सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधायें विकसित करने पर जोर

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाए जाने के लिए विभिन्न स्तरों में कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम मूलभूत सुविधाओं के विकास की दिशा में कार्य किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूलों में आवश्यकता के अनुरूप कक्षा कक्षों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही स्कूलों में स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, खेल मैदान और कंप्यूटर आदि भी उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर से ऐसे स्कूलों को विकसित किए जाने हेतु साइट स्पेसिफिक प्लान बनाया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए बजट की चिंता न की जाए। एक अच्छे प्रोजेक्ट के लिए किसी भी प्रकार से बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी।
इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

धामी सख्त, उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा अध्यादेश 2023 को दी मंजूरी

उत्तराखण्ड प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आज दिनांक 09 फरवरी, 2023 को उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया। इस अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त प्रावधान किए गए हैं।
इसके तहत यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा तथा दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि वह परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम दस वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोषसिद्ध ठहराए जाने की दशा में दस वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है।
अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की कुर्की की जायेगी।
इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा।

मुख्य सचिव ने विद्युत विभाग की समीक्षा में दिये निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय स्थित अपने सभागार में विद्युत विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने विद्युत विभाग को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप योजनाएं तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आज जो भी कार्य किए जा रहे हैं, उन्हें अगले 10, 15 साल बाद की आवश्यकता के अनुरूप तैयार किया जाए।
मुख्य सचिव ने भावी योजनाओं की डीपीआर टाइमलाइन के साथ तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भविष्य की मांग को देखते हुए सभी प्रोजेक्ट्स टाइमलाइन के साथ पूरे किए जाएं। साथ ही, विद्युत उत्पादन के अन्य स्रोतों के क्षेत्र में देश विदेश की बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन कर उत्तराखण्ड में भी अपनाए जाने की संभावनाओं को तलाशा जाए।
मुख्य सचिव ने पिटकुल को आने वाले 10, 15 सालों की आवश्यकता के अनुरूप सब स्टेशन और लाइन अलाइनमेंट आदि की प्लानिंग तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक लाइंस के माध्यम से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में भारत नेट और ब्रॉडबैंड लाइंस कनेक्टिविटी उपलब्ध कराए जाने की संभावनाओं पर विचार किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने मांग की दृष्टि से प्रदेश के पीक सीजन के अनुरूप विद्युत उत्पादन बढ़ाए जाने हेतु अन्य विकल्पों पर भी ध्यान देने की बात कही। कहा कि कैनाल बेस्ड सोलर प्रोजेक्ट्स, हाइड्रो काइनेटिक टर्बाइन की दिशा में भी कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि पुराने छोटे हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स का नवीनीकरण, आधुनिकीकरण और उन्नयन का कार्य शुरू किया जाए।
इस अवसर पर सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक उरेडा रंजना राजगुरु एवं ऊर्जा निगमों के प्रबन्ध निदेशक सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

200 विद्यालयों में नये सत्र से शुरू होंगे सात व्यावसायिक पाठ्यक्रम

सूबे में शिक्षा के डिजिटलाइजेशन को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में वर्ष 2023-24 तक सूबे के 1124 स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज तैयार कर बच्चों को हाईब्रिड माध्यम से पढ़ाया जायेगा। इसके लिये शिक्षा विभाग ने समग्र शिक्षा के अंतर्गत आईसीटी परियोजना के तहत विद्यालयों का चयन किया है। इसके साथ ही राज्यभर के 200 अन्य विद्यालयों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी शुरू किये जायेंगे। समग्र शिक्षा के अंतर्गत बीआरपीध्सीआरपी सहित राज्य व जिला स्तर पर रिक्त सभी पदों को प्रतिनियुक्ति एवं आउटसोर्स के माध्यम से मार्च 2023 से पहले भरने का निर्णय लिया गया है।
शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज विद्यालयी शिक्षा महानिदेशालय में समग्र शिक्षा की समीक्षा बैठक ली। डॉ0 रावत ने बताया कि सूबे के 1124 स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज के माध्यम से पढ़ाई कराई जायेगी, जिसके लिये शीघ्र ही सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर में चयनित 840 स्कूलों में से 500 विद्यालयों में वुर्चअल क्लासेज चलाई जा रही है, जबकि शेष 340 स्कूलों में भी वर्चुअल क्लासेज शीघ्र ही शुरू कर दी जायेगी। इसी प्रकार वर्ष 2023-24 के अंतर्गत सूबे के कक्षा-01 से कक्षा-12 तक के 1124 विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज स्थापित की जायेगी, जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शिक्षा मंत्री डॉ0 रावत ने बताया कि सूबे के 200 स्कूलों में नये शैक्षिक सत्र से कृषि, ऑटोमोटिव, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं हार्डवेयर, ब्यूटी एंड वेलनेस, टूरिज्म एंड हॉसपिटालिटी तथा पलम्बर सहित सात व्यावसायिक कोर्स संचालित किये जायेंगे, जबकि इससे पूर्व भी 200 विद्यालयों में आठ व्यावसायिक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें 18 हजार 300 बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 रावत ने समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य व जिला स्तर पर लम्बे समय से रिक्त चल रहे विभिन्न श्रेणी के पदों को न भरे जाने पर नाराजगी जताते हुये अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि बीआरपीध्सीआरपी के 955 पदों सहित अन्य सभी रिक्त पदों को मार्च 2023 से पूर्व प्रतिनियुक्ति एवं आउटसोर्स के माध्यम से भरने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये।
बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, एपीडी समग्र शिक्षा डॉ0 मुकुल सती, संयुक्त निदेशक एस.बी.जोशी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

पर्यटन को आर्थिकी का मजबूत जरिया बनाने पर जोर

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में पर्यटन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं गतिविधियों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने प्रदेश में पर्यटन को आर्थिकी को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति ने पर्यटन की दृष्टि से बहुत अधिक समृद्ध बनाया है।
मुख्य सचिव ने पिछली बैठक के निर्देशों के अनुपालन में पर्यटन विभाग द्वारा की गई तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि राफ्टिंग और कयाकिंग के लिए सर्वे करवा कर नए स्थानों का चिन्हीकरण कर राफ्टिंग और कयाकिंग को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने पैरा सेलिंग, वाटर बाइक, ऐरो पैरामोटर, ऐरो पैराग्लाइडिंग आदि गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने के लिए स्पर्धाएं एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। इनका प्रचार प्रसार भी किया जाए ताकि पर्यटक इनकी ओर आकर्षित हों।
मुख्य सचिव ने कहा कि टिहरी झील में हाउस बोट और क्रूज आदि के साथ ही फिक्स्ड हॉट एयर बैलून की संभावनाओं को तलाशा जाए। उन्होंने कहा कि हिमालय दर्शन योजना के अंतर्गत मंदाकिनी घाटी की खूबसूरती को एक्सप्लोर किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव ने एस्ट्रो टूरिज्म की दिशा में हुई प्रगति की जानकारी लेते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का वातावरण इसके लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि बेनिताल एस्ट्रो विलेज की तर्ज पर आसपास अन्य एस्ट्रो विलेज पर तेजी से कार्य करते हुए चारधाम यात्रियों को इस और आकर्षित किया जा सकता है। उन्होंने प्रत्येक जिले में कम से कम एक एस्ट्रो विलेज विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने रोपवे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए, रोपवे परियोजनाओं को शीघ्र पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने चारधाम यात्रा ऑफिस, मानसखंड कॉरिडोर के कार्यों में भी गति लाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने ट्रैकर्स और पर्वतारोहियों को रेडियो बैंड उपलब्ध कराए जाने हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि इस क्षेत्र में बहुत सी तकनीकें उपलब्ध हैं। उनका अध्ययन कर सबसे उपयुक्त वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाए।
इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

अतिक्रमण का नोटिस देने से व्यापारी नेता भड़के

नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल ऋषिकेश ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण डोईवाला द्वारा हरिद्वार रोड पर व्यापारियों को अतिक्रमण के नोटिस दिए जाने की निंदा की है। उन्होंने कहा कि एनएच पहले सड़क की चैड़ाई को लेकर स्थिति स्पष्ट करें। कहा कि नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमडल व्यापारियों के साथ किसी भी सूरत में अन्याय नहीं होने देगा।
नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष ललित मोहन मिश्र ने कहा कि गत दिनों राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा कुछ व्यापारियों को अतिक्रमण के नोटिस जारी किए गए, जिसमें सात फरवरी तक अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि द्वारा पूर्व में न्यायालय में घाट चैक से चंद्रभागा तक सड़क चैड़ाई 40 फीट बताई गई है, जो वर्तमान स्थिति के मुताबिक 40 फीट ही है, मगर एनएच द्वारा अधिकांश जगहों पर 40 फीट से ऊपर सड़क चैड़ी होना बताया जा रहा है,जो सही नही है। कहा कि वर्तमान अधिकारी पूर्व के अधिकारियो द्बारा जारी आदेशों को भी अनदेखा कर रहें है।
मिश्रा ने कहा कि एनएच व्यापारियों को बिना आधार के नोटिस देकर परेशान कर रहा हैं, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल सबसे पहले सड़क की चैड़ाई स्पष्ट करने की मांग करता है, उसके पश्चात यदि किसी व्यापारी द्वारा अतिक्रमण किया गया है, तो व्यापार मंडल अतिक्रमण अभियान में प्रशासन का पूर्ण सहयोग करेगा।

भाजपा पर आरोप लगा रही कांग्रेस को सता रहा अब डर

इंसाफ की लड़ाई में सीएम पुष्कर सिंह धामी युवाओं के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। जिस तरह से पेपर लीक प्रकरण में कार्रवाई हो रही है। उससे सरकार यह संदेश देने में सफल हो गई है कि दल के हों या विपक्षी भ्रष्टाचारियों की एक ही जगह जेल है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी साफ कह चुके हैं कि हमारी सरकार नकल माफियाओं के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को अपनाकर कार्यरत है, नकल में जो भी संलिप्त पाया जाएगा उसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश के युवाओं के साथ किसी भी प्रकार से अन्याय न हो इसके लिए पूर्ण पारदर्शिता के साथ परीक्षाओं का आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा।
आपको बता दें कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की सहायक अभियंता (एई) और अवर अभियंता (जेई) की लिखित भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने के मामले में दो भाजपा नेताओं की भूमिका सामने आई थी। दोनों भाजपा नेताओं के बाद अब देहात के कांग्रेस से जुड़े नेताओं के नाम भी सामने आने की चर्चाएं जोरों पर हैं। वहीं, गठजोड़ का कनेक्शन भी खंगाला जा रहा है। एसआईटी के अधिकारी ज्यादा कुछ बोलने से कतरा रहे हैं। एई-जेई के पेपर लीक प्रकरण में पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय धारीवाल, भाजपा नेता नितिन चैहान की भूमिका सामने आने के बाद एसआईटी ने मुकदमा दर्ज कराया था। भाजपा नेता नितिन चैहान को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि एक अभी हत्थे नहीं चढ़ पाया।
पेपर लीक कांड में भाजपा नेताओं के नाम सामने आने से पार्टी की भी किरकिरी हुई है। वहीं, एसआईटी जैसे-जैसे जांच कर आगे बढ़ रही, वैसे-वैसे चैंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। दोनों परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक मामले में भाजपा नेता संजय धारीवाल की भूमिका रही है। उसकी पहचान एजेंट के रूप में की जाती है।
अब भाजपा के बाद मामले में देहात क्षेत्र के कुछ कांग्रेस नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं। बहरहाल, अभी एसआईटी विवेचना में साक्ष्य एकत्र कर आगे बढ़ रही है। जांच में आगे कई बड़े नाम खुलकर सामने आ सकते हैं, लेकिन अभी एसआईटी से जुड़े आलाअधिकारी कुछ खुलकर बोलने से बचते नजर आ रहे हैं।

देहरादून में यातायात संकुलन को कम करने के संबंध में हुई बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में देहरादून में यातायात संकुलन को कम करने हेतु सभी सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि ट्रैफिक कंजेशन को कम करने के लिए संस्थागत तंत्र बनाया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि शहर के यातायात संकुलन कम करने की दिशा में लगातार अनुश्रवण प्रणाली की देखरेख के लिए यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी को सक्रिय किया जाए। साथ ही, इसकी प्रत्येक माह बैठक आयोजित की जाए। उन्होंने इसके लिए जहां आवश्यकता हो साइकिल ट्रैक, अंडरपास, अर्बन रोप-वे आदि की संभावनाओं को तलाशे जाने की भी बात कही। कहा कि जहां संभव हों नए रूट्स विकसित किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन जिन स्थानों पर इंजीनियरिंग वर्क से सुधार आ सकता है, इसे सम्बन्धित विभागों द्वारा तुरंत कर लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि चैराहों पर अगले 15 दिन में विद्युत पोल को स्थानांतरित कर दिया जाए। जिन स्थानों पर अधिक यातायात संकुलन है उन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे आदि के माध्यम से गलत तरीके से अथवा नो पार्किंग जोन में गाड़ी खड़ी करने वालों का भी चालान किया जाए। इसके लिए ड्रोन कैमरों का भी प्रयोग किया जा सकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि शहर में स्कूल बसों से लगने वाले जाम को किस प्रकार से कम किया जा सकता है, इसके लिए स्कूलों से बात करके सुझाव मांगे जाएं। उन्होंने कहा कि स्कूल टाइम पर स्कूलों के लिए परिवहन निगम की बसों को भी लगाए जाने पर विचार किया जा सकता है। बड़े मॉल और संस्थान जो अपनी पार्किंग का प्रयोग नहीं कर रहे या पार्किंग को अन्य कार्यों के लिए प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें शीघ्र नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि यातायात संकुलन को कम करने के लिए सार्वजनिक यातायात प्रणाली में सुधार लाए जाने की आवश्यकता है। कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाए। साथ ही वाहनों की टाइमिंग भी सुनिश्चित किया जाए। अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग करते हुए प्रत्येक बस स्टॉप पर अगली आने वाली बस के पहुंचने का समय भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, अरविन्द सिंह ह्यांकी, एस. एन. पाण्डेय, निदेशक यातायात मुख्तार मोहसिन, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, मुख्य नगर अधिकारी मनुज गोयल एवं एसपी ट्रैफिक अक्षय प्रह्लाद कोण्डे सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

धार्मिक स्वरूप से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं, संत समाज

संत समिति (रजि.) ऋषिकेेश ने महानंद आश्रम रेलवे रोड़ में बैठक की। बैठक में ऋषिकेश तीर्थनगरी क्षेत्र में तेजी से बदले जा रहे तीर्थनगरी के धार्मिक स्वरूप पर संत समिति ने चिंता जताई।

संत समिति के अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत महाराज की अध्यक्षता में समिति की बैठक आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महंत विनय सारस्वत महाराज ने कहा कि तीर्थनगरी ऋषिकेश का धार्मिक स्वरूप लगातार बिगड़ता जा रहा है। यहां मौजूद सैकड़ों धर्मशालाओं, मठ और मंदिरों से तीर्थनगरी की पहचान पूरे विश्व में धार्मिक क्षेत्र के रूप में जानी जाती थी। मगर, दुर्भाग्य का विषय है कि लगातार कुछ भू-माफियाओं द्वारा धार्मिक संपत्तियों को खुर्द-बुर्द कर उन्हें व्यवसायिक स्वारूप में तब्दील किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश चारधाम यात्रा का प्रमुख स्थल और प्रवेश द्वार है, यहां पूरे वर्ष भर लाखों की संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं। मगर, मंदिर, मठ और धर्मशालाओं के अभाव में तीर्थयात्रियों को अन्न क्षेत्र और धर्मशालाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। लगातार खुर्द-बुर्द हो रही धर्मशालाओं व अन्न क्षेत्रों के कारण विगत कुछ वर्षों से यात्रियों को सड़कों पर खुले आसमान के नीचे सोते हुए देखा जा सकता है।

महंत विनय ससरस्वत महाराज ने आरोप लगाया कि पूर्व में भी कई धार्मिक संपत्तियों का स्वरूप बदला जा चुका है। जबकि वर्तमान में भी स्वामी विशुद्धानंद महाराज द्वारा स्थापित काली कमली ट्रस्ट द्वारा यात्रियों के निवास स्थान को व्यवसायिक उपयोग के लिए उसका स्वरूप बदला जा रहा है। टाल वाली धर्मशाला तथा स्थित न्यू बिल्डिंग में भी दुकानदारों को ऊपर के यात्री कमरों को भीतर से ही रास्ता देकर गोदाम बनाकर बेचा जा रहा है। इसी तरह सुभाष चैक स्थिति जिंदबाड़ा जो, राजा जिंद द्वारा संस्कृत विद्यालय, गोशाला व अन्य धार्मिक कार्यों के लिए दान दिया गया था, उसमें भी व्यवसायिककरण करने का प्रयास किया जा रहा है, पूरी तरह से निंदनीय है।

महंत विनय सारस्वत महपराज ने कहा कि संत समिति इस मामले को लेकर पूर्व में भी कई बार सरकार व प्रशासन को चेता चुकी है। मगर, इस पर अमल नहीं किया गया। बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया कि जो भी धार्मिक संस्थाएं व ट्रस्ट, धार्मिक संपत्तियों का व्यवसायीकरण कर रहे हैं, संत समिति उसका विरोध करती है। संतों ने मांग की कि धार्मिक संपत्ति को बेचने और खरीदने वाले दोनों पक्षों के खिलाफ सरकार रासूका व गुंडप एक्ट के तहत कार्रवाई करे। इस अवसर पर प्रस्ताव पास किया गया कि संत समिति शीघ्र ही इस संबंध में मुख्यमंत्री व राज्यपाल से मुलाकात कर पूर्व में खुर्द-बुर्द हुई धार्मिक संपत्तियों को उनके पुराने स्वरूप में लाने तथा वर्तमान में खरीद-फरोक्त की जा रही संपत्तियों की जांच की मांग करेगी। साथ ही ऐसी संपत्तियों को सरकारी नियंत्रण में लेने की मांग करेगी। यदि सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो संत समिति उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेगी।

बैठक में प्राचीन सिद्ध सोमेश्वर महादेव मंदिर के शिवरात्रि के उपरांत भव्य शोभायात्रा में भी सभी संतों ने सहयोग करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर समिति के महामंत्री महंत रामेश्वर गिरी महाराज, महंत पूर्णानंद, महंत कृष्णानंद महाराज, महंत राजेंद्र गिरी, महंत हरिनारायणाचार्य, महंत केवल्यानंद महाराज, महंत नित्यानंद गिरी, महंत निर्मल दास, महंत कृष्णकांत, स्वामी धर्मवीर दादूपंथी, महंत धर्मदास, महंत नित्यानंद पुरी, महंत बलवीर सिंह, महंत इंदर गिरी, महंत हृयग्रीवाचार्य, महंत सुंदरानन्द, महंत हरिदास महाराज, महंत धर्मानंद गिरी, महंत कृष्णकांत आदि संत उपस्थित थे।

मंत्री डा. अग्रवाल ने राइंका में किया जीआरसी का निरीक्षण, की सराहना

क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने राजकीय बालिका इंटर काॅलेज ऋषिकेश में संचालित जेंडर समानता एवं बालिका शिक्षा कार्यक्रम के तहत जनरल रिसोर्स सेंटर (जीआरसी) का निरीक्षण किया। इस दौरान मंत्री डा. अग्रवाल ने जीआरसी द्वारा बालिकाओं के उत्थान की दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना की।

देहरादून रोड स्थित विद्यालय में पहुंचे मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने जीआरसी भवन का निरीक्षण किया। मौके पर मौजूद जीआरसी में कार्यरत निशा सजवाण ने बताया कि वर्ष 2017 से जीआरसी राजकीय बालिका इंटर काॅलेज में कार्यरत है। वर्तमान में 479 बालिकाओं को जेंडर समानता एवं बालिका शिक्षा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है।

उन्होंने मंत्री डा. अग्रवाल को बताया कि विद्यालय की बालिकाओं को जीआरसी द्वारा कई विषयों पर मार्गदर्शन, विद्यालय के अध्यापक व समुदाय के साथ वार्ता कर उनके अधिकारों की जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया कि बालिकाओं को जीवन कौशल के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर बालिकाओं को शिक्षा के लिए मदद जैसे स्कूली फीस, पाठ्य सामग्री आदि दी जाती है।

निरीक्षण के दौरान मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने जीआरसी द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जीआरसी द्वारा बालिका उत्थान की दिशा में किए जा रहे कार्यों से बालिकाएं शिक्षित हो रही है। बालिकाओं को उनके अधिकारों की सही जानकारी मिल रही है। साथ ही बालिकाओं को स्वयं के भीतर छिपे कौशल को निखारने का अवसर भी प्राप्त हो रहा है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम के तहत अन्य विद्यालयों में भी खोले जाने चाहिए। जिससे अन्य स्कूलों की बालिकाओं का भी व्यापक मार्गदर्शन हो सकेगा। साथ ही बालिकाओं के समक्ष शिक्षित होने में आने वाली अड़चनों को भी दूर करने में मदद मिलेगी।

इस अवसर पर मंत्री डा. अग्रवाल ने जीआरसी भवन में बालिकाओं द्वारा तैयार वस्तुओं का भी निरीक्षण किया। जिसमें बालिकाओं ने अपनी भावनाएं, स्वयं के बारे में, पारस्परिक संबंधों में तालमेल बनाने तथा स्वास्थ्य को लेकर जानकारी दी गई थी।

इस अवसर पर राइंका की प्रधानाचार्या टीना राणा, जीआरसी की निशा सजवाण, जया धीमान, शानू पाल, सोनिया धीमान, प्रियंका बर्थवाल आदि उपस्थित रही।