सम्भव प्रयास किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पेयजल योजना के पूर्ण होने पर ऋषिकेश क्षेत्र की जनता को प्रतिदिन 16 घण्टे पेयजल उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि समाज के हर वर्ग को सरकार की विभिन्न योजनाओं का फायदा मिले। राज्य सरकार द्वारा किसानों को बिना ब्याज के एक लाख तक एवं स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रूपये तक का ऋण दिया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए 58 ग्रोथ सेंटर की स्वीकृति दी जा चुकी है, 40 ग्रोथ सेंटरों की जल्द स्वीकृति प्रदान की जायेगी। राज्य के सभी परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 05 लाख रूपये तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अभी तक 70 हजार से अधिक लोग इस योजना का फायदा ले चुके हैं।
मुख्यमंत्री कहा कि अर्द्धनगरीय क्षेत्रों के लिए राज्य में पेयजल की कुल 970 करोड़ रूपये की योजना पर कार्य किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत राज्य को सात पुरस्कार मिले। उत्तराखण्ड को कुपोषण मुक्त करने के लिए कुपोषित बच्चों को गोद लिया गया है। इन बच्चों की निरन्तर निगरानी की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश में अन्तरराष्ट्रीय कन्वेशन सेंटर खोला जा रहा है। इस सेंटर में राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर की गोष्ठियां आयोजित की जायेगी। इससे स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि पिछले दो सालों में ऋषिकेश विधानसभा में सड़क, विद्युत, सीवरेज, घाटों के सौन्दर्यीकरण, नमामि गंगे के तहत अनेक कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में ऋषिकेश विधानसभा में लगभग 25 करोड़ रूपये की सड़कों का कार्य हुआ, विद्युत विभाग के अन्तर्गत 65 ट्रांसफार्मर लगे, 175 कि.मी की बंचिंग केबल लगाई जा रही है। नमामि गंगे के अन्तर्गत 158 करोड़ की लागत के सीवरेज का कार्य चल रहा है। त्रिवेणी घाट के सौन्दर्यीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि ऋषिकेश में उच्च शिक्षा के लिए श्रीदेव सुमन का कैंपस खुलने से अब यहां के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए एडमिशन में दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि छात्रों के हित को देखते हुए ग्रेजुएशन स्तर पर सेमेस्टर सिस्टम को खत्म किया गया है। ऋषिकेश के डिग्री कॉलेज के लिए मुख्यमंत्री ने 6.5 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी है।
इस अवसर पर मेयर अनीता मंमगाई, सचिव पेयजल अरविन्द सिंह ह्यांकी आदि उपस्थित थे।

आंदोलन को धार देने के लिए की थी राजनीति, ऐसे थे रणजीत सिंह वर्मा

जननायक और पूर्व विधायक रहे रणजीत सिंह वर्मा की अंतिम यात्रा में आज सुबह भारी हुजूम उमड़ा। सुबह दस बजे उनके आवास से अंतिम यात्रा निकली और लक्खीबाग देहरादून में उनका अंतिम संस्कार किया। बतातें चले कि सोमवार सुबह सात बजे उनका स्वर्गवास हो गया था।
पूर्व विधायक और राज्य आंदोलनकारी रणजीत सिंह वर्मा का सोमवार सुबह जौलीग्रांट अस्पताल में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। अस्पताल में पिछले पांच दिनों से उनका इलाज चल रहा था। वे अविभाजित उत्तरप्रदेश की मसूरी विधानसभा के दो बार विधायक रहे थे। उनके निधन पर उनके निकट सहयोगी रहे क्षेत्र के तमाम लोगों ने दुख जताया है। जौलीग्रांट के पूर्व प्रधान और उनके सहयोगी रहे कुंवर सिंह मनवाल कहते हैं कि उनके निधन की खबर डोईवाला के लिए अपूर्णनीय क्षति है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति एवं दुरूख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक उत्तराखंड के निर्माण में रणजीत सिंह के संघर्षों को सदैव याद रखा जाएगा।

शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान
पूर्व विधायक रणजीत सिंह वर्मा के निधन पर डोईवाला क्षेत्र के लोग स्तब्ध हैं। उनका नाम शिक्षा के प्रचार प्रसार और गन्ना राजनीति में बेहद आदर के साथ लिया जाता है। आजीवन मूल्यों और सिद्धांतों पर चलकर उन्होंने गन्ना राजनीति और डोईवाला में शिक्षा को बढ़ावा देने का काम किया। पृथक राज्य निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पूर्व विधायक रणजीत सिंह वर्मा का कार्य क्षेत्र डोईवाला रहा।
तरली जौलीग्रांट में उनका निवास स्थान है। क्षेत्र में उनके पास काफी खेती बाड़ी होने के कारण प्रगतिशील किसान कहा जाता रहा है। गन्ना राजनीति में करीब तीन दशक से भी अधिक समय तक उनकी पकड़ रही है। गन्ना परिषद डोईवाला में करीब 25 सालों तक लगातार अध्यक्ष का दायित्व निभाया।
डोईवाला शुगर मिल के पुनर्निर्माण में भी उनका बड़ा योगदान रहा। अविभाजित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे स्व. नारायणदत्त तिवारी से उनका स्नेह होने के कारण डोईवाला चीनी मिल की पेराई क्षमता बढ़ाकर उसको आधुनिक रूप दिलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ ही एक शिक्षक के रूप में भी उन्होंने काम किया। क्षेत्र के सबसे पुराने पब्लिक इंटर कॉलेज डोईवाला के प्रबंधक का काम साल 1966 से 2018 तक निभाया। जबकि आर्य कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज के वह अभी तक प्रबंधक रहे।

निवेश के लिए उत्तराखंड सबसे उपयुक्त राज्य, तेजी से बढ़ रही उत्तराखंड की अर्थव्यवस्थाः त्रिवेन्द्र रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बैंगलोर में आयोजित आठवें इनवेस्ट नाॅर्थ कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तराखण्ड में निवेश के लिए उद्यमियों को आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सेवा क्षेत्र विशेष तौर पर पर्यटन, बायो टेक्नोलाॅजी, नवीकरणीय ऊर्जा, फिल्म शूटिंग व सूचना प्रौद्योगिकी में निवेश की काफी सम्भावनाएं हैं। उत्तराखण्ड सरकार, निवेशकों को आवश्यक सुविधायें प्रदान करने के लिए तत्पर है। गत दो वर्षों राज्य में निवेश के लिए सुनियोजित प्रयास किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य तेजी से निवेश के लिये मुख्य गंतव्य स्थल के रूप में विकसित हुआ है। यह देश की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। राज्य सरकार ने डीपीआईआईटी और विश्व बैंक द्वारा प्रस्तावित विभिन्न व्यावसायिक सुधार किए हैं। पर्वतीय राज्यों द्वारा किए गए व्यापार सुधारों के मामले में उत्तराखण्ड अग्रणी है। लाॅजिस्टिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए अनेक बुनियादी अवसंरचनात्मक परियोजनाएं प्रारम्भ की हैं। राज्य में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आईसीडी और एलसीएस की स्थापना की गई हैं। आल वेदर रोड़ व जौलीग्रांट एयरपोर्ट की क्षमता विस्तार का काम प्रगति पर है। केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित अमृतसर-कोलकाता इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर से उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड में स्थित उद्योगों को लाॅजिस्टिक्स के लिए सुगमता होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में अक्टूबर, 2018 में प्रथम इन्वेस्टर्स समिट ‘‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड’’ का आयोजन किया गया था, जिसमें देश व विदेश के 4000 से अधिक प्रतिनिधियों, निवेशकों, उद्योगपतियों ने प्रतिभाग किया था। शिखर सम्मेलन के दौरान 600 से अधिक निवेशकों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश के लिए रू. 1,24,000 करोड़ (एक लाख चैबिस हजार करोड़) से अधिक के प्रस्तावों के एमओयू किये गये। इन एमओयू के क्रियान्वयन के लिए ठोस पहल की गई है। इन्वेस्टर्स समिट के बाद के 10 माह में लगभग रू. 17 हजार करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश के प्रस्तावों की ग्राउण्डिंग की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का ध्यान ऐसी परियोजनाओं पर भी केंद्रित है, जिससे राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिकी को मजबूत किया जा सके। पाइन निडिल से ऊर्जा उत्पादन इनमें से एक है, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को रोजगार के अवसर सुलभ हो सकें। राज्य सरकार ने अब तक 20 परियोजनाआं की स्थापना के लिए विकासकर्ताओं का चयन किया है, जो लगभग 675 किलोवाट की बिजली उत्पादन कर सकेंगे और आने वाले समय में इस परियोजना की क्षमता को 5 मेगावाट तक बढ़ाये जाने की योजना है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की सम्भावनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये नयी पर्यटन नीति-2018 लागू की गयी है, जिसका मुख्य उद्देश्य रिवर्स माइग्रेशन को सुगम बनाने, ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करने और पारिस्थितिक पर्यटन, वैलनेस व साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। राज्य के प्रत्येक जनपद में एक नया थीम बेस्ड डेस्टिनेशन विकसित किया जा रहा है। राज्य में पर्यटक रोप-वे निर्माण की व्यापक सम्भावनायें हैं, जिनमें से कुछ चिन्हित परियोजनायें देहरादून-मसूरी, जानकी चट्टी-यमुनोत्री, गोविन्दघाट-हेमकुण्ड साहिब, भैरव गढ़ी, देव का डाण्डा, बिनसर प्रमुख हैं। हाल ही में देहरादून को मसूरी से जोड़ने वाले रोप-वे प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया है, जिससे सड़क मार्ग से यात्रा मंे लगने वाला समय एक घण्टा तीस मिनट से घटकर केवल 15-20 मिनट हो जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा 66 वें राष्ट्रीय फिल्म फेयर अवाड्र्स में उत्तराखण्ड का चयन मोस्ट फिल्म फेंडली स्टेट के लिए किया गया है। राज्य सरकार की फिल्म नीति के कारण ही पिछले वर्ष 180 से अधिक फिल्मों की शूटिंग राज्य में की गईं, जो एक समर्पित क्षेत्र नीति का ही परिणाम है। उत्तराखण्ड, सूचना प्रौद्योगिकी एवं समर्थित सेवाओं के क्षेत्र के विकास पर भी अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है और इस क्षेत्र के लिए राज्य सरकार ने आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष पहल की है। राज्य ने अपनी सूचना प्रौद्योगिकी नीति को अधिसूचित कर दिया है। इस अवसर पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी सम्बोधित किया।

खतरनाक एडवेंचर रेस में राज्य का प्रतिनिधित्व करेगी ताशी और नुग्शी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में दुनिया की मुश्किल एवं खतरनाक एडवेंचर रेस इको चैलेंज में प्रतिभाग के लिए जा रही उत्तराखंड की पर्वतारोही ताशी एवं नुग्शी को उनकी टीम के साथ रवाना किया। मुख्यमंत्री ने इस प्रतियोगिता के लिए दोनों बहनों को शुभकामनाएं दी। फिजी में 9 सितंबर से 21 सितंबर 2019 तक इको चैलेंज 2019 के नाम से आयोजित होने वाली इस एडवेंचर रेस में 30 देशों की 67 टीमें भाग ले रही हैं। 675 किमी की इस एडवेंचर रेस में 12 एडवेंचर से संबंधित एक्टिविटी होंगी। ये सभी एक्टिविटी फिजी के घने जंगलों, पहाड़ों, नदियों एवं समुद्र के जरिए होंगी। इस रेस की मेजबानी प्रसिद्ध एडवेंचर्स बेयर ग्रिल्स कर रहे हैं। उत्तराखंड से ताशी के नेतृत्व में 4 सदस्यों की टीम इस प्रतियोगता में भाग ले रहे हैं। इस टीम के मैनेजर रिटायर्ड कर्नल वी. एस.मलिक हैं। इस मौके पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत और विधायक गणेश जोशी भी उपस्थित रहे।

वेलनेस समिट में रोजगार और पलायन पर फोकस कर रही सरकारः मुख्यमंत्री

इंवेस्टर्स समिट की तर्ज पर प्रदेश सरकार अब वेलनेस समिट का आयोजन करने जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर उद्योग विभाग समिट की कार्ययोजना बनाने में जुट गया है। ये समिट चार प्रमुख सेक्टरों पर केंद्रित होगा। इसमें आयुर्वेद, योग, पर्यटन, स्वास्थ्य प्रमुख हैं। सरकार प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से सर्विस सेक्टर को प्रोत्साहित कर रही है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए चार सेक्टर तय किए गए हैं।
सरकार ने गत वर्ष प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए पहली बार इंवेस्टर्स समिट आयोजित किया था। इसमें सरकार को उम्मीदों से अधिक निवेश के प्रस्ताव मिले। इंवेस्टर्स समिट में निवेश के लिए 15 सेक्टरों को चिन्हित किया गया था। सरकार ने 673 प्रस्ताव में 1.24 लाख करोड़ के निवेश पर एमओयू किए। इसी तर्ज पर इस साल सरकार वेलनेस समिट के आयोजन की तैयारी कर रही है। उत्तराखंड में जड़ी-बूटी, योग, पर्यटन और मेडिकल निवेश की अपार संभावनाएं है। इन सेक्टरों में निवेश से जहां रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। वहीं, सर्विस सेक्टर से सरकार का राजस्व बढ़ेगा। इसी उद्देश्य से प्रदेश में वेलनेस समिट के आयोजन के लिए सरकार तैयारी कर रही है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि इंवेस्टर्स समिट के माध्यम से निवेशकों का उत्तराखंड में निवेश करने के लिए अच्छा रिस्पांस मिला था। इस साल प्रदेश में वेलनेस समिट कराने की तैयारी कर रहे हैं। जिसमें मेडिकल, योग, आयुर्वेद, पर्यटन में सर्विस सेक्टर के उद्योगों को बढ़ावा देने पर फोकस होगा।
इंवेस्टर्स समिट के माध्यम से सरकार ने 1.24 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। जिसमें अब तक 20 हजार करोड़ के निवेश को धरातल पर उतारने का काम शुरू हो गया है। नए उद्योगों के लिए सरकार जमीन चिन्हित कर रही है।
सरकार ने पर्यटन सेक्टर में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उद्योग का दर्जा दिया है। इंवेस्टर्स समिट में पर्यटन में 15362 करोड़, वेलनेस एवं आयुष में 1751, हर्बल एवं ऐरोमेटिक में 745 करोड़, हेल्थ केयर में 16890 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले थे।