नेशनल गेम्स के बड़े मंच से तीन विषय और उत्तराखंड को बड़ी शाबासी

मंगलवार को यह बड़ा मंच राष्ट्रीय खेलों का था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल विकास से जुड़ी कई अहम बातें कीं। मगर तीन ऐसे विषय भी उठाए, जिनमें उत्तराखंड के विशेष प्रयास हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के इन प्रयासों को नए सिरे से रेखांकित करते हुए धामी सरकार की खुलकर सराहना की और शाबासी दी। यह तीन विषय थे-यूसीसी, शीतकालीन यात्रा और प्लास्टिक मुक्त अभियान।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना के बाद धामी सरकार के प्रयास देश-दुनिया तक और प्रभावी ढंग से पहुंचे हैं। एक दिन पहले उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का प्रधानमंत्री ने खास तौर पर जिक्र किया। खेल और यूसीसी में सबको साथ लेकर चलने की अंतर्निहित भावना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिलचस्प ढंग से जोड़ा।

हाल ही में शीतकालीन यात्रा के लिए जिस तरह से धामी सरकार ने पहल की है, उसे प्रधानमंत्री के पूर्ण समर्थन के खास मायने रहे। उत्तराखंड की स्थानीय आर्थिकी के व्यापक हितों के लिए शुरू की गई शीतकालीन यात्रा के संबंध में प्रधानमंत्री का यह वक्तव्य अहम रहा कि वह खुद इस यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं। पिछले दिनों अपने दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री से भेंट कर उन्हें शीतकालीन यात्रा पर आने के लिए आमंत्रित भी किया था। यात्रा की ब्रांडिंग कर प्रधानमंत्री राज्य सरकार के प्रयासों को भी गति दे गए।

राष्ट्रीय खेलों की ग्रीन गेम्स की थीम पर प्रधानमंत्री प्रभावित नजर आए। ई-वेस्ट से पदक निर्माण, विजेता खिलाड़ियों के स्तर पर पौधरोपण जैसी पहल पर प्रधानमंत्री खूब बोले। उन्होंने इसके साथ ही, धामी सरकार के प्लास्टिक मुक्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी खुलकर सराहा।

नई बातः उत्तराखंड में 14 महिलाओं ने हासिल किया व्हाइट वॉटर रिवर राफ्टिंग गाइड सर्टिफिकेट, अब चलाएंगी राफ्ट

देहरादून। उत्तराखण्ड की बेटियां जल्द ही ऋषिकेश में गंगा नदी पर पर्यटकों को राफ्टिंग कराती नजर आएंगी। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से 14 महिलाओं को व्हाइट वॉटर रिवर राफ्टिंग गाइड का प्रशिक्षण दिया गया है। जो अब पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद, बतौर प्रोफेशनल राफ्टिंग गाईड अपना करियर शुरू करने को तैयार हैं।

ऋषिकेश हाल के समय में राफ्टिंग के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है, यहां हर साल पांच लाख से अधिक पयर्टक राफ़्टिंग के लिए आ रहे हैं, इस तरह राफ्टिंग गतिविधि, कारोबार के साथ ही रोजगार का भी जरिया बन रही है। लेकिन अब तक राफ्टिंग गाइड का काम पूरी तरह पुरुष ही कर रहे थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पहली बार उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने महिलाओं को रिवर राफ्टिंग गाइड का प्रशिक्षण दिया है। इसके बाद पर्यटन विभाग ने चुनिंदा 14 महिलाओं को अप्रैल से जून के बीच तीन महीने का निशुल्क प्रशिक्षण दिया। इसमें प्रशिक्षण के साथ ही रहने खाने का खर्च भी पर्यटन विभाग की ओर से उठाया गया।
——————
सफलता की कहानी
01- पौड़ी जिले में सिरांसू गांव निवासी प्रियंका राणा, वर्तमान में बीबीए कर रही हैं, प्रियंका क्याकिंग एथलीट हैं। प्रियंका बताती हैं कि उनके गांव के पास बड़ी संख्या में राफ्टिंग होती है, ऐस में जब उन्हे उत्तराखंड सरकार के अधीन महिलाओं को राफ्टिंग गार्डड का प्रशिक्षण दिए जाने की जानकारी मिली तो उन्होंने इसमें अपना पंजीकरण कर लिया। प्रियंका इसके लिए पुष्कर सिंह धामी सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि अब बतौर राफ्टिंग गाइड अपना करियर बनाना चाहती हैं।

02- रामनगर निवासी कामाक्षी गोयल वर्तमान में गोवा की नॉटिकल कंपनी में काम कर रही हैं। कामाक्षी बताती हैं कि वो पहले से ही वाइट वॉटर फील्ड में जॉब कर रही थी, इसलिए उन्होंने स्किल बढ़ाने के लिए राफ्टिंग प्रशिक्षण लिया। इसके लिए उत्तराखण्ड सरकार की ओर से तीन महीने का प्रशिक्षण के साथ ही रहने खाने की सुविधा निशुल्क मिली। कामाक्षी इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा प्रयास करार दे रही हैं।

03- ऋषिकेश निवासी मुस्कान भी पहले बैच में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं। मुस्कान अभी ऋषिकेश से ग्रैज्यूएशन कर रही हैं, मुस्कान बताती हैं कि तीन महीने तक उन्हें विदेशी प्रशिक्षकों ने रिवर राफ्टिंग की ट्रेनिंग दी, इस दौरान एक हफ्ते तक उन्होंने देवप्रयाग से लेकर ऋषिकेश तक गंगा में राफ्टिंग भी की, पूरी तरह महिलाओं के द्वारा संचालित यह अभियान लाजवाब था, मुस्कान अब इसी क्षेत्र में करियर बढ़ाना चाहती हैं, वो इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त कर रही हैं।
—-
उत्तराखण्ड में साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, अब बड़ी संख्या में महिला पयर्टक भी राफ्टिंग के लिए आ रही हैं। ऐसे में महिलाओं को बतौर राफ्ट गाईड प्रशिक्षण दिया जाने का प्रयास किया जा रहा है। अच्छी बात है कि महिलाओं ने इसके लिए रुचि दिखाई है, यह उत्तराखण्ड की बेटियों और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।

– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री उत्तराखंड

केन्द्र से राज्य को हुआ 100 मे.वा. विशिष्ट विद्युत आवंटन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर प्रदेश को केन्द्र सरकार द्वारा केंद्रीय पूल से 100 मे.वा. विद्युत का विशिष्ट आवंटन किया गया है। यह आवंटन इस माह 04 जुलाई से 31 जुलाई तक के लिये किया गया है इसके लिये मुख्यमंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का आभार जताया है।

ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री ने पिछले माह केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भेट कर राज्य में विद्युत उत्पादन एवं आपूर्ति से संबंधित विषयों पर चर्चा की थी, तथा राज्य को केंद्रीय पूल से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपेक्षा की थी।

उत्तराखंड पुलिस ने हाथरस यूपी के परिवार की लौटाई खुशियां, किया शुक्रिया

ऋषिकेश पुलिस ने हाथरस युपी के एक परिवार को उनके चार वर्षीय बच्चे के बिछड़ने पर सकुशल ढूंढ निकाला और परिजनों को सुपुर्द किया। इससे परिजनों के चेहरे पर खुशियां लौटीं और पुलिस का आभार प्रकट किया।

चौकी प्रभारी प्रकाश पोखरियाल ने बताया कि हाथरस उत्तर-प्रदेश निवासी एक परिवार के 08 सदस्यों का एक दल त्रिवेणी घाट पर गंगा स्नान के लिये पहुंचा। बताया कि गंगा स्नान के दौरान उनका चार वर्षीय बालक जिसका नाम आरव है, कहीं बिछड़ गया। इस पर पुलिस की दो टीम गठित कर रवाना की गई।

बताया कि पुलिस की टीम ने त्रिवेणी घाट से साईं घाट, 72 सीडी, मायाकुंड, शीशमझाड़ी व दूसरी टीम को हरिद्वार रोड, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, बच्चे को ढूंढने के लिए पहुंची। बताया कि कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे को घाट रोड पर अकेले घूमते हुए व रोते हुए कांस्टेबल तेज सिंह ने बच्चे को बरामद किया। इसके बाद परिजनों को सुपुर्द करने पर उनके द्वारा पुलिस टीम का आभार जताया गया।

पुलिस की टीम में चौकी प्रभारी त्रिवेणी घाट प्रकाश पोखरियाल, हेड कांस्टेबल हरीश गुसाई’, कांस्टेबल महेश कुमार, कॉन्स्टेबल तेज सिंह, गोताखोर विनोद कुमार, दिवाकर फुलोरिया, आनंद आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखंडः 26 मई को संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा

उत्तराखंड राज्य में पहली बार राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जायेगा जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय को जिम्मेदारी दी गयी है। उत्तराखंड राज्य में उच्च शिक्षा के अन्तर्गत तीन राज्य विश्वविद्यालय जिसमें श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय टि0ग0, कुमांऊ विश्वविद्यालय, नैनीताल एवं सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा सम्मिलित हैं, की राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा का आयोजन श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय द्वारा किया जायेगा।

बीते दिनों श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एन0के0 जोशी की अध्यक्षता में उत्तराखंड राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा 2024-26 के सम्बन्ध में ऑन लाईन बैठक आयोजित की गयी। बैठक में तीनों विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, नोडल, संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा, विश्वविद्यालय समर्थ नोडल तथा राज्य समर्थ नोडल अधिकारी, डॉ0 शैलेन्द्र कुमार सिंह शामिल रहे। बैठक में लिये गये निर्णयों के क्रम में प्रो0 जोशी ने बताया कि उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालयों (श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय टि0ग0, कुमांऊ विश्वविद्यालय, नैनीताल एवं सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा) से सम्बद्ध समस्त राजकीय/अशासकीय महाविद्यालयों/स्ववित्त पोषित शिक्षण संस्थानों में सत्र 2024-26 में प्रवेश परीक्षा का आयोजन दिनांक 26 मई, 2024 (रविवार) को गढ़वाल एवं कुमांऊ मण्डल के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों में किया जायेगा, जिस हेतु ऑनलाइन आवेदन पत्र पंजीकरण भरने की तिथि 26 अप्रैल, 2024 से 15 मई, 2024 तक निर्धारित की गयी तथा परीक्षा शुल्क जमा करने की अन्तिम तिथि दिनांक 16 मई, 2024 निर्धारित की गयी। प्रो0 जोशी ने बैठक में उत्तराखंड राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा के सफल आयोजन हेतु तीनों विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों एवं बैठक में उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

कुलपति प्रो0 जोशी ने बताया कि छात्रों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तीनों विश्वविद्यालय आपस में समन्वय स्थापित कर प्रवेश परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण किया जाएगा। उन्होने बताया कि प्रवेश परीक्षा के लिए आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं तथा समयबद्धता के साथ दिनांक 26 मई, 2024 को प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाएगा साथ ही विश्वविद्यालय अधिकारियों को उत्तराखंड राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा 2024-26 के आयोजन के सम्बन्ध में आवश्यक तैयारियां 15 मई, 2024 तक पूर्ण करने हेतु निर्देश दिये गये हैं।

श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय प्रदेश में छात्र नामांकन की दृष्टि से प्रदेश का अग्रणीय विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सत्र 2022-23 से प्रारम्भ किया गया है एनईपी द्वितीय बैच के द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं दिनांक 06 मई, 2024 से प्रस्तावित हैं साथ ही अन्य आधारभूत एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रम जो कि नॉन एनईपी पाठ्यक्रम संचालित हैं उनकी परीक्षाएं भी दिनांक 06 मई, 2024 से प्रस्तावित हैं। छात्र हितों के मध्येनजर विभिन्न पाठ्यक्रमों के परीक्षा परिणाम समय पर घोषित किये जा रहे हैं। शैक्षणिक कैलेन्डर के अनुरूप विश्वविद्यालय में प्रवेश, परीक्षा तथा परिणाम का अनुपालन सुनिश्चित किया गया है। शासन द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुरूप विश्वविद्यालय समन्वय स्थापित कर कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय में नवाचार के लिए शैक्षिक गतिविधियों का समय-समय पर आयोजन किया जा रहा है तथा उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप विभिन्न प्रकार की व्यावसायिक व रोजगार परक पाठ्यक्रम भी विश्वविद्यालय परिसरों में संचालित किये जा रहे हैेैं।

सीएम के शासनादेश के बाद अब पवलगढ़ कहलाएगा सीतावनी कंजर्वेशन

उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर उत्तराखंड के पवलगढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व का नाम बदल कर सीतावनी कंजर्वेशन रिज़र्व रख दिया है। सीतावनी कंजर्वेशन रिज़र्व में माँ सीता का पौराणिक मंदिर और महा ऋषि वाल्मीकि आश्रम है जिसकी देखरेख भारतीय पुरातत्व विभाग करता है और यहां जाने की अनुमति वन विभाग देता है।

उत्तराखंड की धामी सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है जिसने एक संरक्षित क्षेत्र का नाम माँ सीता के नाम पर रखा है। ये जंगल 5824.76 हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है जो टाईगर, हाथी, पक्षी व तितलियों के लिए प्रसिद्ध हैं । यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थ यात्री भी जाते है।

इस जंगल को सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किए जाने की मांग, राम नगर और आसपास के कई छोटे बच्चो ने पत्र लिख कर मुख्यमंत्री धामी से की थी, जिस पर वन विभाग के अधिकारियों को सीएम धामी ने निर्देशित किया था, जिस पर आज शासनादेश जारी कर दिया गया।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रभु राम का उत्तराखंड की देव भूमि से संबंध रहा है इसी क्रम में पवल गढ़ कंजर्वेशन रिज़र्व का नाम बदल कर अब सीतावनी किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बारे में कई बच्चों ने व स्थानीय लोगों द्वारा पत्र लिख कर अनुरोध भी किया था उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है।

मुख्यमंत्री धामी ने जहां की जनसभा, वहां खिला कमल

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में से तीन बड़े राज्यों में भाजपा को मिली जीत में ‘मोदी फैक्टर’ प्रमुख कारण रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व पार्टी हाईकमान क्षमताओं के आधार पर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपते रहे हैं। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी राजस्थान और मध्यप्रदेश में 9 विधानसभाओं में प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिनमें सभी पर भाजपा प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई। मोदी जो भी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपते हैं, धामी अब तक उस पर खरे उतरते आए हैं।

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जलवा अब दूसरे राज्यों में भी देखने को मिल रहा है। उन्होंने राजस्थान और मध्यप्रदेश की कुल 9 विधानसभा सीटों पर धुआंधार प्रचार किया था जिनमें से सभी सीटों पर भाजपा ने जीत (फिलहाल निर्णायक बढ़त) हासिल की है। वह एक दिन में तीन-तीन जनसभाओं को संबोधित करते थे। उनके कई रोड शो भी हुए। जीत के लिहाज से धामी का स्ट्राइक रेट 100ः रहा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों में सबसे युवा मुख्यमंत्रियों में से एक हैं। अपने जनहित से जुड़े कार्यों और धाकड़ फैसलों की वजह से मातृशक्ति और युवाओं के बीच उनकी खासी लोकप्रियता है। यही वजह है कि उत्तराखण्ड से बाहर अन्य राज्यों में होने वाले चुनावों में भी उनकी काफी डिमांड रहती है। राजस्थान और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा हाईकमान ने कई विधानसभा क्षेत्रों में धामी की जनसभाएं और रोड शो करवाए। उनके हर कार्यक्रम में बड़ी तादाद में भीड़ जुटी। राजस्थान में उन्हानें 6 विधानसभा क्षेत्रों सांगानेर, झोटवाड़ा, विराटनगर, सांगोद, रामगंज मंडी और डग विधानसभा सीटों पर धुआंधार प्रचार किया था। जनसभाओं के अलावा उन्होंने समाज के किसान और व्यापारी वर्ग से सीधा संवाद भी कायम किया था। उनके रोड शो भी सफल रहे। इन छह विधानसभाओं में भाजपा को शानदार जीत हासिल हुई है। इस जीत में धामी की मौजूदगी भी एक बड़ा फैक्टर माना जा रहा है। सांगानेर से भजना लाल शर्मा, झोटवाड़ा सीट से राज्यवर्धन राठौर, विराटनगर से कुलदीप, सांगोद से हीरालाल नागर, रामगंज मंडी से मदन दिलावर और डग से कालूराम को विजय प्राप्त हुई।

मध्य प्रदेश में भी पुष्कर सिंह धामी ने तीन विधानसभा सीटों के कई स्थानों पर चुनाव प्रचार किया। भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा में भी उन्होंने प्रतिभाग किया। उन्हें ऐसी विधानसभा सीटों पर प्रचार में उतारा गया जहां उत्तराखण्ड मूल के लोगों की संख्या अधिक है। मध्य प्रदेश में जिन तीन विधानसभा सीटों पर धामी ने चुनाव प्रचार किया उनमें इंदौर-2, खुरई और सागर विधानसभा सीटें शामिल हैं। जिनमें क्रमशरू भाजपा प्रतयाशी रमेश मेंदोला, भूपेन्द्र सिंह और शैलेन्द्र कुमार जैन को जीत मिली।

दरअसल, पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्यमंत्री अभी तक के अपने लगभग ढाई वर्ष के कार्यकाल में जनहित में कई साहसिक और एतिहासिक फैसले लिए हैं। जिनमें नकल विरोधी कानून, सख्त धर्मांतरण कानून लागू करना शामिल हैं। इसके अलावा जमीन जेहाद के खिलाफ चलाया गया उनका बुल्डोजर पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इतना ही नहीं समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर उनके द्वारा प्रदेश में की गई ठोस पहल को भी समूचे देश में सराहना मिली है। विस्तार ले रही रही उनकी लोकप्रियता की वजह से अन्य प्रदेशों के चुनाव में भी उनकी डिमांड बढ़ी है।

एसीएस ने दिए जल्द बालश्रम, भिक्षावृति तथा बाल विवाह समाप्त करने हेतु ठोस एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सम्बन्धित विभागों को एनजीओ के साथ मिलकर राज्य से जल्द से जल्द बालश्रम, भिक्षावृति तथा बाल विवाह समाप्त करने हेतु सटीक एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। एसीएस राधा रतूड़ी ने कहा कि बालश्रम व भिक्षावृति से मुक्त हुए बच्चों का संस्थागत पुनर्वास के स्थान पर अपने परिवारों में ही पुनर्वास को प्राथमिकता दी जाए। बालश्रम व बाल भिक्षावृति को रोकने के लिए सम्बन्धित विभागों व एनजीओं को स्थायी समाधान (सस्टेनबल सोल्यूशन) पर काम करना होगा।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव समाज कल्याण, सचिव विद्यालयी शिक्षा, सचिव श्रम, पुलिस अधिकारियों सहित राज्य में बाल संरक्षण एवं कल्याण के लिए कार्य कर रहे विभिन्न गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रतिनिधियों के साथ राज्य में बालश्रम, भिक्षावृति एवं बाल विवाह को समाप्त करने के लिए एक ठोस कार्ययोजना बनाने के सम्बन्ध में बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि प्रदेश में ऐसे कमजोर परिवारों (वलरेनबल फैमिली) को चिन्हित किया जाना जरूरी हैं जिनकी खराब आर्थिक स्थिति के कारण बच्चें बालश्रम व भिक्षावृति की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे चिन्हित परिवारों को सरकार द्वारा संचालित सभी सामाजिक एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करवाया जाना चाहिए। इसके साथ ही एसीएस ने स्कूलों से ड्रॉप आउट बच्चों, स्कूलों में गैरहाजिर रहने वाले बच्चों, आउट ऑफ स्कूल बच्चों का एक सटीक डाटाबेस भी जल्द ही तैयार करने के निर्देश दिए।

बैठक के दौरान राज्य में बालश्रम, भिक्षावृति एवं बाल विवाह को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए शासन स्तर पर एक हाई पॉवर कमेटी के गठन पर भी चर्चा की गई। इस कमेटी में बाल संरक्षण के लिए कार्य कर रहे गैर सरकारी संगठनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके साथ ही बैठक में भिक्षावृति में लिप्त आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए स्पेशल स्कूलों व मोबाइल स्कूलों को प्रोत्साहित करने पर भी विचार किया गया।

बैठक में सचिव राधिका झा, डा. रविनाथ रमन, मेजर योगेंद्र यादव, विशेष सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, अपर सचिव अमनदीप कौर, आनंद स्वरूप, डीआईजी पी रेणुका देवी, बचपन बचाओं आंदोलन से मनीष शर्मा, सुरेश उनियाल तथा विभिन्न एनजीओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध मामलों की जांच के आंकड़ों को तरीके से करें तैयारः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये है। उन्होंने इस संबंध में सही तथ्यों से आम जनता को अवगत कराने तथा इन मामलों की जांच एवं सजा आदि के आंकड़ों को भी सही ढंग से तैयार किये जाने के निर्देश दिये है।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पाण्डे, अपर सचिव न्याय सुधीर कुमार सिंह, सहित पुलिस एवं गृह विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।
मंगलवार को सचिवालय में प्रदेश में महिलाओं एवं बाल अपराध की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों में अपराधी को समय पर सजा मिले इसके लिये ऐसे प्रकरणों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के अधीन लाये जाने की व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने अभियोजन विभाग की मजबूती के लिये अन्य राज्यों की व्यवस्थाओं का भी अध्ययन करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं से संबंधित अपराधों में पुलिस जांच त्वरित और समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित की जाए। ऐसे मामलों की विवेचना में किसी प्रकार की कमी न रहने पाए। साथ ही न्यायालयों में भी प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए। ताकि अपराधी किसी दशा में बचने न पाएं। प्रदेश में ऐसा माहौल बने कि कोई भी अपराध करने की सोच भी न पाएं। शिकायतकर्ता महिलाओं से भी समय-समय पर फीडबैक लिया जाए। महिला अपराधों से संबंधित मामलों की जनपदों में जिलाधिकारी स्तर पर लगातार समीक्षा की जाए। विवेचना और पैरवी में कमी पाए जाने पर तत्काल उन कमियों को दूर करने के प्रयास किये जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के प्रति अपराधों को रोकने के लिए जन सहभागिता भी जरूरी है। इस संबंध में महिलाओं एवं बच्चों से जुड़े संगठनों से भी नियमित सम्पर्क रखा जाए। सिस्टम इस प्रकार का हो कि महिलाओं का इसके प्रति विश्वास बढ़े और वे अपनी शिकायतें बिना संकोच के दर्ज करा सकें।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में गौरा शक्ति योजना के तहत थाना स्तर पर महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। जनपद व राज्य स्तर पर महिला काउंसिल सेल गठित किया गया है। प्रत्येक थाने में एक महिला उपनिरीक्षक तथा चार महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है। साथ ही महिला अपराधों की विवेचना महिला अधिकारी द्वारा किये जाने की व्यवस्था है।
प्रदेश में बाल अपराधों पर नियंत्रण हेतु प्रत्येक जनपद में विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी प्रत्येक जनपद में बाल मित्र थाने की स्थापना तथा पॉक्सो के पर्यवेक्षण हेतु स्पेशल टास्क फोर्स गठित की गई है। ऑपरेशन मुक्ति के तहत 2017 से अब तक प्रदेश में 7670 बच्चों का सत्यापन तथा 3603 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला किया गया है। जबकि ऑपरेशन स्माइल के तहत 2015 से 2021 के मध्य 2221 बच्चे तथा 604 महिलायें बरामद की गई।

एनईपी में मील का पत्थर साबित होगी बालवाटिकाः डॉ0 धन सिंह रावत

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत देशभर के 50 केन्द्रीय विद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बालवाटिका कक्षाओं का शुभारम्भ करने पर शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एनईपी-2020 के तहत बालवाटिका कक्षाओं की शुरूआत देश की शिक्षा प्रणाली में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने एनईपी-2020 में विशेष मार्गदर्शन के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं एनईपी समिति के चेयरमैन डॉ0 के0 कस्तूरीरंगन का भी आभार जताया।

नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज देशभर के 50 केन्द्रीय विद्यालयों में बालवाटिका कक्षाओं का विधिवत शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क समिति के सदस्यों एवं शिक्षाविदों का आभार जताते हुये बालवाटिका कक्षाओं को बुनियादी शिक्षा के लिये सबसे अहम बताया। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि समिति द्वारा तैयार किया गया पाठ्यक्रम बालवाटिका से कक्षा दो तक के बच्चों के लिये उपयोगी साबित होगा। उन्होंने उत्तराखंड के 4000 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में बालवाटिका कक्षाओं की शुरूआत किये जाने पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

उन्होंने उम्मीद जताई कि देश के अन्य राज्य भी उत्तराखंड की तर्ज पर प्राथमिक शिक्षा में एनईपी लागू करेंगे। उन्होंने देशभर के विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों, बुद्धिजीवियों एवं शिक्षाविदों से आह्वान किया कि वह नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठ्यक्रम तैयार करने में अपना योगदान दें। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि एनसीईआरटी समिति द्वारा तैयार किये गये राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क को सर्वाजनिक डोमेन डालें। उन्होंने विश्वास जताया कि पाठ्यक्रम समिति 21वीं सदी के भारत के निर्माण के लिये एक मजबूत नींव रखने में सफल साबित होगी।

प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने देशभर के 50 केन्द्रीय विद्यालयों में बालवाटिका कक्षाओं के शुभारम्भ को शिक्षा प्रणाली में एक नई क्रांति का उदय बताया। उन्होंने कहा कि यह शुरूआत मैकाले की शिक्षा नीति की परिपाटी को बदलने तथा क्षेत्रीय बोली भाषाओं के विकास में अहम साबित होगी। डॉ0 रावत ने कहा कि उत्तराखंड में इसी माह उच्च शिक्षा में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू कर दी गई है। इसके लिये उन्होंने कैरिकुलम फ्रेमवर्क समिति सहित इस कार्य में सहयोग प्रदान करने वाले सभी शिक्षाविदों एवं विभगीय अधिकारियों का आभार जताया।