अब इस आशियाने पर सचिन नहीं रह पाएंगे

क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर जब भी उत्तराखंड की सैर को आते थे, तो मसूरी जाना में ही रूकते थे। मसूरी में वह अपने बेहद करीबी दोस्त एवं उद्योगपति संजय नारंग के आशियाना ढहलिया बैंक परिसर पर ठहरते थे, लेकिन यही आशियाने पर छावनी परिषद लंढौर प्रशासन ने जेसीबी चलवा दी है। कानूनी लड़ाई जीतने के बाद परिषद ने विरोध के बीच इस तीन मंजिला बंगले के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की। नारंग पर परिसर में अवैध तरीके से निर्माण कराने का आरोप है।
अदालत के फैसले के क्रम में छावनी परिषद की टीम सीईओ जाकिर हुसैन और एसडीएम मीनाक्षी पटवाल की अगुआई में ढहलिया बैंक परिसर पहुंची। पुलिस और अतिक्रमण हटाओ दल इससे पहले ही वहां पहुंच गया था, लेकिन मुख्य प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षा गार्डो ने उन्हें परिसर में घुसने से रोक दिया। गार्डो ने धक्का-मुक्की भी की। एसडीएम, सीईओ और पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप पर टीम परिसर में दाखिल हुई और वहां मौजूदा गार्ड एवं अन्य स्टाफ को बाहर निकालकर जेसीबी से ध्वस्तीकरण शुरू किया। 30 मजदूरों समेत 45 सदस्यीय टीम अवैध निर्माण तोड़ने में जुटी है। एहतियातन वहां सुरक्षा बल तैनात है।
क्या था पूरा मामला
संजय नारंग ने 2009 में कैंट बोर्ड से 2800 वर्गफीट में फैले ढहलिया बैंक परिसर की मरम्मत की इजाजत मांगी थी। बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष मेजर जनरल रणबीर यादव ने बोर्ड के बहुमत के आधार पर नारंग को इसकी अनुमति दे दी, लेकिन कुछ समय बाद ही तत्कालीन सीईओ अशोक चौधरी इसे नियमों के विरुद्ध बताते हुए मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में ले आए। इस बीच, नारंग ने पुराना निर्माण ध्वस्त कर परिसर में नया निर्माण कार्य शुरू कर दिया। बोर्ड अधिकारियों ने कार्य रुकवाने के आदेश दिए पर अमल नहीं हुआ। कुछ ही अंतराल में नारंग ने परिसर में तीन मंजिला भवन खड़ा कर डाला। सिविल न्यायालय और सत्र न्यायालय के बाद मामला नैनीताल हाई कोर्ट तक पहुंचा। नैनीताल हाई कोर्ट ने बीती 5 सितंबर को ढहलिया बैंक में हुए अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के आदेश दिए। इसके खिलाफ संजय नारंग ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका डाली, लेकिन उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिली। 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के ध्वस्तीकरण के आदेशों को बरकरार रखा। नारंग को 12 दिनों के भीतर बंगला खाली करने को कहा। वैसे नारंग ने 90 दिनों की मोहलत मांगी थी, पर अदालत ने इसे नहीं माना।
नहीं ली गयी निर्माण के समय अनुमति
ढहेलिया बैंक परिसर के पास ही रक्षा मंत्रालय का संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी मैनेजमेंट) भी है। इसकी वजह से इस पूरे इलाके को अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। यहां किसी भी निर्माण से पहले संस्थान की अनुमति लेनी अनिवार्य है, लेकिन संजय नारंग ने इसे भी नजरअंदाज किया।
ध्वस्त से पूर्व ही हटा लिये थे कीमती सामान
सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने के बाद से ही संजय नारंग ने इस आलीशान बंगले से अपना सामान शिफ्ट करना शुरू कर दिया था। कमरों में केवल दरवाजे और खिड़कियों की चौखट लगी मिलीं। यही नहीं, बंगले के अगले हिस्से में दीवारों पर लगाया गया कीमती सामान भी उतरवा लिया था। कुछ मजदूर छत पर लगी पठाल (पत्थर) भी उतारते मिले।
ढहलिया बैंक परिसर में बेसमेंट सहित तीन मंजिला निर्माण ध्वस्त किया जाना है। इसमें एक सप्ताह अधिक समय भी लग सकता है।

अंग्रेजों के जमाने की कंडी रोड होगी पहली ग्रीन रोडः हरक

कबीना मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने भाजपा मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों को आपस में जोड़ने वाली कंडी रोड को अब सरकार ग्रीन रोड के रूप में विकसित करने जा रही है। इसका जिम्मा इको टूरिज्म कारपोरेशन को सौंप दिया गया है।
डा. रावत ने यह दावा किया है कि ग्रीन रोड कांसेप्ट की देश की यह पहली सड़क होगी। हालांकि पिछले साल नवंबर में हरियाणा के पटौदी में ग्रीन रोड का शिलान्यास हो चुका है।
डॉ. रावत ने कहा कि राजाजी और कार्बेट नेशनल पार्क से गुजरने वाले इस वन मार्ग (कंडी रोड) को केंद्र सरकार के ग्रीन रोड कांसेप्ट में शामिल किया गया है। जल्द ही इस प्रस्ताव को स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड से पास कराने के बाद नेशनल वाइल्डलाइफ बोर्ड में ले जाया जाएगा। उम्मीद जताई कि जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा करा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले माह से इस सड़क का सर्वे प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर दी गई है।
बता दें कि वन विभाग के अधीन कंडी रोड को आम यातायात के लिए खोलने की मांग पिछले तीन दशक से अधिक समय से चली आ रही है। अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही कंडी रोड रामनगर से कालागढ़, कोटद्वार व लालढांग (हरिद्वार) को सीधे जोड़ती है।
इस सड़क के बन जाने पर यह राज्य के दोनों मंडलों गढ़वाल व कुमाऊं को राज्य के भीतर ही सीधे जोड़ेगी। वर्तमान में ऐसा कोई मार्ग न होने के कारण उप्र के बिजनौर क्षेत्र से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में समय के साथ ही टैक्स के रूप में धन की हानि भी उठानी पड़ती है।
हालांकि, कंडी रोड को खोलने के लिए कसरत लंबे समय से चल रही है, लेकिन वन एवं वन्यजीवों से संबंधित कानून इसके आड़े आते रहे हैं। पूर्ववर्ती खंडूड़ी सरकार के कार्यकाल में भी इस मार्ग के लिए बाकायदा धन भी स्वीकृत हुआ, लेकिन वन कानूनों की अड़चन दीवार बनकर खड़ी हो गई। नतीजतन, मामला लटक गया। अब फिर से राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस सड़क को अपनी पहली प्राथमिकता बताया।
ग्रीन रोड में सड़क निर्माण की इस तकनीक में सड़क बनाते समय इसमें तारकोल समेत दूसरे प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों का प्रयोग नहीं किया जाता। सीमेंट अथवा लकड़ी के बीम जमीन में बिछाकर बाकी हिस्से को मिट्टी और रेत से तैयार किया जाता है।

अन्ना जल्द शुरू करेंगे जनआंदोलन

जनलोकपाल के लिए आंदोलन करने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे अब मोदी सरकार के खिलाफ विरोध का बिगुल बजाने वाले हैं। लोकपाल की नियुक्ति न होने के चलते अन्ना ने आंदोलन का ऐलान किया है। रायपुर में अन्ना हजारे ने कहा है कि वो जल्द ही मोदी सरकार के खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करेंगे। उन्होंने कहा, केंद्र में नई सरकार को साढ़े तीन साल हो गए, बावजूद इसके अब तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं की गई है।
व्यक्ति या पार्टी के खिलाफ नहीं
इस ऐलान के साथ ही अन्ना ने ये भी साफ कर दिया कि वह किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है।. मगर, लोकपाल की नियुक्ति में देरी स्वीकार्य नहीं है।
अन्ना ने ये भी साफ किया कि उन्होंने कभी किसी राजनीतिक दल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं किया। अन्ना ने कहा, मैंने हमेशा राष्ट्रहित में आवाज उठाई है।
देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ी
अन्ना हजारे ने लोकपाल के अलावा देश की अर्थव्यवस्था पर भी टिप्पणी की। अन्ना ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था हर दिन बिगड़ती जा रही है। जिसके चलते महंगाई बढ़ रही है।
हाल ही में गांधी जयंती के अवसर पर अन्ना हजारे दिल्ली पहुंचे थे। यहां राजघाट पर बापू को श्रद्धांजलि देने के बाद उन्होंने एक दिन का सत्याग्रह किया था। जिसके बाद उन्होंने जनलोकपाल का मुद्दा फिर से उठाने की बात कही थी। अन्ना ने ये भी कहा था उनके आगामी आंदोलन में वही लोग हिस्सा लें, जिन्हें भविष्य में राजनीतिक दल में न जाना हो। इसके लिए उन्होंने आंदोलन में शामिल होने वालों से बाकायदा एफिडेविट मांगने की बात कही है।

हनीप्रीत की एक ही रट, निर्दोष हूं

पुलिस शिकंजे में हनीप्रीत की हालत बिगड़ गई है। पंचकूला के चंडी मंदिर थाने में बंद हनीप्रीत के सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया है। एक सफाईकर्मी ने बताया कि हनीप्रीत हवालात में एकटक दीवार की निहारते हुए खोई हुई है। उसकी पहली रात भारी बेचौनी में गुजरी है। कल आधी रात में उसका मेडिकल टेस्ट भी कराया गया।
38 दिन से सारी दुनिया की नजरों से ओझल रही हनीप्रीत अब मीडिया और उसके सवालों से बच नहीं सकी। कभी कैमरे पर तरह की अदाओं से इतराने वाली और 21 तरह के किरदार बदलने वाली हनीप्रीत मीडिया से बचने के लिए चेहरा ढंके तेज कदमों से भागती जा रही थी। उससे कई सवाल हुए, लेकिन वो एक ही रट लगाए है कि वो बेकसूर है।
पुलिस की कड़ी घेराबंदी में मेडिकल कराने आधी रात में सिविल अस्पताल पहुंची हनीप्रीत को अपने बचाव के लिए भी पुलिसवालों का ही सहारा लेना पड़ा। हनीप्रीत के साथ पकड़ी गई उसकी साथी और डेरा समर्थक बठिंडा की रहने वाली सुखदीप का भी मेडिकल टेस्ट कराया गया है। हनीप्रीत के अंदर अब मीडिया का सामना करने का ताब नहीं बचा है।
हनीप्रीत पुलिस थाने की हवालात के सख्त फर्श पर रातभर चैन से सो भी नहीं सकी। सारी रात उसे याद आता रहा सुनारिया जेल में बंद राम रहीम और सताता रहा अपने अंजाम का खौफ. हनीप्रीत के हालात बदले तो तस्वीर बदल गई। 25 अगस्त से पहले राजरानी जैसे ऐशो-आराम की जिंदगी गुजारने वाली हनीप्रीत कानून से छिपती दर-दर भटकती रही।
हनीप्रीत को उसकी एक महिला साथी के साथ तीन अक्टुबर की दोपहर 3 बजे पुलिस ने पकड़ा। इसके बाद पुलिस हनीप्रीत और उस महिला को करीब 4 बजे पंचकूला के सेक्टर-23 में बने चंडी मंदिर थाने लाई। करीब एक घंटा कागजी कार्यवाही के बाद हनीप्रीत से पूछताछ शुरू हुई। पहले राउंड की ये पूछताछ करीब 2 घंटे चली। इसके बाद उसका हवालात से सामना हुआ।

हिमाचल के लोगों ने किया है देश के लिए बलिदानः मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एम्स की नींव रख दी है. उन्होंने इसके अलावा ऊना में आईआईआईटी, कांगड़ा मे सेल के प्रोसेसिंग यूनिट की भी नींव रखी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज मैं आठ मंजिला सभा को संबोधित कर रहा हूं। देश में कृषि क्रांति लाने के लिए बिलासपुर का काफी बड़ा योगदान है। मोदी बोले कि हिमाचल के लोगों ने देश के लिए काफी बलिदान दिया है।

रैली में पीएम मोदी ने कहा कि आज एक ही कार्यक्रम में 1500 करोड़ रुपए के काम की शुरुआत की। हिमाचल में एम्स का बनना सिर्फ यहां का लाभ ही नहीं बल्कि यहां आने वाले टूरिस्टों को भी लाभ ही मिलेगा। पीएम ने कहा कि यहां पर फेफड़े और सांस की बीमारी एक बड़ी समस्या है, एम्स बनने से उनको काफी फायदा पहुंचेगा। यहां के वीर जवानों को भी इससे लाभ पहुंचेगा। एम्स के कैंपस में एक साथ 3000 लोगों को रोजगार मिलेगा। हमारी सरकार ने टीकाकरण के लिए इंद्रधनुष योजना चलाई, अगर ये योजना दूसरे देश में होती तो तारीफ होती, लेकिन हमारे देश में लोगों को देर से समझ आता है।
750 बिस्तर वाले इस अस्पताल का निर्माण करीब 1350 करोड़ रुपये की लागत से होगा। यहां स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा नर्सिंग, स्नातक और स्नातकोार स्तर पर मेडिकल शिक्षा भी मुहैया करायी जाएगी। गौरतलब है कि हिमाचल में कुछ दिनों बाद चुनाव होना है।

टीवी सीरियल में होता है महिलाओं की छवि खराब का काम

देश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए कानून और सख्त किए गए हैं साथ ही सरकार भी इस दिशा में कई कार्यक्रम चला रही है। बावजूद इसके देश में महिला उत्पीड़न और उनके खिलाफ होने वाली हिंसा की घटनाओं में कमी नहीं आई है। इस समस्या पर बोलते हुए बीजेपी सांसद पूनम महाजन ने कहा है कि देश में हर महिला के साथ कभी न कभी यौन दुर्व्यवहार हुआ है और मैं भी उनमें शामिल हूं।
बीजेपी के दिग्गज नेता प्रमोद महाजन की बेटी और उत्तरी मुंबई से बीजेपी सांसद पूनम महाजन ने आईआईएम अहमदाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने बताया कि वह बचपन में स्कूल के दौरान वर्ली से वर्सोवा जाने के लिए ट्रेन का उपयोग करती थीं और उस दौरान लोग कई बार गलत नजरों से आपको देखते हैं लेकिन इस दौरान आप खुद को कमजोर न समझें बल्कि उसका जवाब दें।
बीजेपी युवा मोर्चा की अध्यक्ष पूनम महाजन ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं। वह राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री जैसे बड़े-बड़े पदों पर आसीन हो रही हैं और ऐसे में हमे बेचारी बनकर नहीं रहना है। अगर कोई भी आपके साथ किसी तरह की ज्यादती करता है तो उसे थप्पड़ मार दें।
पूनम महाजन ने कहा कि राजनीति में आने वाली महिलाएं साधारण नहीं रह सकतीं, उन्हें ताकत की जरुरत है और यह ताकत हमनें साबित करके दिखाई है। उन्होंने टीवी पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि टीवी सीरियल ने महिलाओं को छवि को खराब करने का काम किया है।

चोटी काट आरोपी पर तीन लाख का इनाम

दिल्ली, यूपी और राजस्थान सहित कई राज्यों में चोटी कटने घटनाएं बंद क्या हुई अब जम्मू-कश्मीर में शुरू हो गई हैं। कश्मीर में रहस्यमय तरीके से चोटी कटने के मामले सामने आ रहे हैं। इस वजह से महिलाओं और बच्चों में दहशत का माहौल बना हुआ है। कश्मीर पुलिस ने चोटी काटने वाले शख्स पर 3 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक, कश्मीर से चोटी कटने के करीब 30 मामले सामने आए हैं। इससे परेशान होकर श्रीनगर के बाटमालू इलाके में लोगों ने जमकर हंगामा मचाया। यहां कुछ नकाबपोश लोगों ने घर के अंदर घुसकर एक महिला के चेहरे पर स्प्रे छिड़का और चोटी काटकर फरार हो गए। अनंतनाग जिले के एक गांव में अज्ञात शख्स एक घर की किचन में घुस गया।
वहां उसने कुछ स्प्रे छिड़का, जिसके बाद खाना बना रही 16 वर्षीय लड़की बेहोश हो गई। उसी दौरान उसकी चोटी काट ली गई। दूसरी तरफ, सिजीमर गांव में एक महिला की सोते हुए चोटी काट ली गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन कुछ हाथ नहीं लग पाया। कुलगाम जिले से 12 और अनंतनाग जिले से 2 चोटी काटने के मामले दर्ज हो चुके हैं।
यह मामला सीएम महबूबा मुफ्ती तक पहुंच गया है। इसे संज्ञान में आते ही उन्होंने पुलिस अधिकारियों से बात की। उन्होंने आरोपियों को पकड़ने के लिए स्पेशल टीम बनाने के लिए कहा है। इसके साथ ही चोटी काटने वाले आरोपी के सिर पर 3 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है। स्थानीय महिलाओं और बच्चों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
बताते चलें कि बीते दिनों भारत के कई राज्यों में चोटी कटने के मामले सामने आए थे। दिल्ली के छावला गांव से शुरू हुआ यह मामला एनसीआर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, यूपी, बिहार और कई अन्य राज्यों में अचानक फैल गया था। इन घटनाओं में पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं ढूंढ पाई है। चोटी काटने की अफवाहों में कई लोग अपनी जान तक गंवा चुके हैं।

किसने कहा कि बाबा की गुफा में गई हूं, बर्थडे पर बुलाया था

आइटम गर्ल राखी सावंत ने रेपिस्ट राम रहीम व उसकी मुंह बोली बेटी हनीप्रीत को लेकर एक नया खुलासा किया है। राखी के अनुसार हनीप्रीत उसे अपनी सौतन समझती थी और इसकी वजह यह थी कि उसका बाबा के करीब होना। राखी ने बताया कि वह बाबा के जीवन पर बन रही एक फिल्म में हनीप्रीत का किरदार निभा रही है और वहं बाबा की सब पोल खोल के ही दम लेंगी। उन्होंने राम रहीम के गुफा में जाने की बात स्वीकारी।

राम रहीम पर बन रही फिल्म अब होगा इंसाफ में राखी सावंत हनीप्रीत का किरदार निभा रही है। राखी ने कहा, मुझे ऐसा लगता है गुरमीत राम रहीम के साथ मेरे रिश्तों को लेकर हनीप्रीत मुझसे असहज थी। उसे आशंका थी कि मैं गुरमीत से शादी कर उसकी शौतन बन जाऊंगी।
हनीप्रीत गुरमीत रामरहीम की मुंह बोली बेटी है। पिछले दिनों राखी सावंत ने उसे लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। राखी सावंत ने हाल ही में मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें हनीप्रीत इंसा का फोन आया था। उसने राखी से कहा कि तुम मेरी दोस्त हो, तुमसे यह उम्मीद नहीं थी कि तुम मुझ पर फिल्म बनाओगी।
राखी ने कहा था कि हनीप्रीत चार साल से उनकी दोस्ती थी। उन्होंने ही हनी को एक्टिंग, डासिंग और स्टाइलिंग सिखाई है। राखी ने कहा कि उन्होंने हनीप्रीत को पीआर कंपनी भी उपलब्ध कराई थी। बता दें कि राम रहीम के जीवन पर फिल्म बनाई जा रही है। इसमें रजा मुराद को राम रहीम के रोल के लिए चुना गया है जबकि आइटम नम्बर्स के लिए मशहूर राखी सावंत हनीप्रीत के रोल में होंगी।

माना जा रहा है कि फिल्म की कहानी राम रहीम के रंगीनियों और आपराधिक कहानियों पर आधारित होगी। राम रहीम के रॉक स्टार बनने से लेकर उसके जेल जाने तक की दिखाई जा सकती है। हनीप्रीत के साथ उसके रिश्तों को भी फिल्म में दिखाए जाने की उम्मीद है।
राम रहीम को सीबीआई कोर्ट ने हाल ही में 20 साल की सजा सुनाई है।

हॉस्टल बंद से बाहरी राज्यों के स्टूडेंट की बड़ी मुश्किलें

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में बढ़ती छेड़खानी की घटनाओं के खिलाफ विवाद जारी है। सुरक्षा की मांग कर रही छात्राओं के विरोध प्रदर्शन से शुरू हुआ बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा। वहीं, प्रदर्शन के चलते पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। छात्र-छात्राओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्टूडेंट्स की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। कुछ विभाग में सेमेस्टर परीक्षाएं कैंसिल हो गई हैं।
परीक्षाएं हुई कैंसिल, हॉस्टल बंद होने से दिक्कत
बीएचयू में हो रहे बवाल के कारण सेमेस्टर परीक्षाएं आगे के लिए टाल दी गई है। सोमवार से कुछ सब्जेक्ट की परीक्षाएं होनी थी लेकिन अवकाश कर दिए जाने के कारण परीक्षाएं लंबित कर दी गई। अब छात्र-छात्राओं को नई तारीख का इंतजार करना है। वहीं स्टूडेंट्स को रविवार को हॉस्टल छोड़ने का नोटिस दे दिया गया, जिसके चलते स्टूडेंट्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
वाराणसी के बाहर के स्टूडेंट सबसे ज्यादा परेशान
प्रदर्शन के कारण वाराणसी के बाहर के स्टूडेंट सबसे ज्यादा परेशान है। अचानक से हॉस्टल बंद कर देने का नोटिस जारी कर दिया गया। उन्हें हॉस्टल खाली करने के लिए मजबूर किया गया। ऐसे में आनन-फानन सारा इंतजाम करना मुश्किलें पैदा करने वाला है। वाराणसी के बाहर की छात्राएं अचानक हॉस्टल छोड़ने के नोटिस से ज्यादा परेशान हैं। एक तरफ तो सुरक्षा की चिंता वहीं दूसरी ओर पैसों के आभाव में घर जाना उनकी दिक्कतें बढ़ाने वाला है। हॉस्टल में बिजली-पानी सप्लाई काट दी गई है।
मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, तमिलनाडु जैसे राज्यों के स्टूडेंट लौटे
हॉस्टल छोड़ने के नोटिस के बाद मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, तमिलनाडु जैसे राज्यों के स्टूडेंट लौटना पड़ा। बता दें कि विश्वविद्यालय के छात्रावास में करीब 25 हजार स्टूडेंट रहते हैं।
ऐसे शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन की शुरुआत गुरूवार (21 सितंबर) से हुई। ऐसा तब हुआ आर्ट्स डिपार्टमेंट की एक छात्रा अपने हॉस्टल लौट रही थी। उसी वक्त मोटरसाइकिल सवार तीन लोगों ने कथित तौर पर उसका उत्पीड़न किया। छात्रा के मुताबिक, जब उसने उन लोगों का विरोध किया, तो तीन लोगों ने उसके साथ गाली-गलौज की और उसके बाद भाग गए। छात्राओं ने आरोप लगाया कि घटनास्थल से तकरीबन 100 मीटर की दूरी पर मौजूद सुरक्षा गार्डों ने उन लोगों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया।
लगातार छेड़खानी का आरोप
बीएचयू की छात्राओं ने लगातार छेड़खानी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें कैंपस में लगातार ही छेड़खानी का सामना करना पड़ता है। विश्वविद्यालय प्रशासन असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

हनीप्रीत बाबा से चाहती थी बच्चा

राम रहीम और हनीप्रीत को लेकर एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। डेरे के एक पूर्व सेवादार ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि राम रहीम अपनी हनीप्रीत से एक बच्चा चाहता था, जिसे वो डेरे प्रमुख बनाए। पूर्व सेवादार गुरदास सिंह तूर का आरोप है कि ये आइडिया खुद हनीप्रीत का था। वो नहीं चाहती थी कि राम रहीम के बाद डेरा का उतना बड़ा साम्राज्य उसके बेटे जसमीत सिंह इंसां को मिले।
गुरदास सिंह तूर के मुताबिक, राम रहीम के बाद डेरे में हनीप्रीत का दबदबा नंबर दो जैसा बन चुका था, इसलिए वो चाहती थी कि राम रहीम और उसका कोई बच्चा हो तो वही डेरे का मुखिया बने। राम रहीम भी इसके लिए राजी था और चाहता था कि बच्चे के पिता का नाम दुनिया की नजरों में विश्वास गुप्ता ही रहे, लेकिन उनकी चाल भांप कर विश्वास ने पहले ही तलाक लेकर इनके अरमानों पर पानी फेर दिया।
वहीं, इस मामले का एक और चश्मदीद सामने आया है, जो उस रात का गवाह है, जब शादी के बाद पहली बार हनी बाबा की गुफा में गई थी। राम रहीम के ड्राइवर रहे खट्टा सिंह के बेटे गुरदास सिंह हनीप्रीत और बाबा के रिश्तों के एक अहम चश्मदीद हैं। राम रहीम ने ही हनीप्रीत की शादी करवाई। उसके फौरन बाद एक रात हनीप्रीत को अपनी गुफा में रहने के लिए बुला लिया। गुरदास उस रात गुफा के बाहर तैनात था। गुरदास सिंह को उस रोज पहली बार शक हुआ था कि राम रहीम हनीप्रीत के साथ कुछ गलत करने जा रहा है। अगली सुबह हनीप्रीत बाबा की गुफा से रोती हुई बाहर निकली थी। उन दिनों खुद हनीप्रीत के दादा डेरे के खजांची हुआ करते थे। हनीप्रीत सीधे दादा के पास गई। उसकी ये हालत देख कर उसके दादा ने डेरे में काफी हंगामा किया। राम रहीम के खिलाफ खुल कर बोलने लगे, लेकिन उन्हें चुप करा दिया गया।
इस घटना के फौरन बाद हनीप्रीत डेरा छोड़ कर अपने घर फतेहाबाद के लिए निकल गई, लेकिन बाबा के कुछ गुर्गों ने हनीप्रीत का पीछा किया और हथियारों के दम पर उसे रास्ते में ही एक ढाबे से उठा कर डेरे पर वापस ले आए। ऐसा कहा जाता है कि उस दिन हनीप्रीत ने कसम खाई थी कि वो बाबा को बर्बाद करके दम लेगी। गुरदास को अब लगता है कि राम रहीम की तबाही के पीछे शायद हनीप्रीत की वो कसम ही है।