उत्तराखंड हाईकोर्ट का यह फैसला विश्वभर में छा रहा

अब उत्तराखंड हाईकोर्ट का गंगा प्रदूषण पर दिया गया फैसला फ्रांस के शिक्षण संस्थानों में भी पढ़ने को मिलेगा। जी हां, गंगा प्रदूषण को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायिर की गयी थी। जिस पर हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुये गंगा सहित ग्लेशियर, पेड़ व पौधों को जीवित व्यक्ति का दर्जा दिया था। फ्रांस में गंगा की मान्यता व मौजूदा स्थिति पर भी शोधार्थियों की रुचि तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि फ्रांस के शिक्षण संस्थानों में इस फैसले को कोर्स में शामिल किया गया है।

दरअसल, अधिवक्ता ललित मिगलानी की जनहित याचिका पर वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गंगा के साथ ही ग्लेशियर, पेड़ व पौधों को जीवित व्यक्ति का दर्जा दिया था। पिछले साल दो दिसंबर को खंडपीठ ने 26 बिंदुओं को लेकर फैसला दिया था। गंगा को जीवित व्यक्ति का दर्जा देने संबंधी फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुनौती दी थी। इस सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी, जबकि ग्लेशियर व पेड़-पौधों को जीवित व्यक्ति का दर्जा देने वाला आदेश प्रभावी है। अब तक इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं मिली है।

फ्रांस की शोधार्थी डेनियल बेरती ने याचिकाकर्ता व अधिवक्ता ललित मिगलानी से मुलाकात कर फैसले के अहम बिंदुओं बारे में जानकारी ली। उन्होंने इसकी पुष्टि किया कि इस विषय को फ्रांस के नेशनल सेंटर फॉर साइंस रिसर्च व सेंट्रल फॉर हिमालयन स्टडीज फ्रांस में अध्ययन के लिए शामिल कर लिया गया है। डेनियल ने गंगा की धार्मिक व सामाजिक मान्यता को लेकर भी तथ्यात्मक जानकारी जुटाई। अधिवक्ता मिगलानी ने इसको उत्तराखंड हाई कोर्ट के साथ ही देश के लिए बड़ी उपलब्धि करार दिया है। साथ ही कहा कि गंगा की स्वच्छता व निर्मलता को लेकर उनकी मुहिम जारी रहेगी।

सीएम ने आईपीएस की कविता “ख्वाबों के खत“ का किया विमोचन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में तृप्ति भट्ट द्वारा रचित “ख्वाबों के खत“ नामक कविता संकलन का विमोचन किया। इस अवसर पर प्रख्यात कवि डॉ.हरिओम पंवार, प्रख्यात अदाकारा और कलाकार शबाना आजमी, कवि असीम शुक्ल और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी भी उपस्थित थे। ज्ञातव्य है कि तृप्ति भट्ट एक आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में चमोली जनपद की पुलिस अधीक्षक भी हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने तृप्ति भट्ट की सराहना की कि एक पुलिस अधिकारी के रूप में अपने व्यस्त दिनचर्या के बीच भी वे लेखन और कला के लिए समय निकालती हैं। उन्होंने कहा कि लेखन सदैव ही मानवीय संवेदनाओं को स्पर्श करता है और एक पुलिस अधिकारी के रूप में लेखन करना यह दर्शाता है कि अधिकारी एक संवेदनशील अधिकारी है। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा पुस्तक विमोचन के कुछ संस्मरणों को भी सुनाया। डॉ.हरिओम पंवार ने कहा कि यदि पुलिस अधिकारी एक कवि है तो उसके हाथों कभी अन्याय नहीं हो सकता और ऐसा अधिकारी कभी किसी दुर्बल को नहीं सताएगा। शबाना आजमी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भट्ट के कविता लेखन की सराहना की और जिस प्रकार से कविता संकलन में विभिन्न विषयों को स्पर्श किया गया है उसकी प्रशंसा भी की। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को उनके कार्य क्षेत्र की एकरसता से बचाने और अपनी आत्मा पर से धूल झाड़ने के लिए कला से बेहतर कोई मौका नहीं मिलता। उन्होंने एसपी तृप्ति भट्ट की प्रशंसा की थी। उन्होंने अपने कैरियर के बहुत प्रारंभिक चरण में ही अपने कार्य के साथसाथ लेखन के क्षेत्र को भी चुना है।

उत्तराखंड में 334 विद्यालय हो सकते है बंद

अब ऐसे विद्यालयों जिनकी छात्र संख्या दस या उससे भी कम है। सरकार उन्हें बंद करने का मन बना चुकी है। जी हां, जिले में प्राथमिक व जूनियर 334 विद्यालय ऐसे हैं, जहां पर छात्र संख्या दस से कम रह गई है, और ऐसे में सरकार इस पर जल्द फैसला लेगी।
प्राथमिक विद्यालयों में लगातार छात्रसंख्या घट रही है। कम संख्या वाले सबसे ज्यादा विद्यालय देवप्रयाग में 42 व सबसे कम प्रतापनगर में 26 हैं। इन विद्यालयों को नजदीकी विद्यालयों में समायोजित किया जाएगा। जिले में शून्य छात्र संख्या वाले करीब 80 विद्यालय पहले से ही बंद है। दस से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों की सूची तीन सौ से ऊपर है, लेकिन इसमें दूरी का भी ध्यान रखा गया है। बंद होने वाले विद्यालय की दूरी समायोजित होने विद्यालय से दूरी एक किमी रखी गई है ताकि बंद होने वाले विद्यालयों के छात्रों को दूसरे विद्यालय जाने में परेशानियों का सामना न करना पड़े। एक किमी दूरी वाले विद्यालयों को ही बंद किया जाता है तो फिर बंद होने वाले स्कूलों की संख्या कुछ कम हो जाएगी।

सीएम ने की मलेशिया के राजदूत से मुलाकात

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से सचिवालय में भारत में मलेशिया के राजदूत दातो हिदायत अब्दुल हमीद ने इंडियन एंटरप्रेन्योर चौंबर्स ऑफ मलेशिया के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने मलेशिया के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए उन्हें उत्तराखंड में पर्यटन, शिक्षा और अन्य द्विपक्षीय व्यापार के क्षेत्रों में निवेश करने का निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार राज्य के सभी 13 जनपदों में 13 नए पर्यटन स्थल विकसित करने की योजना पर कार्य कर रही है। यह 13 नए पर्यटन स्थल राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में भविष्य के विकास की आधारशिला होंगे। मलेशिया के 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर विचार करने के साथ ही पर्यटन, विशेष रूप से होटल और रीसॉर्ट्स के क्षेत्र में रुचि दर्शाई। मुख्य सचिव एस. रामास्वामी ने प्रतिनिधिमंडल को उत्तराखंड में एक विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर पर विचार करने को कहा। मुख्यमंत्री ने अब्दुल हमीद को श्रीबदरीनाथ धाम की अनुकृति स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की। इस अवसर पर आई.ई.सी.एम. के अध्यक्ष भारत अजमेरा सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे। उत्तराखंड सरकार की ओर से मुख्य सचिव एस. रामास्वामी के साथ सचिव मुख्यमंत्री अमित नेगी और राधिका झा भी बैठक में उपस्थित रहीं।

भीड़ ने लिया सांप्रदायिकता का रूप, अवैध संबंध के चलते हुयी हत्या

मंगलवार को ट्रेन से कटे युवक की हत्या का मामला तूल पकड़ने लगा है। दरअसल युवक की हत्या कर उसे पटरी पर फेंका गया। जिससे यह प्रतीत हो कि युवक की ट्रेन से कटकर मौत हो गयी। यह बात जब क्षेत्रवासियों को पता चली तो उन्होंने सभी आरोपियों की तत्काल गिफ्तारी की मांग को ले कर प्रदर्शन किया और देखते ही देखते यह प्रदर्शन उग्र होकर सांप्रदायिकता का रूप ले लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने रायवाला बाजार में कुछ दुकानों को निशाना बनाया और तोड़फोड़ की। लोगों ने आरोपियों को पकड़ने में हीलाहवाली बरतने का आरोप लगाते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया।
इस दौरान पत्थरबाजी में एक महिला व एक युवक जख्मी हुए। तोड़फोड़ व आगजनी का प्रयास कर रहे लोगों को पुलिस ने बल प्रयोग कर खदेड़ा। रायवाला बाजार व अन्य संवेदनशील जगहों पर पीएसी की तीन प्लाटून तैनात की गई हैं। आसपास के थानों से भी पुलिस बल रायवाला में तैनात किया गया है।
गुरुवार को गौहरीमाफी निवासी लक्ष्मण सिंह पुत्र निहाल सिंह की हत्या के एक आरोपी की गिरफ्तारी की बात सामने आते ही कई हिंदू संगठनों के लोग बड़ी संख्या में रायवाला थाने में एकत्र हो गए। इन लोगों ने हत्याकांड में अन्य लोगों के भी शामिल होने का संदेह जताया और सभी को तत्काल गिफ्तार करने की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने बाजार बंद कराने की कोशिश की। इनमें से कुछ प्रदर्शनकारी अचानक उग्र हो उठे और दुकानों व कुछ घरों में घुस कर तोड़फोड़ करने लगे। देखते ही देखते पूरे बाजार में अफरातफरी का माहौल बन गया। इस दौरान हुई पत्थरबाजी में एक महिला आबिदा और एक युवक साबीर जख्मी हो गए। प्रदर्शनकारियों ने खेल मैदान के किनारे लगे खोखे उखाड़ कर फेंक दिए।
इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। करीब एक दर्जन वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर स्थिति को काबू पाया। एसडीएम ऋषिकेश हरगिरी, एसपी ग्रामीण सरिता डोबाल, एएसपी श्वेता चौबे, पुलिस क्षेत्राधिकारी मंजूनाथ टीसी, समेत कोतवाल ऋषिकेश, कोतवाल हरिद्वार व थानाध्यक्ष रानीपोखरी भी मय फोर्स मौके पर मौजूद रहे। एसपी ग्रामीण सरिता डोभाल ने बताया कि युवक की हत्या से लोग आक्रोशित थे।
फिलहाल पीएसी की तीन प्लाटून और आसपास के थानों की पुलिस संवेदनशील जगहों पर तैनात की गई है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। वहीं विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी रायवाला थाने पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से कानून व्यवस्था को लेकर निर्देशित किया। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

अब इस आशियाने पर सचिन नहीं रह पाएंगे

क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर जब भी उत्तराखंड की सैर को आते थे, तो मसूरी जाना में ही रूकते थे। मसूरी में वह अपने बेहद करीबी दोस्त एवं उद्योगपति संजय नारंग के आशियाना ढहलिया बैंक परिसर पर ठहरते थे, लेकिन यही आशियाने पर छावनी परिषद लंढौर प्रशासन ने जेसीबी चलवा दी है। कानूनी लड़ाई जीतने के बाद परिषद ने विरोध के बीच इस तीन मंजिला बंगले के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की। नारंग पर परिसर में अवैध तरीके से निर्माण कराने का आरोप है।
अदालत के फैसले के क्रम में छावनी परिषद की टीम सीईओ जाकिर हुसैन और एसडीएम मीनाक्षी पटवाल की अगुआई में ढहलिया बैंक परिसर पहुंची। पुलिस और अतिक्रमण हटाओ दल इससे पहले ही वहां पहुंच गया था, लेकिन मुख्य प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षा गार्डो ने उन्हें परिसर में घुसने से रोक दिया। गार्डो ने धक्का-मुक्की भी की। एसडीएम, सीईओ और पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप पर टीम परिसर में दाखिल हुई और वहां मौजूदा गार्ड एवं अन्य स्टाफ को बाहर निकालकर जेसीबी से ध्वस्तीकरण शुरू किया। 30 मजदूरों समेत 45 सदस्यीय टीम अवैध निर्माण तोड़ने में जुटी है। एहतियातन वहां सुरक्षा बल तैनात है।
क्या था पूरा मामला
संजय नारंग ने 2009 में कैंट बोर्ड से 2800 वर्गफीट में फैले ढहलिया बैंक परिसर की मरम्मत की इजाजत मांगी थी। बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष मेजर जनरल रणबीर यादव ने बोर्ड के बहुमत के आधार पर नारंग को इसकी अनुमति दे दी, लेकिन कुछ समय बाद ही तत्कालीन सीईओ अशोक चौधरी इसे नियमों के विरुद्ध बताते हुए मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में ले आए। इस बीच, नारंग ने पुराना निर्माण ध्वस्त कर परिसर में नया निर्माण कार्य शुरू कर दिया। बोर्ड अधिकारियों ने कार्य रुकवाने के आदेश दिए पर अमल नहीं हुआ। कुछ ही अंतराल में नारंग ने परिसर में तीन मंजिला भवन खड़ा कर डाला। सिविल न्यायालय और सत्र न्यायालय के बाद मामला नैनीताल हाई कोर्ट तक पहुंचा। नैनीताल हाई कोर्ट ने बीती 5 सितंबर को ढहलिया बैंक में हुए अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के आदेश दिए। इसके खिलाफ संजय नारंग ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका डाली, लेकिन उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिली। 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के ध्वस्तीकरण के आदेशों को बरकरार रखा। नारंग को 12 दिनों के भीतर बंगला खाली करने को कहा। वैसे नारंग ने 90 दिनों की मोहलत मांगी थी, पर अदालत ने इसे नहीं माना।
नहीं ली गयी निर्माण के समय अनुमति
ढहेलिया बैंक परिसर के पास ही रक्षा मंत्रालय का संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी मैनेजमेंट) भी है। इसकी वजह से इस पूरे इलाके को अति संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। यहां किसी भी निर्माण से पहले संस्थान की अनुमति लेनी अनिवार्य है, लेकिन संजय नारंग ने इसे भी नजरअंदाज किया।
ध्वस्त से पूर्व ही हटा लिये थे कीमती सामान
सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने के बाद से ही संजय नारंग ने इस आलीशान बंगले से अपना सामान शिफ्ट करना शुरू कर दिया था। कमरों में केवल दरवाजे और खिड़कियों की चौखट लगी मिलीं। यही नहीं, बंगले के अगले हिस्से में दीवारों पर लगाया गया कीमती सामान भी उतरवा लिया था। कुछ मजदूर छत पर लगी पठाल (पत्थर) भी उतारते मिले।
ढहलिया बैंक परिसर में बेसमेंट सहित तीन मंजिला निर्माण ध्वस्त किया जाना है। इसमें एक सप्ताह अधिक समय भी लग सकता है।

पहला गांव होगा, यूपी सीएम चकबंदी वाला

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के पौड़ी जिले में स्थित पैतृक गांव पंचूर को चकबंदी के लिए चुना गया है। यह फैसला उत्तराखंड सरकार द्वारा लिया गया है। यमकेश्वर का एक गांव पंचूर प्रदेश का पहला ऐसा गांव होगा, जहां चकबंदी प्रक्रिया शुरू की गई है।
डीएम पौड़ी सुशील कुमार विभागीय टीम को लेकर पंचूर गांव पहुंचे। यहां उन्होंने चकबंदी कार्य की विधिवत शुरुआत की। उन्होंने कहा कि जनपद पौड़ी के पंचूर गांव से चकबंदी कार्य शुरू किया गया है। चकबंदी लागू होने से ग्रामीण किसानों की बिखरी हुई जोत एक हो जाएगी। अलग-अलग स्थानों पर उनकी भूमि का एक ही स्थान पर एकीकरण कर दिया जाएगा।
जिससे ग्रामीण किसान को कृषि, विपणन, परिवहन कई मामले में लाभ पहुंचेगा। इस मौके पर यमकेश्वर के ब्लॉक प्रमुख कृष्णा नेगी ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गांव और यमकेश्वर में बसे इस गांव को चकबंदी के लिए चुना जाना क्षेत्र वासियों के लिए सम्मान की बात है। डीएम ने कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता की शपथ भी दिलाई। जिलाधिकारी तहसील मुख्यालय विथयानी में आयोजित तहसील दिवस में भी जनसमस्याएं सुनेंगे और दिव्यांग जनों को प्रमाणपत्र वितरित करेंगे।

हिन्दुत्व की रक्षा में स्वामी दयानंद का अहम योगदान

स्वामी दयानंद आश्रम, ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल डॉ.कृष्ण कांत पाल व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ब्रह्मलीन पूज्य स्वामी दयानंद सरस्वती जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने स्वामी जी की पुण्य स्मृति में नमन करते हुए कहा कि पूज्य स्वामी दयानंद सरस्वती जी ज्ञान, दर्शन व आध्यात्मिकता की अद्भुत मिसाल थे। अध्यात्म के साथ ही मानव जाति की सेवा में भी उनका अविस्मरणीय योगदान रहा है। स्वामीजी ने ज्ञानदर्शन व सेवा भाव का जो रास्ता हमें दिखाया है, उस पर चलकर ही मानव कल्याण सम्भव है। मेरा परम सौभाग्य है कि सितम्बर 2015 में प्रधानमंत्री के साथ आश्रम में आने पर मुझे स्वामीजी का आर्शीवाद मिला था। राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने पूज्य स्वामी जी द्वारा समयसमय पर विभिन्न अवसरों पर दिए गए व्याख्यानों व व्यक्त किए गए विचारों के संकलन पर आधारित ग्रन्थ का विमोचन भी किया। राज्यपाल ने इसे पुनित कार्य बताते हुए कहा कि ये ग्रन्थ समाज का दिशा निर्देश करने के साथ ही मानव उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान करेगा। राज्यपाल ने कहा कि भारतीय सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यता है। अन्य समकालीन सभ्यताओं में से बहुत सी सभ्यताएं पूरी तरह समाप्त हो चुकी हैं। यह भारतीय सभ्यता ही है जो कि 5 हजार वर्षों से अपना मौलिक स्वरूप बनाए हुए है। धर्म, अध्यात्म व मूल्य आधारित व्यवस्था ही वे ताकतें हैं जिनके कारण भारतीय सभ्यता सदियों से कभी न रूकने वाली धारा की तरह लगातार प्रवाहित हो रही है। राज्यपाल ने कहा कि हमारे ऋषिमुनियों व विद्वानों के हजारों वर्षों के गहन चिंतन से रचित वेद, उपनिषद, महाकाव्य, पुराण आदि महान मार्गदर्शी रचनाएं, मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। हमारा दायित्व है कि हम अपने अध्यात्म, ज्ञान व दर्शन की विरासत को आने वाली पीढ़ियों के लिए संजो कर रखें। विश्व शांति, विश्व कल्याण और विश्वबंधुत्व की भारतीय दर्शन की अवधारणा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पूरी दुनिया के लिए और भी अधिक प्रासंगिक हो गई है। वेदांतों में वर्णित ज्ञान से सम्पूर्ण मानवता का कल्याण सम्भव है। स्वामी दयानंद सरस्वती जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भारत, भारतीयता एवं हिन्दुत्व की रक्षा में स्वामी जी का योगदान भारत ही नहीं बल्कि विश्वभर में स्वीकार्य है। जब भारत एवं भारत की संस्कृति की बात होती है तो उनका स्मरण स्वाभाविक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी परम्परा आदि शंकराचार्य से प्रारंभ हुई, जिसे अग्रदूत के रूप में आगे बढ़ाने का कार्य स्वामी जी ने किया। आज उनके लाखों भक्त इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत की संस्कृति में प्रहार हो रहे हैं। स्वामी जी के अनुयायी निश्चित रूप से ऐसा नहीं होने देंगे। मैं इस अवसर पर स्वामी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनके द्वारा दिया गया ज्ञान हम सब का आगे भी मार्गदर्शन करता रहेगा।

तीन जिलों में बाल लिगांनुपात में कमी आने पर सीएम चिंतित

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ’बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘ साइकिल रैली का हरी झण्डी दिखाकर शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह साइकिल यात्रा नहीं है वरन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का एक जन जागरूकता कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 21 जनवरी 2015 हरियाणा से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की। जिसके सकारात्मक परिणाम आज हमारे सामने है। इस अभियान के बाद हरियाणा में लिंगानुपात में तेजी से सुधार हुआ है। उन्होंने कहा प्रदेश एवं समाज के विकास के लिए महिलाओं को पुरूषों के समान अधिकार मिलना जरूरी है। महिलाओं के विकास के बिना पूर्ण विकसित समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़, हरिद्वार एवं चम्पावत जिलों में बाल लिगांनुपात में कमी आने पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल लिगांनुपात को बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने होंगे। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है जिसके लिये व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर हमें उनके इस सपने को साकार करना होगा। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य के नेतृत्व में रेसकोर्स से हरकी पैड़ी तक 55 किमी की इस जागरूकता अभियान में 120 लोगों द्वारा साइकिल यात्रा की जा रही है, जिसमें 30 महिलाएं भी शामिल है। राज्य मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एवं महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य से पूर्ण सुरक्षा के साथ साइकिल यात्रा की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस साइकिल यात्रा के माध्यम से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का व्यापक स्तर पर जन संदेश पहुंचाना है। इस जागरूकता साइकिल रैली में अन्तर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी एकता बिष्ट, मिस उत्तराखण्ड नेहा राज एवं एथलीट हरेन्द्र ने भी प्रतिभाग किया।

लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद भी नहीं मिल रहा सुराग

पंचकुला की विशेष सीबीआई कोर्ट में जहां राम रहीम के खिलाफ हत्या के दो मामलों में सुनवाई चल रही है, वहीं हरियाणा पुलिस की टीम बिहार पुलिस के साथ मिलकर नेपाल बॉर्डर के जिलों में हनीप्रीत की तलाश में दबिश दे रही है। इस संबंध में सीमा से लगे सात जिलों में अलर्ट भी जारी किया गया है।
गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत को पुलिस शिद्दत से तलाश कर रही है। जिसके चलते हरियाणा पुलिस की टीम बिहार पुलिस के साथ मिलकर नेपाल की सीमा से लगे इलाकों में छापेमारी कर रही है। यही नहीं नेपाल से लगे बिहार के सात जिलों में पुलिस ने हनीप्रीत को लेकर अलर्ट भी जारी किया है।
इससे पहले हरियाणा पुलिस के हाथ उस वक्त बड़ी कामयाबी लगी, जब पुलिस ने हनीप्रीत के विश्वास पात्र ड्राइवर प्रदीप को राजस्थान के लक्ष्मणगढ़ इलाके से गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस के मुताबिक ड्राइवर प्रदीप पिछले कई दिनों से सालासर में छिपा हुआ था।
पुलिस हनीप्रीत तक पहुंचने के लिए डेरा सच्चा सौदा की मैनेजिंग कमेटी की चेयरपर्सन विपासना इंन्सा को जरिया बनाना चाहती है। रोहतक जेल में 20 साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम का जो भी राजदार रहा है, पुलिस की अब उस पर पैनी नजर है।
गौरतलब है कि विपासना इन्सां और हनीप्रीत इन्सां के बीच छत्तीस का आंकड़ा माना जाता है। एक तरफ जहां हनीप्रीत ने खुद को गुरमीत राम रहीम की असली वारिस होने का ऐलान कर डाला था। वहीं गुरमीत के जेल जाने के बाद से विपासना कहती आ रही है कि हनीप्रीत का डेरा सच्चा सौदा से कोई लेना देना नहीं है। ना ही उसकी कोई हिस्सेदारी है।
साफ है कि डेरे के मालिकाना हक को लेकर विवाद है। खुद विपासना भी नहीं चाहती कि हनीप्रीत का अब डेरे में कोई दखल हो। इसी खींचतान के बीच हनीप्रीत को ढूंढना पुलिस के लिए बड़ा सिरदर्द बना हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक विपासना के फोन पर 25 अगस्त की रात को हनीप्रीत की एक कॉल आई थी। इसमें हनीप्रीत की लोकेशन राजस्थान के बाड़मेर में थी। हनीप्रीत को सार्वजनिक तौर आखिरी बार रोहतक में देखा गया था। वहां वो डेरे के एक अनुयायी के घर पर ही एक घंटे तक रुकी थी। उसकी कार आखिरी बार हिसार रोड पर जाती देखी गई थी।
उसके बाद से ही हनीप्रीत की कोई भनक तक पुलिस को नहीं लग सकी है। पुलिस पर सरकार का दबाव है कि वो जल्दी से जल्दी देशद्रोह के मामले में वांछित हनीप्रीत और आदित्य इन्सां को पकड़ कर कोर्ट मे पेश करे।