टिकटॉक को आ गया बाय-बाय करने का समय, स्वदेशी एप मित्रों हो रहा पॉपुलर

भारत में टिकटॉक का बाय-बाय करने का वक्त आ गया है। भारत के युवाओं की जुबां पर अब टिकटॉक नहीं बल्कि स्वदेशी निर्मित एप मित्रों का नाम है। अभी तक इस एप को 50 लाख से ज्यादा युवा गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर चुके है। इसे आईआईटी रूड़की के पूर्व छात्रों ने बनाया है। इसे टिकटॉक का क्लोन भी कहा जा रहा है।

आईआईटी के पूर्व छात्रों का कहना है कि एप लांच करते समय हमें ऐसे ट्रैफिक की उम्मीद नहीं थी। इसे बनाने के पीछे लोगों को सिर्फ भारतीय विकल्प देना था। आईआईटी रुड़की में वर्ष 2011 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग ब्रांच से पासआउट छात्र शिवांक अग्रवाल ने अपने चार साथियों के साथ मित्रों एप बनाया है।

11 अप्रैल को हुआ था मित्रों एप लांच
पेटीएम के पूर्व सीनियर वाइस प्रेजिडेंट दीपक के ट्वीट के बाद इसकी चर्चा हर किसी की जुबान पर है। अचानक बड़ी संख्या में लोगों के एप डाउनलोड करने से नेटवर्क ट्रैफिक भी प्रभावित होने लगा। टीम मेंबर ने बताया कि वास्तव में 11 अप्रैल को एप लांच करते समय यह नहीं सोचा था कि इसे इतनी सफलता मिलेगी। टिकटॉक को पीछे छोड़ना जैसी कोई बात नहीं है। हमारा उद्देश्य लोगों को सिर्फ एक भारतीय विकल्प देना था। लोग इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे या नहीं यह हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन हमें लोगों से जो आशीर्वाद मिला, उससे हम बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि हमें किसी ने फंड नहीं दिया है, उनका फंड लोगों का प्यार ही है।

मित्रों स्वदेशी नाम, इसलिए देना उचित
टीम मेंबर ने बताया कि मित्रों का अर्थ मित्र ही है। एक तो यह भारतीय उपभोक्ताओं को भारतीय मंच के जरिए सेवा देने के लिए है। हम स्वदेशी नाम देकर भारतीय नामों के खिलाफ पूर्वाग्रहों को भी दूर करना चाहते हैं।

शीतलहर की चपेट में उत्तर भारत, कई जिलों में ठंड से मौत की खबर

पहाड़ों में लगातार हो रही बर्फबारी के चलते उत्तरी भारत शीतलहर की चपेट में है। ठंड से अब तक देशभर के विभिन्न जिलों में 25 लोगों की जान चली गई।
इनमें चंदौली में 6, हमीरपुर में 4, बांदा, बलिया व गाजीपुर में 2-2, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, आजमगढ़, मऊ, चित्रकूट, महोबा, फतेहपुर व हाथरस में एक-एक की मौत हुई है। प्रदेश में बागपत में न्यूनतम तापमान 4.9, मुजफ्फनरगर में 5 और सहारनपुर 6 व वाराणसी में 8.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
फिलहाल ठंड से राहत के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं। पूर्वांचल में बीते 24 घंटे में 15 लोगों की जान चली गई। चंदौली जिले में मजनू (5), इंद्रनाथ सिंह चैहान (62), लक्ष्मण यादव (65), रज्जन मौर्या (60), रामवृक्ष मौर्य (60) और वीरेंद्र माली (55) की ठंड से मौत हो गई।
गाजीपुर में चमेला देवी (68) व रेखा (6) और बलिया में शिव शंकर यादव उर्फ पेटू (70), उपेंद्र यादव (48) की मौत हुई है। इसके अलावा वाराणसी में सिताबुन (75), भदोही में राजनारायण गुप्ता उर्फ नबी (53), जौनपुर में सालिक राम (50) और आजमगढ़ में बालचंद (58) तथा मऊ में एक अज्ञात वृद्ध की भी मौत हो गई।
बुंदेलखंड के महोबा में रूपरानी (70), हमीरपुर में समर (7), गजराज यादव (75), फूलमती (85) व सुखदेई सिंह (90) की भी ठंड से जान चली गई। चित्रकूट में जगदीश प्रसाद, बांदा में दुर्गेश लोध (38) और झंडू (90) की मौत हुई है। उधर, फतेहपुर जिले के असोथर क्षेत्र के बेसढ़ी गांव निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक राजविभीषण राजपूत व हाथरस में अलीगढ़ रोड स्थित गांव तमनागढ़ी में एक बुजुर्ग की ठंड से मौत हो गई।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होते ही बृहस्पतिवार को पहाड़ों पर फिर बर्फबारी का दौर शुरू हो गया जिससे उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप बढ़ गया। उत्तराखंड के केदारनाथ, बदरीनाथ, तुंगनाथ, हेमकुंड साहिब, मद्महेश्वर समेत ऊंचाई वाले स्थानों व हिमाचल के रोहतांग और किन्नौर में हिमपात हुआ है। वहीं जम्मू लगातार तीसरे दिन धुंध की चपेट में रहा, शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर हल्की बर्फबारी या बारिश होने की संभावना है।
उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में बृहस्पतिवार दोपहर 12 बजे के बाद से हल्की बर्फबारी शुरू हो गई थी, जो शाम तक जारी रही। यहां पहले से छह फुट से अधिक बर्फ मौजूद है। उधर, चमोली जिले में 12-13 दिसंबर को हुई बर्फबारी के चलते अभी भी करीब 90 गांवों में विद्युत आपूर्ति ठप पड़ी है। वहीं सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने बृहस्पतिवार को नीती और माणा घाटियों को जोड़ने वाली सड़कों को वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारु कर दिया है।
हिमाचल में ताजा बर्फबारी के चलते प्रशासन ने सैलानियों को सोलंगनाला जाने से रोक दिया है। रोहतांग दर्रा के साथ कुल्लू, लाहौल और किन्नौर की ऊंची पहाड़ियों में बृहस्पतिवार को रुक-रुककर बर्फबारी का दौर जारी रहा। खराब मौसम की वजह से गगल हवाई अड्डे में जहाज भी नहीं उतर पाए। वहीं हिमाचल में इस बार भी व्हाइट क्रिसमस की उम्मीद टूट गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 22 से 25 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान जताया है।
रिलकोट में बर्फबारी में फंसे जवान-पोर्टर सुरक्षित निकाले जाएंगेरू मुनस्यारी के रिलकोट में बर्फबारी के बीच फंसे आईटीबीपी के आठ जवानों और सात पोर्टरों को सुरक्षित निकालने की कोशिश शुरू हो गई हैं। आईटीबीपी ने रेलकोट में हैलीपेड तैयार कर लिया है। साथ ही एयरफोर्स अधिकारियों से फंसे जवानों और पोर्टरों को निकालने के लिए पत्र लिखा गया है।

हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने किया परमार्थ निकेतन का निरीक्षण, हुआ चौकाने वाला खुलासा

51 वर्षों से बिना लीज अनुबंध के परमार्थ निकेतन चल रहा है। इसका खुलासा शनिवार को हुई पैमाइश के बाद हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी पौड़ी धीरज गर्ब्याल ने प्रशासन की एक टीम को पैमाइश करने के लिए परमार्थ निकेतन भेजा। इस दौरान राजस्व, सिंचाई और वन विभाग के अधिकारियों ने परमार्थ निकेतन स्थित गंगा घाट की पैमाइश की। इस दौरान सामने 51 वर्ष पहले ही परमार्थ निकेतन की वन विभाग से हुई लीज डीड की अवधि समाप्ति वाली बात निकलकर आई।

हाईकोर्ट ने पौड़ी डीएम को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में 16 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश एक याचिका के बाद दिया है। याचिका में यह आरोप है कि परमार्थ निकेतन ने सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण किया है। पैमाइश के दौरान खुलासा हुआ कि वन विभाग ने परमार्थ निकेतन को 2.3912 एकड़ भूमि लीज पर दी थी। लीज की अवधि वर्ष 1968 में ही समाप्त हो चुकी है। इस तथ्य की पुष्टि राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रो ने की है। उन्होंने बताया कि परमार्थ निकेतन का वन विभाग के साथ केवल 15 वर्षों का अनुबंध हुआ था, लेकिन लीज अनुबंध खत्म होने के बाद अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। पैमाइश करने वाली टीम में एसडीएम श्याम सिंह राणा, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुबोध मैठाणी, रेंज अधिकारी धीर सिंह, पटवारी कपिल बमराड़ा शामिल थे।

परमार्थ निकेतन का भूमि संबंधी विवाद वीरपुर खुर्द में भी जोर पकड़ रहा है। दरअसल यहां परमार्थ की ओर से संचालित गुरुकुल भी वन विभाग की भूमि पर संचालित है। आरोप है कि निकेतन ने यहां 27 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। इस संदर्भ में पशुपालन विभाग ने भी कोर्ट में काउंटर दाखिल कर स्पष्ट किया है कि उक्त भूमि वन विभाग की है। इस मामले में डीएफओ देहरादून राजीव धीमान का कहना है कि परमार्थ निकेतन की ओर से वीरपुर खुर्द में संचालित गुरुकुल का लीज अनुबंध 1978 में समाप्त हो चुका है। फिलहाल यहां हुए अवैध कब्जे को खाली करवाने के मामले में अफसर अभी चुप्पी साधे हुए हैं। परमार्थ निकेतन के प्रभाव को देखते हुए अफसरों में भी कार्रवाई को लेकर संशय बना हुआ है।

उधर, टाईगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रों ने अनुसार केवल 15 वर्षों के लिए परमार्थ को लीज पर भूमि दी गई थी। वर्ष 1968 में परमार्थ निकेतन के साथ वन विभाग का लीज अनुबंध समाप्त हो गया था। वर्ष 2003 तक परमार्थ निकेतन टाईगर रिजर्व को कर शुल्क जमा करता रहा। लीज के नवीनीकरण के लिए आश्रम की ओर से कई बार कहा गया। वर्ष 1980 में वन अधिनियम के तहत लीज पर देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। इस कारण लीज के नवीनीकरण का मामला रुक गया।

प्लास्टिक मुक्त दून बनाने में देहरादून वासियों का भरपूर सहयोग मिल रहाः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को ‘‘पॉलीथीन मुक्त ग्रीन दून मिशन ’’ अन्तर्गत नगर निगम, देहरादून द्वारा आयोजित मानव श्रृंखला कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। पॉलीथीन मुक्त, स्वच्छ एवं सुंदर दून बनाने के उद्देश्य से आयोजित 50 किमी की इस विशाल मानव श्रृंखला में एक लाख से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मियांवाला चौक से राजपुर रोड होते हुए घंटाघर तक मानव श्रृंखला में प्रतिभाग कर रही जनता का उत्साहवर्धन किया। प्रातः 10ः00 बजे, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा ने मानव श्रृंखला में शामिल होकर देहरादून को स्वच्छ-सुंदर एवं पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए जनता से आह्वान किया। इस मानव श्रृंखला में जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं, शासन एवं प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों तथा स्कूली बच्चों ने प्रतिभाग किया। यह मानव श्रृंखला, मियांवाला से मसूरी डायवर्जन, घंटाघर, जीएमएस रोड, सहारनपुर रोड होते हुए घंटाघर तक बनाई गई।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का जो आह्वान किया है, देहरादून इसमें लीड ले चुका है। उन्होंने सभी प्रदेश वासियों को पॉलीथीन मुक्त उत्तराखण्ड बनाने में सकारात्मक सहयोग देने पर उनका आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक मुक्त, स्वस्थ-सुंदर एवं ग्रीन दून बनाने के लिए सभी देहरादून वासियों का पूरा सहयोग मिल रहा है। हमने पॉलीथीन मुक्त दून बनाने का संकल्प लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्लास्टिक का इस्तेमाल, सामाजिक बुराई बन गई है। मानव जीवन एवं जीव-जन्तुओं पर इसके अनेक दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं। पॉलीथीन मुक्त देहरादून के लिए नगर निगम देहरादून द्वारा जो अभियान चलाया जा रहा है, इसके काफी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। प्रदेश को पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए जन सहयोग के साथ ही सभी को पॉलीथीन का उपयोग न करने का दृढ़ निश्चय करना होगा।

मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि स्वच्छ एवं ग्रीन दून के लिए देहरादून नगर निगम द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। पॉलीथीन के बहिष्कार के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पिछले तीन माह में जन जागरूकता से देहरादून में पॉलीथीन के उपयोग में 70 प्रतिशत कमी आयी है। जन सहयोग से जल्द ही देहरादून को पूर्ण रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त किया जायेगा।

उत्तराखंड स्वाभाविक रूप से आर्गेनिक राज्यः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत, एनटीआरओ के पूर्व प्रमुख आलोेक जोशी, कोस्ट गार्ड के पूर्व महानिदेशक राजेन्द्र जोशी, उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत सहित विभिन्न हस्तियों ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आयोजित ‘रैबार-2‘ कार्यक्रम में शिरकत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रैबार के सफल परिणाम आए हैं। कोस्ट गार्ड का रिक्यूरिंग सेन्टर हमें मिला है। तमाम विकास की योजनाओं में हमें जो समर्थन मिला है उसमें कहीं न कहीं रैबार कार्यक्रम का भी योगदान रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम कहते हैं कि शहीद राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं के अनुरूप उत्तराखण्ड बने तो इसका आशय प्रदेश के संतुलित विकास से होता है। हमें उन क्षेत्रों में आगे बढ़ना होगा जिसमें हमारा एकाधिकार हो सकता है। उत्तराखण्ड स्वाभाविक रूप से आर्गेनिक राज्य है। हमने पूरे प्रदेश में आर्गेनिक क्लस्टर तैयार किये है।

पिरूल को हम अभिशाप मानते हैं, वो हमारे लिए वरदान साबित होने वाला है। हम पिरूल से बिजली बनाने के लिए नीति बनाई है। पिरूल की पत्तियों से बिजली बनाने के 23 प्रोजेक्ट शीघ्र ही राज्य में शुरू होने वाले हैं, इससे कुछ ही दिनों मंे बिजली बनना आरम्भ हो जायेगा। गैस की अपेक्षा पिरूल की पत्तियों से होने वाली ऊर्जा की लागत काफी कम है, जल्द ही हम पाईन की पत्तियों से फ्यूल बनाने का पहला प्रोजेक्ट लगाने जा रहे है। चीड़ वनों में विनाश का कारण बन रहा था, पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा था, वही चीड़ की पत्तियों से हमे अब ऊर्जा मिलेगी, हजारांे लोगों को रोजगार मिलेगा, यह हमारे विकास का आधार बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रैबार कार्यक्रम के बाद इन्वेस्टर्स समिट के समय हम 10 नई पॉलिसी लेकर आए और 05 पॉलिसी में परिवर्तन किया। परिणामस्वरूप एक वर्ष एक माह में ही प्रदेश में 17,000 करोड़ रूपए से अधिक का निवेश ऑन ग्राउण्ड हुआ है। सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में भी हम आगे बढ़े हैं। सोलर में राज्य में 600 करोड़ रूपये का निवेश हुवा है।

उत्तराखंडवासी जहां भी गया अपना योगदान दियाः योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने रैबार-2 को अपनी भूमि से जोड़ने का एक अभिनव प्रयोग बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के चारधामों के प्रति देश व दुनिया के श्रद्धालु अपनी सच्ची श्रद्धा रखते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का वासी जहां कहीं भी गया है वहां की समृद्धि में अपना योगदान दिया है। देश की सेना सहित अन्य क्षेत्रों में इस प्रदेश ने कई विभूतियां दी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड उनकी भी जन्म भूमि है। आज उत्तराखण्ड के हर क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध है, फिर भी पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन होना चिन्ता का विषय है। जरा सोचिए आज से 60-70 साल पहले तक जब यहां सड़क, बिजली, स्वास्थ्य सुविधा व पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता नही थी बावजूद इन तमाम दुष्वारियों के हमारे पूर्वज यहां आकर बसे। वे बिना सुविधाओं के यहां बसे आज की पीढ़ी सुविधाओं के बावजूद अपने गांवो को छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने भी कहा था कि जननी और जन्मभूमि का कोई विकल्प नहीं हो सकता है।

उत्तराखंड के सैनिकों ने हर आतंकवादी घटना का मुहतोड़ जवाब दियाः सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने कहा कि सन् 1962 से लेकर आज तक विभिन्न युद्धों में और आतंकवादी घटनाओं को नाकाम करने में उत्तराखण्ड के सैनिकों ने जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। रैबार-2 के लिए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि यह देखकर बहुत खुशी होती है कि यह प्रदेश काफी तेज गति से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। पहले विनाश के रूप में पहचाने जाने वाले चीड़ की पत्तियों से अब विकास का आधार तैयार किया जा रहा है। कई प्रकार की औषधि हैं जो पहले नष्ट कर दी जाती थी, अब उपयोग में लायी जा रही हैं। पर्यटन के क्षेत्र में भी काफी कार्य किया गया है।

हाल ही मे हमने चीन के साथ लगे पहाड़ी इलाकों में अखरोट और चिंगोले की खेती में सहयोग के साथ टेलिकॉम की सुविधा, सड़क निर्माण एवं एडवांस लैंडिंग एयर फील्ड में भी पहल की है। मुझे यह भी खुशी है कि प्रदेश में जो भी कार्यक्रम होता है उसमें सदा ही भारतीय सैनिकों व माताओं को सम्मानित किया जाता है। उत्तराखण्ड, भारतीय सेना में लगातार बहादुर जवान तैनात करते आया है। उत्तराखण्ड का निवासी, नौजवान, नारियां कभी भी दुशमन व आतंकवाद का सामना करने से पीछे नही हटते, इसके लिए हमें आप सब पर गर्व है। उत्तराखण्ड ने हमारी सेना को कई वीर सपूत दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को उत्तराखण्ड के विकास में योगदान की शपथ भी दिलाई। इसके अतिरिक्त वीर नारियों को सम्मानित भी किया गया।

हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी सरकार ने संभाली सत्ता की चाबी

रविवार को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए जेपी नड्डा सुबह चंडीगढ़ पहुंचे। शपथ ग्रहण समारोह में दुष्यंत चौटाला के पिता डॉ. अजय चौटाला भी पहुंचे। दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला, छोटे भाई दिग्विजय चौटाला, अनूप धानक, दविंदर बबली, रणजीत चौटाला, संदीप सिंह, अमरजीत जुलाना आदि भी पहुंचे।

दूसरे कार्यकाल के रूप में ली मनोहरलाल ने शपथ
बता दें हरियाणा में मुख्यमंत्री के अलावा 13 मंत्री बनाए जा सकते हैैं। आठ मंत्री पद भाजपा व डिप्टी सीएम समेत पांच मंत्री पद जजपा के खाते में जा सकते हैैं। जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल से शपथ ग्रहण से पहले उनके आवास पर चर्चा की। राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य दोपहर बाद सवा दो बजे मुख्यमंत्री मनोहरलाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को शपथ दिलाई। इस तरह मनोहरलाल ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल शुरुआत की।

मनोहर लाल ने राज्यपाल के समक्ष 57 विधायकों का समर्थन होने का दावा करते हुए सरकार बनाने का निमंत्रण देने की पेशकश की। भाजपा की ओर से मनोहर लाल, जजपा की ओर से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह और निर्दलीय विधायकों की ओर से उनके लिखित समर्थन पत्र को भाजपा प्रभारी डा. अनिल जैन ने राज्यपाल को सौंपा।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने मौजूदा कार्यकाल को खत्म मानते हुए इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा। राज्यपाल ने इस्तीफा स्वीकार करते हुए शपथ ग्रहण तक कार्यकारी प्रभार संभालने का अनुरोध किया। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सरकार बनाने का न्यौता दिया। 57 साल बाद लगातार दूसरी बार गैर कांग्रेसी दल की सरकार भाजपा व जजपा बनाने जा रहे हैं।

इस तरह हरियाणा सरकार को मिला समर्थन
कुल विधायकों की संख्या-90
भाजपा के विधायकों की संख्या-40
जजपा के विधायकों की संख्या -10
निर्दलीय विधायकों की संख्या-7
कुल योग-57

हरियाणा पर टिकी सबकी नजर, महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार

लोकसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत के बाद अब हरियाणा और महाराष्ट्र में जनता ने फिर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर मुहर लगा दी है। गुरुवार को आए विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के लिए अनुमानों से कमतर रहे, लेकिन पार्टी दोनों राज्यों में सरकार बनाने जा रही है। हरियाणा में 90 में से 40 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी भाजपा को छह निर्दलीयों का समर्थन मिला है। महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना गठबंधन को 288 में से 161 सीटों पर जीत के साथ स्पष्ट बहुमत मिला है। भाजपा नेतृत्व ने भी दोनों राज्यों में अपने मुख्यमंत्रियों पर भरोसा जताया है। जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर और महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नवीस को फिर कमान सौंपने की पुष्टि की है। मनोहर लाल शुक्रवार को राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
हरियाणा में नतीजे काफी चैंकाने वाले रहे। यहां सबसे ज्यादा चैंकाया सालभर पहले अस्तित्व में आई जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने। सालभर पहले ही पारिवारिक विवाद के बाद इनेलो से अलग होकर दुष्यंत चैटाला ने पार्टी गठित की थी। जजपा ने पहली ही बार में 10 सीटों पर जीत हासिल कर ली। नतीजों के बाद जजपा को किंगमेकर की भूमिका में देखा जा रहा था। हालांकि भाजपा को सात में से छह निर्दलीयों का समर्थन मिलने के बाद जजपा का चमत्कारिक प्रदर्शन भी उसे कुछ खास फायदा दिलाता नहीं दिख रहा है।
हरियाणा के नतीजे कांग्रेस के लिए भी अच्छे रहे। कांग्रेस 15 से 31 सीट पर पहुंच गई। चुनाव के ठीक पहले पार्टी में उभरी कलह और उठापटक के बावजूद ये नतीजे कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने वाले हैं। सीटों के लिहाज से नतीजे भाजपा के लिए थोड़ा निराशाजनक रहे। पिछले साल 47 सीटें जीतने वाली भाजपा 40 सीटों पर आ गई। हरियाणा के नतीजों में भाजपा के लिए सोचने वाली बात यह है कि सात निर्दलीयों में से छह भाजपा से जुड़े रहे हैं। भाजपा के लिए बड़ा झटका यह भी है कि राज्य सरकार में कैबिनेट का हिस्सा रहे आठ मंत्री चुनाव हार गए हैं।
महाराष्ट्र के नतीजे बहुत ज्यादा उलटफेर वाले तो नहीं कहे जा सकते हैं, लेकिन उम्मीदों से दूर जरूर हैं। विश्लेषकों का मानना है कि देश में फैला आर्थिक सुस्ती का साया महाराष्ट्र में भाजपा के नतीजों पर दिखा है। 2014 में अकेले लड़कर 288 में 122 सीटें जीतने वाली भाजपा के खाते में इस बार नतीजों और रुझानों के आधार पर 105 सीटें आती दिख रही हैं। शिवसेना भी 63 से 56 पर आ गई है। सबसे ज्यादा फायदे में शरद पवार की राकांपा रही है। राकांपा का आंकड़ा इस बार 41 से 54 पर पहुंच गया है। सोनिया गांधी के हाथ में दोबारा कमान आने के बाद कांग्रेस भी बढ़त में दिखी। पार्टी को 2014 के 42 के मुकाबले 44 सीट मिली है।
नतीजों से सरकार गठन के गणित पर ज्यादा असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। हालांकि उपमुख्यमंत्री शिवसेना को मिलेगा या नहीं, इस मुद्दे पर न तो देवेंद्र फड़नवीस ने मुंह खोला है, न ही उद्धव ठाकरे ने। फिलहाल उद्धव ठाकरे यह कहकर ताना मारने से नहीं चूके कि जिनके नेत्र बंद थे, उन्हें खोलकर जनता ने अंजन लगा दिया है। उम्मीद है कि अब पीछे की गई गलतियां दोहराई नहीं जाएंगी।

बौखलाएं नेता, कहा-जम्मू कश्मीर सियासी मसला, मिलिट्री सोल्यूशन नहीं

जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती के आदेश की सूचना फैलने के बाद राजनीति गरमा गई है। क्षेत्रीय राजनीतिक दल केंद्र को गलत ठहरा रहे हैं। वहीं भाजपा का कहना है कि क्षेत्रीय दलों के नेता अफवाह फैला कर लोगों में खौफ पैदा कर रहे हैं। अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती को जनता 370 और 35-ए हटाने की प्रक्रिया से जोड़कर असमंजस में है।
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह कदम ठीक नहीं है। इससे लोगों के दिलों में शक पैदा हो रहा है। जम्मू कश्मीर सियासी मसला है। इसका सियासी तौर पर हल निकाला जाना चाहिए। इसका मिलिट्री सोल्यूशन नहीं है। जब तक जम्मू-कश्मीर के लोगों और पाकिस्तान को बातचीत में शामिल नहीं किया जाएगा, तब तक इसका हल संभव नहीं है। कुलगाम में दिए इस बयान से पूर्व महबूबा ने अपने ट्विटर पर लिखा कि घाटी में अतिरिक्त 10 हजार सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय पैदा की है। केंद्र सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और सुधार करना होगा।

इस बीच पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन ने कहा कि जब से 100 अतिरिक्त कंपनियों का आदेश वायरल हुआ है, तब से लोगों में खौफ सा पैदा हो गया है। अटकलें लगाई जा रहे हैं कि कहीं जो विशेष दर्जा उन्हें प्राप्त है, कहीं उसके साथ छेड़छाड़ की कोई साजिश तो नहीं है। लेकिन इससे कुछ नहीं होगा। हिंदुस्तान के जो दुश्मन हैं, उनको तो फायदा होगा, लेकिन जिन लोगों ने संविधान के तहत शपथ ली है और जो मुख्यधारा के राजनीतिक दल हैं, उनकी साख को नष्ट करेगा। सज्जाद ने कहा कि ऐसा माहौल बन गया है कि सारे हिंदुस्तान के लोग कश्मीरियों पर हावी होना चाहते हैं। लेकिन जो ग्रेट नेशन होते हैं, वहां ऐसा तरीका नहीं होता है।
अवामी नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष मुजफ्फर अहमद शाह ने कहा कि अतिरिक्त जवानों की तैनाती एक चिंता का विषय जरूर है, लेकिन 1953 से हम तैनाती देखते आए हैं। उनसे कुछ नहीं हुआ। शाह ने कश्मीर घाटी में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती को अनुच्छेद 370 और 35-ए के हटाये जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि ऐसे हटाने का प्रयास गुंडागर्दी होगा। अगर केंद्र इस राज्य की विशेष पहचान को कानूनी तौर पर हटाने की कोशिश करेगी तो वह असफल रहेगी।

सीधी बस सेवा पर बोले मुख्यमंत्री, भाजपा का हर सदस्य जनता की सेवा में तत्पर

हरियाणा परिवहन निगम ने फरीदाबाद से कोटद्वार के लिए नई बस सेवा शुरू की है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इसके लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर को बधाई दी है। और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख व उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्या अनिल बलूनी के प्रयासों की सराहना की है।
मुख्यमंत्री ने अपने अधिकारिक टिवटर पर इसकी बधाई देते हुए इसे सार्थक प्रयास बताया है। अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा का हर सदस्य जनता की सेवा में तत्पर है। और श्री बलूनी सरकार की ओर से हर संभव प्रयास कर रहे हैं जिसका राज्य सरकार समर्थन कर रही है। इसके सार्थक प्रयास भी दिखने लगे है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से फरीदाबाद-कोटद्वार और फरीदाबाद-रामनगर के लिए बस सेवा की मांग की जा रही थी। सांसद अनिल बलूनी ने राज्य सरकार के साथ मिलकर इस ओर प्रयास किए। सरकार ने भी इस मांग का समर्थन किया और सांसद की पहल पर राज्य सरकार ने दो बसों को की सेवा शुरु की।
आपको बता दें कि गुरुवार को फरीदाबाद से कोटद्वार के बीच बस सेवा शुरू की गई। हरियाणा के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार की उपस्थिति में राज्यसभा सदस्य बलूनी ने इस बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

जय प्रकाश के आंदोलन से जुड़े और शुरु हुआ जे पी नड्डा का राजनैतिक सफर

जे पी नड्डा का पूरा नाम जगत प्रकाश नड्डा। लो-प्रोफाइल रहकर विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के हाई-प्रोफाइल नेता बनने का उनका सफर काफी लंबा रहा है। जेपी आंदोलन से प्रभावित होकर राजनीति में कदम रखने वाले नड्डा ने अपनी छवि एक प्रभावी और कुशल रणनीतिकार की बनाई। भाजपा का नेतृत्व बदलता रहा लेकिन पार्टी में उनकी हैसियत कभी नहीं बदली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संगठन में उनकी पैठ बढ़ती रही। वह पुराने नेतृत्व के भी करीब रहे तो आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भी भरोसेमंद माने गए। अब पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद यह कहना मुनासिब ही होगा कि वे भाजपा की ताकतवर तिकड़ी का हिस्सा बन गए हैं।
बिहार में जन्मे नड्डा को किशोयरअवस्था में ही पता लग गया था कि वह राजनीति के लिए बने हैं और राजनीति उनके लिए। जब 16 बरस के थे तो जेपी आंदोलन से जुड़ गए। लिहाजा, राजनीति का ककहरा मंझे राजनेताओं के दौर में सीखने को मिला। इसके बाद सीधे छात्र राजनीति से जुड़ गए। उनकी काबिलियत देखते हुए ही 1982 में उन्हें उनकी पैतृक जमीन हिमाचल में विद्यार्थी परिषद का प्रचारक बनाकर भेजा गया। वहां छात्रों के बीच नड्डा ने ऐसी लोकप्रियता हासिल कर ली थी कि उनके नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश विवि के इतिहास में पहली बार एबीवीपी ने जीत हासिल की।
1983-84 में वे विवि में एबीवीपी के पहले अध्यक्ष बने। 1977 से 1990 तक करीब 13 साल के लिए एबीवीपी समेत कई पदों पर रहे। 1989 में तत्कालीन सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार की लड़ाई के लिए राष्ट्रीय संघर्ष मोर्चा बनाया। 1991 में 31 साल की उम्र में भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर उभरे। छात्र राजनीति में तप चुके नड्डा 1993 में पहली बार हिमाचल प्रदेश में विधायक बने। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री रहे तो वन एवं पर्यावरण, विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री का जिम्मा भी संभाला।
2012 में राज्यसभा पहुंचे और कई संसदीय समितियों में रहे। तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी की टीम में राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता रहे। अपने सौम्य स्वभाव, सादगी और मेहनतकश छवि से उन्होंने भाजपा में अलग नाम बनाया है। संगठन से लेकर चुनाव मैनेजमेंट में उन्होंने महारत हासिल कर ली है। आगे अगर वह अमित शाह की जगह लेने जा रहे हैं तो इसके पीछे उनके द्वारा शाह जैसा कारनामा कर दिखाना भी बड़ी वजह है। बीते पांच बरसों में भाजपा में नड्डा ने कई जिम्मेदारियां सफलतापूर्वक निभाई हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी मुख्यालय से देशभर में पार्टी के अभियान की निगरानी की थी तो 2019 में उनके पास उत्तर प्रदेश का प्रभार था। जाहिर है जिम्मेदारी बहुत बड़ी थी, जिसमें वे सफल भी रहे। सपा-बसपा गठबंधन के बाद जहां भाजपा को यूपी में आधी सीटें मिलने के आसार जताए जा रहे थे, वहां पार्टी ने 62 सीटें जीतीं। इस चुनाव में वह फिर से कुशल रणनीतिकार साबित हुए और पार्टी को 49.6 फीसदी वोट दिलाने का करिश्मा कर दिखाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ नड्डा के नजदीकी रिश्ते रहे हैं। मोदी जब हिमाचल के प्रभारी हुआ करते थे तब से दोनों के बीच अच्छे समीकरण बने रहे हैं। दोनों अशोक रोड स्थित भाजपा मुख्यालय में बने आउट हाउस में रहते थे। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्रालय भी संभाला।
इस बार जब उन्होंने शपथ नहीं ली तो लगभग तय माना जा रहा था कि पार्टी अध्यक्ष का पद जगत प्रकाश नड्डा के लिए ही रखा गया है, जिस पर सोमवार को मुहर भी लग गई। एक नई पारी के साथ 59 वर्षीय नड्डा सबसे शक्तिशाली दल के शीर्ष पर पहुंच गए हैं। उनके लिए पहली सबसे बड़ी चुनौती पश्चिम बंगाल में भाजपा के सरकार बनाने के मिशन को पूरा करना रहेगी।