भाजपा की जन विरोधी नीतियों को जनता के बीच लेकर जाएंः राजपाल खरोला

Take BJP’s anti-people policies among the public: Rajpal Kharola
आगामी विस चुनावों को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है। आज उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने विस चुनाव 2022 को लेकर कार्यकर्ताओं की बैठक ली। मौके पर ऋषिकेश विधानसभा को 15 सेक्टरों में बांट कर उनके प्रभारी नियुक्त किए। साथ ही उन्हें कार्ययोजना से अवगत कराया गया। 

प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि अब लगातार कार्य करने का समय आ गया है, पार्टी की नीतियों और प्रचार प्रसार को लेकर समय-समय पर बैठकें होगी। इसमें सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर जुटना है। इसी तरह शहरी क्षेत्रों में भी कार्यकर्ताओं, पुराने साथियों को जोड़कर चलना है। साथ ही डोर टू डोर भाजपा की जन विरोधी नीतियों को जन जन तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि अगली राज्य सरकार कांग्रेस की बनें, इसे उद्देश्य मानकर कार्य करना है। बैठक में पूर्व पालिका उपाध्यक्ष प्यारेलाल जुगरान, मदन शर्मा, दीपक जाटव, जितेंद्र पाल, किशोर गौड़, भारत शर्मा, दीपक ध्यानी, दीपक दरगन, राजीव शर्मा, प्रवीण गर्ग, जगदंबा प्रसाद रतूड़ी, आशीष रौतेला, अजय अग्रवाल, सोनू पांडे, अजय राजभर, अभिषेक शर्मा, जयपाल सिंह, आशु वर्मा, राहुल सेमवाल, कृष्णपाल, विजयपाल, धर्मेंद्र कुलियाल आदि उपस्थित रहे। 

कोविड डेथ रेट को कम करने के विशेष प्रयास करें मंडलायुक्त व जिलाधिकारीः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सभी जिलाधिकारियों से कोविड वेक्सिनेशन की सभी आवश्यक तैयारियां समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है। उन्होंने इसके लिये प्राथमिकतायें निर्धारित करते हुए वेक्सिनेशन सेन्टरों के चिन्हीकरण एवं आवश्यक उपकरणों के साथ ही मैन पॉवर की उपलब्धता का पूरा प्लान समय पर सुनिश्चित किये जाने के भी निर्देश दिये है। उन्होंने स्कूलों के बजाय अस्पतालों एवं उसके आस पास क्षेत्रों में वेक्सिनेशन सेन्टर स्थापित करने को कहा है।

मुख्यमंत्री आवास में मण्डलायुक्तों के साथ ही सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से कोविड 19 के बचाव से सम्बन्धित व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिये है कि प्रदेश में सरकारी एवं निजी लैब में प्रतिदिन हो रहे टेस्टो एंव उनकी क्षमता आदि का पूरा विवरण उन्हें शीघ्र उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कोविड डेथ रेट को कम करने के लिए विशेष प्रयास किये जाए। कोविड के कारण जिन लोगों की मृत्यु हो रही है, किसी अन्य रोग से ग्रसित होने, देरी से अस्पताल में पहुंचने या अन्य किस कारण से हो रही है, इसका पूरा विश्लेषण किया जाए। किसी भी कोविड के मरीज को हायर सेंटर रेफर किया जाना है, तो इसमें बिल्कुल भी विलम्ब न किया जाए। रिकवरी रेट बढ़ाने के लिए और प्रयासों की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि जिलों में टेस्टिंग और तेजी से बढ़ाई जाए। आरटीपीसीआर टेस्ट पर विशेष ध्यान दिया जाए। यदि व्यक्ति सिम्पटोमैटिक है, तो उनका शत प्रतिशत आरटीपीसीआर हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि सैंपल लेने के बाद शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे के अन्दर व पर्वतीय क्षेत्रों में 48 घण्टे के अन्दर लोगों को कोविड की रिपोर्ट मिल जाए। कोविड से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जाए कि किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर कोविड कन्ट्रोल रूम एवं ट्रोल फ्री नम्बर पर कॉल करें। जो लोग होम आईसोलेशन में हैं, उनके नियमित स्वास्थ्य की जानकारी ली जाए एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा विजिट किया जाए। कोविड के लक्षण पाये जाने पर भी यदि कोई टेस्ट कराने के लिए मना कर रहें है, तो ऐसे लोगों पर सख्ती बरती जाए। जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आती है, तब तक पूरी सर्तकता बरती जाए।

उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीजों का पूरा ध्यान रखा जाए। इसके लिए अस्पतालों की नियमित रूप से मोनिटरिंग की जाए। मुख्यमंत्री ने सभी हेल्थ वर्करों को भी मोटिवेट करने पर ध्यान देने के साथ ही प्रदेश में टेस्टिंग के लिये पूरी क्षमता का उपयोग किये जाने पर ध्यान देने को कहा।

प्रभारी सचिव स्वास्थ्य ने अपने विस्तृत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में कोविड के प्रभाव, उसके रोकथाम के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से उनके जनपदों में टेस्टिंग की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही वेक्सिनेशन प्लान आवश्यक तकनीकि कार्मिकों वैक्सीन सेन्टरों की स्थापना आदि का पूरा प्लान तैयार करने को कहा ताकि जनवरी के प्रथम सप्ताह में यदि वैक्सीन उपलब्ध हो जाती है तो निर्धारित मानकों के अनुरूप तद्नुसार त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।

ट्वीट कर सीएम त्रिवेंद्र ने दी स्वयं के कोरोना पाॅजीटिव होने की जानकारी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज अपने कोरोना पाॅजीटिव होने की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए लोगों से साझा की। उन्होंने बताया कि वह ठीक है और उन्हें किसी भी प्रकार के कोई सिम्टम्स भी नहीं है।

21 दिसंबर को युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विस घेराव का ऐलान

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के आह्वान पर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ओर से 21 दिसंबर को विधानसभा भवन का घेराव किया जाएगा। यह घेराव रोजगार दो या गद्दी छोड़ दो के तहत किया जाएगा।

आज देहरादून रोड स्थित व्यापार सभा भवन में युवा कांग्रेस की ओर से पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया । इस मौके पर युवा कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष अमरजीत सिंह धीमान ने बताया कि 21 दिसंबर को बेरोजगारी को लेकर भारी संख्या में युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता देहरादून में विधानसभा का घेराव करेंगे । उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान भारी संख्या में प्रवासी उत्तराखंड आए हैं । इस दौरान प्रदेश सरकार ने प्रवासियों को रोजगार देने की बात कही थी लेकिन धरातल पर एक भी पर प्रवासियों को रोजगार नहीं मिल पाया है । प्रदेश के बेरोजगार युवा रोजगार के लिए अन्य प्रदेशों की शरण ले रहे हैं । अन्य प्रदेशों की तुलना में वर्तमान में 22 से भी सबसे अधिक बेरोजगार युवा उत्तराखंड में है । बेरोजगारों को रोजगार देने में प्रदेश सरकार विफल साबित हो रही है । उन्होंने कहा कि ऋषिकेश विधानसभा से लगभग 400 युवा कार्यकर्ता विधानसभा घेराव में शामिल होंगे पत्रकार वार्ता के दौरान विवेक तिवारी, जितेंद्र पाल पाठी, अजय धीमान, राहुल पांडे, अजय पाल आदि मौजूद थे ।

तीर्थनगरी के वेंडिंग बाजार का मेयर अनिता ने किया लोकार्पण

तीर्थनगरी को उत्तर भारत के सबसे बड़े वेडिंग बाजार के रूप में किया जायेगा। प्रथम चरण में ढाई सौ वेंडरों को बसाने की निगम की योजना है। इसके साथ ही सुव्यवस्थित व्यापार के जरिए निगम प्रशासन ने देवभूमि ऋषिकेश को स्मार्ट सिटी बनाने की ओर मजबूत कदम बढ़ा दिए है।

शहर में अनेकों मेगा प्रोजेक्टों के जरिए हो रहे विकास कार्यों के साथ जहां देवभूमि में बदलाव की ब्यार बह रही है वहीं सुव्यवस्थित व्यापार के लिए भी निगम प्रशासन कटिबद्व नजर आ रहा है। आईएसबीटी में उत्तर भारत के सबसे बड़े वेंडिंग जोन का आज मेयर अनिता ममगाई ने लोकार्पण किया।

उन्होंने कहा कि गढवाल के मुख्य द्वार ऋषिकेश को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का सपना साकार किया जाएगा।शहर को भविष्य की जरूरत के अनुरूप बुनियादी ढांचे को फास्ट ट्रैक पर विकसित करने के लिए योजनाओं पर काम किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की कामयाबी के लिए जमीनी सतह पर काम किया गया है।उन्होंने कहा कि शहर में खोखा व्यवसायियों के व्यापार को सुव्यवस्थित बनाकर ही स्मार्ट सिटी के मार्ग को प्रशस्त किया जायेगा। उन्होंने कहा कि निगम के इस मेगा प्रोजेक्ट से तीर्थ नगरी का शुमार उत्तर भारत के सबसे बड़े वेडिंग बाजार के रुप मे हो जायेगा। प्रथम चरण में इसमें ढाई सौ वेडरों को बसाया जायेगा।जिन्हें बिजली, पानी,शौचालय,सीसीटीवी और सिक्योरिटी गार्ड के साथ सुरक्षा निगम प्रशासन प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि इस महत्वाकांक्षी योजना के साथ उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं को शहर में लाने का वायेदा भी पूरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह योजना पथ व्यवसायियों को भी पूरे आत्म सम्मान के साथ अपना व्यापार चलाने का मौका देगी। इस अवसर पर सहायक नगर आयुक्त एलम दास, पार्षद विजय बडोनी, पार्षद वीरेंद्र रमोला, पार्षद प्रदीप कोहली, पार्षद अनिता रैना, पार्षद लक्ष्मी रावत, पार्षद कमलेश जैन, पार्षद अनिता प्रधान, रवि शर्मा, राजपाल ठाकुर, पवन शर्मा, सुनील उनियाल, मदन कोठारी, प्रिया ढकाल, सहायक अभियंता आनंद मिश्रवान, कर अधीक्षक रमेश रावत, धीरेंद्र सेमवाल आदि उपस्थित रहे।

एसडीएम यमकेश्वर ने की तीर्थनगरी की प्रतिभाओं की सराहना

वल्र्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में हिस्सा लेने वाले चित्रकार राजेश चन्द्र व अमरजीत सिंह राणा को उप जिलाधिकारी यमकेश्वर मनीष कुमार सिंह ने लक्ष्मण झूला स्थित कैंप कार्यलय में पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया।

बता दें कि हाल ही में चित्रकार राजेश चंद्र की अगुवाई में तीर्थनगरी के कलाकारों ने वल्र्ड बुक ऑफ रिकार्ड के प्रदर्शनी में हिस्सा लिया था। इस प्रदर्शनी को विश्व की सबसे बड़ी ऑनलाइन क्रिएटिव इवेंट के खिताब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड यूनाइटेड किंगडम से मिला। उप जिलाधिकारी ने राजेश चंद्र, अमरजीत, मानसी, सानिया व सागर को शुभकामनाएं प्रेषित कर आगे भी इसी तरह राज्य व देश का नाम रोशन करने की शुभकामनाएं दी। बताया कि हमारा राज्य प्रतिभाओ से भरा हुआ है बस जरूरत है तो उन्हें पहचानने की।

इस मौके पर मनीष कुमार सिंह, राजेश चन्द्र, चंद्रप्रकाश भारती व अमरजीत सिंह राणा मौजूद रहे।

समरसता व समन्वय सामाजिक उन्नति का मूलमंत्रः प्रो. रविकांत

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय मंच इंटिग्रेटेड एसोसिएशन ऑफ मेडिकल, बेसिक एंड सोशल साइंटिस्ट (आईएएमबीएसएस) की पुस्तिका विमोचन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने विज्ञान, चिकित्सा एवं सामाजिक समरसता विषय पर व्याख्यानमाला प्रस्तुत की। जिसमें उन्होंने कहा कि हमारे समाज में समरसता एवं एकीकृत होकर कार्य करने की इच्छा शक्ति दृढ़ होने से ही भारत को पुनरू विश्वगुरु की पदवी प्राप्त हो सकती है। कार्यक्रम के तहत आईएएमबीएसएस की ओर से आयोजित रक्तदान शिविर में 35 लोगों ने महादान किया।

आईएएसबीएसएस की ओर से आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक बेरी जी व कार्यक्रम अध्यक्ष एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने अन्य अतिथियों के साथ संस्था की वार्षिक पुस्तिका का विधिवत विमोचन किया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए निदेशक एम्स प्रो. रविकांत ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा में मेडिकल साइंस के साथ- साथ व्यवहारिक ज्ञान को भी सम्मिलित किया जाना नितांत आवश्यक है, जिससे चिकित्सक व आम व्यक्ति के मध्य संवादहीनता नहीं हो। उन्होंने कहा कि कम्यूनिकेशन स्किल के ज्ञान के बिना आप अपनी बात को सही तरीके से दूसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंचा सकते। निदेशक एम्स पद्मश्री रवि कांत जी ने कहा कि विदेशों में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में कम्यूनिकेशन स्किल को पाठ्यक्रम में प्रमुखता से शामिल किया गया है,जिसमें उत्तीर्ण होना अनिवार्य शर्त रखी गई है। लिहाजा चिकित्सक को आम व्यक्तियों व मरीजों में अपनी छाप छोड़ने के लिए व्यवहार कुशल होना ही चाहिए। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत जी ने देश की उन्नति के लिए विज्ञान के साथ साथ तकनीकि के विषय पर ध्यान दिए जाने पर जोर दिया।
मुख्य अतिथि आरएसएस की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक बेरी ने कहा कि समाज में एक- दूसरे के प्रति भेदभाव से समाज बंट रहा है,लिहाजा इस मान​सिकता को सामुहिक प्रयासों से समाप्त किया जाना चाहिए, तभी किसी समाज व राष्ट्र की उन्नति हो सकती है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद विश्व के वैज्ञानिक मनुष्य में रोगों के बढ़ने के कारणों के साथ साथ इम्युनिटी डेवलपमेंट विषय पर शोधकार्य में जुटे हुए हैं। खासकर कोविड19 का दुनिया के मुकाबले भारत में कम असर के मद्देनजर यहां के खान-पान पर खासतौर से अध्ययन कर रहे हैं। मुख्य अतिथि अशोक बेरी ने कहा कि शरीर, मन व बुद्धि के समन्वय के बिना हम जीवन में आगे नहीं बढ़ सकते हैं। उन्होंने सामाजिक उन्नति के लिए मन में भरे विद्वेष को समाप्त करने पर जोर दिया।
संस्थान के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने आईएएमबीएसएस की समाज के विभिन्न वर्गों में समन्वय के प्रयासों की सराहना की और इसे अच्छी पहल बताया। उन्होंने कहा कि हमारे समाज को इस तरह के रचनात्मक प्रयासों की नितांत आवश्यकता है। तभी हम प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सकते हैं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनिल जोशी, हंस फाउंडेशन के राज्य प्रभारी पदमेंद्र सिंह बिष्ट ने भी विचार रखे।
समारोह में बताया गया कि आईएएमबीएसएस पिछले कई वर्षों से चिकित्सकों, वैज्ञानिकों एवं देश के नीति नियंताओं के मध्य एकीकृत होकर कार्य करने की भावना को उजागर करने को प्रयासरत है। संस्था द्वारा देश के सभी बड़े चिकित्सा संस्थानों एम्स दिल्ली, एम्स ऋषिकेश, एम्स भटिंडा, पीजीआई चंडीगढ़ एवं अन्य संस्थानों के चिकित्सकों को जोड़कर इस एकीकृत भाव को आयुर्विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सकों एवं वैज्ञानिकों को एक मंच पर लाने के लिए प्रयासरत है

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि अशोक बेरी जी व निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत जी ने संस्था की ओर से डा. मनिंदर, डा. अमित गुप्ता, डा. जितेंद्र गैरोला, डा. प्रमोद के अलावा संस्था के सदस्य संदीप, मिथलेश, अनमोल, अवधेश, सरोज भट्ट आदि को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर एम्स की प्रो. सत्यावती राना, डा. बलरामजी ओमर, सूरज भट्ट, डा. सुधांशु, डा. अनिरूद्ध उनियाल आदि मौजूद थे।

कार्यकताओं से सुझाव लेकर विस चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेेस


ब्लॉक कांग्रेस कमेटी रायवाला के तत्वावधान में रायवाला के होटल में एक बैठक आयोजित हुई। बैठक में कांग्रेस जिलाध्यक्ष गौरव सिंह,अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला,पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, पूर्व ब्लॉक प्रमुख डा०केएस राणा, पीसीसी सदस्य जय सिंह रावत ने मुख्य रूप से शिरकत की ।

जिलाध्यक्ष गौरव सिंह ने कहा कि विधानसभा 2022 के चुनाव की तैय्यारियों को लेकर लगातार बैठकों का दौर जारी है और हम संगठन स्तर से हर कार्यकर्ता से बात कर संगठन की मजबूती व चुनाव की जीत सुनिश्चित करने के लिये सुझाव लेंगे ताकि जल्द ही उन सुझावों पर अमल हो और कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप संगठन और चुनाव में मजबूती मिल सके।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि संगठन की मजबूती के लिये हम सभी को एक होकर कार्य करना पड़ेगा और जो आज हमारे कांग्रेस के नेता मुख्य धारा से अलग हो रखे हैं उनके पास जाकर उनको मुख्य धारा तक लाने के प्रयास करने चाहिये साथ ही बुजुर्ग कांग्रेस नेताओं के पास जाकर समय समय पर उनके हाल चाल लेने चाहिये ताकि वे कभी अपने को संगठन से अलग ना समझें।

पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने कहा कि हर कार्यकर्ता को गाँव या अपने क्षेत्र में जाकर लोगों को जोड़ने के प्रयास करने चाहिये और कांग्रेस की रीति नीति से लोगों को अवगत करवाना चाहिये ।
पूर्व ब्लॉक प्रमुख व पीसीसी सदस्य डा० केएस राणा ने कहा कि आज हमारी लड़ाई बहुरूपियों से है ये झूठ को सच और सच झूठ बनाने वाले लोग हैं बस जरूरत है कि हमें इनके झूठ का पर्दा फाश कर आम जन तक इनकी सच्चाई पहुँचाने की जरूरत है और यह कार्य हर बूथ स्तर का कार्यकर्ता कर सकता है ।

पीसीसी सदस्य व पूर्व मंडी समिति सभापति जय सिंह रावत ने कहा कि पार्टी को छरू माह पूर्व प्रत्याशी घोषित कर देना चाहिये ताकि आम कार्यकर्ता व खुद प्रत्याशी में असमंजस की स्तिथि ना रहे क्योंकि आख़िरी समय में प्रत्याशी घोषित होने पर उहापोह की स्तिथि बन जाती है और प्रत्याशी का समय रूठों को मनाने में चला जाता है जिससे चुनाव में असर पड़ता है ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्लॉक अध्यक्षता बर्फ सिंह पोखरियाल ने की व संचालन सत्येन्द्र सिंह रावत ने किया और धीरज थापा, अंशुल त्यागी, अलका क्षेत्री, केके थापा, प्रेम किशोर जुगलान, प्रकाश पांडे, पूरन रमोला, राकेश कंडियाल, मोहन डोबरियाल, आशा चैहान आदि ने सुझाव दिए।

कार्यक्रम में दीपा चमोली, देवेन्द्र रावत, गोकुल रमोला, राजाराम कोठियाल, आशा सिंह चैहान, पूरन चन्द रमोला, बसंत कंडवाल, रूकम सिंह पंवार, धीरज थापा, जितेन्द्र त्यागी, वीरेन्द्र सिंह प्रधान, धनबीर बेन्दवाल, प्रेम किशोर जुगलान, जगपाल असवाल, रघुनाथ चैहान, सुधीर डबराल, सूरत सिंह रांगड, दर्शन सिंह नेगी, विजय सिंह बिष्ट, शम्भू गुरूंग, कैलाश नौटियाल, मोहन सिंह डोबरियाल, रवि राणा, हरि सिंह राणा, राकेश कंडियाल, प्रकाश पांडे, यशपाल पंवार, जगबीर नेगी, मनोज गुसाँई, विजयपाल पंवार, पिन्टू प्रजापति आदि मौजूद थे।

प्राचीन शिक्षा प्रणाली में गुरूकुलों का बड़ा महत्वः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि स्कूल के भवनों के रूपान्तरण के साथ ही वहां पर शिक्षा एवं सुरक्षा का बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने से ही हम छात्रों का वर्तमान के साथ ही भविष्य सुरक्षित करने में सफल हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा राज्य आपदा की दृष्टि से संवदेनशील होने के कारण विद्यालयों में छात्रों एवं शिक्षकों को प्राकृतिक आपदा से बचाव की जानकारी दी जानी भी समय की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मानव वन्य जीव संघर्ष की भी चुनौती रही है, इसे ध्यान में रखते हुए राज्य में मानव वन्य जीव संघर्ष से सम्बन्धित देश का पहला प्रशिक्षण केन्द्र खोला जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा प्रबन्धन का अलग से मंत्रालय गठित करने वाला भी पहला राज्य है।

आज सस्टेनेबल इनवायरमेंट एण्ड इकोलॉजिकल सोसायटी (सीड्स) एवं हनीवेल सेफ स्कूल कार्यक्रम के तहत 15 स्कूलों का रूपान्तरण के पश्चात् शिक्षा विभाग को सौंपे जाने से सम्बन्धित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों में शिक्षा के अनुकूल माहौल से छात्रों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने के साथ ही उनके मानसिक विकास में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली में गुरूकुलों का बड़ा महत्व रहा है। आज के विद्यालयों को सुविधायुक्त बनाने से ही अच्छी शिक्षा छात्रों को उपलब्ध हो सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों का वर्तमान सुरक्षित रखने से ही उनका भविष्य भी सुरक्षित होगा। इसके लिए उन्हें विद्यालयों मे सकुशल, सुरक्षित एवं सहजता के साथ शिक्षा उपलबध कराने के प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि इस वैश्विक महामारी का हम सर्तकता बरतने के कारण ही सामना करने में सफल हो पाये हैं। दुनिया के अनेक सुविधा सम्पन्न देशों के मुकाबले हम इससे अपना बचाव कर पाये हैं। मुख्यमंत्री ने विद्यालयों के रूपान्तरण के साथ ही छात्रों का सकुशल और सुरक्षित स्कूल के लिए आवश्यक सहयोग एवं सहायता के लिये सीड़स एवं हनीवेल के प्रयासों को सराहनीय बताया।

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में सीड्स एवं हनीवेल द्वारा देहरादून एवं हरिद्वार के 4 विकास खण्डो के 15 स्कूलों का रूपान्तरण के पश्चात् अपर निदेशक शिक्षा मुकुल सती एवं वन्दना गर्ब्याल, एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर को सौंपा गया।

इस अवसर पर डॉ. मनु गुप्ता, सह-संस्थापक, सीड्स ने कहा कि हनीवैल सेफ स्कूल कार्यक्रम शुरू करने से पहले, सीड्स ने इन 100 स्कूलों पर एक आधार स्तर का सर्वेक्षण किया था, जिससे यह पता चला कि लगभग 40 प्रतिशत स्कूलों के भवनों को भूस्खलन, भूकंप और बाढ़ से उत्पन्न होनेवाले संरचनात्मक खतरों का सामना करना पड़ता है। संरचनात्मक नवीनिकरण का उद्देश्य इन जोखिमों को कम करना होता है। 2019 में शुरू किए गए हनीवैल सेफ स्कूल कार्यक्रम के जरिए हरिद्वार और देहरादून जिलों के 100 सरकारी स्कूलों में 11,000 से अधिक विद्यार्थियों, 3,000 अभिभावकों और 900 शिक्षकों को स्कूल की सुरक्षा पर प्रशिक्षण दिया है। देहरादून और हरिद्वार में राज्य सरकार के 15 के स्कूलों का जीर्णोद्धार, मरम्मत और विस्तारण किया।
इस अवसर पर हनीवेल के वीरेन्द्र मिश्रा एवं सीड्स की रिजनल मैनेजर अनिता चैहान ने भी विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम में डीआईजी एसडीआरएफ श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल सहित विभिन्न विद्यालयों के अध्यापकगण आदि उपस्थित थे।

चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बनेगा, सीएम ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आज मुख्यमंत्री आवास में चाय विकास बोर्ड की बैठक आयोजित हुई। बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिए कि चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में स्थापित किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को इसके लिए जमीन तलाशने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि किसानों को बाजार उपलब्ध कराने हेतु राज्य में 04 नई फैक्ट्रियाँ स्थापित की जाएं। साथ ही, चाय बागानों से उत्पादित हरी पत्तियों के न्यूनतम विक्रय मूल्य को निर्धारित करने हेतु एक समिति भी गठित की जाए। यह समिति प्रत्येक वर्ष हेतु न्यूनतम विक्रय मूल्य निर्धारित करेगी। उन्होंने कहा कि न्यूनतम विक्रय मूल्य फार्मगेट मूल्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि टी-गार्डन विकसित करने में चाय विशेषज्ञ अवश्य रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय विकास बोर्ड द्वारा टी-गार्डन विकसित कर काश्तकारों को सौंप दिया जाए। इसके लिए अगले एक माह में एक व्यवहारिक मॉडल तैयार करते हुए कार्ययोजना तैयार की जाए। इस मॉडल को तैयार करने में काश्तकारों के सुझावों को भी शामिल किया जाना चाहिए। टी-गार्डन विकसित कर काश्तकारों को दिए जाने के बाद उन्हें तकनीकी विशेषज्ञता भी उपलब्ध करायी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो निजी चाय फैक्ट्रियाँ किसी भी कारण से बंद हैं, उन्हें चलाने हेतु प्रयास किए जाएं। यदि निजी फैक्ट्रियों के मालिक इन्हें चलाने में सक्षम नहीं हैं तो, बोर्ड द्वारा इन्हें चलाए जाने हेतु प्रयास किए जा जाएं। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और उन्हें आजीविका का साधन मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय विकास बोर्ड की बैठक, वर्ष में 04 बार आयोजित की जाए। इससे बोर्ड और किसानों की समस्याओं से अवगत होने के अधिक अवसर बनेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार प्रदेश के किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में टी-गार्डन, पर्यटन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टी-टूरिज्म पर भी फोकस करने के निर्देश दिए।

बोर्ड बैठक में अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड द्वारा वर्तमान तक विभिन्न स्थानों कुल 1387 हैक्टेयर क्षेत्रफल पर चाय प्लान्टेशन किया जा चुका है। उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड द्वारा वर्तमान में उत्तराखण्ड के 09 पर्वतीय जनपदों (बागेश्वर, चम्पावत, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी) के 28 विकास खण्डों में स्वयं संचालित योजना, स्पेशल कम्पोनन्ट प्लान, मनरेगा के अन्तर्गत चाय विकास कार्यक्रम संचालित कर 1387 हैक्टेयर भूमि में 3,882 काश्तकारध्राजकीयध्गैर राजकीय भूमि को लीज पर लेकर सफलतापूर्वक चाय प्लान्टेशन किया जा चुका है। जिसमें अनुमानित 4,000 श्रमिक कार्यनियोजित किये गये हैं जिसमें 70 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी हैं।

वर्तमान में बोर्ड द्वारा निर्मित की जा रही चाय को उत्तराखण्ड टी ब्राण्ड नेम से रजिस्स्ट करते हुए बिक्री किया जा रहा है। वर्तमान में बोर्ड द्वारा जैविक-अजैविक आर्थोडोक्स ब्लैक व ग्रीन टी तैयार कर, स्थानीय स्तर पर स्वयं के शो-रूम, दुकानदारों य पोस्टल सेवा एवं कोलकाता ऑक्सन हाउस के माध्यम से बिक्री की जा रही है, चाय की बिक्री बढ़ाने व अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हेतु शासन स्तर से शासकीय कैन्टीनों, व अन्य संस्थानों को चाय की मांग बोर्ड को उपलब्ध कराने हेतु आदेश निर्गत किये जा चुके है।

इस अवसर पर उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल, उपाध्यक्ष चाय विकास बोर्ड गोविन्द सिंह पिल्खवाल, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव आनन्द वर्धन एवं सचिव उद्यान हरबंस सिंह चुघ आदि उपस्थित थे।