सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर मेयर से मिले ग्रामीण

ऋषिकेश हरिद्वार बाईपास मार्ग के चौड़ीकरण किए जाने की मांग को लेकर ग्रामीण क्षेत्र के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज दोपहर मेयर अनिता ममगाईं के कैंप कार्यालय में उनसे मुलाकात की।

ग्रामीण क्षेत्र का एक प्रतिनिधिमंडल कैंप कार्यालय में उनसे मिला। एक ज्ञापन सौंपकर मेयर से श्यामपुर पुलिस चैकी से लेकर इन्द्रमणि बडोनी चैक तक तकरीबन 7 किलोमीटर लंबी सड़क के चौड़ीकरण कराए जाने की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल ने मेयर को बताया कि इस जिला मार्ग की चैड़ाई कम होने की वजह से आयेदिन सड़क हादसे घटित हो रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल की तमाम बातें गौर से सुनने के पश्चात मेयर अनिता ममगाईं ने तुरंत संबधित अधिकारी को फोन कर उनसे तत्काल समस्या का संज्ञान लेने की बात कही।

मेयर ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि इस संदर्भ में वह लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को ज्ञापन भी सौंपेगी। जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी इस समस्या को लाया जाए। प्रतिनिधि मंडल में जिला पंचायत सदस्य संजीव चैहान, ग्राम प्रधान गुमानीवाला राकेश व्यास, पार्षद वीरेंद्र रमोला, विपिन पंत, धर्म सिंह, सत्यप्रकाश ममगाई, मनोज, रामकुमार, रणजीत थापा, जगमोहन रावत, गौतम रावत, गौतम राणा, राजेश दिवाकर, विजय बडोनी, कमलेश जैन, विजेंद्र मोगा, अजीत गोल्डी आदि शामिल थे।

सीएम त्रिवेंद्र के समक्ष उन्नत प्रजाति की आस्ट्रेलियन टीक एवं काली मिर्च के पौधों की खेती की हुई प्रस्तुति

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के समक्ष सचिवालय में राज्य में उन्नत प्रजाति के आस्ट्रेलियन टीक एवं काली मिर्च के पौधों की खेती के प्रोत्साहन हेतु प्रस्तुतीकरण दिया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने में आस्ट्रेलियन टीक एवं काली मिर्च की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। राज्य में इसको बढ़ावा देने के लिए और क्या प्रयास हो सकते हैं, इस ओर ध्यान दिया जाय। इसका बहुआयामी उपयोग किस तरह किया जा सकता है, इसकी भी जानकारी दी जाय।

आस्ट्रेलियन टीक एवं काली मिर्च खेती को बढ़ावा देने के लिये इस क्षेत्र में कार्य कर रहे छत्तीसगढ़ के विशेषज्ञ कृषक डॉ. राजाराम त्रिपाठी एवं ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान रूद्रपुर के अधिशासी निदेशक हरीश चन्द्र काण्डपाल ने प्रस्तुतीकरण दिया। राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि आस्ट्रेलियन टीक एवं काली मिर्च खेती उत्तराखण्ड में गेम चेंजर हो सकती है। इस खेती में मेहनत भी कम है और अधिक आमदनी अर्जित की जा सकती है। राज्य में इस क्षेत्र में कार्य करने की पर्याप्त संभावनाएं हैं। रूद्रपुर में ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान द्वारा आस्ट्रेलियन टीक एवं काली मिर्च की खेती की शुरूआत की गई है, इसके अच्छे परिणाम दिखाई दे रहे हैं।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव हरबंस सिंह चुघ, अपर सचिव वन्दना, निदेशक सगंध पौध केन्द्र डॉ. नृपेन्द्र चैहान एवं सबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

हरिद्वार के 32 स्कूलों के अवस्थापना सुविधाओं एवं रुपांतरण के लिए हुए एमओयू हस्ताक्षरित

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जनपद हरिद्वार में राजकीय विद्यालय अंगीकरण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार डॉ. आनन्द भारद्वाज एवं रिलेक्सो फाउण्डेशन के गंभीर अग्रवाल के मध्य जनपद हरिद्वार के 32 स्कूलों के अवस्थापना सुविधाओं एवं रुपांतरण के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया गया।

सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढ़ांचे और शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करने के उद्देश्य से जनपद हरिद्वार में कॉर्पोरेट सेक्टर गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से राजकीय विद्यालय अंगीकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। नीति आयोग द्वारा हरिद्वार जनपद को आकांक्षी जिला घोषित किया गया है। प्रमुख संकेतकों द्वारा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जिला प्रशासन हरिद्वार द्वारा स्कूलों में शिक्षा और बुनियादी ढ़ाचे की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नई पहल शुरू की गई है। इस पहल से शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में केपीआई में लक्ष्यों को प्राप्त करने एवं इसके लिए उठाये जा रहे कदमों पर ध्यान दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि सरकारी स्कूलों के अंगीकरण कार्यक्रम से स्कूलों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि हरिद्वार से प्रारम्भ हो रहा यह अभियान सबको गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने में निश्चित रूप से मददगार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की बेहतरी के लिये कार्ययोजना बनायी गयी है। प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिये राज्य के प्रत्येक ब्लाक में 2-2 अटल आदर्श विद्यालय स्थापित किये जाने की योजना है।

जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर ने कहा कि इस कार्यक्रम में प्रथम चरण में जनपद के 939 सरकारी स्कूलों को विभिन्न कॉर्पोरेट समूहों द्वारा अपनाया जाना है। जिसमें जिसमें 666 प्राथमिक, 170 उच्च प्राथमिक विद्यालय, 68 माध्यमिक और 35 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूलों के रूप में बदलने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा सीएसआर के तहत कॉरपोरेट समूहों को शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है।

इस अवसर पर अपर सचिव नीरज खेरवाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार डॉ. आनन्द भारद्वाज, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एच.पी. विश्वकर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक वी.एस. चतुर्वेदी आदि उपस्थित थे।

साइंस सिटी को यूकॉस्ट के महानिदेशक और सचिव एनसीएसएम ने किया समझौता

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थित में आज साइंस सिटी देहरादून के लिए उत्तराखण्ड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) उत्तराखण्ड शासन एवं राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् (एनसीएसएम ) के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल एवं सचिव एनसीएसएम ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। एनसीएसएम भारत सरकार के संस्कृत मंत्रालय की एक स्वायत्तशासी संस्था है जो देश में विज्ञान संग्रहालयों का निर्माण तथा संचालन करती है। साइंस सिटी देहरादून में विज्ञान धाम, झाझरा में विकसित होगी। साइंस सिटी लगभग चार वर्षों में बनकर तैयार हो जायेगी। 173 करोड़ रूपये की इस परियोजना के लिए 88 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार एवं 85 करोड़ रूपये राज्य सरकार वहन करेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि देहरादून में बनने वाले साइंस सिटी सबके आकर्षण का केन्द्र बने इसके लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है। इसे निर्धारित समयावधि से पूर्व पूर्ण करने के प्रयास किये जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े प्रोजक्ट को पूरा करने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति का होना जरूरी है। सबके सामुहिक प्रयासों से यह प्रोजक्ट समय से पहले पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भारत की वैज्ञानिक संस्कृति को आगे बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। राज्य सरकार का प्रयास होगा कि उत्तराखण्ड के वैशिष्ट्य को लोग साइंस सिटी के माध्यम से देख सकें। साइंस सिटी के लिए स्थान का चयन भी छात्र-छात्राओं एवं लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

साइंस सिटी देहरादून में खगोल एवं अंतरिक्ष विज्ञान ,रोबोटिक्स, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की विरासत, भूगर्भीय जीवन, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, वर्चुअल रियलिटी, ऑग्मेंटेड रियलिटी, आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स के साथ स्पेस थियेटर सहतारामंडल, हिमालय की जैवविविधता पर डिजिटल पैनोरमा, सिम्युलेटर, एक्वेरियम, उच्च वोल्टेज व लेजर, आउटडोर साइंस पार्क, थीम पार्क, बायोडोम, बटरफ्लाई पार्क, जीवाश्म पार्क एवं मिनिएचर उत्तराखंड आदि होंगे। साथ ही अन्य सुविधाओं के रूप में कन्वेंशन सेंटर तथा प्रदर्शनी हॉल आदि भी साइंस सिटी का हिस्सा होंगे।

साइंस सिटी प्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के संचार, लोकव्यापीकरण तथा नवप्रवर्तन की दिशा में विद्यार्थियों, शिक्षकों, आम नागरिकों एवं पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण तथा आकर्षण का केन्द्र होगी। केंद्र सरकार की स्पोक्स योजना के तहत क्षेत्र्रीय विज्ञान केंद्र देहरादून के साइंस सिटी देहरादून में उन्नयन के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव को संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी। इस सैद्धांतिक मंजूरी के बाद संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के डेलीगेटेड इन्वेस्टमेंट बोर्ड (डीआईबी) की मंजूरी भी साइंस सिटी देहरादून के लिए अप्रैल 2020 में प्राप्त हो गई थी।

इस अवसर पर विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर, ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस. नेगी, मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आर.के सुधांशु, एनसीएसएम के पूर्व महानिदेशक गंगा सिंह रौतेला, निदेशक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम डॉ. अजंन रे, अपर सचिव विजय यादव, अपर प्रमुख वन संरक्षक डॉ. समीर सिन्हा, डॉ. प्रकाश चैहान आदि उपस्थित थे।

लेप्रोस्कोपी सर्जरी व बेहतर तरीके से टांके लगाने का प्रशिक्षु चिकित्सकों ने लिया प्रशिक्षण

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में आयोजित शिविर में कनिष्ठ व प्रशिक्षु चिकित्सकों ने लेप्रोस्कोपी सर्जरी व बेहतर तरीके से टांके लगाने के गुर सीखे। बताया गया कि यह प्रशिक्षण एक सप्ताह तक जारी रहेगा। जिसमें ईएनटी, सर्जिकल ओंकोलॉजी, गाइनी, जनरल सर्जरी विभाग के कनिष्ठ चिकित्सकों, एमबीबीएस के विद्यार्थियों आदि को प्रशिक्षित किया जाएगा।

एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत की देखरेख में जॉनसन एंड जॉनसन इंस्टीट्यूट के सहयोग से ऑन व्हील प्रोग्राम के तहत सिमुलेशन कौशल के लिए तैयार कि​ए गए स्पेशल सचल वाहन में इस शिविर का आयोजित किया गया। बताया कि सिमुलेशन ​स्किल से फैकल्टी व रेजिडेंट्स चिकित्सकों को प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे वह अपने कार्यक्षेत्र में दक्षता हासिल करेंगे व अभ्यास से वह अपना कार्य कुशलता से कर सकेंगे। लिहाजा यह दक्षता प्रत्येक व्यक्ति में होनी चाहिए जो कि जरुरी है।
प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से प्रतिदिन क्रमवार सामान्य शल्य चिकित्सा विभाग, नाक कान गला विभाग, अस्थि रोग विभाग, स्त्री एवं प्रसूति विभाग, कैंसर शल्य ​चिकित्सा विभाग आदि के रेजिडेंट डॉक्टर्स, एमबीबीएस छात्र-छात्राएं बेहतर तरीके से टांके लगाने के साथ ही लेप्रोस्कोपी सर्जरी स्किल में दक्षता हासिल करेंगे।
इस अवसर पर जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. सोमप्रकाश बासू ने बताया ​कि शल्य चिकित्सा एक विषय है जिसमें ज्ञान के साथ साथ कला और अनुभव की आवश्यकता होती है। लिहाजा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कनिष्ठ चिकित्सकों, रेजिडेंट डॉक्टरों के कौशल और आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी में मददगार साबित होगा।
उन्होंने बताया कि सिमुलेशन आधारित प्रशिक्षण चिकित्सकों के ज्ञान और कौशल को विकसित करने में सहायक सिद्ध होता है। इस अवसर पर जनरल सर्जरी विभाग की वरिष्ठ सर्जन व आईबीसीसी प्रमुख प्रोफेसर बीना रवि, डीन( एकेडमिक) प्रो. मनोज गुप्ता, डीन (हॉस्पिटल अफेयर्स ) प्रो. यूबी मिश्रा, डा. अनुभा अग्रवाल, डा. प्रतीक शारदा, जॉनसन एंड जॉनसन की ओर से सुमित कौशिक, संदीप राणा आदि मौजूद थे।

परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगा धरने पर बैठा एक पक्ष की दूसरे पक्ष से हुई नोंकझोंक

परिवहन विभाग के ऋषिकेश कार्यालय में भ्रष्टाचार का आरोप लगा तथा दलाली प्रथा को बंद करने की मांग को लेकर एक पक्ष के दो लोग कार्यालय के बाहर ही धरने पर बैठे। मगर, वहां दूसरे पक्ष के चार लोग भी आ धमके और देखते ही देखते वहां दोनों पक्षों में नोंकझोंक हो गई। मौंके पर पुलिस पहुंची और दोनों पक्षों के छह लोगों को हिरासत में लिया। शाम को दूसरे पक्ष के चार लोगों को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया, जबकि पहले पक्ष के दो लोगों ने निजी मुचलके पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया।

आज सुबह करीब दस बजे एआरटीओ कार्यालय के बाहर एक पक्ष के दो लोग संजीव पुत्र मेहर रावत निवासी गंगागनर और गौरव राजपूत पुत्र विजय राव निवासी ढालवाला धरने पर बैठे। उन्होंने कहा कि एआरटीओ कार्यालय में दलाली प्रथा बंद होनी चाहिए। साथ ही मोटर चालक स्कूल को एआरटीओ कार्यालय से संरक्षण प्राप्त है। तभी दूसरे पक्ष के चार लोग अमरजीत पुत्र जरनैल सिंह निवासी गोविंदनगर, उमेश चैहान पुत्र राम कुमार चैहान निवासी बनखंडी, प्यारेलाल जुगरान पुत्र पुरूषोत्तम निवासी सोमेश्वर नगर, विक्रांत पुत्र तरसेम वहां पहुंचे। दूसरे पक्ष को इन लोगों का कहना था कि धरने पर बैठे लोग एआरटीओ कार्यायल में आने वाले लोगों को धमका रहे हैं। काफी नोंकझोंक के बीच पुलिस भी पहुंची। सभी हंगामा कर रहे छह लोगों को कोतवाली लेकर आई। यहां चार को शांतिभंग में चालान कर रिहा कर दिया गया, जबकि संजीव और गौरव ने जमानत लेने से इंकार कर दिया।

गंगोत्री में बनेगा मिलन केंद्रः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधायक निधि योजना के अंतर्गत तीसरी किस्त के रूप में 52.50 करोड़ की राशि अवमुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे पहले पहली और दूसरी किस्त की धनराशि जारी की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम घोषणा के तहत विधानसभा क्षेत्र गंगोत्री के क्षेत्र के तहत पंचगाई के मां जगदम्बा और सोमेश्वर देवता के परिसर में एक मिलन केंद्र बनाने के लिए 40.33 लाख की मंजूरी दी है।

मुख्यमंत्री ने टिहरी जिले की देवप्रयाग शाखा के तहत कोटेश्वर-झंडीधार पंपिग योजना में बिजली की आपूर्ति को 33ध्11 केवी से जोड़े जाने के लिए 49.38 लाख के विभागीय प्रस्ताव पर अविलंब कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

स्थानीय निकायों को पेंशन निधि
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी शहरी स्थानीय निकायों को चालू वित्तीय वर्ष में मार्च,21 की अंतिम मासिक किस्त के लिए देय धनराशि में से केंद्रीयित पेंशन निधि के लिए 47.90 लाख, सभी नगर निगमों के लिए 21.90 करोड़, सभी नगर पंचायतों को 5.31 करोड़, व तीन गैर निर्वाचित निकायों को 11.13 लाख (कुल 49.21 करोड़) को शहरी विकास निदेशालय के निवर्तन पर रखे जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

कार्मिकों के लिए बनेंगे आवासीय भवन
उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद के तहत संयुक्त प्रवेश परीक्षा प्रकोष्ठ देहरादून में कार्यरत कार्मिकों के लिए कार्यालय परिसर में टाईप टू के 8 आवासीय भवनों के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री ने पेयजल निगम को कार्यदायी संस्था नामित करने पर सहमति दी है।

कपकोट में निरीक्षण भवन का जीर्णोद्धार
विधानसभा कपकोटो के विकासखंड में स्थित निरीक्षण भवन के जीर्णोद्धार के लिए मुख्यमंत्री ने 29.10 लाख की मंजूरी दी है।

गढ़ी कैंट में ट्यूबवैल और ओवरहैड टैंकः मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम घोषणा के तहत गढ़ी कैंट क्षेत्र में ट्यूबवैल और ओवरहैड टैंक के निर्माण करने के लिए 4.13 करोड़ की स्वीकृति देते हुए 1.65 करोड़ जारी करने पर सहमति दी है।

नैनीताल मे स्नो व्यू के लिए मंजूरीः मुख्यमंत्री ने नैनीताल के नगर क्षेत्र में स्नो व्यू मे हिमालय दर्शन व्यू प्वाइंट पहुंच मार्ग, सैल्फी प्वाइंट व पार्क के सौंदर्यीकरण कार्य के लिए 18.97 लाख की स्वीकृति दी है। नैनीताल के राजकीय उद्यान रामगढ़ में जनापूर्ति के लिए पाईप व टैंक निर्माण कार्य की कुल लागत 72.80 लाख के सापेक्ष मुख्यमंत्री ने प्रथम चरण में 29.16 लाख जारी करने की स्वीकृति दी है।

दिनेशपुर मे 10 कार्यों को स्वीकृतिः मुख्यमंत्री ने शहरी विकास विभाग के तहत नगर पंचायत दिनेशपुर मे 10 कार्यों के लिए 1.24 करोड़ की स्वीकृति दी है। पूरी धनराशि को जारी करने की भी मंजूरी दी है।

पहली बार दुर्मी घाटी पहुंचने पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का हुआ सम्मान

सरकार जनता के द्वार’ के सिद्धांत को सार्थक करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत आज सीमांत जनपद चमोली की एक ऐसी घाटी में पहुंचे। जहां देश की आजादी के बाद से अब तक प्रदेश के किसी भी मुख्यमंत्री ने आना मुनासिब नहीं समझा। दुर्मी नाम की इस दुर्गम घाटी की जनता ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया था।

बीते 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर ऐतिहासिक दुर्मी ताल (तालाब) के पुनर्निर्माण की घोषणा किए जाने के एवज में जनता ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का सम्मान किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दुर्मी-निजमुला घाटी में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने समेत बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए बुनियादी सुविधाओं से संबंधित लगभग एक दर्जन घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहाड़ की महिलाओं के सिर से घास का बोझ हटाने की योजना बना रही है, इस योजना को अमल में लाने के लिये आगामी बजट में धनराशि की घोषणा की जाएगी। इस योजना को अगले पांच वर्ष में पूरी तरह धरातल पर उतार दिया जाएगा।

दरअसल, दुर्मी घाटी में 14 ग्राम पंचायत शामिल हैं। घाटी की जनसंख्या लगभग 8000 है। विकास और बुनियादी सुविधाओं की दृष्टि से इस घाटी में अभी बहुत कुछ होना बाकी है। यहां की जनता पिछले कई वर्षों से सन 1970 की बाढ़ में टूट चुके दुर्मी ताल की मांग कर रही है। जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पहले ही कर चुके हैं। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक महेन्द्र भट्ट, भाजपा के जिलाध्यक्ष रघुवीर बिष्ट, दर्जाधारी राज्यमंत्री रिपुदमन सिंह रावत, जिला सहकारी बैंक चमोली के अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह रावत आदि मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने किया राज्य का प्रथम रेडियो स्टेशन का शुभारंभ

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बल्लुपुर चैक, देहरादून में उत्तराखण्ड के पहले डिजिटल रेडियो स्टेशन ‘‘ओहो रेडियो उत्तराखण्ड’’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विधायक गणेश जोशी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश की राजधानी देहरादून से यह एक अच्छी शुरूआत हो रही है। एप्प के माध्यम से ओहो रेडियो उत्तराखण्ड को दुनियाभर में सुना जा सकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह रेडियो स्टेशन अपने कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में जागरूकता लायेगा एवं लोगों को दुःख, दर्द एवं समस्याओं को उजागर भी करेगा। इससे सरकार को भी लोगों की समस्याओं के समाधान में और मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आज इंटरनेट के जमाने में जब हर कोई डिजिटल माध्यम से जुड़ रहा है, ऐसे में आर.जे. काव्य द्वारा रेडियो को डिजिटल माध्यम पर लाने की सराहनीय कोशिश की गई है। ‘‘ओहो रेडियो उत्तराखण्ड’’ के माध्यम से उत्तराखण्ड की संस्कृति, परिवेश, बोलियों एवं अन्य गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

आर.जे काव्य ने कहा कि सोच लोकल एप्रोच ग्लोबल का विजन लिए संगीत, साहित्य, स्पोर्ट्स, करियर, पलायन, समाज और उत्तराखण्ड की हर बात को ओहो रेडियो उत्तराखण्ड अपनी आवाज देगा।

राष्ट्रपति सांसद नरेश बंसल ने की शिष्टाचार भेंट, कुंभ में उत्तराखंड आने का दिया निमंत्रण

दिल्ली में सांसद राज्य सभा नरेश बंसल ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से शिष्टाचार भेंट की। करीब 1 घंटे चली इस मुलाकात के दौरान राज्यसभा सांसद ने उन्हें कुंभ में हरिद्वार आने का निमंत्रण दिया। मौके पर सांसद ने नवसंवत्सर व हिन्दू नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएं और बधाई दी गई। साथ ही उत्तराखंड के विकास कार्यों को लेकर भी वार्ता हुई। बंसल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को उनके संयुक्त संसदीय सत्र के अभिभाषण के लिए बधाई देते हुए उसे भारत की प्रगति का पाथेय बताया। साथ ही कहा कि विषम परिस्थितियों में भारत सरकार द्वारा पेश एतिहासिक बजट भारत की प्रगति मे मील का पत्थर साबित होगा। उससे सभी क्षेत्रों में सर्वागीण विकास होगा।

सांसद नरेश बंसल ने उत्तराखंड में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा चल रहे विकास कार्यो की जानकारी राष्ट्रपति को दी। राष्ट्रपति कोविंद से राज्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर संवाद किया।दोनों के बीच उत्तराखंड व देश से सम्बंधित विभिन्न विषयों पर सकारात्मक चर्चा हुईं।

सासंद ने राष्ट्रपति को मां भगवती की प्रशाद स्वरुप चुनरी व श्री वाल्मिकी रामायण भेंट की। सासंद बंसल ने कुंभ मेला पर भी एक पुस्तक राष्ट्रपति महोदय को भेंट की व उन्हे सपरिवार देवभूमि उत्तराखंड के पुण्य क्षेत्र हरिद्वार में आयोजित होने वाले महाकुंभ में आने का निमंत्रण दिया।

इस मौके पर राज्य सभा में निर्वाचन पर बधाई और शुभकामनाएं दी। साथ ही सांसद ने राष्ट्रपति का मार्गदर्शन लिया। इस अवसर पर आईटी प्रकोष्ठ युवा मोर्चा उत्तराखंड के सह संयोजक सिद्धार्थ बंसल भी उपस्थित रहे।