आखिर एसएसआर को किस बॉलीवुड अभिनेता ने कॅरियर खत्म करने की दी थी धमकी

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच देश की तीन बड़ी एजेंसियां कर रही है। इस मामले में सभी जांच एजेंसी हर पहलू से छानबीन भी कर रही हैं। वहीं सुशांत सिंह राजपूत को लेकर हर दिन कई लोग खुलासे भी करते रहते हैं। इस बार बॉलीवुड के मशहूर निर्माता-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने दिवंगत अभिनेता को लेकर हैरान कर देने वाली बात का खुलासा किया है। 
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद कई बार यह बात निकलकर सामने आई है कि उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में अपने भविष्य को लेकर चिंता थी और वह नेपोटिज्म का शिकार थे। ऐसे में विवेक अग्निहोत्री ने खुलासा किया है कि सुशांत सिंह राजपूत को एक स्टार ने उनका करियर खत्म करने की धमकी दी थी। साथ ही कहा है कि रिया चक्रवर्ती को इस मामले में केवल मुखौटा बनाया जा रहा है। इस बात का खुलासा विवेक अग्निहोत्री ने अपने ट्विटर हैंड पर किया है। 
विवेक अग्निहोत्री सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं। वह कई मुद्दों पर अपनी राय भी देते रहते हैं। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक घटना का जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने एक स्टार द्वारा सुशांत सिंह राजपूत का करियर खत्म करने की धमकी का जिक्र किया है। विवेक अग्निहोत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, एक बार फार्म हाउस में सुशांत सिंह राजपूत की एक स्टार के साथ बहस हो गई थी, जिसने उन्हें लांच किया था। 
अपने ट्वीट में किसी का नाम लिए बिना विवेक अग्निहोत्री ने आगे लिखा, इस बहस में उस स्टार ने अपना आपा खो दिया था और गुस्से में सुशांत सिंह राजपूत को कहा था कि वह उसका करियर वैसे ही खत्म कर देगा जैसे बाकी लोगों का किया है। विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट के आखिरी में लिखा, रिया चक्रवर्ती तो केवल एक मुखौटा हैं। मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार कुछ बेहद पावरफुल लोगों को बचा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर विवेक अग्निहोत्री का यह ट्वीट अब तेजी से वायरल हो रहा है। सुशांत सिंह राजपूत के फैंस भी उनके इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है। बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच मामले सीबीआई, ईडी और एनसीबी लगातार कर रही हैं। इस मामले में कई लोगों पर दिवंगत अभिनेता को आत्महत्या के लिए उकसाने, उनके पैसे हड़पने और ड्रग्स का लेन-देन करने जैसे गंभीर आरोप हैं। 

क्या सुशांत के दोस्तों को धमकी मिल रही, जानिए पूरी खबर

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या मामले ने एक नया ही मोड़ ले लिया है। मामले को लेकर कई लोग अलग-अलग तरह की बातें कर रहे हैं। सुशांत से जुड़े लोग मामले में सुशांत का समर्थन कर रहे हैं। उनके दोस्तों और करीबी लोगों का मानना है कि सुशांत आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकते हैं। वहीं इस मामले में अपने आप को अहम गवाह मान रहे गणेश हिवारकर और अंकित आचार्य को जान से मारने की धमकी मिल रही है।
अंकित आचार्य सुशांत सिंह राजपूत के पूर्व मैनेजर हैं और गणेश हिवारकर सुशांत के दोस्त। दोनों ने ही एक न्यूज चैनल से बात करते हुए खुलासा किया था कि सुशांत दिमागी तौर पर एकदम स्वस्थ थे। अंकित ने कहा था कि सुशांत का मर्डर हुआ है, वो भी उनके डॉगी फज के बेल्ट से। तो वहीं गणेश ने दावा किया था कि सुशांत के निधन के एक दिन पहले यानी 13 जून को पांच से छह लोग सुशांत के फ्लैट पर आए थे। अब हाल ही में अंकित आचार्य ने सोशल मीडिया के माध्यम से बताया है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। अंकित ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए एक स्टोरी साझा की। जिसके जरिए उन्होंने बताया कि उन पर पुलिस और मीडिया से दूर रहने का दबाव बनाया जा रहा है। साथ ही अपना मुंह बंद रखने की धमकी भी दी जा रही है। जिसके चलते अंकित ने अपने लिए प्रोटेक्शन की मांग की है।
अंकित ही नहीं बल्कि गणेश के साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा है। हाल ही में गणेश हिवारकर ने ट्विटर पर इस बात की जानकारी देते हुए अपनी जान को खतरा बताया है। इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षा की भी मांग की। गणेश ने अपने ट्वीट में लिखा- श्मेरे और अंकित के लिए सुरक्षा की आवश्यकता है।श् अपने ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत, अंकिता लोखंडे और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य कई लोगों को टैग किया है।
हालांकि बाद में गणेश ने एक अन्य ट्वीट और किया। जिसके जरिए उन्होंने लोगों की प्रतिक्रिया के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है। इस ट्वीट में गणेश ने लिखा, श्आप सभी को आपके शानदार समर्थन के लिए धन्यवाद। आपकी दुआओं की वजह से ही हम सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हम आखिरी सांस तक सुशांत के लिए लड़ेंगे। पिछले दो दिन से अंकित मेरे साथ हैं। हम साथ में सुशांत के न्याय के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। बहुत शुक्रिया।

फिल्म कोर्स में स्नातक डिग्री और लॉजिस्टिक प्रोडक्शन के सर्टिफिकेट डिप्लोमा कोर्स होंगे शुरू

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ सिनेमेटिक स्टडिज की स्थापना करते हुए फिल्म शिक्षा पर कोर्स प्रारम्भ किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विशेषज्ञों का एक वर्किंग ग्रुप बनाया जाए। इसमें फिल्म जगत व फिल्म शिक्षा के अनुभवी लोगों को नामित किया जाए।

प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षण संस्थाओं द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर कोर्स डिजाइन किए जाएं। पाठ्यक्रम आने वाले समय में फिल्म उद्योग की मांग के अनुरूप हों और सिनेमा के विविध आयामों को समावेशित करने वाला हो। इसमें स्नातक डिग्री और लॉजिस्टिक प्रोडक्शन के सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स भी संचालित किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने फिल्म शूटिंग की ऑनलाइन अनुमति के लिए पोर्टल का शुभारम्भ भी किया।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं, युवाओं की प्रतिभा को कैसे उजागर किया जाय, इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है। फिल्म के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य भी फिल्म शूटिंग के लिए अनुकूल है। फिल्म के क्षेत्र में राज्य में युवाओं को अच्छा वातावरण मिलना जरूरी है। फिल्म एजुकेशन से फिल्म जगत के विभिन्न पहलुओं की जानकारी लोगों को मिलेगी।
इस अवसर पर महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने राज्य की फिल्म नीति के सबंध में प्रस्तुतिकरण दिया।

पुस्तक देहरादून सिनेमॉज का सीएम ने किया विमोचन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लेखक एवं समीक्षक गोपाल सिंह थापा की पुस्तक देहरादून सिनेमॉज का विमोचन भी किया। इस पुस्तक में उन्होंने देहरादून में सिनेमाघरों की पहले की स्थिति एवं वर्तमान स्थिति का शोध कर विवरण प्रस्तुत किया है। मनोरंजन के क्षेत्र में तकनीकि के विकास के साथ सिनेमाघरों की स्थिति में आये परिवर्तन के बारे में जानकारी दी गई है।

ऐतिहासिक उत्तराखंडी फिल्म बनाने वाले अशोक मल्ल का निधन

प्रसिद्ध समाजसेवी अभिनेता अशोक मल्ल के निधन से मुंबई से लेकर उत्तराखंड तक शोक की लहर दौड़ गई है। उत्तराखंडी फिल्म जगत के आधार स्तंभ के रूप में अनेक फिल्मों से पहाड़ में फिल्म उद्योग को सींचने वाले अशोक मल्ल जी ने गढवाली फिल्म कौथिग, गोपीभीना, बंटवारू, मेरी गंगा होली त मैमा आली, चक्रचाल जैसी हिट फिल्में दी हैं।
अभिनेता अशोक मल्ल ने उत्तराखंडी फिल्म गोपीभीना में खुद डायरेक्टर की भूमिका में पहाड़ की खूबसूरत वादियों में फिल्मांकन की संभावनाओं की मजबूत बुनियाद बनाई।उत्तराखंड के सुपर स्टार एक महान समाजसेवक और एक अच्छे इंसान के असमय चले जाने से मुंबई के तमाम लोगों ने संवेदना व्यक्त करते हुए गहरा दुख जताया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी शोक संवेदना व्यक्त की।मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंण्ड की आंचलिक फिल्मों के अभिनेता, नामी रंगकर्मी अशोक मल्ल के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दु:ख हुआ। परमपिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ। कलाकार कभी नहीं मरते, उनकी यादें सदैव जिंदा रहती हैं। भावभीनी श्रद्धांजलि।

उत्तराखंडी फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता व उनके साथ काम कर चुके बलराज राणा ने कहा अशोक मल्ल जी उत्तराखंड फिल्मों म एक बेहतरीन अभिनेता थे। जो 1986 सी लगातार 2020 आज तक बतौर अभिनेता, लेखक, निर्देशक का रुप म उत्तराखंड को गौरव बढ़णा छिन।
भाई अशोक मल्ल द्वारा फिल्म व रंगमंच मा अभिनीत/ निर्देशित/ नृत्य निर्देशक को विवरण,

1- कौथिग (मुख्य अभिनेता)
1987 गढ़वाली फिल्म
2- मेघा आ (मुख्य खलनायक)
1987 कुमाऊंनी फिल्म
3- बंटवारू (नायक का बड़ा भाई)
1992 गढ़वाली फिल्म
4- चक्रचाल (नायक का बड़ा भाई)
1997 गढ़वाली फिल्म
5- मेरी गंगा होलि त मीमू आली (मुख्य नायक)
2004 उत्तराखंडी फिल्म
6- गोपी भैना (निर्देशक)
2016 उत्तराखंडी फिल्म

उत्तराखंडी रंगमंच मुंबई

1- रामलीला मुंबई (स्थान -चेंबूर)
1984 से 1986 तक हनुमानजी कि भूमिका निभाई।

पर्वतीय नाटक मंच के अंतर्गत अभिनित व नृत्य निर्देशित
2- प्यारी जन्मभूमि उत्तराखंड
17 नवंबर 1994 मुंबई दामोदर हाल
नृत्य निर्देशक
3 – वीरभड़ माधोसिंह भंडारी
11 सितंबर 1995 मुंबई दीनानाथ मंगेशकर हाल
नृत्य निर्देशक
4- सत्यवान सावित्री
10 जनवरी 1996 मुंबई कर्नाटक संघ हॉल
नृत्य निर्देशक
5- सिमन्या समधी
9 फरवरी 1997 मुंबई दीनानाथ मंगेशकर हाल
मुख्य नायक
6- चला कौथिग देखी ओला
9 फरवरी 999 मुंबई कर्नाटक संघ हॉल
नृत्य निर्देशक
7- कख बोली मेरी डांडी कांठी
14 दिसंबर 1999 मुंबई कर्नाटक संघ हॉल
नृत्य निर्देशक
8- सरूली मेरु जिया लगीगे
13 जनवरी 2004 मुंबई षणमुखानंद हॉल
मुख्य नायक

9- मुंबई कौथिग प्रथम बार नवी मुंबई में स्थापना
2009 तीन दिवसीय भव्य आयोजन,
प्रथम बार उत्तराखंड संस्कृति विभाग की टीम मुंबई में
आयोजक /निर्देशक

इसके अलावा अनेक हिंदी धारावाहिक और पृथ्वी थिएटर मुंबई में कई हिंदी नाटकों में अभिनय व कई उत्तराखंडी नाटकों में भाई अशोक मल्ल ने कार्य किया।

राज्य में फिल्मांकन के लिए राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी की

(एनएन सर्विस)
राज्य सरकार ने प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग के लिए गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत कोविड-19 के चलते प्रदेश में पहले से लागू नियम शूटिंग दल पर प्रभावी रहेंगे। फिल्म निर्माता को शूटिंग यूनिट का वेबसाइट पर पंजीकरण करवाना होगा। महानिदेशक सूचना कार्यालय देहरादून में शूटिंग दल, अवधि और लोकेशन को लेकर पूरा विवरण देना होगा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने गाइडलाइन जारी करते हुए बताया कि कोई भी फिल्म निर्माता इसका पालने करते हुए राज्य में फिल्मांकन कर पाएगा। फिल्म प्रोडक्शन कंपनी को कोविड-19 की रोकथाम के लिए उठाए गए समस्त कदमों का विवरण राज्य सूचना विभाग को देना जरुरी होगा। महानिदेशक सूचना की तरफ से समस्त सूचनाएं और अनुमतियां संबंधित जिलाधिकारियों को भेजी जाएंगी। शूटिंग में आने वाले दल के प्रत्येक व्यक्ति की कोविड को लेकर ट्रेनिंग अनिवार्य रहेगी। सोशल डिस्टेसिंग, फेस्क मास्क, दस्ताने और अन्य सुरक्षा उपकरणों को दल साथ में लाएगा। अगर दल के किसी सदस्य में कोरोना के लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत निकटवर्ती सरकारी अस्पताल और जिला प्रशासन को इसकी जानकारी देगा।
वहीं, शूटिंग के दौरान प्रोडक्शन कंपनी को एक नोडल अधिकारी की तैनाती भी करनी होगी। जो जिला प्रशासन को प्रत्येक सदस्य का डाटा बेस तैयार करके देगा। थर्मल स्कैनिंग से लेकर पीपीई किट व अन्य उपकरणों की जानकारी रखनी होगी। इस्तेमाल के बाद उन्हें कैसे नष्ट किया जा रहा है इसकी भी सूचना प्रशासन को देनी होगी।  
प्रोडक्शन कंपनी कोे फिल्म सेट का दिन में दो बार सैनिटाइजेशन करना अनिवार्य होगा। फोर्क लिफ्ट का कम से कम इस्तेमाल करने, सेट के बाहर, वेटिंग रूम, रेस्ट रूम में हैंड सैनिटाइजर रखना अनिवार्य होगा। स्टाफ में 65 साल से अधिक के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं लाने की अनुमति नहीं दी गई है। गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर लाना बेहद जरूरी है तो इसकी अनुमति जिलाधिकारी से प्राप्त करनी होगी।
वहीं, शूटिंग स्थल पर व्यक्तियों की संख्या भी कम से कम रखने पर जोर दिया गया है। इंडोर में होने वाली शूटिंग में अनिवार्य स्टाफ की संख्या 15 और आउटडोर में 30 लोग ही रहेंगे। मेकअप और हेयर ड्रेंसिंग के स्थान पर बार बार सैनिटाइजेशन करना होगा। शूटिंग स्थल पर सभी को मास्क, दस्ताने व फेस शील्ड पहननी होगी। 
एक अन्य निर्देश में शूटिंग दल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए ट्रैवलिंग प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। जिला प्रशासन इसकी निगरानी करेगा। वाहनों में यात्रियों की संख्या गाइडलाइन के अनुसार ही रहेगी। प्राइवेट प्रापर्टी पर शूटिंग के लिए अनिवार्य अनुमति के साथ लोकेशन के सैनिटाइजेशन का खास ख्याल रखना होगा।

टिकटॉक को आ गया बाय-बाय करने का समय, स्वदेशी एप मित्रों हो रहा पॉपुलर

भारत में टिकटॉक का बाय-बाय करने का वक्त आ गया है। भारत के युवाओं की जुबां पर अब टिकटॉक नहीं बल्कि स्वदेशी निर्मित एप मित्रों का नाम है। अभी तक इस एप को 50 लाख से ज्यादा युवा गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर चुके है। इसे आईआईटी रूड़की के पूर्व छात्रों ने बनाया है। इसे टिकटॉक का क्लोन भी कहा जा रहा है।

आईआईटी के पूर्व छात्रों का कहना है कि एप लांच करते समय हमें ऐसे ट्रैफिक की उम्मीद नहीं थी। इसे बनाने के पीछे लोगों को सिर्फ भारतीय विकल्प देना था। आईआईटी रुड़की में वर्ष 2011 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग ब्रांच से पासआउट छात्र शिवांक अग्रवाल ने अपने चार साथियों के साथ मित्रों एप बनाया है।

11 अप्रैल को हुआ था मित्रों एप लांच
पेटीएम के पूर्व सीनियर वाइस प्रेजिडेंट दीपक के ट्वीट के बाद इसकी चर्चा हर किसी की जुबान पर है। अचानक बड़ी संख्या में लोगों के एप डाउनलोड करने से नेटवर्क ट्रैफिक भी प्रभावित होने लगा। टीम मेंबर ने बताया कि वास्तव में 11 अप्रैल को एप लांच करते समय यह नहीं सोचा था कि इसे इतनी सफलता मिलेगी। टिकटॉक को पीछे छोड़ना जैसी कोई बात नहीं है। हमारा उद्देश्य लोगों को सिर्फ एक भारतीय विकल्प देना था। लोग इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे या नहीं यह हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन हमें लोगों से जो आशीर्वाद मिला, उससे हम बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि हमें किसी ने फंड नहीं दिया है, उनका फंड लोगों का प्यार ही है।

मित्रों स्वदेशी नाम, इसलिए देना उचित
टीम मेंबर ने बताया कि मित्रों का अर्थ मित्र ही है। एक तो यह भारतीय उपभोक्ताओं को भारतीय मंच के जरिए सेवा देने के लिए है। हम स्वदेशी नाम देकर भारतीय नामों के खिलाफ पूर्वाग्रहों को भी दूर करना चाहते हैं।

जुबिन नौटियाल का यह गीत है काफी चर्चा में, जिसे लिखा एसपी क्राइम देहरादून ने..

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में एसपी क्राइम देहरादून लोकजीत सिंह द्वारा लिखित गीत ’जज्बा‘ का विमोचन किया। यह गीत प्रसिद्ध गायक जुबिन नौटियाल ने गाया है, जबकि अक्षय एवं राहुल इस गीत के एडिटर हैं। कोविड-19 में उत्तराखंड पुलिस किस तरह लोगों को कोरोना से बचाव के लिए प्रयास कर रही है एवं जरूरतमंदो की हरसंभव सहयोग कर रही है। कोरोना संक्रमण में पुलिस रात-दिन अपनी ड्यूटी के फर्ज के साथ ही सेवा भाव से कार्य कर रही है, यह इस गीत के माध्यम से दिखाया गया है। गीत में प्रत्येक पुलिसकर्मी की फर्ज के प्रति प्रतिबद्धता को दिखाया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस इस कठिन समय में अपनी ड्यूटी के साथ ही समाज सेवा भी पूरे मनोयोग से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के इस संकट के समय में पुलिस, स्वास्थ्य एवं सफाई कर्मी अहम भूमिका निभा रहे हैं।

उत्कृष्ट सेवा और ईमानदारी के लिए केएस चैहान को मिलेगा पुरस्कार

उत्तराखंड सरकार द्वारा शासकीय सेवा में उत्कृष्ट और ईमानदारी पूर्वक कार्य करने के लिए सूचना व लोक संपर्क विभाग के उपनिदेशक एवं उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के नोडल ऑफिसर के.एस. चैहान को मुख्यमंत्री सुशासन एवं उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। सचिव सूचना दिलीप जावलकर, महानिदेशक डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, अपर निदेशक डॉ अनिल चंदोला सहित सूचना विभाग के आला अधिकारियों और कर्मचारियों ने के.एस. चैहान को बधाई देते हुए इसे सूचना विभाग के लिए गौरवपूर्ण बताया है।
गौरतलब है कि के.एस. चैहान द्वारा अपने सेवाकाल में शासकीय सेवा में उत्कृष्ट एवं इमानदारी पूर्वक कार्य करने के कारण इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। उनके आउटस्टैंडिंग कार्य को देखते हुए इस पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। के.एस. चैहान ने गत 2 वर्ष में उत्तराखंड राज्य में विभिन्न फिल्म निर्माताओं के साथ समन्वय स्थापित कर उत्तराखंड राज्य को एक विशिष्ट पहचान दिलाई। साथ ही राज्य को आर्थिक रूप से काफी फायदा हुआ। पर्यटन की दृष्टिकोण से भी राज्य में बहुत अधिक फायदा हुआ इसके अतिरिक्त के.एस. चैहान द्वारा विगत कई वर्षों में राजपथ पर उत्तराखंड राज्य की झांकी का नेतृत्व किया गया जिसमें अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तराखंड राज्य को विगत 11 वर्षों में राजपथ पर उत्तराखंड की कला और संस्कृति पर आधारित झांकी का प्रदर्शन कर राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर ही नही बल्कि विश्व स्तर पर उत्तराखंड राज्य को एक विषय पहचान बनी।

नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश दु्रत गति से अग्रसरः भगतसिंह

राज्यपाल महाराष्ट्र भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को नवी मुम्बई में संयुक्त रूप से राज्य अतिथि गृह एवं एम्पोरियम ‘‘उत्तराखण्ड भवन‘‘ का लोकार्पण किया।
राज्यपाल महाराष्ट्र भगत सिंह कोश्यारी ने उत्तराखण्ड भवन के निर्माण के लिए उत्तराखण्ड वासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने मकर सक्रांति की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश द्रुत गति से प्रगति कर रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का नेतृत्व में उत्तराखण्ड राज्य आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑल वेदर रोड व हवाई सेवा के विकास से कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि अपने गाँवों से जुड़े रहने से हम अपनी संस्कृति को भी संरक्षित रख सकेंगे।

मराठी और उत्तराखंड की भाषा में समानता
राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने कहा कि मराठी और उत्तराखण्ड की भाषा में भी समानता है, जो हमें एकत्व का बोध कराती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में दोनों राज्यों के लोगों को एक दूसरे की संस्कृति को निकट से जानने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि मकर सक्रांति के पावन पर्व पर उत्तराखण्ड भवन का लोकार्पण व शुभारम्भ उत्तराखण्ड व महाराष्ट्र के लिए सांस्कृतिक व आर्थिक क्षेत्र में एक नई क्रान्ति का प्रारम्भ है।

उत्तराखंड भवन प्रदेश के लोगों के लिए सदैव खुले रहेंगे
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि मकरैण पर्व के अवसर पर लोकार्पित उत्तराखण्ड भवन निश्चित रूप से राज्य के सम्मान का प्रतीक साबित होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड भवन के द्वार प्रदेश व प्रदेश के बाहर के लोगों के लिए सदैव खुले रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उत्तराखण्ड भवन में दो कमरे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के रोगियों के तीमारदारों के लिए आरक्षित रहेंगे। आधुनिक और नए जमाने के डिजाइन से बना उत्तराखंड भवन मुम्बई आने वाले उत्तराखंड वासियों को सुविधा देने के साथ प्रवासी उत्तराखंडियों को प्रदेश से जोड़ने में मददगार साबित होगा। उत्तराखण्ड भवन में उत्तराखण्ड के उत्पाद भी उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही, पर्यटकों एवं निवेशकों की सहायता हेतु इनमें कार्यालय स्थापित किए जाएंगे। 39 करोड़ 73 लाख रूपए की लागत से निर्मित चार मंजिला उत्तराखंड भवन में 40 कमरे हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने बताया कि देश की औद्योगिक राजधानी में उत्तराखंड भवन बनने से प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को भावी निवेशकों तक ले जाने के अलावा फिल्म शूटिंग और पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखण्ड की ओर फिल्म इंडस्ट्री का रूझान बढ़ा है। उत्तराखण्ड को हाल ही में बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का अवार्ड प्राप्त हुआ है। फिल्म कॉन्क्लेव के आयोजन के बाद मिले सुझावों के अनुसार अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। जिसके चलते उत्तराखण्ड में लगभग 200 से अधिक विभिन्न भाषाओं की फिल्मों और सीरियल्स की शूटिंग चल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने छोटे-छोटे ग्रामों को मोटर मार्गों से जोड़ा है। राज्य को रोड कनेक्टिविटी और विलेज कनेक्टिविटी के क्षेत्र में 10 अवार्ड प्राप्त हुए हैं। राज्य के घर-घर को बिजली पहुंचायी जा चुकी है। देश के पहले तीन ओडीएफ राज्यों में उत्तराखण्ड शामिल है। उन्होंने कहा कि नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिये राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। कोसी और रिस्पना नदियों के पुनर्जीवीकरण का कार्य चल रहा है।

देश में मोस्ट फिल्म फ्रेडली स्टेट बनने से राज्य में फिल्मांकन को मिलेगा बढ़ावाः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास में मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अन्तर्गत मोस्ट फिल्म फ्रेडली स्टेट का प्रथम पुरस्कार प्रदान किये जाने से राज्य में फिल्मांकन एवं पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

उन्होंने इसे राज्य हित से जुड़ा विषय बताते हुए कहा कि यह पुरस्कार उत्तराखण्ड द्वारा फिल्म उद्योग के लिए मन से दरवाजे खोलने का परिणाम है। राज्य में फिल्म उद्योग को आगे बढ़ाने, फिल्म निर्माण के लिए सहज माहौल तैयार करने, हुनर और कला के लिए प्रोत्साहन, बंद पड़े सिनेमा हॉल को फिर से खोलने के लिए प्रोत्साहित करने, फिल्म विकास कोष का निर्माण, फिल्म निर्माण के लिए पहले से प्रोत्साहन देने की योजना जारी रखने, अन्य सक्रिय भागीदारियों के अलावा उत्तराखण्ड फिल्म निर्माण के अलावा उत्तराखण्ड फिल्म विकास समिति का निर्माण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया गया है।

उन्होंने कहा कि फिल्म उद्योग जगत ने भी अब माना है कि उत्तराखण्ड एक बेहतर डेस्टिनेशन है। उन्होंने कहा कि राज्य में फिल्मांकन को बढ़ावा देने के लिए और सार्थक प्रयास किये जायेंगे।