सभी विभाग प्रत्येक वर्ष भर्ती वर्ष 1 जुलाई से 30 जून के अनुसार समय से अधियाचन भेजना सुनिश्चित करेंः सीएम

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने विभागों द्वारा आयोग को भेजी जाने वाली रिक्तियों के अधियाचन के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि सभी विभाग प्रत्येक वर्ष भर्ती वर्ष 1 जुलाई से 30 जून के अनुसार समय से अधियाचन भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने विभागों को यह भी निर्देश दिए कि आयोगों को त्रुटिरहित अधियाचन भेजे जाएं।

मुख्य सचिव ने कार्मिक विभाग को निर्देश दिए कि त्रुटिरहित अधियाचन भेजे जाने के लिए पोर्टल बेस्ड व्यवस्था बनाई जाए। पोर्टल के माध्यम से अधियाचन भेजे जाने से त्रुटि होने की संभावना समाप्त हो जायेगी, साथ ही पोर्टल होने से समय की भी बचत होगी।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपना कैलेंडर भी तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागों के ढांचे भी बहुत पुरानी व्यवस्था पर चल रहे हैं, विभागों में बहुत से ऐसे पद भी हैं जिनकी आधुनिक परिस्थितियों में आवश्यकता नहीं है और लंबे समय से रिक्त भी चल रहे हैं, जबकि जिन पदों की आवश्यकता है उन पदों का सृजन ही नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि एक ऐसा सिस्टम विकसित किया जाए कि प्रत्येक विभाग 2, 3 साल में अपने ढांचे की समीक्षा कर, आवश्यक पदों का सृजन करे और अनावश्यक पदों को समाप्त करे।

मुख्य सचिव ने लोक सेवा आयोग द्वारा की जाने वाली डीपीसी बैठकों हेतु सचिवालय में कमरे की व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि इससे अधिकारियों का भी समय बचेगा। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि जिन विभागों द्वारा इस भर्ती वर्ष हेतु अधियाचन भेजे जाने हैं, और अभी तक नहीं भेजे हैं, अगले एक सप्ताह के भीतर अधियाचन आयोगों को भेज दें।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, रविनाथ रमन एवं वीवीआरसी पुरुषोत्तम सहित अन्य विभागीय उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

बच्चों में नशें की प्रवृति रोकने के प्रयास किये जाये-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने कहा कि गरीब बच्चों के लिए नशा मुक्ति हेतु विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति केंद्रों की जानकारी आमजन तक पहुंचाई जाए, ताकि आमजन विशेषकर गरीब लोग नशामुक्ति केंद्रों की जानकारी के अभाव में इधर उधर न भटकें, सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि स्कूलों में पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग्स आयोजित कर जन जागरूकता फैलाई जाए। उन्होंने नशामुक्ति हेतु लगातार जागरूकता अभियान चलाए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने सीज्ड ड्रग्स के निष्पादन हेतु लीगल मैकेनिज्म विकसित करने की बात भी कही। कहा कि एंटी ड्रग समितियों की लगातार बैठकें आयोजित की जाएं। जिला स्तरीय बैठकें अगले 15 दिनों में आयोजित कर ली जाएं। उन्होंने सभी स्टेकहोल्डर विभागों द्वारा अपने नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने हेतु भी निर्देशित किया।
मुख्य सचिव ने जेलों में कैद 25 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को अलग बैरकों में रखे जाने हेतु व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इससे युवाओं को अपराध की दिशा में भटकने से बचाया जा सकेगा साथ ही उनके लिए कौशल विकास प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि ऐसे युवा कौशल प्रशिक्षण लेकर अपने भविष्य को सुधार सकें।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमुख सचिव एल फैनई एवं अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

औली मास्टर प्लान को लेकर सीएस ने की बैठक

मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने औली पहुँचकर औली मास्टर प्लान को लेकर संबधित अधिकारियों के साथ बैठक की।

पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि औली को वर्ल्ड क्लास टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में तैयार किया जा रहा है जिसके लिए मास्टर प्लान लगभग अंतिम चरणों में है। मास्टर प्लान पर प्रेजेंटेशन के माध्यम से चर्चा की गयी। उन्होंने कहा कि यहां जमीन को लेकर कुछ समस्याएं हैं जिनका आई. टी. वी. पी, आर्मी तथा पर्यटन विभाग के साथ समाधान ढूंढने की बात हुई, जिससे प्रोजेक्ट का जल्द से जल्द शुरू किया जा सके। साथ ही उन्होंने औली का स्थलीय तथा हवाई निरीक्षण किया।

यात्रा को लेकर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि इस रिकार्ड श्रद्धालु पहुँच रहे हैं जिससे हमारे स्थानीय व्यापारियों को अच्छी आय प्राप्त होगी।

इस दौरान जिला अधिकारी हिमांशु खुराना, एसडीएम कुम कुम जोशी सहित सभी संबधित अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य व बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने केदारनाथ में चल रहे कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने हेतु कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण सामग्री और ट्रांसपोर्टेशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कार्यों को निर्धारित समय सीमा पर पूर्ण करने हेतु श्रमिकों को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लेबर को रहने खाने की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए, साथ ही उनके बिलों का समय से भुगतान किया जाए। उन्होंने मैटेरियल की आपूर्ति एवं स्टोरेज की उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर एवं अरविंद सिंह ह्यांकी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक ली

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों को उनके उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है, इस दिशा में हर संभव प्रयास किए जाएं। साथ ही मार्केटिंग आदि की व्यवस्था भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने फसलों की नई वैरायटी विकसित करने हेतु प्रदेश स्तर में ही प्रयास किए जाने के साथ ही दालों, पोषक अनाजों और तिलहन की खेती को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने योजनाएं बनाते समय क्षेत्र विशेष हेतु योजनाएं तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि प्रत्येक क्षेत्र की अपनी भौगोलिक परिस्थितियां और जलवायु भिन्न-भिन्न होती है। एक ही योजना मैदानी और पर्वतीय क्षेत्र में लागू करने से योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा कि भौगोलिक परिस्थितियां और जलवायु के अनुसार प्रत्येक जनपद के लिए अलग योजनाएं तैयार की जा सकती हैं। अच्छी योजनाएं तैयार करें। अच्छी योजनाओं के लिए फण्ड की कमी नहीं होने दी जाएगी। इन योजनाओं पर आवश्यकता पड़ने पर राज्य सरकार से भी फण्ड उपलब्ध कराया जाएगा।

इसके उपरान्त मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (त्ज्ञटल्-त्।थ्ज्।।त्) की राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठकें भी संपन्न हुई। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वॉलनट और कीवी के उत्पादन पर फोकस कर किसानों को इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएं।

मुख्य सचिव ने उत्पादों को जंगली जानवरों से सुरक्षित रखने हेतु बायोफेंसिंग विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए अलग से सेल बनायी जाए जो इस दिशा में लगातार क्षेत्र विशेष और वहां रहने वाले जानवरों के अनुसार बायोफेंसिंग तैयार करे। मुख्य सचिव ने सभी एलाईड विभागों द्वारा एक इंटीग्रेटेड प्लान तैयार कर पलायन से ग्रसित गांवों में एग्रीगेटर तैयार करने पर बल दिया। उन्होंने एक योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने के बजाए, क्षेत्र की आवश्यकता अनुसार प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि किसानों को सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता उपलब्ध करायी जाए। प्रशिक्षण और इंसेंटिव भी दिया जाए। उन्होंने सभी योजनाओं को सोशल ऑडिट और थर्ड पार्टी ऑडिट किए जाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, वीवी आर. सी. पुरुषोत्तम सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने की उत्तराखंड रोपवे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने उत्तराखण्ड में रोपवे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी प्रोजेक्ट्स की प्रगति की जानकारी ली।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सभी प्रोजेक्ट्स के लिए टाइम लाइन्स निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक स्टेप के लिए प्रत्येक स्तर पर टाइम लाइन निर्धारित किए जाने की बात कही। उन्होंने सभी प्रोजेक्ट्स की डीपीआर और फॉरेस्ट और अन्य प्रकार की क्लियरेंस की कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि सभी प्रोजेक्ट्स में जो कार्य एक साथ शुरू किए जा सकते हैं, किए जाएं, इससे कार्यों में तेजी आएगी। उन्होंने सभी प्रोजेक्ट्स की लगातार समीक्षा कर आ रही समस्याओं को दूर किए जाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि सोनप्रयाग – गौरीकुंड – केदारनाथ रोपवे और गोविंदघाट – घांघरिया – हेमकुंड साहिब रोपवे की डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जबकि पंचकोटी से बौराड़ी, बलाती बैंड से खलिया टॉप, ऋषिकेश से नीलकंठ, औली से गोरसों और रानीबाग से हनुमान टेंपल रोपवे प्रोजेक्ट्स की डीपीआर हेतु कंसल्टेंट नियुक्त कर दिया गया है।

इस अवसर पर सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड स्टार्टअप काउंसिल की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में उत्तराखण्ड स्टार्टअप काउंसिल की बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने प्रदेश में स्टार्टअप को बढ़ावा दिए जाने हेतु लगातार पॉलिसी में सुधार किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप और इंक्यूबेटर्स को सरकार द्वारा लगातार सहयोग दिया जाए।

मुख्य सचिव ने फोकस सेक्टर को सीमाओं में न बांधते हुए सभी सेक्टर्स में फोकस किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्टार्टअप्स हेतु आयोजित आइडिया चौलेंज के अंतर्गत टॉप 10 सुझावों को दिए जाने वाले 50 हजार रुपए का कैश प्राइज को बढ़ाकर टॉप 20 सुझावों को 2 लाख रुपए का कैश प्राइज दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इंक्यूबेटर्स को दिए जाने वाले ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस एक्सपेंसेज को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किए जाने और कैपिटल ग्रांट को 1 करोड़ से 2 करोड़ किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्टार्टअप्स के साथ मासिक रूप से बैठकें आयोजित कर उनकी समस्याओं को दूर करने हेतु लगातार प्रयास किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने आइडिया शेयरिंग के लिए उद्योग विभाग, इंक्यूबेटर और स्टार्टअप्स का एक व्हाट्सएप ग्रुप के साथ ही डिपार्टमेंट की वेबसाइट में ऐसा सिस्टम डेवलप करने के निर्देश दिए जिससे आपस में आइडियाज और जानकारियां साझा की जा सकें।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को स्टार्टअप की दिशा ने कुछ न कुछ किए जाने के निर्देश दिए, ताकि इससे प्रत्येक क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को इन्नोवेटिव आइडिया के साथ ही अन्य राज्यों द्वारा किए जा रहे अच्छे आइडियाज को तुरंत अपनाए जाने के भी निर्देश दिए। ऐसे आइडियाज जो अच्छे तो हैं, परन्तु किसी कारण से उन्हें फंडिंग नहीं मिल पा रही है, उनके लिए सरकारी सिस्टम को सहयोग के लिए आगे आने की आवश्यकता बताई।

इस अवसर पर सचिव सौजन्या, सचिव डॉ. पंकज पाण्डेय एवं प्रबन्ध निदेशक सिडकुल रणवीर सिंह चौहान सहित उत्तराखण्ड स्टार्टअप काउंसिल के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ली बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा के सम्बन्ध में सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित और सुचारू रूप से संचालन हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस और प्रशासन को भीड़ प्रबन्धन हेतु श्रद्धालुओं को विभिन्न स्थानों पर रोके जाने के निर्देश दिए, साथ ही आवश्यकता के अनुसार फिजिकल बैरियर भी लगाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को कैरिंग कैपेसिटी से अधिक लोगों को आगे न जाने देने की बात भी कही। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने अपने स्तर पर लोकल प्लान बनाते हुए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही कम्युनिकेशन और इन्फोर्मेशन के लिए प्लान तैयार किया जाए कि चारधाम परिसर में कैरिंग कैपेसिटी फुल होने के बाद व्यवस्थित तरीके से श्रद्धालुओं को निचले पढ़ावों में रोका जा सके।

मुख्य सचिव ने कहा कि बारिश और बर्फबारी से श्रद्धालुओं को बचाने हेतु शेड आदि की भी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने चारों धामों में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के साथ ही कूड़ा निस्तारण और इसकी लगातार मॉनिटरिंग किए जाने के निर्देश दिए। कूड़ा निस्तारण, बिजली, पानी सहित अन्य व्यवस्थाओं हेतु कार्यदायी संस्थाओं द्वारा अपने दायित्वों का पूर्ण रूप से निर्वहन किया जा रहा है या नहीं इसके लिए थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी की जाए या अलग से सोर्स ऑफ इनफॉर्मेशन विकसित किया जाए ताकि सही जानकारी मिल सके।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं खेल तथा युवा कल्याण अभिनव कुमार सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव सोनिका सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी एवं सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी भी उपस्थित थे।

एक दो साल बाद श्री बदरीनाथ धाम के पुर्ननिर्माण कार्यों की देश विदेश में होगी प्रशंसा-संधु

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने श्री बद्रीनाथ में चल रहे विभिन्न पुर्ननिर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यों की अच्छी प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इतनी ऊंचाई पर जिस तेजी से कार्य हो रहा है, यह सराहनीय है। मुख्य सचिव ने कहा कि श्री बद्रीनाथ में काफी कार्य इसी सीजन में पूरे हो जायेंगे। श्री बद्रीनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को कम से कम असुविधा हो, इसके प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक-दो साल में केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में भी लोग उदाहरण देंगे कि इतनी अधिक ऊंचाई के धार्मिक स्थल होने पर भी श्री बद्रीनाथ में सराहनीय कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के सुझावों को भी ध्यान में रखा जायेगा। मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि चारधाम यात्रा आने से पूर्व रजिस्ट्रेशन अवश्य करायें।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं सुचारू रहें। श्रद्धालुओं को भगवान बद्रीविशाल के दर्शन हेतु हर संभव सुविधा मिले। इस अवसर पर उन्होंने हेलिपैड, दर्शनी गेट, बस स्टैंड, अराइवल प्लाजा, लूप रोड, शेष नेत्र व बद्रीश झील का स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्य सचिव ने यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर भी पुलिस व प्रशासन तथा सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को मूलभूत सुविधाओं बिजली, पानी तथा मोबाइल कनेक्टिविटी की सुचारू व्यवस्था रखने के निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने हेमकुंड साहिब के यात्रा मार्ग पर अतिरिक्त मेडिकल टीम की व्यवस्था करने और हेमकुंड जाने वाली सड़क को 15 जून तक दुरस्त करने के भी निर्देश दिये। विभिन्न कार्यों के निरीक्षण के बाद मुख्य सचिव ने श्री बद्रीनाथ धाम में पूजा-अर्चना की।
इस अवसर पर डीजीपी अशोक कुमार, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना, मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी, एसपी स्वेता चौबे उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने रोपवे निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने प्रदेश में रोप-वे निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने रोप – वे प्रोजेक्ट्स में फॉरेस्ट क्लियरेंस, एनएच एवं अन्य अप्रूवल आदि में लग रहे समय को देखते हुए कार्यों में गति लाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रतिदिन प्रोजेक्ट्स की समीक्षा के निर्देश दिए। कहा कि सभी प्रोजेक्ट्स का विशेषज्ञों द्वारा सर्वे करवा कर अधिक फुटफॉल वाले प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता पर लिया जाए, ताकि जहां अधिक आवश्यकता है उनका कार्य समय से पूर्ण हो सके। उन्होंने मसूरी और यमुनोत्री रोप – वे निर्माण कार्य की प्रत्येक कार्य पूर्ण होने की तिथि निर्धारित करते हुए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने इंटरडिपार्टमेंटल कॉर्डिनेशन के लिए प्रोजेक्ट्स को उन्नति पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए, ताकि कार्यों एवं स्वीकृतियों में गति लायी जा सके, फिर भी कोई समस्या आ रही हो तो मुख्य सचिव स्तर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित करवाई जाए ताकि समस्या का त्वरित निस्तारण किया जा सके।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु एवं सचिव दिलीप जावलकर सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।