राज्य के दोनों मंडलों पर सरकार खोलेगी सैन्य प्रशिक्षण केंद्र

राज्य के युवाओं को सैन्य बलों की भर्ती परीक्षाओं हेतु प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये राज्य सरकार कुमाऊं और गढ़वाल में दो प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करेगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और सेना के बैंगलोर सिलेक्शन सेंटर के कमाण्डेंट मे.ज. वी.पी.एस. भाकुनी की मुलाकात के दौरान लिया गया।
मे.ज. भाकुनी ने मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण दिया जिसमें बताया गया कि वर्तमान में एनडीए और सीडीएस परीक्षाओं की सफलता दर आईएएस परीक्षा से भी कम है। सिविल सेवाओं के मुकाबले लगभग डेढ़ गुना अधिक अभ्यर्थी एनडीए और सीडीएस जैसी परीक्षाओं में आवेदन करते हैं, लेकिन सेना में भर्ती हेतु समग्र व्यक्तित्व परीक्षण के कड़े मानको के कारण उनकी सफलता दर कम होती है। सेना और अर्द्वसैनिक बलों में राज्य के युवाओं का अधिकारी पद पर चयन प्रतिशत बढ़ाने के लिये उनको पहले से तैयार किया जाना जरूरी है। इसके लिये युवाओं का स्तरीय मानको के अनुरूप पर्सनालिटी डेवलपमेंट कार्यक्रम तथा साक्षात्कार प्रशिक्षण आयोजित किया जाना लाभप्रद होगा। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि वीरभूमि उत्तराखण्ड एक सैनिक बाहुल्य राज्य है और यहां के युवाओं में सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है। युवाओं को उनकी क्षमता के अनुरूप आवश्यक जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान कर एनडीए और सीडीएस परीक्षाओं में उनकी सफलता का प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही इस प्रकार की व्यक्तित्व विकास की कार्यशालाएं सिर्फ सैन्य सेवाएं ही नहीं वरन अन्य सरकारी सेवाओं और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भी युवाओं के लिये लाभप्रद होगी। बैठक में तय हुआ कि प्रथम चरण में कुमाऊं और गढ़वाल में प्रशिक्षण कार्याशालाएं (ट्रेनिंग वर्कशॉप) ऐसे स्कूल व कॉलेज के भवनों में संचालित होगी, जहां पर्याप्त अवस्थापना सुविधाएं हो। ये कार्यशालाएं 02 से 03 सप्ताह की होगी जहां युवाओं को एनडीए और सीडीएस की चयन प्रक्रिया के अनुरूप व्यक्तित्व विकास, साक्षात्कार एवं अन्य शारीरिक परीक्षणों के लिये प्रशिक्षण दिया जायेगा। सैनिक कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग से समन्वय कर प्रशिक्षण कार्यशालाओं हेतु स्थायी केन्द्र के रूप में स्कूल या कॉलेज के भवन चयनित करेंगे। जहां नियमित पठनपाठन के साथ-साथ कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा सके। मे.ज.भाकुनी के अनुसार पर्याप्त संसाधन उपलब्ध होने पर प्रति वर्ष दस हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सकता है। द्वितीय चरण में 11वीं व 12वीं के छात्र-छात्राओं के लिये राज्य सरकार द्वारा स्थायी सैनिक स्कूल खोलने पर भी विचार किया जा सकता है।

नई शिक्षा नीति का मसौदा दिसंबर तक

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पहला मसौदा दिसंबर के अंत तक आ जाएगा।
इस नीति को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (आईएसआरओ) के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय समिति द्वारा तैयार किया जा रहा है।

जावड़ेकर ने कहा, उन्होंने कहा है कि हमें दिसंबर के अंत तक नीति का पहला मसौदा मिल जाएगा। इस पर (संसद में) चर्चा के बाद इसे जल्द से जल्द लागू कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह तय है कि नई शिक्षा नीति देश के लिए अगले 20 साल तक मुफीद रहेगी और यह पहले से ज्यादा आधुनिक और शोध केंद्रित होगी और बेहतर नागरिक बनाएगी।

मंत्री ने कहा कि समिति के गठन से पहले विधायकों, छात्रों, माता-पिता और अन्य हितधारकों से करीब ढाई साल तक सुझाव मांगे गए।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री केजी अल्फोंस और फील्ड्स मेडल विजेता गणितज्ञ मंजुल भार्गव इस समिति के सदस्य हैं। समिति का गठन इस साल जून में किया गया था।

2025 तक भारत को ट्यूबरक्लोसिस से मुक्त करने का है लक्ष्य

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हॉल में क्षय रोगियों के उपचार के लिए नई उपचार पद्यति ’डेली रिजीम’ का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित कुछ क्षय रोगियों को नई उपचार पद्धति की दवाइयां देकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ’लॉंच ऑफ डेली रेजीम फॉर टीबी ट्रीटमेंट’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक भारत को ट्यूबरक्लोसिस से मुक्त करना है। उत्तराखण्ड की जागरुकता के स्तर को देखते हुए राज्य में यह लक्ष्य 2024 तक पाया जा सकता है। क्षय रोग अब किसी डर का विषय नहीं है और चिकित्सा शास्त्रीयों ने इस पर विजय प्राप्त कर ली है। परंतु इस रोग के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है और इसका चिकित्सकीय परामर्श के साथ नियमित उपचार बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए सरकार गंभीर है और इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। अभी हाल ही में पौड़ी मुख्यालय में प्रदेश के कुल 12 अस्पतालों में टेली रेडियोलॉजी की सेवा शुरू कर दी गई है और शेष 23 अस्पतालों में जल्द शुरू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशों में भी टेली रेडियोलॉजी और टेली मेडिसिन का प्रयोग दूरस्थ क्षेत्रों में उपचार पहुंचाने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी के प्रयोग से हमें हिचकना नहीं चाहिए।
चिकित्सा क्षेत्र में शोध कार्य निरंतर चलते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में युवा पीढ़ी पहले की तुलना में अधिक अपडेट है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं सहित सभी युवाओं से कहा कि वे सीधे फेसबुक, ट्विटर और ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री को अपने सुझाव दे सकते हैं। विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले सात-आठ माह में शासन प्रशासन की कार्य प्रवृत्ति में बहुत सुधार आया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि स्वास्थ्य विभाग के लोग पूर्ण निष्ठा के साथ जुड़कर प्रदेश से क्षय रोग का नाश करेंगे। मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य सलाहकार डॉ.नवीन बलूनी ने कहा कि पहाड़ों में डॉक्टरों की तैनाती से ओपीडी सेवा में आने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। 5 जिला अस्पताल डिजिटलाइज हो गए हैं जिससे उनकी मॉनीटरिंग आसान हो गई है। सरकार एक ठोस कार्य योजना बनाकर डॉक्टरों की कमी को पूरा करने का प्रयास कर रही है और शीघ्र ही लोक सेवा आयोग से डॉक्टरों की भर्ती के साक्षात्कार भी शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगले 2 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से सभी जिला अस्पताल, महिला अस्पताल और बेस अस्पतालों में 22 वेंटिलेटर वाले चार बेड के आईसीयू खोलने की योजना बना ली गई है। राज्य क्षय नियन्त्रण अधिकारी डॉ.बी.सी.काला ने बताया कि एचआईवी और ड्रग रेजिस्टेंट मरीजों के कारण ट्यूबरक्लोसिस से लड़ने की चुनौती जटिल हो गई है। पहले डॉट्स कार्यक्रम के अंतर्गत प्रति सप्ताह 3 दिन ट्यूबरक्लोसिस की दवाइयां दी जाती थी जबकि प्राइवेट अस्पताल प्रतिदिन दवाइयों के डोज देते थे। इलाज में एकरूपता लाने और ड्रग रेजिस्टेंस की समस्या को दूर करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइड लाइन के अनुसार अब से नई प्रक्रिया के अंतर्गत क्षय रोगी को प्रतिदिन फिक्स्ड डोज दिया जाएगा। पहले की 78 गोलियों के स्थान पर अब मरीज को केवल दो या तीन गोलियां खानी होगी।

पूर्व की लापरवाही से नहीं सबक लिया, फिर शुरू हुआ मौत का मंजर

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत का सिलसिला रुका नहीं है। अस्पताल में 72 घंटों के भीतर 30 बच्चों की मौत की खबर है। इसी अस्पताल में 29-30 अगस्त की रात ऑक्सीजन की सप्लाई रुकने से कई बच्चों की मौत हो चुकी है। इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी अस्पताल प्रशासन सुधरने का नाम नहीं ले रहा।

यूपी सरकार को देनी पड़ी थी सफाई

बीआरडी में ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से बड़ी संख्या में बच्चों की मौत से पूरा देश सन्न रह गया था। यूपी सरकार की इस मामले में काफी किरकिरी हुई थी। बाद में सरकार को इस पूरे मामले में सफाई देनी पड़ी थी। सरकार ने शुरुआती जांच में मासूमों की मौत का कसूरवार ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स और ऑक्सीजन यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर सतीश को माना था। बाद में डॉ. कफील को भी इसमें आरोपी बनाया गया।

अगस्त में तो बच्चे मरते हैं!

इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को बच्चों की मौत पर सफाई देनी पड़ी थी। उसमें भी उनके बयान की काफी आलोचना हुई थी। मंत्री ने कहा था कि अगस्त में तो बच्चे मरते है। इसमें नई बात क्या है। छह दिन में 64 मौतों से ध्यान हटाने के लिए उन्हें बताना पड़ा कि 2014 में अगस्त के महीने में 567 बच्चों की मौत हुई। 2015 में इसी अगस्त ने 668 बच्चों की जान ले ली और 2016 में अगस्त में 587 बच्चों ने दम तोड़ दिया। यानी हर रोज 19 से बीस बच्चे मर रहे हैं।

14 राज्यों में इंसेफलाइटिस का प्रकोप

इंसेफलाइटिस का प्रकोप पूर्वी उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में है। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम और बिहार समेत 14 राज्यों में इंसेफलाइटिस का प्रभाव है। पश्चिम बंगाल, असम, बिहार तथा उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में इस बीमारी का प्रकोप सर्वाधिक है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संत कबीरनगर और देवरिया समेत 12 जिले इससे प्रभावित हैं।

खुद ही के लिये कब्र तैयार कर रहा पाकिस्तान

भारत लगातार अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए आगाह करता रहता है और आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देना बंद करने के लिए कहता रहा है। अब पाकिस्तान को यही चेतावनी विश्व जगत से भी मिली है। फ्रेजाइल स्टेट्स इंडेक्स की 2017 की रिपोर्ट में पाकिस्तान को उन 20 असफल देशों की फेहरिस्त में रखा गया है, जिन्हें खुद की सुरक्षा की चिंता करनी चाहिए।

अब पाकिस्तान को दुनिया के शीर्ष 20 फ्रेजाइल स्टेट्स में शामिल होने के बाद यह समझना होगा कि जिस आतंकवाद को वह अपने पड़ोसी देश भारत को परेशान करने के उद्देश्य से इस्तेमाल करता रहा है, वह खुद उसके लिए नासूर बन चुका है। यह इंडेक्स इसी ओर इशारा करता है।

अमेरिका की पाक को चेतावनी

अमेरिका भी पाकिस्तान को आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने और आतंकवाद को अपनी जमीन से खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी देता रहा है। हाल ही में अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने के लिए एक प्रस्ताव भी पेश किया गया था।

हाल ही में भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने पाकिस्तानी नेतृत्व से सख्त लहजे में कहा कि वो आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे, वरना अमेरिका खुद पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान आतंकवादियों का सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है।

जानिए एक नवंबर को कितने राज्यों का है स्थापना दिवस

पांच राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, हरियाणा और कर्नाटक का स्थापना दिवस आज यानी एक नवंबर को है। आज ही दिन इन पांचों राज्यों की आधारशिला रखी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सभी राज्यों के लोगों को स्थापना दिवस की बधाई दी है।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश के निवासियों के लिए शुभकामनाएं, जिन्होंने देश के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने राज्य के स्थापना दिवस पर छत्तीसगढ़ के निवासियों को बधाई दी और उन्होंने यह भी कामना की कि राज्य विकास की नई ऊंचाइयों को छूए।
प्रधानमंत्री ने लिखा, विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर और जय जवान, जय किसान की भावना को साकार करने वाले हरियाणा के लोगों को स्थापना दिवस की ढेरों बधाई।
प्रधानमंत्री ने आगे लिखा, हरियाणा के लोगों को स्थापना दिवस पर ढेरों बधाई, जो विकास के मार्ग और जय जवान, जय किसान का अनुसरण कर रहे हैं।
पीएम ने कन्नड़ राज्योत्सव पर कर्नाटक के लोगों को भी बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, कर्नाटक के लोगों को कन्नड़ राज्योत्सव पर मेरी शुभकामनाएं। हमें कर्नाटक की समृद्ध संस्कृति पर गर्व है। मैं राज्य की प्रगति के लिए प्रार्थना करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के लोगों को स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं दी और कहा, सभी मलयालियों को शुभकामनाएं। मैं आने वाले वर्षों में राज्य की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करता हूं।

आखिर संसद से पास कानून के खिलाफ कैसे जा सकता है राज्य?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मोबाइल फोन नंबर को आधार कार्ड से लिंक करने के विरोध में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट से फटकार लगी है। कोर्ट ने ममता सरकार से कहा कि वह संसद से पास कानून के खिलाफ कैसे जा सकती हैं, राज्य सरकार कैसे कानून के खिलाफ जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ममता बनर्जी निजी तौर पर कोर्ट में आ सकती हैं। कोर्ट ने ममता सरकार से कहा है कि अगर ऐसा होता है तो राज्य के बनाए कानून पर केंद्र भी चुनौती देगा। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से अपनी याचिका में बदलाव करने को कहा है।

आपको बता दें कि ममता बनर्जी खुली चेतावनी दी थी कि वह अपने मोबाइल को आधार से लिंक नहीं करेंगी, भले ही उनका फोन बंद क्यों न कर दिया जाए।

ममता ने क्या कहा था?

ममता बनर्जी ने ऐसा न करने के पीछे कई वजह भी बताईं। उन्होंने कहा, जैसे ही आप आधार से मोबाइल लिंक करेंगे उन्हें (केंद्र सरकार) सब पता चल जाएगा। घर में आप क्या खा रहे हैं। पति-पत्नी क्या बात कर रहे हैं। सब उन्हें पता चल जाएगा।

ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी की एक मीटिंग के दौरान ये बात कही। उन्होंने इसके लिए प्राइवेसी का हवाला दिया। ममता ने कहा, मैं फोन को आधार से लिंक नहीं करुंगी, एजेंसी को फोन काटना है तो काट दें। मैं दूंगी तो चैलेंज करके दूंगी।

लोगों से भी की अपील

उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, मैं बाकी लोगों से भी इस मामले में आगे आने की अपील करती हूं, मोबाइल नंबर से आधार को लिंक करने का यह कदम व्यक्तिगत गोपनियता पर अटैक करना है।

बता दें कि डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम ने 23 मार्च को मोबाइल से आधार लिंक कराने का आदेश जारी किया था। तब से ममता बनर्जी इसका विरोध कर रही हैं।

एक बार फिर पाकिस्तान की मदद करने की तैयारी में चीन

भारत और चीन के रिश्ते पिछले कुछ समय से अच्छे नहीं रहे हैं, लेकिन अब लगता है कि ये रिश्ते और भी बिगड़ सकते हैं। चीन ने एक बार फिर जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को बचाने की पुख्ता तैयारी कर ली है। चीन अपनी ताकत का इस्तेमाल कर अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचाएगा और अपने दोस्त पाकिस्तान का साथ देगा।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई देशों ने मसूद अजहर पर बैन की मांग की है और प्रस्ताव पेश किया है, लेकिन चीन पिछले कुछ समय से अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल कर उसे बचाने में जुटा था।

बीते जनवरी में चीन ने प्रस्ताव के खिलाफ वीटो पेश किया था, बाद में इसकी समय सीमा को बढ़ाया गया। अब इसी सप्ताह गुरुवार को इस वीटो की मियाद खत्म हो रही है।

नियमों के अनुसार, अब इस मियाद को और आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। यानि अब चीन इस प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज करेगा, जिससे मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करवाने की भारत की कोशिशों पर पानी फिर सकता है। गौरतलब है कि चीन सयुंक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य है।

भारत ने लगातार चीन के सामने इस बात को रखा है कि मसूद अजहर भारत में कई हमलों को करवाने में शामिल रहा है। इसमें पठानकोट एयरबेस पर हुआ हमला भी शामिल है, लेकिन चीन ने लगातार कहा है कि अजहर के खिलाफ सबूत नहीं है। गौरतलब है कि चीन पहले भी कई मौकों पर पाकिस्तान की मदद करता हुआ नजर आया है।

जहरीली शराब के सेवन से शराबबंद बिहार में मौत

कहने को तो बिहार में शराबबंदी है, लेकिन यहां अक्सर शराब पाये जाने के किस्से सुने जाते है। साथ ही कई लोग शराब पीने से अपनी जान तक गंवा बैठते है। बिहार के रोहतास में जहरीली शराब पीने से 5 लोगो की मौत हो गई है और 4 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
डीआईजी शाहाबाद मो रहमान ने इस बात की पुष्टि की है। साथ ही जहरीली शराब पीने से मौत मामले में शाहाबाद रेंज के डीआईजी के सख्त तेवर भी अपनाए हैं। सूत्रों के अनुसार एसएचओ पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। साथ ही एक्ससाइज अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि शुक्रवार रात को संदिग्ध जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत होने और कुछ के बीमार पड़ने की सूचना मिली है। जिसकी जांच की जा रही है। ढिल्लों ने बताया कि इस मामले में फिलहाल कछवा थाना अध्यक्ष मुकेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। इनपर आरोप है कि यह पैसा लेकर दारू बेचवाते थे।

शाहाबाद प्रक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक मोहम्मद रहमान, जिलाधिकारी अनिमेष कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लों घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। पुलिस मौत के कारणों का पता लगाने के लिए शवों को अपने कब्जे में लेने के साथ ही हादसे में बीमार लोगों के बारे में भी पता लगाने के प्रयास कर रही है।

रोहतास के दनवर इलाके में इस हादसे से कई परिवारों में शोक व्याप्त है। आपको बता दें कि पिछले साल बिहार के गोपालगंज जिले में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद इस इलाके के नगर थाना प्रभारी सभी 25 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।

घटना के बाद स्थानीय ग्रामीण आक्रोशित हैं। इन लोगों का कहना है कि प्रतिबंध के बावजूद इलाके में अवैध रूप से शराब बिक रहा है जिस कारण आज इस तरह की घटना हुई है। मृतकों में सभी दनवार के ही हैं। मरनेवालों में कमलेश सिंह, हरिहर सिंह, धनजी सिंह और उदय सिंह शामिल हैं। इस घटना से पूरे इलाके में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि शराब बिकने में पुलिस प्रशासन की मिली भगत है। उनपर कार्रवाई होनी चाहिए।

अप्रैल 2016 को बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई थी और इसके सेवन और उत्पादन और कारोबार पर प्रतिबंध लगा हुआ है। जिसके बाद से ही इससे जुड़ा कानून बहस का विषय बना हुआ है। कुछ माह पहले ये खबर आई थी कि राजधानी पटना के थानों में जब्त की हुई शराब चूहों ने पी ली है। इस खबर को लेकर सरकार की बहुत किरकिरी हुई थी, हालांकि बाद में बिहार पुलिस मुख्यालय ने इस खबर को खारिज कर दिया था।

योगी सरकार ने श्रीकृष्ण की जन्मभूमि को किया तीर्थस्थल घोषित

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा के वृंदावन और बरसाना को पवित्र तीर्थस्थल बनाने का ऐलान किया है।
योगी आदित्यनाथ की यह सारी कवायद उत्तर प्रदेश में पर्यटन को और खासकर हिंदू धर्मस्थलों को बढ़ावा देने की दिशा में उठाए गए कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है।

मांस-मदिरा का क्रय-विक्रय, सेवन प्रतिबंधित
वृंदावन और बरसाना को धार्मिक नगरी का दर्जा देने का मतलब होगा कि अब कृष्ण भक्तों की इस नगरी में मांस-मदिरा का न तो क्रय विक्रय हो सकेगा और न ही इनका सेवन किया जा सकेगा, बल्कि इसे अपराध माना जाएगा। कृष्ण लीला की इस नगरी को धार्मिक नगरी घोषित करने से कृष्ण भक्तों की बड़ी तादाद खुश है, क्योंकि यहां के लगभग सभी वैष्णव संगठन इसकी मांग करते रहे थे।
तीन दिन पहले ही योगी आदित्यनाथ ने चंदौली में कहा था कि उत्तर प्रदेश में सामान्य पर्यटन के साथ-साथ स्पिरिचुअल टूरिज्म की भी अपार संभावनाएं हैं और सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दिनों में यूपी में पर्यटकों की संख्या में दस गुना बढ़ोत्तरी हो।

अधिसूचना जारी

मथुरा और वृंदावन को पवित्र तीर्थस्थल घोषित कर योगी ने यूपी को स्पिरिचुअल टूरिज्म स्टेट बनाने की दिशा में पहलकदमी शुरू भी कर दी है। इसके लिए सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। साथ ही धर्मार्थ कार्य विभाग को भी अवगत करा दिया है।

इस बात की जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मथुरा जिले का वृंदावन क्षेत्र भगवान कृष्ण की जन्मस्थली एवं भगवान कृष्ण तथा उनके बड़े भाई बलराम की क्रीड़ा स्थली के रूप में विश्वविख्यात है। साथ ही बरसाना राधा रानी की जन्मस्थली एवं क्रीड़ास्थली भी है। इन पवित्र स्थानों पर देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने एवं पुण्यलाभ के लिए आते हैं. इन तीर्थस्थलों के पौराणिक एवं पर्यटन की दृष्टि से इनके अत्यधिक महत्व को देखते हुए तीर्थस्थल घोषित किया गया है।
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