राज्य के अधिकारियों को सीएम ने पीएम के सुझाव बताये

राज्य सरकार केदारनाथ व बदरीनाथ धाम की तर्ज पर ही राज्य के अन्य पौराणिक मंदिरों व तीर्थ क्षेत्रों के विकास के लिये काम करेगी। सीएम आवास मे दीपावली की बधाई देने आए अधिकारियों के साथ राज्य के विकास पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि राज्य में तीर्थाटन व धार्मिक पर्यटन के सुनियोजित विकास के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनका व्यापक विचार विमर्श हुआ। प्रधानमंत्री से इस संबंध में बहुत ही महत्वपूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड दुनिया भर के करोङो लोगों के लिए आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। उत्तराखण्ड में केदारनाथ धाम व बदरीनाथ धाम की तरह ही प्रदेश के अन्य पौराणिक मंदिरों व तीर्थ क्षेत्रों का सुनियोजित विकास करने के लिए राज्य सरकार मास्टर प्लान बनाए, केंद्र सरकार हर सम्भव सहायता के लिए तत्पर है।
प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को अन्य पौराणिक मंदिरों के महत्व की भी जानकारी दी जाए और साथ ही अन्य पर्यटन स्थलों के बारे में भी बताया जाए। इससे प्रदेश में निश्चित तौर पर पर्यटन का विकास होगा। जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका मिलेगी व आय में वृद्धि होगी। आज की बैठक में इस बात पर भी विचार विमर्श हुआ कि चार धाम यात्रा पर आए बहुत से श्रद्धालुओं को कई बार हेली सेवा के लिये दो तीन दिन प्रतीक्षा करनी होती है। ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि इस दौरान यात्री आस पास के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकें। इससे एक ओर इन यात्रियों के समय का सदुपयोग होगा, वहीं दूसरी ओर उनके द्वारा घूमने के दौरान खर्च किये जाने से स्थानीय निवासियों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को कुमाऊँ के मंदिरों के लिए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के बारे में भी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। हमें उनके मार्गदर्शन और विजन के अनुरूप देव भूमि उत्तराखण्ड को आगे ले जाना है। उनके द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुरूप कार्ययोजना तैयार की जाए। कुमाऊँ क्षेत्र में धार्मिक स्थलों के विकास के लिए प्रारम्भ की गई मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के सम्बंध में भी प्रधानमंत्री से कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले। इस परियोजना में सम्मिलित मंदिरों के मास्टर प्लान बनाने का कार्य भी शीघ्र प्रारम्भ करने का निर्णय भी लिया गया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ये भी कहा कि राज्य के टॉपर छात्र छात्राओं को एलबीएसएनएए, आईआईटी सहित अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाए। इससे हमारे बच्चों को प्रेरणा मिलेगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद वर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर, डॉ रंजीत कुमार सिन्हा, सौजन्या, शैलेश बगोली, डॉ पंकज कुमार पांडे, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम ने स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निजी आवास पर बड़ी संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उन्हें दीपावली की हार्दिक बधाई तथा शुभकामनाएं दी। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से नगला तराई पहुंचे सभी व्यक्तियों से मुख्यमंत्री ने मुलाकात की और उन सभी का हाल जाना।
दीपावली की शुभकामनाएं देने वालों में कक्षा 2 में पढ़ने वाली लगभग 7 वर्षीय बालिका मानवी कुंवर भी मुख्यमंत्री को दीपावली की बधाई देने उनके निजी आवास पहुंची। मुख्यमंत्री से मिलकर बालिका बहुत ही ज्यादा खुश हुई। बालिका की खुशी उस समय दो गुनी हो गई जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं अपने हाथों से बालिका को उपहार दिए। बालिका ने खुद की (अपनी) बनाई हुई वीडियो मुख्यमंत्री को दिखाई। मुख्यमंत्री ने बालिका द्वारा बनाई गई वीडियो का अवलोकन करते हुए बालिका की प्रशंसा करने के साथ ही बालिका को प्यार दुलार दिया और उज्ज्वल भविष्य की कामना।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बनबसा के पत्रकार कुंदन सिंह बिष्ट से दूरभाष पर वार्ता की तथा कुंदन सिंह बिष्ट से उनके पुत्र के लापता होने के संबंध में जानकारी ली, जिसके पश्चात मुख्यमंत्री ने एसपी चंपावत को निर्देश दिए कि वह लापता पुत्र की सकुशल बरामदगी हेतु खोजबीन कार्य में तेजी लाएं।
खटीमा निवासी मुजीबुल हसन ने इलाज हेतु आर्थिक सहायता की मांग की, जिस पर मुख्यमंत्री ने मुजीबुल हसन को एम्स में इलाज कराने का सुझाव देते हुए कहा कि इलाज हेतु हर संभव आर्थिक मदद मुहैया कराई जाएगी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा क्षेत्र के 21 विद्यालयों में बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर अपग्रेडेशन का तोहफा दिया। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को खटीमा क्षेत्र के 21 विद्यालयों राजकीय प्राथमिक विद्यालय उलानी, नौसर पटिया, बंडिया, हल्दी पचपेड़ा,मझोला, बिसोटा, सड़ा सडिया नवीन, श्रीपुर बिचुवा, पचोरिया प्रथम, नगला जोगीठेर, सुजिया महोलिया, खटीमा प्रथम, लोहिया हैड, पकरिया, राजकीय इंटर कॉलेज देवरी खटीमा, प्रतापपुर, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोहम्मदपुर भुडिया, सिसेया, स्वर्गीय खीम सिंह धामी स्कूल नगला तराई, नारायण दत्त तिवारी राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बग्घा, गोविंद बल्लभ पंत विद्यालय चकरपुर में फर्नीचर अपग्रेड करने के निर्देश दिए।

मासूम चेहरों की मुस्कराहट की वजह बने आईएएस बंशीधर तिवारी

हर असरदार शख्स के घर दिवाली पर तोहफों की बारिश हो जाती है। गिफ्ट, मिठाई, ड्राई फ्रूट, चॉकलेट, जूस औन न जाने क्या क्या लोग लेकर आ जाते हैं। असरदार शख्स यदि आईएएस अफसर हो, तो कहने ही क्या। उस पर यदि डीजी सूचना, डीजी शिक्षा, निदेशक पंचायतीराज, एमडी जीएमवीएन जैसे अहम पदों की जिम्मेदारी हो, तो तोहफों की संख्या का अंदाजा आप लगा सकते हैं। इन तोहफों को समेटने की बजाय बंशीधर तिवारी ने उनका सही उपयोग करते हुए असल जरूरतमंद लोगों तक इसे पहुंचाया। शनिवार को दोपहर बाद एक इनोवा भर कर सामान लेकर वे बनियावाला स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय बालिका छात्रावास पहुंचते हैं। यहां 107 छोटी छोटी बच्चियों के चेहरे इन गिफ्ट, मिठाई, चॉकलेट, फुलझड़ी को देखते ही खिल उठते हैं। ये सिलसिला यहीं नहीं थमता, बल्कि शहर के कई अन्य ऐसे ही स्थानों पर वे कई दिनों से ऐसे ही सामान लेकर पहुंच रहे हैं। इन तमाम चीजों का जिक्र यहां इसीलिए किया जा रहा है, क्योंकि यहीं इस राज्य में कई आईएएस, इंजीनियर और कई अहम पदों पर बैठे ऐसे अफसर भी हैं, जो दिवाली पर मिलने वाले इन उपहारों को दोबारा बाजार में बेचने के लिए भी कुख्यात रहे हैं।
कुछ आईएएस और अन्य अफसर तो ऐसे रहे, जो उनके घर आने वाले मिठाई के डिब्बों को अपने ड्राइवर के जरिए फिर उन्हीं दुकानों तक पहुंचा देते थे। इन मिठाई के डिब्बों को बेचने के बाद जो भी मिलता था, उसे लेने में कोई संकोच नहीं करते थे। ऐसे में बंशीधर तिवारी जी की ये पहल हर उस असरदार शख्स के लिए सीख है, जिसके घरों में तोहफों की बारिश होती है। ऐसा नहीं है कि उनकी ओर से ऐसा पहली बार किया गया हो। बल्कि पीसीएस के रूप में एसडीएम पद से अपनी सेवाएं शुरू करने के समय से ही वे हर दिवाली पर अपने यहां आने वाले सामान को अनाथ आश्रम, सरकारी स्कूलों के छात्रावास में बांटते आए हैं। काश उनकी इस मुहिम को देख कर बाजार में तोहफों को बेचने वाले कुछ सीख ले सकें। उनकी ये मुहिम असल मायनों में दिवाली जैसे महापर्व को बेहद खास बना देती है।
साभार- रवि नेगी, वरिष्ठ पत्रकार

सीएम धामी ने कहा दीपावली का पर्व सभी के लिए मंगलमय हो

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैयादूज की बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली का पर्व अशांति पर शांति, बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। दीपावली मां लक्ष्मी और देवी अन्नपूर्णा की आराधना तथा सामाजिक समरसता का पर्व भी है। दीपावली का यह पर्व हम सबके जीवन को प्रकाशमय करे इसकी भी उन्होंने कामना की है। मुख्यमंत्री ने भैयादूज पर्व पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पर्व भाई-बहनों के प्रेम के साथ ही मातृ शक्ति के सम्मान, परिवार एवं समाज में उनके महत्व को भी प्रदर्शित करता है।

मोदी को विदाई देते समय सीएम ने दी उत्तराखंड की सौगातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे के पश्चात शनिवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जौली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून में प्रधानमंत्री को विदाई दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को अल्मोड़ा के प्रसिद्ध बाल मिठाई एवं ब्रह्मकमल से सुसज्जित टोपी भेंट की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूरी, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या तथा अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
वहीं, दिल्ली पहुंचने पर मोदी ने ट्वीट के माध्यम से उत्तराखंड दौरे को अविस्मरणीय और अद्भुत बताया। उन्होंने एक वीडियो के माध्यम से उत्तराखंड दौरे की सुंदर प्रस्तुति भी दी।

धामी सरकार का विधायकों को तोहफा, दो नोडल अधिकारी उनके प्रस्तावों को गति देने का करेंगे कार्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के विकास में दलीय सीमा से उपर उठकर पुनः एक कदम और बढ़ाया है। धामी द्वारा समस्त विधायकों को सचिवालय स्तर पर उनके द्वारा प्रेषित प्रस्तावों के निस्तारण में सहयोग हेतु दो आई०ए०एस अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किये जाने की सूचना देने हेतु धनतेरस/दीपावली के उपहार स्वरूप विशेष पत्र प्रेषित किया है।
विधायकों को अपने क्षेत्र में निरन्तर क्षेत्र भ्रमण करने की आवश्यकता होती है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान संज्ञान में आने वाली जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण और क्षेत्र के विकास से सम्बन्धित योजनाओं के प्रस्तावों पर सचिवालय स्तर पर सम्बन्धित विभागों से चर्चा, विमर्श आदि के लिए बार-बार देहरादून भी विधायकों को आना पड़ता है। बार-बार देहरादून आने से जहाँ एक ओर विधायकगणों का जनसम्पर्क एवं क्षेत्र भ्रमण का कार्य प्रभावित होता है, वहीं दूसरी ओर राजकीय समय व संसाधनों का भी व्यय होता है।
मुख्यमंत्री द्वारा विधायकगणों की इस समस्या का समाधान करने के प्रयास में विधायकगणों के द्वारा समय-समय पर उठाये गये विषय या विकास योजनाओं की प्राशासनिक/वित्तीय स्वीकृति से सम्बन्धित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण में सहयोग एवं समन्वय हेतु अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अपर सचिव स्तर के दो अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किया है। कुमाऊँ मण्डल के विधायकों के सहयोग हेतु नवनीत पाण्डे व गढ़वाल मण्डल के विधायकों के सहयोग हेतु ललित मोहन रयाल अपर सचिव मा मुख्यमंत्री को उक्त दायित्व सौंपा गया है।
दोनों ही नोडल अधिकारियों का दायित्व होगा कि अपने-अपने मण्डल से सम्बन्धित विधायकगण से प्राप्त प्रस्तावों के त्वरित निस्तारण के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों से समन्वय करते हुए विधायकगण को वस्तुस्थिति से अवगत करायेंगे ।
मुख्यमंत्री धामी द्वारा अभी कुछ दिन पूर्व ही समस्त विधायकों से दलीय सीमा से ऊपर उठकर राज्य के विकास हेतु 10-10 विकास योजनाओं के प्रस्ताव आमंत्रित किये गये है और अब पुनः समस्त विधायकों को सचिवालय स्तर पर प्राप्त प्रस्तावों के तत्परता से यथोचित निस्तारण में सहयोग हेतु दो आई०ए०एस० अधिकारियों को इस प्रकार की जिम्मेदारी दिया जाना उत्तराखण्ड के विकास में सबको साथ लेकर चलने का एक और अभिनव प्रयास है, और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास का उत्कृष्ट अनुकरण है।

मुख्यमंत्री ने द्रोणसागर परिसर में 51,000 दीपों की श्रृंखला प्रज्ज्वलित की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को द्रोणसागर, काशीपुर में हिन्दू राष्ट्र शक्ति द्वारा आयोजित द्वितीय भव्य दीपोत्सव-2022 “एक दिया मेरा भी प्रभु को समर्पित” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वस्ति वाचन के साथ भगवान श्री राम, माता सीता, भगवान लक्ष्मण का तिलक किया। मुख्यमंत्री ने अन्धकार पर प्रकाश की विजय के प्रतीक दीप जलाए, इस दौरान द्रोणासागर परिसर में कुल 51,000 दीपों की श्रृंखला प्रज्ज्वलित की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति की चेतना के प्राण मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के चरणों में मेरा दंडवत प्रणाम, उन्होंने कहा भगवान राम वो प्रकाश पुंज हैं जिसकी ओजस्वी किरणें भारत की महान, सनातन संस्कृति को सदियों से अनुप्राणित करती आ रही हैं। भगवान राम का सम्पूर्ण जीवन हमारे लिए एक मार्गदर्शिका है, उनकी पुण्यगाथा मानवीय मूल्यों और आदर्शों से ओतप्रोत है। ये सभी गुण भगवान श्री राम के नाम को प्रतिबिंबित करते हैं। उन्होंने कहा भगवान राम के जीवन का प्रत्येक पक्ष हम सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत है जो हमें हर परिस्थिति में अपने कर्तव्यों का पालन करते रहने की सीख देता है, उनके जीवन के प्रत्येक घटनाक्रम में मानवीय आदर्श की पराकाष्ठा देखने को मिलती है यही कारण है कि सदियां बीत जाने के बाद भी भगवान श्रीराम की पावन जीवन गाथा संपूर्ण मानवजाति को प्रेरित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने सभी से भगवान राम के जीवन को दृष्टांत मानकर उनके बताए मार्ग पर चलने का यथासंभव प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि काशीपुर के प्रबुद्ध जनों ने यह भव्य और दिव्य दीपोत्सव आयोजित किया है, यहां अयोध्या के लघु स्वरूप को जीवंत कर दिया है। उन्होंने कहा यह दीपोत्सव हमारी सनातन संस्कृति की श्रेष्ठता को दिखाता है। साथ ही इस तरह के आयोजन से हमारे गांव-देहात की अर्थव्यवस्था का भी सशक्तिकरण होता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी संस्कृति को उजागर किए जाने का कार्य चल रहा है, सनातन धर्म की रक्षा एवं उसका प्रचार प्रसार देश के साथ पूरे विश्व में हो रहा है। कई दशकों से लंबित आज भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक केंद्र बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण हुआ है, संपूर्ण परिसर में सरस्वती घाट, आस्था पथ, ध्यान केंद्र एवं व्यापारियों के लिए कॉम्प्लेक्स जैसी विभिन्न विकास कार्यों का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसे 2023 के अंत तक कर पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा बद्रीनाथ धाम के भव्य निर्माण हेतु मास्टर प्लान बनाया गया है जिसके लिए तेज गति से कार्य शुरू हो गया है, इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का भव्य एवं दिव्य निर्माण कार्य हुआ है, उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद महाकाल मंदिर का भव्य रूप देखने को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माणा गांव में 3400 करोड़ रूपए से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया, जिसमे से प्रमुख थी गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब दो नई रोपवे परियोजना, उन्होंने कहा हेमकुंड तक रोपवे पहुंचने से हमारे सभी श्रद्धालुगण आसानी से उनके दर्शन कर पाएंगे, वोकल फॉर लोकल का जो मंत्र आदरणीय प्रधानमंत्री ने दिया है, उसी के अनुरूप माणा की धरती से प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आह्वान किया कि जहां भी घूमने जाएं अपने यात्रा खर्च का कम से कम 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर खर्च करें। उन्होंने कहा कि इस आह्वान को देश निश्चित तौर पर निभाएगा एवं इससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि माणा गांव को मेरे द्वारा अंतिम नहीं अपितु देश का पहला गांव बताकर संबोधित किया गया, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में सीमा में बसे प्रत्येक गांव को देश का पहला गांव बताया एवं उन्होंने कहा देश का विकास इन गांवों के विकास से शुरू होगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमें उत्तराखंड राज्य को 25वे वर्ष पर संस्कृति, पर्यटन, रोजगार कृषि बागवानी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है, जिसके लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा सभी विभागों को अगले 10 वर्षाे के विकास कार्याे का रोडमैप तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा हम सभी अपनी सामूहिक जिम्मेदारी निभाते हुए उत्तराखंड के साथ देश को आगे ले जाने का कार्य करेंगे।
इस दौरान कैलाश चन्द्र गहतोड़ी (अध्यक्ष वन विकास निगम), विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, भाजपा जिलाध्यक्ष विवेक सक्सेना, पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा, दीपक बाली, मुकेश कुमार, मेयर उषा चौधरी, भाजपा महामंत्री खिलेंदर चौधरी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

काफिला रोक कुम्हार के दिए खरीदने लगे सीएम

शनिवार को काशीपुर से खटीमा पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा मुख्य बाजार में काफिला रुकवा कर हाथ से बने मिट्टी के दीयों की खरीददारी की। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के अनुरूप वोकल फॉर लोकल के महाअभियान को बढ़ावा देता छोटा सा सहयोग बताया, मिट्टी से बने दीयों एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना एक कुम्हार के घर को आर्थिक रूप से मजबूत करता है।
इस अवसर पर उन्होंने सभी से इस दीपावली को ज्यादा से ज्यादा स्थानीय उत्पादों को खरीदे जाने का आग्रह किया।

सीएम ने बधाई देते हुए दीपावली के पर्व को सदभावना और उल्लास के साथ मनाने की अपील की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैयादूज के अवसर पर प्रदेशवासियों की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि धनतेरस पर आरोग्यता के देव भगवान धन्वंतरी की पूजा का भी महत्व है। भगवान धन्वंतरी हम सबके जीवन में सुख-समृद्धि एवं आरोग्यता प्रदान करें इसकी उन्होंने कामना की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली का पर्व मर्यादा, सत्य एवं सद्भावना का भी संदेश देता है। दीपों का यह त्योहार भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के पश्चात वापस अयोध्या आने से भी जुड़ा है। दीपावली का पर्व बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। दीपावली का यह पर्व हम सबके जीवन को प्रकाशमय करे इसकी भी उन्होंने कामना की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गोवर्धन पूजन समाज एवं देश की आर्थिक-सांस्कृतिक संसाधनों के संरक्षण का प्रतीक है। भैयादूज के पावन पर्व पर प्रदेशवासियों, विशेष रूप से महिलाओं को बधाई व शुभकामनाएँ देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पर्व भाई-बहनों के प्रेम के साथ ही मातृ शक्ति के सम्मान, परिवार एवं समाज में उनके महत्व को भी प्रदर्शित करता है।

महार रेजीमेंट के सैन्य अधिकारियों एवं जवानों से मिले मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मध्य प्रदेश स्थित सागर में महार रेजिमेंट में आयोजित सैनिक सम्मेलन में प्रतिभाग किया। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल्यकाल में जब वे अपने (स्वर्गीय) पिताजी से महार रेजिमेंट के वीर सैनिकों की शौर्यगाथाओं के बारे में सुनते थे तो मन में उत्साह और उमंग की भावना हिलोरे लेने लगती थी। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे आप सभी वीर सैनिकों के बीच आने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। इससे पूर्व वह यहां एक बालक के रूप में आये थे जिसके लिए ये पूरा परिवेश किसी स्वप्नलोक से कम नहीं था। बाल्यकाल में जिस दिन वह, सागर आये वो उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक दिन था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां एक ओर हमारी यह रेजिमेंट विविधता में एकता की भावना का बोध कराती है वहीं इसका प्रत्येक सैनिक भारत की महान संस्कृति व गौरवशाली सैन्य परंपरा का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। आज आदरणीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सेना के मान और सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आज हमारे वीर सैनिक दुश्मन को उसके घर में घुस कर जवाब दे रहे हैं। जब भी दुश्मन ने ललकारा है भारत ने उसे मुंह तोड़ जवाब देते हुए दिखा दिया है कि उसके पास ताकत भी है और उचित जवाब देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति भी है। भारत वैश्विक मंचों पर पूरी दृढ़ता और अपने हितों को सर्वाेपरि रखते हुए अपनी बात रख रहा है। आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि यह देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करने वाला है। आज सेना के आधुनिकीकरण को भी एक नया आयाम दिया जा रहा है और डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और उनके द्वारा सैनिकों को दिए जा रहे प्रोत्साहन के कारण ही आज हमारी सेना पहले से कई गुना अधिक सशक्त है और सीमाएं पहले से कहीं अधिक सुरक्षित हैं। सैनिकों द्वारा किए जाने वाले त्याग और उनकी राष्ट्र सेवा के ऋण को हम कभी नहीं चुका सकते।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सागर मध्य प्रदेश के सदर कैंट में महार रेजीमेंट के कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने महार रेजिमेंट के वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने वार मेमोरियल का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री महार रेजीमेंट के सैन्य अधिकारियों एवं जवानों से भी मिले। मुख्यमंत्री ने महार रेजीमेंट सेंटर में वृक्षारोपण कर स्वर्गीय पिता को याद कर, भावुक हुए। पिता स्व. शेर सिंह धामी महार रेजीमेंट में दे चुके हैं देश को अपनी सेवाएं। उन्होंने कहा कि सेना हमारी रक्षक, हमारा मस्तक।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वह सेना में तो नही हैं परन्तु वीर सैनिकों को अपना आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा में अपना यथासंभव योगदान देने की पूरी कोशिश कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के सैन्य कौशल और पराक्रम का इतिहास महार रेजिमेंट के बिना पूर्ण नहीं हो सकता। देश की पहली मशीनगन रेजीमेंट होने के साथ साथ देश को दो सेना प्रमुख देने का गौरव भी इस रेजिमेंट के साथ जुड़ा हुआ है। सीमाओं की सुरक्षा करने से लेकर युद्ध के मैदान तक महार रेजिमेंट का एक-एक सैनिक अपना सर्वाेच्च बलिदान देने के लिए हमेशा तत्पर रहा है। 1962 का युद्ध हो या 1971 का… हमारे वीर जवानों ने हमेशा अपनी वीरता का परिचय देते हुए दुश्मन को मात दी है।
मुख्यमंत्री ने ‘ऑपरेशन पवन’ के नायक रहे महार रेजिमेंट के अमर शहीद मेजर रामास्वामी परमेश्वरन तथा देश के भीतर आतंकियों से लोहा लेते हुए अमर बलिदान देने वाले सूबेदार मेजर सुरेश चंद यादव को नमन करते हुए कहा कि महार रेजिमेंट में ऐसे वीरों की लंबी श्रृंखला है, जिन्होंने मां भारती के यश को अक्षुण्ण रखने हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया और तिरंगे की आन-बान और शान को फीका नहीं पड़ने दिया। उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्येक सैनिक की वीरता, साहस और बलिदान पर हर एक नागरिक को गर्व है। आप सभी हमारे आदर्श हैं और आपकी वीरता,साहस और अपराजेयता पर इस राष्ट्र को अभिमान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक आप सभी हैं, आपका ये हौंसला है, आपका ये त्याग और तपस्या है। कोई मां भारती के गौरव को हानि नहीं पहुंचा सकता। आप वीरों की कीर्ति गाथा के बारे में जितना भी बोलूं वो कम होगा। उन्होंने कहा कि आज के इस अवसर पर सभी वीर शहीदों के माता पिताओं को भी वह प्रणाम करते हैं जिन्होंने ऐसे वीर योद्धाओं को जन्म दिया और उनका पालन पोषण किया साथ ही वह उन सभी सैन्य परिवारों को भी नमन करते हैं, जिन्होंने स्वयं से पहले राष्ट्र सेवा को स्थान दिया।