बैकुंठ चतुर्दशी का यह मेला आस्था एवं समृद्ध सांस्कृतिक लोक परंपराओं का प्रतीकः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रीनगर, पौड़ी में आयोजित बैकुण्ठ चतुर्दशी मेले के शुभारंभ अवसर पर जनता को वर्चुअल संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीनगर गढ़वाल में स्थित माँ धारी देवी और भगवान कमलेश्वर महादेव के पौराणिक मंदिर सम्पूर्ण उत्तराखंड की अनमोल धरोहर है। प्रत्येक वर्ष बैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर आयोजित होने वाला यह मेला आस्था एवं समृद्ध सांस्कृतिक लोक परंपराओं का प्रतीक है। उन्होंने कहा इस प्रकार के पारंपरिक मेले हमें हमारी जड़ों से जोड़ने का कार्य करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास को आगे बढ़ा रही है। राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और कनेक्टिविटी सहित अनेकों क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। प्रदेश के विकास के साथ सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को भी संरक्षित किया जा रहा है। केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य तेजी के साथ चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के पूर्ण होने पर श्रीनगर के साथ पूरे गढ़वाल क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा श्रीनगर क्षेत्र में अनेकों विकास कार्य भी करवाए जा रहे हैं। 4 करोड़ 88 लाख की लागत से रोडवेज बस स्टेशन एवं पार्किंग का निर्माण किया गया है। अलकनन्दा नदी के किनारे गंगा संस्कृति केंद्र का निर्माण कार्य, श्रीनगर नगर पालिका को नगर निगम बनाया गया है। 37 करोड़ से अधिक की लागत से मढ़ी-चौरास-जाखड़ी पंपिंग पेयजल योजना का निर्माण भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा श्रीनगर के बेलकेदार और बेल कंडी मार्ग से लगे क्षेत्र में एक नई टाउनशिप स्थापित करने, श्रीनगर नगर निगम के दायरे में आने वाले सभी मोहल्लों तक सीवरेज की व्यवस्था पहुंचाने, ट्राइडेंट पार्क निर्माण, पुराने कलैक्ट्रेट भवन को हैरिटेज भवन के रूप में विकसित करने, धारी देवी मंदिर पैदल मार्ग का निर्माण, गोला पार्क का सौंदर्गीकरण कार्य जैसी विभिन्न विकास योजनाओं पर भी कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदिरों का ये शहर धार्मिक, ऐतिहासिक और शैक्षणिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। श्रीनगर, प्रदेश में शिक्षा के हब के रूप में भी उभर रहा है, इसे देखते हुए राज्य सरकार यहां एक पैरामेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज का निर्माण भी करा रही है, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण कार्य अंतिम चरण में हैं। बेस अस्पताल में 25 करोड़ रुपए की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है, जिसका लाभ पौड़ी के साथ ही चमोली, टिहरी और रूद्रप्रयाग जिले के हजारों मरीजों को मिलेगा।

इस अवसर पर मेयर आरती भण्डारी, जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया एवं अन्य गणमान्य मौजूद रहे।

पौड़ी का राइकां रिखणीखाल का नाम गुणानंद के नाम से जाना जाएगाः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय इंटर कॉलेज रिखणीखाल, पौड़ी गढ़वाल में आयोजित शहीद स्मरण समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुल 102.82 करोड़ रुपये की लागत से 11 विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें 56.58 करोड़ रुपये की लागत की 06 योजनाओं का लोकार्पण तथा 46.24 करोड़ रुपये की लागत की 05 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने राजकीय इंटर कॉलेज रिखणीखाल का नाम गुणानंद के नाम पर रखने, विकासखंड रिखणीखाल में दलमोटा से बल्ली तक का मिलान कार्य करने, विकास खण्ड रिखणीखाल में प्रेक्षागृह का निर्माण करने, विकास खण्ड रिखणीखाल में लो०नि०वि० अतिथि गृह व हैलीपैड निर्माण कार्य, विकास खण्ड जयहरीखाल में न्याय पंचायत मेरूड़ा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना, विकास खण्ड रिखणीखाल के मंदाल नदी से नौदानू में पम्पिंग योजना निर्माण, विकास खण्ड जयहरीखाल में पशु सेवा केन्द्र सिलवाड़, जयहरीखाल पशु चिकित्सालय का उच्चीकरण एवं पशु सेवा केन्द्र ढौंटियाल पशुधन प्रसार अधिकारी पद सहित ग्राम सत्तीचौड़ में स्थापना करने, विधान सभा लैन्सडौन के अन्तर्गत विकास खण्ड रिखणीखाल में मन्दाल नदी पर बाढ सुरक्षा कार्य, विकास खण्ड रिखणीखाल में चौलूडांडा पम्पिंग योजना निर्माण, विकास खण्ड नैनीडांडा के भौन में पम्पिंग योजना का निर्माण, विकास खण्ड नैनीडांडा के अन्तर्गत दिगोलीखाल पम्पिंग योजना का निर्माण, विकासखंड द्वारीखाल में सिमडी कंडली मोटर मार्ग के प्रथम बैंड से सेरा फरसैंगाल तक मोटर मार्ग का निर्माण, विकासखंड रिखणीखाल में कठवाडा खनसुली खनेताखाल मोटर मार्ग से ढाबखाल बुलेखा मोटर मार्ग तक मिलान कार्य, विकास खण्ड रिखणीखाल में लेकुल नाड़ मज्याड़ी मोटरमार्ग का निर्माण कार्य, रिखणीखाल कोटडीसैंण के समीप ग्राम पैयागड़ी रजवी मल्ला विटे मोटर मार्ग का निर्माण, विकासखण्ड रिखणीखाल में किल्यौखाल से सुन्द्रोली तक मोटर मार्ग का निर्माण कार्य, विकास खण्ड रिखणीखाल में नावे तल्ली में भाग दो का कार्य, देवियोखाल बाजार से मैवणी तक सम्पर्क मार्ग का चौड़ीकरण एवं सुधार कार्य, विकासखंड रिखणीखाल के अंतर्गत पाणीसैंण डबराड़ बूथानगर मोटर मार्ग का निर्माण, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रिखणीखाल में डॉक्टरों नियुक्ति तथा विकासखंड रिखणीखाल के अंतर्गत अमर शहीदों के नाम पर स्थानीय मोटर मार्गों के नाम करने की घोषणाएं की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभागीय स्टॉलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने स्टॉल में जाकर ओखली में धान की कुटाई की साथ ही सिलबट्टे पर चटनी पीसने और मट्ठा बिलोने की गतिविधियों में सहभागिता की। उन्होंने स्थानीय उत्पादों की जानकारी ली और कहा कि आज देश-दुनिया में पहाड़ी उत्पादों की मांग निरंतर बढ़ रही है। उन्होंने स्थानीय लोगों से स्वरोजगार अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम से पहले, मुख्यमंत्री ने आर्मी बैंड का अवलोकन किया और मधुर धुन प्रस्तुत करने के लिए बैंड के सदस्यों का उत्साहवर्धन किया। तत्पश्चात मुख्यमंत्री सहित उपस्थित जनसमूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को सुना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अवसर केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सभी शहीदों को सामूहिक श्रद्धांजलि देने का क्षण है। उत्तराखंड के वीर सैनिकों ने सदैव भारत माता को गर्वित किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लगभग हर घर का कोई न कोई सदस्य सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़ा है। राज्य सरकार सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को रूपए 10 लाख से बढ़ाकर रुपए 50 लाख कर दिया गया है। साथ ही परमवीर चक्र तथा अन्य पुरस्कार विजेताओं की पुरस्कार राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की गयी है। उन्होंने कहा कि शहीदों के अंतिम संस्कार हेतु 10 हजार की सहायता राशि दी जा रही है। सैनिकों को भूमि खरीद पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी के रूप में 25 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। शहीदों के परिजनों को सरकारी सेवा में संयोजन के तहत 28 परिजनों को नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है तथा 13 मामलों की प्रक्रिया प्रचलित है। पूर्व में नौकरी के लिए आवेदन हेतु 02 वर्ष का समय सीमा थी, जिसे बढ़ाकर 05 वर्ष कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वन रैंक वन पेंशन, आधुनिक उपकरण, जैकेट व जूते जैसी सुविधाएँ सैनिकों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून में बन रहे भव्य सैन्य धाम का शीघ्र ही लोकार्पण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने पौड़ी जनपद में हो रहे विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि कंडोलिया में 100 मीटर ऊंचा झंडा व पूर्व सीडीएस बिपिन रावत पार्क का निर्माण हो चुका है तथा पौराणिक चारधाम पैदल मार्ग पुनः संचालन, ट्राइडेंट पार्क, पूर्व कलेक्ट्रेट भवन का हेरिटेज निर्माण, सतपुली झील निर्माण तथा धारी देवी पैदल मार्ग पुनः निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार क्षेत्रवाद और जातिवाद से ऊपर उठकर विकास के लिए कार्य कर रही है। सरकार ने दंगा विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता (यूसीसी), ऑपरेशन कालनेमि और नकल विरोधी कानून जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, जिससे राज्य में सुशासन की स्थापना हो रही है।

विधायक महंत दिलीप रावत ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि देहरादून में बन रहे भव्य सैन्य धाम से राज्य का गौरव बढ़ा है। शहीदों के आंगन की पावन मिट्टी सैन्य धाम के लिए ले जाने हेतु उन्होंने मुख्यमंत्री को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा नकल विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने एवं रोजगार सृजन के क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि रिखणीखाल जैसी वीर भूमि से हमें सदैव प्रेरणा मिलती है। उन्होंने शहीदों, वीर नारियों, गौरव सेनानियों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों का हार्दिक अभिनंदन किया।

कार्यक्रम में एडम बटालियन कमांडर कर्नल मंजुल कफल्टिया ने कहा कि भारतीय सेना सदैव शहीदों के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने अपील की कि किसी भी समस्या के समाधान हेतु परिजन गढ़वाल राइफल्स केंद्र, लैंसडाउन से संपर्क कर सकते हैं।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष गौ सेवा आयोग पं. राजेंद्र अण्थवाल, जिला पंचायत सदस्य अनूप पटवाल, ब्लॉक प्रमुख रिखणीखाल रेणु रावत, प्रमुख जयहरीखाल रणवीर सजवाण, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

यमकेश्वर का ‘हर्बल वर्ल्ड हिमालय श्री धन्वंतरि धाम’ आयुर्वेद पूरे विश्व में एकमात्र समग्र केंद्रः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माला ग्राम, यमकेश्वर में आयोजित ‘प्रथम धन्वंतरि महोत्सव’ में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया। उन्होंने सभी को ‘प्रथम धन्वंतरि महोत्सव’ की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यमकेश्वर के माला ग्राम में स्थापित ‘हर्बल वर्ल्ड हिमालय श्री धन्वंतरि धाम’ आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का पूरे विश्व में एकमात्र समग्र केंद्र है। यह धाम भारत की “आरोग्य संस्कृति” का जीवंत स्वरूप होगा, जहां हमारे महान ऋषि-मुनियों द्वारा स्थापित स्वास्थ्य सिद्धांतों के साथ-साथ वनस्पति विज्ञान आधारित 09 प्रमुख चिकित्सा पद्धतियों और विश्व की लगभग 964 चिकित्सा विधाओं का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह पवित्र स्थल आयुर्वेद, योग, औषधीय वनस्पतियों और समग्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में उपयोगी होने के साथ ही प्राकर्तिक चिकित्सा के क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान और प्रशिक्षण को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विश्व की एक ऐसी विशिष्ट चिकित्सा प्रणाली है जो प्राचीन काल से ही मानव सभ्यता का आरोग्य सुनिश्चित करती आ रही है। आयुर्वेद के समग्र दृष्टिकोण के कारण आज इसकी स्वीकार्यता लगातार बढ़ती जा रही है। आयुर्वेद हमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों रूप से स्वस्थ बनाता है। उत्तराखंड प्राचीन काल से ही आयुर्वेद और औषधीय संपदा की प्रज्ञा भूमि रही है। हमारे पर्वतीय अंचल में पाई जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों ने आयुर्वेद को आरोग्य के आधारभूत तत्व के रूप में स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सकीय पद्धतियों को बढ़ावा देने और लोगों को स्वस्थ जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से आयुष मंत्रालय की स्थापना की गई। जिसके अंतर्गत ‘राष्ट्रीय आयुष मिशन’ और ‘प्रकृति परीक्षण अभियान’ जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से आज जहां एक ओर नागरिकों में स्वास्थ्य और आरोग्य स्थापित किया जा रहा है, वहीं आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान, प्रशिक्षण और नवाचार को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश में आयुष आधारित 300 से अधिक आयुष्मान आरोग्य केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। प्रदेश के प्रत्येक जनपद में 50 और 10 बेड वाले आयुष चिकित्सालयों की स्थापना भी की जा रही है। प्रदेश में आयुष नीति को लागू कर औषधि निर्माण, वेलनेस, शिक्षा, शोध और औषधीय पौधों के उत्पादन एवं संवर्धन के लिए भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार आगामी वर्षों में आयुष टेली-कंसल्टेशन सेवाओं की शुरुआत करने के साथ-साथ 50 नए योग और वेलनेस केंद्रों की स्थापना करने दिशा में भी कार्य कर रही है। प्रदेश में योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिए 10 लाख रुपए तक के अनुदान का प्रावधान भी किया है। प्रदेश में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना की जा रही है।

कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी भूषण, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, बाबा हटयोगी उपस्थित थे।

सहकारिता से समृद्धि की राह पर अग्रसर उत्तराखंड, सहकारिता आंदोलन बनेगा ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण का प्रेरक सूत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आवास विकास मैदान श्रीनगर में आयोजित नौ दिवसीय सहकारिता मेले में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों/समूहों/संस्थाओं द्वारा लगाए गए स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों का निरीक्षण कर स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने तथा उन्हें बाजार से जोड़ने के प्रयासों के लिए काश्तकारों एवं स्वयं सहायता समूहों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में सहकारिता आंदोलन ग्रामीण विकास एवं महिला सशक्तिकरण का प्रेरक सूत्र बनने के साथ सामाजिकता तथा आंशिक स्वावलंबन का आधार भी है। सहकारिता समाज को जोड़ने और आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि यह मेला सहकारिता की भावना को और प्रगाढ़ करेगा तथा महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों को एक व्यापक मंच उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि सहकारिता भारत की संस्कृति और जीवन पद्धति का प्रतीक है, जिसकी झलक “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना में भी दिखाई देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 को विश्व सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है और सहकारी से समृद्धि के लक्ष्य को साकार करने हेतु केंद्र सरकार ने एक अलग सहकारी मंत्रालय का गठन किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाने के तहत अब तक 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा हो चुका है। साथ ही 13 जनपदों की 5511 समितियों में से 3838 समितियों के अभिलेख राष्ट्रीय सहकारी पोर्टल पर अपलोड कर ऑनलाइन किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि गत वर्ष की तुलना में मंडुवा की खरीद में 5.50 रुपये प्रति किलो की वृद्धि कर 48.86 प्रति किलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि कार्यों हेतु किसानों को पं दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना से तीन तथा महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण प्रदान किया जा रहा है। कहा कि आज प्रदेश के सहकारी बैंकों में 16 हजार करोड़ रुपये की सहकारी पूंजी जमा होना जनता के विश्वास का प्रमाण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिला उद्यमिता को नई दिशा मिल रही है और “लखपति दीदी” अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के “इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा” कथन को राज्य की महिलाएँ अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के माध्यम से साकार कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जनपदों में चल रहे विकास कार्यों को प्राथमिकता दी है। राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है। नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने हेतु देश का सबसे सख़्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है और सौ से अधिक नकल माफियाओं को जेल भेजा गया है। हाल ही में हरिद्वार में उजागर नकल प्रकरण पर त्वरित संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्यवाही की और युवाओं की अपेक्षा के अनुरूप सीबीआई जांच की संस्तुति की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक सख्त भू-कानून लागू कर भूमाफियाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया गया है, जिससे उत्तराखंड के मूल अस्तित्व और भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीनगर में सीवर लाइन एवं पेयजल आपूर्ति की डीपीआर प्राप्त होते ही तत्काल स्वीकृति दी जाएगी, जिससे नगर में पंद्रह घंटे तक निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में वर्तमान में 31 लाख लोग सहकारिता से जुड़े हैं, जिसे 50 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। सहकारिता द्वारा प्रदेशभर के 16 लाख किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण वितरित किया गया है। उन्होंने बताया कि श्रीनगर में आयोजित सहकारिता मेले में महिला स्वयं सहायता समूहों ने लगभग 35 लाख का व्यापार किया है तथा इस मेले से श्रीनगर में लगभग 1 करोड़ का व्यापार हुआ है।
मंत्री ने बताया कि कॉपरेटिव इस समय 30 करोड़ रुपये के लाभ में है। लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन से जोड़ा जा रहा है। सहकारिता मंत्री ने बताया कि सरकार के प्रयासों से रोजगार के अवसरों में निरंतर वृद्धि हो रही है। कल 1500 एलटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे, जिससे राज्य में रोजगार का आंकड़ा 26,500 के पार पहुंच जाएगा।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री व सहकारिता मंत्री ने शक्ति स्वयं सहायता समूह पाबौ को बागवानी के लिए, उड़ान स्वयं सहायता समूह पाबौ को मुर्गीपालन, सवेरा स्वयं सहायता समूह पलिगांव पाबौ को दोना-पत्तल, महादेव स्वयं सहायता समूह पैठाणी को मुर्गीपालन, जयहरीखाल के मालन स्वयं सहायता समूह को बद्री गाय पालन के लिए 5-5 लाख के चेक वितरित किये। इसके अलावा वसुंधरा स्वायत्त सहकारिता पसीणा तथा जय भोलेनाथ स्वायत्त सहकारिता कंडेरी को कृषि विभाग की एसएमएएम योजना के अंतर्गत कृषि यंत्रों के लिए 4-4 लाख के चेक जबकि गुच्छी उत्पादन तकनीक के लिए नवीन पटवाल को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने विद्यालय के बच्चों की उत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया।

कार्यक्रम में विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, जिला पंचायत अध्यक्षा रचना बुटोला, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह सहित सहकारिता से जुड़े लोग एवं अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने लैंसडाउन में शहीद सम्मान समारोह मे किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल में आयोजित शहीद सम्मान समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने लैंसडाउन की पावन धरती से शहीदों की अमर वीरगाथाओं और उनके सर्वाेच्च बलिदान को नमन किया।

मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों एवं आश्रितों को ताम्रपत्र और अंगवस्त्र भेंटकर उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने आर्मी बैंड का निरीक्षण कर आर्मी जवानों को शुभकामनाएं भी दीं। मुख्यमंत्री ने अमर शहीद गब्बर सिंह नेगी मेमोरियल में उनकी प्रतिमा पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा वीर गब्बर सिंह नेगी जैसे अमर सपूतों के कारण ही आज देश सुरक्षित है।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनपदों के शहीदों के आंगन की पवित्र मिट्टी से भरे ताम्र कलशों के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर वीर शहीदों की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान सभी ने मौन रखकर शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। गौरतलब है कि इन ताम्र कलशों में एकत्रित शहीदों के आंगन की पावन माटी को देहरादून में बन रहे भव्य सैन्य धाम में ले जाया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सैनिकों और उनके परिजनों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कोटद्वार में स्थित सैनिक विश्राम गृह का जीर्णाेद्धार कर उसे आधुनिक सुविधाओं से युक्त किए जाने, निदेशालय सैनिक कल्याण तथा जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालयों में वीर नारियों एवं पूर्व सैनिकों की नियुक्ति कर निःशुल्क सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए जाने, गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन संग्रहालय के जीर्णाेद्धार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जयहरीखाल का उच्चीकरण किए जाने, राजकीय इंटर कॉलेज कर्तिया का नाम शहीद कमल सिंह रावत के नाम पर, हाईस्कूल डोबरियासार का नाम शहीद अनुज सिंह नेगी के नाम पर, बरुआ-चिणबो मार्ग का नामकरण शहीद केशवानंद ध्यानी के नाम पर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नामकरण शहीद हरीश जोशी के नाम पर एवं जयहरीखाल-गुमखाल मार्ग का नामकरण शहीद खुशाल सिंह नेगी के नाम पर किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि अन्य स्रोतों से अनुदान प्राप्त न करने की बाध्यता को समाप्त करते हुए सभी द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सैनिकों और विधवाओं को सम्मान राशि प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सैन्य धाम केवल ईंट-पत्थरों का ढांचा नहीं बल्कि अमर आत्माओं का प्रतीक है। उन्होंने कहा शहीदों के आंगन की पावन मिट्टी को सैन्य धाम में लाया जा रहा है। यह कार्यक्रम उन वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि है जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया है। उन्होंने कहा 25 सितंबर से 04 अक्टूबर तक चली शहीद सम्मान यात्रा 2.0 शहीदों के परिजनों के आंसुओं का सम्मान है। यह निर्माणाधीन सैन्य धाम आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति के लिए प्रेरित करता रहेगा। यह उन शहीदों के लिए हमारी श्रद्धांजलि है, जिन्होंने हमारे भविष्य के लिए अपना वर्तमान बलिदान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में लगभग हर घर का सदस्य सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़ा है। राज्य सरकार सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को रूपए 50 लाख से बढ़ाकर रुपए 1 करोड़ किया गया है। शहीद के अंतिम संस्कार हेतु 10 हजार की सहायता राशि दी जाती है। सैनिकों को भूमि खरीद पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी के रूप में 25 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है।शहीदों के परिजनों को सरकारी सेवा में संयोजन के तहत 28 परिजनों को अब तक नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है तथा 13 मामलों की प्रक्रिया गतिमान है। पूर्व में आवेदन हेतु 02 वर्ष का समय सीमा थी, जिसे बढ़ाकर 05 वर्ष कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन, आधुनिक उपकरण, जैकेट एवं जूते जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि भारत आज रक्षा क्षेत्र में निर्यात में अग्रणी देशों में शामिल हो गया है और दुश्मन देश को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तरह ही “एक पेड़ शहीदों के नाम” लगाने का आग्रह भी किया।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि शहीद सम्मान यात्रा 2.0 का आज लैंसडाउन में सफल समापन हुआ है। उन्होंने बताया कि यात्रा का दूसरा चरण 25 सितंबर को देहरादून से प्रारंभ हुआ था, जो आज लैंसडाउन में सम्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि शेष 71 शहीदों के आंगन की पवित्र मिट्टी लायी जा चुकी है, जिसे सैन्य धाम के लोकार्पण से पूर्व अमर जवान ज्योति में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री सदैव सैनिकों और वीर नारियों के सम्मान एवं कल्याण के प्रति संवेदनशील रहते हैं, जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी है। हम शहीदों को मृतक नहीं, बल्कि अमर वीर मानते हैं। आज हम खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं तो यह हमारे वीर सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान का परिणाम है। सैनिकों एवं उनके परिवारों का सम्मान और सहयोग केंद्र तथा राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। प्रदेश सरकार द्वारा सैनिकों एवं अग्निवीरों को समूह श्गश् की वर्दीधारी राजकीय सेवाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना एक सराहनीय कदम है।

विधायक दिलीप सिंह रावत ने वीर सपूतों के पराक्रम और बलिदान को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान शहीद सम्मान यात्रा की झलकियों पर आधारित विशेष वीडियो क्लिप भी प्रदर्शित की गयी, जिसने उपस्थित जनसमूह को शहीदों के गौरवशाली इतिहास और योगदान से अवगत कराया।

सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र चौधरी ने सभी अतिथियों, शहीद परिवारों और नागरिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा यह आयोजन न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर बना, बल्कि सैन्य धाम निर्माण की दिशा में जनता और सरकार की एकजुट की संकल्प शक्ति का प्रतीक भी रहा।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्षा रचना बुटोला, विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, कर्नल ऑफ द रेजिमेंट ले.ज. डी.एस राणा, ले. ज. शरत चंद्र (से.नि.), ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी, उपाध्यक्ष गौ सेवा आयोग पं. राजेंद्र अंथवाल, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मेयर कोटद्वार शैलेन्द्र सिंह रावत, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

आत्मनिर्भर उत्तराखंड का सपना साकार कर रही पौड़ी की मातृशक्ति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का संकल्प अब धरातल पर खिलता नज़र आ रहा है। जनपद पौड़ी गढ़वाल के कोट ब्लॉक की महिलाएं लिलियम फूलों की खेती से आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण की नई कहानी लिख रही हैं। इन फूलों की खुशबू अब न केवल खेतों में, बल्कि महिलाओं के जीवन में भी उम्मीद और समृद्धि की महक भर रही है।

उद्यान विभाग, ग्रामोत्थान परियोजना एवं एनएचएलएम के संयुक्त प्रयासों से कोट ब्लॉक में 22 पॉली हाउस बनाए गए हैं। पहले चरण में आठ पॉली हाउसों में महिला समूहों ने हॉलैंड से आयातित ओरिएंटल और डांसिंग स्टार वैरायटी के बल्ब लगाए हैं।

महिलाओं को जिला योजना से 50 प्रतिशत अनुदान, उत्पादन से लेकर विपणन तक हर स्तर पर सहयोग और बाज़ार उपलब्ध कराने की गारंटी सरकार द्वारा दी जा रही है। ए-ग्रेड लिलियम की कीमत 80 रुपये, बी-ग्रेड 70 रुपये और सी-ग्रेड 60 रुपये तक तय की गई है। इससे यहां की महिलाएं प्रति वर्ष 10 लाख रुपये तक की आय का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा उत्तराखण्ड की मातृशक्ति हमारे राज्य का वास्तविक बल है। कोट ब्लॉक की महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि संकल्प और परिश्रम से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। यह सिर्फ फूलों की खेती नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, नवाचार और महिला सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल है। हमारी सरकार हर बेटी और हर महिला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के सपने को साकार करने में हमारी मातृशक्ति सबसे बड़ी सहभागी बनेगी।
यह पहल न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही है, बल्कि प्रदेश सरकार की महिला सशक्तिकरण, नवाचार आधारित खेती और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की परिकल्पना को नई दिशा दे रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विज़न

हमारा संकल्प है कि उत्तराखण्ड की हर बेटी और हर महिला अपने सपनों को पंख दे सके। आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का मार्ग हमारी मातृशक्ति के साहस और मेहनत से ही प्रकाशित होगा। आज पौड़ी की धरती से जो खुशबू उठ रही है, वही कल पूरे उत्तराखण्ड की पहचान बनेगी।

सीएम धामी ने की घोषणा, धराली, थराली की तर्ज पर पौड़ी को भी राहत पैकेज

पौड़ी में दिनांक 06 अगस्त को घटित आपदा के प्रभावितों को धराली और थराली की तर्ज पर ही राहत पैकेज दिया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पौड़ी में घटित आपदा में जिन लोगों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही मृतकों के परिजनों को भी पांच-पांच लाख रुपये का आर्थिक सहयोग सरकार की तरफ से प्रदान किया जाएगा। इसमें से जो धनराशि एसडीआरएफ के मानकों के तहत प्रदान की जाती है, उसे एसडीआरएफ मद से दिया जाएगा तथा शेष धनराशि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रशासन को जल्द इस संबंध में कार्यवाही करते हुए आपदा प्रभावितों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस विपदा की घड़ी में प्रभावितों के साथ हर प्रकार के सहयोग के साथ खड़ी है।

आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिए। गौरतलब है कि दिनांक 06 अगस्त को पौड़ी तहसील के अंतर्गत ग्राम सैंजी, पट्टी बाली कण्डारस्यूं तथा ग्राम रैदुल, पट्टी पैडुलस्यूं में अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन से काफी नुकसान हुआ। आवासीय भवनों, कृषि भूमि को व्यापक क्षति पहुंची। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया तथा उनके रहने, भोजन तथा अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति की गई।

मुख्यमंत्री ने संपन्न बैठक के दौरान कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों के साथ मजबूती से खड़ी है। चाहे धराली हो, थराली हो स्यानाचट्टी या पौड़ी हो, सभी जगह राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित किया गया। रिस्पांस टाइम सराहनीय रहा है। उन्होंने उत्तरकाशी, चमोली तथा पौड़ी के जिलाधिकारियों द्वारा आपदा के दौरान किए जा रहे कार्यों को लेकर सराहना की। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों का बेहतर से बेहतर पुनर्वास किया जाएगा। सरकार के स्तर पर कहीं कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। आपदा प्रभावित हमारे अपने लोग हैं, उनके साथ न सिर्फ राज्य सरकार बल्कि केंद्र सरकार भी मजबूती से खड़ी है।

धराली की तरह थराली व पौड़ी जाएगी विशेषज्ञों की टीम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने थराली में 22 अगस्त को घटित आपदा के कारणों का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञों के दल को थराली भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि धराली की तरह ही थराली में घटित आपदा का व्यापक सर्वेक्षण करते हुए यह पता लगाया जाना जरूरी है कि हिमालयी क्षेत्र में इस तरह ही घटनाएं क्यों घटित हो रही हैं। इतना मलबा क्यों और कैसे पानी के साथ बहकर नीचे आ रहा है।

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण, वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की, उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबन्धन केन्द्र, केन्द्रीय जल आयोग तथा सिंचाई विभाग के विशेषज्ञ जल्द थराली का दौरा करेंगे। इस संबंध में अपर सचिव/अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप की ओर से सभी संस्थानों को मंगलवार को पत्र भी भेज दिया गया है।

विशेषज्ञ नगर पंचायत थराली के राडीबगड में तहसील कार्यालय, तहसील के आवासीय परिसर, कोटडीप, थराली बाजार तथा चौपडों एवं सगवाडा में बाढ़, भूस्खलन के कारणों का अध्ययन करेंगे तथा न्यूनीकरण के उपाय सुझाएंगे। उपरोक्त संस्थानों को अपने संस्थान से एक-एक विषय विशेषज्ञ को नामित करते हुये जिलाधिकारी चमोली को तत्काल रिपोर्ट करने को कहा गया है।

जितेंद्र आत्महत्या प्रकरण के बाद सीएम ने परिजनों से फोन पर वार्ता कर प्रकट की शोक संवेदनाएं

पौड़ी जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया और एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने आज मृतक जितेंद्र कुमार के परिजनों से मिलकर उनको मामले में अब तक हुई कार्रवाई से अवगत कराया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी परिजनों से फोन पर बातचीत कर गहरा दुःख व्यक्त किया और शोक संवेदनाएँ प्रकट करते हुए दिवंगत की आत्मा की शांति की प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने परिजनों को भरोसा दिलाया कि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कानून की सुसंगत धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पुलिस को मामले की गहन और तत्परता से जांच के निर्देश दिए।

ज्ञात हो कि पौड़ी कोतवाली क्षेत्र में युवक जितेंद्र कुमार ने आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या से पूर्व, उसने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कुछ व्यक्तियों पर रुपये ठगने का आरोप लगाया था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी हिमांशु चमोली सहित पांच लोगों को देहरादून से गिरफ्तार किया है।

सीएम बोले, रिवर्स पलायन में गुंज्याल और नेगी ने की मिशाल पेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आई.जी.) बिमला गुंज्याल के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की गुंजी ग्राम पंचायत तथा पूर्व कर्नल यशपाल सिंह नेगी के जनपद पौड़ी की बिरगण ग्राम पंचायत के निर्विरोध ग्राम प्रधान निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने इसे रिवर्स पलायन का एक प्रेरणादायक और सुखद उदाहरण बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों का ग्राम प्रधान चुना जाना पंचायती राज व्यवस्था को मजबूती देगा और उनके अनुभव से ग्रामीण विकास को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि गुंजी और बिरगण ग्राम पंचायतें मॉडल ग्राम के रूप में उभरेंगी।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस प्रकार के उदाहरण दर्शाते हैं कि रिटायरमेंट के बाद भी व्यक्ति अपने अनुभव और सेवा भावना से गांव की प्रगति में अहम भूमिका निभा सकता है। राज्य सरकार ऐसे सभी प्रयासों को पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण आजीविका, कृषि, बागवानी और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सतत कार्य कर रही है ताकि गांव आत्मनिर्भर बनें और रिवर्स पलायन की यह परंपरा मजबूत हो सके।

कर्मियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकताः धामी

पौड़ी जनपद के रिखणीखाल ब्लॉक स्थित वड्डाखाल क्षेत्र में बिजली की लाइन पर कार्य करते समय संविदा लाइनमैन की करंट लगने से हुई मृत्यु की घटना को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अत्यंत गंभीरता से लिया है। विधायक महंत दलीप सिंह रावत की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित उपखण्ड अधिकारी चंद्रमोहन, अवर अभियंता शुभम कुमार और अधिशासी अभियंता विनीत कुमार सक्सेना को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह निर्णय राज्य में कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों के पालन को सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने की दृष्टि से लिया गया है।

मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस प्रकार की लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्युत कार्यों के दौरान सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि कार्यस्थल पर सभी ज़रूरी सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता हो। विशेष रूप से फायर या शॉर्प ऑब्जेक्ट्स जैसे जोखिमपूर्ण उपकरणों के उपयोग के समय संबंधित कर्मियों के पास हेलमेट, ग्लव्स, सेफ्टी बेल्ट, इन्सुलेटेड औजार जैसे सभी सुरक्षात्मक संसाधन मौजूद होने चाहिए। उन्होंने मामले में लापरवाही बरतने सभी कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड पावर कॉर्पाेरेशन लिमिटेड (न्च्ब्स्) के उच्चाधिकारियों से भी इस संबंध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट किया जाए कि विभाग के पास वर्तमान में कितने सुरक्षा उपकरण उपलब्ध हैं और क्या ये उपकरण फील्ड में कार्यरत कर्मचारियों तक प्रभावी रूप से पहुंच भी रहे हैं या नहीं। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार प्रत्येक कर्मचारी के जीवन और सुरक्षा को सर्वाेपरि मानती है और इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही को क्षम्य नहीं माना जाएगा।

सभी विभागों में कार्यरत सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने कर्तव्यों और दायित्वों का भली भाँति निर्वहन करें। जनहित को सर्वाेपरि रखते हुए त्वरित निर्णय और कार्यवाही करें। यदि कर्तव्यों और उत्तरदायित्वों के निर्वहन में किसी प्रकार ढिलाई संज्ञान में आएगी तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री