तो क्या रेप आरोपी गुरूमीत को मिल जाता पदम पुरस्कार

खबर मिली है कि दो साध्वियों के साथ यौन शोषण करने के मामले में सलाखों की हवा खा रहा गुरमीत राम रहीम पद्म पुरस्कारों के लिए जुगाड़ में लगा था। इसके लिए उसने अपने समर्थकों के जरिए फील्डिंग सजा ली थी। इसका खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ है।
मेवात (हरियाणा) के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने गृह मंत्रालय से पद्म पुरस्कारों को लेकर एक आरटीआई मांगी थी। इसके जवाब से पता चला है कि गृह मंत्रालय को अब तक 18,768 नाम मिल चुके हैं, जबकि इसके लिए दो सप्ताह का समय बाकी है। केंद्र सरकार से मिली 608 पेज की आरटीआई बताती है कि इस नागरिक सम्मान के लिए इन नामों में से 4206 बार राम रहीम का जिक्र है। यानी इतने लोगों ने चाहा है कि राम रहीम को पद्म अवार्ड मिले।
दिलचस्प बात यह है कि उसे पद्म पुरस्कार के लिए सबसे ज्यादा 4156 सिफारिश सिरसा जिले से भेजी गई है। जहां डेरा सच्घ्चा सौदा का मुख्यालय है। सीधी सी बात है कि ये सभी उसके भक्तगण होंगंे। पद्म पुरस्कारों की घोषणा 26 जनवरी 2018 को होनी है।
आरटीआई कार्यकर्ता राजुद्दीन जंग का कहना है कि पद्म सम्मानों के लिए नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 15 सितंबर है। तब तक इसके लिए सिफारिश करने वालों की संख्घ्या बढ़ जाती। अगर इसे जेल न हुई होती तो अगले साल तक यह यह पुरस्कार ले सकता था। देश-विदेश में उसके करीब पांच करोड़ भक्त हैं। उसके चाहने वाले कई मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और मंत्री रहे हैं। जो उसके यहां दरबार लगाते थे। उनसे भी वह सिफारिश करवाता। लेकिन अब पुरस्कार लेने के उसके अरमानों पर पानी फिर गया है, क्योंकि उसके काले कारनामों का पर्दाफाश हो चुका है।

आखिर क्यों? राम रहीम ने कोर्ट से कहा मैं नपुंसक हूं

डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख गुरमीत राम रहीम, साध्वी से रेप के मामले में रोहतक जेल में बंद है। उसे सीबीआई की कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है। सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद राम रहीम को सिने एंड टीवी ऑर्टिस्ट एसोसिएशन ने भी झटका दिया है। एसोसिएशन ने राम रहीम के वर्क परमिट को रद्द कर दिया है। उसके अपराधी होने की वजह से ऐसा किया गया है।
5 अगस्त को राम रहीम ने कोर्ट में कहा था- मैं नपुंसक हूं… नहीं कर सकता रेप। जज ने लताड़ा!
वहीं इंडियन फिल्म एंड टेलिविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने भी कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी सदस्यता खत्म कर दी। एसोसिएशन ने ना सिर्फ राम रहीम बल्कि उनकी मुंहबोली बेटी हनीप्रीत की भी सदस्यता रद्द की है।
गुरमीत रामरहीम ने कोर्ट से मसाज के लिए हनीप्रीत को साथ रहने की अपील की है। इससे पहले ट्विटर इंडिया ने राम रहीम के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर रोक लगा दी है। ब्लू टिक सहित राम रहीम के ट्विटर पर अब तक लगभग 3 मिलियन फॉलोअर्स थे। अकाउंट पर रोक लगने के बाद उनके समर्थक ट्विटर पर कोई जानकारी नहीं पा सकेंगे। इसके अलावा डेरा सच्चा सौदा के 4 और ट्विटर अकाउंट्स को भी ब्लॉक कर दिया गया है।

बाबा रामदेव ने राम रहीम को लेकर क्या कहा? इधर पढ़े

न्यायालय द्वारा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के फैसले के बाद जब पत्रकारों ने जब बाबा रामदेव से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि, बाबाओं ने राम का नाम बदनाम कर दिया है। इससे हमारी धर्म और संस्कृति की भी बदनामी होती है। कहा कि, जहां देखों हर दो तीन साल में देश में बाबा कांड हो रहा है। इसलिए ऐसे में जरूरत है कि आज जो बाबा शिखर पर हैं, उन्हें अपने आचरण का ध्यान रखना चाहिए। बाबा रामदेव ने अपने लिए कहा कि मैं भी एक संन्यासी हूं। संतों के लिए गेरुआ वस्त्र महज एक कपड़ा नहीं है। इससे लोगों की आस्था जुड़ी होती है। इसलिए देश में जो भी बाबा खुद को सच में बाबा मानते हैं वे अपने आचरण से दुनिया को शिखर पर लाने का प्रयास करें। राम रहीम के लिए बाबा ने कहा कि उन्होंने जो भी किया वह उनको शोभा नहीं देता था। लोगों ने उन पर विश्ववास किया ऐसे में देश की जनता को धोखा देना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं लोगों ने जो पंचकुला में किया वह भी सही नहीं था।

रेप आरोपी अगर पकड़ा न जाता, तो चुनाव लड़ने का था इरादा

रेप का आरोपी गुरमीत राम रहीम सिंह अब 20 साल तक जेल में ही रहेगा। डेरा प्रमुख के तौर पर पिछले कई सालों में राम रहीम ने अपना रसूख इतना बड़ा कर लिया था कि हर राजनीतिक दल उसके आगे अपना सिर झुकाता नजर आता था, लेकिन फिर भी राम रहीम का इतना बड़ा कद उसे सजा दिलवाने से नहीं रोक सका।
सूत्रों के अनुसार, राम रहीम जब यह देखता था कि हर पार्टी चुनाव में जीत के लिए उसके पास ही आती है। यह देखकर वह भी अपने राजनीतिक पार्टी शुरू करने की सोच रहा था। राम रहीम ने अपने डेरे में एक राजनीतिक विंग भी बना रखी थी। जो कि सभी राजनीतिक गतिविधियों पर खबर रखती थी।
राम रहीम हर चुनाव में किसी ना किसी पार्टी को समर्थन का ऐलान करता था। उसके सभी अनुयायी उस पार्टी को वोट देते थे। जिसका फर्क सीधे तौर पर चुनावी नतीजों पर पड़ता था। राम रहीम को यह उम्मीद रहती थी कि अगर सरकार में उसका समर्थन रहेगा। तो उसपर चल रहे सभी केसों में थोड़ी ढील बरती जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा था। शायद इसलिये वह अब खुद की पार्टी उतारने की तैयारी में था।

बाबा के वकील सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में जाने की तैयारी!

रेप केस में दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के लिए सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है। उसे दो अलग-अगल मामलों में बीस साल की सजा सुनाई गई है। सजा पर बहस पूरी होने के बाद राम रहीम जज के सामने रहम की भीख मांगने लगा। इस केस की सुनवाई के लिए रोहतक जेल के अंदर कोर्ट रूम बनाया गया था। बलात्कारी बाबा राम रहीम को सीबीआई कोर्ट द्वारा बीस साल की सजा दिए जाने पर लोग अपनी खुशी तो जता रहे हैं लेकिन वो ये भी चाह रहे हैं कि उसे फांसी की सजा दी जाती तो ज्यादा बेहतर होता। खुद बलात्कारी राम रहीम के वकील ने बताया, ‘हम पूरे फैसले को विस्तार से पढ़ेंगे और हाईकोर्ट में अपील करेंगे। कोर्ट राम रहीम को अलग-अलग मामलों में दस-दस साल की सजा सुनाई है। 30 लाख का जुर्माना लगाया है। राम रहीम को कुल बीस साल की सजा दी गई है जो उन्हें लगातार नहीं काटनी होगी।’ बलात्कारी बाबा के वकील एसके नरवाना ने आगे बताया कि राम रहीम को धारा 376 और 506 के तहत ये सजा सुनाई गई है।

वीडीओ वायरल, हम बुरी सोच नही रखते
ऐसे में बलात्कारी बाबा राम रहीम का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। जिसे फेसबुक पर एक यूजर्स ने शेयर किया है। वीडियो शेयर किए जाने के बाद से ही इस चंद घंटों में 64 हजार लोग देख चुके हैं। जबकि दो हजार से ज्यादा लोगों ने वीडियो को शेयर किया है। वीडियो में राम रहीम से रिपोर्टर द्वारा एक सवाल पूछा गया है। रिपोर्टर पूछते हैं कि बाबा आप सभी काम करते हो। आप डांस करते हो। गाना गाते हो। वो कौन सी चीज है जो आप नहीं करते हैं? जिसका जवाब देते हुए राम रहीम ने कहा, ‘बस हम बुरी सोच कभी नहीं रखते हैं और बुरा काम कभी नहीं करते। बाकि हर काम कर लेते हैं।’ वहीं वीडियो पर कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। हर्षवीर सिंह लिखते हैं, ‘ जहां पूरी राजनीति एक बाबा के चरणों मे नतमस्तक हैं वहां आप जैसे वीर आईपीएस का ये कटाक्ष काबिल ए तारीफ हैं।’ राम लिखते हैं, ‘मेरा बस चले तो ऐसे बाबाओं को बीच सड़क पर लटकाकर गोली मार दूं।’ विजय लिखते हैं, ‘आम लोगों का अंधविश्वास ही इन बाबा लोगो को प्रोत्साहन देता है। और एक दिन कोई भी बाबा इसका फायदा उठाकर मानवता को शर्मासर करने वाले कार्य को अंजाम देता है।’

घसीट कर ले गए कोर्ट रुम से बाहर
रोहतक जेल में 20 साल की कैद की सजा सुनाए जाने के बाद भी बलात्कारी बाबा कोर्ट रूम से बाहर नहीं जा रहा था। वो लगातार जज जगदीप सिंह से रहम की भीख मांग रहा था। वो बार-बार जज के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ा रहा था, मुझे माफ कर दो, गलती हो गई लेकिन जज का दिल नहीं पसीजा। इसके बाद गुरमीत राम रहीम सिंह कोर्ट रूम में ही बैठकर रोने लगा। इससे पहले उसने बीमारी का भी बहाना बनाया मगर कोर्ट रूम में पहुंची मेडिकल टीम ने जांच कर उसे मेडिकली फिट करार दे दिया। इसके बाद पुलिस के जवान उसे घसीटते हुए जेल के बैरक तक ले गए, जहां वो पिछले दो दिनों से कैदी नंबर 1997 बनकर रह रहा है। राम रहीम के वकील ने जज से गुजारिश की कि राम रहीम समाजसेवी हैं, इसलिए उन्हें माफी दी जाय। बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट को यह भी दलील दी कि बाबा ने स्वास्थ्य शिविर लगवाए, रक्त दान कैम्प लगवाए हैं। इस पर जज ने कहा, लगवाए होंगे और किए होंगे सामाजिक काम लेकिन उन्होंने बलात्कार भी किया है, इसलिए उन्हें सजा भी मिलेगी। इससे पहले जज ने दोनों पक्षों को अपनी-अपनी बात रखने के लिए 10-10 मिनट का वक्त दिया। सीबीआई के वकील ने मामले में अधिकतम सजा देने की मांग करते हुए राम रहीम को उम्रकैद देने की मांग की थी।

जब्त गाड़ी से पुलिस को आपत्तिजनक सामान बरामद

पंचकूला में हुई हिंसा के दौरान पुलिस ने बाबा गुरमीत की कई संदिग्ध गाड़ियां जब्त की थी। जो फिलहाल पंचकूला के मनसा देवी पुलिस स्टेशन में खड़ी हैं। पुलिस ने जब इन गाड़ियों की तलाशी ली तो पाया कि यह लग्जरी गाड़ियों में ऐशगाह का वह सारा सामान है, जो किसी पांच सितारा होटल में होता है। पुलिस को गाड़ी में से कई आपत्तिजनक सामान भी मिले है। जिसमें महिलाओं के सेनेटरी नैपकिन भी शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, हंगामे के दौरान पकड़ी गई इन गाड़ियों से जो चीजें मिली उससे पता चलता है कि बाबा को कैसे भगाना था। पुलिस थाने में मौजूद फायर ब्रिगेड की गाड़ी में एक 5/4 का बॉक्स मिला है। यह बॉक्स आमतौर पर किसी भी फायर टेंडर के अंदर नहीं होता है। इस बॉक्स में जांच करने के बाद सामने आया कि इसमें पेट्रोल डाला गया था। ये पेट्रोल वहीं से पानी में सप्लाई करना था और आग लगाई जानी थी। गाड़ियों में से कुछ हथियार भी मिले हैं। इन गाड़ियों में से कुछ लिफाफे मिले हैं जो साल 2017 के हथियारों के लिए यूज किए जाते हैं। लेकिन इसमें से हथियार गायब हैं। लग्जरी गाड़ियों में मिले सूटकेसों में कई कपड़े भी मिले हैं। इससे साफ होता है कि गुरमीत को भगाकर ले जाने के लिए प्लानिंग की गई थी। रामरहीम के काफिले से जब्त की गई इन गाड़ियों में महंगे पर्दे और सीट कवर लगाए गए थे। वहीं, सीटें आरामदायक सौफे की तरह थी।
साजिश के तहत कोर्ट में दोषी साबित होने के बाद गुरमीत सिंह को बाहर लाया गया, तो गुरमीत के गनमैनों ने एक आईपीएस अधिकारी के साथ हाथापाई की। वहीं पर बलात्कारी बाबा को भगाने की कोशिश की गई थी। इस दौरान कई गाड़ियों का काफिला डेरा मुखी के काफिले के पीछे भागा था। प्लानिंग के दौरान जब ये झगड़ा हो रहा था, इसी दौरान आदित्य सहित बाकी लोगों ने यहां सेक्टर 2/4 के चौक पर पहले से ही प्लांड प्रोग्राम के तहत दंगा करवा दिया था। प्लानिंग थी कि दंगा होने के बाद सारी पुलिस फोर्स का ध्यान पब्लिक पर हो जाएगा। पब्लिक भी अच्छी संख्या में है, जो पूरे जोश में थी। ऐसे में दंगा को फैलाने की साजिश करने वाले यहां दंगा होने पर वहां से निकल गए।

जानिए, किसने प्रशासन से कहा कि मैं बाबा के साथ जेल में रहना चाहती हॅू

हर वक्त साथ रहने वाली डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत उर्फ प्रियंका बाबा के साथ जेल में रहना चाहती थी। इसके लिए हनीप्रीत और डेरा मुखी के वकीलों ने बहुत कोशिश की, लेकिन जेल प्रशासन और रोहतक के जिला प्रशासन ने हनीप्रीत को डेरा मुखी के साथ जेल में रहने की अनुमति नहीं दी।
हनीप्रीत डेरा प्रमुख की दत्तक बेटी है, लेकिन करीब छह साल पहले 2011 में हनीप्रीत के पति विश्वास गुप्ता ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपनी पत्नी के बाबा के साथ अवैध संबंधों का आरोप लगाया था। विश्वास पंचकूला का रहने वाला है और हनीप्रीत फतेहाबाद की रहने वाली है। दोनों के बीच अब तलाक हो चुका है।
हनीप्रीत का नाम डेरे के उत्तराधिकारियों की सूची में भी टॉप पर है। डेरा प्रमुख की कई फिल्मों में उसके रोल भी बताए जाते हैं। डेरा प्रमख जब सीबीआइ कोर्ट पंचकूला में पेशी के लिए आया, तब हनीप्रीत उसके साथ ही थी। बाबा के वकीलों ने हनीप्रीत को बाबा की सहायक के रूप में कोर्ट में मौजूद रहने की अनुमति दिलाई थी। तब वकील ने यह भी कहा था कि हनीप्रीत भी जेल में साथ जाना चाहती है। सीबीआई के जज ने कहा कि यह सरकार अथवा जेल या जिला प्रशासन के स्तर का मामला है। तब तक हनीप्रीत चॉपर में बाबा के साथ चंडी मंदिर से सुनारिया तक उड़ान भर चुकी थी, लेकिन जब बाबा के साथ जेल में जाने की बारी आई तो जिला प्रशासन व जेल अधिकारियों ने रोक दिया। हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सहायक के तौर पर हनीप्रीत को कोर्ट में रहने की अनुमति सीबीआइ कोर्ट से मिली थी, लेकिन इससे आगे की प्रक्रिया को जिला प्रशासन को पूर्ण करना था। संबंधित लड़की को जेल में रहने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी।

35वीं बार मन की बात में मोदी बोले शिक्षक दिवस पर 5साल के लिये संकल्प लेकर पूरा करे

नरेंद्र मोदी ने 35वीं बार मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित किया। पीएम हर महीने के आखिरी रविवार को 11 बजे इस कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित करते हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने हरियाणा में हुई हिंसा पर चिंता जताई। अहिंसा परमो धर्म ये हम बचपन से सुनते आए हैं। पीएम ने कहा कि मैंने लाल किले से भी कहा था कि आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी। चाहे वो सांप्रदायिक आस्था हो, चाहे वो राजनैतिक विचार धाराओं के प्रति आस्था हो, चाहे वो व्यक्ति के प्रति आस्था हो, चाहे वो परम्पराओं के प्रति आस्था हो, आस्था के नाम पर, कानून हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि कानून हाथ में लेने वाले, हिंसा के राह पर दमन करने वाले किसी को भी, चाहे वो व्यक्ति हो या समूह हो, न ये देश कभी बर्दाश्त करेगा और न ही कोई सरकार बर्दाश्त करेगी। हर किसी को कानून के सामने झुकना होगा, कानून जवाबदेही तय करेगा और दोषियों को सजा दे कर रहेगा।
स्वच्छता का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि 2 लाख 30 हजार से भी ज्यादा गांव, खुले में शौच से अपने आपको मुक्त घोषित कर चुके हैं। शौचालयों की कवरेज 39 से करीब-करीब 67 पहंची है। मैं आह्वान करता हूं कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती से 15-20 दिन पहले से ही स्वच्छता ही सेवा मुहिम चलाएं। ऐसा स्वच्छता खड़ी कर दें कि 2 अक्टूबर सचमुच में गांधी के सपनों वाली 2 अक्टूबर हो जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे की अपर्णा का मैसेज उठाते हुए कहा कि क्या आपको नहीं लगता है कि जब हम, हमारे घर के आस-पास कोई सामान बेचने के लिए आता है, कोई फेरी लगाने वाला आता है। किसी छोटे दुकानदार से, सब्जी बेचने वालों से हमारा संबंध आ जाता है, कभी ऑटो-रिक्शा वाले से संबंध आता है। जब भी हमारा किसी मेहनतकश व्यक्ति के साथ संबंध आता है तो हम उससे भाव का तोल-मोल करने लग जाते हैं, मोल-भाव करने लग जाते हैं। नहीं इतना नहीं, दो रुपया कम करो, पांच रुपया कम करो और हम ही लोग किसी बड़े रेस्त्रां में खाना खाने जाते हैं तो बिल में क्या लिखा है देखते भी नहीं हैं, धड़ाम से पैसे दे देते हैं। इतना ही नहीं शोरूम में साड़ी खरीदने जाएं तो कोई मोल-भाव नहीं करते हैं, लेकिन किसी गरीब से अपना नाता आ जाए तो मोल-भाव किए बिना रहते नहीं हैं। गरीब के मन को क्या होता होगा, ये कभी आपने सोचा है? उसके लिए सवाल दो रुपये- पांच रुपये का नहीं है। उसके ह्रदय को चोट पहुंचती है कि आपने वो गरीब है इसलिए उसकी ईमानदारी पर शक किया हैं। दो रुपया- पांच रुपया से आपके जीवन में कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन आपकी ये छोटी-सी आदत उसके मन को कितना गहरा धक्का लगाती होगी कभी ये सोचा है? खेल पर पीएम ने कहा कि खेल मंत्रालय ने खेल प्रतिभा की खोज के लिए स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च पोर्टल तैयार किया है। इस पर कोई भी बच्चा जिसने खेल के क्षेत्र में कुछ उपलब्धि हासिल की है, वो पोर्टल पर अपना बायोडाटा या वीडियो अपलोड कर सकता है। सलेक्ट इमर्जिंग प्लेयर्स को खेल मंत्रालय ट्रेनिंग देगा और मंत्रालय कल इस पोर्टल को लॉन्च करने वाला है। खुशी की खबर है कि भारत में 6 से 28 अक्टूबर तक फीका अंडर-17 वर्ल्ड कप का आयोजन होने जा रहा है।
पीएम ने कहा कि 5 सितंबर को हम सब शिक्षक दिवस मनाते हैं। हमारे देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस है। वे राष्ट्रपति जरूर थे, लेकिन जीवन भर अपने आप को एक शिक्षक के रूप में ही वो प्रस्तुत करते थे। वो हमेशा शिक्षक के रूप में ही जीना पसंद करते थे। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इस बार जब हम शिक्षक दिवस मनाए। तो हम सभी एक संकल्प लें। हर किसी को 5 साल के लिए, किसी संकल्प से बांधिए, उसे सिद्ध करने का रास्ता दिखाइये और 5 साल में वो पाकर कर रहे। जीवन में सफल होने का आनंद पाएं।

आखिरकार बेटी को किस हैसियत से बाबा के साथ जेल जाने दिया हरियाणा सरकार ने

हरियाणा में हुई हिंसा और राम रहीम समर्थकों को रोकने में राज्य सरकार की नाकामी पर हाई कोर्ट की फटकार के बाद शनिवार को सूबे के डीजीपी बीएस संधू और चीफ सेक्रटरी डीएस धेसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सेक्रटरी ने बताया कि हिंसा में जो भी लोग घायल या मारे गए हैं, उनमें एक भी शख्स स्थानीय नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक, मारे गए लोग बाहर से आए थे। हिंसा काबू न कर पाने के आरोपों पर सफाई देते हुए चीफ सेक्रटरी ने कहा कि स्टैंडर्ड प्रोसिजर और हाई कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक ही कदम उठाए गए। इस बीच शांति बहाली में जुटी सेना ने कहा है कि सेना का सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय में घुसने का कोई प्लान नहीं है।
राम रहीम को जेल में वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने के आरोपों को अधिकारियों ने सिरे से खारिज किया। चीफ सेक्रटरी ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर राज्य सरकार राम रहीम को हेलिकॉप्टर से जेल लेकर गई। जेल में राम रहीम को कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं दी जा रही। अधिकारी के मुताबिक, राम रहीम को एसी और बाहर से मंगवाया खाना देने की बात गलत है। वहीं, उनसे जेड प्लस सिक्यॉरिटी भी छीन ली गई है। राम रहीम के साथ उनकी बेटी के हेलिकॉप्टर में सफर करने के सवाल पर चीफ सेक्रटरी घिरते नजर आए। जब पत्रकारों ने पूछा कि किसके आदेश से उनकी बेटी को हेलिकॉप्टर में जाने दिया गया, चीफ सेक्रटरी ने मामला पता करवाने की बात कही।

हाइकोर्ट ने पंचकुला मामले में सरकार को लताड़ा, कहा हर मोर्चे पर रहे नाकाम

डेरा सच्चा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की सीबीआई की एक कोर्ट ने शुक्रवार को रेप के 15 साल पुराने मामले में दोषी माना। बाबा को दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद ही उनके समर्थक उग्र हो गए और हरियाणा-पंजाब समेत 5 राज्यों में उन्होंने तांडव मचाया। हिंसा का सबसे ज्यादा असर पंचकूला में देखने को मिला, जहां 29 लोगों की मौत हो गई। वहीं सिरसा में भी 2 लोगों की जान चली गई.हिंसा पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने खट्टर सरकार को लगातार तीसरे दिन जमकर लताड़ा है. कोर्ट ने कहा कि सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए शहर को जलने दिया. ऐसा लगता है कि सरकार ने सरेंडर कर दिया।
इससे पहले शुक्रवार को कोर्ट के फैसले के बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि स्वयंभू बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह के अनुयायियों द्वारा की जा रही हिंसा और आगजनी के कारण हुई क्षति की भरपाई डेरा सच्चा सौदा से कराई जाए। अदालत ने आदेश दिया कि कोई भी राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक नेता कोई भड़काऊ बयान नहीं दे और अगर कोई ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। पीठ ने आदेश में कहा, स्थिति से निपट रहे अधिकारी बिना भय के और निष्पक्षता के साथ अपना काम करे। अगर कोई अधिकारी कर्तव्य के निर्वहन में चूकता है तो उसके खिलाफ अदालत कड़ी कार्रवाई करेगी।