उत्तराखंडः बद्रीनाथ में तीर्थयात्रियों का आंकड़ा 14.53 लाख के पार

सुप्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम की यात्रा को लेकर भी श्रद्धालुओं में भारी उत्साह बना हुआ है। तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या ने पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बुधवार तक कुल 14 लाख 53 हजार 827 तीर्थयात्री भगवान बद्रीविशाल के दर्शन को पहुंच चुके हैं, जबकि कपाट बंद होने में अभी डेढ़ माह का समय शेष है। बीते वर्ष 2024 में पूरे यात्रा काल में कुल 14 लाख 35 हजार 341 श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम की यात्रा पर पहुंचे थे।

धामी सरकार के कुशल यात्रा प्रबंधन के चलते चारधाम यात्रा कीर्तिमान स्थापित कर रही है। शासन-प्रशासन ने खराब मौसम को यात्रियों की राह में रोड़ा नहीं बनने दिया। मौसम के मिजाज को देखते हुए सभी यात्रा रूटों और पड़ावों में चाक चौबंद व्यवस्थाएं की गई हैं। यात्रा मार्ग पर वाहनों का आवागमन सुचारू बना रहे, इसके लिए संवेदनशील स्थानों पर सड़कों को तुरंत खुलवाने के लिए विशेष टीम की तैनाती के साथ ही जेसीबी की व्यवस्था की गई है। धामों में यात्रियों को ठहराने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। यात्रा मार्ग में यात्रियों को तत्काल मदद पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ जवानों की तैनाती है। अब बर्फवारी के चलते ठंड बढ़ने पर अलाव की भी व्यवस्था कर दी गई है।

सरकार की ओर से किए गए इन पुख्ता इंतजामों के चलते श्रद्धालु पूरी निश्चिन्तता के साथ चारधाम यात्रा पर पहुंच रहे हैं। केदारनाथ के साथ ही बद्रीनाथ धाम में भी पिछले वर्ष की तुलना में यात्रियों की बढ़ती संख्या ने नया रिकॉर्ड बनाया है। बुधवार को 5042 यात्रियों ने भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किए। जैसे जैसे कपाटबंदी की तिथि करीब आ रही है, यात्रियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। बता दें धाम के कपाट आगामी 25 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

आज बंद होंगे हेमकुंड साहिब के कपाट
चमोली जिले में स्थित श्री हेमकुंड साहिब के कपाट कल 10 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बेहतर यात्रा प्रबंधन के चलते हेमकुंड साहिब यात्रियों की संख्या भी हर वर्ष नया रिकॉर्ड बना रही है। इस वर्ष यहां बुधवार तक दो लाख 71 हजार 367 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जो अब तक की रिकॉर्ड संख्या है।

समुद्रतल से करीब 15 हजार 230 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंट साहिब की यात्रा अत्यंत कठिन और चुनौतीपूर्ण है, इसके बावजूद यहां हर वर्ष यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्ष 2024 में एक लाख 83 हजार 722 तीर्थयात्री हेमकुंट पहुंचे थे जबकि इस यात्राकाल में बीते दिवस बुधवार तक दो लाख 71 हजार 367 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।

चारधाम यात्रा-कब बंद होंगे कपाट
गंगोत्री 22 अक्टूबर
यमुनोत्री 23 अक्टूबर
केदारनाथ 23 अक्टूबर
बद्रीनाथ 25 नवंबर

केदारनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या 16.56 लाख के पार

चारधाम यात्रा फिर रफ्तार पकड़ गई है। बारिश और बर्फबारी के बावजूद यात्रियों में भारी उत्साह बना हुआ है। केदारनाथ यात्रा ने नया रिकॉर्ड बनाया है। आज बुधवार को यहां श्रद्धालुओं की संख्या 16 लाख 52 हजार के पार पहुंच गई, जबकि अभी धाम कपाट बंद होने में 14 दिन का समय बचा है। वर्ष 2024 में पूरे यात्रा काल में 16 लाख 52 हजार 76 यात्री केदार दर्शन के लिए पहुंचे थे।

बुधवार को केदारनाथ धाम में 5614 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। केदार धाम के कपाट आगामी 23 अक्टूबर को भैया दूज के अवसर पर बंद होंगे। अभी यात्रा 15 दिन और चलेगी। इस प्रकार यहां यात्रियों की संख्या ने नया रिकॉर्ड बनाया है। बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी अब यात्रियों की संख्या बढ़ी है। प्रदेश सरकार की ओर से श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए सुरक्षित यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यात्रा मार्ग में सुरक्षा जवानों की तैनाती की गई है। यात्रा मार्ग पर यातायात सुचारू बना रहे, इसके लिए भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर मलबे की सफाई के लिए जेसीबी की व्यवस्था की गई है।

बता दें कि इस वर्ष 30 अप्रैल को गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो गया था। इसके बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए थे। मानसून सीजन में अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के चलते चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई है। प्रकृति की विनाशलीला में गंगोत्री धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव धराली बुरी तरह तबाह हो गया। मार्ग बुरी तरह तहस-नहस हो जाने से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा को रोकना पड़ा था।

बारिश थमने पर भी यहां यात्रा को बहाल करना बड़ी चुनौती था, लेकिन शासन-प्रशासन की टीमों ने युद्धस्तर पर कार्य कर आम जनजीवन की बहाली के साथ ही यात्रा मार्गों को सुचारू किया। दोनों धामों की यात्रा भी सुरक्षा इंतजामों के साथ शुरू हो गई। प्रशासन की ओर से यात्रियों को अभी भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। यात्रियों को बार-बार आगाह किया गया है कि मौसम खराब होने पर यात्रा करने से बचें। यदि यात्रा मार्ग में हैं, तो सुरक्षित स्थान पर शरण लें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी यात्रा मार्गों पर आवश्यक यात्री सुविधाओं और सुरक्षा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। सभी जिम्मेदार अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा जाए। आपातकालीन स्थिति में बिना किसी देरी के राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया जाए।

धामी सरकार के सख्त निर्देश पर प्रतिबंधित कफ सिरप पर बड़ी कार्रवाई, दून में सात मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस निरस्त

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए राज्यभर में अवैध, असुरक्षित और निम्न गुणवत्ता वाली कफ सिरप दवाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की टीमें प्रदेश के हर जिले में सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में शुरू यह अभियान अब तक की सबसे व्यापक कार्रवाई के रूप में सामने आया है। स्वास्थ्य सचिव व आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार और अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी की देखरेख में पूरे प्रदेश में दवा विक्रेताओं, थोक आपूर्तिकर्ताओं और मेडिकल स्टोरों पर औचक निरीक्षण चल रहा है।

देहरादून में सबसे बड़ी छापेमारी

आज एफडीए की टीम ने देहरादून में बड़े पैमाने पर छापेमारी की। आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन के निर्देश पर औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में टीम ने चकराता रोड, किशन नगर चौक, बल्लूपुर चौक, कांवली रोड, बल्लीपुर चौक और प्रेमनगर क्षेत्रों में मेडिकल स्टोरों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में बच्चों को दी जाने वाली खांसी और सर्दी-जुकाम की दवाओं के क्रय-विक्रय पर तत्काल रोक लगाई गई। जिन दुकानों में यह दवाएं भंडारित थीं, उन्हें मौके पर सील कर दिया गया। विक्रेताओं को निर्देशित किया गया कि इन औषधियों का विक्रय अगली सूचना तक न करें। निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि कई विक्रेताओं ने स्वयं संज्ञान लेकर इन दवाओं को पहले ही दुकान से हटा दिया था। टीम ने मौके पर 11 सिरप के नमूने जांच के लिए लिए। जांच में Coldrif, Respifresh-TR और Relife जैसे सिरप किसी भी मेडिकल स्टोर में उपलब्ध नहीं पाए गए।

उधम सिंह नगर में 40 नमूनों की जांच हेतु भेजे

प्रदेश में बच्चों के लिए बनाए गए खांसी के सिरप पर कार्रवाई के तहत उधम सिंह नगर जनपद में औषधि विभाग की टीम ने अभियान तेज कर दिया है। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नीरज कुमार और औषधि निरीक्षक निधि शर्मा के नेतृत्व में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से कुल 10 पेडियाट्रिक कफ सिरप के नमूने जांच हेतु लिए गए हैं। इन सिरप में Dextromethorphan Hydrobromide, Chlorpheniramine Maleate और Phenylepherine Hydrochloride जैसे तत्व पाए गए हैं। अब तक जिले से कुल 40 कफ सिरप नमूने फॉर्म-17 में लेकर विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला भेजे जा चुके हैं।

हरिद्वार व रुड़की में भी सख्त कार्रवाई, 15 नमूने जांच हेतु भेजे

इसी क्रम में हरिद्वार जनपद में भी औषधि विभाग ने अभियान को और तेज किया है। अपर आयुक्त के निर्देशों पर रुड़की के एयरन हॉस्पिटल, विनय विशाल हॉस्पिटल तथा हरिद्वार के मेट्रो हॉस्पिटल से कुल 15 कफ सिरप के नमूने परीक्षण हेतु लिए गए हैं। औषधि निरीक्षक अनीता भारती के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई के दौरान संबंधित प्रतिष्ठानों से लिए गए नमूनों को विश्लेषण के लिए भेज दिया गया है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, हरिद्वार जिले से अब तक कुल 39 नमूने जांच हेतु लिए जा चुके हैं।

हल्द्वानी में सरकारी अस्पताल से लिए गए नमूने

नैनीताल जनपद के हल्द्वानी में भी एफडीए की कार्रवाई जारी रही। Soban Singh Jeena Base Hospital की ड्रग स्टोर से तीन कफ सिरप के नमूने जांच के लिए लिए गए। सभी नमूनों को गुणवत्ता परीक्षण हेतु औषधि विश्लेषणशाला, देहरादून भेजा गया है।

कोटद्वार में ‘Respifresh TR’ सिरप का स्टॉक सीज

पौड़ी जिले के कोटद्वार में एफडीए टीम ने कल रात से छापेमारी अभियान चलाया, जो आज भी जारी रहा। कार्रवाई के दौरान जानलेवा घोषित Respifresh TR कफ सिरप का स्टॉक कई मेडिकल स्टोरों से सीज किया गया। आज भी टीम ने विभिन्न प्रतिष्ठानों से तीन नए नमूने परीक्षण के लिए लिए हैं।

चौखुटिया-चांदीखेत में भी सख्त कार्रवाई

अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया और चांदीखेत में आज एफडीए की टीम ने छह मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की। निरीक्षण के दौरान Respifresh TR सिरप (Batch No. R01GL2523) की 12 बोतलें जब्त की गईं। यह सिरप पहले ही एनएसक्यू (Non-Suitable Quality) घोषित किया जा चुका है। टीम ने चार कफ सिरप के नमूने जांच हेतु एकत्र किए।

रुद्रप्रयाग में 4 नमूने लिए गए, सैंपल भेजे जांच को

रुद्रप्रयाग जनपद के तिलवाड़ा क्षेत्र में औषधि निरीक्षकों की टीम ने रिटेल और थोक प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर चार नमूने कफ सिरप के लिए संकलित किए। दवाओं की गुणवत्ता जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

उत्तरकाशी में चार सिरपों पर प्रतिबंध

जनपद उत्तरकाशी में औषधि निरीक्षक मोहम्मद ताजिम के नेतृत्व में छापेमारी की गई। टीम ने बच्चों में प्रयुक्त चार प्रकार के कफ सिरपों के नमूने लिए और देहरादून की प्रयोगशाला को भेजे। औषधि निरीक्षक ने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को चेतावनी दी कि निम्नलिखित सिरप किसी भी हालत में न रखें और न बेचें — Dextromethorphan Hydrobromide Syrup (KL-25/148), Coldrif (SR-13), Respifresh TR (R01GL2523) और Relife (LSL25160)। साथ ही निर्देश दिए गए कि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप बिल्कुल न दिया जाए और वयस्कों को भी केवल डॉक्टर की सलाह पर ही दवाएं दी जाएं।

अब तक 148 नमूने जांच के लिए भेजे गए

प्रदेशभर में जारी छापेमारी के दौरान अब तक 148 नमूने जांच के लिए भेजे गये। इसके साथ ही आज देहरादून में 11, कोटद्वार में 3, हल्द्वानी में 3, अल्मोड़ा में 4, रुद्रप्रयाग में 4 और उत्तरकाशी में 4 नमूने लिए गए हैं। अभियान के दौरान दर्जनों प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किया गया है और कई स्थानों पर संदिग्ध स्टॉक जब्त कर सीलिंग की कार्रवाई की गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा बच्चों के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हमारी सरकार हर उस तत्व के खिलाफ सख्त है जो बच्चों की जान से खिलवाड़ करने की कोशिश करेगा। दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा पर किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। यह कार्रवाई बच्चों के जीवन की सुरक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का बयान

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा एफडीए की कार्रवाई यह संदेश दे रही है कि उत्तराखंड में बच्चों की सेहत सर्वोच्च प्राथमिकता है। जनता से अपील है कि बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी सिरप या दवा बच्चों को न दें। राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि केवल प्रमाणित और सुरक्षित औषधियां ही जनता तक पहुंचें।

स्वास्थ्य सचिव व आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार का बयान

स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा राज्यभर में एफडीए की टीमें सक्रिय हैं। जिन सिरपों को जांच के लिए भेजा गया है, उनकी रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सभी जिलों में मेडिकल स्टोरों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि संदिग्ध बैच नंबर की औषधियां तुरंत हटाई जाएं।

ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी का बयान

अपर आयुक्त और ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा एफडीए का अभियान निरंतर जारी रहेगा। पिछले चार दिनों में 27 नमूने जांच हेतु लिए जा चुके हैं और कई प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किए गए हैं। विभाग की टीमें दिन-रात फील्ड में सक्रिय हैं। हमारा लक्ष्य है कि किसी भी असुरक्षित औषधि को बाजार से पूरी तरह समाप्त किया जाए।

एफडीए की जनता से अपील

एफडीए ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि यदि किसी मेडिकल स्टोर या वितरक के पास उपरोक्त प्रतिबंधित सिरप पाया जाए तो तुरंत स्थानीय औषधि निरीक्षक या एफडीए कार्यालय को सूचित करें। विभाग ने स्पष्ट किया है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ लाइसेंस निरस्तीकरण, जुर्माना और अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर जो निर्णायक कदम उठाया है, वह प्रदेश में स्वास्थ्य सुरक्षा की नई मिसाल है। औषधि विभाग की यह मुहिम न सिर्फ संदिग्ध औषधियों पर रोक लगाने में अहम भूमिका निभा रही है, बल्कि यह संदेश भी दे रही है कि धामी सरकार बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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सीएम ने प्रदान की विभिन्न विकास योजनाओं के लिए 14.62 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद नैनीताल के विधानसभा क्षेत्र नैनीताल के विकासखण्ड बेतालघाट में दूनीखाल से रातीधाट (पाडली) तक मोटर मार्ग के निर्माण किये जाने हेतु ₹ 9.81 करोड़ की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने एसडीआरएफ में विभिन्न आपदा प्रबन्धन सम्बन्धी सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु एसडीआरएफ वाहिनी कन्ट्रोल रूम को कमाण्ड एंड कंट्रोल सेंटर के रूप में स्थापित किये जाने तथा आधुनिक तकनीकों के साथ उच्चीकृत किये जाने हेतु ₹ 25 लाख राज्य आपदा मोचन निधि के क्षमता विकास से स्वीकृत किये जाने हेतु अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने जनपद पिथौरागढ़ के अन्तर्गत तहसील थल के कार्यालय भवन निर्माण हेतु ₹4.56 करोड की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने किया राज्य आन्दोलनकारी आश्रित पेंशन अनुमन्य किये जाने का अनुमोदन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आन्दोलनकारी स्व० धर्मानन्द बमराडा की आश्रित पत्नी सीता देवी, निवासी ओम विहार, अजबपुर कला देहरादून को उनके पति की मृत्यु की तिथि दिनांक 10.07.2023 के उपरान्त अनुमन्य की गयी ₹ 4500.00 प्रतिमाह पेंशन को समायोजित करते हुए उन्हें ₹ 6000.00 प्रतिमाह राज्य आन्दोलनकारी आश्रित पेंशन प्रदान किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया है।

उत्तराखंड में आपदा राहत कार्यों के लिए आगे आया लार्सन एंड टुब्रो, दिए पांच करोड़

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से नई दिल्ली में लार्सन एंड टुब्रो के प्रतिनिधिमंडल ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश में हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों की सहायता एवं राहत-पुनर्वास कार्यों में सहयोग हेतु ₹5 करोड़ (पांच करोड़ रुपये) की सहायता राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में प्रदान की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एल.एंड.टी. के इस सराहनीय सहयोग के लिए कंपनी के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संकट की घड़ी में कॉर्पाेरेट सेक्टर का यह योगदान राज्य सरकार के लिए बड़ी सहायता साबित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत, पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण के कार्यों को प्राथमिकता के साथ कर रही है। ऐसे में निजी क्षेत्र की सहभागिता से इन कार्यों में और तेजी आएगी तथा प्रभावित लोगों को शीघ्र राहत पहुंचाई जा सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड एक आपदा संवेदनशील राज्य है, जहां भौगोलिक परिस्थितियों के कारण समय-समय पर प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है। राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने और राहत तंत्र को और अधिक सक्षम करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं।

इस अवसर पर एल.एंड.टी. समूह के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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उत्तराखंड में सात जल विद्युत परियोजनाओं के विकास व निर्माण को केंद्रीय मंत्री से मांगा समर्थन

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट कर उत्तराखंड में सात जल विद्युत परियोजनाओं (कुल क्षमता 647 मेगावाट) के विकास एवं निर्माण की स्वीकृति हेतु समर्थन मांगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गंगा और उसकी सहायक नदियों की निर्मलता, अविरलता तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति पूर्ण प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों से युवाओं को रोजगारपरक अवसर उपलब्ध कराने हेतु हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए गौलापार क्षेत्र में लगभग 12.317 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरित करने का प्रस्ताव वन विभाग को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से संबंधित अधिकारियों को इस भूमि स्थानांतरण हेतु आवश्यक कार्रवाई का निर्देश देने का अनुरोध किया।

केंद्रीय मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति देते हुए हर संभव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।

इस अवसर पर सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन भारत सरकार तन्मय कुमार, उत्तराखण्ड के प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा मौजूद थे।

सप्ताह में तीन बार चलेगी देहरादून से टनकपुर जाने वाली वीकली ट्रेन, केंद्रीय रेल मंत्री ने दी सहमति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भेंट कर उत्तराखण्ड में रेल अवसंरचना के विकास पर चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने देहरादून एवं हरिद्वार रेलवे स्टेशनों को आदर्श रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किए जाने के लिए दोनों रेलवे स्टेशनों के विस्तार/सुदृढ़ीकरण के साथ ही हरिद्वार-देहरादून रेल लाइन दोहरीकरण का कार्य केन्द्र सरकार द्वारा पूर्ण व्ययभार वहन करते हुए पूर्ण कराने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने हरिद्वार व देहरादून रेलवे स्टेशनों को आदर्श रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किये जाने पर सहमति देते हुए कहा कि हरिद्वार-देहरादून रेल लाइन दोहरीकरण के कार्य का पूर्ण व्ययभार केन्द्र सरकार द्वारा किये जाने के संबंध में परीक्षण कर उचित निर्णय लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना में संरेखण में अल्मोड़ा और सोमेश्वर क्षेत्रों को भी जोड़ने की संभावनाओं पर विचार करने और टनल के साथ-साथ सड़क का प्रावधान करने का अनुरोध केन्द्रीय रेल मंत्री से किया। रेल मंत्री ने कहा कि इस पर विचार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश के पुराने रेलवे स्टेशन को पूर्णतः बंद करते हुए इस भूमि के सभी अधिकार राज्य सरकार को हस्तांतरित किए जाने के लिए भी केन्द्रीय रेल मंत्री से अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने रेलवे स्टेशन के बंद होने के कारण यदि योग नगरी रेलवे स्टेशन पर सुव्यवस्थित संचालन के लिए अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता होगी तो राज्य सरकार इस पर सकारात्मक विचार एवं सहयोग करेगी। रेल मंत्री ने इस पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दी।

केन्द्रीय रेल मंत्री ने मुख्यमंत्री के अनुरोध पर देहरादून-टनकपुर वीकली ट्रेन को सप्ताह में तीन बार किये जाने पर भी सहमति दी।

प्रतिबंधित कफ सिरप के खिलाफ शिशु रोग अस्पतालों के मेडिकल स्टोरों का औचक निरीक्षण

केंद्र सरकार द्वारा बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप को लेकर जारी गाइडलाइन के सख्त अनुपालन हेतु उत्तराखंड सरकार ने कार्रवाई तेज कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों में खाद्य सरंक्षा व औषधि प्रशासन विभाग की टीमें प्रदेशभर में औचक निरीक्षण अभियान चला रही हैं। इसी क्रम में देहरादून क्षेत्र में औषधि विभाग ने कई मेडिकल स्टोरों और शिशु रोग अस्पतालों के मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया, जहां से पेडियाट्रिक कफ सिरप के नमूने जब्त कर परीक्षण के लिए राज्य औषधि प्रयोगशाला भेजे गए हैं। स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार के निर्देशों में यह सघन अभियान लगातार सभी जनपदों में जारी है। विभाग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी मेडिकल स्टोर या अस्पताल में प्रतिबंधित, असुरक्षित या बिना अनुमति वाली औषधियाँ न बेची जाएं और बच्चों की सेहत के साथ किसी भी प्रकार का जोखिम न उठाया जाए।

देहरादून क्षेत्र में औचक निरीक्षण अभियान
स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार से प्राप्त आदेशों तथा अपर आयुक्त एफडीए व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी के दिशा-निर्देशों के अनुसार औषधि विभाग की टीम ने आज देहरादून क्षेत्र में स्थित मेडिकल स्टोरों एवं शिशु रोग (Paediatric) अस्पतालों के मेडिकल स्टोरों का औचक निरीक्षण किया। अपर आयुक्त एफडीए व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा निरीक्षण के दौरान कई मेडिकल स्टोरों में Dextromethorphan Hydrobromide, Chlorpheniramine Maleate एवं Phenylephrine Hydrochloride युक्त पेडियाट्रिक कफ सीरप्स का भंडारण पाया गया। इन औषधियों को नियमानुसार सीज़ (जब्त) करने की कार्यवाही की गई। साथ ही, कुल 06 पेडियाट्रिक कफ सीरप्स के नमूने फॉर्म-17 में परीक्षण हेतु एकत्रित किए गए हैं। नमूने अब राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला को भेजे जाएंगे, जहाँ उनकी गुणवत्ता और वैधता का परीक्षण किया जाएगा।

नियमों के पालन को लेकर विभाग सख्त
अपर आयुक्त एफडीए व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि किसी भी मेडिकल स्टोर पर Coldrif, Respifresh TR, Relife कफ सिरप उपलब्ध नहीं थी। विभाग ने स्पष्ट किया कि निरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रदेश में केवल अनुमोदित, सुरक्षित और चिकित्सकीय रूप से स्वीकृत औषधियाँ ही उपलब्ध हों। विभाग ने सभी औषधि विक्रेताओं को चेतावनी दी है कि यदि किसी भी स्टोर पर बिना अनुमति या प्रतिबंधित औषधियां पाई जाती हैं, तो उनके विरुद्ध खाद्य, औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम, 1940 तथा संबंधित नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार की प्रतिबद्धता, जनस्वास्थ्य सर्वोपरि- पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार की प्राथमिकता प्रदेशवासियों को सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण और प्रमाणित औषधियाँ उपलब्ध कराना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि औषधि विक्रेताओं और अस्पतालों में नियमित निरीक्षण और सैंपलिंग प्रक्रिया को और तेज किया जाए।

लापरवाही या नियम उल्लंघन बर्दाश्त नहीं- डॉ. धन सिंह रावत
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि औषधि विभाग का यह अभियान जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक कदम है। किसी भी स्तर पर लापरवाही या नियम उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध या बिना लेबल औषधि की जानकारी निकटतम औषधि निरीक्षक या विभागीय हेल्पलाइन को दें, ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।

निरीक्षण टीम और नेतृत्व
इस निरीक्षण अभियान का नेतृत्व उप औषधि नियंत्रक हेमंत सिंह नेगी ने किया। उनके साथ
सहायक औषधि नियंत्रक सुधीर सिंह, औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा, औषधि निरीक्षक श्रीमती निधि रतूड़ी, तथा औषधि निरीक्षक विनोद जगूड़ी टीम में सम्मिलित रहे। टीम ने कहा कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और सभी जिलों में मेडिकल स्टोरों की निरंतर निगरानी की जाएगी ताकि आमजन तक केवल सुरक्षित और मानक औषधियां ही पहुँच सकें।

सीएम निर्देश पर प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान तेज, पकड़े गये नकली उत्पाद

त्योहारी सीजन को देखते हुए प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ खाद्य संरक्षा एंव औषधि प्रशासन विभाग यानि एफडीए का सघन अभियान जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि त्योहारी मौसम में उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाजार में बिक रहे मावा, पनीर, घी, दूध और मिठाइयों की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी रखी जाए ताकि मिलावटखोरी पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।

सभी जनपदों में सघन छापेमारी अभियान जारी
स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, डॉ. आर. राजेश कुमार ने त्योहारी सीजन में अपर आयुक्त (खाद्य सुरक्षा) ताजबर सिंह जग्गी को निर्देशित किया है कि सभी जनपदों में निरंतर निरीक्षण और छापेमारी अभियान चलाया जाए। राज्य के सीमावर्ती जिलों में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है ताकि बाहरी राज्यों से नकली और बिना मानक खाद्य सामग्री की आपूर्ति पर रोक लगाई जा सके। विभागीय टीमें मोबाइल वैन के माध्यम से तेजी से सैंपलिंग कार्य कर रही हैं। डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि प्रयोगशालाओं को निर्देश दिए गए हैं कि सैंपलों की जांच शीघ्रता से की जाए, जिससे दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तुरंत सुनिश्चित हो सके।

त्योहारी सीजन में जांच की रफ्तार तेज
आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब्स लगातार बाजारों में जाकर मावा, खोया, पनीर, मिठाई और तेल जैसे उत्पादों की मौके पर जांच कर रही हैं। विभागीय टीमें प्रदेश के हर जिले, कस्बे और प्रमुख बाजारों में सैंपलिंग कर रही हैं ताकि हर उपभोक्ता तक सुरक्षित, शुद्ध और गुणवत्ता युक्त खाद्य पदार्थ पहुंच सकें। सरकार का स्पष्ट संदेश है “मिलावटखोरी के खिलाफ कोई रियायत नहीं, उपभोक्ता की सेहत सर्वाेपरि।”

अपर आयुक्त ताजबर जग्गी कर रहे हैं अभियान का नेतृत्व
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी स्वयं विभिन्न जिलों में चल रहे छापेमारी अभियानों का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों के साथ चारधाम यात्रा मार्गों व पर्यटन स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। इन क्षेत्रों में अतिरिक्त टीमें तैनात की गई हैं, जो मावा, पनीर, घी और मिठाइयों के सैंपल एकत्र कर प्रयोगशालाओं में जांच हेतु भेज रही हैं। जांच में दोषी पाए जाने वाले प्रतिष्ठानों के विरुद्ध तत्काल सीलिंग, लाइसेंस निरस्तीकरण और जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है।

भगवानपुर में नकली डेयरी उत्पादों की बड़ी खेप पकड़ी गई
खाद्य सुरक्षा विभाग एवं पुलिस की संयुक्त टीम ने आज सुबह लगभग 5 बजे भगवानपुर के बालेकी युसुफपुर गांव में एक वाहन को रोककर जांच की। वाहन में बिना गुणवत्ता प्रमाणीकरण और स्वास्थ्य मानकों के पनीर सप्लाई की जा रही थी। जांच में यह भी पाया गया कि उत्पादों पर किसी प्रकार का एफएसएसएआई मानक अंकन या लेबलिंग नहीं थी, जो उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। टीम ने मौके पर ही उत्पादों को जब्त कर वाहन चालक और सप्लायर के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत मामला दर्ज किया। अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि भगवानपुर क्षेत्र में नकली डेयरी उत्पादों की आपूर्ति करने वाले गिरोहों पर विभाग की विशेष नजर है। आने वाले दिनों में लगातार कार्रवाई की जाएगी।

ऋषिकेश में भी मिली नकली घी और मिल्क पाउडर की खेप
इसी क्रम में ऋषिकेश में भी खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की। एक वाहन को रोककर जांच की गई, जिसमें 5 क्विंटल क्रीम, 35 किलोग्राम घी और 50 किलोग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर सप्लाई करते हुए पाया गया। इन सभी उत्पादों के पास गुणवत्ता प्रमाण पत्र या अनुमोदन दस्तावेज नहीं थे। टीम ने मौके पर उत्पाद जब्त किए और नमूने जांच हेतु भेज दिए हैं। प्रारंभिक जांच में संभावना है कि ये उत्पाद अन्य राज्यों से अवैध रूप से लाए गए नकली उत्पाद हैं। विभाग ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी और दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।

उपभोक्ता हित में जीरो टॉलरेंस नीति-सीएम धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार की प्राथमिकता जनस्वास्थ्य और उपभोक्ता सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि राज्य में मिलावटखोरी के लिए कोई स्थान नहीं है। त्योहारी सीजन में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर समझौता करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जनता से भी अपील की है कि वे गुणवत्ता वाले उत्पादों का उपयोग करें, असत्यापित उत्पाद खरीदने से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी विभाग को दें।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अपील
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि स्वच्छ और सुरक्षित भोजन न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य बल्कि समाज के समग्र विकास की नींव है। सरकार इस दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरी रोकने के लिए विभाग को हर संभव संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे “त्योहारी सीजन में चौकन्ने रहें और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

जनजागरूकता अभियान भी जारी
अपर आयुक्त ने बताया कि खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग राज्यभर में जन जागरूकता अभियान भी चला रहा है, जिसमें स्कूली बच्चों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य पहचानने के तरीके बताए जा रहे हैं। इस अभियान के तहत विभाग द्वारा सुरक्षित भोजन-स्वस्थ जीवन थीम पर पोस्टर, सोशल मीडिया कैंपेन और स्थानीय कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। अपर आयुक्त एफडीए ताजबर सिंह जग्गी ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे खाद्य पदार्थ खरीदते समय पैकेजिंग, लेबलिंग और निर्माण तिथि की जांच अवश्य करें। उन्होंने कहा है कि हमारे उपभोक्ता हमारे लिए सर्वाेपरि हैं। किसी भी मिलावटखोर को बख्शा नहीं जाएगा। विभाग ने यह भी कहा कि उपभोक्ता किसी संदिग्ध खाद्य उत्पाद या विक्रेता की सूचना खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की हेल्पलाइन या स्थानीय कार्यालय में तुरंत दें।

उत्तराखंडः बच्चों की सुरक्षा सर्वाेच्च, प्रतिबंधित कफ सिरप के खिलाफ सघन अभियान

प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देश पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ.डी.ए.) उत्तराखंड द्वारा पूरे राज्य में प्रतिबंधित और संदिग्ध कफ सिरप की बिक्री एवं वितरण के खिलाफ सघन अभियान चलाया जा रहा है।

आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार के आदेशों के क्रम में प्रदेशभर में लगातार छापेमारी की जा रही है। टीमों द्वारा विभिन्न मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों से सैंपल एकत्र कर उन्हें परीक्षण के लिए प्रयोगशालाओं को भेजा जा रहा है।

एफ.डी.ए. मुख्यालय में अपर आयुक्त ताजवर सिंह जग्गी की पत्रकार वार्ता
इसी कड़ी में सोमवार को एफ.डी.ए. मुख्यालय, देहरादून में अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर (एफ.डी.ए.) एवं ड्रग कंट्रोलर ताजवर सिंह जग्गी ने पत्रकारवार्ता का आयोजन किया। पत्रकारवार्ता में उन्होंने प्रदेशभर में संदिग्ध औषधियों की जांच, सैंपलिंग और बाजार नियंत्रण की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से जानकारी साझा की गई। अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप के सेवन से बच्चों के बीमार होने और मृत्यु की घटनाओं के बाद उत्तराखंड सरकार ने यह कदम एहतियातन और जनहित में उठाया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान पूरी संवेदनशीलता के साथ प्रदेश के हर जिले में चलाया जा रहा है, ताकि किसी भी स्थिति में बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

सभी जिलों में सैंपलिंग और जांच अभियान तेज
अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में औषधि नियंत्रण अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे सीएफटीओ, मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों से कफ सिरप के नमूने एकत्र करें और परीक्षण हेतु अधिकृत प्रयोगशालाओं को भेजें। उन्होंने कहा कि निर्माण कंपनियों से भी कच्चे माल जैसे पॉलीइथिलीन ग्लाइकॉल, सॉर्बिटॉल और अन्य रासायनिक तत्वों के सैंपल लेकर गुणवत्ता जांच की जा रही है, ताकि उत्पादन स्तर पर भी किसी प्रकार की कमी या गड़बड़ी की संभावना समाप्त की जा सके।

अब तक प्रदेशभर में 63 औषधियों के नमूने एकत्र किए जा चुके हैं, जिनकी जांच प्रक्रिया जारी है। विभाग द्वारा प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

बिना डॉक्टरी परामर्श बच्चों को न दें दवा
अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर ताजवीर सिंह जग्गी ने आम जनता से अपील की कि वे बिना चिकित्सक की सलाह के बच्चों को कोई भी कफ सिरप या औषधि न दें। उन्होंने कहा बच्चों के स्वास्थ्य से किसी भी तरह का जोखिम न लिया जाए। यदि बच्चे में सर्दी, खांसी या बुखार जैसे लक्षण दिखाई दें, तो केवल योग्य चिकित्सक से परामर्श लेकर ही दवा दें। उन्होंने कहा यह अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेगा, ताकि किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य जोखिम की स्थिति उत्पन्न न हो। उन्होंने बताया कि विभागीय टीमें इस अभियान की सतत निगरानी कर रही हैं और प्रत्येक जिले में औषधि दुकानों व थोक विक्रेताओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

अपर आयुक्त ने यह भी बताया कि आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भारत सरकार की एडवाइजरी को तत्काल प्रभाव से लागू कराया जाए। साथ ही औषधि दुकानों और निर्माण इकाइयों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।

पुरानी या खुली दवाइयाँ बच्चों को बिल्कुल न दें
अपर आयुक्त एवं ड्रग कंट्रोलर ताजवीर सिंह जग्गी ने आम जनता से अपील की है कि अपने घरों में पहले से खुली हुई कफ सिरप या किसी भी प्रकार की दवाई बच्चों को बिल्कुल न दें। उन्होंने कहा कि कई बार पुरानी या खुली दवाइयाँ अपनी प्रभावशीलता खो देती हैं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। इसलिए ऐसी किसी भी खुली बोतल या अधूरी दवाई को सुरक्षित तरीके से नष्ट करें और घर में दवाइयाँ खुले रूप में न रखें। उन्होंने आम लोगों से आग्रह किया कि दवाइयाँ केवल चिकित्सक की सलाह पर ही उपयोग करें और हर दवा की एक्सपायरी डेट अवश्य जांचें, ताकि किसी प्रकार की अनचाही स्वास्थ्य समस्या से बचा जा सके।

मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश-“बच्चों की सुरक्षा सर्वाेच्च
अपर आयुक्त ने कहा मुख्यमंत्री जी, स्वास्थ्य मंत्री जी व आयुक्त महोदय अभियान की लगातार अपडेट ले रहे हैं। उनके सख्त निर्देश हैं कि हर घर की थाली शुद्ध रहे और हर बच्चे का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा राज्य सरकार बच्चों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सजग है। औषधि और खाद्य सुरक्षा से जुड़ी सभी गतिविधियों की कड़ी निगरानी की जा रही है। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण औषधियां ही आमजन तक पहुंचें, यह सुनिश्चित किया जा रहा है।

दीपावली से पहले खाद्य पदार्थों पर भी सख्त निगरानी
अपर आयुक्त व ड्रग कंट्रोलर ताजवर सिंह जग्गी ने बताया कि राज्य में दवाइयों के साथ ही खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ निरीक्षण और सैंपलिंग अभियान भी तेजी से चलाया जा रहा है। दीपावली पर्व को देखते हुए विभाग ने विशेष अभियान शुरू किया है, जिसके तहत राज्य की सीमाओं पर निगरानी बढ़ाई गई है, और मिठाइयों व खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच की जा रही है। उन्होंने कहा त्योहारों के समय मिलावटखोरी पर अंकुश लगाना हमारी प्राथमिकता है। विभाग की टीमें फील्ड में सक्रिय हैं और दोषी पाए जाने पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

एफ.डी.ए. की अपील
प्रेस वार्ता के अंत में अपर आयुक्त ने कहा कि एफ.डी.ए. की यह कार्रवाई सरकार की जनहित प्रतिबद्धता का हिस्सा है। उन्होंने कहा उत्तराखंड सरकार जनता के स्वास्थ्य को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। किसी भी स्तर पर लापरवाही या गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह अभियान प्रदेशव्यापी है और निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने आम जनता के साथ ही मीडिया के साथियों से भी सहयोग की अपील की। ताकि अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जा सके।

राइजिंग टिहरी का सीएम धामी ने किया शुभारंभ, अब गांवों में होगी जेईई-नीट की तैयारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश में आयोजित ’’सरस आजीविका मेले’’ में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सी.एल.एफ. हेतु 1.20 करोड़ रुपये की 12 आर्थिक गतिविधियों का लोकार्पण किया, इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 10 अन्य सी.एल.एफ. के लिए 1 करोड़ रुपये की प्रस्तावित आर्थिक गतिविधियों का शिलान्यास भी किया। उन्होंने आज Rising Tehri – Physics Wala Online Coaching Class का भी लोकार्पण किया गया है। इस कोचिंग क्लास में अब युवा जेईई और नीट आदि की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी अपने गाँव-घर में रहते हुए भी कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेले में ग्राम्य विकास विभाग और जिला प्रशासन द्वारा ’ग्रामोत्थान परियोजना’ के अंतर्गत की गई पहल की सराहना की।

मेले में बड़ी संख्या में उपस्थित स्वयं सहायता समूह के लोगों एवं ग्रामीण उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह मेला हमारे ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा, कौशल और उद्यमिता को प्रदर्शित करने का एक अनूठा प्रयास है। आजीविका मेलों के माध्यम से, जहाँ एक ओर स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने का एक उत्कृष्ट मंच मिलता है, वहीं ये मेले आदरणीय प्रधानमंत्री जी के ’’आत्मनिर्भर भारत’’ और ‘’वोकल फॉर लोकल’’ के मंत्र को भी साकार करने में सहायक सिद्ध होते हैं। ऐसे मेलों के माध्यम से हम ग्रामीण कारीगरों, महिला स्वयं सहायता समूहों, हस्तशिल्पियों, ग्रामीण उद्यमियों के साथ साथ कृषि उत्पादों और ग्रामीण कौशल को भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इस मेले में स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉल ’’स्वदेशी अपनाओ’’ के उस संदेश को आगे बढ़ा रहे हैं, जिसमें हमें अपने गाँव, अपने प्रदेश और अपने देश में बने उत्पादों को प्राथमिकता देने का संकल्प लेना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम स्वदेशी उत्पाद खरीदते हैं तो वो सिर्फ एक सामान की खरीद नहीं होती, बल्कि वो हमारे ग्रामीण कारीगरों, मातृशक्ति और उद्यमियों के सपनों में निवेश होता है। इसलिए स्वदेशी अपनाना न केवल हमारी संस्कृति और परंपरा को जीवित रखता है, बल्कि यह हमारे किसानों, हस्तशिल्पियों और स्थानीय उद्यमियों की आजीविका को भी सुरक्षित करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत की नींव स्वदेशी पर टिकी है। यह मेला उसी दिशा में एक सशक्त कदम है, जो हमारे स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का माध्यम बनेगा। प्रधानमंत्री जी के इस आव्हान को हमारी मातृशक्ति ने सबसे पहले आत्मसात किया और आज हमारे स्वयं सहायता समूहों की दीदियाँ अपने श्रम और कौशल से स्वदेशी उत्पादों को नए आयाम दे रही हैं। आप सभी से अपील करता हूँ कि इस मेले में लगे स्टॉल से स्वदेशी उत्पादों को खरीद कर ’’स्वदेशी अपनाओ’’ के अभियान को और मजबूती प्रदान करने के साथ महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब एक महिला आर्थिक रूप से सशक्त होती है तो वो न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे समाज को सशक्त बनाने का कार्य करती है। इसी को देखते हुए हमने ’‘लखपति दीदी योजना’’, ‘’मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’’ और ‘’मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना’’ के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष फोकस किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लखपति दीदी योजना के तहत अब तक हमारे राज्य की 1.65 लाख रुपए से अधिक महिलाओं ने लखपति बनने का गौरव प्राप्त किया है।साथ ही, ’’मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’’ के अर्तंगत महिलाओं द्वारा लगभग 2000 स्टाल लगाकर लगभग 5.5 करोड़ रुपये के विपणन ने उद्यमशीलता की एक नई मिसाल कायम की है। इतना ही नहीं, हमारी सरकार द्वारा लॉन्च किए गए ’‘हाउस ऑफ हिमालयाज’’ ब्रांड के माध्यम से भी हमारी बहनों द्वारा बनाए जा रहे विभिन्न स्थानीय उत्पाद अब विश्व के कोने-कोने तक पहुंच रहे हैं। राज्य में ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 68 हजार से अधिक स्वयं सहायता समूहों में 5 लाख से अधिक सदस्य जुड़े हैं, साथ ही, साढ़े सात हजार से अधिक ग्राम संगठन और 534 क्लस्टर स्तर के संगठन भी बनाए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार महिला किसानों को भी सशक्त बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। हमने फार्म लाइवलीहुड और महिला किसान सशक्तिकरण योजना के तहत राज्य की लगभग 3 लाख से अधिक महिला किसानों की क्षमता एवं कौशल का विकास करने का काम किया है। इसके अलावा हमने 2.5 लाख एग्रीन्यूट्री गार्डन और किचन गार्डन की स्थापना की है और लगभग 500 फार्म मशीनरी बैंक भी उपलब्ध कराए हैं। इतना ही नहीं हमारी सरकार राज्य की 5 हजार से अधिक महिला किसानों को आर्गेनिक खेती से जोड़ने का कार्य भी कर रही है। इन सभी प्रयासों के माध्यम से आज हमारे प्रदेश की महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।आज मातृशक्ति आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख रही हैं, जो इस सरस मेले में भी स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, स्वयं सहायता समूह के सदस्य, ग्रामीण उद्यमी तथा स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय और लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की कार्यवाही में तेजी लाएंः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में खेल विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को राज्य में खेल अवसंरचना के सुदृढ़ीकरण एवं युवाओं को खेलों के प्रति और अधिक प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के दौरान तैयार किए गए खेल अवसंरचना का नियमित रख-रखाव और उसके प्रभावी उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि राज्य में खेल गतिविधियों को निरंतर गति मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि इन परिसंपत्तियों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए राज्यभर में नियमित खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाए।

मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में प्रस्तावित खेल विश्वविद्यालय तथा लोहाघाट में बनने वाले महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की कार्यवाही में तेज़ी लाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन से प्रदेश के खिलाड़ियों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण सुविधाएं मिलेंगी, जिससे राज्य खेल क्षेत्र में नई पहचान बनाएगा।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने युवाओं में खेलों के प्रति उत्साह और भागीदारी बढ़ाने के लिए न्याय पंचायत स्तर से लेकर विधायक, सांसद एवं मुख्यमंत्री चौंपियनशिप ट्रॉफी जैसी प्रतियोगिताओं का भव्य आयोजन सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि खेल एवं युवा कल्याण विभाग अग्निवीर भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को भी आवश्यक सहयोग प्रदान करे।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि 39वें राष्ट्रीय खेलों के दृष्टिगत प्रदेश के खिलाड़ियों को और बेहतर प्रशिक्षण एवं संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को समयबद्ध रूप से पुरस्कार, छात्रवृत्ति एवं बीमा सुरक्षा के लाभ सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कहा कि खेल विभाग द्वारा निजी क्षेत्र एवं कॉरपोरेट जगत की भागीदारी से खेल अवसंरचना के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए, ताकि खेल सुविधाओं का विस्तार जन-जन तक हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए अनुभवी प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाए तथा राज्य में विभिन्न खेल अकादमियों की स्थापना से संबंधित कार्यों में गति लाई जाए। उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देना है।

बैठक में खेल मंत्री रेखा आर्या, उत्तराखंड राज्य स्तरीय खेल परिषद के उपाध्यक्ष हेमराज बिष्ट, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगोली, निदेशक खेल आशीष चौहान तथा खेल विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।