स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के परिवारों के प्रति उत्तराखंड सरकार समर्पितः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेशावर कांड की वर्षगांठ पर विकासखंड थलीसैंण के पीठसैंण में आयोजित राजकीय क्रांति दिवस मेले में प्रतिभाग किया। इस मौके पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को याद करते हुए कहा कि आजादी के वीर सिपाहियों के त्याग और बलिदान के कारण आज हम खुली सांस ले पा रहे हैं। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और देश की रक्षा में बलिदान देने वाले वीर जवानों के परिजनों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है।

पीठसैंण स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्मारक स्थल पर आयोजित राजकीय क्रांति दिवस मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इससे पहले उन्होंने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा पर पुष्प भी अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर दो मिनट का मौन रखकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में मारे गए निर्दाेष लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार इस नृशंस कृत्य का बदला अवश्य लेगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएगी।

मुख्यमंत्री ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड के साथ ही समूचे देश के गौरव हैं। पेशावर में निहत्थे लोगों पर गोली चलाने से इन्कार कर उन्होंने मानवता और नैतिकता का जो उदाहरण पेश किया, वह इतिहास में अमर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वीर गढ़वाली की स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और युवाओं को उनके आदर्शों से प्रेरित करने के लिए उनके जीवन पर आधारित कार्यक्रम चला रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की इस स्वर्णिम यात्रा में उत्तराखंड का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उत्तराखंड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है, हमें अपनी सैनिक परंपरा और देशभक्ति की विरासत पर गर्व हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वतंत्रता सेनानियों और देश की सरहद पर तैनात वीर जवानों के परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। शहीद सैनिकों के सम्मान में देहरादून में शौर्य स्थल का निर्माण किया गया है। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों के परिवारजनों को मिलने वाली अनुग्रह सहयोग राशि 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सैनिकों के परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी भी दी जा रही है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की पेंशन 21 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दी गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने समान नागरिकता संहिता कानून को लागू किया है। उन्होंने कहा जनभावना के अनुरूप सख़्त भू- कानून लाया गया है। नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद राज्य में 22 हजार से अधिक नियुक्तियां पारदर्शी तरीके से हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही है। चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली देश की चेतना, नैतिकता और मानवीय मूल्यों के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि इस महानायक ने मानवता की रक्षा के लिए अपने कैरियर और जीवन को दांव पर लगा दिया। उन्होंने युवाओं को वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के जीवन से प्रेरणा लेकर देशभक्ति, ईमानदारी और साहस के मार्ग पर चलने की अपील की। उन्होंने कहा विद्यालयी पाठ्यक्रम में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की जीवनी शामिल की जाएगी। थलीसैंण में एक भव्य ऑडिटोरियम और बूंगीधार में एक खेल का मैदान भी बनाया जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पीठसैंण में 100 गरीब व अनाथ बच्चों के लिए हॉस्टल बनकर तैयार हो गया है।

इस दौरान मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने थलीसैंण क्षेत्र में 10वीं व 12वीं के प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। वहीं विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों, उद्यमियों व पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। राजकीय क्रांति दिवस मेले में विभिन्न विभागों ने स्टॉल लगाकर उपस्थित लोगों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी।

इस अवसर पर दर्जाधारी राज्य मंत्री महेश्वर सिंह माहरा, राज्य सिंचाई सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष ऋषि कंडवाल, जिला पंचायत प्रशासक शांति देवी, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र शेठ, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पारुल गोयल, उपजिलाधिकारी श्रेष्ठ गुनसोला, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल किशोर रावत, वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली विकास समिति पीठसैंण जय सिंह रावत, वीरमणि पोखरियाल सहित भारी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।

बाबा बौखनाग मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा, सिलक्यारा टनल हुई ब्रेकथ्रू

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा सुरंग के ब्रेकथ्रू कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। गौरतलब है कि वर्ष 2023 में सिलक्यारा सुरंग निर्माण के दौरान 41 श्रमिक 17 दिनों तक भीतर फंस गये थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतर्गत सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। सिलक्यारा सुरंग चारधाम यात्रा की दृष्टि से महत्वपूर्ण परियोजना है। लगभग 1384 करोड़ लागत की डबल लेन की इस सुरंग परियोजना की लंबाई 4.531 किलोमीटर है। सुरंग निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 25 किलोमीटर तक कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा और समय की बचत होगी। इस परियोजना के पूर्ण होने से क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा टनल ब्रेकथ्रू के अवसर पर परियोजना से जुड़े सभी इंजीनियरों, तकनीकी विशेषज्ञों, श्रमिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर न केवल उन्नत इंजीनियरिंग की सफलता का प्रतीक है, बल्कि आस्था और समर्पण की शक्ति का जीवंत उदाहरण भी है। उन्होंने कहा कि सिलक्यारा टनल अभियान दुनिया का सबसे जटिल और लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन था। इससे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की। यह घटना तकनीकी और मानवीय संकल्प की वास्तविक परीक्षा थी, सभी ने एकजुट होकर इस अभियान को सफल बनाया। उन्होंने समस्त रेस्क्यू टीम, रैट माइनर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सहयोगी संस्थाओं का भी इस अभियान को सफल बनाने में आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिलक्यारा अभियान पर पूरी दुनिया की नजरें थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और भारत सरकार के पूर्ण सहयोग के चलते राज्य सरकार ने इस चुनौतीपूर्ण अभियान को सफलतापूर्वक संचालित किया। इस रेस्क्यू अभियान में देश और दुनिया में उपलब्ध आधुनिक संसाधनों और विशेषज्ञों का भी सहयोग लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों ने जिस धैर्य का परिचय दिया, इससे हमारा हौसला बढ़ा।

बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए घर से भेंट और पूजा सामग्री लेकर सिलक्यारा पहुंचे मुख्यमंत्री।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया। बौखनाथ मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए देहरादून स्थित अपने घर से मुख्यमंत्री भेंट और पूजा सामग्री लेकर सिलक्यारा पहुंचे। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं सिल्क्यारा अभियान के दौरान कैम्प कर रेस्क्यू अभियान की निरंतर निगरानी और निर्देशन किया था। रेस्क्यू अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग से मन्नत मांगते हुए मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था।

मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग से प्रदेश की खुशहाली और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि जब सुरंग के मुख पर बाबा बौखनाग को विराजमान किया, तभी फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाला जा सका। उस समय उन्होंने बाबा बौखनाग का भव्य मंदिर बनाने की घोषणा की थी। आज मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने से संकल्प भी पूरा हुआ है और श्रद्धालु भी बाबा बौखनाग का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि टनल निर्माण के दौरान 12 नवम्बर को अचानक हुए भूस्खलन में 41 श्रमिक इस सुरंग में फँस गए थे। उस समय देशभर से लोग इन श्रमिकों की कुशलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे। उस अँधेरी सुरंग में, जहाँ उम्मीद की किरणें भी धूमिल हो रही थी, बाबा बौखनाग ने पहाड़ों के रक्षक के रूप में शक्ति और विश्वास का संचार किया।

मुख्यमंत्री घोषणा

1. सिलक्यारा टनल का नाम बाबा बौखनाग के नाम पर किये जाने की कार्यवाही की जायेगी।
2. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गेंवला-ब्रह्मखाल को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाया जायेगा।
3. बौखनाग टिब्बा को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा।
4. स्यालना के निकट हेलीपैड का निर्माण किया जायेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, विधायक सुरेश चौहान, दुर्गेश्वर लाल, संजय डोभाल, प्रबंध निदेशक एन.एच.आई.डी.सी.एल डॉ. कृष्ण कुमार, जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, एसपी सरिता डोभाल, जनप्रतिनिधिगण और अधिकारीगण उपस्थित थे।

नजरियाः कर्णप्रयाग में सीएम ने वर्चुअल संबोधन में की अनेक घोषणा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून से वर्चुअल माध्यम से कर्णप्रयाग (चमोली) में आयोजित बैशाखी धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक एवं विकास मेला-2025 को संबोधित किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कर्णप्रयाग में सरस्वती शिशु मन्दिर से बाजार की ओर पिण्डर नदी पर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य करवाए जाने। कर्णप्रयाग में बाजार के समीप एक पार्किंग का निर्माण किए जाने। नंदा देवी राजजात यात्रा को देखते हुए कनखुल टैक्सी स्टैण्ड के समीप बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण किए जाने। शिमली में मोटर पुल के समीप पार्किंग का निर्माण किए जाने। राजकीय इंटर कॉलेज से सांकरीसेरा, पलेठी एवं पाडली तक सड़क का निर्माण कराए जाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती एवं वैशाखी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वो स्वयं सभी के मध्य उपस्थित होकर इस विशिष्ट मेले का साक्षी बनना चाहते थे, लेकिन पूर्व निर्धारित शासकीय व्यस्तताओं के कारण वर्चुअल माध्यम से ही जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा इस प्रकार के मेले क्षेत्र की आर्थिकी को मजबूत करने के साथ प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने का काम करते हैं। मेले हमारे समाज को जोड़ने के साथ ही लोक कलाकारों को एक सम्मानित मंच भी प्रदान करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार आपदा पीड़ित परिवारों के साथ हर कदम पर खड़ी है। उन्होंने कहा आपदा पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश के चहुँमुखी विकास हेतु निरंतर कार्य कर रही है। चारधाम सड़क परियोजना, विभिन्न पर्वतीय नगरों को हेली सेवा से जोड़ना, सरकारी हेली एंबुलेंस की शुरुआत, एवं प्रदेश के कोने-कोने में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और पेयजल से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कार्य तेजी से आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के पूर्ण होने से पहाड़ों में रेल पहुंचाने का सपना भी साकार होने जा रहा है। जिससे कर्णप्रयाग सहित पूरे क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं बढ़ेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार विकास कार्यों के साथ प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में कार्य कर रही है। केदारनाथ धाम में करोड़ों की लागत से वृहद स्तर प पुनर्विकास के कार्य किए जा रहे हैं। बद्रीनाथ धाम में 424 करोड़ रूपए की लागत से मास्टर प्लान के अंतर्गत विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। बाबा केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे निर्माण की भी स्वीकृति भारत सरकार से प्रदान हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष कर्णप्रयाग के नौटी गांव से मां नंदा देवी की राजजात यात्रा प्रारंभ होगी, जिसके लिए राज्य सरकार अभी से तैयारियों में जुट गई है। उन्होंने कहा इस बार की राजजात यात्रा को हम सब मिलकर और अधिक भव्य और दिव्य रूप में मनाएंगे। पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य गतिमान है। एक जनपद-दो उत्पाद योजना, लखपति दीदी योजना के माध्यम से प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, एवं पर्यटन और कृषि क्षेत्र में भी नई संभावनाओं के द्वार खुल रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने लक्ष्मीनारायण घाट रुड़की में किया मां गंगा आरती का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुड़की में लक्ष्मीनारायण मंदिर, उत्तरी गंगनहर स्थित लक्ष्मीनारायण घाट पर आयोजित मां गंगा आरती का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने पूर्ण विधि विधान के साथ नवसंवत्सर चौत्र नवरात्रि के अवसर पर मां गंगा की आरती के शुभारंभ को मां गंगा के प्रति हमारी आस्था का प्रतीक बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मां गंगा का उद्गम क्षेत्र होने के नाते गंगा की पावनता के प्रति भी हम सबको समेकित प्रयास करने होंगे।

इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा के साथ ही मंदिर समिति के सदस्य एवं स्थानीय जनता उपस्थित थी।

प्रधानमंत्री ने शीतकालीन पर्यटन के साथ शीतकालीन साहसिक खेलों को दिया बढ़ावा, अपील भी की

राज्य में शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने एवं गंगोत्री धाम के शीतकालीन गद़्दी स्थल उत्तरकाशी के मुखवा गांव में मां गंगा के दर्शन करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को हर्षिल, उत्तरकाशी में शीतकालीन पर्यटन कार्यक्रम के तहत 2 मोटर बाइक रैली एवं 2 ट्रैक रूट दलों को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने धार्मिक पर्यटन के साथ शीतकाल के समय उत्तराखंड में होने वाले साहसिक खेलों को भी बढ़ावा दिया। जिसके तहत उन्होंने नेलांग, जादुंग, सोनम एवं पीडीए घाटी के अद्भुत और अनछुए पर्यटन गंतव्यों के लिए साहसिक पर्यटन अभियानों का फ्लैग ऑफ किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल से पी.डी.ए मोटर बाईक-।ज्ट-त्ज्ट रैली के 21 सदस्यों (भारतीय सेना) के दल एवं हर्षिल-जादुंग मोटर बाइक रैली के 18 सदस्यों ( उत्तराखंड पर्यटन) के दल को फ्लैग ऑफ किया। साथ ही उन्होंने नीला पानी-मुलिंग ला पास ट्रैक के 15 सदस्यों (आई.टी.बी.पी) के दल एवं जादुंग-जनकताल ट्रैक पर जा रहे 22 सदस्यों ( एन.आई.एम ) के दल का भी फ्लैग ऑफ किया।

मोटर बाईक-।ज्ट-त्ज्ट रैली (हर्षिल – पी.डी.ए), मोटर बाइक रैली (हर्षिल-जादुंग) मोटर बाइक रैली नेलांग, जादुंग, सोनम एवं पी.डी.ए वैली में आयोजित की जा रही है। इन घाटियों की भौगोलिक स्थिति लद्दाख की भांति है। जिसका उद्देश्य लद्दाख वैली की तर्ज पर उत्तराखंड के हर्षिल क्षेत्र को देश का बड़ा मोटर बाईक डेस्टिनेशन बनाया जाना है।

नीलापानी-मुलिंग ला पास ट्रैक एवं जादुंग-जनकताल ट्रैक रूट गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में स्थित है तथा भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना बाईब्रेन्ट विलेज प्रोग्राम के अन्तर्गत सम्मिलित है। जो ईनर लाईन क्षेत्र में पड़ते है, जहाँ पर आवागमन हेतु ईनर लाईन परमिट की आवश्यकता होती है। उक्त क्षेत्र को पुनः बसायत किये जाने हेतु पर्यटन विभाग द्वारा जादंग में होमस्टे बनाये जा रहे हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय निवासियों के रोजगार एवं आजीविका के विकास का सृजन किया जाना है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड में कोई ष्ऑफ-सीजनष् नहीं होना चाहिए और पर्यटन को हर मौसम में फलना-फूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, पहाड़ों में पर्यटन मौसमी है, जिसमें मार्च, अप्रैल, मई और जून के दौरान पर्यटकों की अच्छी-खासी आमद होती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसके बाद पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आती है, जिससे सर्दियों के दौरान अधिकांश होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे खाली हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस असंतुलन के कारण उत्तराखंड में साल के एक बड़े हिस्से में आर्थिक ठहराव बना रहता है और पर्यावरण के लिए भी चुनौतियां पैदा होती हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा सर्दियों के दौरान उत्तराखंड की यात्रा करने से देवभूमि की दिव्य आभा की सच्ची झलक मिलती है। उन्होंने कहा विंटर टूरिज्म में यहां, लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटीज का रोमांच, सचमुच में रोमांचित कर देगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में धार्मिक यात्राओं के लिए सर्दियां विशेष महत्व रखती हैं, क्योंकि इस दौरान कई पवित्र स्थलों पर अनोखे अनुष्ठान किए जाते हैं। उन्होंने मुखवा गांव में होने वाले धार्मिक समारोहों को क्षेत्र की प्राचीन और महत्वपूर्ण परंपराओं का अभिन्न अंग बताया।

ग्रामोत्थान परियोजना चमोली में महिलाओं की आजीविका को कर रही मजबूत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चमोली जनपद में ग्रामोत्थान परियोजना ग्रामीणों की आर्थिकी को मजबूत कर रही है। जिले में योजना के तहत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिससे ग्रामीण घर पर बैठकर ही अपनी आय को मजबूत कर रहे हैं।

जिला परियोजना प्रबंधक ममराज सिंह चौहान ने बताया कि ग्रामोत्थान परियोजना के तहत जनपद में 25 क्लस्टर लेवल फेडरेशन बनाई गई है। जिनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी, पालन, डेयरी यूनिट, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, कुक्कुट पालन, ब्यूटी पार्लर, सिलाई सेंटर, रिटेल शॉप, फर्नीचर निर्माण, ढाबा, रेस्टोरेंट, फूड प्रोसेसिंग यूनिट जैसे उद्यमों का संचालन किया जा रहा है। जिससे ग्रामीण अपनी आजीविका को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत जनपद में कृषि आधारित योजनाओं में 53, गैर कृषि आधारित उद्यम में 55 तथा एक्ट्रीम व अल्ट्रा पुअर योजना के तहत 300 ग्रामीणों को लाभान्वित किया गया है। योजना की जानकारी देते हुए बताया कि कृषि आधारित व व्यक्तिगत उद्यम योजना में परियोजना की ओर से 30 प्रतिशत तथा लाभार्थी की ओर से 20 प्रतिशत का अंशदान किया जाता है। जबकि शेष धनराशि बैंक ऋण के माध्यम से प्रदान की जाती है। जिससे ग्रामीण उद्यम की स्थापना कर सकता है।

क्या कहते हैं लाभार्थी-

केस-1

टंगसा गांव निवासी मंजू देवी का कहना है कि ग्रामोत्थान परियोजना की मदद से उन्होंने व्यक्तिगत उद्यम योजना के तहत वर्ष 2024-25 में मिनी डेयरी का उद्यम स्थापित किया। जिससे उनको आर्थिक रूप से मजबूती मिली है। बताया कि प्रतिदिन मिनी डेयरी से वे 22 लीटर दूध का विपणन कर 18 से 20 हजार तक की आय प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से संचालित योजना से उन्हें आर्थिक मजबूती मिली है।

केस-2

कुजौं-मैकोट निवासी अमिता देवी का कहना है कि ग्रामोत्थान परियोजना के सहयोग से उन्होंने गांव में रिटेल शॉप स्थापित की। जिसके माध्यम वर्तमान में घर पर ही रहते हुए 10 हजार रुपये प्रतिमाह शुद्ध आय प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने योजना को गरीब तबकी की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कारगर बताया है।

पूरा हुआ माणा हिमस्खलन के सर्च और रेस्क्यू अभियान

चमोली जिले के माणा क्षेत्र में 28 फरवरी को हुए हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों के लिए चलाया गया सर्च और रेस्क्यू अभियान पूरा हो चुका है। इस आपदा में कुल 54 श्रमिक प्रभावित हुए, जिनमें से 46 को सुरक्षित निकाल लिया गया, जबकि दुर्भाग्यवश 8 श्रमिकों की मृत्यु हो गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ, पुलिस, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने अदम्य साहस और समर्पण का परिचय दिया। विपरीत परिस्थितियों में सर्च और रेस्क्यू अभियान चलाकर 46 जिंदगियां बचाई गईं। दुर्भाग्यवश 8 लोगों को नहीं बचा पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह लगातार पूरे ऑपरेशन की जानकारी लेते रहे।

मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू अभियान में सेना, आई.टी.बी.पी., बी०आर०ओ०., राज्य आपदा प्रबंधन विभाग, एन०डी०आर०एफ, एस०डी०आर०एफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायु सेना, यूकाडा, अग्निशमन विभाग, खाद्य विभाग, बी०एस०एन०एल०, ऊर्जा, अग्निशमन विभाग द्वारा प्रदान की गई महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए उनके योगदान की सराहना की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल में भर्ती घायल श्रमिकों की चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। सरकार पूरी तरह प्रभावितों के साथ खड़ी है और हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। मृतक श्रमिकों के पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने भविष्य में इस तरह के घटनाओं में नुकसान कम से कम हो इसके लिए हिमस्खलनों के निगरानी का तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए हैं।

घटनाक्रम

दिनांक 28.02.2025 को समय प्रातः 8ः30 बजे लगभग तहसील- जोशीमठ के अंतर्गत माणा गेट बी०आर०ओ० कैम्प के समीप बी०आर०ओ० के गजदूर कार्य कर रहे थे, इस दौरान हिमस्खलन होने से मजदूर फंस गये थे। पूर्व में श्रमिकों की संख्या 55 बताई गई थी। दूरभाष पर संपर्क करने पर ज्ञात हुआ है कि पूर्व से ही एक श्रमिक बिना बताये अपने घर चला गया था। इस प्रकार प्रभावित/फंसे श्रमिकों की कुल वास्तवित संख्या 54 है। क्षति का विवरण निम्नवत् है-

हिमस्खलन में फंसे कुल मजदूर (सिविलियन) -54

सुरक्षित 46

मृतक श्रमिक 08

जोशीमठ में उपचाराधीन श्रमिक -44
एम्स ऋषिकेश में उपचाराधीन श्रमिक-02

युद्धस्तर पर संचालित किये गये राहत एवं बचाव कार्य

आज दिनांक 02.03.2025 को खोज एवं बचाव दलों द्वारा वृहद स्तर पर रेस्क्यू अभियान संचालित किया गया। इस दौरान 04 श्रमिकों के शव बरामद हुए। 04 श्रमिकों के शव विगत् दिवस बरामद हुए थे। इस प्रकार कुल 08 श्रमिकों के शव बरामद किये जा चुके हैं।

बदरीनाथ/माणा से सुरक्षित रेस्क्यू किये गए 46 श्रमिकों में से 44 श्रमिकों को ज्योतिर्मठ स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनकी स्थिति सामान्य बतायी गयी है। उनके उपचार की समुचित व्यवस्था की गयी है तथा उनकी जरूरतों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।

02 श्रमिकों का उपचार एम्स ऋषिकेश में किया जा रहा है। एम्स प्रशासन के अनुसार उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है।

07 मृतक श्रमिकों का रविवार को पोस्टमार्टम कर उनके पार्थिव शरीर को उनके घर रवाना कर दिया है।

अभियान में प्रयुक्त तकनीक और संसाधन

रेस्क्यू अभियान को गति देने के लिए आज दिनांक 02.03.2025 को ळच्त् ( ळतवनदक च्मदमजतंजपदह तंकंत) जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची, जिसे एम०आई०-17 हैलीकाप्टर द्वारा घटना स्थल के लिए भेजा गया । एन०डी०आर०एफ० द्वारा थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, त्त्ै।ॅ ( त्व्ज्।त्ल् त्म्ैब्न्म् ै।ॅ), एवलांच रॉड, डॉग स्क्वाड को घटना स्थल पर भेजा गया तथा इनके माध्यम से व्यापक स्तर पर रैस्क्यू अभियान संचालित किया गया। एस०डी०आर०एफ० तथा यू०एस०डी०एम०ए० द्वारा थर्मल इमेजिंग कैमरा, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा भी मौके पर भेजे गए तथा इनके द्वारा भी लापता श्रमिकों की खोज की गयी।

वायु सेवा का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर, तीन चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखण्ड सरकार के 02 हेलीकॉप्टर, एम्स ऋषिकेश से एक एयर एंबुलेंस द्वारा राहत एवं बचाव कार्य में सहयोग किया गया।

प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने रखी नजर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पूरे ऑपरेशन पर नजर बनाए रखी। उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से फोन पर सारी जानकारी ली और केंद्र से हर प्रकार की सहायता के प्रति आश्वस्त किया। पीएमओ और गृह मंत्रालय का राज्य सरकार से लगातार समन्वय रहा।

सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद गए ग्राउंड जीरो पर, आपदा कंट्रोल रूम से लगातार की मॉनिटरिंग

पूरे सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लगातार नजर बनाए रखी।मुख्यमंत्री द्वारा इस रेस्क्यू अभियान के दौरान चार बार एस०ई०ओ०सी० पहुंचकर खोज एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की गयी। वे ज्योर्तिमठ भी गए और सर्च और रेस्क्यू कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने पूरे क्षेत्र का हवाई निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री के निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी के साथ समुचित समन्वय किया गया, लगातार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से नियमित तौर पर पूरे घटनाक्रम की निगरानी की गई तथा सभी विभागों के आपसी समन्वय से युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया गया।गंभीर रूप से घायल श्रनिकों के उपचार का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

माणा समीप घटना पर पीएम ने फोन पर मुख्यमंत्री से की बात, हर संभव मदद का भरोसा दिया

माणा के पास हिमस्खलन की चपेट में आए 17 अन्य श्रमिकों का शनिवार सुबह रेस्क्यू कर लिया गया है। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। अब तक कुल 50 श्रमिकों का रेस्क्यू किया जा चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस रेस्क्यू अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। शनिवार को सुबह माननीय मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण किया और ज्योतिर्मठ में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि 05 श्रमिकों की खोजबीन के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान संचालित किया जा रहा है।

घटनास्थल का निरीक्षण कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सीधे यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रेस्क्यू अभियान को लेकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि राहत और बचाव दलों ने सराहनीय कार्य करते हुए अब तक 50 लोगों का रेस्क्यू कर लिया है। हिमस्खलन में फंसे 05 और श्रमिकों की खोजबीन के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर रेस्क्यू अभियान को लेकर अपडेट लिया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए चिंतित हैं और नियमित अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे सहयोग के लिए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री तथा रक्षा मंत्री का आभार जताया।

उन्होंने बताया कि 05 कंटेनरों को ट्रेस कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने में राहत और बचाव दलों को सफलता मिली है। अत्यधिक बर्फ होने के कारण 03 कंटेनर ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं। आर्मी, आईटीबीपी द्वारा इन कंटेनरों का पता लगाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। कंटेनरों की तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डाग्स की तैनाती की गई है। आर्मी की 03 टीमों द्वारा सघन पेट्रोलिंग की जा रही है। दिल्ली से सेना की जीपीआर रडार ;ग्राउण्ड पेनीट्रेशन रडारद्ध मंगवाई गई है, जो बर्फ के अंदर कंटेनरों को ट्रेस करने में मदद करेगी।

उन्होंने बताया कि घायल श्रमिकों के इलाज के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। माणा और ज्योतिर्मठ में सेना के अस्पताल में घायल श्रमिकों का उपचार किया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के साथ ही स्थानीय सीएचसी और पीएचसी को एलर्ट पर रखा गया है। इस अवसर पर सलाहकार समिति, आपदा प्रबन्धन विभाग के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला, डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, सचिव पंकज कुमार पाण्डेय, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, जीओसी उत्तराखण्ड सब-एरिया मेजर जनरल प्रेम राज, आईटीबीपी के आईजी संजय गुंज्याल, आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र राजीव स्वरूप, यूएसडीएमए के एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक अभिषेक आनंद, जेसीईओ मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।

सड़क निर्माण के कार्य कर रहे श्रमिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजें-सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उन्होंने शनिवार सुबह बदरीनाथ क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि वहां पर अत्यधिक बर्फबारी हो रही है तथा 06 से 07 फीट तक बर्फ जमा है। उन्होंने आने वाले दिनों में हिमस्खलन की संभावना के दृष्टिगत जिन स्थानों में श्रमिक कार्य कर रहे हैं, वहां से उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास को एवलांच की संभावनाओं के दृष्टिगत एडवाइजरी जारी करने को कहा।

जल्द बहाल की जाए संचार व्यवस्था-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए कि भारी बर्फबारी के कारण जिन गांवों से सम्पर्क नहीं हो पा रहा है, उनसे तुरंत सम्पर्क किया जाए। प्रशासन की टीम को वहां भेजा जाए और उन्हें जिन चीजों की आवश्यकता हो, तुरंत भेजी जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां राशन, दवाइयों के साथ ही अन्य जरूरी सामग्रियों की उपलब्धता है। उन्होंने बदरीनाथ क्षेत्र में संचार व्यवस्था, फोन तथा इंटरनेट को तुरंत बहाल करने और जिन क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बाधित हो गई है, वहां सेटेलाइट फोन भेजने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जिन गांवों में बिजली बाधित है, वहां जल्द विद्युत व्यवस्था को बहाल करने के निर्देश दिए हैं।

औली के रिसोर्ट में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजें
अत्यधिक बर्फबारी के कारण हिमस्खलन की संभावनाओं के मद्देनजर औली, हर्षिल आदि अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों के विभिन्न रिसार्ट में रह रहे सैलानियों को सुरक्षा के दृष्टिगत सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा। माननीय मुख्यमंत्री ने सैलानियों से अगले तीन दिन इन क्षेत्रों में यात्रा न करने की अपील की है। साथ ही स्थानीय प्रशासन को सुरक्षा के दृष्टिगत सभी जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।

अलकनंदा में पानी जम रहा, मा0 मुख्यमंत्री ने रेकी के निर्देश दिए
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि हवाई सर्वेक्षण के दौरान उन्हें यह आभास हुआ कि भारी बर्फबारी के कारण अलकनंदा नदी जम सी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रेकी कर इसकी जांच की जाए कि कहीं इससे कोई खतरा तो नहीं हैघ् उन्होंने विशेषज्ञ संस्थानों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने तथा यदि कोई खतरे की स्थिति हो तो तुरंत सुरक्षात्मक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने एरियर सर्वे, मैनुअल सर्वे तथा सेटेलाइट सर्वे कर जल्द रिपोर्ट देने को कहा है।

रेस्क्यू अभियान की स्वयं निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विगत दिवस से लगातार रेस्क्यू अभियान की स्वयं निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। दिनांक 28 फरवरी 2025 को दो बार मुख्यमंत्री द्वारा राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का भ्रमण किया गया। शुक्रवार रात को भी मा0 मुख्यमंत्री ने कंट्रोल रूम पहुंचकर इस पूरे अभियान की समीक्षा की। वहीं शनिवार को घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण करने के उपरांत मुख्यमंत्री सीधे कंट्रोल रूम पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की।

संचार व्यवस्था क्यू.डी.ए से की जा सकती है बहाल-रिद्धिम
बैठक में आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि जिन स्थानों में संचार सेवाएं बाधित हो गई हैं, वहां क्यू.डी.ए ;क्विक डिप्लायमेंट एंटीनाद्ध स्थापित कर संचार व्यवस्था को बहाल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ द्वारा बर्फ के कारण अवरुद्ध मार्गों को खोलने का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है।

युद्धस्तर पर संचालित है रेस्क्यू अभियान, कंट्रोल रूम से हो रही मॉनीटरिंग
आज दिनांक 01 मार्च 2025 को वायु सेवा का एक एम.आई.-17 हेलीकॉप्टर, तीन चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखण्ड सरकार के 02 हेलीकॉप्टर, एम्स ऋषिकेश से एक एयर एंबुलेंस राहत एवं बचाव कार्य में लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने आवश्यकता पड़ने पर और अधिक हेलीकॉप्टर लगाए जाने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को दोपहर 03 बजे तक माणा/बद्रीनाथ से रेस्क्यू किये गये लोगों में से 29 लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से जोशीमठ लाया गया, जिनका उपचार आर्मी हॉस्पिटल में किया जा रहा है।

राहत एवं बचाव कार्य में बद्रीनाथ में लगभग 200 लोग कार्य कर रहे हैं। इनमें आपदा प्रबंधन सेना, आइ.टी.बी.पी. बी0आर0ओ0, एन0डी0आर0एफ, एस0डी0आर0एफ, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, वायु सेवा यूकाड़ा, अग्निशमन विभाग, खाद्य विभाग, द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है।माणा स्थित आर्मी बेस कैम्प के पास आर्मी हैलीपैड़ को तैयार कर लिया गया है। बद्रीनाथ स्थित आर्मी हैलीपैड़ पर 6-7 फीट बर्फ है जिसे हटाये जाने की कार्यवाही की जा रही है। बद्रीनाथ के पास बर्फबारी के कारण अभी भी 5-6 कि0मी0 रास्ता बंद है, जिसे खोलने के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री के निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा सभी के साथ समुचित समन्वय किया जा रहा है। लगातार राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के माध्यम से नियमित तौर पर पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है तथा सभी विभागों के आपसी समन्वय से युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है। लामबगड़ से आगे कई स्थानों पर रास्ता बंद होने के कारण रैस्क्यू टीमों को घटना स्थल पर जाने में परेशानी हो रही है।

मुख्यमंत्री के प्रभावी नेतृत्व, कुशल मार्गदर्शन एवं प्रबन्धन में सभी विभाग पूरी निष्ठा, समर्पण तथा प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। राहत टीमें पूरे उत्साह के साथ ग्राउंड जीरो पर राहत और बचाव कार्यों को संचालित कर रही हैं।

पौड़ी में तीन दिवसीय शहीद मेले का सीएम ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी के दुगड्डा पार्क में तीन दिवसीय शहीद मेले का शुभारंभ किया। कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री ने दुगड्डा में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद, स्व. बलदेव सिंह आर्य और स्व. भवानी सिंह रावत की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास के लिए कई घोषणाएं की गई। जिसमें नगर पालिका दुगड्डा के क्षेत्रान्तर्गत एक आधुनिक बहुउद्देशीय भवन का निर्माण। नगर पालिका के लिए एक आधिकारिक वाहन की व्यवस्था। भवानी सिंह रावत शहीद स्मृति स्थल का संरक्षण, सौंदर्यीकरण एवं पुनर्निर्माण नगर पालिका द्वारा किया जाएगा। नगर पालिका परिषद दुगड्डा क्षेत्रान्तर्गत निराश्रितों के लिए एक स्थायी रैन बसेरा का निर्माण किए जाएगा। दुगड्डा नगर में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का विकास एवं इसका नाम स्व. श्री मोहनलाल बौंठियाल के नाम पर रखा जाएगा। दुगड्डा ब्लॉक में एक मिनी स्टेडियम की स्थापना की जाएगी। फतेहपुर में सिलगाड नदी पर पुल का निर्माण कराया जाएगा। मटियाली में सिद्धबाबा मंदिर का सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य कराए जाने की घोषणाएं की।

मुख्यमंत्री ने अमर शहीदों के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका साहस और बलिदान हमें देश की सेवा में समर्पण और कर्तव्य का मार्गदर्शन देता है। इस प्रकार के आयोजन हमारे इतिहास और संस्कृति के प्रति युवाओं को जागरूक करते हैं, जिनसे हमें शहीदों के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधाममंत्री के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम की गौरवशाली गाथाओं का नई पीढ़ी को पुनः स्मरण कराने के लिए पूरे देश में स्मारकों और संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा ऐसे वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, सैनिकों व उनके परिवारों के कल्याण के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की गयी है। इस कड़ी में उत्तराखंड का पांचवा धाम सैनिक धाम देहरादून के गुनियाल गांव में बनाया जा रहा है। सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को स्वास्थ्य सेवाओं और आवासीय योजना में भी प्राथमिकता दे रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पूरे राज्य में 5 हजार हेक्टेयर से भी अधिक जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया गया है। सरकार ने चार दिन पहले विधानसभा सत्र में सशक्त भू कानून को पूर्ण बहुमत से पारित कर दिया है। वनाग्नि की समस्या के समाधान के लिए भी प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की जा रही है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा जिस भी वन क्षेत्र में आग लगेगी संबंधित वन विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। साथ ही आग लगाने वालों के खिलाफ कार्यवाही और नुकसान की भरपाई भी उन्हीं लोगों से की जाएगी। इसके लिए जल्द कानून भी बनाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष और विकास बनाम वन संरक्षण के संबंध में केंद्र सरकार के साथ चर्चा की जाएगी। इससे चुनौतियों का समाधान होगा और जो विकास कार्य नहीं हो पाते हैं उन पर काम हो सकेगा। साथ ही वन्यजीव हमलों के सबंध में संबंधित अधिकारियों को विधि सम्मत कार्यवाही को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सबकी जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। वन्य जीवों के हमलों को लेकर भी जल्द कानून बनाया जाएगा।

शहीद मेले में रीप परियोजना, बाल विकास, वन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान, सहकारिता, समाज कल्याण, डेयरी विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा लगाए स्टॉल लगाकर लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया।
कार्यक्रम में विधायक महंत दिलीप रावत, विधायक यमकेश्वर रेनू बिष्ट, मेयर कोटद्वार शैलेंद्र सिंह रावत, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद दुगड्डा शांति बिष्ट, जिला अध्यक्ष भाजपा वीरेंद्र सिंह रावत, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

टिहरी में मेले का शुभारंभ कर क्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमंत्री ने की कई घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मलेथा टिहरी गढ़वाल में वीर शिरोमणि माधोसिंह भंडारी की स्मृति में आयोजित 5 दिवसीय राजकीय औद्योगिक कृषि विकास मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभागीय स्टालों का निरीक्षण कर विभिन्न स्कूलों एवं एनसीसी कैडेट्स द्वारा निकाली गई मार्च पास्ट रैली को सलामी दी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने मलेथा में वीर शिरोमणि माधोसिंह भंडारी के स्मारक में उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर उनके द्वारा निर्मित ऐतिहासिक गूल का अवलोकन कर उन्हें नमन किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मलेथा चौराहे का नाम वीर शिरोमणि माधोसिंह भण्डारी के नाम पर किए जाने, वीर शिरोमणि माधोसिंह भण्डारी मेला स्थल का विस्तारीकरण किए जाने, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सिल्काखाल के भवन निर्माण, सूर्य देवी मन्दिर पलेठी बनगढ का सौन्दर्यकरण किए जाने, रैतासी सड़क का निर्माण तथा ललूडीखाल-फरस्वाणगांव मोटर मार्ग एवं भैंसकोट मोटर मार्ग का डामरीकरण करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने वीर शिरोमणि माधोसिंह भण्डारी के अद्वितीय साहस, त्याग और बलिदान को नमन करते हुए कहा कि यह सामान्य मेला नहीं अपितु एक विशेष त्यौहार है, जो अपनी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का काम कर रहा है तथा भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सच्चा शौर्य शक्ति में नहीं अपितु सेवा ओर समर्पण में निहित होता है, जिसकी बानगी वीर शिरोमणि माधोसिंह भण्डारी के कार्यों से मिलती है। उनके द्वारा क्षेत्र की खुशहाली के लिए कठिन एवं विपरीत परिस्थितियों में जो सिंचाई गूल बनाई गई वह आज भी लोगों को लाभान्वित कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड के विकास और प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य, हर क्षेत्र में काम कर रही है। जनपद टिहरी गढ़वाल में सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत 170 किमी. में क्रेश बैरियर निर्माण किया जा रहा है। मुयालगांव में आपदा में बहे पुल के स्थान पर 18 मीटर लंबा बेली ब्रिज बनाया गया। टिहरी झील रिंग रोड़ निर्माण किया जा रहा है। पलायन रोकने, पर्यटन, रोजगार और व्यापार बढ़ाने हेतु नौकरी सृजन के साथ ही स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है। महिलाओं और किसानों को सशक्त बनाने हेतु किसानों को एक 3 लाख तक का ऋण बिना ब्याज दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक लाख महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। आज स्वयं सहायता समूह अपनी आजीविका को बढ़ाने के साथ ही अन्य को भी रोजगार देने का काम कर रहे हैं। हाउस ऑफ़ हिमालय ब्रांड के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा सख्त नकल विरोधी कानून बनाया गया, जिससे प्रतिभावान नौजवानों का विश्वास बढ़ा है और वे अपनी क्षमता के अनुसार नौकरी पा रहे हैं। 19 हजार से अधिक नौकरी देने का काम राज्य सरकार ने किया है। इसके साथ ही समान नागरिक संहिता कानून बनाने का काम किया जा रहा है। शीघ्र ही राज्य में सख्त भू कानून बनाने का काम भी किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अपना उत्तराखंड बहुत जल्द अग्रणीय राज्यों की श्रेणी में शामिल होगा।

इस अवसर पर उद्यान, पशुपालन, राजस्व, बाल विकास, चिकित्सा, उद्योग, कृषि, समाज कल्याण, पर्यटन, ग्राम्य विकास, पंचायत राज आदि विभागों द्वारा विभागीय स्टालों के माध्यम से जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार करने के साथ ही जन शिकायतों का निस्तारण किया गया। विभिन्न स्कूली बच्चों द्वारा भारतीय संस्कृति पर आधारित झांकियों का प्रदर्शन किया गया।

विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए हुए क्षेत्र के विकास से संबंधित मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा।

इस अवसर पर निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष/प्रशासक सोना साजवाण, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नौटियाल, अध्यक्ष नगरपालिका परिषद देवप्रयाग ममता देवी, एसएसपी आयुष अग्रवाल, एएसपी जे.आर. जोशी, डीजीएम आरवीएनएल राजेश अरोड़ा सहित अन्य गणमान्य एवं क्षेत्रीय जनता मौजूद रहे।