उत्तराखंड में फिल्म नीति के तहत कई आकर्षक सुविधाएं दी जा रही-सतपाल महाराज

उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में फिल्म जगत से जुड़े निर्माता निर्देशकों से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तराखंड में फिल्म नीति के तहत कई आकर्षक सुविधाएं दी जा रही हैं। हम अपने राज्य में अपनी फिल्म परियोजनाओं के लिए आने के इच्छुक निर्माताओं और निदेशकों के लिए अधिक से अधिक बुनियादी ढांचे को सुविधाजनक बनाने और विकसित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री और उनकी टीम से मिलने के लिए करीब 33 प्रोडक्शन हाउस से जुड़े निर्माता निर्देशक मौजूद रहे। जिसमें धर्मा प्रोडक्शन, महेश कोठारे, नेटफ्लिक्स, एमेजॉन प्राइम, बालाजी टेलीफिल्म्स, भंसाली प्रोडक्शन, एंडेमोल शाइन इंडिया, जियो स्टूडियो, सलमान खान वेंचर्स, एमएक्स प्लेयर, राजश्री प्रोडक्शन जैसे प्रसिद्ध प्रोडक्शन हाउस हैं। इस बैठक का उद्देश्य फिल्म शूटिंग के लिए उत्तराखंड को एक आदर्श गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना था। पर्यटन मंत्री ने बैठक के दौरान बताया कि मैन वर्सेज वाइल्ड की शूटिंग उत्तराखंड में हुई थी जहां प्रधानमंत्री बेयर ग्रिल्स के साथ नजर आए थे।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि सुंदर भव्य पर्वतों, नदियों, खूबसूरत नजारों, वास्तुशिल्प के कारण उत्तराखंड आकर्षक रचनात्मक स्थलों में सदैव शामिल रहा है। पहाड़ की विहंगम और खूबसूरत वादियों में शूटिंग के लिए फिल्मी सितारे लगातार उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं। उत्तराखंड को दुनिया का पसंदीदा फिल्म डेस्टिनेशन बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रहे हैं। महाराज ने बताया कि पूर्व में प्रसिद्ध फिल्म मधुमती, भीगी रात, कटी पतंग, लक्ष्य, केदारनाथ, स्टूडेंट ऑफ द ईयर, कोई मिल गया, लक्ष्य, दम लगा के हैय स्या, बत्ती गुल मीटर चालू सहित अनगिनत फिल्मों की शूटिंग कर चुके हैं।
शूटिंग के लिए देवभूमि का कॉर्बेट नेशनल पार्क, ऋषिकेश, रानीखेत और मसूरी के पर्यटक स्थल आकर्षण के केंद्र हैं। इतना ही नहीं उत्तराखंड के चार धामों केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे तीर्थ स्थलों में श्रद्धलुओं की दिलचस्पी बढ़ रही है।
उत्तराखंड सरकार, पर्यटन खोजकर्ताओं और फिल्म बिरादरी के लिए उत्तराखंड में नए स्थानों को विकसित करने पर काम कर रही है। एक राज्य के रूप में उत्तराखंड में शूटिंग के अनुभव को एक सहज और निर्बाध प्रक्रिया बनाने के लिए पर्यटन विभाग का निरंतर प्रयास है, और उसी के लिए उनके पास फिल्म बिरादरी के सुझावों और इनपुट का स्वागत है। पहली फिल्म नीति 2015 में बनी, इसके बाद 2019 में संशोधित फिल्म नीति बनी। आगे भी इसमें फिल्म क्षेत्र से जुड़े लोगों के सुझावों के अनुरूप जरूरी सुधार किये जाएंगे।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग की अपार संभावनाएं हैं। हम निर्माताओं और निर्देशकों का स्वागत करते हैं और विशेष रूप से उत्तराखंड के ऑफबीट डेस्टिनेशनों में शूटिंग करें। बॉलीवुड के प्रसिद्ध फिल्म निर्माताओं को अस्सी नब्बे के दशक से ही उत्तराखण्ड अपनी ओर आकर्षित करते हुए आया है। कोरोना संकट के चलते पटरी से उतरे पर्यटन और फिल्म उद्योग को धीरे धीरे गति मिलने लगी है। एक तरफ उत्तराखंड के पर्यटक स्थल टूरिस्ट से गुलजार हो रहे हैं, वहीं फिल्मकार भी यहां शूटिंग के लिए खासी रुचि दिखा रहे हैं। फिल्म शूटिंग के लिए उत्तराखंड नया हब बन रहा है। प्रदेश की लोकेशन में फिल्म निर्माताओं की बढ़ रही इस रुचि को प्रोत्साहित कर उत्तराखंड में शूटिंग को आसान बनाने पर लगातार काम किया जा रहा है। जिससे उत्तराखंड की लोकेशन में शूटिंग के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराया जा सके। साथ ही प्राचीन भवनों का जीर्णाेद्धार कर हम उन्हें पर्यटन के लिए खोलने का प्रयास कर रहे हैं।
इस अवसर पर फिल्म प्रोड्यूसर गिल्ड के अध्यक्ष नितिन आहूजा, पर्यटन विभाग के अपर निदेशक विवेक चौहान, वरिष्ठ शोध अधिकारी सुरेंद्र सिंह सामंत, उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी/संयुक्त निदेशक के एस चौहान, अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी, चित्रांशी रावत, रूप दुर्गापाल सहित फिल्म क्षेत्र से जुड़े लोग उपस्थित थे।

भाजपा सरकार ने जितने शिलान्यास किए, उन सभी का लोकार्पण करना हैः सीएम

मुख्यमंत्री बनने के बाद पुष्कर सिंह धामी पहली बार अपने गृह जनपद पहुंचे। यहां कार्यकर्ताओं में सीएम को देखकर खासा उत्साह नजर आया। मौके पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को विकास के नजरिए से देश में नंबर वन बनाएंगे। राज्य में तेजी से बिजली, उद्योग व पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे न केवल युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि राजस्व में भी इजाफा होगा। बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में उद्योग को बढ़ावा देने को कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

सीएम ने कहा कि राज्य में 22 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इससे राज्य के हाईवे बनेगे और विकास कार्य होंगे। भाजपा सरकार ने जितने भी शिलान्यास हुए हैं, उन सभी का लोकार्पण करना है। टनकपुर से बागेश्वर तक नैनोगेज के लिए सर्वे किया गया था, उसे ब्राडगेज के लिए सर्वे कराया जाएगा। कहा कि आजादी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कार्य सात साल में किए हैं, वह बाकी वर्षों में किए गए कार्यों पर भारी है। नजूल भूमि पर मालिकाना हक व बाजपुर में 20 गांव के मामले का सामधान किया जाएगा। जसपुर से सुल्तानपुरपट्टी तक सड़क निर्माण के लिए 40 करोड़ रुपये मिले हैं। 2340 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने युवाओं में जोश भरा कि मिशन 2022 फतह करने के लिए कार्यकर्ता अभी से एकजुट हो जाएं। सभी कार्यकर्ता सीएम हैं और सभी कार्यकर्ता को काम मिले। कहा कि जल्द वात्सल्य योजना लांच किया जाएगा। विधायक राजकुमार ठुकराल ने सीएम को तलवार भेंट किया।

इस मौके पर जिला प्रभारी मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय, रुद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल, किच्छा विधायक राजेश शुक्ला, नानकमत्ता विधायक प्रेम सिंह राणा, काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा, भाजपा जिलाध्यक्ष शिव अरोरा, राजेंद्र बिष्ट, काशीपुर की मेयर ऊषा चैधरी, आशीष गुप्ता, भारत भूषण चुघ, विपिन जल्होत्रा, पूर्व सांसद बलराज पासी, गुरविंदर सिंह चंडोक आदि मौजूद थे।

पर्यटन को पटरी पर लाने को 200 करोड़ की घोषणा को लेकर सीएम से मिले परिवहन व्यवसायी, जताया अभार

स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की। स्पीकर ने राज्य में कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन और चार धाम यात्रा से संबंधित गतिविधियों से जुड़े लोगों के लिए 200 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा किये जाने को लेकर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। मौके पर परिवहन व्यवसाय से जुड़े विभिन्न संगठनो के लोगों ने भी स्पीकर के संग मुख्यमंत्री से भेंटकर फूलमाला पहनाकर उनका आभार व्यक्त किया।

अवगत करा दें कि 9 जुलाई को स्पीकर ने मुख्यमंत्री से भेंट कर राज्य के परिवहन एवं पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों को राहत पहुंचाने के संबंध में चर्चा वार्ता की थी। स्पीकर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी बात को गंभीरता से लेते हुए परिवहन व्यवसायियों को राहत पहुंचाने का कार्य किया है। भेंटवार्ता के दौरान परिवहन व्यवसायियों ने मुख्यमंत्री एवं स्पीकर को पौधे भेंटकर एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया।

स्पीकर ने कहा कि 200 करोड़ के राहत पैकेज से निश्चित रूप से राज्य में पर्यटन, होटल, परिवहन, पोर्टर समेत पर्यटन की अन्य गतिविधियों से जुड़े व्यवसायियों के साथ ही सांस्कृतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को राहत मिलेगी। कहा कि तीर्थाटन एवं पर्यटन उत्तराखंड राज्य की आर्थिक रीढ़ है, इस राहत सहायता से राज्य के लगभग लाखों लोगों को उनके बैंक खाते के माध्यम से सीधे राहत मिल सकेगी। स्पीकर ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य के गठन के उपरांत दिये जाने वाला अब तक का किसी भी सरकार द्वारा सर्वाधिक राहत पैकेज है।

इस अवसर पर स्पीकर ने मुख्यमंत्री से विभिन्न विषयों पर वार्ता करते हुए विशेषतौर पर उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से प्रारंभ किए जाने की अनुमति के लिए गंभीरता से विचार किये जाने की बात कही। कहा कि चारधाम के कपाट खुले हुए काफी समय हो चुका है परंतु चारधाम यात्रा की अनुमति न मिलने से जहॉ एक और लाखों श्रद्धालु गण दर्शन से वंचित हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर तीर्थाटन से जुड़े लाखों कारोबारियों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।

इस अवसर पर यातायात और पर्यटन विकास सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष मनोज ध्यानी, रूपकुंड पर्यटन कंपनी के अध्यक्ष भोपाल सिंह नेगी, टीजीएमओसी के उपाध्यक्ष यशपाल राणा, यातायात संघ के संचालक मनोहर सिंह रौतेला, जीएमओ के पर्यटन अधिकारी अनिल वरगली, मोटर मजदूर संघ के सदस्य जगदीश नौटियाल, ऋषिकेश टूर ट्रेवल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश बहुगुणा, यातायात संघ के संचालक योगेश उनियाल, अरुण बडोनी आदि उपस्थित थे।

उत्तराखंडः पर्यटन से जुड़े 50 हजार लाभार्थियों को 200 करोड़ रूपए का राहत पैकेज की घोषणा


देहरादून। प्रदेश में कोविड-19 के कारण विभिन्न पर्यटक गतिविधियों एवं चारधाम यात्रा की व्यवस्था में कार्यरत व्यक्तियों एवं उनके व्यवसाय पर सर्वाधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वर्तमान में चारधाम की यात्रा एवं अन्य पर्यटक स्थलों के बन्द होने की वजह से होटल व्यवसाय, परिवहन व्यवसाय पोटर एवं अन्य गतिविधियाँ लगभग ठप्प हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज घोषणा की कि विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार ऐसे क्षेत्रों में कार्यरत व व्यवसायरत् व्यक्तियों के बैंक खाते में सीधे धनराशि हस्तान्तरित करेगी। इसके अतिरिक्त विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियों हेतु लाईसेंस शुल्क आदि पर भी छूट प्रदान की जायेगी। इससे लगभग 01 लाख 64 हजार लाभार्थी व परिवार लाभान्वित होंगे। इसके लिए लगभग 200 करोड़ की व्यवस्था की गई हैं। इस पैकेज से पर्यटन क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को मदद मिलेगी एवं राज्य की आर्थिकी में भी तेजी आयेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राहत एवं सहायता के अंतर्गत पर्यटन विभाग एवं अन्य विभागों में पंजीकृत पर्यटन व्यवसाय की विविध गतिविधियों के संचालन में संलग्न व्यक्तियों को 2000 रूपये प्रतिमाह की दर से 06 माह तक आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी, जिसके तहत 50,000 लाभार्थी लाभान्वित होंगे। उत्तराखण्ड पर्यटन यात्रा व्यवसाय नियमावली के अन्तर्गत पंजीकृत टूर ऑपरेटरों एवं एडवेंचर टूर ऑपरेटरों को 10,000 रूपये की दर से आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी, जिससे 655 लाभार्थियों को इसका लाभ प्राप्त होगा। वहीं पंजीकृत 630 रीवर गाईडस को 10,000 रूपये की दर से आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी।

टिहरी झील के अन्तर्गत पंजीकृत 93 बोट संचालकों को रूपये 10,000 की दर से आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जायेगी। पर्यटन विभाग में पंजीकृत और लाईसेंस नवीनीकरण शुल्क से भी छूट प्रदान की जायेगी, जिसमें 600 लाभार्थी लाभान्वित होंगे। कुल 301 पंजीकृत राफ्टिंग एवं एयरों स्पोर्टस सेवा प्रदाताओं को लाईसेंस नवीनीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी। वहीं टिहरी झील के अन्तर्गत कुल 98 बोट संचालकों को नवीनीकरण में वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु नवीनीकरण शुल्क से छूट प्रदान की जायेगी। परिवहन विभाग के अन्तर्गत सार्वजनिक सेवायानों के चालकध्परिचालकध्क्लीनर को रू० 2000 की मासिक दर से कुल 06 माह आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। इससे 103235 लाभार्थियों को योजना का लाभ प्राप्त होगा।

शहरी विभाग के अन्तर्गत नैनीताल जनपद के अन्तर्गत नैनी, नौकुचियाताल, भीमताल, सातताल एवं सडियाताल में पंजीकृत कुल 549 बोट संचालकों को रू० 10,000 की दर से आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। शहरी विभाग के अन्तर्गत नैनीताल जनपद में नैनी झील के अन्तर्गत बोट नवीनीकरण शुल्क में 671 लाभार्थियों हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 में छूट प्रदान की जायेगी।

सांस्कृतिक दलों का रूपये 2000 प्रतिमाह की प्रोत्साहन धनराशि 05 माह तक दी जायेगी। इससे 6500 लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। वन विभाग के अन्तर्गत ट्रैकिंग एवं पीक फीस पर छूट प्रदान की जायेगी। नैनीताल जनपद के अन्तर्गत नौकुचियाताल, भीमताल, सातताल एवं सडियाताल के अन्तर्गत बोट नवीनीकरण हेतु कुल 329 लाभार्थियों को शुल्क में वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु छूट प्रदान की जायेगी। वित्त विभाग के अन्तर्गत वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली एवं दीनदयाल उपाध्याय होमस्टे योजना हेतु ऋण पर 06 माह के लिये ब्याज प्रतिपूर्ति सहायता प्रदान की जायेगी।

कोरोनाकाल के चलते प्रदेश का पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ऐसे में संकट की इस घड़ी में 200 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देकर सरकार ने पर्यटन उद्योग से जुड़े होटल मालिकों, सड़क किनारे के ढाबों, यात्राओं पर ले जाने वाले संचालकों और इस क्षेत्र से जुड़े हजारों अन्य लोगों को बड़ी राहत देने का काम किया है। पर्यटन उद्योग से जुड़े कारोबारियों और व्यापारियों की ओर से हम सरकार का आभार व्यक्त करते हैं।

– सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री

पर्यटन से प्रदेश भर के लाखों लोगों की रोजी रोटी जुड़ी है। सरकार का 200 करोड़ रुपये का यह राहत पैकेज संकट की इस घड़ी में पर्यटन उद्योग में जान फूंकने का काम करेगा। जिसका लाभ पर्यटन से जुड़े टूर ऑपरेटरों एवं एडवेंचर टूर ऑपरेटरों, बोट संचालकों, राफ्टिंग एवं एयरों स्पोर्टस सेवा प्रदाताओं सहित लाखों लोगों को सीधे तौर पर मिलेगा और पर्यटन को गति मिलेगी।

– दिलीप जावलकर, पर्यटन सचिव

तपोवन पुलिस ने हंगामा करने पर आठ युवकों का काटा चालान

मुनिकीरेती थाना पुलिस को दोपहर सूचना मिली कि तपोवन स्थित गंगा किनारे नीम बीच पर कुछ युवक हंगामा मचा रहे हैं। इससे अन्य पर्यटकों को दिक्कत हो रही है। सूचना मिलने पर तपोवन चैकी प्रभारी पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे और आठ युवकों को दो कारों समेत चैकी ले आए। जहां पर पुलिस ने वाहनों को सीज करने की कार्रवाई की।

पुलिस ने विकास पुत्र फुल कुमार निवासी शिवा पानीपत चांदनी बाग, विक्की पुत्र चंद्रभान निवासी झज्जर, प्रवीण पुत्र बच्चों सिंह निवासी ग्राम बोडिला झज्जर, आशीष पुत्र राम सिंह निवासी झज्जर, रामू पुत्र सुख सिंह ग्राम सहसपुर, सयोधरा जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश, रोहित कादयान पुत्र जितेंद्र सिंह निवासी ग्राम सिवान, सदर जिला पानीपत, पवन डबास पुत्र अशोक डबास निवासी कंधा वाला सिटी, दिल्ली, दीपक पुत्र नरेंद्र निवासी ग्राम बिचपड़ी, सोनीपत हरियाणा का पुलिस ऐक्ट में चालान किया। इसके बाद सख्त हिदायत देकर छोड़ा।

जीएमवीएन की वेबसाइट से तीर्थयात्रियों ने हेली सेवा के लिए की थी बुकिंग, अब लौटाई जाएगी


कोरोना के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया था। इसके फलस्वरूप जिन यात्रियों ने श्री केदारनाथ हेली सेवा के लिए अग्रिम बुकिंग करायी थी उन यात्रियों की धनराशि वापिस करने का उत्तराखंड सरकार ने निर्णय लिया है। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने जीएमवीएन को तीर्थयात्रियों को टिकट की धनराशि लौटाने के निर्देश दिये हैं।

जीएमवीएन ने देहरादून के राजपुर रोड स्थित यस बैंक के शाखा प्रबंधक को पत्र लिखकर तीर्थयात्रियों की धनराशि हस्तांतरित करने का निर्देश दिया है। कहा ‘‘चारधाम यात्रा सदैव से ही देश-विदेश के लाखों तीर्थयात्रियों को उत्तराखंड की ओर आकर्षित करती रही है। हालांकि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण फैलने के खतरे और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की ओर से इस साल चारधाम यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया गया है।’’

देश-विदेश के तीर्थयात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 17 मई से संचालित की जाने वाली हेली सेवा के लिए 2 अप्रैल 2021 से जीएमवीएन की वेबसाइट के माध्यम से टिकटों की अग्रिम ऑनलाइन बुकिंग शुरू की गई थी। जिसके लिए कई तीर्थयात्रियों की ओर से ऑनलाइन टिकटों की बुकिंग की गई थी।

जीएमवीएन के प्रबंध निदेशक आशीष चैहान ने बताया कि बुकिंग की धनराशि हेली ऑपरेटर्स की ओर से जीएमवीएन द्वारा ली जाती है, जो कि जीएमवीएन के यस बैंक लिमिटेड द्वारा संचालित खाते में हस्तांतरित होती है। आज यस बैंक को २०० रुपए की प्रोसेसिंग फीस छोड़ कर बाकी धनराशि यात्रियों के बैंक खातों में जमा करने के निर्देश दे दिए गए है ।

अब तक 11 हजार से अधिक यात्रियों ने हेली सेवा की बुकिंग की थी। इस फैसले से देश-विदेश के हजारों तीर्थयात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।

16 फरवरी से महिंद्रा थार फेस्टिवल की शुरूआत, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं है, प्रदेश के सभी 13 जिलों में एक से बढ़कर एक पर्यटक स्थलों के अलावा कई विशेष खासियत हैं, जिससे देश दुनिया में उत्तराखंड को अलग पहचान मिलती है। इन्हीं सब बातों को देखते हुए उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले स्थित केदारघाटी में होटल इंडस्ट्री के तौर पर अपने देश दुनिया में अलग पहचान बना चुके हैं, क्लब रिट्रीट ग्रुप द्वारा केदारघाटी में स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए महिंद्रा थार फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। दो दिन तक चलने वाले इस फेस्टिवल की आगामी 16 फरवरी से शुरुआत होगी।

क्लब रिट्रीट ग्रुप के संचालक और कम उम्र के एट्रप्रन्योर जतिन बगवाड़ी ने बताया कि महिंद्रा थार फेस्टिवल 16 फरवरी को गुप्तकाशी में और 17 फरवरी को चोपता में आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन से केदार घाटी के अलावा आस-पास के इलाके भी एक्सप्लोर हो सकेंगे। इसके अलावा पर्यटक ऑफ रोड ड्राइविंग का मजा ले सकेंगे। इतना ही नही एडवेंचर टूरिज्म में दिलचस्पी रखने वाले पर्यटक के लिए केदार घाटी खास जगह बन जाएगी। जतिन की खास बात यह है कि समय-समय पर इस तरीके के आयोजन से केदारघाटी को गुलजार रखते हैं। वर्तमान में वे विलेज रिवर रिट्रीट गुप्तकाशी केदार रिवर रिट्रीट सीतापुर (गौरीकुंड), आईवीवाई टॉप श्रीनगर समेत आधे दर्जन रिसोर्ट का संचालन कर रहे हैं।

कोटद्वार से श्रीनगर के बीच बनेगी ऑलवेदर रोड

ऑलवेदर रोड की तर्ज पर कोटद्वार से श्रीनगर तक हाईवे का निर्माण किया जाएगा। इसके तहत कोटद्वार से श्रीनगर तक हाईवे की चैड़ाई 12 मीटर होगी। एनएच के चैड़ीकरण और डामरीकरण का कार्य चार चरणों में किया जाएगा। कोटद्वार-पौड़ी-श्रीनगर हाईवे चारधाम यात्रा का वैकल्पिक मार्ग बनेगा और इसके बनने से यूपी, दिल्ली के पर्यटकों को आवाजाही में सुगमता होगी। यह बातें वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने पत्रकार वार्ता में कहीं।

वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने बताया कि कोटद्वार-पौड़ी-श्रीनगर हाईवे पौड़ी गढ़वाल जिले की लाइफ लाइन बनेगी। इस हाईवे के बनने से जिले में पलायन पर रोक लगेगी और टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि कोटद्वार से श्रीनगर तक हाईवे की चैड़ाई 12 मीटर होगी, जबकि मेरठ से कोटद्वार तक एनएच को फोर लेन बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि गत विधानसभा चुनाव के दौरान नितिन गडकरी ने एनएच को आलवेदर रोड की तर्ज पर निर्माण कराने की घोषणा की थी, जिसे सरकार जल्द पूरा करने जा रही है। कहा कि पहले चरण में सतपुली से अगरोड़ा के लिए वन भूमि क्लीयरेंस के साथ ही 82 करोड़ की धनराशि की स्वीकृति मिल चुकी है। अगले तीन-चार दिनों में टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कहा कि कोटद्वार से दुगड्डा के लिए 196 करोड़, दुगड्डा से गुमखाल के लिए 225 करोड़, गुमखाल से सतपुली के लिए 250 करोड़ और अगरोड़ा से श्रीनगर के लिए 280 करोड़ के प्राक्कलन को भी जल्द स्वीकृति मिल जाएगी। इस मौके पर वन मंत्री के ओएसडी विनोद रावत, पीआरओ सीपी नैथानी, सुरेंद्र सिंह गुसाईं, मुकेश नेगी आदि मौजूद रहे।

द्वितीय चरण में बनेंगी सुरंग
वन मंत्री ने कहा कि एनएच के चीफ और मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल की बैठक में वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया की जा रही है। द्वितीय चरण में दुगड्डा से सतपुली और सतपुली से खंडाह के लिए सुरंगें प्रस्तावित की जाएगी।

उत्तराखंड कैबिनेट में विभिन्न विभागों के 17 प्रस्तावों पर लगी मुहर, अधिक पढ़ें…

देहरादून। उत्तराखंड के उन हजारों युवाओं को नर्सिंग भर्ती में भाग लेने का मौका मिलेगा, जो एक साल के अनुभव के अभाव में आवेदन नहीं कर पा रहे थे। शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विभाग (मेडिकल कॉलेज) नर्सिंग संवर्ग और उत्तराखंड अधीनस्थ नर्सिंग (अराजपत्रित) सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी गई। इस संशोधन के तहत नर्सिंग के पदों पर भर्ती में 30 बेड के अस्पताल में एक साल के अनुभव की शर्त को हटा दिया गया है।

मुख्यमंत्री आवास पर हुई कैबिनेट की बैठक में विभिन्न विभागों के 17 प्रस्तावों पर मुहर लगी। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक के मुताबिक, बैठक में फैसला हुआ कि राज्य सरकार उन्हीं अशासकीय महाविद्यालयों को अनुदान देगी जो राज्य विश्वविद्यालयों से संबद्ध होंगे, उन्होंने कहा कि जो संबद्ध नहीं होंगे उनका अनुदान बंद हो जाएगा। केंद्रीय विश्वविद्यालय के एक्ट में अनुदान का प्रावधान नहीं है। बता दें कि राज्य में 18 अशासकीय महाविद्यालयों के अनुदान पर संकट है। इनमें करीब डेढ़ लाख छात्र अध्ययनरत हैं।

बी लिब और एम लिब भी बन सकेंगे पुस्तकालय लिपिक

बेचुलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस (बी लिब) और मास्टर ऑफ लाइब्रेरी साइंस (एम लिब) वाले उम्मीदवारों को भी अब पुस्तकालय लिपिक बनने का अवसर मिलेगा। कैबिनेट ने उत्तराखंड उच्च शिक्षा पुस्तकालय सेवा संवर्ग सेवा नियमावली 2020 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। अभी भर्ती के लिए पुस्तकालय विज्ञान की अर्हता थी। इस पद के लिए एनसीसी के सी प्रमाणपत्र को भी मान्य कर लिया गया है। पहले केवल बी सर्टिफिकेट ही मान्य था। इस पद पर भर्ती के लिए आयुसीमा 21 से 42 वर्ष निर्धारित है।

रियलिटी शो पर 12.21 करोड़ खर्चेगी सरकार

प्रदेश मंत्रिमंडल ने मैसर्स जंपिंग टौमैटो मार्केटिंग प्रा. लिमिटेड को टीवी रियलिटी शो तैयार करने की मंजूरी दे दी है। यह कंपनी राज्य के पर्यटन एवं तीर्थ स्थलों पर रियलिटी शो तैयार करने के साथ ही उनका प्रसारण भी करेगी। इस पर 12.21 करोड़ का खर्च आएगा।

अन्य फैसले
– बदरीनाथ धाम में चल रहे कार्यो के लिए वास्तुविद् सेवाओं में टेंडर न कराकर आईएनआई डिजाइन स्टूडियो फर्म के चयन को मंजूरी। फर्म कार्य की कुल लागत के दो पर प्रतिशत पर देगी सेवा।
– राठ महाविद्यालय पैठाणी में 16 चतुर्थ श्रेणी के नियमित पद समाप्त। मृतक आश्रित संवर्ग के इन पदों पर उन्हीं कर्मचारियों को आउटसोर्स से रखा जाए।
– खादी ग्रामोद्योग में बुनकरों के पारिश्रमिक में 50 फीसदी की बढ़ोतरी।
– इफ्काई विवि का नाम बदला। पहले इंस्टीटयूट ऑफ चार्टेड फाइनेंशियल एनालिस्ट ऑफ इंडिया नाम था जो बदलकर द इफ्काई सोसाइटी हैदराबाद तेलंगाना होगा, एक्ट में संशोधन को मंजूरी।
– विभागीय स्तर पर भी जारी हो सकेंगे टेंडर, प्रिंट मीडिया विज्ञापन (संशोधन) नियमावली को मंजूरी।
– उत्तराखंड चतुर्थ विस के तृतीय सत्र सत्रावसान को मंजूरी।
– उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष व सदस्य सचिव की नियुक्ति व तैनाती के सेवानियमावली को मंजूरी। अंशकालिक अध्यक्ष की व्यवस्था रखी गई। सचिव की योग्यता भी तय की गई। प्रदूषण व पर्यावरण से संबंधित विषय में पीजी होना जरूरी।
– आजीवन कारावास की सजा से दंडित सिद्धदोष कैदियों की सजा माफी के लिए स्थायी नीति को मंजूरी।
– स्वास्थ विभाग में चिकित्सा शिक्षा विभाग के तैनात 366 कर्मियों के समायोजन को मंजूरी।
– उत्तराखंड खादी एवं ग्रामोद्योग के बुनकरों एवं सिलाई कारीगरों की मजदूरी दरों में 50 प्रतिशत की वृद्धि।
– महिला उद्यमियों की आजीविका के लिए बनाए जाने वाले कियोस्क योजना में जिला स्तरीय चयन समिति में शासनस्तर से उसी जिले के दो तकनीकी सदस्य नामित होंगे।
– उत्तराखंड दृष्टिमितिज्ञ (आप्टोमैट्रिस्ट) सेवा नियमावली 2020 को मंजूरी।
– इस वित्तीय में जिन 101 मदिरा की दुकानों का आवंटन नहीं हुआ है, उन्हें 50 प्रतिशत राजस्व जमा कर दुकानें आवंटित करने का फैसला। मुख्य सचिव की अध्यक्षता की कमेटी को भी संशोधन करने का अधिकार दिया।

उत्तराखंड हैं वास्तव में ईश्वर का घर

प्राचीन काल का मौलिक वातावरण, हिमालय की बुलंद चोटियां और अनेकानेक प्राणियों एवं वनस्पतियों का पर्यावास उत्तराखंड वास्तव में ईश्वर का घर है। यहां ऐसे कई मनोरम स्थल हैं जहां जाने की आकांक्षा दुनिया भर के लोगों के मन में है। कई जगहों के बारे में तो सैलानी बखूबी जानते हैं लेकिन शहरों की भीड़-भाड़ से दूर प्रकृति में गोद में छुपे कई ऐसे भी स्थल हैं जिनसे कम ही लोग वाकिफ हैं। हिल स्टेशन खिरसु ऐसी ही जगह है पौड़ी जिले में 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थल शांति की तलाश कर रहे लोगों के लिए बिल्कुल मुफीद है। इस छुपे नगीने तक पहुंचने के लिए पौड़ी शहर से 11 किलोमीटर उत्तर दिशा में जाना पड़ेगा।

सर्दियां आ चुकी हैं और यहां से बर्फ से भरे हिमालय के शिखरों का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है। यहां के अछूते प्राकृतिक दृश्य शांतिमय वातावरण प्रदान करते हैं जहां आगंतुकों को बहुत तसल्ली मिलती है। शहरी जिंदगी की व्यस्तता से क्लांत पर्यटक यहां आध्यात्मिक सुकून और शरीर में नई ऊर्जा पाते हैं।

खिली धूप वाले दिन में आप साफ आकाश और चहचहाते पंछियों का दर्शन कर सकते हैं। चीड़, बांज, देवदार से ढके सुंदर पथ और उनके अगल-बगल हरियाली काई और दिलचस्प वनस्पतियां प्रत्येक इंसान में मौजूद भ्रमण-अनुरागी को चिंताओं से मुक्त कर देते हैं और उसे जीवन के वास्तविक अर्थ की खोज हेतु उन्मुख करते हैं। पहले खो जाने का ऐहसास और फिर अपनी आत्मा से जुड़ने का अनुभव व्यक्ति को छोटी-छोटी चीजों के महत्व के बारे में भी जागृत कर देता है। इस निराले शहर में आने वाला सैलानी प्रकृति के मध्य आनंद का पान करते हुए स्वयं को संपूर्ण अनुभव करता है।

कोविड-19 महामारी के इस दौर में ’वर्केशन’ शब्द भी लोकप्रिय हो रहा है, खासकर उत्तराखंड में। जो लोग प्राकृतिक सुषमा एवं शांति के संगम की तलाश में हैं, जहां पर दफ्तरी कार्य करने की उनकी क्षमता बढ़ जाए, उनके लिए खिरसु सही विकल्प है।

खिरसु की संभावनाओं और उत्तराखंड के अहम पर्यटन स्थल के तौर पर उसके विकास के बारे में उत्तराखंड पर्यटन के सचिव दिलीप जावलकर ने कहा, ’’उत्तराखंड में खिरसु जैसे बहुत से सुंदर स्थल हैं जिन पर अब तक पर्यटकों का अधिक ध्यान नहीं गया है। इस कोरोनाकाल में वर्केशन का ट्रैंड राज्य में फलफूल रहा है। हम इस आपदा को अवसर में बदलने के लिए निरंतर कार्यरत हैं तथा उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों के लिए हम ऐसे और कई विकल्प पेश करते रहेंगे।’’

खिरसु में वर्केशन सुविधाओं एवं पर्यटकों के आगमन के बारे में पौड़ी जिले के पर्यटन विकास अधिकारी कुशल सिंह नेगी ने कहा, ’’खिरसु पौड़ी के बाहरी क्षेत्र में स्थित है, यह वास्तव में सैलानियों के लिए एक छुपा हुआ खजाना है। सरकार द्वारा पर्यटन संबंधी प्रतिबंध हटा दिए जाने के बाद से पर्यटकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। किसी भी राज्य का खालिस स्थानीय खानपान भी वह कारक होता है जो विभिन्न इलाकों के सैलानियों को आकर्षित करता है। इसी तथ्य के फलस्वरूप हमारे खिरसु में बासा होमस्टे की स्थापना हुई है जिसे यहां की स्थानीय महिलाओं द्वारा चलाया जाता है। वे अतिथियों को अत्यंत सुस्वादु भोजन परोसती हैं और लोक कथाएं भी सुनाती हैं। ऐसे कुछ अन्य प्रोजेक्ट भी निर्माणाधीन हैं जैसे बासा होमस्टे 2, हंटर हाउस और फिशरी होमस्टे।

सैर-सपाटे के लिए नजदीकी स्थल

ज्वाल्पा देवी मंदिरः यह प्रसिद्ध मंदिर है जो पौड़ी-कोटद्वार मार्ग पर स्थित है, पर्यटकों के बीच यह जगह खूब जानीमानी है। स्थानीय लोगों का विश्वास है कि यहां शुद्ध हृदय से की गई प्रार्थनाएं अवश्य फलीभूत होती हैं। यह मंदिर पूरे साल भर खुला रहता है। हर साल नवरात्रों में यहां एक बड़ा धार्मिक मेला लगता है जिसमें पूरे क्षेत्र भर से लोग आते हैं। यहां बिना खर्च के कई विवाह भी सम्पन्न किए जाते हैं।

घंडीयाल देवता मंदिरः घंडियाल देवता का प्राचीन मंदिर स्थानीय भक्तों के बीच प्रसिद्ध है। इन्हें रक्षक देव भी कहा जाता है और मान्यता है कि ये देवता अभिमन्यु का अवतार हैं जो कि भगवान शिव के उपासक थे। घंडियाल मेला इस मंदिर का बहुत बड़ा आकर्षण है। यह 9 दिन 9 रात तक चलता है। आसपास के इलाकों में रहने वाले श्रद्धालु उच्च धार्मिक जज्बे के साथ इस मेले में भाग लेते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।

खिरसु से आगे पर्यटकों के लिए घूमने वाले स्थल

श्रीनगरः यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर अलकनंदा नदी के किनारे पर स्थित है। किसी जमाने में यह शहर गढ़वाल के राजाओं की राजधानी हुआ करता था, इस क्षेत्र में राज्य के विस्तार के लिए श्रीनगर की बहुत अहमियत थी। आज यहां गढ़वाल विश्वविद्यालय का केन्द्र है। इस क्षेत्र का यह सबसे बड़ा नगर है।

देवलगढ़ः खिरसु से श्रीनगर की दिशा में यह 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गढ़वाल साम्राज्य की प्रमुख गढ़ राजधानियों में से एक है। यह साम्राज्य कितना समृद्ध हुआ करता था इसकी बानगी यहां आकर देखने को मिलती है। राज राजेश्वरी मंदिर और गौरी देवी मंदिर इस इलाके के मुख्य आकर्षण हैं।

उल्कागढ़ीः खिरसु (चैबट्टाखाल) से तीन किलोमीटर के फासले पर है उल्कागढ़ी। इसे एक छोटे मंदिर, उल्केशवरी मंदिर के लिए जाना जाता है तथा गढ़वाल साम्राज्य के बहुत से ढांचे भी इस इलाके में देखने को मिल जाएंगे।

पौड़ीः पौड़ी गढ़वाल का जिला मुख्यालय और गढ़वाल मंडल के आयुक्त का मुख्यालय भी यहां स्थित है। खिरसु से यह 20 किलोमीटर और श्रीनगर से 32 किलोमीटर है। पौड़ी के खूबसूरत हिल स्टेशन में औपनिवेशिक वास्तुशिल्प की शैली में कई टूरिस्ट बंगलो बने हुए हैं। यहां ठहरने के लिए आपको कई प्राइवेट होटल मिल जाएंगे। इस शहर में एक बड़ा बाजार भी है जहां से शॉपिंग के शौकीन आसपास के गांवों के निवासियों द्वारा बनाई गई स्थानीय वस्तुएं खरीद सकते हैं।

लैंसडाउनरू देश भर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सबसे लंबे इतिहास वाला एक हिल स्टेशन है। यह हिल स्टेशन मोटर मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा है। यहां आकर आप शहर की भागमभाग जीवन से आराम मिल सकता है। लैंसडाउन में लंबे सप्ताहांत के ब्रेक के लिए पर्यटक आकर आनंद ले सकते हैं।