मुख्यमंत्री ने पीएम को 300 करोड़ के प्रोजेक्ट शुरू करने की जानकारी दी

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग में प्रतिभाग किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कोविड-19 एवं अनलॉक-1 के बाद की परिस्थितियों पर विचार विमर्श किया गया। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाए गए कदमों पर भी विचार विमर्श किया गया।
वीडियो कांफ्रेंसिग के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मीडिया से अनौपचारिक बात करते हुए कहा कि इस दिशा में उत्तराखण्ड द्वारा काफी प्रगति की गई है। राज्य सरकार द्वारा लगभग 300 करोड़ के प्रोजेक्टों पर कार्य शुरू किया गया है। कोरोना के बाद लगभग 90 प्रतिशत उद्योगों ने कार्य करना आरम्भ कर दिया है। राज्य में तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद आर्थिक गतिविधियों को बढाने के लिए काम किया गया है। राज्य के युवाओं एवं राज्य में लौटे प्रवासियों के लिये रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई है। योजना का लाभ आधिक से अधिक युवाओं को उपलब्ध हो इसके लिये जिलाधिकारियों को धनराशि उपलब्ध करायी गई है। कल ही 110 करोड़ रूपये जिलाधिकारियों को स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मनरेगा में 23 हजार से अधिक नए रजिस्ट्रेशन कराए गए है। इनमें से 17 हजार से अधिक लोगों को काम भी उपलब्ध कराया गया है। मनरेगा में कुल 3 लाख 64 हजार श्रमिक नियोजित हैं। जबकि कृषि एवं इससे सम्बन्धित कार्यों के लिये 5 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। राज्य में पर्यटन को गति देने के लिये भी योजना बनायी जा रही है।

प्रधानमंत्री ने किससे कहा-कोरोना वायरस की जमीनी हकीकत जानना चाहता हुं

(एनएन सर्विस-डेस्क)
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से ं21 राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों और प्रशासकों के साथ वार्ता की। प्रधानमंत्री ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा, अनलॉक एक को दो सप्ताह बीत चुके हैं। आज मैं आप लोगों से कोरोना वायरस की जमीनी हकीकत जानना चाहता हुं। जिससे कि आगे की रणनीति बनाने में मदद मिल सके।
उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वायरस से ठीक होने की दर 50 फीसदी है। हमारे लिए एक भारतीय की मौत होना भी ठीक नहीं है लेकिन यह भी सच है कि भारत उन देशों में से एक है जहां कोरोना के चलते कम मौत हुई हैं। इस समय बिना मास्क या फेस कवर के बाहर निकलने की सोचना भी ठीक नहीं है। दो गज की दूरी, हाथ धोना और सैनिटाइजर का इस्तेमाल बहुत आवश्यक है। बाजार खुलने और लोगों के बाहर निकलने के साथ ही ये नियम बहुत जरूरी हो गए हैं। 
भविष्य में जब भारत की कोरोना वायरस के खिलाफ जंग का विश्लेषण होगा, यह समय याद रखा जाएगा कि कैसे हमने एक साथ मिल कर यह लड़ाई लड़ी थी और सहयोग की भावना से कैसे काम किया जाता है इसका उदाहरण पेश किया था। हमें इस बात का हमेशा ध्यान रखना है कि हम कोरोना को जितना रोक पाएंगे, उसका बढ़ना जितना रोक पाएंगे, उतनी ही हमारी अर्थव्यवस्था खुलेगी, हमारे दफ्तर खुलेंगे, बाजार खुलेंगे, यातायात के साधन खुलेंगे और उतने ही रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। 
किसान के उत्पाद की मार्केटिंग के क्षेत्र में हाल में जो सुधार किए गए हैं, उससे भी किसानों को बहुत लाभ होगा। इससे किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए विकल्प उपलब्ध होंगे, उनकी आय बढ़ेगी और स्टोरेज के अभाव के कारण उनको जो नुकसान होता था, उसे भी हम कम कर पाएंगे। लोकल उत्पादों के लिए जिस रणनीति की घोषणा की गई है, उसका भी लाभ हर राज्य को होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम हर ब्लॉक, हर जिले में ऐसे उत्पादों की पहचान करें, जिनकी प्रोसेसिंग या मार्केटिंग करके, एक बेहतर उत्पाद हम देश और दुनिया के बाजार में उतार सकते हैं।

इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आज हुई वार्ता
पंजाब, चंडीगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल, लद्दाख, झारखंड, छत्तीसगढ़,गोवा, केरल, पुडुचेरी,असम, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम, मणिपुर, नागालैंड, अंडमान-निकोबार, दादर नगर हवेली और दमन दीव, लक्षद्वीप। आज प्रधानमंत्री ने उन राज्यों से बात की जहां कोरोना संकट अन्य राज्यों की अपेक्षा कम है। 

कल 15 राज्यों के साथ करेंगे बातचीत
कल प्रधानमंत्री 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से बातचीत करेंगे। इनमें महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, बिहार और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री ने शनिवार को कोविड-19 महामारी से ज्यादा प्रभावित इलाकों में इसके प्रसार को रोकने के लिए उठाए गए कदमों और स्थिति के प्रभावी प्रबंधन के रोडमैप की समीक्षा की थी।

प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों का अवलोकन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से श्री केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन भी किया। उन्होंने केदारनाथ मन्दिर परिसर, आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती घाट एवं आस्था पथ, भैरव मन्दिर के रास्ते पर बने पुल, केदारनाथ में बन रही गुफाओं, मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल, मंदाकिनी एवं सरस्वती के संगम पर बन रहे घाटों का अवलोकन किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पेच को श्री केदारनाथ की ऐतिहासिकता से जोड़ा जाय, ताकि श्रद्धालुओं को केदारनाथ के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के बारे में भी रोचक जानकारियां मिल सके। इस क्षेत्र में आध्यात्म से संबंधित भी अनेक कार्य किये जा सकते हैं। इस ओर ध्यान दिया जाय। इससे श्रद्धालुओं को केदारनाथ के दर्शन के साथ ही यहां से जुड़ी धार्मिक एवं पारंपरिक महत्व के बारे में भी जानकारी मिलेगी। केदारनाथ के आस-पास जो गुफाएं बनाई जा रही हैं, उनका सुनियोजित तरीके से विकसित किया जाए ताकि इनका स्वरूप आकर्षक हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी केदारनाथ में निर्माण कार्य तेजी से किये जा सकते हैं। शीर्ष प्राथमिकता के कार्य चिन्हित कर पहले उन्हे पूर्ण कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ में विभिन्न कार्यों के लिए राज्य सरकार को केन्द्र से हर सम्भव मदद दी जायेगी। भगवान बदरीनाथ धाम के लिए भी डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। अगले 100 साल तक की परिकल्पना के हिसाब से डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम में यात्रा की स्थिति के बारे में जानकारी ली।

वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि केदारनाथ में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए राज्य को लगभग 200 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए सीमित संख्या में भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ जी के दर्शन के लिए अनुमति दी गई है। मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी के पालन करते हुए एक दिन में अधिकतम 800 लोग दर्शन कर सकते हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण का कार्य 31 दिसम्बर 2020 तक पूरा हो जायेगा। सरस्वती घाट का कार्य पूर्णता की ओर है, यह कार्य 30 जून जक पूर्ण हो जायेगा। भैरव मन्दिर के रास्ते पर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, यह कार्य निर्धारित समयावधि से पहले ही पूरा किया गया है। तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए 05 ब्लॉको में घर बनाऐ जा रहे हैं, जिसमें से 02 ब्लाको में बनाये जा चुके हैं, शेष ब्लाको में सितम्बर तक कार्य पूरा हो जायेगा। केदारनाथ में आध्यात्म की दृष्टि से तीन गुफाएं बनाई जा रही हैं, जिनका निर्माण कार्य सितम्बर 2020 तक पूर्ण हो जायेगा। मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल का कार्य 31 मार्च 2021 तक पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में ओपन म्यूजियम बनाने की योजना भी बनाई जा रही है।

लॉकडाउन और दो सप्ताह बढ़ाने पर राज्यों के बीच सहमति बनी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 से निपटने की रणनीति पर विचार-विमर्श करने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस की है। कई राज्यों ने प्रधानमंत्री से लॉकडाउन और दो सप्ताह बढ़ाने का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि लॉकडाउन और दो सप्ताह बढ़ाने पर राज्यों के बीच सहमति लगती है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ हमारा संघर्ष तब तक मजबूत रहेगा जब तक देश का प्रत्येक नागरिक अपनी जिम्मेदारी निभायेगा और सरकार तथा प्रशासन के निर्देशों का पालन करेगा।
मोदी ने लॉकडाउन तथा परस्पर सुरक्षित दूरी पर जोर देते हुए कहा कि लोगों का जीवन बचाने के लिए यह आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकार का मंत्र जान है तो जहान है के स्थान पर जान भी और जहान भी होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों से कोविड-19 का प्रकोप घटाने में मदद मिली है, लेकिन अब स्थिति तेजी से बदल रही है और सतर्कता जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगले तीन-चार सप्ताह वायरस के प्रभाव को जानने के लिए महत्वपूर्ण हैं। मोदी ने कहा कि भारत में आवश्यक दवाई की पर्याप्त आपूर्ति है और अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कालाबाजारी और जमाखोरी करने वाले लोगों को सख्त चेतावनी दी। डॉक्टरों और चिकित्सकर्मियों पर हमले और पूर्वोत्तर तथा कश्मीर के छात्रों के साथ बुरे बर्ताव की कड़ी आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर काबू करने तथा परस्पर दूरी बनाये रखने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा मजबूत करने और रोगियों तक टेलीमेडिसन के जरिये पहुंचने को भी कहा। उन्हांेने सुझाव दिया कि कृषि उपज की डायरेक्ट मार्केटिंग करने से मंडियों में भीड़ को रोका जा सकता है। इसके लिए कृषि उत्पाद मंडी समिति प्रावधानों में सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की मदद हो सकेगी। प्रधानमंत्री ने आरोग्य सेतु एप को लोकप्रिय बनाने को कहा। उन्होंने इसके लिए दक्षिण कोरिया और सिंगापुर में मिली सफलता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उनके अनुभव से भारत ने इस एप के माध्यम से यह प्रयास किया है। इस एप को ई-पास के रूप में इस्तेमाल संभावना तलाशने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि यह एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करने में सहायक होगा।
आर्थिक चुनौतियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संकट आत्मनिर्भर बनने और देश को आर्थिक शक्ति बनाने का एक मौका है। बैठक में मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों की स्थिति के बारे में अवगत कराया और महामारी को काबू करने के उपाय, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार प्रवासी मजदूरों की मदद और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाये रखने के कदमों की जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने की बात

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंसिग में प्रतिभाग किया। वीडियो कांफ्रेंसिग के बाद मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए। लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया जाए। कोरोना से जुड़े सभी कार्मिकों की ट्रेनिंग सुनिश्चित हो। इम्यूनिटी बढाने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के बारे में आमजन को बताया जाए। अधिकारी ये भी सुनिश्चित कर लें कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में घोषित राशि को लेने के लिए लाभार्थियों की बैंकों में एक साथ भीङ न लगे।

ओल्ड एज होम और अकेले रह रहे सीनियर सीटीजन का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। दवाओं और मेडिकल उपकरणों से संबंधित फर्मों के काम मे कोई बाधा न आए। एनसीसी, एनएसएस, और अन्य स्वयंसेवकों का जरूरत के हिसाब से उपयोग करने के लिए प्लानिंग कर ली जाए। लॉक डाउन का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। जो भी दिशा निर्देशों की अवहेलना करें उनके विरूद्ध डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, डीजीपी अनिल कुमार रतूङी, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, राधिका झा, पंकज पाण्डे, निदेशक एनएचएम युगल किशोर पंत उपस्थित थे।

21 दिनों तक घर की लक्ष्मण रेखा को न लांघेः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश की जनता से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा अगले 21 दिनों के सम्पूर्ण लॉकडाऊन के आह्वान में पूरा सहयोग देने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से इस लङाई में हम सभी भारतवासी अपने प्रधानमंत्री के साथ हैं। जब जब भी देश पर और मानवता पर संकट आया है, हम सभी की एकजुटता से संकट को दूर करने में कामयाब हुए हैं। आईये हम संकल्प लें कि अगले तीन सप्ताह अर्थात 21 दिनों तक हम अपने घर में ही रहेंगे। प्रदेशवासियों को आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की कोई कमी नहीं हो, इसके लिए राज्य सरकार और प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर रखी हैं। राज्य सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। शासन प्रशासन पूरी तरह एक्टिव है। तमाम कोशिशों के बाद भी हमें कुछ कष्ट उठाना पङ सकता है, परन्तु हम सभी के सामने आए इस भयावह संकट के सामने ये कष्ट कुछ भी नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग ही एकमात्र विकल्प है। घर की लक्ष्मण रेखा को न लांघकर कोरोना वायरस के संक्रमण की चैन को तोङना है। केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों की सबसे बडी प्राथमिकता अपने नागरिकों के जीवन को बचाना है। चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिसकर्मियों, सफाई कर्मियों, दूसरे अधिकारियों, कर्मचारियों, मीडिया के साथियों के योगदान में सहयोग देने के लिये घर पर रहें।

समझें क्यों कहा मोदी ने कोताही बरती गई तो देश को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 के प्रकोप से देश को बचाने के लिए देशवासियों से निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार हो जाने का आह्वान किया है। देश के नाम अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा है कि आज रात बारह बजे से पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एक तरह से जनता कर्फ्यू की ही तरह होगा, लेकिन इसमें पूरी सख्ती बरती जाएगी। मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव का एकमात्र तरीका सोशल डिस्टेंसिंग यानी एक-दूसरे से मिलते समय करीब एक मीटर की दूरी बनाए रखना है और इस नियम का पालन करना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर इसमें कोताही बरती गई तो देश को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
प्रधानमंत्री ने एहतियात को ही बचाव का सबसे अच्छा उपाय बताते हुए लोगों से कहा कि वे इक्कीस दिनों की परीक्षा की इस घडी में घरों से बाहर न निकलें। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना का मतलब है कोई भी रोड पर न निकले और इस नियम का पालन हम सभी को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम इक्कीस दिन तक संयम नहीं बरत पाए तो हम इक्कीस साल पीछे धकेल दिए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस आग की तरह से तेजी से फैलने वाली बीमारी है। दुनिया के अनेक देशों के अनुभव का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं वाले देशों को भी कोरोना से निपटने में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में हमें उनके अनुभवों से फायदा उठाते हुए अपनी पूरी तैयारी करनी होगी। उन्होंने कहा कि कुछ देशों ने जिस तरह से इस बीमारी पर काबू पाया है वह हमारे लिए एक मिसाल होगी। हमें कोविड-19 के फैलाव की श्रृंखला को तोड़कर इस बीमारी से निपटना होगा।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों का आह्वान किया कि जान है तो जहान है इसलिए हमें पूरी तैयारी करनी होगी और सोशल डिस्टेन्सिंग के नियम का कडाई से पालन करना होगा। उन्घ्होंने बीमारी से निपटने में चिकित्साकर्मियों, पुलिस कर्मियों और आवश्यक सेवाओं से जुडे अन्य कर्मियों के योगदान की सराहना की। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि सरकार आम लोगों की परेशानियों को दूर करने का हरसंभव प्रयास करेगी।

अपनों की सुरक्षा के लिए जनता कफ्र्यू में सहयोग देः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 22 मार्च को सुबह 7 बजे से सांय 9 बजे तक जनता कफ्र्यू में सहयोग देने के लिए आम जनता से अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए यह बहुत जरूरी है। हम अपने परिचितों से भी इसमें सहयोग के लिए आग्रह करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए हम सभी प्रधानमंत्री के साथ हैं। प्रधानमंत्री के सभी दिशा निर्देशों का हम सभी अक्षरक्षः पालन करेंगे। भारत सरकार और राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों से देश को कोरोना से मुक्त करने में जरूर कामयाब होंगे। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने जो सावधानियां बरतीं और समय से तैयारियां कीं, उसका परिणाम है कि अन्य देशों की तुलना में भारत में कोरोना नियंत्रित अवस्था में है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना वायरस हमारे लिए एक नई चुनौती लेकर आया है। इस चुनौति से निपटने लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। हमारी स्वास्थ्य सेवाएं इससे लड़ने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। आज हमें इससे घबराने की नहीं बल्कि थोड़ी सी सावधानी की जरूरत है। हम कुछ साधारण बातों का ध्यान रखकर इसे फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। हमने प्रदेश में इसके प्रभाव को रोकने के लिए बहुत से कदम उठाए हैं। कोरोना से निपटने के लिए हम पूरी तरह से सक्षम भी हैं और तैयार भी हैं। हमने अपने स्तर पर सारी तैयारी कर रखी है। बिजली, पानी, हेल्थ, सेनिटेशन, परिवहन जैसी आवश्यक सुविधाएं पहले की ही तरह उपलब्ध हैं। खाद्यान्न, तेल सब्जियाँ, फल, पेट्रोल, डीजल आदि रोजमर्रा की जरूरतों की सप्लाई में भी किसी तरह की कमी नहीं है। आगे भी सभी आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने आम जनता से अपील की है कि ‘‘हमारे लिए आप सभी का सहयोग बहुत जरूरी है। हमें आपका केवल इतना सहयोग चाहिए कि घबराएं नहीं, केवल सावधान और सतर्क रहें। सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करें। कुछ समय के लिए भीड़भाड़ से बचें और सोशल डिस्टेंस बनाए रखें। अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी प्रामाणिक सूचनाओं पर विश्वास रखें। ’’

प्रधानमंत्री से मिले मुख्यमंत्री, राज्य के विकास कार्यों की दी जानकारी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट कर वर्ष 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुम्भ की तैयारियों की जानकारी दी। कुम्भ मेले के कुशल प्रबन्धन के लिए जनवरी 2021 से अप्रैल 2021 के मध्य चलने वाले महाकुम्भ के सफल संचालन हेतु लगभग एक हजार करोड़ रूपए से अधिक के कार्य किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए केन्द्र सरकार से आर्थिक सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में हरिद्वार में आयोजित कुम्भ मेले में देश-विदेश से 8 करोड़ श्रद्धालु आए थे। 2021 में होने जा रहे कुम्भ मेले में 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वृहद स्तर पर स्थाई व अस्थाई सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। कुम्भ क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है। अवस्थापना संबंधी कार्यों जैसे सडक, विद्युत, पेयजल आपूर्ति, कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने, चिकित्सा सुविधा, स्वच्छता व कूड़ा निस्तारण, आवासीय व पार्किंग व्यवस्था व कुम्भ मेला क्षेत्र के विस्तार का काम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्यों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि केदारनाथ का निर्माण कार्य मिशन मोड पर किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री एवं उनके निकटवर्ती प्रमुख मंदिरों के लिए राज्य में देवस्थानम बोर्ड बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सीमांत क्षेत्र के गांवों में आजीविका एवं बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की जा रही है। इसके लिए उन्होंने केन्द्र सरकार से विशेष पैकेज दिए जाने का अनुरोध किया। प्रदेश के सीमान्त क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए राज्य सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अप्रेल 2020 में होने वाले ‘वैलनेस समिट’ के शुभारम्भ के लिए अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 305 वैलनेस सेंटर का कार्य पूर्ण हो चुका है। सभी 462 वैलनेस सेंटर मार्च 2020 तक पूर्ण कर लिये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का सबसे बड़ा मोटर केबल पुल डोबरा चांटी का कार्य पूर्ण हो चुका है। इस पुल के लोकार्पण के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया।
राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वित्तीय संसाधन बढ़ाने के लिए जीएसटी कलेक्शन की दिशा में विशेष प्रयास किये जायें। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि उत्तराखण्ड में इंवेस्टर्स समिट 2018 के बाद अभी तक 19 हजार करोड़ रूपए के निवेश की ग्राउडिंग हो चुकी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 300 मेगावाट की लखवाड़ विद्युत परियोजना की भारत सरकार से मंजूरी हेतु अनुरोध किया, साथ ही यमुना की अविरलता एवं प्रवाह के सम्बन्ध में भी चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि नीति आयोग द्वारा वर्ष 2019 में दी गयी गवर्नेंस इंडेक्स में उत्तराखण्ड को अच्छी रैंकिंग मिली है। कामर्स एवं इंडस्ट्री के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को हिमालयी राज्यों में प्रथम व देश में 9 वीं रैंक मिली है, मानव संसाधन विकास में हिमालयी राज्यों में द्वितीय एवं देश में 6वीं रैंक मिली है। पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में हिमालयी राज्यों में प्रथम एवं देश में 10वीं रैंक मिली है, ईकॉनामिक गवर्नेंस में हिमालयी राज्यों में प्रथम एवं देश में द्वितीय रैंक मिली है, जबकि नीति आयोग की समग्र रैंकिंग में उत्तराखण्ड को हिमालयी राज्यों में द्वितीय एवं देश में 10वां स्थान मिला है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को ऑल वेदर रोड एवं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की कार्य प्रगति की जानकारी भी दी, जिस पर प्रधानमंत्री ने संतोष व्यक्त किया।

एकता दिवस एक देश एक विधान का सपना साकार हुआः मोदी

लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में स्टैचू ऑफ यूनिटी पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम ने इस मौके पर आयोजित एकता दिवस परेड की सलामी ली। केवड़िया में सरदार पटेल की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस दौरान कलाकारों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम की झलक पेश की।
सरदार पटेल की जयंती पर केवड़िया में पीएम मोदी ने लोगों को एकता की शपथ भी दिलाई। राष्ट्रीय एकता दिवस पर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अध्यादेश 370 ने जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद और आतंकवाद के सिवाय कुछ नहीं दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अध्यादेश 370 के हटने के बाद अब स्थिरता आएगी। सरकार के इस फैसले से क्षेत्र के आधार पर भेदभाव खत्म होगा।
जम्मू-कश्मीर में चुनाव का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार बीडीसी का चुनाव हुआ जिसमें लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। देश की एकता को अखंड बताते हुए प्रधानमंत्री ने चेतावनी दी कि जो भी देश की एकता को चोट पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। पीएम ने कहा कि हमारी एकता में छेद करने की कोशिश हो रही है, अलगाव को उभारने का प्रयास किया जा रहा है, हमारी एकता को ललकारा जा रहा है लेकिन वे भूल जाते हैं कि सदियों से ऐसी कोशिशों के बाद भी हमें कोई मिटा नहीं सका। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें विविधता के हर अवसर को मनाना है। यही एक भारत श्रेष्ट भारत के रुप में दर्शाता है।