आरएसएस राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित, एक अनुशासित और आध्यात्मिक चेतना से ओतप्रोत संगठन: धामी

सीएम धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने हाल ही में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भगवद्गीता के पाठ को अनिवार्य कर एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहल भी प्रारंभ की है। हमारी सरकार ने राज्य में सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून की स्थापना करने के उद्देश्य से देश में सबसे पहले “समान नागरिक संहिता” कानून को लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय भी लिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। हमने प्रदेश में एक ओर जहां धर्मांतरण विरोधी और सख्त दंगारोधी कानूनों को लागू किया है वहीं लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी जिहादी मानसिकताओं के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “लैंड जिहाद” माफिया प्रदेश में बिना डर के हरा, नीला या पीला कपडा डालकर बेशकीमती सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे थे। हमने प्रदेश में इस सुनियोजित लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई करते हुए सात हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को लैंड जिहादियों से मुक्त कराया है। इसके साथ ही 200 से अधिक अवैध मदरसों को सील करने के साथ ही 500 से अधिक अवैध संरचनाओ को भी हटाया है। हमारी सरकार सनातन धर्म को बदनाम करने का षड्यंत्र करने वाले तत्वों के विरुद्ध भी सख़्ती से कार्रवाई कर रही है। “ऑपरेशन कालनेमि” के माध्यम से उन पाखंडी और विधर्मियों को गिरफ्तार किया जा रहा है जो लोगों को भ्रमित करते हैं और धर्म की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं। हम ऐसे घुसपैठियों को देवभूमि उत्तराखंड में किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं करेंगे, और ये लोग जहां से आये हैं उन्हें वापस वहीं पहुंचाकर ही दम लेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर पुर्नप्रकाशित पुस्तक के संस्करण “फिलॉसोफी एंड एक्शन ऑफ़ आरएसएस फॉर हिन्द स्वराज” का लोकार्पण किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह, दत्तात्रेय होसबोले , राष्ट्रवादी चिंतक एवं ‘प्रज्ञा प्रवाह’ विशिष्ट वैचारिक मंच के संयोजक जे. नंदकुमार उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्ष 1951 में कैथोलिक पादरी फादर एंथोनी द्वारा लिखी गई, पुस्तक “फिलॉसोफी एंड एक्शन ऑफ़ आरएसएस फॉर हिन्द स्वराज” में न केवल संघ की विचारधारा, संगठनात्मक संरचना और कार्यपद्धति का गहन अध्ययन प्रस्तुत किया, बल्कि “हिंद स्वराज” की मूल आत्मा को भी समेकित रूप से समझाने का काम किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह पुस्तक हमारी आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रारंभिक संघर्षों, त्याग और तपस्या से परिचित कराते हुए उन्हें हमारी वैचारिक परंपरा और कार्यशैली से जोड़ने में सहायक सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फादर एंथोनी ने यह पुस्तक उस समय में लिखी जब “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” को लेकर समाज में अनेकों प्रकार की भ्रांतियां और गलत धारणाएं फैलाई जा रही थीं। उस चुनौतीपूर्ण कालखंड में फादर एंथोनी ने निष्पक्षता और ईमानदारी के साथ लिखा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कोई सांप्रदायिक संस्था नहीं, अपितु राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित एक अनुशासित और आध्यात्मिक चेतना से ओतप्रोत संगठन है। उन्होंने संघ के कार्यकर्ताओं के जीवन में अनुशासन, सेवा, समर्पण और देशभक्ति को निकटता से देखा और दुनिया को अवगत कराया कि ये संगठन भारत के पुनर्निर्माण की वास्तविक आधारशिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फादर एन्थोनी ने लिखा कि संघ न केवल हिन्दू धर्म की खोई हुई प्रतिष्ठा को पुनर्स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रहा है बल्कि समाज में व्याप्त कुप्रथाओं का अंत कर संपूर्ण भारतवर्ष को एक सूत्र में पिरोने के कार्य में भी जुटा है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी सौ वर्षों की यात्रा में भारत में सांस्कृतिक पुनर्जागरण, सामाजिक समरसता, आत्मगौरव और राष्ट्रनिष्ठ सेवा की ऐसी दिव्य धारा प्रवाहित की

मुख्यमंत्री ने कहा कि आद्य सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी ने जब वर्ष 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी, तब भारत न केवल राजनीतिक दृष्टि से पराधीन था, बल्कि मानसिक, सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से भी खंडित हो चुका था। आज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी सौ वर्षों की तपोमयी यात्रा के माध्यम से भारत में सांस्कृतिक पुनर्जागरण, सामाजिक समरसता, आत्मगौरव और राष्ट्रनिष्ठ सेवा की ऐसी दिव्य धारा प्रवाहित की है, जिसने देश के कोने-कोने में राष्ट्रीय चेतना की अखंड ज्योति प्रज्वलित कर दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भारत कभी गुलामों वाली मानसिकता से ग्रस्त था, आज अपने सांस्कृतिक मूल्यों, अपनी परंपराओं और अपने वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर गर्व करता है, ये आत्मगौरव संघ की तपश्चर्या का ही परिणाम है।

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण के अमृतकाल में

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है। वर्षों तक उपेक्षित रहे हमारे गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को आज न केवल पुनर्स्थापित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय चेतना का आधार भी बनाया जा रहा है। आज हमारी सनातन संस्कृति की पताका संपूर्ण विश्व में गर्व से लहरा रही है और भारत अपनी जड़ों से जुड़ते हुए पुनः विश्वगुरु बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। हमारी धार्मिक धरोहरों को जिस प्रकार संजोया और संवारा जा रहा है, वो “न भूतों न भविष्यति” है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी के मजबूत नेतृत्व में जहां एक ओर कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति, ट्रिपल तलाक जैसी कुप्रथा का अंत, नागरिकता संशोधन एवं वक्फ संशोधन जैसे कानूनों के माध्यम से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार किया जा रहा है। वहीं, अंत्योदय के संकल्प को पूर्ण करने के लिए जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और मुफ्त राशन योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हमारी सरकार भी देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु अपने “विकल्प रहित संकल्प” के साथ निरंतर कार्य कर रही है।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में स्वयं सेवक, सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

सीएम ने अधिकारियों को दिए प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना को शीघ्र शुरु करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में परिवहन विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना को शीघ्र शुरु करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन (ई-वी) चार्जिंग अवसंरचना स्थापना कार्यों को भी समयबद्ध तरीके से पूरा करने को कहा है। सीएम ने कहा कि दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस लागू करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाय तथा निर्माणाधीन बस अड्डों के कार्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाय।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बस अड्डों, पार्किंग स्थलों, राजकीय भवनों एवं गेस्ट हाउस, पेट्रोल पंपो के समीप चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जाय, ताकि वाहन चालकों को सहजता से चार्जिंग की सुविधा मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन निगम की आय बढाने पर विशेष ध्यान दिया जाय।

इस अवसर पर प्रबंध निदेशक परिवहन निगम रीना जोशी ने जानकारी दी कि देहरादून और हरिद्वार में प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना शुरु की जाएगी। जिसके तहत 150 इलेक्ट्रिक वाहन संचालित किए जाएंगे। योजना का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को सुगम, सुलभ एवं पर्यावरण अनुकूल यातायात सुविधा प्रदान करना है। योजना से लगभग 750 रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने एवं वायु प्रदूषण में कमी लाने के उद्देश्य से ई-वी चार्जिंग अवसंरचना के विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है। योजना के प्रथम चरण के अंतर्गत में 28 स्थलों पर ई-वी चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की गई है।

बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर.मीनाक्षी सुंदरम एवं परिवहन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने दिए चारधामों के लिए नियमित चार्टर सेवा शुरु करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नागरिक उड्डयन विभाग की निर्माणाधीन परियोजनाओं में तेजी लाने के साथ ही राज्य में हेली सेवाओं के संचालन में सुरक्षा मानकों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।

आज सचिवालय में आयोजित नागरिक उड्डयन विभाग की गेमचेंजर योजनाओं की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में दूरस्थ क्षेत्रों तक आवाजाही को सुगम बनाने के लिए हवाई सेवाओं का नेटवर्क बढ़ाया जाना जरूरी है, इसी के साथ हवाई सेवाओं में सुरक्षा मानकों का भी सख्ती से पालन कराया जाए। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में एयरो स्पोर्ट्स को भी बढ़ावा देने के प्रयास किए जाने के साथ ही चारधामों के लिए नियमित चार्टर सेवा शुरु करने के भी निर्देश दिए।

बैठक में सचिव नागरिक उड्डयन श्री सचिन कुर्वे ने बताया कि पायलट प्रशिक्षण के लिए पंतनगर में नया फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल स्थापित किया जा रहा है। नागरिक उड्डयन क्षेत्र में प्रशिक्षित पायलट की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए यह केन्द्र एक महत्वपूर्ण कदम है। हवाई यातायात को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए इसरो के साथ मिलकर डिजिटल मैपिंग की क्षमता विकसित की जा रही है। उकाडा के माध्यम से उत्तराखंड एयर कनेक्टिविटी स्कीम के तहत देहरादून- जोशीमठ, जोशीमठ- बद्रीनाथ के बीच शटल सेवा और पिथौरागढ़- धारचूला और पिथौरागढ़- मुनस्यारी के बीच हवाई सेवा शुरु करने की तैयारी की जा रही है। इसी तरह आदि कैलाश क्षेत्र में तीर्थाटन ओर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए गुंजी से सीधी हेलीकॉप्टर सेवा शुरु करने की योजना है। केदारनाथ हेली सेवा को मजबूत बनाने के लिए, गरुड्चट्टी के पास अतिरिक्त हेलीपैड बनाया जा रहा है।

बैठक में जानकारी दी गई कि पंतनगर और जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तार से संबंधित कार्य किए जा रहे हैं। पंतनगर एयरपोर्ट विस्तार कार्य 2027-28 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसी तरह वर्ष 2026 तक जौलीग्रांट एयरपोर्ट को इंटरनेशनल मानकों के अनुसार विकसित किया जा रहा है। गुंजी, मुनस्यारी, आदि कैलाश क्षेत्र की आवश्यकताओं एवं पर्यटन विकास की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए पिथौरागढ़ हवाई पट्टी को रीजनल हब सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। साथ ही भारतीय सेना के सहयोग से सीमांत क्षेत्रों में नए हेलीपैड भी बनाए जाने की योजना है।

बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर.मीनाक्षी सुंदरम, सचिव सचिन कुर्वे, उकाडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष चौहान , अपर सचिव विनीत कुमार, उकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय टोलिया एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

रिस्पना और बिंदाल नदी पर चार लेन एलिवेटेड रोड निर्माण परियोजना की सभी प्रक्रियाओं में तेजी लाई जाए: सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में लोक निर्माण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि रिस्पना और बिंदाल नदी पर चार लेन एलिवेटेड रोड निर्माण परियोजना की सभी प्रक्रियाओं में तेजी लाई जाए। आशारोड़ी से मोहकमपुर तक देहरादून रिंग रोड/बाईपास एवं यूटिलिटी डक्ट पॉलिसी पर भी तेजी से कार्य किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क निर्माण कार्यों में नवीन तकनीक का उपयोग किया जाए। जिन पुलों की स्थिति खराब हो रही है, उनके पुनर्निर्माण और मरम्मत के कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जाएं। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षित और टिकाऊ सड़कों के निर्माण के लिए जियोसिंथेटिक रिटेनिंग वॉल जैसी तकनीक का उपयोग किया जाए। सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान लगातार चलाया जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में सड़क कनेक्टिविटी के विस्तार की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। केदारखंड और मानसखंड की आपसी कनेक्टिविटी बेहतर बनाने के लिए तेजी से कार्य किए जाएं। देहरादून से हल्द्वानी, दिल्ली से हल्द्वानी और अन्य प्रमुख शहरों के लिए सड़क कनेक्टिविटी को और मजबूत बनाने के लिए बेहतर कार्ययोजना बनाई जाए। मसूरी और देहरादून के बीच यातायात के दबाव को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्गों पर तेजी से कार्य किया जाए। सड़कों के डामरीकरण के कार्यों में तेजी लाई जाए।

सचिव, लोक निर्माण विभाग, डॉ. पंकज पाण्डेय ने जानकारी दी कि रिस्पना नदी पर 11 किलोमीटर और बिंदाल नदी पर 15 किलोमीटर लंबे चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कार्य के प्रथम चरण की स्वीकृति के अंतर्गत फिजिबिलिटी स्टडी व हाइड्रोलॉजिकल स्टडी हो चुकी है। प्रस्तावित भू-अधिग्रहण प्लान के अनुसार मौके पर चिन्हीकरण की कार्यवाही गतिमान है। देहरादून रिंग रोड के संरेखण को अंतिम रूप दिया जा चुका है। परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और रेलवे के साथ संयुक्त निरीक्षण कर डायवर्जन प्लान भी तैयार कर लिया गया है। देहरादून-मसूरी कनेक्टिविटी परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और जियोटेक्निकल इन्वेस्टिगेशन किया जा चुका है।

बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव सचिन कुर्वे, अपर सचिव आशीष चौहान, विनीत कुमार एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम निर्देश, स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा प्रदर्शन करने वाले निकायों को प्रोत्साहित करें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में शहरी विकास विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य के सभी नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाय। स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए इस काम में जनसहभागिता भी सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा प्रदर्शन करने वाले नगर निकायों को प्रोत्साहित किया जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के साथ ही स्ट्रीट लाईट, सीवर लाईन, पार्किंग व्यवस्था, ट्रैफिक प्रबंधन, ई वेस्ट के निस्तारण सहित नागरिक सुविधाओं की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जांय। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नगर निकायों के राजस्व बढ़ाने के लिए नवाचार को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में नए पार्कों के निर्माण के साथ ही पुराने पार्कों के सौंदर्यीकरण व बेहतर रख-रखाव पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। शहरी विकास विभाग के अधीन संचालित 90 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता वाली योजनाओं पर प्राथमिकता से कार्य किया जाय।

बैठक में सचिव शहरी विकास नितेश झा ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में आधुनिक सुविधाओं से युक्त देवभूमि रजत जयंती पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इन पार्कों में योग, वॉक और ओपन जिम की सुविधा भी होगी। 9 नवंबर 2026 तक सभी पार्क बनकर तैयार हो जाएंगे। नगर क्षेत्रों में प्रतिवर्ष पचास लाख लीटर वर्षा जल संचय करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। राज्य के सभी 11 नगर निगमों में केन्द्रीयकृत नित्रंण व प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से स्ट्रीट लाईट प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है।

बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्रीधर बाबू अदांकी, अपर सचिव गौरव कुमार, सी.पी.पी.जी.जी. के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज पंत एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

हाउस ऑफ़ हिमालयाज के उत्पादों की यूनिटी मॉल के माध्यम से विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित करें: सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के अम्ब्रेला ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज‘ का टर्न ओवर वर्ष 2030 तक एक सौ करोड़ रूपए किए जाने का लक्ष्य तय करते हुए इसके उत्पादों की यूनिटी मॉल के माध्यम से भी विपणन की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक विकासखंड में एक-एक स्मार्ट गांव विकसित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इन गांवों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए सभी परिवारों को रोजगार से जोड़ने की दिशा में कार्य किया जाय।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत संचालित गेमचेंजर योजनाओं-मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना, ग्रोथ सेंटर योजना, हाऊस ऑफ हिमालयाज तथा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण उद्यमिता को बढावा देने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश देते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के संसाधन बढाने के साथ ही रिवर्स पलायन करने वाले लोगों को हर संभव प्रोत्साहन दिया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए ‘डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम‘ को मजबूत किया जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने के लिये अंब्रेला ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ के उत्पादों के विपणन के लिए ठोस रणनीति बनाकर काम किया जाय। इसके उत्पादों की गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यावसायिक दृष्टिकोण अपनाते हुए ग्रोथ सेंटर्स के उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए ठोस प्रयास किए जांय। जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका में वृद्धि हो सके। ग्रोथ सेंटर्स को कौशल विकास से जोड़ने के लिए भी काम किया जाय।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिला उद्यमिता को बढावा देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना के तहत आवश्यक कौशल, संसाधन और सहायता प्रदान करने के साथ ही प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करने की उपयुक्त व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए।

बैठक में सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा द्वारा ग्राम विकास विभाग की गेंमचेंजर योजनाओं का प्रस्तुतिकरण दिया गया। उन्होेंने बताया कि राज्य में अभी तक एक लाख पैंसठ हजार महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जा चुका है। आगामी तीन सालों में एक लाख और महिलाओं को लखपति दीदी बनाए जाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के तहत तीन सालों में पन्द्रह हजार ग्रामीण उद्यमों को सहायता प्रदान की जाएगी। हाऊस ऑफ हिमालयाज के अंतर्गत राज्य के 150 से अधिक उत्पादों को जोड़े जाने के लिए चरणबद्ध ढंग से कार्य किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्रीधर बाबू अदांकी, अपर सचिव झरना कमठान, अपर सचिव अनुराधा पाल, सी.पी.पी.जी.जी. के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज पंत एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

डिजिटल उत्तराखंड के एकीकृत प्लेटफॉर्म से तय रोड़मेप पर कार्यवाही करें: धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘डिजिटल उत्तराखंड‘ के एकीकृत प्लेटफॉर्म के माध्यम से नागरिक सेवाओं की सरल, सुविधाजनक और पारदर्शी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तय रोडमैप के अनुसार प्रभावी व समयबद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुड गवर्नेंस के लिए राज्य सरकार की इस महत्वपूर्ण गेमचेंजर डिजिटल पहल को सफल बनाने के लिए सभी संबंधित विभाग तत्परता से कार्यवाही सुनिश्चित करें।

गेमचेंजर योजनाओं को लेकर सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने डिजिटल उत्तराखंड प्लेटफॉर्म के क्रियान्वयन की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को डिजिटल युग की मुख्यधारा में लाने की दिशा में इस पहल से शासन प्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी और नागरिकों तक संवाद और सेवाओं के वितरण के तरीके में भी क्रांतिकारी बदलाव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफॉर्म को सुगम, सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाय।

बैठक में सचिव सूचना प्रोद्यौगिकी नितेश झा ने जानकारी दी कि डिजिटल उत्तराखंड प्लेटफॉर्म को राज्य सरकार की सभी योजनाओं के त्वरित एक्सेस लिंक तथा सेवाओं के लिए डिजीटल एकल एक्सेस प्वांइंट के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे डेटा आधारित प्रशासन और कार्यक्षमता व दक्षता में अपेक्षित सुधार कर नागरिक सेवाओं के वितरण एवं योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

इस अवर पर अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्रीधर बाबू अदांकी, निदेशक आईटीडीए गौरव कुमार, सी.पी.पी.जी.जी. के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज पंत एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

पर्वतीय जनपदों में खाद्यान्न, दवाइयों और अन्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त स्टॉक रखें: धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से प्रदेश में हो रही अतिवृष्टि का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से वर्चुअल माध्यम से बातचीत कर जनपदों में बारिश की स्थिति, सड़कों की स्थिति, चारधाम और कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं तथा विद्युत, पेयजल एवं मूलभूत आवश्यकताओं के बारे में जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून सीजन में सभी अधिकारी 24 घंटे अलर्ट मोड में रहें। किसी भी जान-माल के नुकसान से बचाव के लिए यह सुनिश्चित किया जाए कि बारिश के पूर्वानुमान का अपडेट लोगों को तुरंत मिल जाए। इसके लिए जनपद, तहसील, ब्लॉक और ग्राम स्तर तक आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रिय रखा जाए। वर्षा के कारण जो सड़कें बाधित हो रही हैं, उन्हें शीघ्रता से सुचारु किया जाए। भू-स्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर सभी आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। वर्षा के कारण जनजीवन प्रभावित न हो, इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मानसून के दृष्टिगत राज्य के पर्वतीय जनपदों में खाद्यान्न, दवाइयों और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त स्टॉक रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आवागमन में परेशानी न हो। संपर्क मार्ग बाधित होने पर आवागमन के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी रखी जाएं। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जन सुरक्षा की दृष्टि से सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। किसी जनपद से करंट लगने की शिकायतें न आएं। पुलों का सेफ्टी ऑडिट करने के निर्देश मुख्यमंत्री पहले ही अधिकारियों को दे चुके हैं। शहरी क्षेत्रों में जलभराव की समस्याएं न हों, इसके लिए सभी आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश उन्होंने अधिकारियों को दिए हैं। नदियों के बढ़ते जल स्तर की नियमित निगरानी करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा पर जाने वाले सभी श्रद्धालुओं को मौसम का नियमित अपडेट दिया जाए। वर्षा के कारण यातायात प्रभावित होने की स्थिति में श्रद्धालुओं को ठहराव स्थलों पर भोजन, पानी एवं अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जाए।

इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनन्द स्वरूप, अपर सचिव बंशीधर तिवारी एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया, मतदान तिथियों को लेकर भ्रम में न रहे मतदाता

देहरादून। राज्य निर्वाचन आयोग उत्तराखंड ने स्पष्ट किया है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान की तिथियों में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। पंचायत के चुनाव दो चरणों में 24 और 28 जुलाई 2025 को ही होंगे। आयोग ने कहा है कि प्राकृतिक आपदा या अन्य किसी आपातकालीन स्थितियों की वजह से किसी पोलिंग स्टेशन या बूथ पर मतदान नहीं हो पाता है, तो ऐसी स्थिति के लिए ही पुनर्मतदान की तिथियां घोषित की गई हैं। 20 जुलाई 2025 को जारी आयोग का पत्र भी इसी से संबंधित है, जिसका मतदान की तिथियों में परिवर्तन से दूर दूर तक कोई संबंध नहीं है। आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे मतदान की तिथियों को लेकर किसी तरह के भ्रम में न रहें।

आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने स्पष्ट किया है कि पहले चरण में 24 जुलाई 2025 को किसी पोलिंग स्टेशन या बूथ पर मतदान न होने की स्थिति में पुनर्मतदान 28 जुलाई 2025 को होगा। इसी तरह, ये स्थिति यदि 28 जुलाई 2025 के मतदान के दिन उत्पन्न होती है, तो संबंधित पोलिंग स्टेशन या बूथ पर 30 जुलाई 2025 को पुनर्मतदान कराया जाएगा। पुनर्मतदान यदि आवश्यक हुआ, तो सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक कराया जाएगा। मतगणना निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 31 जुलाई 2025 को ही होगी। सचिव के अनुसार-चुनाव के दौरान पुनर्मतदान की तिथियों हर बार घोषित किया जाता रहा है।

उत्तराखंड की महिलाओं को अपमानित करने का आरोप लगा महिला ने कराया मुकदमा

एक यू-ट्यूब चैनल पर पवन सेमवाल नाम के व्यक्ति द्वारा अपनी फेसबुक आईडी से एक गीत प्रसारित/ प्रचारित किया गया था, जिसमें उसके द्वारा उत्तराखंड में महिलाओं व बेटियों की लज्जा का अनादर का प्रयास करते हुए उनके विरुद्ध अभद्र टिप्पणी की गई। अभियुक्त द्वारा पूर्व में उक्त वीडियो को यूट्यूब चैनल से हटा दिया गया था, परंतु दिनांक 19/07/2025 को उक्त व्यक्ति पवन सेमवाल द्वारा पुन: उसी यूट्यूब चैनल पर अपनी फेसबुक आईडी से उक्त गाने को पुनः प्रचारित/ प्रसारित करते हुए आम जन के बीच उत्तराखंड की महिलाओं के प्रति हीनभावना को फैलाने का प्रयास किया गया, उक्त गीत से आहत होकर एक महिला द्वारा कोतवाली पटेल नगर में उक्त संबंध में दी गई तहरीर के आधार पर पवन सेमवाल के विरुद्ध मु०अ०सं०- 369/25 धारा- 196/353(1)(b)/79 भारतीय न्याय संहिता के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया, जिसमें पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त पवन सेमवाल को दिल्ली के कल्याणपुरी थाने में नियमानुसार बुलाकर उससे आवश्यक पूछताछ हेतु देहरादून लाया गया, जहां अभियुक्त से आवश्यक पूछताछ के उपरांत उसे विवेचना के अंतर्गत धारा 35(a) BNSS का नोटिस तामील कराकर थाने से सकुशल रवाना किया गया। अभियुक्त को भविष्य में विवेचना में सहयोग करने के लिए अंतर्गत धारा 35(a) BNSS कानूनी हिदायत दी गई।