माउंट एवरेस्ट विजय करने पर युवा पर्वतारोही रोहित भट्ट हुए सम्मानित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माउंट एवरेस्ट को विजय करने वाले युवा पर्वतारोही रोहित भट्ट को आज मुख्यमंत्री आवास में सम्मानित किया। इस अवसर पर रोहित भट्ट ने अपनी अब तक की विभिन्न पर्वतारोहण यात्राओं और अनुभवों को साझा किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्वतारोही रोहित भट्ट को एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक आरोहण की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रोहित भट्ट जैसे साहसी युवाओं पर उत्तराखंड को गर्व है। उन्होंने न केवल कठिन पर्वतीय चुनौती को पार किया है, बल्कि हर युवा के हृदय में आत्मविश्वास का भाव भी जगाया है।

उत्तराखंड में सामाजिक विकास के क्षेत्रों में कार्य के लिए किया गया समझौता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उपस्थिति में सचिवालय में तीन महत्वपूर्ण समझौते किये गये। उत्तराखंड सरकार, सेतु आयोग और टाटा ट्रस्ट ने सामाजिक विकास के क्षेत्रों में कार्य के लिए समझौता किया गया। उत्तराखंड को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत का प्रमुख कौशल केंद्र बनाने की दिशा में सेतु आयोग, उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग और नैस्कॉम/आईटी-आईटीईएस सेक्टर स्किल काउंसिल के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। राज्य को उभरती टेक्नोलॉजी और छात्रों के रोजगार परक व्यक्तित्व विकास के लिए कौशल विकास केंद्र बनाने के लिए भी सेतु आयोग, उच्च शिक्षा विभाग और वाधवानी फाउंडेशन के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

उत्तराखंड में सामाजिक और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए टाटा ट्रस्ट के साथ 10 साल के लिए किए गए समझौते के तहत जल प्रबंधन, पोषण, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण आजीविका और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम किया जाएगा।

उत्तराखंड को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रमुख कौशल केंद्र बनाने के लिए नैस्कॉम के साथ हुए समझौते के तहत राज्य के सभी सरकारी और निजी उच्च शिक्षण संस्थानों में कोर्सेस को शैक्षणिक क्रेडिट के साथ शामिल किया जाएगा और प्रत्येक जिले में एक मॉडल कॉलेज को ‘मेंटर संस्थान’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य राज्य के लगभग 1.5 लाख छात्रों को फ्यूचर स्किल्स प्राइम प्लेटफॉर्म के माध्यम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, पायथन, जनरेटिव जैसे क्षेत्रों में जानकारी और कौशल विकास करना है।

उत्तराखंड को उभरती टेक्नोलॉजी और छात्रों के रोजगार परक व्यक्तित्व विकास के लिए कौशल विकास केंद्र बनाने हेतु वाधवानी फाउंडेशन के साथ तीन वर्षों के लिए किये गये समझौते के तहत राज्य के सभी सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों में कोर्सेस को अगले सत्र से शैक्षणिक क्रेडिट के साथ शामिल किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य राज्य के लगभग 1.20 लाख छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित व्यक्तित्व विकास और स्वरोजगार सम्बंधित कौशल विकास में सहायता प्रदान करना है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सामाजिक विकास, राज्य को डिजिटल टैलेंट का केंद्र बनाने और एआई आधारित व्यक्तित्व विकास के आधुनिक कोर्स प्रारंभ करने के लिए आज हुए तीनों समझौते राज्य के लोगों के लिए अत्यधिक उपयोगी होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा समाज के अंतिम छोर के लोगों को ध्यान में रखते हुए योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। राज्य के समग्र विकास के लिए हर क्षेत्र और वर्ग के लोगों को साथ लेकर अनेक नई पहल की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये समझौते उत्तराखण्ड में आधुनिक कौशल से परिपूर्ण मानव संसाधन को तैयार करने और राज्य को आधुनिक एआई व साइबर सिक्योरिटी हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। एआई अधारित पाठ्यक्रम उत्तराखंड को युवा छात्रों को रोजगार परक कौशल बढ़ाने और 21वीं सदी के लिए सॉफ्ट स्किल विकास की दिशा में कारगर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने राज्य में किये गये इन तीन महत्वपूर्ण समझौतों के लिए टाटा ट्रस्ट, नैस्कॉम और वाधवानी फाउन्डेशन का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राज शेखर जोशी, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सीईओ सेतु आयोग शत्रुघ्न सिंह, टाटा ट्रस्ट के सीईओ सिद्धार्थ शर्मा, नैस्कॉम स्किल काउंसिल की सीईओ अभिलाषा गौड़, वाधवानी फाउन्डेशन के एक्जीक्यूटिव वीपी सुनील दहिया, उच्च शिक्षा सचिव रंजीत सिन्हा, सचिव राधिका झा, नितेश झा, चन्द्रेश यादव, वी षणमुगम, सी. रविशंकर उपस्थित थे।

हरेला जैसे पर्व प्रकृति से जुडने की हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच का ही परिणामः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति संकल्पबद्ध होकर कार्य करने का आह्वान किया है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति सामूहिक प्रयासों की जरूरत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें एकजुट होकर प्रकृति के संरक्षण की दिशा में भी चिन्तन करना होगा। पर्यावरण संरक्षण को जीवन से जुड़ा विषय बताते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण उत्तराखण्डवासियों के स्वभाव में है। हरेला जैसे पर्व प्रकृति से जुडने की हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच का ही परिणाम है। पर्यावरण संरक्षण में उत्तराखण्ड़वासियों की अग्रणी भूमिका रही है। प्रदेश सरकार समृद्ध जैव संसाधनों के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उत्तराखंड अपनी वन सम्पदा और नदियों के कारण पर्यावरण संरक्षण की मुहिम का ध्वजवाहक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी प्रयासों के साथ ही आम लोगों, जनप्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन चेतना जागृत करने और इसके संवर्द्धन में निरंतर सक्रिय योगदान करना होगा। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाने के साथ ही नदी और जल स्रोतों की साफ सफाई के लिए भी पूरा प्रयास जरूरी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्यावरण में हो रहे बदलावों, ग्लोबल वार्मिंग के साथ ही जल, जंगल, जमीन से जुड़े विषयों पर समेकित चिंतन की भी जरूरत बतायी है। सामाजिक चेतना तथा समेकित सामूहिक प्रयासों से ही हम इस समस्या के समाधान में सहयोगी बन सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में प्रदेशभर में संचालित पौधारोपण एवं स्वच्छता अभियान में सभी लोगों से बढ़चढ़ कर प्रतिभाग करने की अपील करते हुए एक पेड़ माँ के नाम अभियान को विशेष रूप से प्रोत्साहित करने और उत्तराखण्ड को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया है।

उत्तराखंड में शहरी स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने को सेतु आयोग ने सौंपी मुख्यमंत्री को रिपोर्ट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सचिवालय में सेतु आयोग ने नगर निकायों के सशक्तिकरण की दिशा में गहन विश्लेषण आधारित रिपोर्ट सौंपी। सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राज शेखर जोशी ने रिपोर्ट सौंपते हुए कहा कि नगर निगम और निकायों को स्वावलंबी और सशक्त बनाने, प्रदेश के शहरी विकास और नगरों की समस्याओं को सुधारने की दिशा में सुझाव दिये गये हैं। रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्तीय स्वायत्तता और राजस्व जुटाने की क्षमता बढ़ाना और भारतीय संविधान की 12वीं अनुसूची में शामिल 18 कार्यों (जैसे जल आपूर्ति, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शहरी नियोजन) को निकायों को हस्तांतरित करना है।

रिपोर्ट में तकनीकी नवाचार के लिए स्मार्ट गवर्नेंस, जीआईएस मैपिंग और डेटा-आधारित निर्णय लेने को बढ़ावा देना है। निकायों के कर्मचारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उड़ीसा आदि राज्यों में इस दिशा में किए गए सुधारों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई है। देश के सफल शहरी निकायों के मॉडलों को उत्तराखंड की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप प्रभावी रूप से ढ़ाले जाने के लिए भी सुझाव दिये गये हैं। रिपोर्ट में आपदा-रोधी योजना, भूस्खलन प्रबंध नियोजन में आम लोगों की राय को प्राथमिकता देने का भी जिक्र किया गया है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सेतु आयोग सीईओ शत्रुघ्न सिंह, सचिव शहरी विकास सचिव नितेश झा, राधिका झा, चंद्रेश यादव, सेतु आयोग से डॉ. भावना शिंदे, डॉ. प्रिया भारद्वाज, अंकित कुमार एवं शहजाद अहमद मलिक उपस्थित थे।

केंद्रीय मंत्री गडकरी व सीएम धामी ने ग्राफिक एरा के पीएचडी धारकों को प्रदान की डिग्रीयां

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के 12वें दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में किया प्रतिभाग।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के 12वें दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधियां और डिग्रियां प्रदान की गई। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी दीक्षांत समारोह में ‘‘डॉक्टरेट ऑफ साइंस’’ की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देहरादून में जाम की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव भेजे जाने पर सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा सकारात्मक कार्यवाही की जाएगी।

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन विद्यार्थियों के परिश्रम, समर्पण और संकल्प का प्रमाण है। यह डिग्री शैक्षणिक उपाधि के साथ एक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के पास विश्व में सबसे ज्यादा युवा, प्रतिभावान और कौशल से परिपूर्ण मानव संसाधन है। विदेशों में हमारी युवा प्रतिभाओं का बोलबाला है। यह प्रतिभाशाली युवा हमारे देश के लिए वेल्थ क्रिएटर भी हैं, लिहाजा हमारी धारणा नौकरी मांगने के बजाय नौकरी देने वाली होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को सपने देखने के साथ पूरा करने का साहस भी रखना होगा। लक्ष्य की प्राप्ति के लिए निरंतर जुटे रहना जरूरी है। उन्होंने कहा विश्वसनीयता, ईमानदारी, और अच्छा करने की चाहत ही आपको आगे ले जा सकती है। सीखने की चाहत अनवरत रूप से बढ़ती रहनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ब्रिज, टनल, सड़क, हाइवे जैसे निर्माण के क्षेत्र में बीते सालों में कई कीर्तिमान स्थापित किये गये हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार, निरंतर ग्रीन एनर्जी पर कार्य कर रही है। हाइड्रोजन गैस हमारे भविष्य का ईंधन है। ऑर्गेनिक म्युनिसिपल वेस्ट से हाइड्रोजन बनाने का कार्य किया जा रहा है, जो बहुत सस्ता विकल्प है। उन्होंने कहा वो स्वयं हाइड्रोजन गैस पर चलने वाली गाड़ी का इस्तेमाल करते है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत, युवाओं, शोधकताओं और स्टार्टअप का देश है। दुनिया की टॉप कंपनियों में भारतीय मूल के सीईओ हैं, यह भारत की शक्ति और प्रतिभा को दर्शाता है। उन्होंने कहा हमें डोमेस्टिक हैप्पीनेस इंडेक्स को बढ़ाने पर भी कार्य करना होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का स्वागत करते हुए उन्हें आधुनिक भारत का विश्वकर्मा बताया। उन्होंने कहा कि गडकरी के नेतृत्व में देशभर में तेजी से विश्वस्तरीय एक्सप्रेसवे, ग्रीन कॉरिडोर, लॉजिस्टिक हब और सड़कों का विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री ने युवाओं का आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग विकसित भारत के निर्माण में करें।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार उत्तराखंड को शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में भी अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित कर रही है। नई शिक्षा नीति को लागू कर प्रदेश के विश्वविद्यालय और शोध संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और बिग डेटा जैसे कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। देहरादून, हल्द्वानी, अल्मोड़ा में सांइस सेंटर का निर्माण कर साइंटिफिक रिसर्च को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार का विजन युवाओं को फ्यूचर-रेडी बनाना है। स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया है। जिसके फलस्वरूप इन 3 वर्षों में राज्य में 23 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, ग्राफिक एरा के अध्यक्ष प्रो. कमल घनशाला, कुलाधिपति एवं सदस्य नीति आयोग डॉ. वी के सारस्वत, कुलपति प्रो. नरपिंदर सिंह मौजूद रहे।

नगर निगम हरिद्वार भूमि घोटाला प्रकरण की होगी विजिलेंस जांच, सीएम धामी ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नगर निगम हरिद्वार में हुए जमीन घोटाले पर सख्त रुख अपनाते हुए, दो आईएएस, एक पीसीएस अधिकारी सहित सात अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं, इस मामले में तीन अधिकारी पूर्व में निलंबित हो चुके हैं, जबकि दो की पूर्व में सेवा समाप्त की जा चुकी है। इस तरह इस प्रकरण में अब तक 10 अधिकारी निलंबित किए जा चुके हैं।

हरिद्वार नगर निगम द्यारा ग्राम सराय में कूड़े के ढेर के पास स्थित अनुपयुक्त 2.3070 हैक्टेयर भूमि को करोड़ों रुपये में खरीदने पर सवाल उठने के बाद, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रकरण की जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद सचिव रणवीर सिंह चौहान ने मामले की प्रारंभिक जांच कर, रिपोर्ट 29 मई को ही शासन को सौंपी थी। इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिस पर कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने मंगलवार को सभी सात आरोपित अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, कार्मिक विभाग ने मंगलवार को हरिद्वार नगर निगम के तत्कालीन प्रशासक और मौजूदा डीएम कर्मेंद्र सिंह, तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण चौधरी, हरिद्वार के तत्कालीन एसडीएम अजयवीर सिंह, वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट, वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक विक्की, रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश कुमार, हरिद्वार तहसील के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कमलदास को निलंबित कर दिया है।

अब तक हुई कार्रवाई

कर्मेन्द्र सिंह – जिलाधिकारी और तत्कालीन प्रशासक नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
वरुण चौधरी – तत्कालीन नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
अजयवीर सिंह- तत्कालीन, उप जिलाधिकारी हरिद्वार (निलंबित)
निकिता बिष्ट – वरिष्ठ वित्त अधिकारी, नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
विक्की – वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक (निलंबित)
राजेश कुमार – रजिस्ट्रार कानूनगो, तहसील हरिद्वार (निलंबित)
कमलदास – मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, तहसील हरिद्वार (निलंबित)

पूर्व में हो चुकी कार्रवाई

रविंद्र कुमार दयाल- प्रभारी सहायक नगर आयुक्त (सेवा समाप्त)
आनंद सिंह मिश्रवाण- प्रभारी अधिशासी अभियंता (निलंबित)
लक्ष्मी कांत भट्ट्- कर एवं राजस्व अधीक्षक (निलंबित)
दिनेश चंद्र कांडपाल- अवर अभियंता (निलंबित)
वेदपाल- सम्पत्ति लिपिक (सेवा विस्तार समाप्त)

हमारी सरकार ने पहले ही दिन से स्पष्ट किया है कि लोकसेवा में “पद’ नहीं बल्कि ‘कर्तव्य’ और ‘जवाबदेही’ महत्वपूर्ण हैं। चाहे व्यक्ति कितना भी वरिष्ठ हो, अगर वह जनहित और नियमों की अवहेलना करेगा, तो कार्रवाई निश्चित है। हम उत्तराखंड में भ्रष्टाचार मुक्त नई कार्य संस्कृति विकसित करना चाहते हैं। सभी लोक सेवकों को इसके मानकों पर खरा उतरना होगा।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

गत 11 वर्ष भारत के आत्मगौरव, स्वाभिमान और राष्ट्रीयता की भावना के पुनर्जागरण का ऐतिहासिक कालः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने “मोदी सरकार के 11 वर्ष-संकल्प से सिद्धि तक” कार्यक्रम में आज मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आगामी 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के संकल्प के 11 स्वर्णिम वर्ष पूर्ण करने जा रहे हैं। 11 वर्षों का यह युग परिवर्तनकारी कालखंड भारत के आत्मगौरव, स्वाभिमान और राष्ट्रीयता की भावना के पुनर्जागरण का ऐतिहासिक काल रहा है जिसमें हमारा देश वैश्विक मंच पर एक सशक्त, सक्षम और समर्थ राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से प्रारंभ हुई ये यात्रा भारतीय जनमानस की आकांक्षाओं को यथार्थ में बदलने की यात्रा रही। इस यात्रा में प्रधानमंत्री ने ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’’ के मूल मंत्र के साथ राष्ट्रप्रथम की भावना को आत्मसात करते हुए राष्ट्र के नव निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। इन 11 वर्षों में प्रधानमंत्री जी ने शासन व्यवस्था को न केवल नई कार्य संस्कृति से समृद्ध किया, बल्कि नीतियों को निर्णायक बनाकर सही नीयत और नतीजों से विकास के नए आयाम स्थापित किए।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री की दूरगामी सोच और मजबूत नेतृत्व का ही परिणाम है कि आज भारत जी-20, क्वाड और ब्रिक्स जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है। 2014 से पूर्व भारत का कोई भी बड़ा शहर आतंकवाद के साए से सुरक्षित नहीं था, दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, पुणे, जयपुर सहित देश के हर कोने में लगातार आतंकी हमले किए जाते थे। परंतु आज दुश्मन देश के किसी भी आतंकी हमले का मुँहतोड़ जवाब दिया जाता है। जैसे उरी हमले का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक से दिया गया, पुलवामा के बाद एयर स्ट्राइक की गई और अब पहलगाम हमले के बाद ‘‘ऑपरेशन सिंदूर’’ के माध्यम से दुश्मन के दांत खट्टे किए द्य आज मोदी सरकार में न केवल भारत की सीमाएं सुरक्षित हुई है बल्कि रक्षा के क्षेत्र में भी देश आत्मनिर्भर बन रहा है। आज भारत 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी रक्षा संसाधनों का इस्तेमाल कर रहा है और 85 से अधिक देशों में रक्षा सामग्री का निर्यात भी कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी के लिए ये गर्व का विषय है कि आज भारत 4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की अर्थव्यवस्था बनकर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो चुका है। आज ‘‘वोकल फॉर लोकल’’, ‘‘मेक इन इंडिया’’, ‘‘स्किल इंडिया’’ और ‘‘स्टार्टअप इंडिया’’ जैसी पहलों के माध्यम से देश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। इतना ही नहीं, भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम वाला देश भी बन गया है। बीते 11 वर्षों में देश ने ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर रेवोल्यूशन’ का अभूतपूर्व दौर भी देखा है। आज भारत के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, हाईस्पीड ट्रेन नेटवर्क, मेट्रो रेल नेटवर्क, विश्वस्तरीय एक्सप्रेसवे और रोड नेटवर्क को देखकर दुनिया का प्रत्येक देश चकित है। इन 11 वर्षों में मोदी के मजबूत नेतृत्व में जहां कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति, अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण, ट्रिपल तलाक जैसी कुप्रथा का अंत, नागरिकता संशोधन कानून और वफ़्क़ संशोधन अधिनियम जैसे कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। वहीं जीएसटी का क्रियान्वयन, नए संसद भवन का निर्माण कर सेंगोल की स्थापना, भारत मंडपम और प्रधानमंत्री संग्रहालय का निर्माण, नारी शक्ति वंदन अधिनियम व भारतीय न्याय संहिता लागू करने जैसे कई ऐतिहासिक कार्य भी किए गए। आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश के अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति के कल्याण के लिए शुरू की गई जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और मुफ्त राशन योजना जैसी अनेकों जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ देश के करोड़ों नागरिकों को मिल रहा है। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में बीते 11 वर्षों में भारत ने कोरोना वैक्सीन के निर्माण सहित चंद्रयान-3, आदित्य स्1, गगनयान मिशन जैसी अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भी नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज उत्तराखंड में भी विकास की गंगा बह रही है। दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड, ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, केदारनाथ-बद्रीनाथ मास्टर प्लान और भारतमाला- पर्वतमाला जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं इसके कुछ उदाहरण हैं।

इस वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, संगठन महामंत्री अजेय कुमार सभी सांसद, विधायक, समस्त महापौरगण, जिला पंचायत अध्यक्ष तथा सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

शहीद सैनिकों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि अब होगी 50 लाख, शासनादेश जारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कारगिल विजय दिवस के अवसर पर प्रदेश में शहीद सैनिकों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किये जाने की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुपालन से संबंधित शासनादेश सोमवार को जारी कर दिया गया है। सैनिक कल्याण अनुभाग के स्तर से जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के क्रम में यह धनराशि शहीद आश्रितों को 26 जुलाई, 2024 से अनुमन्य की जायेगी। इस प्रकार प्रदेश में अब शहीद सैनिकों के आश्रितों को 50 लाख की अनुग्रह राशि अनुमन्य होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीर भूमि भी है। हमारे वीर जवानों ने देश की सीमाओं की सुरक्षा में अपने अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सैनिकों के हित में भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं। वन रैंक-वन पेंशन, नेशनल वॉर मेमोरियल का निर्माण, रक्षा बजट में वृद्धि के साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है। शहीदों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए किया गया है। सेना में परमवीर चक्र से लेकर मेन्सन इन डिस्पैच तक सभी वीरता पुरस्कारों से अंलकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी राशि में भी वृद्धि की गई है। बलिदानियों के परिवार के एक सदस्य को राज्य की सरकारी नौकरी में समायोजित करने का भी निर्णय लिया गया है।

विकसित उत्तराखण्ड बनाने को समाज के अन्तिम छोर के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ना होगाः धामी

2047 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने की दिशा में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जाएं। विकसित उत्तराखण्ड के लिए ग्राम स्तर से जनपद स्तर तक 2047 तक कैसा स्वरूप होगा, इस दिशा में जिलाधिकारियों द्वारा कार्य किये जाएं। समाज के अन्तिम छोर के लोगों तक पहुंचकर उन्हें जन कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के साथ ही उनको मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में कार्य किये जाएं। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअल बैठक के दौरान सभी जिलाधिकारियों को दिये।

प्रत्येक जनपद में जनहित में 5-5 नवाचारों पर करें कार्य

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने जनपदों में जनहित से जुड़े 5-5 बैस्ट प्रैक्टिस और नवाचारों पर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में सबसे पहले टीबी मुक्त होने वाले तीन जनपदों को पुरस्कृत किया जायेगा। सभी जिलाधिकारियों को नियमित स्वच्छता अभियान चलाने के साथ ही 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस से 25 जुलाई तक जनपदों में बृहद स्तर पर पौधारोपण अभियान चलाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। एक पेड़ माँ के नाम अभियान को विशेष रूप से प्रोत्साहित करने के साथ ही प्लास्टिक मुक्त उत्तराखण्ड के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। जलस्रोतों के संरक्षण और अमृत सरोवरों की कार्यप्रगति की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और प्रत्येक जनपद में इसके लिए नोडल अधिकारी बनाये जाएं।

मानसून सीजन के ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग द्वारा मानसून अवधि में राज्य में औसत से अधिक बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसको ध्यान में रखते हुए पूरी तैयारी की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि मानसून शुरू होने से पहले नालों की सफाई हो जाए। मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए पेयजल, विद्युत, सड़कों की सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पानी की टंकिया स्वच्छ रखी जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू, मलेरिया और कोरोना से बचाव के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। अस्पतालों में सभी आवश्यक व्यवस्थाओं का परीक्षण किया जाए। सभी जिलों में आपदा प्रबंधन तंत्र को अलर्ट मोड में रखा जाए। टोल-फ्री नंबरों को सभी जिलों एवं तहसीलों में सक्रिय किया जाए। जिससे नागरिक आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा रूट पर विशेष सतर्कता एवं सक्रियता बरती जाए। यातायात, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाए।

सड़कों के किनारे अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए सभी जिलों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाए। व्यापक स्तर पर योग शिविरों का आयोजन किया जाए। 15 जून को होने वाले कैंची धाम स्थापना दिवस के अवसर पर ट्रैफिक प्रबंधन के लिए यातायात व्यवस्था के साथ ही आवश्यकतानुसार अस्थायी पार्किंग स्थलों की व्यवस्था की जाए। वैरिफिकेशन ड्राइव को और अधिक प्रभावी एवं तेज गति से संचालित किया जाए। अवैध रूप से बनाये गये आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड और अन्य दस्तावेजों के विरूद्ध सख्त अभियान निरंतर जारी रखा जाए। सड़कों के किनारे अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। सरकारी कार्यालय में 1064 हेल्पलाइन से संबंधित बोर्ड एवं बैनर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किये जाए और भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के लिए लोगों को जागरूक किया जाए।

स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही एक जनपद दो उत्पाद पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाए। एक जनपद दो उत्पाद पर विशेष ध्यान दिया जाए। सरकारी कार्यक्रमों में स्थानीय उत्पादों का उपयोग किया जाए, इसका पूर्णतः पालन किया जाए। जिलाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री घोषणाओं की नियमित समीक्षा की जाए। सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों में लैण्ड बैंक की स्थिति पर विशेष ध्यान दें। वर्षा जल संचय की दिशा में और प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि प्रबंधन के लिए भी हर प्रकार से सुरक्षात्मक उपाय किए जाएं।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, वर्चुअल माध्यम से कुमांऊँ कमिश्नर दीपक रावत एवं सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

देवभूमि का जो मूल अस्तित्व है, वह बचा रहना चाहिएः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार पहुँचकर वात्सल्य गंगा आश्रय का लोकार्पण किया तथा श्री कृष्ण कथा में प्रतिभाग करते हुए साधु संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर उन्होंने माँ गंगा की आराधना कर समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की भी प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साध्वी ऋतम्भरा द्वारा जो प्रकल्प चलाए जा रहे हैं, उनके बारे में जितना कहा जाए उतना ही कम है। उनके नेतृत्व में निराश्रित बेटियों को नव जीवन देने का जो दिव्य कार्य हो रहा है, वह समाज में आशा, करुणा और पुनर्निर्माण का सशक्त प्रतीक है। उनके संकल्प से अनेक बेटियों का जीवन सकारात्मक दिशा में परिवर्तित हुआ है। यह वास्तव में समाज सेवा की प्रेरणादायी मिसाल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से देवभूमि उत्तराखंड में अनेक प्रकार के विकास कार्य हो रहे हैं जिसमें समान नागरिक संहिता प्रमुख है, देवभूमि उत्तराखण्ड से जैसे मां गंगा निकलती है और यहां से निकलकर पूरे देश को जल और जीवन देने का काम करती हैं इस प्रकार समान नागरिक संहिता की यह गंगोत्री उत्तराखंड से निकली है और आगे आने वाले समय में पूरे देश को इसका लाभ मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में धार्मिक पुनरुत्थान का महापर्व चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भव्य और दिव्य केदार का निर्माण हुआ है। हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर का कार्य किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि अभी चार धाम यात्रा चल रही है, चार धाम यात्रा का इस वर्ष अभी तक लगभग 18 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए हैं। बहुत अच्छी तरीके से यात्रा चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली -देहरादून एलिवेटेड रोड का निर्माण पूरा होने वाला है । यह काम पूरा होते ही यह दूरी लगभग दो से ढाई घंटे में पूरी हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए उत्तराखंड सरकार कृत संकल्पित है। प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी विकृत मानसिकताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि का जो मूल अस्तित्व है, वह बचा रहना चाहिए।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश में सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं, यह दिल्ली के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है और धामी जी पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि जो भी अच्छी योजनाएं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लायेंगे वह दिल्ली में भी जायेंगी। उन्होंने कहा कि मां यमुना स्वच्छ हो, मां गंगा जी के चरणों में आकर अपने इस प्रण को पुनः दोहराया।

इस दौरान साध्वी ऋतम्भरा, परमानन्द गिरी महाराज, आचार्य बाल कृष्ण, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त रविन्द्रपुरी जी महाराज,महानिर्वाणी पीठ के आचार्य महामंडलेश्वर विशोखानंद ,महामंडलेश्वर संतोषी माता,महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज, साध्वी मैत्रीगिरी, विधायक मदन कौशिक, विधायक आदेश चौहान, विधायक प्रदीप बत्रा, मेयर किरन जेसल, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह, नगर आयुक्त नन्दन सिंह, अपर जिलाधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी, दर्जा राज्यमंत्री देशराज कर्णवाल, डॉ.जयपाल सिंह चौहान, ओमप्रकाश जमदग्नि, शौभाराम प्रजापति सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।