टिहरी डीएम ने जताई नाराजगी, बोले छोटे कस्बों के शुरू और अंतिम छोर पर पसरा रहता है कूड़ा

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में गंगा समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने एएमए जिला पंचायत को निर्देश दिए कि जनपद के छोटे कस्बों में कूड़े के निस्तारण के लिए ठोस कार्रवाई अमल में लाई जाए। इसके लिए पर्यावरण मित्रों की दो अलग-अलग टीमों के गठन के निर्देश दिए हैं। जिसमें से एक टीम डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन वह दूसरी टीम कूड़े के पृथकीकरण का कार्य करेगी। जिलाधिकारी ने एएमए को यह भी निर्देश दिए कि कूड़े के पृथकीकरण के बाद जैविक कूड़े से कमपोस्ट बनाई जा सके इस हेतु कंपोस्टिंग पीटो का निर्माण भी प्राथमिकता के आधार पर हो।
जिलाधिकारी ने नगर पालिकाओं के अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए कि गंगा वे गंगा प्रहरियों की बैठक तत्काल करते हुए बैठक के मिनट्स को उपलब्ध कराएं। जिलाधिकारी ने कहा कि कंडिसौड़, जाखणीधार व केम्पटी के जैसे बड़े कस्बो में कूड़ा के प्रबंधन की ठोस रूपरेखा तैयार करते हुए प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि जनपद हर छोटे कस्बों के शुरू एवं समाप्ति पर कूड़े के ढेर प्राय देखने को मिलते हैं जो कि निराशाजनक है। कहा कि कस्बो में पसरे कूड़े का निस्तारण करना अनिवार्य है ताकि जनपद को साफ और स्वच्छ रखा जा सके। इसके अलावा उन्होंने उपजिलाधिकारियों को कूड़े के सोर्स पृथकीकरण के दौरान नगर पालिकाओं-पंचायतो में उपस्थित रहते हुए लोगो में जागरूक करने के निर्देश दिए है। बैठक में डीएफओ कोको रोसे, परियोजना निदेश डीआरडीए भरत चंद्र भट्ट, ईई राजकीय सिंचाई, ऐ सी एम ओ डॉ० दीपा रुबाली, ऐ एमए जिला पंचायत आदि उपस्थित थे।

अच्छा प्रर्दशन करें तो निकायों को मिल सकती है 75 लाख की धनराशि

स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम में स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम तीन स्थान पाने वाले नगर निगम, नगर पालिका को क्रमशः 75, 50 एवं 25 लाख रूपये का पुरस्कार दिया जाएगा। यह घोषणा एक स्थानीय होटल में स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन तकनीकी एवं स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 विषय पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्याशाला में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यशाला उत्तराखण्ड में स्वच्छता कार्यक्रम के अभियान को मजबूती देगी। यह हमारे लक्ष्यों को पूर्ण करने में मददगार होगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम के लिए मानसिंकता में बदलाव की आवश्यकता, आम व्यक्ति की जागरूकता एवं सहभागिता से यह लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। ठोस अपशिष्ठ एवं प्रबन्धन की दिशा में आधुनिक तकनीक और शोध की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी के माध्यम से हम बडा से बडा लक्ष्य प्राप्त कर सकते है। सरकारी स्तर पर स्वच्छता कार्यक्रम की महत्ता को दर्शाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के प्रयासों को कर्मचारियों के वार्षिक प्रवृष्टि में अंकित किया जायेगा।
नगर विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि स्वच्छता कार्यक्रम में नवीन तकनीकी के प्रयोग हेतु स्थानीय निकायों को अपनी आमदनी बढाने के प्रयासों पर बल देना होगा। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि मार्च 2018 तक शत-प्रतिशत शौचालय ओडीएफ, डोर-टू-डोर कलेक्शन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा। इसके अतिरिक्त शत-प्रतिशत एलईडी का लक्ष्य प्राप्त किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम कि कार्य संस्कृति से अन्य नगर पालिका प्रभावित होती है। इसलिए नगर निगम की जिम्मदारी स्वच्छता के सन्दर्भ में अधिक है।
सचिव शहरी विकास राधिका झा ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वच्छता के कार्यक्रम को लेकर संवेदनशील है। जिलाधिकारियों को साप्ताहिक नगर आयुक्त एवं अधिशासी अधिकारियों, नगर निगम के साथ समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिये गये है। राज्य स्तरीय कार्यशाला में स्वच्छता विषय पर शपथ ली गई एवं स्वच्छता कार्यक्रम की एक मार्गदर्शिका पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता विषय के इनोवेटिव टेक्नोलाॅजी के प्रयोग सम्बन्धी देशभर के विशेषज्ञों द्वारा आयोजित प्रदर्शनी लगायी गयी है।