सरकार ने राजकीय सेवाओं में खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत खेल कोटे को पुनः लागू कियाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमाद्री आइस रिंक रजत जयंती खेल परिसर रायपुर, देहरादून में आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एशियन ओपन शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग ट्रॉफी-2025 के समापन समारोह में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने थाईलैंड को एशियन ओपन शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग चौंपियनशिप ट्रॉफी प्रदान की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देशभर से आए खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों का उत्तराखंड में स्वागत करते हुए कहा कि यह अत्यंत गर्व का विषय है कि भारत में प्रथम बार आयोजित हो रही शीतकालीन खेलों की इस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के आयोजन की मेजबानी का सुअवसर देवभूमि उत्तराखंड को प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में एशिया के 11 देशों से 200 से अधिक खिलाड़ियों ने 9 अलग-अलग प्रतिस्पर्धाओं में प्रतिभाग कर अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन द्वारा दर्शकों को रोमांचित करने का काम किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट खेल कौशल का प्रदर्शन करते हुए 4 स्वर्ण पदक सहित अनेकों पदक प्राप्त किए हैं। पूर्ण विश्वास है कि यह प्रतियोगिता भारत में शीतकालीन खेलों के नए युग की शुरुआत का प्रतीक बनेगी और हमारे खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल के प्रारंभ से ही खेलो इंडिया और फिट इंडिया मूवमेट जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में भारत खेलों के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है तथा वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है। उनके मार्गदर्शन में हमारी सरकार भी प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु निरंतर प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी वर्ष हमारे राज्य में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन ने उत्तराखंड को “देवभूमि के साथ ही “खेलभूमि” के रूप में भी स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया है। इन खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 103 पदक जीतकर पहली बार राष्ट्रीय खेलों में 7 वां स्थान प्राप्त कर एक नया इतिहास रचा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में 517 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक स्टेडियम बनाने के साथ ही लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल उपकरण लाकर उत्तराखंड में विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है। इसी का परिणाम है कि आज उत्तराखंड केवल राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के आयोजनों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बन रहा है। इसके साथ ही, आज ये विश्व स्तरीय स्टेडियम और खेल सुविधाएँ प्रदेश के खिलाड़ियों की ट्रेनिंग का एक मजबूत आधार बन चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने देवभूमि उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से ही वर्षों से बंद पड़ी इस हिमाद्रि आइस रिंक का जीर्णाेद्धार कर इसे पुनः खिलाड़ियों के लिए समर्पित किया है। यह देश की एकमात्र ओलिंपिक स्टैण्डर्ड आइस रिंक है, जिसमें खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन हेतु अत्याधुनिक व्यवस्थाएँ की गई हैं। आज 14 वर्षों के बाद पुनः इस रिंक पर अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन होना उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश के लिए गौरव की बात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार खेलों को बढ़ावा देने हेतु राज्य में स्पोर्ट्स लीगेसी प्लान भी लागू करने जा रही है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के 8 शहरों में 23 खेल अकादमियां स्थापित की जाएंगी। हम राज्य में प्रथम खेल विश्वविद्यालय और महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित करने की दिशा में भी तेजी से कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में खेलों के समग्र विकास और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने एक नवीन खेल नीति लागू की है। इस नीति के अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही, हमारी सरकार मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना तथा खेल किट योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य के उभरते हुए युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है। हम ‘उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार’ और ‘हिमालय खेल रत्न पुरस्कार’ प्रदान कर खिलाड़ियों की योग्यता को भी सम्मानित कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, हमने राज्य की राजकीय सेवाओं में खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत खेल कोटे को पुनः लागू कर दिया है, जिससे हमारे खिलाड़ियों के परिश्रम और उत्कृष्टता को उचित अवसर और सम्मान मिल सके।

इस अवसर पर विशेष सचिव अमित सिन्हा, आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष अमिताभ शर्मा व अन्य पदाधिकारी, एशियन स्केटिंग यूनियन, उत्तराखंड आइस स्केटिंग एसोसिएशन के पदाधिकारी,आयोजक और खेल विभाग के अधिकारी, खिलाड़ी व प्रशिक्षक सहित बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित थे।

सीएम ने पीएम मोदी व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का आभार किया व्यक्त

केंद्र सरकार द्वारा यूपीसीएल, उत्तराखण्ड द्वारा ऋषिकेश के गंगा कॉरिडोर में एच.टी./एल.टी. लाइनों के भूमिगत करण एवं एससीएडीए ऑटोमेशन हेतु कुल परियोजना लागत ₹547.73 करोड़ (समानांतर जीबीएस ₹493.05 करोड़ सहित) तथा पी.एम.ए. शुल्क @ 1.5% परियोजना लागत (₹8.22 करोड़, जिसमें जीबीएस ₹7.39 करोड़) के साथ योजना को स्वीकृति प्रदान की गई है

इस परियोजना के अंतर्गत ऋषिकेश के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एचटी/एलटी विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएगा, साथ ही SCADA ऑटोमेशन प्रणाली भी लागू की जाएगी, जिससे बिजली आपूर्ति में पारदर्शिता, निगरानी और त्वरित सुधार की क्षमता विकसित होगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश के गंगा कॉरिडोर क्षेत्र में विद्युत लाइनों के भूमिगत करण एवं ऑटोमेशन के लिए पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) द्वारा ₹547.73 करोड़ की परियोजना को अनुमोदित किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर का हार्दिक आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में केंद्र सरकार से अनुरोध किया था।
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ऋषिकेश जैसे आध्यात्मिक, पर्यटन और कुम्भ क्षेत्र के लिए यह परियोजना न केवल विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएगी, बल्कि नगर की सौंदर्यीकरण , सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उत्तराखण्ड सरकार इस परियोजना को समयबद्ध रूप से लागू करने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगी, जिससे प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण, सतत और सुरक्षित विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

देहरादून डीएम जनदर्शन में असहाय सुशीला को पेंशन; उपचार; मकान मरम्मत मौके पर ही

जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्टेªट में जनता दर्शन कार्यक्रम का  आयोजन किया गया। जनता दर्शन में आज 150 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई अधिकतर मामले भूमि विवाद सम्बन्धी प्राप्त हुए इसके अतिरक्त नगर निगम, एमडीडीए, लोनिवि, जिला पंचायत, पुलिस, वन, विद्युत आदि विभागों से सम्बन्धित प्राप्त हुई।
चुक्खुवाला निवासी सुशीला देवी ने डीएम से गुहार लगाई कि वह गरीब असहाय परितक्यता महिला है जो अपनी पुत्री के साथ मायके रहती है तथा मकान की हालत जीर्णशीर्ण है लगातार हो रही वर्षा से पानी टपकता है तथा आय का कोई साधन नही है बीमार रहती है उन्होंने जिलाधिकारी से घर मरम्मत कराने का अनुरोध किया, जिस पर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को घर के लिए आपदा मद से प्रस्तावित करने, मुख्य चिकित्साधिकारी को महिला के उपचार कराने तथा समाज कल्याण अधिकारी को महिला का उपचार कराने के निर्देश दिए।
भरत सिंह बुटोला प्रेमनगर ने गुहार लगाई कि उन्होंने वर्ष 2012 में सम्पत्ति क्रय कि अब भूमि पर कब्जा नही दिया जा रहा है जिस पर तहसीलदार विकासनगर को कार्यवाही के निर्देश दिए। कांसवाली प्रेमनगर निवासी शिव देवी ने गुहार लगाई बेटे द्वारा अंगूठा लगाकर सम्पत्ति अपने नाम  करवा ली है।
सावित्री देवी ने डीएम से गुहार लगाई की बेटा उनको घर से बाहर निकाल रहा है तथा बेटी अंजू को उसके पिता ने 1 बीघा भूमि दी थी तब भी बेटे द्वारा उनको और बेटी को परेशान किया जा रहा है जिस पर जिालधिकारी ने तहसीलदार विकासनगर को आख्या प्रस्तुत करने  के निर्देश दिए। बजुर्ग कलम सिंह कृषाली ने बेटे द्वारा प्रताड़ित करने की शिकायत की जिस पर उप जिलाधिकारी डोईवाला को भरणपोषण अधिनियम में कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। राजेेश्वरी देवी ने गुहार लगाई कि उनका बेटा एवं पोता दिव्यंाग है आर्थिक सहायता का अनुरोध किया गया।  
हरिपुर ऋषिकेश निवासी 85 वर्षीय बुजुर्ग भगवती प्रसाद ने गुहार लगाई की उनके घर पर नाली नही बना रहे हैं जिस पर डीएम ने जिला पंचायतराज अधिकारी, एएमएनए जिला पंचायत से आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त बद्रीपुर निवासियों द्वारा बंदर केे आतंक से निजात दिलाने, लखवाड़़ निवासी लदुर सिंह ने गुहार लगाई कि उनको बांध प्राभावित की अनुग्रहित मुआवजा राशि नही मिल पाई जिस पर एसएलएओ को आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
जनता दर्शन में अपर जिलाधिकारी वित्त एंव राजस्व के.के मिश्रा, अपर नगर आयुक्त नगर निगम रजा अब्बास, नगर मजिस्टेªट प्रत्युष सिंह, उप जिलाधिकारी अपूर्वा सिंह, विनोद कुमार, विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी स्मृता परमार, उप जिलधिकारी कुमकुम जोशी, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

आईएएस बंशीधर तिवारी ने स्वतंत्रता दिवस पर एमडीडीए में किया ध्वजारोहण

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) कार्यालय परिसर में गरिमामय ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने की। तिरंगा फहराते ही परिसर देशभक्ति के नारों और “वन्दे मातरम्” की गूंज से भर उठा।

इस अवसर पर एमडीडीए के सभी अधिकारी-कर्मचारी, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि और आम नागरिक मौजूद रहे। सभी ने स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों को नमन किया। कार्यक्रम के दौरान देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए गए और स्वतंत्रता दिवस की महत्ता पर चर्चा हुई। माहौल में देशभक्ति और एकजुटता की भावना साफ महसूस हो रही थी।

उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने अपने संबोधन में कहा स्वतंत्रता दिवस हमें केवल आज़ादी का जश्न मनाने का नहीं, बल्कि अपने कर्तव्यों को याद रखने का अवसर देता है। हमारे वीरों के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम अपने-अपने दायित्वों को ईमानदारी, निष्ठा और पूरी लगन से निभाएं। एमडीडीए का संकल्प है कि हम पारदर्शिता, नियमों का पालन और जनहित को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए शहर के सुनियोजित विकास के लिए कार्य करते रहेंगे।

कार्यक्रम का समापन मिठाई वितरण और आपसी सौहार्द के साथ हुआ। अधिकारी व कर्मचारियों ने देश की अखंडता और प्रगति के लिए मिलकर काम करने का संकल्प दोहराया।

सीएम धामी ने हजारों की संख्या में युवाओं, छात्र-छात्राओं, महिलाओं एवं बच्चों के साथ तिरंगा यात्रा का नेतृत्व किया

सीएम धामी ने गाँधी पार्क, देहरादून से जनप्रतिनिधियों, हजारों की संख्या में युवाओं, छात्र – छात्राओं, महिलाओं एवं बच्चों के साथ हाथ में तिरंगा लेकर ‘भारत मां की जयकार, वंदे मातरम’ की गूंज के साथ तिरंगा यात्रा का नेतृत्व किया। सीएम ने उपस्थित लोगों का उत्साहवर्धन किया, विशेषकर युवाओं का हौसला बढ़ाया। उन्होंने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान (13-15 अगस्त) का शुभारंभ भी किया। राष्ट्रभक्ति के गीतों की धुनों के बीच मुख्यमंत्री ने तिरंगा यात्रा का नेतृत्व किया। सीएम ने युवाओं का अभिनंदन करते हुए सभी को स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं भी दी। तिरंगा यात्रा को देख लग रहा था कि देहरादून की सड़कों पर समूचा भारत उमड़ पड़ा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि तिरंगा हमारी स्वतंत्रता, एकता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी नागरिकों से आग्रह किया कि इस स्वतंत्रता दिवस पर अपने घर, प्रतिष्ठान, कार्यस्थल और संस्थानों पर तिरंगा पूर्ण सम्मान एवं गौरव के साथ फहराएं। स्वाधीनता के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले अमर सेनानियों को स्मरण कर नमन करें।

सीएम धामी ने कहा कि तिरंगा यात्रा केवल यात्रा नहीं, बल्कि भारत माता, स्वाधीनता सेनानियों, शहीद सैनिकों, वीरांगनाओं एवं भारत के महान सपूतो के प्रति आभार व्यक्त करने अवसर भी है। उत्तराखंड का हर गांव, नगर, जनपद में भव्य तिरंगा यात्रा इसका उदाहरण है।

उत्तराखंड को योग एवं अध्यात्म की वैश्विक राजधानी बनाने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही सरकारः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारपुरम में योगा पार्क एवं अन्य विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने एआई चौटबॉट ‘निगम सारथी’ लॉन्च किया और हरित नीति के डोक्यूमेंट का अनावरण भी किया। मुख्यमंत्री ने पर एक पेड़ माँ नाम के नाम के तहत रूद्राक्ष का पौधा रोपा, जो सरकार द्वारा चलाये गये बृहद पौधारोपण अभियान के तहत नगर निगम क्षेत्र देहरादून के अन्तर्गत इस वर्ष रोपा गया एक लाखवां पौधा था। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वच्छता सम्मान सेनानियों और कर निरीक्षकों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नशा मुक्ति के लिए सामूहिक शपथ भी दिलाई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केदारपुरम में आधुनिक योगा पार्क के जरिए हम राजधानी देहरादून में स्वास्थ्य, खुशहाली और पर्यावरण को साथ लेकर चलने की दिशा में एक और मजबूत कदम उठा रहे हैं। यह योगा पार्क आने वाले समय में शहरवासियों के लिए न केवल आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि स्वास्थ्य, फिटनेस सहित सामाजिक गतिविधियों का भी एक प्रमुख केंद्र होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को योग एवं अध्यात्म की वैश्विक राजधानी बनाने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है। इसी उद्देश्य के साथ, इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रदेश में देश की पहली ’योग नीति’ लागू कर दी गई है। साथ ही राज्य में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक ’’स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन’’ की स्थापना भी की जा रही है। सरकार का प्रयास है कि योग लोगों की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बने, जिससे उनका शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास हो सके। इसी सोच के साथ केदारपुरम सहित अन्य पार्कों का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। इसी क्रम में, देहरादून को एक आधुनिक और विकसित शहर बनाने के लिए लगभग 14 सौ करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न विकास परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर वर्ष 2020 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रारंभ किए गए नशा मुक्त भारत अभियान की पांचवी वर्षगांठ भी मना रहे हैं। इस अभियान को सफल बनाने के लिए हम सभी को मिलकर नशे के खिलाफ एक बड़ी और निर्णायक जंग लड़नी होगी। नशा स्वास्थ्य और सामाजिक प्रतिष्ठा, दोनों को तो नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के लिए प्रत्येक स्तर पर कार्य कर रहे हैं, इस महत्वपूर्ण कार्य में जनभागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उसके बिना “ड्रग्स फ्री उत्तराखंड“ का हमारा सपना पूरा नहीं हो सकता। राज्य में पिछले 3 वर्षों में जहां मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त चार हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं 203 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की नशीली सामग्री भी जब्त की गई है। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे स्वयं भी नशे को पूरी मजबूती के साथ “ना“ कहें और अपने साथियों को भी नशे के लिए ’’ना’’ कहने के लिए प्रेरित करें। मुख्यमंत्री ने पुष्कर सिंह धामी ने कहा का राज्य सरकार ड्रग्स के कारोबार और इससे होने वाली कमाई के खिलाफ ’’जीरो टॉलरेंस’’ की नीति के अनुरूप कार्यवाही कर रही है। इसलिए ’’नशा मुक्त उत्तराखण्ड से नशा मुक्त भारत’’ बनाने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेगें।

कार्यक्रम में मेयर सौरभ थपलियाल ने नगर निगम देहरादून द्वारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों के बारे में जानकारी दी।

राज्यसभा सांसद डॉ. कल्पना सेनी ने इस अवसर पर उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा में पीड़ितों के पुनर्वास और राहत कार्यों के लिए एक माह का वेतन और अपने सांसद निधि से एक करोड़ रूपये निर्माण कार्य के लिए प्रदान करने की बात कही।

कार्यक्रम में विधायक उमेश शर्मा काऊ, सविता कपूर, सचिव श्रीधर बाबू अदांकी, नगर आयुक्त देहरादून नमामि बंसल, पार्षदगण एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

विकास कार्यों का विवरण

शिलान्यास
गांधी पार्क का विकास एवं सौंदर्यीकरण कार्य – 164.33 लाख।

नगर निगम टाउन हॉल का जीर्णाेद्धार एवं हाल के अंदर और मुख्य बिल्डिंग के बाहर एफआरपी कार्य- 232.50 लाख।

लोकार्पण
वार्ड 33 यमुना कॉलोनी में पार्क निर्माण कार्य – 139.49 लाख।

वार्ड 88 हरबाजवाला में मछली तालाब का रखरखाव, वनीकरण एवं वाकिंग ट्रैक निर्माण – 170.32 लाख।

वार्ड 58 डिफेंस कॉलोनी केदारापुरम में योगा पार्क का निर्माण एवं अन्य विकास कार्य – 437.07 लाख।

एमडीडीए उपाध्यक्ष ने अवैध निर्माणों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई के दिए निर्देश

प्रदेश में तेजी से फैल रहे अवैध निर्माणों के खिलाफ अब सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी कीमत पर सरकारी जमीनों पर अवैध निर्माण, अवैध कब्जा या प्लॉटिंग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी क्रम में मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ सख्त समीक्षा बैठक की।

बैठक में उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने साफ कहा कि सरकारी जमीनों पर अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी फील्ड अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सेक्टर्स वाइज सघन निरीक्षण कर अवैध निर्माणों को तत्काल चिन्हित करें और त्वरित कार्यवाही करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि प्राधिकरण का कोई अधिकारी लापरवाही करता पाया गया तो उसकी व्यक्तिगत जवाबदेही तय कर कार्रवाई की जाएगी। बैठक में कई निर्णायक फैसले लिए गए और साफ कहा गया कि अब कार्रवाई से ही व्यवस्था सुधरेगी।

बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय इस प्रकार हैं-

’अवैध निर्माणों पर रोक के लिए सचल दस्ता गठित’
एमडीडीए द्वारा अब सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सचल दस्ते गठित किए जाएंगे, जो विभिन्न सेक्टरों में सघन निरीक्षण कर अवैध निर्माणों पर निगरानी रखेंगे। हर क्षेत्र में दस्ते नियमित रूप से गश्त करेंगे और किसी भी गतिविधि पर तुरंत प्रतिक्रिया देंगे।

’सरकारी भूमि पर अवैध निर्माणों पर त्वरित कार्रवाई’
जहां कहीं भी सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा या निर्माण होता पाया गया, उस पर सीलिंग/ध्वस्तीकरण की कार्यवाही तत्काल की जाएगी।

’संवेदनशील और प्रतिबंधित क्षेत्रों में विशेष निगरानी’
गंगा नदी के किनारे, आईएमए, डीआरडीओ जैसे सुरक्षा महत्व के क्षेत्रों, और हाईटेंशन लाइन के नीचे हो रहे निर्माणों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

’व्यवसायिक भवनों में वाटर कन्जरवेशन अनिवार्य’
नवनिर्मित और पूर्व निर्मित व्यवसायिक इमारतों में वाटर कंजर्वेशन सिस्टम की जांच की जाएगी। जहां यह व्यवस्था नहीं मिलेगी, वहां आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

’अवैध प्लॉटिंग पर जनता को किया जाएगा जागरूक’
जिन सरकारी जमीनों पर अवैध प्लॉटिंग की गई है, वहां क्रय-विक्रय न हो इसके लिए आम जनता को जागरूक किया जाएगा। साथ ही, आवश्यक आरोपियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी।

उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इस अभियान में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं होगी और फील्ड स्तर पर निरंतर निगरानी और रिपोर्टिंग की व्यवस्था की जाए। यह अभियान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी शासन व्यवस्था की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जहां कानून का राज और जनहित सर्वाेपरि है।

प्रदेश के स्कूलों को जोड़कर सरकार नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान पर बना रही व्यापक नेटवर्क

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेशभर में नशा मुक्त उत्तराखंड अभियान प्रारंभ किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत राज्य के सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों को सक्रिय रूप से जोड़ा जा रहा है, ताकि बच्चों को प्रारंभिक अवस्था से ही नशे के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी दी जा सके और समाज में दीर्घकालिक बदलाव की नींव रखी जा सके। सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के माध्यम से प्रदेशभर में स्कूली छात्रों को केंद्र में रखकर जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सरकार की मंशा स्पष्ट है हम एक ऐसा उत्तराखंड बनाना चाहते हैं, जहाँ युवा पीढ़ी नशे से मुक्त, जागरूक और सशक्त हो। स्कूली छात्रों को केंद्र में रखकर शुरू किया गया यह जागरूकता अभियान इस दिशा में एक मजबूत कदम है।

इंडियन अकैडमी स्कूल में छात्रों के लिए विशेष व्याख्यान सत्र
इसी क्रम में आज देहरादून के नेहरू ग्राम स्थित इंडियन अकैडमी पब्लिक स्कूल में विशेष व्याख्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखंड के सहायक निदेशक डॉ. पंकज सिंह ने छात्रों को नशे के दुष्प्रभावों, लत लगने के जोखिमों तथा इससे बचाव के व्यावहारिक तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किशोरावस्था एक संवेदनशील दौर होता है और इस उम्र में नशे की ओर झुकाव जल्दी होता है। ऐसे में छात्रों को समय रहते जागरूक करना बेहद जरूरी है। डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि नशे की लत केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर भी गंभीर असर डालती है।

छात्रों से ह्यूमन चेन बनाने का आग्रह
डॉ. पंकज सिंह ने छात्रों से आह्वान किया कि वे इस जानकारी को अपने मित्रों, परिवारजनों और समुदाय के अन्य लोगों तक भी पहुचाएं, ताकि यह एक “ह्यूमन चेन” की तरह समाज में सकारात्मक संदेश फैला सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अभियान सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक निरंतर चलने वाली पहल है, जिसका उद्देश्य युवाओं में नशे के प्रति जागरूकता बढ़ाकर एक नशामुक्त उत्तराखंड की परिकल्पना को साकार करना है।

विद्यालय की भूमिका और छात्रों की सहभागिता
इस कार्यक्रम की सफलता में विद्यालय की निदेशक मुनेन्द्र खंडूरी की अहम भूमिका रही। प्रधानाचार्य नीलम शर्मा ने कहा माननीय मुख्यमंत्री जी की पहल से अब ज़मीनी बदलाव दिखाई देने लगे हैं। यदि स्कूलों से यह मुहिम शुरू होती है, तो इसका प्रभाव हर घर तक पहुंचेगा। हमारे छात्र ही समाज को नई दिशा दे सकते हैं।

छात्रों की प्रतिक्रियाएं
शिव थपलियाल (छात्र) ने कहा इस मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल सराहनीय है। हमें नशे से दूर रहना चाहिए ताकि भविष्य सुरक्षित रह सके।

नियती उनियाल (छात्रा) ने कहा इस कार्यशाला से बहुत महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलीं। हमें इस अभियान से जुड़कर अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करना चाहिए।

युवा पीढ़ी नशे से मुक्त, जागरूक और सशक्त हो
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस अवसर पर कहा हमारा प्रयास रहेगा कि यह मुहिम हर जिले, हर विद्यालय तक पहुंचे और एक जनांदोलन का रूप ले। उन्होंने आगे कहा इस अभियान में मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, शिक्षकों और अभिभावकों की सहभागिता से ही दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम सुनिश्चित किए जा सकते हैं। शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों में संवेदनशीलता एवं आत्मबल बढ़ाने वाले संवादों को प्रोत्साहित करें।

राज्य सरकार एक जनपद, दो उत्पाद योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका को बढ़ावा दे रहीः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डांडा नूरीवाला सहस्रधारा रोड, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹58.32 करोड़ लागत से बनने वाले ग्राम्य विकास भवन का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने परिसर में पौधारोपण भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्रामीण विकास विभाग के एकीकृत भवन के शिलान्यास पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह भवन ग्रामीण विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि लगभग 58 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इस भवन में विभाग की प्रमुख फ्लैगशिप योजनाएं एक ही परिसर में संचालित होंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एक जनपद, दो उत्पाद योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका को बढ़ावा देने के साथ हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से अपने पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रही है। उन्होंने बताया कि विश्व के प्रमुख देशों में भी राज्य के उत्पादों के निर्यात की योजना पर कार्य किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2027 तक 25 करोड़ रुपये के कारोबार को प्राप्त करना है, जिससे राज्य के हज़ारों युवाओं, महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूहों को स्थायी आजीविका से जोड़ा जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टेट मिलेट मिशन, फार्म मशीनरी बैंक, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, होम स्टे, वेड इन उत्तराखंड और सौर स्वरोजगार योजना जैसी पहलों के माध्यम से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। होम स्टे योजना के माध्यम से राज्य के दूरस्थ गांव भी अपनी विशिष्ट पहचान बना रहे हैं। लखपति दीदी योजना से प्रदेश की लाखों महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर योजना द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने धार्मिक, साहसिक, ईको-टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों को विकसित किया है। उन्होंने बताया कि राज्य को योग की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने के लिए देश की पहली योग नीति शुरू की गई है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से राज्य के चार गांवों – जखोल, हर्षिल, गूंजी और सूपी – को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में ग्रामीण विकास क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छता अभियान जैसी अनेक योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत किया गया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बना रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के सारकोट गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए गोद लिया था, जिसमें राज्य सरकार सफल हुई है। सारकोट के लोग पशुपालन, मशरूम उत्पादन, होम स्टे, मिलेट उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों के परिणामों में राज्य की सबसे युवा प्रतिनिधि के रूप में सारकोट की 21 वर्षीय प्रियंका नेगी प्रधान चुनी गई हैं। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही वे प्रियंका नेगी को आमंत्रित करेंगे और सारकोट सहित प्रदेश के अन्य गांवों के विकास के संबंध में चर्चा करेंगे।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार जिन योजनाओं का शिलान्यास करती है, उनका लोकार्पण भी करती है। उन्होंने कहा कि निश्चित ही जल्द इस भवन का लोकार्पण भी कर लिया जाएगा। यह भवन पहाड़ी शैली में बन रहा है। साथ ही इस नए भवन में सौर ऊर्जा की संपूर्ण व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि लखपति दीदी योजना में अब तक राज्य में 1 लाख 65 हजार लखपति दीदी बनाई गई हैं। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना अंतर्गत 30,678 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें से करीब 19,600 लोगों को रोजगार मिला है।

इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, सचिव राधिका झा, अपर सचिव अभिषेक रोहेला, अनुराधा पाल, झरना कमठान एवं ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

विद्यार्थी जीवन की चुनौतियों के समाधान को उच्च शिक्षण संस्थानों को कारगर प्रयास करने होंगेः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक कार्यक्रम में ‘सस्टेनेबल वेलनेस ऑफ स्टूडेंट्सः अ कलेक्टिव रिस्पॉन्सिबिलिटी इन हायर एजुकेशन‘ पुस्तक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों के मनोविज्ञान का ध्यान रखते हुए विद्यार्थी जीवन की चुनौतियों के समाधान की दिशा में विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षण संस्थाओं को कारगर प्रयास करना होगा। इस दिशा में पुस्तक के प्रकाशन की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने पुस्तक का हिन्दी संस्करण भी तैयार किए जाने की अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य में सबसे पहले नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने तथा उनके कौशल विकास के साथ ही छात्रों के कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों को ज्ञान के केन्द्र के साथ ही छात्रों के कल्याण के केन्द्र के रूप में भी विकसित करना होगा।

निदेशक उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड प्रो. कमल किशोर पांडे, कुमाऊं विश्वविद्यालय की डीएसबी परिसर की गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. लता पांडे तथा सेंटर फॉर पालिसी रिसर्च नई दिल्ली के निदेशक डा. रामानंद द्वारा संयुक्त रूप संपादित सस्टेनेबल वेलनेस ऑफ स्टूडेंट्सः अ कलेक्टिव रिस्पॉन्सिबिलिटी इन हायर एजुकेशन‘ पुस्तक में उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के कल्याण से संबंधित विभिन्न पहलुओं और इससे जुड़े हितधारकों की भूमिका को विस्तार से रेखांकित किया गया है।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ. देवेंद्र भसीन, डॉ. जयपाल चौहान, भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, महानिदेशक यू कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, डॉ. के डी पुरोहित मौजूद थे।