संवेदनशील क्षेत्रों में सीएम ने दिए निर्माण रोकने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च स्तरीय बैठक के दौरान राज्य में आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन, हिमस्खलन तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों को तत्काल चिन्हित किया जाए, ताकि संभावित खतरे से पहले ही सतर्कता बरती जा सके। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन चिन्हित संवेदनशील स्थलों पर किसी भी प्रकार की नई बसावट या नए निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्राकृतिक जल स्रोतों और नदियों और नालों के किनारों पर किसी भी प्रकार का सरकारी या निजी निर्माण कार्य प्रतिबंधित रहेगा। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं तथा इनके क्रियान्वयन की नियमित निगरानी की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से बचाव के लिए रोकथाम के उपायों को प्राथमिकता दी जाए और संवेदनशील क्षेत्रों में जनहित को ध्यान में रखते हुए ठोस एवं प्रभावी कदम उठाए जाएं।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और अपर सचिव बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

धराली आपदा में ध्वस्त हुए कल्प केदार देवता के मंदिर का पुनः निर्माण किया जाएगाः सीएम

सीएम धामी ने जिलाधिकारी सहित संबंधित विभागों के सचिवों को धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए निजी और सार्वजनिक संपत्ति के आकलन को 7 दिन की टाइमलाइन में तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में आठ संबंधित विभागों द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट दे दी गई है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को यह आकलन तैयार होते ही भारत सरकार को भेजने की निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएम ने धराली सहित राज्य के सभी आपदाग्रस्त क्षेत्रों हेतु सरकार की ओर से दी जा रही तात्कालिक सहायता वितरण कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि यह सहायता राशि तात्कालिक रूप से प्रभावितों को प्रदान की जा रही है, इस संबंध में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता ना फैलाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि धराली आपदा में ध्वस्त हुए कल्प केदार देवता के मंदिर का निर्माण भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि धराली के लोग हमारे अपने लोग हैं, उनका बेहतरीन विस्थापन किया जाएगा, इस सम्बन्ध में कोई कमी नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने राहत – बचाव कार्यों में लगी सरकारी मशीनरी का उत्साहवर्धन करने की अपील की, उन्होंने इसमें जन सहयोग की भी अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में सभी को भ्रामक एवं नकारात्मक प्रचार से बचना चाहिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को आपदा कंट्रोल रूम, आई०टी० पार्क, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून में आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली- हर्षिल आपदाग्रस्त क्षेत्र में हर्षिल तक सड़क मार्ग को युद्धस्तर पर कार्य करते हुए मंगलवार तक सुचारु करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग सहित संबंधित एजेंसियो ने जानकारी दी है कि आज शाम लिमचीगाड़ ब्रिज संचालित होते ही, हर्षिल तक की रोड कनेक्टिविटी 2 दिन के भीतर आरंभ कर दी जाएगी। सड़क के जल्द से जल्द निर्माण हेतु सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई है।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को धराली आपदा में 108 बेघर हुए परिवारों से निरंतर सम्पर्क एवं संवाद बनाते हुए तात्कालिक रूप से उनके रहने, भोजन दवाइयों एवं आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बेहतरीन व्यवस्थाए करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि धराली आपदा ग्रस्त क्षेत्र के चौनेलाइजेशन के लिए सोमवार की सुबह ही आईआईटी रुड़की, सी एस आर ई एवं अन्य विशेषज्ञ एजेंसीयों के जियोलॉजिस्ट की एक टीम तत्काल रवाना की जाए।

आज की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से ग्राम प्रधान सहित धराली के आपदा प्रभावितों से बात की। धराली ग्राम प्रधान तथा अन्य ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्वयं तीन दिन तक धराली में उनके साथ बने रहने, उनका हौसला बनाए रखने, आपदा आकलन हेतु तत्काल त्रिस्तरीय समिति बनाने, मुआवजा वितरण की प्रक्रिया तुरंत आरंभ करने एवं प्रशासन द्वारा प्रभावी राहत एवं बचाव कार्यों के लिए आभार व्यक्त किया।

धराली व पौड़ी आपदा के राहत एवं बचाव कार्यों में निरंतर लगे सभी सरकारी अधिकारियों एवं कार्मिकों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि रक्षाबंधन पर्व के दौरान भी अपने घरों से दूर रहते हुए धराली एवं अन्य आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में निरंतर पूरे मनोयोग से कार्य करते हुए सभी अधिकारियों एवं कार्मिक, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, विभिन्न एजेंसियों एवं सेना के जवानों ने जो हिम्मत दिखाई है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी पौड़ी से भी आपदा रावत बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की। डीएम पौड़ी स्वाति भदौरिया ने बताया कि पौड़ी के 338 गांव आपदा प्रभावित है। आपदा प्रभावित सैंजी गांव के क्षतिग्रस्त घरों का आकलन कर दिया गया है। अभी तक प्रभावितों को 50.86 लाख रुपए का मुआवजा वितरण कर दिया गया है। जनपद में राहत कार्य मिशन मोड पर संचालित किया जा रहे हैं।

बैठक में मुख्य सचिव आनंद वर्धन, डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु सहित सभी संबंधित विभागों के सचिव, अपर सचिव, वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी उत्तरकाशी तथा पौड़ी तथा धराली के ग्राम प्रधान तथा अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।

सीएम ने कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा भेजी गई आपदा राहत सामग्री को किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा धराली में राहत एवं पुनर्वास के लिए भेजी जा रही आपदा राहत सामग्री को रवाना किया।

कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा सी.एस.आर के अंतर्गत 10 से 12 दिनों तक के लिए पर्याप्त कच्चा राशन-आटा, चावल, दालें, मसाले, खाद्य तेल-सहित दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुएँ जैसे टूथपेस्ट, नहाने एवं कपड़े धोने का साबुन, आदि सम्मिलित हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोटक महिंद्रा बैंक का आभार जताते हुए कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों की हर संभव सहायता के लिए प्रतिबद्ध है और राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा इस दुख की घड़ी में पूरा राज्य आपदा प्रभावितों के साथ खड़ा है।

इस अवसर पर अपर सचिव मनमोहन मेंनाली, महिंद्रा बैंक के सर्किल हेड शोभित अग्रवाल, एरिया हेड अनुज कपूर, रजत जैन कोटक, महिंद्रा बैंक के इंप्लीमेंट पार्टनर सेवा इंटरनेशनल के पदाधिकारी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

राखी, राहत और रिश्ता, आपदा के बीच मानवीय संवेदनाओं का मार्मिक दृश्य

उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों का निरीक्षण कर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने शुक्रवार को एक अत्यंत भावुक कर देने वाला दृश्य सामने आया, जिसने वहां उपस्थित सभी लोगों की आंखें नम कर दीं।

गुजरात के अहमदाबाद स्थित ईशनपुर निवासी धनगौरी बरौलिया अपने परिवार के साथ गंगोत्री दर्शन के लिए उत्तराखंड आई थीं। 5 अगस्त को आई भीषण आपदा के कारण वे धराली में अपने परिवार सहित फंस गईं। मार्ग अवरुद्ध होने और लगातार मलबा व तेज बहाव के कारण स्थिति अत्यंत चुनौतीपूर्ण हो गई थी।

प्रदेश सरकार के निर्देशों पर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित राहत व बचाव कार्य प्रारंभ किए गए। मुख्यमंत्री स्वयं तीन दिनों से लगातार क्षेत्र में मौजूद रहकर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। रेस्क्यू टीमों के अथक प्रयासों से श्रीमती बरौलिया और उनके परिवार को सुरक्षित निकाला गया।

रक्षाबंधन से पहले दिन जब मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्र में मौजूद थे, तब श्रीमती बरौलिया ने भावुक होकर अपने दुपट्टे का एक टुकड़ा फाड़कर उसे राखी के रूप में मुख्यमंत्री श्री धामी को बांधा। यह दृश्य वहां उपस्थित सभी लोगों को गहराई से छू गया।

मुख्यमंत्री ने भी इस भावनात्मक क्षण को विनम्रता से स्वीकार करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार आपदा की इस घड़ी में हर प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

धराली जैसे दुर्गम क्षेत्र में मानवीय संवेदनाओं का यह दृश्य विपदा के बीच आशा, विश्वास और सामाजिक एकजुटता की मिसाल बना।

सीएम की निगरानी में किया जा रहा धराली क्षेत्र में राहत और बचाव अभियान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी और निर्देशन में आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र में राहत और बचाव अभियान युद्धस्तर पर जारी है।

मुख्यमंत्री तीन दिन से उत्तरकाशी में ही प्रवास कर स्वयं रेस्क्यू अभियान की कमान संभाले हुए हैं। मुख्यमंत्री ने आज सुबह जिला मुख्यालय उत्तरकाशी के निकटवर्ती मातली हेलीपैड में जाकर रेस्क्यू अभियान को लेकर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए और हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री की खेप रवाना करवाई। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार आपदा प्रभावित क्षेत्र में फंसे लोगों को निकालने के लिए मातली हेलीपैड से सुबह सात बजे से हेलिकॉप्टर्स की आवाजाही का सिलसिला शुरू हुआ। दोपहर तक 128 लोगों को हर्षिल से हेलीकॉप्टर के जरिए मातली हेलीपैड पहुंचाया जा चुका है। मुख्यमंत्री रेस्क्यू अभियान का जायजा लेने के लिये आज फिर से धराली क्षेत्र के भ्रमण पर रवाना हुए हैं।

आपदाग्रस्त धराली क्षेत्र में प्रभावितों को राहत पहुंचाने और लापता लोगों की खोजबीन का अभियान युद्धस्तर पर जारी है।

बुनियादी सुविधाओं तथा संचार व्यवस्था की बहाली के लिए विभिन्न एजेंसियां निरंतर जुटी हुई हैं। हर्षिल बगोरी में मोबाइल सेवा बहाल कर दी गई है।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं को युद्धस्तर पर अभियान चलाकर करें बहालः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार देर रात्रि आपदा कंट्रोल रूम उत्तरकाशी पहुंचकर जनपद में चल रहे आपदा राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने आपदा कंट्रोल रूम से वीसी के माध्यम से मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च-स्तरीय बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने हर्षिल धराली में बादल फटने से आयी प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे राहत अभियानों की जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राहत सामग्री और बचाव दल की प्रभावित क्षेत्रों में उपलब्धता सुनिश्चित रखी जाए। उन्होंने बादल फटने, भूस्खलन और भारी बारिश के कारण प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने और उनके लिए भोजन, पानी और चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्र में कनेक्टिविटी को सुचारू करने के लिए जल्द से जल्द विसेट और जेनसेट को धराली हर्षिल क्षेत्र पहुंचाने के निर्देश दिये।

बैठक में मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को आपदा प्रबंधन की तैयारियों और अब तक किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस, आईटीबीपी, पुलिस सहित सभी संबंधित एजेंसियों की टीमें प्रभावित क्षेत्र में तैनात हैं और लगातार राहत कार्यों में लगी हुई हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ऐसी आपदा से निपटने के लिए एक मजबूत कार्ययोजना बनाने के लिए भी कहा, जिसमें पूर्वानुमान प्रणाली और संचार नेटवर्क को और बेहतर बनाने पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी विभाग एक-दूसरे के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करें ताकि राहत कार्यों में किसी भी तरह की देरी न हो।

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्र से हेलीकॉप्टर के माध्यम से मातली एवं देहरादून लाए जा रहे लोगों को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

’मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा लगातार आपदा की स्थिति की जानकारी ली जा रही है तथा आपदा की इस स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता दिए जाने का आश्वाशन दिया है।’

मुख्यमंत्री ने प्राथमिकता के आधार पर रोड कनेक्टीविटी को बहाल करने तथा धराली हर्षिल क्षेत्र में मूलभूत सुविधा विद्युत, जल, संचार सेवाओं की बहाली को लेकर संबंधित अधिकारियों को युद्धस्तर पर अभियान चलाकर जल्द से जल्द सुचारू करने के निर्देश दिए हैं।

उत्तरकाशी में सीएम ने देर शाम की ने धराली-हर्षिल में गतिमान राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली-हर्षिल में गतिमान राहत एवं बचाव कार्यों की देर शाम को स्मार्ट कंट्रोल रूम उत्तरकाशी में समीक्षा की।

समीक्षा के दौरान अन्य जनपदों के जिलाधिकारी एवं शासन के उच्च अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे।

मुख्यमंत्री ने आज हर्षिल एवं धराली क्षेत्र का दौरा किया और प्रभावित परिवारों से मिले। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों को हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने धराली में बादल फटने से हुए नुकसान का जायजा लेते हुए राहत एवं बचाव कार्यों को तीव्र गति के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए।

प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण के उपरांत मुख्यमंत्री ने आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर सभी जनपदों की आपदा तैयारियों की स्थिति की भी जानकारी ली और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य सर्वाेच्च प्राथमिकता पर किए जाए तथा प्रभावितों को भोजन,पेयजल,चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सामग्री शीघ्र उपलब्ध कराई जाए। राहत शिविरों में रहने वाले लोगों को साफ-सफाई, शौचालय, स्वास्थ्य सेवाएं और आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने अवरुद्ध सड़क मार्ग को यथाशीघ्र खोलने के निर्देश देते हुए कहा कि राहत सामग्री और बचाव दलों की निर्बाध पहुंच सुनिश्चित की जाए।

जहां तक सड़क मार्ग अवरुद्ध हैं,वहां हेलीकॉप्टर के माध्यम से पहुंच बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को पर्याप्त दवाइयों और चिकित्सा टीमों की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क जैसी आवश्यक सेवाओं को तत्काल बहाल करने के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए।

’मुख्यमंत्री ने इस आपदा की घड़ी में केंद्र सरकार से मिल रहे सहयोग के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री श्री अमित शाह का विशेष रूप से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा समय पर दी गई सहायता से राहत कार्यों में तेजी लाई जा सकी है।’

बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा सहित सभी जनपदों के जिलाधिकारी,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,बीआरओ, सेना स्वास्थ्य,आपदा प्रबंधन,लोक निर्माण,ऊर्जा,जल संस्थान और संचार विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

मौसम की चुनौतियों के बावजूद सीएम धामी पहुंचे ग्राउंड जीरो पर, धराली आपदा प्रभावितों से की मुलाकात

मौसम की तमाम चुनौतियों तथा विषम परिस्थितियों की परवाह न करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज धराली में ग्राउंड जीरो पर पहुंचे और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर, हर संभव सहायता का भरोसा दिलाते हुए, राहत कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने मौके पर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे कर्मियों से भी भेंट की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत सामग्री समयबद्ध तरीके से प्रभावितों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों को गति देने के उद्देश्य से दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से आवश्यक खाद्य और राहत सामग्री धराली क्षेत्र में पहुंचाई गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति तक राहत पहुंचाते हुए, सामान्य स्थिति बहाल करना है।

आपदा ग्रस्त धराली (उत्तरकाशी) में राहत एवं बचाव अभियान में केंद्र के साथ ही राज्य की एजेंसियां भी युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मौसम की चुनौतियों के बावजूद, आपदा ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की है। आज हेलीकॉप्टर की 07 सार्टी हुईं। सबसे पहली सार्टी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे और प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनका हाल जाना। घटना के बाद बुधवार को ग्राउंड जीरो पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति थे। मुख्यमंत्री के ग्राउंड जीरो पर पहुंचते ही प्रभावितों का दर्द और आंसू छलक उठे। कई लोग मुख्यमंत्री से लिपटकर रोने लगे। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं और राज्य सरकार के स्तर पर राहत व बचाव कार्यों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में पूरी राज्य सरकार धराली के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है। युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य संचालित किए जा रहे हैं। सभी महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारियों को 24ग7 मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में शासन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की जा रही है। हर एक व्यक्ति की जान कीमती है और इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज प्रातः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर धराली क्षेत्र में हुई प्राकृतिक आपदा और इसके बाद चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार राहत और बचाव कार्यों में पूरी तत्परता के साथ जुटी हुई है। लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयां आ रही हैं, लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता मिल सके। प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

यूकाडा के हेलीकॉप्टर निभा रहे महत्वपूर्ण भूमिका, रेस्क्यू टीमें पहुंची धराली
देहरादून। इस पूरे रेस्क्यू अभियान में यूकाडा के हेलीकॉप्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मौसम की चुनौतियों के बीच बुधवार को यूकाडा के हेलीकॉप्टरों की कुल 07 सार्टी हुईं। इनमें से पहली सार्टी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे। दूसरी सार्टी के जरिये जिलाधिकारी उत्तरकाशी तथा एसपी उत्तरकाशी घटनास्थल पर पहुंचे। वहीं अन्य सार्टी में जिला प्रशासन की टीम, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के कुल 22 लोग ग्राउंड जीरो पर पहुंचे। एनडीआरएफ के 28 जवान भी 02 सेटेलाइट फोन के साथ यूकाडा के हेलीकॉप्टरों के जरिये धराली पहुंच चुके हैं। वहीं यूकाडा के हेलीकॉप्टरों ने सेना के ले. कर्नल समेत 10 जवानों का धराली से रेस्क्यू किया है। सेना के 02 घायलों को हेलीकॉप्टर से हायर सेंटर भेजा गया है, दो अन्य को सड़क मार्ग से एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस से एम्स ऋषिकेश भेजा जा रहा है। शेष अन्य का उपचार मातली तथा जिला चिकित्सालय में किया जा रहा है। साथ ही 03 अन्य नागरिकों का रेस्क्यू किया गया। इन्हें उपचार के लिए जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में भर्ती कराया गया है।

मार्ग खोलने के लिए युद्धस्तर पर किए जा रहे प्रयास-सुधांशु
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र उत्तरकाशी से राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में उपस्थित शासन के वरिष्ठ अधिकारी गणों के साथ राहत और बचाव कार्यों को लेकर विस्तार से चर्चा की तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

प्रभारी मुख्य सचिव आरके सुधांशु ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को किए जा रहे रेस्क्यू अभियान के साथ ही मौके पर भेजे जा रहे मानव संसाधन तथा उपकरणों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मार्ग बंद होने के कारण बचाव दल अलग-अलग स्थानों पर फंसे हैं। मार्ग खोलने के लिए बीआरओ तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मौसम खराब होने की वजह से हवाई रेस्क्यू में बाधा उत्पन्न हो रही है, मौसम साफ होते ही हेली सेवाओं द्वारा बचाव दलों के साथ ही मलबा हटाने के लिए भारी मशीनरी को एयर ड्रॉप किया जाएगा। बुधवार शाम को भी आरके सुधांशु राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली। सचिव शैलेश बगौली राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में आज सुबह से ही उपस्थित हैं और राहत और बचाव कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष, राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग विनय कुमार रुहेला, सचिव शैलेश बगोली, डीजीपी दीपम सेठ, जीओसी उत्तराखण्ड सब एरिया मेजर जनरल एमपीएस गिल, एडीजी एपी अंशुमन, प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, सचिव नितेश कुमार झा, सचिव डॉ. आर राजेश कुमार, सचिव चंद्रेश यादव, सचिन कुर्वे, आईजी फायर मुख्तार मोहसिन, एसीईओ प्रशासन आनंद स्वरूप, एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, जेसीईओ मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।

02 लोगों के शव बरामद, 15 के लापता होने की सूचना
देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि धराली आपदा में लगभग 15 लोगों के लापता होने की सूचना प्राप्त हुई है। दो लोगों के शव बरामद हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशन में युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य संचालित किए जा रहे हैं। सड़कों को खोलने के लिए लगातार मौके पर टीमें कार्य कर रही हैं। खराब मौसम के कारण राहत और बचाव कार्य संचालित करने के साथ ही बचाव दलों तथा उपकरणों को आवश्यक स्थानों तक पहुंचाने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद धराली में वहां पर मौजूद बचाव दलों द्वारा राहत और बचाव कार्य मंगलवार को ही प्रारंभ कर दिए गए थे।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में बनी रेस्क्यू अभियान की रणनीति
देहरादून। प्रभारी मुख्य सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, डीजीपी दीपम सेठ, जीओसी सब एरिया मेजर जनरल एमपीएस गिल, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन के साथ ही विभिन्न विभागों के सचिव तथा वरिष्ठ अधिकारीगण प्रातः साढ़े आठ बजे राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्यों के संचालन को लेकर रणनीति बनाई। सड़कों को खोलने के लिए बीआरओ तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा करते हुए सभी विकल्पों पर विचार किया गया। खराब मौसम के बीच हेली सेवाओं का उपयोग किस प्रकार किया जाए, किन हेलीपैडो का उपयोग किया जाए, मार्ग बाधित होने के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बीच उपकरणों को किस प्रकार ग्राउंड जीरो पर भेजा जाए, विभिन्न स्थानों पर फंसी रेस्क्यू टीमों को किस प्रकार आगे बढ़ाया जाए, इस पर मंथन किया गया। मौसम विभाग से आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति को लेकर भी जानकारी ली गई।

चिनूक पहुंचा जौलीग्रांट, बड़ी संख्या में हेलीकॉप्टर तैयार
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्र सरकार के स्तर पर हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है। वे लगातार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से रेस्क्यू अभियान की अपडेट ले रहे हैं। भारत सरकार द्वारा त्वरित गति से वायु सहायता उपलब्ध कराई गई है। 02 चिनूक हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट पहुंच चुके हैं। इसमें एनडीआरएफ के 50 जवानों तथा उनके उपकरणों को ग्राउंड जीरो के लिए भेजे जाने की कार्यवाही की जा रही है। एक एमआई 17 खराब मौसम के कारण जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लैंड नहीं कर पाया और उसे वापस सरसावा बेस लौटना पड़ा। मौसम साफ होते ही एमआई 17 के पुनः लैंडिंग के प्रयास किए जाएंगे। वहीं 115 स्पेशल फोर्सेज के साथ सेना के 05 एएन-32 हेलीकॉप्टर जौलीग्रांट पहुंच चुके हैं।

युद्धस्तर पर कार्य कर रहे राहत और बचाव दल
देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राहत और बचाव दल युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान में डटे हैं। मार्ग बंद होने के कारण विभिन्न बचाव दल विभिन्न स्थानों में फंसे हैं। बंद सड़कों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। मार्ग खुलते ही सभी दल ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान प्रारंभ करेंगे। भटवाड़ी में बंद सड़क को खोलने की कार्यवाही गतिमान है। हर्षिल तथा पापड़गाड़ में मार्ग बंद है। उत्तरकाशी तक सड़क खोल दी गई है। गंगनानी तथा लिंचा ब्रिज क्षतिग्रस्त हुए हैं। बैली ब्रिज बनाकर यहां यातायात सुचारू करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मानव संसाधनों का विवरण निम्नानुसार है
वर्तमान में राजपुताना रायफल्स के 150 जवान तथा घातक बटालियन के 12 जवान ग्राउंड जीरो में मौजूद हैं तथा राहत व बचाव कार्य कर रहे हैं।
आईटीबीपी के 100 कार्मिक जिनमें अधिकारी, डाक्टर व जवान शामिल हैं, मौके पर राहत और बचाव कार्यों को संचालित कर रहे हैं।
एसडीआरएफ के 06 जवान भी मंगलवार से ही धराली में ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं और उनके द्वारा राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।
सेना के 40 जवान नेलांग से पैदल रवाना की गई है। वहीं 50 जवानों की मेडिकल टीम टेकला तक पहुंच गई है।
आईटीबीपी के 130 अतिरिक्त जवान घटनास्थल के लिए रवाना किए गए हैं।
एसडीआरएफ के 10 जवान सेटेलाइट फोन के साथ भटवाड़ी पहुंच गए हैं। 07 जवान लाटा पहुंच गए हैं। 07 जवान सेटेलाइट फोन के साथ गंगोत्री में मौजूद हैं। उजैली में ढालवाला तथा बटालियन से 20 जवानों को भेजा गया है। 08 जवानों को सहस्त्रधारा हेलीपैड में रिजर्व में रखा गया है। डॉक स्क्वायड की 06 टीमें उजैली पहुंच चुकी हैं।

एनडीआरएफ के 79 जवान पापड़गाड़ में फंसे हैं, हालांकि 15 को यहां से आगे भेजने में सफलता मिली है। 07 जवान गौचर से उत्तरकाशी रवाना किए गए हैं। 50 तथा 24 सदस्यीय 02 टीमें जौलीग्रांट एयरपोर्ट में स्टैंडबाई में हैं। 15 जवानों को सहस्त्रधारा हेलीपैड में स्टैंडबाई में रखा गया है।

फायर सर्विस यूनिट गंगोत्री के 04 जवान घटनास्थल पर मौजूद हैं। उत्तरकाशी फायर स्टेशन में अन्य जनपदों से भेजी गई 03 टीमों को एलर्ट मोड पर रखा गया है। एफएसएसओ उत्तरकाशी मार्ग बंद होने के कारण रास्ते में फंसे हैं।

जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी से एक मेडिकल टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है। दून मेडिकल कॉलेज से 11 विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम, स्वास्थ्य विभाग के 05 विशेषज्ञों की टीम भी रवाना कर दी गई है। 10 डॉक्टरों की टीम को पोस्टमार्टम के लिए स्टैंडबाई में रखा गया है। मनोचिकित्सकों की टीम भी बनाई गई है, जिसे घटनास्थल के लिए रवाना किया जा रहा है। 25 एम्बुलेंस तैयार हैं। 10 को स्टैंडबाई में रखा गया है। सीएचसी भटवाडी, चिन्यालीसौंड़, जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी, जिला चिकित्सालय देहरादून, दून मेडिकल कॉलेज तथा एम्स ऋषिकेश में 65 आईसीयू बैड तथा 270 जनरल बैड आरक्षित किए गए हैं।

शाम को करीब पांच बजे चार सदस्यीय एक मेडिकल टीम हर्षिल पहुंच गई है, जिसमें सर्जन, गायनेकोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट व एक सीनियर डाक्टर हैं, जो स्थानीय निवासी हैं।

सीएम ने किया दौरा किया निरस्त, राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए

अपने आंध्र प्रदेश दौरे को बीच में ही तत्काल निरस्त करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार शाम को सीधे देहरादून आईटी पार्क स्थित आपदा परिचालन केंद्र पहुंच कर उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल क्षेत्र के धराली गांव में बादल फटने की घटना से से प्रभावित क्षेत्र में चल रहे हैं रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के लिए एक-एक व्यक्ति की जान अमूल्य है।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी सहित सम्बंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन एवं अन्य संबंधित टीमों को प्रभावी समन्वय के साथ राहत कार्यों को तत्परता संपादित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने संबंधित सभी वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया तथा स्थिति की जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा विभाग तथा जिलाधिकारी को प्रभावित क्षेत्र में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी शैक्षणिक तथा अन्य संस्थान बंद करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों से संपर्क बनाए रखने के लिए जल्द से जल्द नेटवर्क व्यवस्था को बहाल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने धराली एवं हर्षिल क्षेत्र में आपदा प्रभावितों तत्काल रेस्क्यू के बाद होटल, होमस्टे आदि में रहने, खाने तथा दवाइयां की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से हर्षिल क्षेत्र में बन रही झील को जल्द से जल्द खुलवाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को एयरलिफ्ट करवाने तथा तत्काल भोजन, दवाइयां तथा कपड़े आदि भेजने के लिए वायु सेना के डप् 17 का सहयोग लेने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जो लोग बेघर हो गए हैं उनके रहने के लिए अच्छी वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। यदि होटल आदि अधिग्रहित करना पड़े तो उसको तुरंत कर लिया जाए। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े इसका विशेष ध्यान रखा जाए। तत्काल आसपास के क्षेत्र में स्थित होटल तथा स्कूलों में राहत शिविरों की व्यवस्था की जाए। लोगों के लिए खाने-पीने की समुचित व्यवस्था की जाए। बिस्तर कंबल तथा कपड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। खाने के पैकेट एयर ड्रॉप किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी ने अपना परिवार खोया है तो सरकार उसके साथ खड़ी है। सरकार ऐसे सभी लोगों की संरक्षक है और उनके जीवन यापन का पूरा जिम्मा सरकार का है। मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी में जिलाधिकारी के रूप में सेवा दे चुके अपर सचिव डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, अभिषेक रोहिल्ला तथा गौरव कुमार को नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपर सचिव विनीत कुमार को नोडल अधिकारी की तत्काल तैनाती करते हुए जो उत्तरकाशी में ही रह कर कैंप करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे शासन स्तर से धराली आपदा हेतु नोडल अधिकारी नामित करने की निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने यूपीसीएल के एमडी से बात कर मंगलवार रात को ही बिजली आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए हैं।

एसडीआरएफ आइटीबीपी तथा अन्य राहत एजेंसियों ने मिलकर लगभग 130 से अधिक लोगों का रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। उन्होंने संचार व्यवस्था को भी मंगलवार रात्रि ही बहाल करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि पीडब्ल्यूडी/जल संस्थान/ऊर्जा आदि विभाग के अधिकारी वहीं डटे रहें। डॉक्टर्स और दवाई की व्यवस्था की जाए। पोस्टमार्टम आदि की व्यवस्था वहीं मौके पर की जाए। मुख्यमंत्री ने मुआवजा वितरण की प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि बुधवार सुबह ही विभिन्न विभागों के सचिवों की टीम भी धराली हर्षिल के लिए रवाना हो जाएगी।

नेताला में अवरुद्ध मार्ग को रात्रि करीब आठ बजे खोल लिया गया है। मार्ग खुलते ही यहां फंसे जिलाधिकारी उत्तरकाशी और एसपी के साथ ही अन्य राहत और बचाव दल मौके के लिए रवाना हो गए हैं। खाद्य विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की एक टीम बनाकर भी घटनास्थल के लिए रवाना की जा रही है।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, डी जीपी दीपम सेठ, सचिव शैलेश बगौली, पंकज पांडे, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडे, सहित सभी संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

उत्तरकाशी धराली आपदाः विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम रवाना, अस्पतालों में बेड आरक्षित, चिकित्सकीय अवकाश पर रोक

उत्तरकाशी जनपद के धराली गांव में सोमवार को बादल फटने से उत्पन्न भीषण आपदा के बाद राज्य सरकार पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित चिकित्सकीय सहायता सुनिश्चित करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री स्वयं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं, ताकि समय पर पीड़ितों तक सहायता पहुंच सके।

विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम रवाना
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आपदा की गंभीरता को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम तत्काल धराली क्षेत्र के लिए रवाना करने के निर्देश दिए हैं। इस टीम में सर्जन, निश्चेतक, फिजीशियन और आर्थाेपेडिक सर्जन शामिल हैं। टीम का संचालन गढ़वाल मंडल के निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को सौंपा गया है, जिन्हें इस आपदा में नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

अस्पतालों में बेड आरक्षित, चिकित्सकीय अवकाश पर रोक
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आपदा प्रबंधन के तहत राज्य के सभी प्रमुख चिकित्सालयों को निर्देश दिए गए हैं कि गंभीर रूप से घायल मरीजों के इलाज के लिए बेड आरक्षित रखें। साथ ही, सभी चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है, जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। यह सुनिश्चित किया गया है कि अस्पतालों में दवाओं, सर्जिकल सामग्री और चिकित्सा उपकरणों की कोई कमी न रहे।

108 एंबुलेंस सेवा हाई अलर्ट पर
धराली और आसपास के प्रभावित क्षेत्रों में 108 एंबुलेंस सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इन सेवाओं के माध्यम से घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार देना, उन्हें निकटतम अस्पतालों तक पहुंचाना और संवेदी वर्गों की प्राथमिक चिकित्सा सुनिश्चित करना प्रमुख उद्देश्य है। आसपास के जनपदों से भी एंबुलेंस सेवाओं का समन्वय कर आपदा क्षेत्र में भेजा गया है।

जिला स्तरीय आपात नियंत्रण कक्ष स्थापित
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि उत्तरकाशी जिले में 24Û7 सक्रिय एक आपात नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। यह नियंत्रण कक्ष राहत और चिकित्सा कार्यों की निरंतर निगरानी करेगा और आवश्यक समन्वय स्थापित करेगा, ताकि किसी भी प्रकार की बाधा को तत्काल दूर किया जा सके।

लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि यह एक अत्यंत संवेदनशील और मानवीय आपदा है, जिसमें हर अधिकारी और कर्मचारी से संवेदनशीलता और तत्परता अपेक्षित है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही पाई जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।