डाट काली मंदिर देहरादून में सीएम ने किया दिल्ली दून एक्सप्रेस वे का निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डाट काली मंदिर देहरादून में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने एक्सप्रेस वे के निर्माण में इस्तेमाल हो रही आधुनिक तकनीकों और पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों के बारे में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे का कार्य अन्तिम चरण में हैं। इस एक्सप्रेसवे का तेजी से निर्माण होने पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मोदी एवं केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस वे के पूर्ण होने पर देहरादून से दिल्ली का सफर मात्र दो से ढ़ाई घण्टे में पूर्ण हो जायेगा। इससे जहां लोगों का आवागमन सरल होगा। चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को और सुगमता होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की आर्थिकी को बढ़ाने, पयर्टन और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी यह प्रोजेक्ट सहायक सिद्ध होगा। इस प्रोजेक्ट में इकोलॉजी और इकोनॉमी का समन्वय करते हुए एशिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर भी बनाया गया है, जो वन्यजीवों की सुरक्षा एवं उनकी आवाजाही को मुक्त और पूर्ण तरीके से सुरक्षित बनाएगा।

50वां खलंगा मेला स्मारिका पुस्तक का सीएम ने किया विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सागरताल नालापानी, देहरादून में बलभद्र खलंगा विकास समिति द्वारा आयोजित ‘50वाँ खलंगा मेला’ में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खलंगा मेला आयोजन समिति को 5 लाख रुपए दिए जाने की घोषणा की। ‘50वाँ खलंगा मेला स्मारिका’ का विमोचन भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि खलंगा मेला पूर्वजों की वीरता और अदम्य साहस को स्मरण करने का अवसर है। उन्होंने महान सपूत सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर साथियों, वीरांगनाओं को भी नमन किया। उन्होंने कहा खलंगा की वीरभूमि में वर्ष 1814 के एंग्लो-गोरखा युद्ध में सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस युद्ध में कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने ब्रिटिश सैनिकों की विशाल सेना का सामना करते हुए अपनी वीरता और रणनीतिक कौशल से ब्रिटिश सेना को खदेड़ दिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये युद्ध हमारे वीर गोरखा योद्धाओं के अदम्य साहस और मातृभूमि के प्रति उनके असीम प्रेम का प्रतीक है, जो हमेशा हमें देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा। खलंगा की गाथा हमारे वीर पूर्वजों के अप्रतिम साहस का एवं हमारी गौरवशाली विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा ये मेला हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजते हुए उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का भी एक माध्यम है। हमारे देश की ऐतिहासिक धरोहरें हमारे गौरवमयी अतीत की पहचान होने के साथ हमारे संस्कृति रूपी वट वृक्ष की मजबूत जड़ें भी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी संस्कृति को मजबूत करने का कार्य पूरे देश में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विकास के साथ विरासत को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। खलंगा युद्ध स्मारक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण में रखना, इसका बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा राज्य सरकार गोरखा समाज के उत्थान के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है और उनके विकास व कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। निश्चित ही ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी को इन गोरखा समाज की परंपराओं को संजोए रखने तथा अपने पूर्वजों की वीरता और बलिदान को याद रखने में सहायक सिद्ध होंगे।

इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, बलभद्र ख़लंगा विकास समिति के अध्यक्ष कर्नल विक्रम सिंह थापा, कुलदीप बुटोला, विश्वास डाबर, विजय बलूनी, पदम सिंह, ब्रिगेडियर राम सिंह थापा एंव लोग मौजूद रहे।

ऋषिकेश को विशेष वित्तीय सहायता के लिए मुख्यमंत्री ने जताया केंद्र का आभार

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड को ‘स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर कैपिटल इनवेस्टमेंट 2024 – 25 योजना‘ के तहत 66 करोड़ रुपए का विशेष लोन (सहायता) जारी करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने तीर्थनगरी ऋषिकेश में पयर्टन विभाग के अधीन विभिन्न परियोजनाओं के लिए योजना के तहत कुल 100 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं, जिसमें से प्रथम किश्त के रूप में 66 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। जबकि दूसरी किश्त के 34 करोड़ रुपए, प्रथम चरण की सहायता 75 प्रतिशत तक खर्च करने पर जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लंबे समय से इस विशेष वित्तीय सहायता के लिए प्रयासरत थे, उनकी इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात भी हो चुकी थी।

मुख्यमंत्री धामी ने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है, प्राप्त वित्तीय सहायता से सरकार ऋषिकेश को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करेगी।

फिल्म दि साबरमती रिपोर्ट देख बोले सीएम, राज्य में होगी टैक्स फ्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाथीबड़कला स्थित मॉल में भारतीय हिन्दी फिल्म ‘दि साबरमती रिपोर्ट’ का अवलोकन किया। यह फिल्म 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने की घटना पर आधारित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘दि साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को उत्तराखण्ड में टैक्स फ्री किया जायेगा। इस अवसर पर फिल्म के अभिनेता विक्रान्त मैसी भी मौजूद थे।

इससे पहले मुख्यमंत्री आवास में ‘दि साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म के अभिनेता श्री विक्रांत मैसी ने मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट की।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, लोकसभा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, सहदेव सिंह पुण्डीर, सविता कपूर एवं अन्य जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री मोदी के रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल के सिद्धांत को सीएम धामी ने बढ़ाया आगे

प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन, हमारे शहरी जीवन के सामने एक चुनौती बनकर उभर रहा है। ऐसे में ऋषिकेश नगर निगम ने प्लास्टिक कूड़े का प्रबंधन कर नगर निकायों के सामने उदाहरण पेश किया है। नगर निगम प्लास्टिक कूड़े को ना सिर्फ सफलता पूर्वक एकत्रित कर रहा है, बल्कि इसे रीसाइकिल के जरिए फिर कई तरह से इस्तेमाल भी कर रहा है।

तीर्थनगरी के साथ ही राफ्टिंग-कैम्पिंग का प्रमुख केंद्र होने के कारण ऋषिकेश में वर्षभर श्रद्धालुओं और पयर्टकों की भीड़ भाड़ लगी रहती है। इस कारण यहां प्लास्टिक कूड़ा का प्रबंधन चुनौतीपूर्ण काम है। नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी की पहल पर इसके लिए ऋषिकेश नगर निगम ने सबसे पहले आईएसबीटी, त्रिवेणी घाट और वीरभद्र में प्लास्टिक बैंक की स्थापना की, प्लास्टिक बैंक के बॉक्स बनाने के लिए पुरानी प्लास्टिक बोतलों को ही इस्तेमाल किया गया। जिसमें लोग खुद खाली बोतलें या अन्य प्लास्टिक कचरा डालते हैं, इन प्लास्टिक बैंक से अब तक करीब 400 किलो तक प्लास्टिक रीसायकल हो चुका है। इस प्रयोग की सफलता को देखते हुए नगर निगम अब नटराज, ट्रांजिट कैंप, रेलवे स्टेशन में भी प्लास्टिक बैंक स्थापित करने जा रहा है।

वेस्ट टू वंडर पार्क

ऋषिकेश नगर निगम ने परिसर में प्लास्टिक वेस्ट से ‘वेस्ट टू वंडर’ पार्क भी तैयार किया है, जिसमें पुराने टायर, खराब हो चुकी स्ट्रीट लाइट, साइकिल- स्कूटर जैसे सामान से बच्चों के झूले और सजावटी सामान तैयार किए गए हैं। साथ ही नगर निगम रीसायकल प्लास्टिक से बैंच, ट्री कार्ड, प्लास्टिक बैंक बॉक्स भी तैयार कर रहा है।

महिला समूहों को जोड़ा अभियान से

ऋषिकेश नगर निगम में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, के बावजूद पहले यूजर चार्ज, महज तीन लाख महीने तक ही जमा हो पाता था, लेकिन अब नगर निगम ने यूजर चार्ज वसूलने का काम, महिला स्वयं सहायता समूहों (त्रिवेणी सेना) को दे दिया है, जिसके बाद नगर निगम का कलेक्शन 13 लाख के पार चला गया है। इसमें से नगर निगम महिला समूहों को 25 प्रतिशत लाभांश देता है। इस तरह करीब 250 महिलाओं को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला है।

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सभी निकायों को प्लास्टिक कूड़ा निस्तारण की ठोस व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। इस दिशा में निकायों के स्तर पर कई नवीन प्रयास किए जा रहे हैं, कुछ जगह क्यूआर कोड के जरिए भी प्लास्टिक की वापसी की जा रही है। सरकार इस दिशा में बेहतर काम करने वाले निकायों को पुरस्कृत भी कर रही है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सीएम धामी के निर्देशों पर चलाया जा रहा है फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम

देहरादून। इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा हो, जिसका अपना परिवार न हो। लेकिन वक्त की मार कई बार, इंसान को घर परिवार से इतना दूर कर देती है कि फिर वापसी की उम्मीद दिनों दिन क्षीण होती जाती है। महिला बाल कल्याण विभाग के अधीन देहरादून के केदारपुरम में संचालित नारी निकेतन में भी ऐसी कई दिल तोड़ने वाली कहानियां है। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार इन निराश्रितों के जीवन में रंग भरने का काम कर रही है। सरकार की ओर से चलाए जा रहे फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम के तहत अब तक 23 महिलाओं को उनके बिछड़े परिवार से मिलाया जा चुका है।

फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम, देहरादून नारी निकेतन में दिन काट रही महिलाओं के जीवन को नई दिशा दे रहा है। इस प्रोग्राम के तहत देश के विभिन्न राज्यों में ही नहीं, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश में तक इन महिलाओं के बिछड़े परिवारों की तलाश की जा चुकी है। इसमें बांग्लादेश की नूरजहां को 32 साल बाद अपना परिवार मिल पाया है। इसी तरह रांची झारखंड की रहने वाली जूनी टोपो भी 30 साल बाद अपने परिवार से मिल पाई है। प्रोग्राम के तहत ना सिर्फ निराश्रित महिलाओं की घर वापसी कराई जाती है, बल्कि इसके बाद भी इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, एक नेटवर्क तैयार किया जाता है। इस तरह सरकार सुनिश्चित करती है कि कई सालों के बाद परिवार से मिलने के बावजूद महिलाओं का जीवन सुरक्षित बना रहे।

नारी निकेतन निराश्रित महिलाओं को सुरक्षित आश्रय देता है, लेकिन यह बात प्रमाणित है कि हर इंसान अपने परिवार के बीच ही खुश रह सकता है। इसलिए सरकार का प्रयास है कि यहां रह रही सभी महिलाओं को उनके परिवार से मिलाया जाए। इसके लिए चलाए जा रहे फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम ने अच्छे परिणाम दिए हैं। सरकार यहां रह रही महिलाओं को कौशल विकास का भी प्रशिक्षण प्रदान कर रही है।

– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

घर वापसी – 01

आसाम की रहने वाली वृंदा 17 साल पहले अपने परिवार से बिछड़ गई थी, उन्होंने लंबा समय आश्रमों में बिताया, वृंदा 25 अगस्त 2023 को देहरादून नारी निकेतन में दाखिल हुई। यहां प्रोग्राम फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम के तहत, टीम ने उनकी घंटों काउंसिलिंग करते हुए, उनके परिवार का नाम पता जानने में कामयाबी हासिल की। आखिरकार इसी साल 29 अप्रैल को वृंदा के भाई उन्हें लेने के लिए देहरादून पहुंचे, जहां कानूनी औपचारिकता के बाद उन्हें परिवार को सौंप दिया गया।

घर वापसी – 02

नेपाल की रहने वाली कमला कुमारी 2012 में अपने परिवार से बिछड़ गई थी। इसके बाद वो 2016 में अचानक उत्तरकाशी में मिली, जहां स्थानीय जिला प्रशासन ने उसे नारी निकेतन भेज दिया। अब रीयूनियन प्रोग्राम के तहत, रोलपा नेपाल में उनका बेटा मिल गया है। तमाम कानूनी औपचारिकता पूरी करने के बाद इसी महीने तीन अक्तूबर को कमला का बेटा अपनी बिछड़ी मां को लेकर वापस नेपाल चला गया है।

नई बातः उत्तराखंड में 14 महिलाओं ने हासिल किया व्हाइट वॉटर रिवर राफ्टिंग गाइड सर्टिफिकेट, अब चलाएंगी राफ्ट

देहरादून। उत्तराखण्ड की बेटियां जल्द ही ऋषिकेश में गंगा नदी पर पर्यटकों को राफ्टिंग कराती नजर आएंगी। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से 14 महिलाओं को व्हाइट वॉटर रिवर राफ्टिंग गाइड का प्रशिक्षण दिया गया है। जो अब पंजीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद, बतौर प्रोफेशनल राफ्टिंग गाईड अपना करियर शुरू करने को तैयार हैं।

ऋषिकेश हाल के समय में राफ्टिंग के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है, यहां हर साल पांच लाख से अधिक पयर्टक राफ़्टिंग के लिए आ रहे हैं, इस तरह राफ्टिंग गतिविधि, कारोबार के साथ ही रोजगार का भी जरिया बन रही है। लेकिन अब तक राफ्टिंग गाइड का काम पूरी तरह पुरुष ही कर रहे थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पहली बार उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने महिलाओं को रिवर राफ्टिंग गाइड का प्रशिक्षण दिया है। इसके बाद पर्यटन विभाग ने चुनिंदा 14 महिलाओं को अप्रैल से जून के बीच तीन महीने का निशुल्क प्रशिक्षण दिया। इसमें प्रशिक्षण के साथ ही रहने खाने का खर्च भी पर्यटन विभाग की ओर से उठाया गया।
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सफलता की कहानी
01- पौड़ी जिले में सिरांसू गांव निवासी प्रियंका राणा, वर्तमान में बीबीए कर रही हैं, प्रियंका क्याकिंग एथलीट हैं। प्रियंका बताती हैं कि उनके गांव के पास बड़ी संख्या में राफ्टिंग होती है, ऐस में जब उन्हे उत्तराखंड सरकार के अधीन महिलाओं को राफ्टिंग गार्डड का प्रशिक्षण दिए जाने की जानकारी मिली तो उन्होंने इसमें अपना पंजीकरण कर लिया। प्रियंका इसके लिए पुष्कर सिंह धामी सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि अब बतौर राफ्टिंग गाइड अपना करियर बनाना चाहती हैं।

02- रामनगर निवासी कामाक्षी गोयल वर्तमान में गोवा की नॉटिकल कंपनी में काम कर रही हैं। कामाक्षी बताती हैं कि वो पहले से ही वाइट वॉटर फील्ड में जॉब कर रही थी, इसलिए उन्होंने स्किल बढ़ाने के लिए राफ्टिंग प्रशिक्षण लिया। इसके लिए उत्तराखण्ड सरकार की ओर से तीन महीने का प्रशिक्षण के साथ ही रहने खाने की सुविधा निशुल्क मिली। कामाक्षी इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा प्रयास करार दे रही हैं।

03- ऋषिकेश निवासी मुस्कान भी पहले बैच में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं। मुस्कान अभी ऋषिकेश से ग्रैज्यूएशन कर रही हैं, मुस्कान बताती हैं कि तीन महीने तक उन्हें विदेशी प्रशिक्षकों ने रिवर राफ्टिंग की ट्रेनिंग दी, इस दौरान एक हफ्ते तक उन्होंने देवप्रयाग से लेकर ऋषिकेश तक गंगा में राफ्टिंग भी की, पूरी तरह महिलाओं के द्वारा संचालित यह अभियान लाजवाब था, मुस्कान अब इसी क्षेत्र में करियर बढ़ाना चाहती हैं, वो इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त कर रही हैं।
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उत्तराखण्ड में साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, अब बड़ी संख्या में महिला पयर्टक भी राफ्टिंग के लिए आ रही हैं। ऐसे में महिलाओं को बतौर राफ्ट गाईड प्रशिक्षण दिया जाने का प्रयास किया जा रहा है। अच्छी बात है कि महिलाओं ने इसके लिए रुचि दिखाई है, यह उत्तराखण्ड की बेटियों और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।

– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री उत्तराखंड

आपदा से क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में पुनर्निर्माण हेतु समयबद्ध कार्यवाही की जाए-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरियाणा चुनाव प्रचार से वापस आकर देर शाम मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में आपदा से हुए क्षतिग्रस्थ सड़क मार्गों व पेयजल लाइनों को अभियान के तहत पुनः सुचारू करने, डेंगू की रोकथाम, चारधाम यात्रा समेत विभिन्न विषयों पर विस्तृत दिशा निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश का मौसम लगभग समाप्त हो गया अतः सड़कों के निर्माण और मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया जाए। मानसून के दौरान आपदा में जो भी पेयजल और बिजली की लाइन सहित संपर्क मार्ग क्षति ग्रस्त हुए हैं उन्हें प्राथमिकता से ठीक किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून के दौरान सभी विभागों के सामने विभिन्न चुनौतियां थी लेकिन अब इस अभियान में कोई भी लापरवाही बरदाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि आपदा से जहां-जहां नुक़सान हुआ है। उसके पुनर्निर्माण हेतु समय बद्ध कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि इस अभियान के लिए हर अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाए।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा को लेकर समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून के बाद दीपावली तक पुनः धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी ऐसे में किसी प्रकार की अव्यवस्था ना हो इसके लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा अच्छी चल रही है, यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका ध्यान रखा जाए।

डेंगू रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग सहित सभी मिलकर कार्य करें- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में डेंगू की रोकथाम के लिए किए हा रहे प्रयासों पर समीक्षा करते हुए कहा कि डेंगू के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं।इस पर रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग सहित सभी मिलकर कार्य करें।और प्रभावी नियंत्रण करें। मुख्यमंत्री ने नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में साफ़ सफ़ाई पर विशेष दिए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव डॉ. आर.के.सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, गढ़वाल आयुक्त एवं सचिव विनय शंकर पांडेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मौका मिलने पर खंडूरी से मिलने घर पहुंचते है सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी को जन्मदिवस की बधाई देते हुए उनके स्वस्थ जीवन और दीर्घायु की कामना की।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को खंडूरी के जन्मदिन के अवसर पर उनके वसंत विहार स्थित आवास पर जाकर उन्हें जन्मदिवस की बधाई दी।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी से भेंट कर उनको जन्मदिवस की बधाई दी।

विभिन्न मोटर मार्गों के निर्माण के लिए मिली धनराशि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र अल्मोड़ा के अन्तर्गत अल्मोड़ा में बेतालघाट स्यालीधार मोटर मार्ग का डामरीकरण एवं सुधारीकरण के कार्य के लिए ₹ 222.25 लाख (दो करोड़ बाईस लाख पच्चीस हजार) एवं जनपद चम्पावत की विधानसभा क्षेत्र लोहाघाट में राज्य योजना के अन्तर्गत टाक खंदक करौली मोटर मार्ग का सुधारीकरण/डामरीकरण के कार्य के लिए ₹ 119.35 लाख (एक करोड़ उन्नीस लाख पैंतीस हजार) की धनराशि स्वीकृत की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद उधम सिंह नगर के विधान सभा क्षेत्र सितारगंज के अन्तर्गत ग्राम निर्मल नगर एवं ग्राम राजनगर को ग्राम सिसौना से जोड़ने हेतु बैगुल नदी पर 60 मी. स्पान पैदल झूला पुल के निर्माण हेतु ₹ 386.22 लाख (तीन करोड़ छियालीस लाख बाईस हजार मात्र) की धनराशि स्वीकृत की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य योजना के अंतर्गत जनपद रूद्रप्रयाग के विधानसभा क्षेत्र केदारनाथ के अंतर्गत विकासखंड अगस्त्यमुनि में चन्द्रापुरी-गुगली आसों-जयकण्डी मोटर मार्ग के सुधार/ डामरीकरण कार्य एवं राज्य योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र राजपुर में देहरादून शहर के डालनवाला क्षेत्र में बलवीर रोड, मोहिनी रोड, प्रीतम रोड, कर्जन रोड, सर्कुलर रोड, लक्ष्मी रोड, इन्दर रोड, म्युनिसिपल रोड, चन्दर रोड, नेमी रोड एवं तेग बहादुर रोड में माइक्रो सरफेसिंग से मार्ग सुधारीकरण के कार्य हेतु भी वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।