नेशनल गेम्स के बड़े मंच से तीन विषय और उत्तराखंड को बड़ी शाबासी

मंगलवार को यह बड़ा मंच राष्ट्रीय खेलों का था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल विकास से जुड़ी कई अहम बातें कीं। मगर तीन ऐसे विषय भी उठाए, जिनमें उत्तराखंड के विशेष प्रयास हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के इन प्रयासों को नए सिरे से रेखांकित करते हुए धामी सरकार की खुलकर सराहना की और शाबासी दी। यह तीन विषय थे-यूसीसी, शीतकालीन यात्रा और प्लास्टिक मुक्त अभियान।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना के बाद धामी सरकार के प्रयास देश-दुनिया तक और प्रभावी ढंग से पहुंचे हैं। एक दिन पहले उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का प्रधानमंत्री ने खास तौर पर जिक्र किया। खेल और यूसीसी में सबको साथ लेकर चलने की अंतर्निहित भावना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिलचस्प ढंग से जोड़ा।

हाल ही में शीतकालीन यात्रा के लिए जिस तरह से धामी सरकार ने पहल की है, उसे प्रधानमंत्री के पूर्ण समर्थन के खास मायने रहे। उत्तराखंड की स्थानीय आर्थिकी के व्यापक हितों के लिए शुरू की गई शीतकालीन यात्रा के संबंध में प्रधानमंत्री का यह वक्तव्य अहम रहा कि वह खुद इस यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं। पिछले दिनों अपने दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री से भेंट कर उन्हें शीतकालीन यात्रा पर आने के लिए आमंत्रित भी किया था। यात्रा की ब्रांडिंग कर प्रधानमंत्री राज्य सरकार के प्रयासों को भी गति दे गए।

राष्ट्रीय खेलों की ग्रीन गेम्स की थीम पर प्रधानमंत्री प्रभावित नजर आए। ई-वेस्ट से पदक निर्माण, विजेता खिलाड़ियों के स्तर पर पौधरोपण जैसी पहल पर प्रधानमंत्री खूब बोले। उन्होंने इसके साथ ही, धामी सरकार के प्लास्टिक मुक्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी खुलकर सराहा।

प्रदेश में चलाया जा रहा मादक पदार्थों के डिस्पोजल को विशेष अभियान, सीएम ने दिए निर्देश

केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देशन में प्रदेश में मादक पदार्थों के डिस्पोजल हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड की उपस्थिति में औषधि व्यनन समिति के अध्यक्ष आईजी गढ़वाल की रिपोर्ट के आधार पर नारकोटिक्स पदार्थों के व्यनन हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए उपस्थित अधिकारियों को नशा मुक्ति देवभूमि की परिकल्पना को साकार करने के लिए और अधिक प्रभावी तरीके से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।

उत्तराखंड पुलिस नशे की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रही है। मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्री के खिलाफ राज्य, जनपद, और थाना स्तर पर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स गठित की गई है। पुलिस द्वारा विशेष नशामुक्त अभियान चलाकर अपराधियों पर कार्रवाई के साथ-साथ जनजागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर इस वर्ष 11 जनवरी को आयोजित सम्मेलन में 11 से 25 जनवरी तक नशा निपटान पखवाड़ा आरंभ किया गया। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार गढ़वाल और कुमाऊं रेंज में मादक पदार्थ निपटान की कार्रवाई की जा रही है।

मादक पदार्थों के निस्तारण का मुख्य उद्देश्य समाज को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और नशामुक्ति को बढ़ावा देना है। उत्तराखंड पुलिस द्वारा मादक पदार्थाे के विरुद्ध की गयी कार्यवाही के दौरान कुमांऊ मंडल में वर्ष में 2022- ₹1 करोड़ 15 लाख 88 हजार 150 मूल्य की 252.934 किग्रा ड्रग्स, वर्ष 2023 में ₹6 करोड़ 82 लाख 18 हजार 315 मूल्य की 610.80 किग्रा ड्रग्स तथा वर्ष 2024 में ₹5 करोड़ 43 लाख 33 हजार 25 मूल्य की 56.201 किग्रा ड्रग्स व 150 नशीली गोलियां जब्त की गई। जबकि गढ़वाल रेंज में वर्ष 2022 में ₹2 करोड़ 74 लाख 32 हजार 490 मूल्य की 605.628 किग्रा ड्रग्स, जब्त की गई।

वर्ष 2024-25 में औषधि व्ययन समिति द्वारा 496 अभियोगों में 501 अभियुक्तों से ₹ 6 करोड, 22 लाख, 90 हजार 928 मूल्य की 934.323 किलोग्राम ड्रग्स बरामद कर निस्तारण हेतु चिन्हित किया गया है। निरीक्षण के बाद इसे मेडिकल पॉल्यूशन कमेटी, रूड़की, हरिद्वार भेजा जाएगा।

पुलिस महानिदेशक द्वारा बताया गया कि वर्ष 2022 से 2025 तक उत्तराखण्ड में कुल 886 मामलों में 907 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए, जिनसे 2459 कि.ग्रा. मादक पदार्थ बरामद हुए, जिसकी अनुमानित कीमत ₹ 22 करोड़ 38 लाख 62 हजार 908 रुपए है।

मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ पीआईटी एनडीपीएस एक्ट 1988 के तहत 5 अपराधियों पर कार्रवाई की गई, जबकि 8 अन्य के खिलाफ प्रक्रिया जारी है। वाणिज्यिक मात्रा के मामलों में 10 अभियोगों की वित्तीय विवेचना कर, मादक पदार्थों से अर्जित ₹3 करोड़ से अधिक की संपत्ति सीज/फ्रीज करने की कार्रवाई हेतु प्रकरण भेजे गए।

उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में और जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित एन्कोर्ड समितियों की नियमित बैठक नशे की रोकथाम के लिए कार्ययोजना तैयार करने हेतु आयोजित की जा रही हैं। इन बैठकों में राज्य और जिला स्तर के सभी हितधारक विभाग शामिल होते हैं। कुछ बैठकों की अध्यक्षता स्वयं माननीय मुख्यमंत्री ने की है, और उनके निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है।

आईओसी को नेशनल गेम्स में स्पॉन्सरशिप के लिये केंद्र ने भेजी उत्तराखंड को सहमति

38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कर रहे उत्तराखंड को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) का साथ मिला है। आईओसी इस आयोजन के लिए उत्तराखंड को स्पॉन्सरशिप देगा। प्रारंभिक सहमति की सूचना उत्तराखंड को आधिकारिक रूप से प्राप्त हो गई है। इसके बाद, उत्तराखंड ने आईओसी को राष्ट्रीय खेलों का ब्रॉन्ज स्पॉन्सर बना दिया है। आयोजन के प्रचार-प्रसार में अब आईओसी भी नजर आएगा।

कॉर्पाेरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) मद में आईओसी जल्द ही यह तय करेगा कि इस आयोजन के लिए उसकी स्पॉन्सरशिप का आकार क्या होगा। 28 जनवरी को जिस दिन राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन हो रहा है, उसी दिन आईओसी की बोर्ड बैठक भी प्रस्तावित है। माना जा रहा है कि इस बैठक में ही स्पॉन्सरशिप के आकार पर निर्णय ले लिया जाएगा। बहरहाल, आईओसी ने स्पॉन्सरशिप के लिए प्रारंभिक सहमति दे दी है। राष्ट्रीय खेलों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा के अनुसार-आईओसी का स्पॉन्सरशिप के संबंध में आधिकारिक मेल प्राप्त हुआ है। इसके बाद, आईओसी अब राष्ट्रीय खेलों का ब्रॉन्ज स्पॉन्सर होगा।

केंद्र में मुख्यमंत्री की पैरवी से बनी बात
राष्ट्रीय खेलों के लिए स्पॉन्सरशिप जुटाने के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मोर्चे पर खुद जुटे। केंद्र सरकार में मजबूत पैरवी की, तो बात बन गई। दरअसल, कुछ दिन पहले अपने दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात की थी। उन्होंने पुरी को राष्ट्रीय खेलों के लिए आमंत्रित किया था। साथ ही, आईओसी व ओएनजीसी से सीएसआर में स्पॉन्सरशिप दिलवाने का अनुरोध किया था। इस पर मंत्री ने हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रति आभार प्रकट किया है।

क्या होता है इवेंट में ब्रॉन्ज स्पॉन्सर
किसी बड़े इवेंट या कार्यक्रम में प्रायोजक से मिलने वाली स्पॉन्सरशिप की राशि के हिसाब से उसकी श्रेणी तय की जाती है। आईओसी के स्तर पर राष्ट्रीय खेलों में हमेशा स्पॉन्सरशिप दी जाती रही है। राष्ट्रीय खेल सचिवालय से जुड़े अधिकारी प्रतीक जोशी के अनुसार-पिछले अनुभवों का अध्ययन करने के बाद आईओसी को ब्रॉन्ज कैटेगरी में स्पॉन्सर बनाने का निर्णय लिया गया है। इस कैटेगरी के हिसाब से ही राष्ट्रीय खेलों के प्रचार-प्रसार में आईओसी नजर आएगा।

चुनाव प्रचार में धाकड़ धामी की धमक से पस्त हुई कांग्रेस

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस बार निकाय चुनाव प्रचार में फ्रंट फुट पर खेलते नजर हुए नजर आए। गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक शायद ही कोई एक ऐसी जगह हो जहां मुख्यमंत्री धामी नहीं पहुंचे और यकीन मानिए जहां पुष्कर धामी पहुंचे वहां जनता का ऐसा हुजूम उमड़ा की विरोधियों के पसीने छूट गए।

निकाय चुनावों की कमान पुष्कर धामी ने जैसे ही अपने हाथ में ली तो भाजपा के विजय रथ को नई रफ़्तार मिल गई। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को संगठन द्वारा स्टार प्रचारक की जिम्मेदारी मिलते ही हर जगह से उनकी डिमांड बढ़ने लगी और मुख्यमंत्री धामी ने केवल 12 दिनों में ताबड़तोड़ 52 चुनावी कार्यक्रम किए। निकाय चुनावों में पुष्कर धामी के इस विजय अभियान ने पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंक दी। विधानसभा चुनाव के जैसे ही पुष्कर सिंह धामी ओपनर बैट्समैन की तरह विपक्षियों को ऐसे धोते हुए नजर आए कि कांग्रेस इस बार भी उनका कोई तोड़ नहीं निकाल पाई।

पुष्कर सिंह धामी ने मुखर होकर जनता के बीच अपनी सरकार के कार्यों को रखा। इतना ही नहीं उन्होंने लैंड जिहाद, थूक जिहाद और समान नागरिक संहिता जैसे विषयों को भी जनता के बीच प्रभावशाली बनाया। कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं को भी अनेक ऐसे मुद्दों पर ऐसे घेरा कि उनकी स्थिति दयनीय हो गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस पर कड़े तेवर दिखाते हुए कांग्रेसी वादों और नीतियों की पोल खोली। उन्होंने कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार, विकास कार्यों की अनदेखी और जनकल्याण के प्रति असंवेदनशीलता को जनता के सामने रखा।

मुख्यमंत्री धामी ने कांग्रेस के नेताओं पर यह आरोप भी लगाया कि वे सिर्फ वोटबैंक, तुष्टिकरण और सनातन के विरोध की राजनीति करते रहे हैं और कभी भी राज्य की वास्तविक समस्याओं पर गंभीरता से काम नहीं किया। इस तरह मुख्यमंत्री धामी ने कांग्रेस के विरोधियों को हर मोर्चे पर जवाब देते हुए चुनावी मैदान में अपनी पार्टी को मजबूत किया और चुनावी माहौल को पूरी तरह से अपने पक्ष में कर लिया।

अब देखने वाली बात यह होगी कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मेहनत निकाय चुनाव में कमल खिला पाती है या नहीं ? कयास लगाए जा रहे हैं जिस तरह से सीएम धामी ने कार्यकर्ताओं और पार्टी को एकजुट करते हुए चुनाव को एकतरफा बनाया है उससे तो 25 जनवरी के दिन भाजपा मुख्यालय में मिठाई बंटनी तय है।

पौड़ी अस्पताल में कतिपय समस्याओं पर मुख्यमंत्री ने तलब की रिपोर्ट

बस हादसे के बाद, पौड़ी अस्पताल में सामने आई अव्यवस्थाओं की शिकायत का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संज्ञान लिया है। उन्होंने पौड़ी के जिलाधिकारी से मामले में रिपोर्ट तलब करने के साथ ही, अस्पताल में सभी बुनियादी सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने बस हादसे में मृतक परिजन को कुल 5-5 लाख और गंभीर घायलों को 1-1 लाख रुपए की सहायता राशि तत्काल उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए।

बस हादसे के घायलों को पौड़ी अस्पताल में समुचित इलाज देने में अव्यवस्था, संबंधित शिकायत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैम्प कार्यालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होने इस मामले में पौड़ी के डीएम से रिपोर्ट तलब की है, साथ ही कहा है कि लापरवाह अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाई करते हुए, अस्पताल में आपात स्थिति के लिए हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उत्तराखंड में दूर दराज तक स्वास्थ्य सेवाओं का नेटवर्क उपलब्ध है। ऐसे में अस्पतालों में गंभीर बीमार या घायलों के उपचार में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। इसके लिए प्रदेश भर के अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं के साथ ही, आवश्यक दवाई ओर मेडिकल स्टॉफ की उपलब्धता हर वक्त सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने बस हादसे के कारणों की जांच कर परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पाए जाने पर कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए।

17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन एवं कृषि प्रदर्शनी के ब्रोशर और पोस्टर का विमोचन हुआ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन एवं कृषि प्रदर्शनी के ब्रोशर और पोस्टर का विमोचन किया। यह कृषि महाकुंभ 20 फरवरी से 22 फरवरी 2025 को गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर में प्रस्तावित है जो कि राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी एवं गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा संयुक्त रूप आयोजित किया जा रहा है।

इस अवसर पर गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के कुलपति प्रो. एमएस चौहान ने बताया कि 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के 04 हजार से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। सम्मेलन में पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि में नवाचार, कृषि क्षेत्र में युवा पेशेवरों को बढ़ावा देने, डिजिटल एग्रीकल्चर, जलवायु परिवर्तन, स्मार्ट लाइवस्टॉक फार्मिंग जैसे विषय पर पैनल चर्चा की जाएगी। साथ ही विज्ञान में नई खोज के लिए गुणवत्तापरक शिक्षा, मधुमक्खी पालन की संभावनाएं, गरीबी और कुपोषण से मुक्ति के लिए नए उपाय जैसे विषयों पर सेमिनार का भी आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर एक कृषि प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी जिसमें देश विदेश के 200 से अधिक संस्थान भाग लेंगे।

इस मौके पर महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, पंतनगर विवि के निदेशक शोध प्रो. अजित सिंह, संयुक्त निदेशक डॉ अनिल कुमार मौजूद थे।

गंगा कॉरिडोर को विकसित करने को जनप्रतिनिधियों के सुझावों को करेंगे शामिल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने भेंट की। इस अवसर पर हरिद्वार ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर को आगामी 25 सालों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किए जाने पर चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा कॉरिडोर को विकसित करने के लिए जन प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल किया जाएगा। अभी जो कार्य प्रस्तावित किए जा रहे हैं इसमें कॉरिडोर के क्षेत्र में आने वाले भवनों को ध्वस्त नहीं किया जाएगा। सौंदर्यीकरण का कार्य बिना ध्वस्त किए किया जाएगा।पौराणिक स्थलों के स्वरूप को भी यथावत रखा जाएगा। गंगा कॉरिडोर के तहत हरिद्वार और ऋषिकेश में ओपन स्पेस विकसित किया जाएगा। इससे स्नान पर्वों पर भीड़ का दबाव भी काम होगा।

सीएम बोले, डिजिटल टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल कर यात्रा पंजीकरण की व्यवस्था करें मजबूत

बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के दृष्टिगत इनकी धारण क्षमता बढ़ाने की दिशा में प्रयास किये जाएं। उत्तराखण्ड की आगामी चारधाम यात्रा के सफल संचालन और सुगम बनाने के लिए अभी से पूरी तैयारियां की जाए। चारधाम यात्रा की सभी व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए यात्रा प्राधिकरण बनाने के लिए सभी प्रक्रियाएं 30 जनवरी, 2025 तक पूर्ण की जाएं। 15 जनवरी तक चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और हितधारकों के साथ बैठक कर उनके सुझाव लिए जाएं। तीर्थ पुरोहितों और स्टेक होल्डरों से सुझाव लेकर यात्रा प्रबंधन के लिए जो अच्छा हो सकता है, वह किया जाए। सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल करते हुए यात्रा पंजीकरण की व्यवस्था मजबूत की जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के इन चारों धामों की यात्रा राज्य के मान और सम्मान से जुड़ी यात्रा है। उन्होंने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत यात्रियों की हर प्रकार की सुविधा, यातायात प्रबंधन, अवस्थापना सुविधाओं के विकास के दृष्टिगत धामों की धारण क्षमता, यात्रा मार्गों पर विभिन्न व्यवस्थाओं और अन्य सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अभी से पूरी तैयारियां की जाए। गत वर्ष चारधाम यात्रा में अत्यधिक श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था।इसके बेहतर के लिए भी अभी से पूरी योजना बनाकर कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि चारधाम यात्रा मार्गों पर जिन स्थानों पर वाहनों को रोकने की व्यवस्था हो, उन स्थानों पर पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था के साथ ही होटल, पेयजल, शौचालय, स्वच्छता और अन्य सभी मूलभूत आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि चारों धामों के आस-पास के पौराणिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थलों पर यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार कार्य किए जाएं। शीतकालीन यात्रा के दौरान बेहतर व्यवस्थाएं बनने से चारधाम यात्रा के दौरान भी इससे व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित रहेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के इन चारों धामों के शीतकालीन प्रवास स्थलों के आस-पास के पौराणिक क्षेत्रों के विकास के साथ ही पंच बद्री और पंच केदार के महत्व के बारे में भी व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए और इनका सुनियोजित विकास भी किया जाए।

इस अवसर पर भारतीय प्रबंधन संस्थान रोहतक के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गत वर्षों में चारधाम यात्रा के दौरान आई प्रमुख कठिनाइयों और उनके समाधान के लिए क्या उपाय किये जा सकते हैं? चारधाम यात्रा के दौरान यातायात प्रबंधन और पंजीकरण व्यवस्था को मजबूत बनाने पर जानकारी दी।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिव कुर्वे, विशेष कार्याधिकारी पर्यटन विभाग भाष्कर खुल्बे, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी अंशुमन उपस्थित थे।

सीएम ने छह फॉरेंसिक वाहनों को किया फ्लैग आफ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह विभाग के अधीन 06 फॉरेंसिक लैब वाहनों का फ्लैग ऑफ किया। 65 लाख की लागत वाले प्रत्येक फॉरेंसिक लैब वाहन में ड्रग डिडक्शन किट, एक्सप्लोजिव किट, फिंगर प्रिंट किट, फुट प्रिंट किट, डीएनए किट, फ्रिज, जनरेटर, साइबर सुरक्षा से संबंधित सॉफ्टवेयर, वीडियो कैमरा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन फॉरेंसिक लैब वाहनों के माध्यम से किसी भी आपराधिक घटना की मौके पर ही प्राथमिक परीक्षण संभव हो जाएगा।

प्रथम चरण में ये फॉरेंसिक लैब वाहन देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल , उधमसिंहनगर , नैनीताल, अल्मोड़ा और श्रीनगर भेजे जा रहें। बाद मे सभी जनपदों के लिए यह व्यवस्था की जायेगी। इन वाहनों के लिए राज्य को केन्द्र सरकार से 3.92 करोड़ की धनराशि मिली है।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य, विधायक दिलीप रावत, सचिव गृह शैलेश बगौली, एडीजी और निदेशक फॉरेंसिक साइंस लैब अमित कुमार सिन्हा, संयुक्त निदेशक डॉ. एसके शर्मा, उप निदेशक डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ पान सिंह, विशेषज्ञ डॉ दयाल शरण, वैज्ञानिक डॉ मोनिका और डॉ राकेश कुमार शामिल थे।

10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 में मुख्यमंत्री ने दी जानकारी, बोले प्रथम योग नीति जल्द

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार देश की ’प्रथम योग नीति’ लागू करने की दिशा में कार्य कर रही है। योग नीति आयुर्वेद और योग को व्यापक स्तर पर साथ लाकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्रांति लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

परेड ग्राउंड में आयोजित 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ये हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमारे प्रदेश में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि और 6000 से अधिक विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। एक्सपो में लगाए गए 250 से अधिक स्टॉल आयुर्वेद की वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता का प्रमाण दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सम्मेलन आयुर्वेद के क्षेत्र में परस्पर ज्ञान साझा करने व विभिन्न शोध कार्यों को बढ़ावा देने के साथ-साथ सहयोग और व्यापार के नए अवसरों को बढ़ावा देगा। उन्होंने आयुष के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से राज्य सरकार भी प्रदेश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर कार्य कर रही है। वर्तमान में हमारे राज्य में आयुष आधारित 300 ’आयुष्मान आरोग्य केंद्रों’ का संचालन हो रहा है। ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से 70 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा आयुष परामर्श प्रदान किया जा रहा है। अब प्रत्येक जनपद में 50 बेड और 10 बेड वाले आयुष चिकित्सालयों की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा सरकार प्रत्येक जनपद के एक गांव को मॉडल आयुष गांव के रूप में स्थापित कर आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आयुष निर्माण, वेलनेस, शिक्षा, शोध और औषधीय पौधों के उत्पादन को गति प्रदान करने के लिए ’उत्तराखंड आयुष नीति’ लागू कर चुकी है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार आगामी वर्षों में आयुष टेली-कंसल्टेशन प्रारम्भ करने के साथ-साथ 50 नए योग और वेलनेस केंद्र स्थापित करने हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय से अनुरोध किया है, ये संस्थान आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों से आह्वान करते हुए कहा कि हमारी जड़ी-बूटियों के हिंदी नामों के साथ ही अंग्रेजी नामों को भी प्रचारित किया जाए। इससे स्थानीय जड़ी बूटियों की वैश्विक बाजार तक पहुंच आसान हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ में हम ’किलमोड़े’ को जानते है लेकिन उसके अंग्रेजी नाम ’बेरीबेरीज’ को अधिकतर लोग नहीं जानते हैं जबकि इस नाम को पूरा विश्व जानता है और इससे दवाएं बनती हैं। इसलिए अंग्रेजी नाम भी प्रचारित किया जाना चाहिए।

उत्तराखंड आयुर्वेद की प्रज्ञा भूमि
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड प्राचीनकाल से ही आयुर्वेद और औषधीय संपदा की प्रज्ञा भूमि रही है। हमारे प्रदेश में पाए जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों ने आयुर्वेद को आरोग्य के आधारभूत तत्व के रूप में स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विश्व की एक ऐसी विशिष्ट चिकित्सा प्रणाली है जो प्राचीनकाल से ही मानव सभ्यता का आरोग्य सुनिश्चित करती आ रही है। आयुर्वेद मात्र जड़ी-बूटियों और औषधियों तक ही सीमित नहीं है बल्कि आयुर्वेद जीवन जीने की एक विशिष्ट कला है। ये हमें सही जीवन शैली के बारे में बताता है, इसका उद्देश्य रोगों को ठीक करना ही नहीं है बल्कि इसका अंतिम लक्ष्य रोग को होने ही न देना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित ’राष्ट्रीय आयुष मिशन’ और ’प्रकृति परीक्षण अभियान’ जैसे विभिन्न कार्यक्रम आज शहरों से लेकर गांवों तक आरोग्य स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने एक्सपो का विधिवत शुभारंभ करने के बाद स्टॉल का भी निरीक्षण किया।

एक छत के नीचे मिलेगी आयुर्वेद की दवाएं
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस साल के दौरान आयुष के क्षेत्र में हुई पहलों से आयुष उत्पाद निर्माण में आठ गुना बढ़ोत्तरी हुई है। अब आयुष और हर्बल उत्पाद विश्व के 150 से अधिक देशों में निर्यात हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भी अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग उपकरणों के जैसी तकनीकी को अपना कर आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रताप राव जाधव ने कहा कि भारत में लोग सामान्य तौर पर आयुर्वेद से उपचार पसंद करते हैं, लेकिन गांव देहात में तक डॉक्टर एलोपैथिक दवाओं का ज्यादा परामर्श देते हैं। ऐसा शायद इसलिए होता है क्योंकि आयुर्वेद की एक तो दवा कम है, फिर सारे रोगों की सारी दवाएं एक ही जगह पर मिलनी तकरीबन मुश्किल होती हैं। इसलिए केंद्र सरकार सभी जिला, तहसील और गांव स्तर पर एक ही छत के नीचे आयुर्वेद की सभी दवाएं उपलब्ध कराने के लिए आयुष औषधि केंद्रों की स्थापना करने का प्रयास कर रही है। ऐसा पहला केंद्र दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में शुरू हो चुका है। देशभर में ऐसे केंद्र खुलने से आयुष चिकित्सक परामर्श में आसानी से दवा लिख सकेंगे। उन्होने कहा कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस नवीन विचारों, प्राचीन संस्कृति और नवाचारों का संगम साबित होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चार दिनों तक चलने वाले इस आयोजन के दौरान आस पास के हजारों लोग यहां स्टॉल का भ्रमण करेंगे। यह आयोजन व्यावसायिक अवसरों के लिए भी मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए ही केंद्र सरकार ने देशभर में 29 अक्तूबर से प्रकृति परीक्षण अभियान शुरू किया है, जिसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि विश्व आयुर्वेद सम्मेलन के आयोजन से आयुष पद्धति को वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने में मदद तो मितती ही है, साथ ही आयोजन वाले क्षेत्र के आस पास इस सेक्टर की ग्रोथ भी बढ़ती है। उन्होंने इस आयोजन के लिए उत्तराखंड का आदर्श राज्य बताते हुए कहा कि आयुर्वेद की पुस्तकों में वर्णित कई जड़ी बूटियां हिमालय में मिलती हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने भेजा संदेश
सम्मेलन में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर भेजे गए संदेश को पढ़ा। उद्घाटन सत्र को राष्ट्रीय आयोजन सचिव, विज्ञान भारती डॉ. शिव कुमार शर्मा, दसवें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के चेयरपर्सन वैद्य पीएम वॉरियर, उत्तराखंड शासन में सचिव आयुष रविनाथ रमन ने भी संबोधित किया।

इस मौके पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डा. प्रेमचंद अग्रवाल, डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, सविता कपूर, उमेश शर्मा काऊ, किशोर उपाध्याय, झांसी के सांसद अनुराग शर्मा, आचार्य बालकृष्ण प्रमुख तौर पर शामिल हुए।