नैनीताल में ग्राम सौड़ से आए ग्रामीणों ने पंगोट देचौड़ी सड़क स्वीकृति देने पर किया मुख्यमंत्री का आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने नैनीताल प्रवास के दौरान प्रशासनिक अकादमी नैनीताल में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आई जनता से मुलाकात की व उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को समस्याओं के निस्तारण हेतु आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान ग्राम सौड़ से आए ग्रामीणों द्वारा पंगोट देचौड़ी सड़क स्वीकृति पर मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त किया। ग्रामीणों ने कहा कि काफी लंबे समय से उनकी सड़क निर्माण की जो मांग थी आज उनके द्वारा पूरी कर ली गई है, इससे क्षेत्र वासियों को सड़क सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।

इस दौरान ग्रामीणों ने राजकीय इंटर कॉलेज सौड़ में अध्यापकों की तैनाती एवं भवन निर्माण की मांग भी मुख्यमंत्री के सम्मुख रखी। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए।

इस अवसर पर विधायक नैनीताल सरिता आर्या, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, दर्जा मंत्री अनिल कपूर डब्बू, आयुक्त कुमाऊं मंडल दीपक रावत, पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊँ रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी सहित अनेक अधिकारी व जनप्रतिनिधि,जनता उपस्थित रही।

सीएम धामी फिर निकले मॉर्निंग वॉक पर, नैनीताल की सड़कों पर जो मिला, उससे की बात और लिया फीडबैक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नैनीताल में मॉर्निंग वॉक के दौरान आम नागरिकों, पर्यटकों एवं स्कूली बच्चों से मुलाकात की और सबके साथ आत्मीय वार्ता की। इस दौरान उन्होंने स्थानीय चाय विक्रेता भरत की दुकान पर चाय का स्वाद भी लिया।

मुख्यमंत्री ने मानस खंड मिशन के अंतर्गत नैना देवी मंदिर परिसर में चल रहे सौंदर्यीकरण कार्यों का निरीक्षण किया। बताया कि मंदिर को और अधिक भव्य व आकर्षक स्वरूप देने हेतु ₹11 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है, जिसके तहत कई महत्वपूर्ण कार्य तेजी से प्रगति पर हैं।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मिशन के अन्य विकास कार्योंकृडीएसए मैदान के सुधार, वलिया नाला, एवं ठंडी सड़क पर भूस्खलन सुरक्षा कार्योंकृकी भी जानकारी अधिकारियों से ली और संबंधित विभागों को इन सभी कार्यों में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए।

इस दौरान जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह बिष्ट एवं जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टी.सी. और अन्य मौजूद रहे।

हल्द्वानी में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के आयोजन पर सीएम ने 17 करोड़ से अधिक की सहायता बांटी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज एम0बी0 इंटर कॉलेज, हल्द्वानी (जनपद नैनीताल) में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में भव्य सहकारिता मेले में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की स्वयं सहायता समूहों और सहकारी समितियों को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पशुपालन एवं सब्जी उत्पादन में कार्यरत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मध्यकालीन दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता कल्याण योजना के तहत 16.97 करोड़ रुपये तथा एनआरएलएम स्वयं सहायता समूहों के अंतर्गत 75.50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की। कार्यक्रम में उपस्थित जनसमुदाय ने गर्मजोशी से मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

मेले के शुभारंभ पर संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष और राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित यह मेला प्रदेश में सहकारिता आधारित अर्थव्यवस्था को नई गति प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि ‘सहकारिता से पर्यटन विकास’ थीम पर आधारित इस सात दिवसीय मेले में प्रदेश की सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों और किसानों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों को मंच मिलेगा। साथ ही ईको-आतिथ्य, ईको-पर्यटन, होमस्टे प्रबंधन, स्थानीय व्यंजन, कृषि एवं फल उत्पाद संवर्धन जैसे विषयों पर विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह मेला स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और सहकारिता की भावना को जन-जन तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता मानव समाज का प्राचीन सिद्धांत है, जो सामूहिक प्रगति, सहयोग और एकता को बढ़ावा देता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2025 को “अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष” घोषित किया जाना सहकारिता की वैश्विक महत्ता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि देश में सहकारिता क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है, जो केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में अभूतपूर्व कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में सहकारिता को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। प्रदेश में सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण की शुरुआत पूरे देश में पहली बार उत्तराखंड से हुई और आज सभी 671 समितियाँ पूरी तरह डिजिटल प्रणाली से कार्यरत हैं। 24 समितियाँ जन औषधि केंद्रों के रूप में कार्य कर रही हैं तथा 640 समितियाँ कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित की गई हैं, जहां ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा, पेंशन, आधार तथा अन्य डिजिटल सेवाएँ उपलब्ध हो रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 5511 समितियों में से 3838 समितियों का डेटा राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस पर अपलोड किया जा चुका है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता दोनों बढ़ी हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने फरवरी 2023 से अब तक 800 नई च्।ब्ै, 248 नई डेयरी समितियाँ और 116 मत्स्य समितियाँ गठित की हैं। मिलेट मिशन के अंतर्गत किसानों से मंडुवा की खरीद दर भी बढ़ाई गई है, जो इस वर्ष 48.86 रुपये प्रति किलो निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि “दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना” के तहत किसानों व स्वयं सहायता समूहों को पशुपालन, दुग्ध व्यवसाय, मत्स्य पालन एवं फ्लोरीकल्चर जैसे कार्यों हेतु 5 लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त ऋण, तथा सहकारी समितियों के माध्यम से 1 लाख रुपये का ब्याज-मुक्त फसली ऋण प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश के सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक की जमापूंजी होना जनता के भरोसे का प्रमाण है।

कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की स्वयं सहायता समूहों की बहनें आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं और यह गर्व का विषय है कि प्रदेश की 1 लाख 68 हजार से अधिक महिलाएँ आज “लखपति दीदी” बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता और पर्यटन आधारित आजीविका की दिशा में मेले में की जा रही पहलें स्थानीय समुदायों को नए अवसर प्रदान करेंगी।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने हल्द्वानी क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों का विस्तृत उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी में योग एवं आयुष अस्पताल, अंबेडकर पार्क, ओपन जिम जैसे अनेक जनकल्याणकारी कार्य किए गए हैं। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में राजकीय कैंसर संस्थान का निर्माण तेज़ी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि 792 करोड़ रुपये की रिंग रोड, हल्द्वानीदृलालकुआं बाईपास, नगर की सड़कों का सुधारीकरण, मल्टीस्टोरी पार्किंग निर्माण, वेस्ट मैनेजमेंट, लीगेसी वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट, पोलिनेटर पार्क और एस्ट्रो पार्क जैसे कार्य क्षेत्रीय विकास को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। इसके अतिरिक्त हल्द्वानी से विभिन्न जिलों तथा मुंबई के लिए रेल एवं हेलीकॉप्टर सेवाओं की शुरुआत कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सांस्कृतिक पहचान और डेमोग्राफी की सुरक्षा के प्रति सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रदेश में कठोर धर्मांतरण विरोधी एवं दंगा विरोधी कानून बनाए गए हैं। लैंड जिहाद, लव जिहाद जैसी अवैध गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 10 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि मुक्त कराई गई है, 250 अवैध मदरसों को सील किया गया है तथा मदरसा बोर्ड को समाप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि “ऑपरेशन कालनेमि” के माध्यम से सनातन संस्कृति के विरुद्ध पाखंड फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जा रही है। राज्य में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू होने से पिछले साढ़े चार वर्षों में 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध “ज़ीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाते हुए 200 से अधिक भ्रष्टाचारी जेल भेजे गए हैं।

मुख्यमंत्री ने अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वदेशी उत्पादों के उपयोग के लिए किए गए आह्वान का समर्थन करते हुए कहा कि उत्तराखंड को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जनसहभागिता सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रदेशवासियों से स्वदेशी उत्पादों के प्रयोग को जन आंदोलन का रूप देने का आग्रह किया।

कार्यक्रम में सांसद अजय भट्ट, विधायक दीवान सिंह बिष्ट, राम सिंह कैड़ा, दर्जाधारी मंत्री सुरेश भट्ट, बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएँ एवं स्थानीय उत्पादक उपस्थित रहे।

स्प्रिचुअल इकोनॉमिक जोन की स्थापना के साथ समीपवर्ती क्षेत्रों का समग्र विकास किया जाएः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के दोनों मंडलों में एक-एक स्प्रिचुअल इकोनॉमिक जोन की स्थापना के लिए विस्तृत कार्ययोजना (रोडमैप) शीघ्र तैयार की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल उत्तराखंड को वैश्विक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण के साथ-साथ तीर्थ स्थलों एवं उनके आस-पास के क्षेत्रों का समग्र विकास किया जाए। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे, वहीं राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसी वित्तीय वर्ष में इस योजना पर कार्य धरातल पर प्रारंभ किया जाए। इसके तहत योग, ध्यान, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, स्थानीय हस्तशिल्प, पर्वतीय उत्पादों और सांस्कृतिक आयोजनों को भी प्रोत्साहन दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से राज्य का पर्यटन परिदृश्य और समृद्ध होगा तथा उत्तराखंड की पहचान ‘आध्यात्मिक राजधानी’ के रूप में और मजबूत होगी।

मुख्यमंत्री ने बैठक में शीतकालीन यात्रा व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ़ करने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य की शीतकालीन स्थलों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करते हुए, वहां की यात्रा, आवास, परिवहन और सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत किया जाए ताकि अधिक से अधिक पर्यटक राज्य की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विविधता का अनुभव कर सकें। शीतकालीन यात्रा स्थलों के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए पारंपरिक व आधुनिक माध्यमों के जरिए राज्य की पर्यटन संभावनाओं को देश-विदेश तक पहुंचाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही जनसामान्य के जीवन स्तर में सुधार लाना तथा राज्य के प्राकृतिक और आध्यात्मिक धरोहरों को सहेजते हुए सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए ठोस कार्यनीति तैयार की जाए और समयबद्ध रूप से प्रत्येक चरण की मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी जुड़े थे।

बैठक में बद्री- केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, धीराज सिंह गर्ब्याल, स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा, अपर सचिव अभिषेक रोहिला एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

भगवान बिरसा मुण्डा की 150वीं जयंती पर नानकमत्ता कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम धामी, की सात घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नानकमत्ता में भगवान बिरसा मुण्डा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित जनजाति गौरव दिवस समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने 9.68 करोड़ की लागत के महाराणा प्रताप राजकीय महाविद्यालय नानकमत्ता का शिलान्यास व नगर निकाय श्री नानकमत्ता के 1 करोड़ की लागत से निर्मित भवन का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान 7 घोषणाएं की। जिसमें साधु नगर स्थित कैलाश नदी पर पुल, राय सिख भवन के लिए धनराशि अवमुक्त करने, नानकमत्ता बाँध को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने, सनातन धर्म उत्थान समिति भवन एवं मन्दिर निर्माण के लिए धनराशि प्रदान करने, ज्ञानपुर से बरकीडण्डी-औदली से डोहरी- एस्था बी से देवीपुरा-गिधौर परसैनि-बैलपड़ाव को जोडने वाले सड़क मार्ग का डामरीकरण, पर्वतीय उत्त्थान समिति के अतिरिक्त कक्ष के लिए धनराशि उपलब्ध कराने व खटीमा के नवनिर्मित बस स्टैंड का नाम महाराणा प्रताप रखने की घोषणा शामिल हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भगवान बिरसा मुण्डा की 150 वीं जयंती पर उन्हें नमन करते हुए सभी को जनजाति गौरव दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज का यह ऐतिहासिक दिन हमारे जनजाति समाज की गौरवशाली परम्परा, संघर्ष, बलिदान और राष्ट्र निर्माण के लिए उनके द्वारा दिए गए अद्वितीय योगदान को स्मरण करने का दिवस है। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा जी जनजाति समाज के गौरव, साहस और स्वाभिमान के अमर प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा ने अल्प आयु में स्वतंत्रता, स्वाधिकार, आत्मसम्मान की ऐसी चेतना समाज में जागृत की जिसने पूरे जनजाति समाज को एकजुट कर नई दिशा प्रदान की।

मुख्यमंत्री ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुण्डा की जन्म जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। उन्होंने लगभग 200 करोड़ की लागत से देश भर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के संग्राहलय बनवायें है, जिससे देश भर में आदिवासी संस्कृति और योगदान को सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि आज संथाल आदिवासी जनजाति की बेटी द्रोपदी मुर्मू हमारे देश की प्रथम नागरिक है। मोदी ने आदिवासी जनजाति समाज के विकास के लिए दिए जाने वाले बजट को भी तीन गुना बढ़ाकर आदिवासी समाज को सशक्त बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज को एकलव्य मॉडल स्कूल, प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान, वन-धन योजना, प्रधानमंत्री जनजाति विकास मिशन, विभिन्न पशुपालन व कृषि संबंधित योजनाओं के माध्यम से समाज व विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का कार्य देश में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार भी आदिवासी जनजाति समुदाय के कल्याण के लिए व उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड में 128 जनजाति गाँवों का चयन किया गया है। जिसके माध्यम से चयनित गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास, आर्थिक सशक्तिकरण, बेहतर शिक्षा व्यवस्था और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में 4 आवासीय एकलव्य विद्यालय, कालसी मेहरवाना बाजपुर व खटीमा में संचालित हो रहे है। जिससे जनजाति समुदाय के छात्रों को निशुल्क शिक्षा एवं हॉस्टल की सुविधा प्रदान की जा रही है। देहरादून के चकराता में और उधम सिंह नगर के बाजपुर में नये आवासीय विद्यालयों का निर्माण तेजी से चल रहा है। जनजाति समाज के बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए उन्हें प्राइमरी स्तर से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक की छात्रवृत्ति भी प्रदान कर रहे है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शैक्षिक उत्थान एवं विकास के लिए वर्तमान में 16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। साथ ही जनजाति समाज के शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियों को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने हेतु प्रदेश में 3 आईटीआई कॉलेजों का संचालन किया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निशुल्क कोचिंग व स्कॉलरशिप दी जा रही है। जनजाति समाज के बेटियों के विवाह के लिए 50 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जा रही है। जनजाति शोध संस्थान के लिए 1 करोड़ का कोरप्रेस फंड भी बनाया गया है। जनजाति संस्कृति के संरक्षण हेतु प्रतिवर्ष राज्य जनजाति महोत्सव और खेल महोत्सव आयोजित किये जा रहे है।

इस अवसर पर विधायक गोपाल सिंह राणा, पूर्व विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा, जिलाध्यक्ष कमल जिन्दल, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रेम सिंह टूरना, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा उपस्थित थे।

पिथौरागढ़ में मां के साथ पैतृक गांव पहुंच भावुक हुए सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी माता के साथ, पिथौरागढ़ जनपद स्थित अपने पैतृक गांव टुंडी-बारमौं पहुंच कर, स्थानीय लोगों से भेंट की। इस दौरान उन्होंने गांव के मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली के लिए कामना की है।

मुख्यमंत्री धामी ने गांव में बिताए अनुभव साझा करते हुए कहा कि मां के साथ अपने पैतृक क्षेत्र, कनालीछीना के टुंडी-बारमौं पहुंचना उनके लिए बेहद भावुक क्षण रहा। यह वही गांव है जहां उन्होंने बचपन बिताया, पहली बार विद्यालय की राह पकड़ी और जहां गांव के स्नेह, संस्कृति और परम्पराओं की समृद्ध छाया ने उनके व्यक्तित्व को आकार दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव पहुंचते ही बुजुर्गों का स्नेहिल आशीर्वाद और मातृशक्ति का अथाह प्रेम मन को भावनाओं से भर गया। कई बुजुर्गों ने इस मुलाकात में भी उन्हें बचपन के नाम से पुकारा, इस अपनत्व को शब्दों में समाना मुश्किल है। नौनिहालों और युवाओं की मुस्कुराहटों में वह सारी स्मृतियां फिर जीवंत हो उठीं, जिन्होंने मुझे मूल्य सिखाए और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुलाकात के दौरान हर चेहरा अपना लगा, हर आंगन स्मृतियों से भरा और हर कदम बचपन की गलियों से होकर गुजरता हुआ महसूस हुआ। टुंडी-बारमौं उनके लिए सिर्फ एक गांव नहीं बल्कि उनकी जड़, संस्कार और पहचान भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह के अनुसार, प्रत्येक उत्तराखंडवासी को अपने पैतृक गांव में अपने घरों को फिर से संवारना होगा। उन्होंने कहा कि गांव से बाहर निवास करने वाले उत्तराखंड के प्रत्येक व्यक्ति को अपने गांव के विकास में योगदान देना होगा। प्रवासी गांव के विकास में अहम योगदान दे सकते हैं।

उत्तराखंड को आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का वैश्विक केंद्र बनाना हमारा लक्ष्यः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल जिले के भुजियाघाट स्थित काया आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन PGICON-2025 का शुभारंभ किया। पाल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट, हल्द्वानी द्वारा WHO कोलेबोरेटिंग सेंटर फॉर इमरजेंसी एंड ट्रॉमा केयर, JPNATC, एम्स नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित इस तीन दिवसीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद केवल उपचार की पद्धति नहीं, बल्कि निरोगी और संतुलित जीवन का दर्शन है। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने स्वास्थ्य को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन की अवस्था बताया था, और यही आयुर्वेद का मूल उद्देश्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में आयुष मंत्रालय की स्थापना के बाद से आयुर्वेद को नई वैश्विक पहचान मिली है। उत्तराखंड सरकार भी इसी दिशा में राज्य को Global Centre of Ayurveda and Wellness के रूप में विकसित करने के लिए कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड सदैव से योग, औषधियों और जड़ी-बूटियों की भूमि रही है। यहां की पर्वतीय वनस्पतियों ने आयुर्वेद को मजबूत आधार प्रदान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य राज्य को वेलनेस टूरिज़्म और प्राकृतिक चिकित्सा का प्रमुख केंद्र बनाना है। इसके लिए आयुर्वेदिक कॉलेजों, अनुसंधान संस्थानों और योग ग्रामों को सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह घोषणा भी की कि राज्य में दो इकोनामिक स्प्रिच्वल जोन एक गढ़वाल मंडल में और एक कुमाऊँ मंडल में स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों के माध्यम से योग, आयुर्वेद, ध्यान, आध्यात्मिक पर्यटन और पारंपरिक चिकित्सा से जुड़े उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल राज्य को आध्यात्मिक और वेलनेस अर्थव्यवस्था के नए मॉडल के रूप में विकसित करेगी, जिससे स्थानीय युवाओं को भी रोजगार और उद्यमिता के अवसर प्राप्त होंगे।

सांसद अजय भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेद और आयुष के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण पहलें की गई हैं, जिससे यह चिकित्सा प्रणाली न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हमारी सांस्कृतिक धरोहर है और इसे जन-जन तक पहुंचाना हमारा दायित्व है।

विधायक बंशीधर भगत ने कहा कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा का माध्यम नहीं, बल्कि भारतीय जीवन पद्धति और ज्ञान परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि उत्तराखंड जैसी औषधीय संपदा से परिपूर्ण भूमि में ऐसे सम्मेलन आयोजित हो रहे हैं, जो युवाओं और शोधकर्ताओं को आयुर्वेद के अध्ययन और अनुसंधान के लिए प्रेरित करेंगे।

कार्यक्रम में विधायक नैनीताल सरिता आर्या, विधायक भीमताल राम सिंह कैड़ा, मंडी परिषद अध्यक्ष अनिल कपूर (डब्बू), दर्जा राज्य मंत्री शंकर कोरंगा, नवीन वर्मा, आयुक्त कुमाऊँ दीपक रावत, आईजी कुमाऊँ रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी नैनीताल ललित मोहन रयाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल मंजूनाथ टी.सी. सहित पाल ग्रुप के प्रतिनिधि अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने सहकारिता मेले का शुभारंभ कर दिया ग्रामीण उद्यमिता को नया प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टनकपुर पहुंचे, जहाँ उन्होंने ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025’ के उपलक्ष्य में सहकारिता विभाग उत्तराखंड द्वारा आयोजित “सहकारिता मेला” का विधिवत शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने गांधी मैदान, टनकपुर में फीता काटकर मेले का उद्घाटन किया और विभिन्न विभागीय स्टॉलों का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सहकारिता केवल आर्थिक व्यवस्था नहीं, बल्कि आपसी सहयोग, सामाजिक समरसता और सामूहिक विकास का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि “सहकारिता आंदोलन राज्य की आर्थिक प्रगति की रीढ़ है, जिससे किसान, युवा और महिलाएँ आत्मनिर्भर बन सकते हैं।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन सहकारिता की भावना को ग्राम्य जीवन से लेकर शहरी समाज तक पहुँचाने की दिशा में अत्यंत सराहनीय पहल हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सहकारिता विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के कृषकों को प्रोत्साहन स्वरूप चार कास्तकारों को प्रत्येक को ₹1-1 लाख के चेक वितरित किए। दूधारू पशु पालन हेतु यह प्रोत्साहन राशि पान सिंह, किशन सिंह, संदीप सिंह सहित चार लाभार्थियों को प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने उन्हें आगे बढ़कर अन्य किसानों के लिए उदाहरण बनने का आह्वान किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने जनपद चंपावत को ₹8810.90 लाख (लगभग ₹88.11 करोड़) की कुल 08 विकास योजनाओं की सौगात दी-जिनमें 03 योजनाओं का लोकार्पण और 05 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

लोकार्पण -कुल 03 योजनाएँ, लागत ₹2478.56 लाख
1. नायकगोठ-हनुमानगढ़ी मोटर मार्ग पर आर्च मोटर सेतु (₹1377.14 लाख)
विधानसभा क्षेत्र चंपावत के ग्राम नायकगोठ से हनुमानगढ़ी खेतखेड़ा थ्वालखेड़ा मोटर मार्ग पर निर्मित 125 मीटर स्पान आर्च मोटर सेतु का लोकार्पण किया गया, जिससे स्थानीय संपर्कता को नया बल मिलेगा।
2. चंपावत के आंतरिक संपर्क मार्गों का हॉट मिक्स द्वारा सुधार (₹992.12 लाख)
प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग द्वारा चंपावत के आंतरिक मार्गों को सुदृढ़ करने का कार्य पूर्ण किया गया।
3. कलेक्ट्रेट भवन का कुमाऊँनी शैली में पुनर्निर्माण (₹109.30 लाख)
ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा पारंपरिक स्थापत्य शैली में कलेक्ट्रेट भवन का पुनर्निर्माण कर आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया।

शिलान्यास-कुल 05 योजनाएँ, लागत ₹6332.34 लाख
1. तहसील कार्यालय चंपावत भवन का निर्माण (₹1385.68 लाख)
उत्तराखंड पेयजल संसाधन विकास एवं निर्माण निगम, लोहाघाट द्वारा प्रस्तावित इस भवन से प्रशासनिक कार्यक्षमता को मजबूती मिलेगी।
2. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत तीन वाटरशेड विकास परियोजनाओं का शुभारम्भ
Champawa/WDC/PMKSY 20/4/2021-22 &1092-56 yk[k

Champawat/WDC/PMKSY 20/11/2021-22 —1332.24 लाख

Champawat/WDC/PMKSY 20/11/2021-22 —1563.52 लाख

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “इन परियोजनाओं से चंपावत के समग्र और संतुलित विकास को नई दिशा मिलेगी। इससे ग्रामीण आजीविका सशक्त होगी, क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार होगा।”

इस अवसर पर दर्जा राज्य मंत्री श्याम नारायण पांडे, जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद सिंह अधिकारी, नगर पालिका अध्यक्ष विपिन कुमार, ब्लॉक प्रमुख अंचला बोहरा, भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, भाजपा प्रदेश महामंत्री निर्मल महरा, जिला महामंत्री मुकेश कलखुड़िया, प्रकाश तिवारी, दीपक रजवार, पूरन महरा, हिमेश कलखुड़िया, शिवराज कठायत, गुंजन सुखेजा, सतीश पांडे, पुष्पा विश्वकर्मा, केदार बृजवाल, विकास शाह सहित जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती, मंगला त्रिपाठी संयुक्त निदेशक सहकारिता विभाग साहित जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

सीएम धामी की टनकपुर में ‘एकता पदयात्रा’, युवाओं को स्वदेशी व नशा मुक्त भारत के लिए किया प्रेरित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने एक दिवसीय चंपावत भ्रमण कार्यक्रम के तहत को टनकपुर पहुँचे। उन्होंने राष्ट्र की एकता और अखंडता के प्रतीक लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित ‘एकता पदयात्रा’ में प्रतिभाग किया।

यह पदयात्रा डिग्री कॉलेज टनकपुर से प्रारंभ होकर गांधी मैदान तक सम्पन्न हुई। मुख्यमंत्री ने पैदल चलकर जनसमूह को राष्ट्रीय एकता, अखंडता और स्वावलंबन का संदेश दिया।

डिग्री कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि “सरदार वल्लभभाई पटेल भारत की एकता, अखंडता और दृढ़ संकल्प के प्रतीक हैं। स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान और देश की रियासतों के एकीकरण में उनकी भूमिका सदैव स्मरणीय रहेगी, जो नवजवानों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।”

मुख्यमंत्री ने कहा सरदार पटेल के जीवन से हमें राष्ट्रहित में समर्पण, अनुशासन और एकता का प्रेरणादायक संदेश मिलता है। उन्होंने इस अवसर पर सभी को ‘नशा मुक्त भारत निर्माण’ का सामूहिक संकल्प भी दिलाया।

एकता मार्च में टनकपुर के युवाओं का विशेष उत्साह देखने को मिला। एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस स्वयंसेवक, स्थानीय छात्र-छात्राएँ, नौजवानों, जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ साथ स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। युवाओं ने ‘नशा मुक्त भारत’ और ‘स्वदेशी अपनाओ’ के नारों के साथ एकता और देशभक्ति का सन्देश दिया।

मुख्यमंत्री के आह्वान पर जनसमूह में देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव का वातावरण व्याप्त हो गया, जिससे राष्ट्रीय एकता के इस पर्व को और भी अधिक गरिमामय बना दिया गया।

इस अवसर पर दर्जा राज्य मंत्री श्याम नारायण पांडे, जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद सिंह अधिकारी, नगर पालिका अध्यक्ष विपिन कुमार, ब्लॉक प्रमुख अंचला बोहरा, भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, भाजपा प्रदेश महामंत्री निर्मल महरा, जिला महामंत्री मुकेश कलखुड़िया, प्रकाश तिवारी, दीपक रजवार, पूरन महरा, हिमेश कलखुड़िया, शिवराज कठायत, गुंजन सुखेजा, सतीश पांडे, पुष्पा विश्वकर्मा, श्री केदार बृजवाल, विकास शाह सहित जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती, मंगला त्रिपाठी संयुक्त निदेशक सहकारिता विभाग साहित जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

पिथौरागढ़ के नैनी सैनी हवाई अड्डे के अधिग्रहण को एमओयू पीएम की मौजूदगी में हुए हस्ताक्षर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आज भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और उत्तराखंड सरकार के बीच पिथौरागढ़ स्थित नैनी सैनी हवाई अड्डे के अधिग्रहण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह ऐतिहासिक समझौता उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में सुगम, सुरक्षित और टिकाऊ हवाई संपर्क की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नैनी सैनी हवाई अड्डे का कुल क्षेत्रफल लगभग 70 एकड़ है। यहां का टर्मिनल भवन व्यस्त समय में 40 यात्रियों को सेवा प्रदान करने में सक्षम है। साथ ही, एप्रन एक समय में दो विमानों (कोड-2बी) को समायोजित करने की सुविधा से सुसज्जित है।

इस अधिग्रहण से हवाई अड्डे के मौजूदा बुनियादी ढांचे का उन्नयन, परिचालन मानकों का सुव्यवस्थित प्रबंधन, तथा उत्तराखंड की क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में उल्लेखनीय सुधार होगा।
नैनी सैनी हवाई अड्डे का विकास प्रदेश की स्थानीय कला, सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन क्षेत्र को नया प्रोत्साहन देगा। इससे व्यापार, तीर्थ पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आतिथ्य क्षेत्र में नए अवसर खुलेंगे तथा स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए आयाम सृजित होंगे।

इस पहल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुगम्य और टिकाऊ विमानन अवसंरचना के दृष्टिकोण को बल मिलेगा और इस रणनीतिक हिमालयी क्षेत्र में आपदा-प्रतिक्रिया क्षमताओं को भी सुदृढ़ किया जा सकेगा।

यह समझौता उत्तराखंड को विकास की नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा।