सीएम धामी ने रुद्रप्रयाग में लखपति दीदी अभियान शक्ति को सम्मान में किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि क्रीड़ा मैदान में लखपति दीदी अभियान- शक्ति को सम्मान कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केदारघाटी के स्थानीय उत्पादों को देश- विदेश में केदार ब्रांड बनाकर तैयार कर विपणन किया जाएगा। मातृशक्ति की आजीविका सुधार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा वहीं घाटी के होम स्टे से लेकर अन्य सुविधाओं को भी इसके अंतर्गत पहचान दी जाएगी। केदारघाटी की धार्मिक पहचान के साथ राज्य सरकार घाटी को नई पहचान दिलाने के लिए इसके अंतर्गत कार्य करेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ विधानसभा की दिवंगत विधायक शैला रानी रावत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके निधन पर मैंने इस विधानसभा की जिम्मेदारी बतौर उनका प्रतिनिधि लेने का आश्वासन दिया था। इसी क्रम में लगातार क्षेत्र के विकास के लिए शासन- प्रशासन सहित वरिष्ठ मंत्री इसमें लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बीते दिनों 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते भारी नुकसान हुआ, सड़कें और पैदल मार्ग बंद हो गए थे। यात्रा मार्ग पर फंसे विभिन्न स्थानों से करीब 15 हजार लोगों को रिकॉर्ड समय में मैनुअल एवं हैली से रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया। इसके अलावा 15 दिनों में पैदल मार्ग को सुचारू कर एक महीने के भीतर ही यात्रा को पूर्व जैसे भव्य स्वरूप में वापस लाया गया। उन्होंने स्थानीय जनता एवं केदार घाटी के लोगों को इस पूरे रेस्क्यू अभियान से लेकर यात्रा को दोबारा समय पर शुरू करवाने के लिए धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को नई पहचान दिलाने के लिए मातृशक्ति बड़ी अहम भूमिका निभा रही है। पूरे प्रदेश के अंदर सैकड़ों की संख्या में महिला स्वयं सहायता समूहों में जुड़ी हजारों महिलाएं वर्ड क्लास उत्पाद तैयार कर अपने समूह और राज्य को नई पहचान दिला रही हैं। लगातार उनकी आजीविका में सुधार हो रहा है। वहीं प्रदेश सरकार ने हाउस ऑफ हिमालयाज कम्पनी का गठन कर प्रदेश के उत्पादों की नई सिरे से ब्रांडिंग कर मातृशक्ति को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। इन्हीं महिला समूहों द्वारा 110 आउटलेट चारधाम यात्रा मार्गों पर खोले गए हैं जिनसे उनकी आजीविका सुदृढ़ हो रही है। रुद्रप्रयाग जनपद में 4000 से अधिक महिलाएं लखपति दीदी बनने में सफल रही हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश और प्रदेशवासियों के हित में जल्द सख्त भू- कानून लागू होने जा रहा है। जिन लोगों ने अवैध रूप से जमीनों की खरीद फरोख्त की है उनसे जमीन वापस लेकर सरकारी भूमि में निहित की जाएगी। वहीं देश में सर्वप्रथम समान नागरिकता संहिता लागू करने वाला पहला प्रदेश भी उत्तराखण्ड बनने जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि केदारनाथ धाम एक था, एक है और एक ही रहेगा, देश में किसी भी स्थान पर उत्तराखंड के चार धामों के प्रयोग कर कोई मंदिर नही बनने दिया जाएगा।

इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य महेंद्र भट्ट, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, राज्यमंत्री चंडी प्रसाद भट्ट, विधायक शक्ति लाल शाह, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा आशा नौटियाल, भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर पंवार, प्रदेश महामंत्री भाजपा आदित्य कोठरी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, आईजी करन नगन्याल, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, मुख्य विकास अधिकारी डॉ जीएस खाती सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी एवं भारी संख्या में मातृशक्ति एवं स्थानीय लोग मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं
1. त्रियुगीनारायण-तोषी गरुड़चट्टी मार्ग स्वीकृति
2. विजयनगर झूला पुल से रामलीला मैदान के पीछे एप्रोच रोड एवं पार्किंग का निर्माण किया जाएगा।
3. स्व० शहीद फते सिंह रा०उ०मा०वि० बाडव का उच्चीकरण कर इण्टरमीडिएट किया जाएगा।
4. श्री वासुदेव मंदिर पुजारगांव के सौन्दर्गीकरण हेतु रुपए 01 करोड़ की स्वीकृति।
5. ग्राम मैठाणा के पणसिल्ला नामी तोक में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वीकृति।
6. राजकीय इंटर कॉलेज नागजगई, रांसी, पौठी, बावई, कमसाल, ग्वेफड़, खाखंरा, बीना में कला वर्ग के पदों की स्वीकृति दी जाएगी।
7. ग्राम सभा नाला में त्रिपुरा सुंदरी खेल मैदान, ग्राम सभा बडेथ (ताल जामण) के बुगला तोक, शिवानंदी, रणधार बांगर एवं कोठगी में मिनी स्टेडियम के निर्माण की स्वीकृति।
8. पर्यटक स्थल बधाणीताल का सौंदर्यीकरण किया जायेगा।
9. सुमाड़ी को नगर पंचायत बनाया जायेगा।
10. थाती बड़मा में वैटनरी मेडिकल की स्वीकृति (पूर्व में प्रस्तावित स्वीकृति सैनिक स्कूल की भूमि पर)
11. चिरबटिया आईटीआई का भवन निर्माण किया जायेगा।
12. रुद्रप्रयाग में सर्किट हाउस का निर्माण किया जायेगा।
13. गंगाधर मैठाणी राजकीय महाविद्यालय विद्यापीठ में बीएससी, एमएससी एवं एमए के साथ स्नातकोत्तर की स्वीकृति दी जाती है।
14. नाला से जाखधार- बणसू- त्यूडी तक मोटर मार्ग का डामरीकरण किया जायेगा।
15. चोपता में पॉलिटेक्निक कॉलेज भवन के अवशेष निर्माण कार्य को पूर्ण करने हेतु वन पत्रावली का निस्तारण किया जायेगा।
16. ऊखीमठ- पिंगला पानी पेयजल योजना की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जाती है।
17. गुप्तकाशी- मस्ता- कालीमठ मोटर मार्ग की स्वीकृति दी जाती है
18. सिल्ला- बामण गाँव में साणेश्वर मन्दिर, सिद्धपीठ आशुतोष महादेव, तुगेश्रवर महादेव मन्दिर, फलासी एवं महड़ महादेव मंदिर महड़ गांव के सौंदर्गीकरण के लिए 25-25 लाख रुपए की स्वीकृति दी जाती है।
19. बसुकेदार में तहसील भवन के निर्माण की स्वीकृति दी जाती है।
20. पूर्व घोषणा के अंतर्गत शहीद राम सिंह राणा रा०उ०मा०वि० कालीमठ के उच्चीकरण की सैद्धान्तिक स्वीकृति ।
21. उरोली से कुंड सौड़ तक 2 किलोमीटर मोटर मार्ग की स्वीकृति दी जाती है।
22. जनता इंटर कॉलेज देवीधार (मोलखाचौरी) में भूगोल, ग्रह विज्ञान, मनोविज्ञान, एवं विज्ञान वर्ग की इंटर स्तर पर वित्त संहिता मान्यता स्वीकृति दी जाती है।
23. बदरी-केदार मंदिर समिति में अस्थाई कर्मियों का वन टाइम सेटलमेन्ट विनियमितीकरण किया जायेगा।
24. नगर पालिका परिषद रूद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि एवं नगर पंचायत तिलवाड़ा तथा ऊखीमठ के बाल्मिकी बस्ती के निवासियों हेतु आवासीय सुविधा की व्यवस्था की जायेगी।
25. फाटा में नई पार्किंग व्यवस्था विकसित की जाएगी।

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के प्रति भी तेजी से बढ़ रही लोगों की रुचि

सचिव डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया है कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना की गाइडलाइन में संशोधन के बाद इस योजना के प्रति लोगों की तेजी से रूचि बढ़ी। अभी इस योजना के तहत 174 मेगावाट की परियोजनाओं पर कार्य गतिमान हैं। इस योजना के तहत टिहरी, उत्तरकाशी और चम्पावत जिला में काफी अच्छा कार्य हो रहा है। मोरी तहसील के कुकरेड़ा गांव में सोलर के साथ अदरक की खेती का कार्य भी हो रहा है। एक ही भूमि का दो तरीके से सदुपयोग किया जा रहा है।

सचिव डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत राज्य में आवेदनों के डिस्पोजल रेट के हिसाब से उत्तराखण्ड देश में पहले नम्बर पर है। इस योजना में भी राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा भी इस योजना के तहत सब्सिडी दी जा रही है। आगामी दो-तीन साल में राज्य के सभी शासकीय भवनों में सोलर रूफ टॉप लगाये जायेंगे।

उन्होंने बताया कि राज्य में स्मॉल हाइड्रो पावर पॉलिसी भी संशोधित की गई है, इसके तहत छह प्रोजेक्ट में निविदा की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त कुल 19 प्रोजेक्ट और पाइपलाइन में हैं। उन्होंने बताया कि इन्वेस्टर समिट के दौरान भी स्मॉल हाइड्रो प्रोजेक्ट को लेकर कंपनियों ने रुचि दिखाई गई है।

राज्य में पंप्ड स्टोरेज प्लांट पॉलिसी भी बनाई गई है। इसमें इन्वेस्टर समिट के अंतर्गत दिल्ली में हुए रोड शो में जेएसडब्लू ग्रुप ने अपनी रूचि दिखाई थी। कंपनी ने उस समय 15 हजार करोड़ का एमओयू हस्ताक्षरित किया था जिसमें से 8 हजार करोड़ के इन्वेस्टमेंट प्रपोजल की फ़ाइल स्वीकृति हो चुकी है और बहुत ही जल्द उसके अलॉटमेंट आर्डर एक समारोह में प्रदान किए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट अल्मोड़ा में प्रस्तावित है। इसके अलावा अन्य कंपनियों ने भी पंपड स्टोरेज प्लांट में अपनी रुचि दर्शायी है।
————————————–
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना और मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना, राज्य में ऊर्जा उत्पादन के साथ-साथ स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सौर ऊर्जा के माध्यम से न केवल राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी, बल्कि युवाओं और ग्रामीणों को अपने गांवों में रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। यह पहल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

केदारनाथः क्षतिपूर्ति के लिये सीएम ने 09 करोड़ 64 लाख की राहत राशि की हस्तांतरित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास देहरादून में मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत केदारनाथ क्षेत्र में अतिवृष्टि से लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल तथा मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त होने से विभिन्न प्रभावित व्यवसायियों की क्षतिपूर्ति हेतु 9 करोड 64 लाख की राहत धनराशि को डीबीटी के माध्यम से प्रभावितों को हस्तांतरण की।

मुख्यमत्री ने पूर्व में मुख्यमंत्री राहत कोष से लिनचौली से सोनप्रयाग तक के अतिवृष्टि के प्रभावितों की क्षतिपूर्ति हेतु जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से प्राप्त प्रस्तावानुसार 09 करोड 08 लाख की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत की थी। इसके उपरांत मुख्यमंत्री द्वारा आपदा प्रभावितों के लिए 56 लाख की अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत की। इस प्रकार मुख्यमंत्री द्वारा कुल 9 करोड 64 लाख की राहत धनराशि को डीबीटी के माध्यम से प्रभावितों को भेजी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र में आई आपदा एक दुखद घटना थी। स्थानीय लोगों की सहायता एवं प्रशासन की मदद से रेस्क्यू अभियान तेज़ी से पूर्ण किया गया। उन्होंने कहा आपदा के दौरान प्रभावित हुए लोगों एवं व्यापारियों की मदद के लिए राज्य सरकार हमेशा तत्पर रहेगी। केदारनाथ यात्रा मार्ग को और सुगम बनाए जाने पर निरंतर कार्य किया जा रहा है। चार धाम यात्रा ने पुनः रफ्तार पकड़ ली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भव्य एवं दिव्य केदारनाथ बनाने का कार्य गतिमान है। केदारनाथ क्षेत्र में करोड़ों की योजनाओं पर निरंतर कार्य चल रहा है इन योजनाओं से स्थानीय लोगों के साथ ही बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को सुगमता प्रदान हो रही है। उन्होंने कहा केदारनाथ क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है एवं स्थानीय लोगों की हर संभव मदद हेतु सरकार संकल्पित है।

गौरतलब है कि इस वर्ष 31 जुलाई को केदारनाथ क्षेत्र में अतिवृष्टि से लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल तथा मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था। जिससे विभिन्न व्यवसायियों स्थानीय लोगों को काफी नुकसान हुआ था।

इस अवसर पर रुद्रप्रयाग के विधायक भरत चौधरी गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग डॉ. सौरव गहरवार एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

सीएम धामी ने प्रदेश में विभिन्न विकास कार्यों के लिए वित्तीय स्वीकृतियां प्रदान की

मुख्यमंत्री घोषणा के अन्तर्गत जनपद चम्पावत के पाटी ब्लॉक में छिनकाछिना-रौलमेल मोटर मार्ग के पुनर्निर्माण एवं सुधारीकरण के लिए धनराशि रू0 531.68 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है।

जनपद टिहरी गढ़वाल के विधानसभा क्षेत्र धनौल्टी में राज्य योजना के अन्तर्गत बंगशील-गोलधार मोटर मार्ग के डामरीकरण कार्य के लिए धनराशि रू0 314.54 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है।

राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद चमोली के विधानसभा क्षेत्र थराली के विकासखण्ड घाट में न्याय पंचायत मुख्यालय उस्तोली को जोड़ने हेतु किमी० 01 से 05 तक सुधारीकरण एवं डामरीकरण के लिए लागत धनराशि रू0 581.23 लाख स्वीकृति की गई है।

मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत “मनोली दबोली मोटर मार्ग का नाम शहीद सहायक कमाण्डेंट चारू चन्द्र पाठक के नाम पर रखे जाने को स्वीकृति प्रदान की गई है।

पंतनगर हवाई अड्डे के विस्तारीकरण हेतु छभ् -8 के अन्तर्गत रामपुर काठगोदाम तक 43.446 किमी से 93.226 किमी. चार लेन कार्य एवं एन०एच०-87 के अंतर्गत 54 $500 से 61 $300 किमी. अर्थात 7 किमी. का संरेखण की डी०पी०आर० तैयार किये जाने हेतु डी०पी०आर० कंसलटेंट की नियुक्ति किये जाने के सम्बन्ध में रू0 24.92.067.00 (चौबीस लाख बयानबे हजार सड़सठ मात्र) लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।

केदारनाथ क्षेत्र, उत्तराखंड की आस्था, समृद्ध परंपराओं और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय संगमः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास, देहरादून में वर्चुअल रूप से रूद्रप्रयाग में आयोजित जागतोली दशज्यूला विकास महोत्सव-2024 कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जागतोली दशज्यूला महोत्सव की सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि दशज्यूला का यह क्षेत्र सांस्कृतिक, सामाजिक और शैक्षिणिक गतिविधियों का केंद्र एवं प्राचीन परंपराओं, मेलों और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध रहा है। इस क्षेत्र की नैणी चोटी पर विराजमान मां नैणी देवी समस्त उत्तराखंड वासियों की रक्षा करती हैं। यह क्षेत्र उत्तराखंड की आस्था, समृद्ध परंपराओं और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय संगम भी है। पारंपरिक मेले हमारे भीतर धार्मिक ऊर्जा को मजबूत कर हमें हमारी जड़ों से जोड़ते हैं और एकता, समर्पण एवं आस्था की भावना को बढ़ाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदार की धरा से कहा था कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। राज्य सरकार प्रधानमंत्री के कथन को चरितार्थ करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा राज्य सरकार प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सतत विकास के दृष्टिकोण से देश दुनिया में एक अलग पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक स्व. शैला रानी ने इस क्षेत्र के विकास और यहां के लोगों के कल्याण की हमेशा चिंता की। राज्य सरकार उनके सपनों को अवश्य पूरा करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सहित हर क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो रहा है। विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिए प्रदेश के हर वर्ग का जीवन स्तर ऊपर उठाया जा रहा है। केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम सहित विभिन्न पौराणिक स्थलों के पुनर्निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। केदारनाथ धाम में करीब 2 हजार करोड़ रूपये से अधिक की लागत से पुनर्निमाण कार्य करवाए जा रहे हैं। बद्रीनाथ के मास्टर प्लान पर भी तेजी से कार्य हो रहे हैं। राज्य सरकार चार धाम यात्रा को और अधिक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बना रही है। उन्होंने कहा बड़ी आपदाओं का सामना करने के बावजूद सरकार समय पर प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने का कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं आपदा प्रभावित विभिन्न जगहों पर जाकर वहां की स्थिति का जायजा लिया और स्थानीय लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए। केदारनाथ धाम का पैदल मार्ग भी प्राकृतिक आपदा के चपेट में आने से यात्रा मार्ग में फंसे हर एक श्रद्धालु को सुरक्षित लाया गया। बाबा केदार के आशीर्वाद से ही हजारों लोगों को सकुशल नीचे लाने में कामयाब हुए। राज्य सरकार ने केदारनाथ धाम के मार्गों को ठीक करने एवं यात्रियों की सुरक्षा और भी पुख्ता करने की दिशा में 30 करोड़ रूपए की राशि जारी की है। उन्होंने कहा प्रदेश का हर नागरिक उनका परिवार है और अपने परिवार के किसी भी सदस्य को आपदा में अकेला नहीं छोड़ना उनका संकल्प है। उन्होने कहा केदारनाथ क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में विकास की धारा को अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना ही हमारा संकल्प है।

पुरोला में ट्रेक आफ द ईयर घोषित करने पर निवासियों ने जताया सीएम का आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जी.टी.सी हेलीपैड, देहरादून में पुरोला विधानसभा से आए प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस अवसर पर प्रतिनिधि मंडल ने राज्य सरकार द्वारा जनपद उत्तरकाशी के सर बडियार/सरनौल -सोत्तरी से सरुताल तक ट्रेक को ट्रेक ऑफ द ईयर घोषित किए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

विधायक पुरोला दुर्गेश्वर लाल ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सर-बडियार/सरनौल – सौत्तरी से सरूताल तक ट्रेक को ट्रेक ऑफ द ईयर घोषित किए जाने के बाद पुरोला क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे एवं ट्रैक मार्ग पर पर्यटकों एवं ट्रैक्टर्स की संख्या बढ़ेगी। ट्रेक ऑफ द ईयर घोषित होने से क्षेत्र में बुनियादी विकास सुविधाओं को भी विकसित किया जाएगा एवं ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रुकेगा, जिससे क्षेत्र के लोग काफी उत्साहित हैं।

भाजपा जिला अध्यक्ष (उत्तरकाशी) सतेंद्र सिंह राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्तरकाशी के विकास के लिए हमेशा अग्रसर रहते हैं। उत्तरकाशी जिले में ट्रेक ऑफ द ईयर घोषित होने से क्षेत्र के विकास को नई मजबूती मिलेगी। इससे उत्तरकाशी क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा एवं दूरस्थ क्षेत्र में सुविधाओं का विस्तार होगा। बड़ी संख्या में ट्रैकर्स के आने पर क्षेत्र के युवा होमस्टे एवं स्वरोजगार को अपना कर उत्तरकाशी के साथ ही राज्य की आर्थिकी को मजबूत करेगें।

इस दौरान भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान, धर्मवीर ज्याडा, अरविंद ज्याडा, कैलाश रावत, जगवीर सिंह रावत, चिरंजीव सेमवाल एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।

लगातार मॉनिटरिंग और ग्राउंड जीरो पर मुख्यमंत्री धामी के बार-बार जाने से कार्यों में आई तेज़ी

विगत दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारघाटी में 31 जुलाई को आपदा के कारण हुए नुकसान एवं राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लेते हुए अधिकारियों को जल्द से जल्द जनजीवन सामान्य बनाने के निर्देश दिए गए थे तथा क्षतिग्रस्त राष्ट्रीय राजमार्ग एवं पैदल यात्रा मार्ग में अवरुद्ध यात्रा मार्ग को तत्परता से दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए थे।

अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग निर्भय सिंह ने अवगत कराया है कि मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के बीच जो डेढ मीटर राष्ट्रीय राजमार्ग पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गया था जिसे खोलने के लिए पोकलैंड मशीन के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग खोलने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही सोनप्रयाग पुल के पास जो सड़क क्षतिग्रस्त हो गई थी उसका पुश्ता निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

अधिशासी अभियंता डीडीएमए विनय झिंक्वाण ने अवगत कराया है कि केदारनाथ पैदल मार्ग कई स्थानों से क्षतिग्रस्त हो गया है तथा लगभग 15 स्थान ऐसे हैं जहां पैदल सड़क मार्ग पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग को दुरुस्त करने के लिए मजदूरों द्वारा विषम कठिन परिस्थितियों में मरम्मत एवं निर्माण कार्य निरंतर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम से छोटी लिनचोली तक क्षतिग्रस्त पैदल यात्रा मार्ग को आवाजाही हेतु सुचारू कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मजदूरों द्वारा क्षतिग्रस्त केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग को खोलने के लिए कार्य त्वरित गति से किया जा रहा है किन्तु मौसम साथ न देने के कारण मजदूरों की सुरक्षा के दृष्टिगत कार्य निरंतर नहीं हो पा रहा है।

सीएम ने अधिकारियों को जल्द जनजीवन सामान्य बनाने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग जनपद के अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों राहत एवं बचाव कार्यों तथा पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इससे पहले उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।

मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्ग से जुड़े सभी विभागों की समीक्षा करते हुए अतिवृष्टि से हुयी क्षति की जानकारी ली। वहीं सभी विभागों को यात्रा शुरू करने के लिए उनके स्तर से किए जा रहे प्रयासों एव तैयारियों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में जनजीवन सामान्य बनाने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त मार्गों, पेयजल एवं विद्युत लाइनों को यथाशीघ्र बहाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने श्री केदारनाथ धाम पैदल यात्रा को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि श्री केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा को बुधवार से ही शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि हेली सेवा के माध्यम से दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं को किराए में 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जिसका वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने यात्रा शुरू करने के लिए किए जाने वाले कार्यों में भी स्थानीय लोगों से सुझाव एवं सहयोग की भी अपील की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामपुर जीएमवीएन में स्थानीय लोगों से संवाद के दौरान उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने प्रभावितों की सभी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने इन कठिन परिस्थितियों में सरकार और प्रशासन द्वारा संचालित रेस्क्यू अभियान में कंधा से कंधा मिलाकर सहयोग के लिए स्थानीय लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने केंद्र सरकार का भी आभार जताते हुए कहा कि अतिवृष्टि के बाद से ही केंद्रीय सरकार द्वारा चिनूक व एमआई हेलीकॉप्टर सहित हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई गई।

समीक्षा बैठक के उपरान्त मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री कहा कि अतिवृष्टि से भू-स्खलन होने से 29 स्थानों पर पैदल एव सड़क मार्ग कटा हुआ है। इसके अतिरिक्त पेयजल व विद्युत की लाइनों सहित बड़ी मात्रा में सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा। कुछ स्थानों पर दूरसंचार की सेवाएं भी बाधित हुई हैं। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि की घटना के बाद से ही जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन तथा एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित अन्य संस्थाओं एवं जनप्रतिनिधियों, पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित, धार्मिक व सामाजिक सरोकारों से जुड़े संगठनों ने मिलकर इस आपदा में पूरे मनोयोग से इस रेस्क्यू अभियान में फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिकॉर्ड समय में लगभग 12 हजार श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया गया है। रेस्क्यू अभियान लगभग पूर्ण हो चुका है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग अमरदेई शाह, राज्यमंत्री चंडी प्रसाद भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा भाजपा आशा नौटियाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव लोक निर्माण विभाग डॉ. पंकज पांडेय, सचिव आपदा प्रबन्धन विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल के.एस. नगन्याल, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम के निर्देश पर सचिव आपदा, पीडब्लूडी गढ़वाल कमिश्नर मुख्य अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग पहुंचे केदारघाटी

सचिव लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड शासन पंकज पांडे, सचिव आपदा विनोद सुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, मुख्य अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग दयानंद ने आज सोमवार को केदारघाटी के प्रभावित क्षेत्रों का पैदल निरीक्षण एव हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उन्होंने क्षतिग्रस्त मार्गों का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाशआउट सड़क मार्ग को पुर्नस्थापित करने के लिए प्राथमिकता से प्लानिंग तैयार कर अविलंब कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के बाद उच्च अधिकारियों ने पैदल यात्रा को 15 दिन में सुचारू करने के लिए सभी संबंधित विभागों से सुझाव मांगे। इसके लिए अनिवार्य पुनर्निर्माण कार्यों का एस्टीमेट तैयार कर 2 से 3 दिनों के भीतर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।

सचिव लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड शासन पंकज पांडे एव सचिव आपदा विनोद सुमन ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अतिवृष्टि के कारण सोनप्रयाग से गौरीकुंड के मध्य वाशआउट सड़क में अस्थाई मार्ग निर्माण करने की कार्रवाई भी अविलंब शुरू की जाए। सड़क एव पैदल मार्गों का त्वरित गति से निर्माण करने के लिए हर साइट पर अलग ठेकेदार को काम दिया जाए। हर साइट पर एक एई और एक जेई तैनात किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के पुनर्निर्माण कार्यों में प्रैक्टिकल व टेक्निकल दोनों पक्षों का पूरा ध्यान रखा जाए। साथ ही जितने भी कार्य प्रस्तावित हैं उनके लिए मैटेरियल की प्री पोस्टिंग हर संभव साइट कर पहले ही कर ली जाए।

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि गौरीकुंड के समीप मौजूद घोड़ा पड़ाव के पास करीब 15 मीटर हिस्सा वाशआउट हो गया है, इसके अलावा जंगलचट्टी में 60 मीटर हिसा वाशआउट है। उक्त दोनों साइट्स पर कार्य करना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहेगा, इन्हें मिलाकर कुल 29 साइट्स पर कार्य किया जाना है।

इस अवसर पर उन्होंने श्री केदारनाथ, गरुड़चट्टी, लिनचोली मार्ग जो इस अतिवृष्टि से प्रभावित नहीं हुआ है, उसे वैकल्पिक मार्ग के तौर पर इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया। विभिन्न स्थानों के लिए 10 फोल्डिंग ब्रिज को चिनूक या पैदल मार्ग से केदारनाथ पहुंचाए जाने की भी तैयारी है।

सचिव पीडब्लूडी ने निर्देश दिए कि हर साइट पर कम से कम 10 मजदूर एव बड़ी साइट्स पर आवश्यकता के अनुसार मजदूरों को लगाया जाए। इसके साथ ही पूरे मार्ग पर 500 मजदूर लगाने के भी निर्देश दिए।

गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने सभी पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। बिजली, पानी, कनेक्टिविटी और खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए संबंधित विभागों से उनके प्लान भी मांगे।

वहीं विद्युत विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि गौरीकुंड लिनचोली और भीमबली में पोल क्षतिग्रस्त हुए हैं, इसके अलावा सोनप्रयाग के समीप 11केवी का सब स्टेशन भी खतरे की जद में आ गया है। गढ़वाल कमिश्नर ने सब स्टेशन के लिए नई भूमि चिन्हित कर भूमि की गुणवत्ता एव अन्य मानकों की जांच कर नए सब स्टेशन का निर्माण का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने सड़क एव पैदल मार्गों के पुनर्स्थापन, यात्रियों के रेस्क्यू एव राहत कार्यों के लिए हो रहे प्रयासों, अब तक किए जा चुके कार्यों एव केदारनाथ यात्रा शुरू करवाने के लिए की जा रही तैयारियों की पूरी जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने संवेदनशील क्षेत्रों के पर सुरक्षा बलों की ओर से की जा रही तैयारियों की जानकारी दी।

सीएम धामी स्वयं पिछले 72 घंटों से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की कर रहे हैं मॉनिटरिंग

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को लगातार सुरक्षित निकालने का प्रयास किया जा रहा है। सीईओ बीकेटीसी योगेंद्र सिंह ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन केदारनाथ धाम में फंसे हुए यात्रियों 373 यात्रियों, स्थानीय लोगों एवं मजदूरों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं अन्य सुरक्षा बलों की मदद से लिनचोली तक पहुंचाने के लिए रवाना कर दिया गया है। लिनचोली से एयरलिफ्ट कर इन सभी को रेस्क्यू किया जाएगा। वहीं केदारनाथ हैलीपैड पर अभी 570 यात्री, स्थानीय लोग और मजदूर एयर लिफ्ट होने का इंतजार कर रहे हैं। केदारनाथ में सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन, बीकेटीसी और तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा फूड पैकेट्स, पानी की बोतलें, फल उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

उधर, रामबाड़ा चौमासी ट्रैक से एनडीआरएफ एव एसडीआरएफ द्वारा 110 यात्रियों को रेस्क्यू कर चौमासी पहुंचा दिया गया है। ट्रैक पर सुरक्षा बलों द्वारा यात्रियों को लगातार फूड पैकेट्स, पानी सहित चिकित्सा उपचार उपलब्ध करवाया गया। अब तक इस मार्ग से 534 से अधिक यात्रियों एव स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।