सहकारिता से समृद्धि की राह पर अग्रसर उत्तराखंड, सहकारिता आंदोलन बनेगा ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण का प्रेरक सूत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आवास विकास मैदान श्रीनगर में आयोजित नौ दिवसीय सहकारिता मेले में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों/समूहों/संस्थाओं द्वारा लगाए गए स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों का निरीक्षण कर स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने तथा उन्हें बाजार से जोड़ने के प्रयासों के लिए काश्तकारों एवं स्वयं सहायता समूहों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में सहकारिता आंदोलन ग्रामीण विकास एवं महिला सशक्तिकरण का प्रेरक सूत्र बनने के साथ सामाजिकता तथा आंशिक स्वावलंबन का आधार भी है। सहकारिता समाज को जोड़ने और आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि यह मेला सहकारिता की भावना को और प्रगाढ़ करेगा तथा महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों को एक व्यापक मंच उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि सहकारिता भारत की संस्कृति और जीवन पद्धति का प्रतीक है, जिसकी झलक “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना में भी दिखाई देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 को विश्व सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है और सहकारी से समृद्धि के लक्ष्य को साकार करने हेतु केंद्र सरकार ने एक अलग सहकारी मंत्रालय का गठन किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाने के तहत अब तक 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा हो चुका है। साथ ही 13 जनपदों की 5511 समितियों में से 3838 समितियों के अभिलेख राष्ट्रीय सहकारी पोर्टल पर अपलोड कर ऑनलाइन किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि गत वर्ष की तुलना में मंडुवा की खरीद में 5.50 रुपये प्रति किलो की वृद्धि कर 48.86 प्रति किलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि कार्यों हेतु किसानों को पं दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना से तीन तथा महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण प्रदान किया जा रहा है। कहा कि आज प्रदेश के सहकारी बैंकों में 16 हजार करोड़ रुपये की सहकारी पूंजी जमा होना जनता के विश्वास का प्रमाण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिला उद्यमिता को नई दिशा मिल रही है और “लखपति दीदी” अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के “इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा” कथन को राज्य की महिलाएँ अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के माध्यम से साकार कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जनपदों में चल रहे विकास कार्यों को प्राथमिकता दी है। राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है। नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने हेतु देश का सबसे सख़्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है और सौ से अधिक नकल माफियाओं को जेल भेजा गया है। हाल ही में हरिद्वार में उजागर नकल प्रकरण पर त्वरित संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्यवाही की और युवाओं की अपेक्षा के अनुरूप सीबीआई जांच की संस्तुति की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक सख्त भू-कानून लागू कर भूमाफियाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया गया है, जिससे उत्तराखंड के मूल अस्तित्व और भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीनगर में सीवर लाइन एवं पेयजल आपूर्ति की डीपीआर प्राप्त होते ही तत्काल स्वीकृति दी जाएगी, जिससे नगर में पंद्रह घंटे तक निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में वर्तमान में 31 लाख लोग सहकारिता से जुड़े हैं, जिसे 50 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। सहकारिता द्वारा प्रदेशभर के 16 लाख किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण वितरित किया गया है। उन्होंने बताया कि श्रीनगर में आयोजित सहकारिता मेले में महिला स्वयं सहायता समूहों ने लगभग 35 लाख का व्यापार किया है तथा इस मेले से श्रीनगर में लगभग 1 करोड़ का व्यापार हुआ है।
मंत्री ने बताया कि कॉपरेटिव इस समय 30 करोड़ रुपये के लाभ में है। लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन से जोड़ा जा रहा है। सहकारिता मंत्री ने बताया कि सरकार के प्रयासों से रोजगार के अवसरों में निरंतर वृद्धि हो रही है। कल 1500 एलटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे, जिससे राज्य में रोजगार का आंकड़ा 26,500 के पार पहुंच जाएगा।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री व सहकारिता मंत्री ने शक्ति स्वयं सहायता समूह पाबौ को बागवानी के लिए, उड़ान स्वयं सहायता समूह पाबौ को मुर्गीपालन, सवेरा स्वयं सहायता समूह पलिगांव पाबौ को दोना-पत्तल, महादेव स्वयं सहायता समूह पैठाणी को मुर्गीपालन, जयहरीखाल के मालन स्वयं सहायता समूह को बद्री गाय पालन के लिए 5-5 लाख के चेक वितरित किये। इसके अलावा वसुंधरा स्वायत्त सहकारिता पसीणा तथा जय भोलेनाथ स्वायत्त सहकारिता कंडेरी को कृषि विभाग की एसएमएएम योजना के अंतर्गत कृषि यंत्रों के लिए 4-4 लाख के चेक जबकि गुच्छी उत्पादन तकनीक के लिए नवीन पटवाल को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने विद्यालय के बच्चों की उत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया।

कार्यक्रम में विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, जिला पंचायत अध्यक्षा रचना बुटोला, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह सहित सहकारिता से जुड़े लोग एवं अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने लैंसडाउन में शहीद सम्मान समारोह मे किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल में आयोजित शहीद सम्मान समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने लैंसडाउन की पावन धरती से शहीदों की अमर वीरगाथाओं और उनके सर्वाेच्च बलिदान को नमन किया।

मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों एवं आश्रितों को ताम्रपत्र और अंगवस्त्र भेंटकर उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने आर्मी बैंड का निरीक्षण कर आर्मी जवानों को शुभकामनाएं भी दीं। मुख्यमंत्री ने अमर शहीद गब्बर सिंह नेगी मेमोरियल में उनकी प्रतिमा पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा वीर गब्बर सिंह नेगी जैसे अमर सपूतों के कारण ही आज देश सुरक्षित है।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनपदों के शहीदों के आंगन की पवित्र मिट्टी से भरे ताम्र कलशों के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर वीर शहीदों की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान सभी ने मौन रखकर शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। गौरतलब है कि इन ताम्र कलशों में एकत्रित शहीदों के आंगन की पावन माटी को देहरादून में बन रहे भव्य सैन्य धाम में ले जाया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सैनिकों और उनके परिजनों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कोटद्वार में स्थित सैनिक विश्राम गृह का जीर्णाेद्धार कर उसे आधुनिक सुविधाओं से युक्त किए जाने, निदेशालय सैनिक कल्याण तथा जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालयों में वीर नारियों एवं पूर्व सैनिकों की नियुक्ति कर निःशुल्क सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए जाने, गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन संग्रहालय के जीर्णाेद्धार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जयहरीखाल का उच्चीकरण किए जाने, राजकीय इंटर कॉलेज कर्तिया का नाम शहीद कमल सिंह रावत के नाम पर, हाईस्कूल डोबरियासार का नाम शहीद अनुज सिंह नेगी के नाम पर, बरुआ-चिणबो मार्ग का नामकरण शहीद केशवानंद ध्यानी के नाम पर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नामकरण शहीद हरीश जोशी के नाम पर एवं जयहरीखाल-गुमखाल मार्ग का नामकरण शहीद खुशाल सिंह नेगी के नाम पर किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि अन्य स्रोतों से अनुदान प्राप्त न करने की बाध्यता को समाप्त करते हुए सभी द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सैनिकों और विधवाओं को सम्मान राशि प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सैन्य धाम केवल ईंट-पत्थरों का ढांचा नहीं बल्कि अमर आत्माओं का प्रतीक है। उन्होंने कहा शहीदों के आंगन की पावन मिट्टी को सैन्य धाम में लाया जा रहा है। यह कार्यक्रम उन वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि है जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया है। उन्होंने कहा 25 सितंबर से 04 अक्टूबर तक चली शहीद सम्मान यात्रा 2.0 शहीदों के परिजनों के आंसुओं का सम्मान है। यह निर्माणाधीन सैन्य धाम आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति के लिए प्रेरित करता रहेगा। यह उन शहीदों के लिए हमारी श्रद्धांजलि है, जिन्होंने हमारे भविष्य के लिए अपना वर्तमान बलिदान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में लगभग हर घर का सदस्य सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़ा है। राज्य सरकार सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को रूपए 50 लाख से बढ़ाकर रुपए 1 करोड़ किया गया है। शहीद के अंतिम संस्कार हेतु 10 हजार की सहायता राशि दी जाती है। सैनिकों को भूमि खरीद पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी के रूप में 25 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है।शहीदों के परिजनों को सरकारी सेवा में संयोजन के तहत 28 परिजनों को अब तक नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है तथा 13 मामलों की प्रक्रिया गतिमान है। पूर्व में आवेदन हेतु 02 वर्ष का समय सीमा थी, जिसे बढ़ाकर 05 वर्ष कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन, आधुनिक उपकरण, जैकेट एवं जूते जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि भारत आज रक्षा क्षेत्र में निर्यात में अग्रणी देशों में शामिल हो गया है और दुश्मन देश को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तरह ही “एक पेड़ शहीदों के नाम” लगाने का आग्रह भी किया।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि शहीद सम्मान यात्रा 2.0 का आज लैंसडाउन में सफल समापन हुआ है। उन्होंने बताया कि यात्रा का दूसरा चरण 25 सितंबर को देहरादून से प्रारंभ हुआ था, जो आज लैंसडाउन में सम्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि शेष 71 शहीदों के आंगन की पवित्र मिट्टी लायी जा चुकी है, जिसे सैन्य धाम के लोकार्पण से पूर्व अमर जवान ज्योति में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री सदैव सैनिकों और वीर नारियों के सम्मान एवं कल्याण के प्रति संवेदनशील रहते हैं, जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी है। हम शहीदों को मृतक नहीं, बल्कि अमर वीर मानते हैं। आज हम खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं तो यह हमारे वीर सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान का परिणाम है। सैनिकों एवं उनके परिवारों का सम्मान और सहयोग केंद्र तथा राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। प्रदेश सरकार द्वारा सैनिकों एवं अग्निवीरों को समूह श्गश् की वर्दीधारी राजकीय सेवाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना एक सराहनीय कदम है।

विधायक दिलीप सिंह रावत ने वीर सपूतों के पराक्रम और बलिदान को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान शहीद सम्मान यात्रा की झलकियों पर आधारित विशेष वीडियो क्लिप भी प्रदर्शित की गयी, जिसने उपस्थित जनसमूह को शहीदों के गौरवशाली इतिहास और योगदान से अवगत कराया।

सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र चौधरी ने सभी अतिथियों, शहीद परिवारों और नागरिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा यह आयोजन न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर बना, बल्कि सैन्य धाम निर्माण की दिशा में जनता और सरकार की एकजुट की संकल्प शक्ति का प्रतीक भी रहा।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्षा रचना बुटोला, विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, कर्नल ऑफ द रेजिमेंट ले.ज. डी.एस राणा, ले. ज. शरत चंद्र (से.नि.), ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी, उपाध्यक्ष गौ सेवा आयोग पं. राजेंद्र अंथवाल, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मेयर कोटद्वार शैलेन्द्र सिंह रावत, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

आत्मनिर्भर उत्तराखंड का सपना साकार कर रही पौड़ी की मातृशक्ति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का संकल्प अब धरातल पर खिलता नज़र आ रहा है। जनपद पौड़ी गढ़वाल के कोट ब्लॉक की महिलाएं लिलियम फूलों की खेती से आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण की नई कहानी लिख रही हैं। इन फूलों की खुशबू अब न केवल खेतों में, बल्कि महिलाओं के जीवन में भी उम्मीद और समृद्धि की महक भर रही है।

उद्यान विभाग, ग्रामोत्थान परियोजना एवं एनएचएलएम के संयुक्त प्रयासों से कोट ब्लॉक में 22 पॉली हाउस बनाए गए हैं। पहले चरण में आठ पॉली हाउसों में महिला समूहों ने हॉलैंड से आयातित ओरिएंटल और डांसिंग स्टार वैरायटी के बल्ब लगाए हैं।

महिलाओं को जिला योजना से 50 प्रतिशत अनुदान, उत्पादन से लेकर विपणन तक हर स्तर पर सहयोग और बाज़ार उपलब्ध कराने की गारंटी सरकार द्वारा दी जा रही है। ए-ग्रेड लिलियम की कीमत 80 रुपये, बी-ग्रेड 70 रुपये और सी-ग्रेड 60 रुपये तक तय की गई है। इससे यहां की महिलाएं प्रति वर्ष 10 लाख रुपये तक की आय का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा उत्तराखण्ड की मातृशक्ति हमारे राज्य का वास्तविक बल है। कोट ब्लॉक की महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि संकल्प और परिश्रम से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। यह सिर्फ फूलों की खेती नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, नवाचार और महिला सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल है। हमारी सरकार हर बेटी और हर महिला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के सपने को साकार करने में हमारी मातृशक्ति सबसे बड़ी सहभागी बनेगी।
यह पहल न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही है, बल्कि प्रदेश सरकार की महिला सशक्तिकरण, नवाचार आधारित खेती और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की परिकल्पना को नई दिशा दे रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विज़न

हमारा संकल्प है कि उत्तराखण्ड की हर बेटी और हर महिला अपने सपनों को पंख दे सके। आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का मार्ग हमारी मातृशक्ति के साहस और मेहनत से ही प्रकाशित होगा। आज पौड़ी की धरती से जो खुशबू उठ रही है, वही कल पूरे उत्तराखण्ड की पहचान बनेगी।

सीएम धामी ने की घोषणा, धराली, थराली की तर्ज पर पौड़ी को भी राहत पैकेज

पौड़ी में दिनांक 06 अगस्त को घटित आपदा के प्रभावितों को धराली और थराली की तर्ज पर ही राहत पैकेज दिया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पौड़ी में घटित आपदा में जिन लोगों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही मृतकों के परिजनों को भी पांच-पांच लाख रुपये का आर्थिक सहयोग सरकार की तरफ से प्रदान किया जाएगा। इसमें से जो धनराशि एसडीआरएफ के मानकों के तहत प्रदान की जाती है, उसे एसडीआरएफ मद से दिया जाएगा तथा शेष धनराशि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को जल्द इस संबंध में कार्यवाही करते हुए आपदा प्रभावितों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस विपदा की घड़ी में प्रभावितों के साथ हर प्रकार के सहयोग के साथ खड़ी है।

आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिए। गौरतलब है कि दिनांक 06 अगस्त को पौड़ी तहसील के अंतर्गत ग्राम सैंजी, पट्टी बाली कण्डारस्यूं तथा ग्राम रैदुल, पट्टी पैडुलस्यूं में अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन से काफी नुकसान हुआ। आवासीय भवनों, कृषि भूमि को व्यापक क्षति पहुंची। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया तथा उनके रहने, भोजन तथा अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति की गई।

मुख्यमंत्री ने संपन्न बैठक के दौरान कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों के साथ मजबूती से खड़ी है। चाहे धराली हो, थराली हो स्यानाचट्टी या पौड़ी हो, सभी जगह राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित किया गया। रिस्पांस टाइम सराहनीय रहा है। उन्होंने उत्तरकाशी, चमोली तथा पौड़ी के जिलाधिकारियों द्वारा आपदा के दौरान किए जा रहे कार्यों को लेकर सराहना की। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों का बेहतर से बेहतर पुनर्वास किया जाएगा। सरकार के स्तर पर कहीं कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। आपदा प्रभावित हमारे अपने लोग हैं, उनके साथ न सिर्फ राज्य सरकार बल्कि केंद्र सरकार भी मजबूती से खड़ी है।

धराली की तरह थराली व पौड़ी जाएगी विशेषज्ञों की टीम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने थराली में 22 अगस्त को घटित आपदा के कारणों का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञों के दल को थराली भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि धराली की तरह ही थराली में घटित आपदा का व्यापक सर्वेक्षण करते हुए यह पता लगाया जाना जरूरी है कि हिमालयी क्षेत्र में इस तरह ही घटनाएं क्यों घटित हो रही हैं। इतना मलबा क्यों और कैसे पानी के साथ बहकर नीचे आ रहा है।

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण, वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की, उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबन्धन केन्द्र, केन्द्रीय जल आयोग तथा सिंचाई विभाग के विशेषज्ञ जल्द थराली का दौरा करेंगे। इस संबंध में अपर सचिव/अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप की ओर से सभी संस्थानों को मंगलवार को पत्र भी भेज दिया गया है।

विशेषज्ञ नगर पंचायत थराली के राडीबगड में तहसील कार्यालय, तहसील के आवासीय परिसर, कोटडीप, थराली बाजार तथा चौपडों एवं सगवाडा में बाढ़, भूस्खलन के कारणों का अध्ययन करेंगे तथा न्यूनीकरण के उपाय सुझाएंगे। उपरोक्त संस्थानों को अपने संस्थान से एक-एक विषय विशेषज्ञ को नामित करते हुये जिलाधिकारी चमोली को तत्काल रिपोर्ट करने को कहा गया है।

जितेंद्र आत्महत्या प्रकरण के बाद सीएम ने परिजनों से फोन पर वार्ता कर प्रकट की शोक संवेदनाएं

पौड़ी जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया और एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने आज मृतक जितेंद्र कुमार के परिजनों से मिलकर उनको मामले में अब तक हुई कार्रवाई से अवगत कराया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी परिजनों से फोन पर बातचीत कर गहरा दुःख व्यक्त किया और शोक संवेदनाएँ प्रकट करते हुए दिवंगत की आत्मा की शांति की प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने परिजनों को भरोसा दिलाया कि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कानून की सुसंगत धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पुलिस को मामले की गहन और तत्परता से जांच के निर्देश दिए।

ज्ञात हो कि पौड़ी कोतवाली क्षेत्र में युवक जितेंद्र कुमार ने आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या से पूर्व, उसने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कुछ व्यक्तियों पर रुपये ठगने का आरोप लगाया था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी हिमांशु चमोली सहित पांच लोगों को देहरादून से गिरफ्तार किया है।

सीएम बोले, रिवर्स पलायन में गुंज्याल और नेगी ने की मिशाल पेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आई.जी.) बिमला गुंज्याल के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की गुंजी ग्राम पंचायत तथा पूर्व कर्नल यशपाल सिंह नेगी के जनपद पौड़ी की बिरगण ग्राम पंचायत के निर्विरोध ग्राम प्रधान निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने इसे रिवर्स पलायन का एक प्रेरणादायक और सुखद उदाहरण बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों का ग्राम प्रधान चुना जाना पंचायती राज व्यवस्था को मजबूती देगा और उनके अनुभव से ग्रामीण विकास को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि गुंजी और बिरगण ग्राम पंचायतें मॉडल ग्राम के रूप में उभरेंगी।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस प्रकार के उदाहरण दर्शाते हैं कि रिटायरमेंट के बाद भी व्यक्ति अपने अनुभव और सेवा भावना से गांव की प्रगति में अहम भूमिका निभा सकता है। राज्य सरकार ऐसे सभी प्रयासों को पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण आजीविका, कृषि, बागवानी और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सतत कार्य कर रही है ताकि गांव आत्मनिर्भर बनें और रिवर्स पलायन की यह परंपरा मजबूत हो सके।

कर्मियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकताः धामी

पौड़ी जनपद के रिखणीखाल ब्लॉक स्थित वड्डाखाल क्षेत्र में बिजली की लाइन पर कार्य करते समय संविदा लाइनमैन की करंट लगने से हुई मृत्यु की घटना को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अत्यंत गंभीरता से लिया है। विधायक महंत दलीप सिंह रावत की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित उपखण्ड अधिकारी चंद्रमोहन, अवर अभियंता शुभम कुमार और अधिशासी अभियंता विनीत कुमार सक्सेना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह निर्णय राज्य में कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों के पालन को सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने की दृष्टि से लिया गया है।

मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस प्रकार की लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्युत कार्यों के दौरान सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यस्थल पर सभी ज़रूरी सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता हो। विशेष रूप से फायर या शॉर्प ऑब्जेक्ट्स जैसे जोखिमपूर्ण उपकरणों के उपयोग के समय संबंधित कर्मियों के पास हेलमेट, ग्लव्स, सेफ्टी बेल्ट, इन्सुलेटेड औजार जैसे सभी सुरक्षात्मक संसाधन मौजूद होने चाहिए। उन्होंने मामले में लापरवाही बरतने सभी कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड पावर कॉर्पाेरेशन लिमिटेड (न्च्ब्स्) के उच्चाधिकारियों से भी इस संबंध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट किया जाए कि विभाग के पास वर्तमान में कितने सुरक्षा उपकरण उपलब्ध हैं और क्या ये उपकरण फील्ड में कार्यरत कर्मचारियों तक प्रभावी रूप से पहुंच भी रहे हैं या नहीं। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार प्रत्येक कर्मचारी के जीवन और सुरक्षा को सर्वाेपरि मानती है और इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही को क्षम्य नहीं माना जाएगा।

सभी विभागों में कार्यरत सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्यों और दायित्वों का भली भाँति निर्वहन करें। जनहित को सर्वाेपरि रखते हुए त्वरित निर्णय और कार्यवाही करें। यदि कर्तव्यों और उत्तरदायित्वों के निर्वहन में किसी प्रकार ढिलाई संज्ञान में आएगी तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

अंकिता भंडारी को मिला न्याय, दुष्प्रचार के मुंह पर जड़ा ताला

अंकिता भंडारी के गुनाहगारों को आजीवन कठोर कारावास और जुर्माना की सजा मिलने के साथ ही, इस संवेदनशील प्रकरण में दुष्प्रचार करने वालों को भी करार जवाब मिल गया है। इस प्रकरण में कथित वीआईपी को लेकर हाय तौबा करने वाले किसी भी पक्ष ने कभी भी कोर्ट में संबंधित तथ्य नहीं रखे। इससे यह स्पष्ट होता है कि इन मुद्दों को केवल राजनीतिक लाभ के लिए उछाला गया।

सरकार ने इस मामले में पहले ही दिन से ना सिर्फ निष्पक्ष जांच पर जोर दिया बल्कि ट्रायल के दौरान परिजनों की इच्छा के अनुसार तीन बार सरकारी वकील को बदलने का काम किया। इस घटना के बाद से ही तमाम लोग महज राजनैतिक लाभ के लिए कभी पुलिस जांच पर सवाल उठाते रहे तो कभी कथित वीआईपी को लेकर संदेह का जाल बुनते रहे। हालांकि आरोप लगाने वाले कोर्ट में कथित वीआईपी को लेकर कोई तथ्य नहीं रख पाए। दूसरी तरफ इससे प्रभावित हुए बिना एसआईटी प्रत्यक्ष गवाहों, सुबूतों और डिजिटल रिकॉर्ड के आधार पर केस को मजबूत बनाती रही, जिस के आधार पर आखिरकार तीनों आरोपितों को आजीवन कठोर कारावास की सजा मिल पाई। अब कोर्ट के फैसले ने इस मामले में किए जा रहे राजनैतिक दुष्प्रचार का भी जवाब दे दिया है। साथ ही सरकार की निष्पक्ष जांच पर मुहर लगाने का काम किया है। इससे पहले ट्रायल के दौरान सुप्रीम कोर्ट तक एसआईटी जांच को सही करार देते हुए, निष्पक्ष जांच जारी रखने पर मुहर लगा चुका है।

अंकिता हत्याकांडः तीन साल से कम समय में तीनों दोषियों को मिली आजीवन कठोर कारावास की सजा

18 सितंबर, 2022 की रात ऋषिकेश के समीप एक रिसॉर्ट में कार्यरत अंकिता भंडारी की हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था। इस मामले में कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार को तीनों आरोपितों को कसूरवार ठहराते हुए आजीवन कठोर कारावास की सजा सुना दी है। घटना के पौने तीन साल मे भीतर तीनों को मिली सख्त सजा ने निष्पक्ष पुलिस जांच और सरकारी वकील की मजबूत पैरवी पर भी मुहर लगा दी है।

पुलिस ने 24 घंटे में की थी गिरफ्तारी
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 24 सितंबर को महिला आईपीएस अधिकारी पी रेणुका देवी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की थी। रैग्यूलर पुलिस को जांच मिलने के बाद 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने तीनों आरोपितों को गिरफ्तार करते हुए, मामले में महत्वूपर्ण सुबूत अपने कब्जे में लेने का काम किया। विशेष जांच दल (ैप्ज्) ने गहराई से जांच करते हुए 500 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट तैयार की। इस चार्जशीट में 100 से अधिक गवाहों के बयान शामिल किए गए। इसी आधार पर अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में मामले की जोरदार पैरवी की, जिसके बाद पौने तीन साल के भीतर ही मामले में सजा का ऐलान संभव हो पाया। सरकार ने न सिर्फ आरोपियों पर हत्या का मामला दर्ज किया, बल्कि गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की।

परिजनों को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में संवेदनशीलता का परिचय देते हुए, अंकिता भंडारी के परिजनों को ₹25 लाने की आर्थिक सहायता प्रदान की। साथ ही दिवंगत बेटी के पिता और भाई को सरकारी नौकरी देकर परिवार को सहारा प्रदान किया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने जांच को माना संतोषजनक
सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा भी सरकार की जांच प्रक्रिया को संतोषजनक माना गया है, जिससे यह साफ होता है कि अंकिता को न्याय दिलाने की दिशा में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। इस तरह बेटियों की सुरक्षा से जुड़े इस पूरे मामले हर मोर्चे पर सरकार की निष्पक्षता और सतर्कता काम आई।

आगे भी मजबूत पैरवी
इधर, सरकार ने साफ किया है कि जरूरत पड़ने पर आगे भी इस मामले में मजबूत पैरवी की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि अंकिता को न्याय दिलाना सरकार का संकल्प था, इसीलिए अंकिता के परिजनों को साथ लेकर कोर्ट में मजबूत पैरवी की गई। जिससे तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा मिल सकी। सरकार जरूरत पड़ने पर आगे भी मजबूत पैरवी करेगी, अंकिता को न्याय दिलाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

पौड़ीः मालन पुल सहित 07 योजनाओं का मुख्यमंत्री ने किया वर्चुअल लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी जनपद के कोटद्वार में चिल्लरखाल-पाखरो मोटर मार्ग पर निर्मित मालन पुल के सुरक्षात्मक कार्य सहित कुल सात निर्माण कार्यों का वर्चुअल लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने जनता को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए कहा कि मालन सेतु का पुनर्निर्माण राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। इस पुल के शुरू होने से कोटद्वार एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को आवागमन में सुविधा मिलेगी और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। इसी क्रम में कोटद्वार के विकास के लिये भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम किया जा रहा है। कोटद्वार में जहां एक ओर नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत 135 करोड़ रुपए की लागत से अत्याधुनिक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य चल रहा है, वहीं दूसरी ओर 691 करोड़ की लागत से कोटद्वार में चार लेन बाईपास और कोटद्वार-नजीबाबाद डबल लेन सड़क का निर्माण भी कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोटद्वार-पौड़ी-श्रीनगर सड़क को भी अब डबल लेन में अपग्रेड किया जा रहा है। जिससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी और आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत कोटद्वार रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण किया जा रहा है। सिद्धबली-कोटद्वार से दिल्ली तक नई ट्रेन सेवा भी शुरू हो चुकी है। कोटद्वार में अस्पताल और बस स्टैंड टर्मिनल का भी निर्माण प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि कोटद्वार में केंद्रीय विद्यालय के निर्माण के लिये लिये कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर विद्यालय के लिये भूमि हस्तांतरित कर दी गई है। सरकार हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

कार्यक्रम में मौजूद विधानसभा अध्यक्ष व स्थानीय विधायक ऋतु खंडूडी भूषण ने कहा कि कोटद्वार में मुख्यमंत्री के सहयोग से लगातार विकास कार्य कराये जा रहे हैं। क्षतिग्रस्त मालन पुल का कार्य भी तेजी से पूरा किया गया है।

इस अवसर पर नगर निगम कोटद्वार मेयर शैलेंद्र सिंह रावत, भाजपा जिलाध्यक्ष राज गौरव नौटियाल जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान उपस्थित थे।

इन योजनाओं का हुआ लोकार्पण

26 करोड़ 75 लाख 95 हजार की लागत से चिल्लरखाल-सिगड्डी-कोटद्वार-पाखरो मोटर मार्ग पर मोटाढाक के निकट मालन नदी पर 325 मीटर स्पान के पूर्व निर्मित आरसीसी वॉयडेड स्लैब सेतु का सुरक्षात्मक कार्य।
4 करोड़ 50 लाख 19 हजार की लागत से चिल्लरखाल-पाखरो मोटर मार्ग के 12 किलोमीटर में स्थित 385 मीटर स्पान के सुखरौं पुल का सुरक्षात्मक कार्य।
2 करोड़ 10 लाख 40 हजार की लागत से कौड़िया मोटाढाक मोटर मार्ग पर बीईएल के निकट सुखरों नदी पर 300 मीटर स्पान डबल लेन पुल का सुरक्षात्मक कार्य।
2 करोड़ 36 लाख 87 हजार की लागत से खोह नदी में स्थित 90 मीटर स्पान ग्रास्टनगंज पुल के सुरक्षात्मक कार्य।
2 करोड़ 70 लाख 20 हजार की लागत से खोह नदी में स्थित 100 मीटर स्पान गूलर पुल के सुरक्षात्मक कार्य।
4 करोड़ 87 लाख 20 हजार की लागत से खोह नदी पर 100 मीटर स्पान आरसीसी गार्डर पुल के सुरक्षात्मक कार्य।
18 करोड़ 25 लाख 35 हजार की लागत से निर्मित।
चिल्लरखाल-सिगड्डी-कोटद्वार-पाखरो मोटर मार्ग के किलोमीटर 1-12 में सुदृढ़ीकरण कार्य।

मुख्यमंत्री की घोषणाएं

1- विकासखण्ड दुगड्डा के मेरठ -पौड़ी राजमार्ग के कि०मी० 138 से लालपुर-कलालघाटी-नयाबाद-पुराना कोटद्वार-हरिद्वार मोटर मार्ग का डी०बी०एम० एवं बी०सी० द्वारा सुदृढीकरण कार्य कराया जायेगा।

2- कोटद्वार में खड़क सिंह के घर से रजनी देवी के घर तक तथा चिल्लर खाल तिराहे से लोकमणिपुर की ओर बहादुर सिंह के घर तक सिगड्डी नगरीय पेयजल योजना में पाइपलाईन बिछाने का कार्य किया जायेगा।

3- सिंचाई खण्ड दुगड्डा के कोटद्वार क्षेत्रांतर्गत के मालन फीडर की मरम्मत एवं सुरक्षात्मक कार्य किया जायेगा।

4- कोटद्वार में मालन नदी पर निर्मित बायी मालन नहर के साइफन सिल्ट इजेक्टर एवं आउटलेट वेल की मरम्मत एवं सुरक्षात्मक कार्य किया जायेगा।

5- राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि (एस०डी०एम०एफ०) क्षेत्रातंर्गत कोटद्वार में खोह नदी के बांये तट पर स्थित ग्राम बिशनपुर की बाढ़ सुरक्षा का कार्य किया जायेगा।