अटैचमेंट को लेकर डीजीपी सख्त, मूल तैनाती के होंगे आदेश

उत्तराखंड के सभी पुलिसकर्मियों के पास एक माह के भीतर स्मार्ट कार्ड होंगे। इसके लिए डीजीपी ने विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। सभी जिला प्रभारी और सेनानायक इस काम को अपने पर्यवेक्षण में करेंगे।
दरअसल, बीते 12 सालों से पुलिस के आईडी कार्ड का काम बेहद धीमा है। फील्ड में तैनात पुलिसकर्मियों के कार्ड दौरान नहीं बन पाए थे। इनकी संख्या तीन से चार के आसपास बताई जा रही है। आईकार्ड न होने से पुलिसकर्मियों को बाहरी जनपदों और राज्यों में दबिश देने में भी समस्या सामने आती थी। लेकिन, अब डीआईजी ने सभी के कार्ड बनाने के लिए एक माह का समय दिया है।

पुलिस में खत्म होगा अटैचमेंट का खेल
पहाड़ की ड्यूटी से बचने के लिए लंबे समय से अटैच चले आ रहे पुलिसकर्मियों को मूल तैनाती पर जाना ही होगा। इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने अटैचमेंट वाले प्रकरणों की समीक्षा करानी शुरू कर दी है। वाजिब कारण वालों को छोड़कर सभी को पहाड़ चढ़ाने की तैयारी की जाएगी।
दरअसल, मैदान में समयावधि पूरी होने के बाद कर्मचारियों का पहाड़ पर ट्रांसफर किया जाता है। लेकिन, बहुत से कर्मचारी कई मजबूरियां बताकर विभिन्न दफ्तरों में अटैच हो जाते हैं। यह अटैचमेंट अग्रिम आदेशों या समस्या हल होने तक किया जाता है।
बावजूद, इसके तमाम कर्मचारी अब भी दफ्तरों से अटैच होकर मैदान में ड्यूटी कर रहे हैं। इस मामले में अब डीजीपी ने मुख्यालय में मौजूद कर्मचारियों का डाटा और उनके अटैचमेंट की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। ताकि, इन कर्मचारियों को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजा जा सके।

आईजी ने भी दिए थे निर्देश
पिछले दिनों रेंज स्तर पर आईजी अभिनव कुमार ने भी अटैचमेंट की स्थिति साफ करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कई कर्मचारियों को उनके मूल तैनाती स्थल पर भेजने के निर्देश भी दिए थे। उन्होंने नाराजगी जताई थी कि बहुत से कर्मचारी सहूलियत का बेवजह फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि अटैचमेंट एक सुविधा होती है, जिसका अनुचित लाभ लिया जाना गलत है।
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा पहाड़ पर ट्रांसफर हुए लोगों को जल्द ही मूल तैनाती पर भेजा जाएगा। इसके लिए सभी को निर्देशित किया जा चुका है। इसके लिए समितियां भी काम कर रही है। ट्रांसफर, पोस्टिंग को लेकर वर्तमान में नौ समितियां हैं।

हाईकोर्ट ने ईवीएम गड़बड़ी के आरोपों को नकारा, याचिकाएं खारिज

हाईकोर्ट ने विधान सभा चुनाव 2017 में ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस नेताओं द्वारा दायर पांचों चुनाव याचिकाओं को खारिज कर दिया है ।
न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने प्रदेश के 2017 में हुए विधान सभा चुनाव में ईवीएम मशीनों में हुई गड़बड़ी के मामले में मंगलवार को अपना निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने पांच चुनाव याचिकाओं को वेरिफाइड नहीं होने के कारण निरस्त कर दिया है। जिनकी 14 अक्टूबर को सुनवाई पूरी करते हुए निर्णय सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट के फैसले से ईवीएम को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठा रही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। जबकि भाजपा को विपक्ष पर हमलावर होने का अवसर मिल गया है। हालांकि याचिकाकर्ताओं की अधिवक्ता की ओर से कहा गया है कि हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
कांग्रेस के पराजित प्रत्याशी व पूर्व मंत्री नवप्रभात, विक्रम सिंह नेगी, राजकुमार, अम्बरीष कुमार, मसूरी की गोदावरी थापली ने बीजेपी के जीते हुए प्रत्याशी मुन्ना सिंह चैहान, खजान दास, आदेश कुमार चैहान और गणेश जोशी व अन्य के निवार्चन को चुनौती दी थी। याचिका में उन्होंने चुनाव आयोग व सरकार पर आरोप लगाया गया था कि इन भाजपा प्रत्याशियों को जिताने के लिए ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की हुई है, लिहाजा इनके निवार्चन को निरस्त किया जाय, जबकि जीते हुए प्रत्याशियों की तरफ से कहा गया था कि ये याचिकाएं आधारहीन हैं। ईवीएम मशीनों में किसी भी तरह की गड़बड़ी नही हुई है, अभी तक याचिकर्ताओ ने गड़बड़ी होने का कोई सबूत पेश नही किया है लिहाजा सभी याचिकाएं निरस्त किए जाने योग्य है।

किसानों की हर मांग को गंभीरता से लेती है सरकार-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से सचिवालय में भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने भेंट की। उन्होंने किसानों की विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए उनके निराकरण का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की समस्याओं के समाधान के प्रति प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में अनेक निर्णय लिये गये हैं। किसानों को 3 लाख रूपये तक का बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराये जाने के साथ ही उत्पादों के क्रय की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपनी किसी भी समस्या के समाधान के लिये टोल फ्री नम्बर 1905 पर अपनी समस्यायें बतायें इससे उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान होगा। उन्होंने कहा कि किसानों को बिजली, पानी सहित कृषि सम्बन्धी कार्यों में आवश्यक सहयोग के लिये सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के हित में देहरादून में किसान भवन बनाया गया है। राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों को सहकारी चीनी मिलों के स्तर पर लम्बित सौ प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। धान मूल्य का भुगतान ऑनलाइन 24 घण्टे के अन्दर ही बिल प्राप्त होते ही आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में जमा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि नये पैराई सत्र से पहले गन्ना किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निजी क्षेत्र की इकबालपुर शुगर मिल जो बन्द हो गई थी जिससे 22,500 किसान जुड़े थे, राज्य सरकार ने इस मिल को 36 करोड़ की गारन्टी देकर खुलवाया है ताकि किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के व्यापक हित में खाण्डसारी नीति बनाई गई है ताकि जो भी किसान खाण्डसारी उद्योग शुरू करना चाहे शुरू कर सकता है। मुख्यमंत्री ने किसानों को विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने किसानों से किसान पेंशन निधि का लाभ लेने की भी अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वृद्धावस्था पेंशन भी दी जा रही है। इस योजना का भी लाभ किसान भाई ले सकते हैं।
इस अवसर पर किसान यूनियन के प्रतिनिधियों द्वारा रखी गई समस्याओं में प्रत्येक जनपद में किसान भवन बनाये जाने, किसानों को पेंशन दिये जाने, निजी चीनी मिलों के स्तर पर किसानों को लम्बित गन्ना मूल्य का भुगतान किये जाने, धान क्रय केन्द्रों पर एवं मण्डियों में सुविधायें उपलब्ध कराये जाने से सम्बन्धित समस्यायें प्रमुख थी। किसानों का उत्पीड़न न हो इसकी व्यवस्था के निर्देश दिये जाने का भी अनुरोध उन्होंने मुख्यमंत्री से किया।
इस अवसर पर इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार डॉ धन सिंह रावत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चैधरी संजीव तोमर, प्रदेश अध्यक्ष सोम दत्त शर्मा, इन्द्रजीत सिंह सांगवान, राममेहर तोमर, चैधरी सुदेश पाल सिंह, चैधरी राजीव मलिक, विकेरा बालियान, पवन त्यागी, अजय त्यागी, श्रवण त्यागी एवं जावेद अली आदि उपस्थित थे।

ऋषिकेश व्यापार महासंघ के सदस्यता अभियान में उत्साह का माहौल

नगर निगम ऋषिकेश के पहले व्यापार महासंघ ने नगर के व्यापारियों के साथ मिलकर ऋषिकेश में दून तिराहे से चन्द्रभागा पुल तक सदस्यता अभियान चलाया। मौके पर दर्जनों व्यापारियों को ऋषिकेश व्यापार महासंघ का सदस्य भी बनाया गया।
ऋषिकेश व्यापार महासंघ के संयोजक राजीव मोहन अग्रवाल ने कहा कि आज ऋषिकेश व्यापार महासंघ के बैनर तले के साथ सदस्यता अभियान चलाकर बड़ी संख्या में सदस्य बनाये। इस दौरान सदस्य बनने के लिये व्यापारियों में उत्साह देखने को मिला। उन्होंने कहा कि काफी समय से लोग एकाधिकार वाले व्यापारी नेताओं के मनमाने रवैयों से आजिज आ चुके थे, इसी लिये व्यापारी भाईयों ने बढ़-चढ़कर सदस्यता अभियान में भाग लिया।
सह संयोजक नवल कपूर ने कहा कि हमारा मकसद सभी व्यापारियों को समान अधिकार वाले व्यापार महासंघ का गठन करना था। जिसके चलते व्यापारी भाईयों के सहयोग से व्यापारियों का स्थानीय स्तर पर नगर निगम का पहला व्यापार महासंघ का गठन हुआ। जिसके सदस्यता अभियान व्यापारी भाईयों ने पूर्ण सहयोग कर सदस्य बनने व बनाने में मदद कर रहे हैं ।
सदस्यता अभियान में पूर्व व्यापार सभा अध्यक्ष सूरज गुल्हाटी, राजेन्द्र सेठी, मोटर पार्टस एसोसिएशन अध्यक्ष चन्द्रशेखर जैन, स्वर्ण कार संघ अध्यक्ष यशपाल पंवार, पार्षद अजीत सिंह गोल्डी, होटल एसोसिएशन अध्यक्ष मदन नागराज, महामंत्री अंशुल अरोड़ा, क्षेत्र रोड व्यापार संगठन अध्यक्ष राजेश भट्ट, स्वर्णकार संघ उपाध्यक्ष हितेन्द्र पंवार, बर्तन एसोसिएशन अध्यक्ष प्रवीन अग्रवाल, प्रचून व्यापर संघ अध्यक्ष गिरिराज गुप्ता, मेन बाजार व्यापार संघ महामंत्री ललित सक्सेना, स्वर्णकार संघ से विवेक वर्मा, नागेन्द्र सिंह, रमनप्रीत सिंह, हरीश दरगन, अतुल सरीन, अशोक नेगी, राजेश अरोड़ा, सरदार प्रीतपाल सिंह जस्सल, हरीश गावडी, विशाल अग्रवाल, संजय पंवार, प्रदीप कुमार, रमन अरोड़ा, रवि चैहान, राजपाल ठाकुर, सजल खुराना आदि मौजूद थे।

नगर निगम से शुरु हुई पहल, स्वच्छता सर्वेक्षण में होगी कारगर

नगर निगम ऋषिकेश, यूएनडीपी एवं एचडीएफसी बैंक के संयुक्त तत्वाधान में आकांक्षा संस्था द्वारा ’प्लास्टिक लाओ मास्क पाओ’ अभियान की शुरुआत नगर निगम कार्यालय से की गई। इस अभियान की शुरुआत नगर आयुक्त ने की। इस अभियान में प्लास्टिक के बदले में कपड़े का मास्क दिया जा रहा है। यह अभियान 8 दिसंबर से शुरू होकर 30 दिनों तक चलेगा।
ऋषिकेश निवासियों को प्लास्टिक पैकेजिंग पानी, कोल्ड ड्रिंक, जूस की बोतलें, सिंगल यूज पॉली बैग और प्लास्टिक के अन्य कचरे के बदले एक कियोस्क पर मुफ्त कपड़ा मास्क मिलेगा। नगर निगम कार्यालय और कई कॉलोनियों और अपार्टमेंट जैसे क्षेत्रों में कियोस्क स्थापित किए जाएंगे।
इस अभियान का उद्घाटन नगर आयुक्त द्वारा नगर निगम कार्यालय में किया गया, जहां उन्होंने मास्क देकर इस अभियान को शुरू किया। इस अवसर पर नगर आयुक्त ने इस अभियान को स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के लिए एक अहम कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह कि अभिनव प्रयास से लोगों में प्लास्टिक अलग-अलग रखने और उसको रिसाइकलिंग के लिए भेजने की आदत को प्रोत्साहित करेगा।
इस दौरान निगम की तरफ से एसआई सचिन रावत सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे। एचडीएफसी बैंक की तरफ से वैभव ने इस कार्यक्रम के सफलता के लिए लोगो को बढ़चढकर आगे आने की अपील की। संस्था की दिल्ली ऑफिस से ज्योति शर्मा, प्रेम, मोहम्मद मेहंदी जैदी, वाशुतोष, मीनाक्षी, मोहन, रेखा व अन्य साथी उपस्थित रहे।

बसंतोत्सव 12 फरवरी से लेकर 16 फरवरी तक

श्री भरत मंदिर के सभागार में हृषिकेश बसंतोत्सव 2021 को लेकर आज एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बसंतोत्सव 12 फरवरी से लेकर 16 फरवरी तक मनाया जाएगा।
गौरतलब है कि इस बार बसंतोत्सव को कोरोना महामारी के अनुसार समाज हित में उपयोगी बनाने को लेकर विशेष ध्यान दिया गया। जिसमें रोटरी क्लब एवं मारवाड़ी युवा मंच के द्वारा 12, 13, 14 फरवरी को दिव्यांग व्यक्तियों को आवश्यकता अनुसार कृत्रिम अंग वितरित किए जाएंगे। साथ ही 12, 13, 14 फरवरी को आयुर्वेद चिकित्सकों के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन भी किया जाएगा। जिसमें कोविड-19 से बचने के उपाय और प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के बारे में जागरूक भी किया जाएगा। वहीं, आमजन को रक्त की कमी ना हो इसके लिए 15 फरवरी को रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। रोटरी क्लब ऋषिकेश के द्वारा ऑनलाइन कला प्रतियोगिता भी कराई जाएगी।
इस अवसर पर श्री भरत मंदिर स्कूल सोसायटी के सचिव हर्षवर्धन शर्मा जी, महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज, दीप शर्मा, विनय उनियाल, वरुण शर्मा, मेजर गोविंद सिंह रावत प्रधानाचार्य श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज, पार्षद राजेन्द्र प्रेमसिंह बिष्ट, राकेश मियां, डॉ डीके श्रीवास्तव, सीमा सक्सेना, डॉ. जी एच अरोड़ा, धीरेंद्र जोशी, बचन पोखरियाल, श्रीकांता शर्मा, अंजू रस्तोगी, विमला रावत, विजय लक्ष्मी शर्मा, राधा रमोला, रवि शास्त्री, चंद्रशेखर शर्मा, जितेंद्र बिष्ट, लखविंदर सिंह, चेतन शर्मा, अशोक रस्तोगी, रंजन अंथवाल आदि उपस्थित रहे।

कृषि कानून किसानों के हित में लाई है केन्द्र सरकार-मुख्यमंत्री

कृषि कानून के विरोध में भारत बंद में विपक्षी दलों के शामिल होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में कृषि कानून बनाने का वादा किया था, लेकिन आज वह विरोध में उतर आई है। उन्होंने कांग्रेस पर दोगला होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस खुद तो बर्बाद है ही, वह किसानों को भी बर्बाद करना चाहती है। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके हितों के प्रति सौ फीसदी प्रतिबद्ध है। वे किसी भ्रम में न पड़े। कोई ऐसा काम न हो, जिससे राज्य के अमन को नुकसान पहुंचे।
मुख्यमंत्री बीजापुर अतिथि गृह में किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर किसानों को भ्रमित किया जा रहा है। पंजाब की कांग्रेस सरकार ने आंदोलन को गलत दिशा में मोड़ने का प्रयास किया। कृषि कानून किसानों के हित में है। इसकी बहुत लंबे समय से डिमांड चल रही थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रसिद्ध कृषि विज्ञानी रहे स्वामीनाथन की रिपोर्ट के आधार पर कृषि कानून है। कानून के तहत किसानों के लिए अनेक विकल्प खोल दिए गए हैं। पहले किसान मंडी मे खरीदारी करता था। आज ओपन मार्केट कर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों के बीच यह भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है कि एमएसपी समाप्त हो रहा है। एमएसपी समाप्त नहीं हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों से अपील की कि वे बिल्कुल भ्रमित न हों। उन्होंने विश्वास दिलाया कि भजापा आपके हितों की संरक्षक है। लेकिन कांग्रेस जो कृषि कानून के विरोध में खुलकर आ रही है, दोगली है। उसने  2019 के घोषणा पत्र में है साफ लिखा कि वह एपीएमसी एक्ट को निरस्त कर देगी। कृषि उत्पादों के व्यापार की व्यवस्था करेगी।
आज वही कांग्रेस और उस राज्य के मुख्यमंत्री स्वयं इस आंदोलन में कूद गए। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने  कहा कि जिस तरह के नारे लगाए जा रहे हैं, ऐसा लगता है कि कुछ लोग देश की अखंडता और एकता को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।  हम इसकी तीव्र भर्त्सना करते हैं। मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी के गुजरात के किसानों को दी गई सस्ती बिजली का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि किसानों को दोगली कांग्रेस से बचने की जरूरत है। 

पेराई सत्र से पहले किसानों को भुगतान
मुख्यमंत्री ने किसानों के हितों को लेकर राज्य सरकार के फैसलों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शायद पहली बार हुआ कि नए पेराई सत्र से पहले किसानों को उनकी फसल का पूरा भुगतान कर दिया गया। किसानों से धान की खरीदारी हो रही है। 24 घंटे में बिलों का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से हो रहा है। इकबालपुर निजी मिल को सरकार ने 36 करोड़ की गारंटी देकर 22 हजार से अधिक किसानों को राहत दी।

ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होने से कार्यों में आएगी पारदर्शिता-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने सचिवालय में ई-ऑफिस की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि 25 दिसम्बर, 2020 से सचिवालय के सभी अनुभागों को ई-ऑफिस सिस्टम से जोड़ा जाना है। इसके लिए सभी विभाग अपनी ओर से सभी आवश्यक तैयारियाँ पूर्ण कर लें।
मुख्य सचिव ने कहा कि ई-ऑफिस व्यवस्था लागू होने से कार्य में पारदर्शिता आएगी इसके साथ ही कार्यों की गति भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए लगातार प्रशिक्षण कराया जा रहा है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनुभागों के निरीक्षण की भी व्यवस्था की जाए। विभागों एवं अनुभागों से फीडबैक लेते हुए उनकी समस्याओं के निराकरण की व्यवस्था भी की जाए।
बैठक में सचिव आर.के. सुधांशु ने बताया कि ई-ऑफिस सिस्टम की दिशा में आईटीडीए, जिलाधिकारी देहरादून कार्यालय, शहरी विकास एवं वन विभाग का पीसीसीएफ ऑफिस ने 100 प्रतिशत ई-ऑफिस सिस्टम लागू कर लिया है। बाकी विभाग भी तेजी से ई-ऑफिस पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सचिवालय में इस सम्बन्ध में लगातार प्रशिक्षण कराया जा रहा है। जिस भी अनुभाग में कोई समस्या आ रही है। 20 मिनट के अन्दर हमारी टीम वहां पहुंच कर उन्हें आवश्यक जानकारी देते हुए उनकी समस्या का निराकरण कर रही है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, सौजन्या, निदेशक आईटीडीए, अमित सिन्हा सहित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

बिना विलंब शुल्क के 10 दिसंबर तक करे आवेदन

उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि को एक बार फिर बढ़ा दिया गया है। अब संस्थागत छात्र-छात्राएं बिना विलंब शुल्क के 10 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। जबकि व्यक्तिगत छात्र-छात्राओं से इस तिथि तक आवेदन जमा करने के लिए विलंब शुल्क लिया जाएगा।
शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम की ओर से इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव व रोकथाम को देखते हुए स्कूल बंद होने की वजह से बोर्ड के छात्र-छात्राओं के आवेदन की तिथि में बदलाव किया गया है। 
शिक्षा सचिव ने कहा कि उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा परिषद, रामनगर की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया था। इस प्रस्ताव पर परीक्षा आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि को 25 नवंबर से बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि हाईस्कूल, इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राएं अब 10 दिसंबर तक स्कूलों में आवेदन जमा कर सकते हैं। जबकि स्कूल खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 15 दिसंबर तक आवेदन जमा करा सकते हैं। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 19 दिसंबर तक आवेदन जमा कराए जा सकते हैं। वहीं मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से बोर्ड कार्यालय को 24 दिसंबर तक आवेदन जमा कराने होंगे। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह व्यवस्था केवल 2021 की बोर्ड परीक्षा के लिए लागू है।

कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार कर गये नड्डा

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तराखंड में अपना चार दिवसीय प्रवास पूरा कर सोमवार को लौट गए। जाने से पहले वह संगठन और सरकार को खास पांच मंत्र दे गए। तीन दिन चली मैराथन बैठकों में शीर्ष नेताओं से लेकर आम कार्यकर्ताओं से हुए संवाद में उन्होंने साफ किया कि 2022 और 2024 में मिशन इलेक्शन का लक्ष्य हिंदुत्व कार्ड, मोदी मैजिक, मजबूत और सक्रिय सांगठनिक नेटवर्क, निरंतर प्रवास और सहज आचरण से ही सधेगा।
ये सारी बातें नड्डा के विचारों और आचरण से बार-बार सामने आई। अपने 120 दिन के देशव्यापी प्रवास की शुरुआत उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड से यूं नहीं की। कुंभनगरी हरिद्वार के गंगा तट हर की पौड़ी से प्रवास की शुरुआत के विशेष निहितार्थ हैं। बेशक नड्डा कहें कि यह उनकी दिली इच्छा थी, लेकिन सियासी जानकार इसे आरएसएस और भाजपा का हिंदुत्व एजेंडा मानते हैं। नड्डा ने गायत्री परिवार के संचालक उन प्रणव पंड्या से मुलाकात की, जिनकी संस्था के देश दुनिया में करीब 20 करोड़ अनुयायी हैं। 
उत्तराखंड में राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर प्रवास अमित शाह ने भी किया था। शाह के दौरे के अनुभव के आधार पर पार्टी नेताओं ने नड्डा के दौरे को लेकर उसी तरह की धारणाएं बनाई थी, लेकिन शाह के आक्रामक रुख से जुदा नड्डा ज्यादा सहज और संतुलन साधते नजर आए।

अनुभवी और हिमाचली होने के फायदा
उनकी बातों ने सरकार और संगठन दोनों को सहज किया। कोविडकाल की बंदिशों के बीच पार्टी नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं से उन्होंने जितना भी संवाद बनाया, उसमें उन्होंने निरंतर प्रवास पर फोकस किया। उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से लेकर शक्ति केंद्र के मुखिया और उसकी टीम को निरंतर प्रवास करने की सलाह दी। बदलती राजनीतिक चुनौती से मुकाबला करने के लिए उन्होंने सांगठनिक नेटवर्क के विस्तार पर जोर दिया। उनका मानना था कि भाजपा को रोकने के लिए सभी राजनीतिक दल एकजुट होकर लड़ेंगे, लिहाजा पार्टी को उसी हिसाब से तैयारी करनी है। इसके लिए उन्होंने अपना एजेंडा तय करने का मंत्र दिया।
नड्डा का यह मंत्र पीएम मोदी के नेतृत्व कौशल, केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की चाशनी में लिपटा है, जिसे जन जन के कान में फूंकने की उनकी योजना है। इससे साफ हो गया कि प्रदेश में पार्टी के शीर्ष नेताओं से लेकर आम कार्यकर्ता की जुबान पर मोदी ही नजर आएंगे। सांगठनिक नेटवर्क की रीढ माने जाने वाले जमीनी कार्यकर्ता के बीच भी उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि संगठन नेतृत्व के जेहन में उनका सबसे ज्यादा ख्याल है। जिला, मंडल और बूथ अध्यक्ष के साथ मंच साझा करना इसी रणनीति का हिस्सा माना गया। साथ ही इसे प्रदर्शित करके राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सहजता का संदेश भी दिया। 
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रवास के दौरान पहाड़ के मर्म पकड़ पाए। उन्होंने कहा भी, मैं पहाड़ी हूं, इसलिए पहाड़ का दर्द खूब समझता हूं। उन्होंने पहाड़ पर महिलाओं के संघर्ष को बयान किया। उन्होंने कहा कि पहाड़ हिमाचल का हो या उत्तराखंड का, संघर्ष दोनों ही जगह समान है। साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की उज्ज्वला और सौभाग्य योजनाओं का जिक्र किया, कहा कि दोनों योजनाओं ने पहाड़ के लोगों और महिलाओं का संघर्ष कम किया है।