आपदा के दौरान अवरूद्ध हो रही सड़कों की अविलम्ब की जाए मरम्मत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में लोक निर्माण विभाग की समीक्षा की। उन्होंने 30 अक्टूबर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त किये जाने के निर्देश देते हुए सड़क निर्माण सम्बन्धी कार्यों की टेंडर प्रक्रिया प्रारम्भ कर मानसून के बाद हर हाल में 30 सितम्बर से निर्माण कार्यों में तेजी लाये जाने को कहा। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने तथा आपदा के दौरान अवरूद्ध हो रही सड़कों की अविलम्ब मरम्मत के भी निर्देश दिए हैं। सड़क मरम्मत के लिये अधिकृत जे.सी.बी. पर जी.पी.एस. व्यवस्था को प्रभावी बनाये जाने, पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के किनारे क्रस बेरियर के साथ पेड लगाने, तथा सड़कों पर डिवाइडर, रिफलेक्टर, साइनेज व लाइटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण से जुडे ठेकेदारों तथा जे.सी.बी ठेकेदारों के लम्बित देयकों का अविलम्ब भुगतान के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतर रोड कनेक्टिविटी के लिये सड़कों के निर्माण में तेजी लायी जानी होगी। इसके लिये टेण्डर एवं डी.पी.आर. तैयार करने में तकनीकि दक्षता का प्रभावी उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों आदि के निर्माण में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग के तहत निर्मित होने वाली सड़कों पर भी समयबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये है। ट्रॉली पर आवाजाही की निर्भरता कम करने के लिये इन स्थानों पर मोटर व पैदल पुलों के निर्माण में तेजी लाये जाने पर भी मुख्यमंत्री ने बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली देहरादून एलिवेटेड रोड के तैयार होने के बाद देहरादून शहर पर बढने वाले यातायात के दबाव की चुनौती का सामना करने के लिये रिंग रोड सहित शहर की प्रस्तावित अन्य सड़कों एवं एलिवेटेड रोड आदि की योजना पर तेजी से कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन एवं तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके लिए रोड कनेक्टिविटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सड़कों के विस्तार के लिए हमें तेजी से आगे बढ़ना होगा। उन्होंने पी.एम.जी.एस.वाई. की सड़कों की मरम्मत में आ रही कठिनाइयों के निराकरण के लिये इसकी स्पष्ट गाइड लाईन तैयार किये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि सुगम और सुरक्षित यातायात के साथ आमजन के जीवन को सहज, सुगम और समृद्ध बनाने में सड़कों का बडा योगदान रहता है। निर्माण कार्यों से इकोलॉजी के दुष्प्रभावों को कम करने के लिये सड़क निर्माण में प्लास्टिक वेस्ट के उपयोग पर ध्यान दिये जाने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही।
सचिव लोक निर्माण डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से रिस्पना एवं बिंदाल नदी पर एलिवेटेड रोड निर्माण, ऋषिकेश बाईपास, देहरादून मसूरी संयोजकता, देहरादून व हल्द्वानी शहर के लिए रिंग रोड आदि से संबंधित प्रस्तावों की जानकारी दी। उन्होंने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य में सड़कों के निर्माण आदि की भी जानकारी दी।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. बंशीधर तिवारी, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग डी. के. यादव, अधीक्षण अभियंता एन.एच.ए.आई. विशाल गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

38वें राष्ट्रीय खेल की तैयारियों को लेकर हुई अहम बैठक

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में राज्य में प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेलों से सम्बन्धित उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक सचिवालय में सम्पन्न हुई। मुख्य सचिव रतूड़ी ने आज की बैठक में उत्तराखण्ड में पहली बार प्रस्तावित 38वें नेशनल गेम्स की तैयारियों के सम्बन्ध में देहरादून, हल्द्वानी, रूद्रपुर, हरिद्वार, टिहरी व पिथौरागढ़ में निर्धारित आयोजन स्थलों, स्टेडियम व खेल परिसरों के आसपास की सड़कों के नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण की तैयारियों तथा इस सम्बन्ध में चीफ इंजीनियर लोक निर्माण विभाग को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के सम्बन्ध में निर्देश दिए।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नेशनल गेम्स में प्रतिभाग करने जा रहे उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन तथा इस सम्बन्ध में गुजरात एव केरल राज्यों के मॉडल का अध्ययन करने, नेशनल गेम्स के आयोजन के दौरान सुरक्षा व कानून व्यवस्था, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन, नेशनल गेम्स के सम्बन्ध में प्रचार-प्रसार व जन जागरूकता हेतु नोडल अधिकारी नामित करने पर चर्चा की। मुख्य सचिव ने प्रस्तावित नेशनल गेम्स हेतु आईस रिंक, अर्न्तराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, टेनिस कोर्ट व घुड़सवारी के मैदानों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास व रेनोवेशन कार्यों पर भी चर्चा की। बैठक के दौरान 38वें नेशनल गेम्स के सफल आयोजन में खेल विभाग की सहायता के लिए एक स्पोर्टस प्रोजेक्ट मेनेजमेंट यूनिट स्थापित करने तथा गेम्स मेनेजमेंट सिस्टम को संचालित करने के लिए एकीकृत स्पोर्टस पोर्टल व एप्प को डिजाइन व डेवलप करने पर भी चर्चा की गई।
बैठक में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, विशेष सचिव अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगौली सहित खेल विभाग व अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

एग्री स्टैक को लागू करने के लिए अभियान चलाकर किया जाएगा डिजिटल सर्वे ई-पड़ताल

उत्तराखण्ड में किसानों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ पहुंचाने की दिशा में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राजस्व एवं कृषि विभाग को भारत सरकार के एग्री स्टैक प्रोजेक्ट को राज्य में व्यापक स्तर पर लागू करने के लिए सभी तैयारियां जल्द से जल्द पूरा करने की डेडलाइन दी है। उन्होंने एग्री स्टैक प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए गाइड लाइन्स बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड में सभी किसानों की कृषक रजिस्ट्री को डिजिटल रूप से सत्यापित करने तथा राज्य के प्रत्येक किसान को एक यूनिक किसान आईडी प्रदान करने वाले महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट एग्री स्टैक को लागू करने के लिए अभियान चलाकर डिजिटल सर्वे ई-पड़ताल का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। राज्य में एग्री स्टैक प्रोजेक्ट का शत प्रतिशत कवरेज जल्द से जल्द पूरा करने के दृष्टिगत मुख्य सचिव ने एग्री स्टैक को लागू करने में स्थानीय समुदायों व किसानों को प्रशिक्षित करके उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में कृषि विभाग, राजस्व विभाग तथा राजस्व बोर्ड को अपनी तैयारियां तत्परता से पूरी करने तथा कार्मिकों की कमी की दशा में अन्य विभागों के कार्मिकों की सहायता लेने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि एग्री स्टैक में किसान की पहचान (आधार), भूमि रिकॉर्ड, कवरेज, आय, बीमा, ऋण, फसलों का विवरण तथा राजस्व रिकॉर्ड जैसी सभी सूचनाओं का स्टोरेज होगा। इस सम्बन्ध में सेटेलाइट डाटा, रियल टाइम क्रॉप इन्फोर्मेशन, मशीन लर्निंग, जीपीएस, एआई व विजुअल एनालिटिक्स की मदद से डाटा एकत्रित किया जाएगा। एग्री स्टैक का उद्देश्य किसानों तक सरकारी लाभों व योजनाओं की बेहतर, तीव्र व आसान डिलीवरी सुनिश्चित करना है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि एग्री स्टैक सिस्टम के माध्यम से किसान, सरकारी एजेंसियां, एग्रीटेक कम्पनियां तथा वितीय संस्थान सहित कृषि क्षेत्र के विभिन्न हितधारक एक साथ आएंगे।
बैठक में प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, सचिव एस एन पाण्डेय, चन्द्रेश कुमार सहित कृषि एवं राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारघाटी में बुधवार रात्रि को हुई अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को निर्देश दिये कि क्षतिग्रस्त सड़कों और पैदल मार्गों के सुधारीकरण का कार्य तेजी से किया जाय। संवेदनशील स्थानों से लोगों को जल्द सुरक्षित स्थानों पर लाया जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्र के निरीक्षण के दौरान श्रद्धालुओं से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। उन्होंने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को यात्रा मार्ग में फंसे श्रद्धालुओं को यथाशीघ्र सुरक्षित स्थानों में लाये जाने के साथ ही भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये। प्रभावित क्षेत्र में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का पूरा आंकलन करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को अनुमन्य सहायता राशि तत्काल उपलब्ध कराई जाए। आपदा प्रभावित क्षेत्र में जन जीवन सामान्य बनाने के लिए सड़क कनेक्टिविटी, विद्युत और पेयजल की आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिये हैं।
जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग डॉ. सौरभ गहरवार ने जानकारी दी कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में श्रद्धालुओं के फंसे होने की सूचना मिलते ही उन्हें सुरक्षित स्थानों पर लाया जा रहा है, साथ ही उनके लिए भोजन और चिकित्सा सुविधा की व्यवस्थाएं की गई है। आज दोपहर एक बजे तक लगभग 300 यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर लाया गया है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों में ले जाया जा रहा है। अतिवृष्टि से बहे पुल व क्षतिग्रस्त मार्गों को बनाने की कार्यवाही भी गतिमान है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, अध्यक्ष जिला पंचायत अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी, पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक, मुख्य विकास अधिकारी डॉ जीएस खाती एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम पहुंचे टिहरी, प्रभावितों से मिले, प्रशासन को हर संभव मदद करने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जनपद टिहरी के आपदाग्रस्त क्षेत्र जखन्याली का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्र में मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर उनका ढ़ाढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शांति एवं और शोकाकुल परिवार को धैर्य प्रदान करने की कामना की। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में शासन-प्रशासन प्रभावितों के साथ खड़ा है। सरकार द्वारा प्रभावितों को हर संभव सहायता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी लोग इस समय एक दूसरे का सहयोगी बनकर कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में आपदा से जनहानि, पशु हानि एवं अन्य परिसंपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है। आपदा के समय लोगों की सुरक्षा राज्य सरकार पहली प्राथमिकता है। उन्होंने जिलाधिकारी टिहरी को आपदा प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने तथा राहत कैंपों में सभी आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं। आपदा क्षति का आंकलन कर तत्काल सुरक्षात्मक कार्य करने के भी निर्देश दिये हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्र में जन जीवन सामान्य बनाने के लिए सड़क कनेक्टिविटी, विद्युत और पेयजल की आपूर्ति सुचारू करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित ने जानकारी दी कि कल देर रात्रि जनपद टिहरी के घनसाली ब्लॉक के जखन्याली के पास बादल फटने से होटल बहने की सूचना प्राप्त हुई। घटना की सूचना प्राप्त होते ही राजस्व टीम, पुलिस, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य, सड़क, विद्युत आदि विभागों की टीम जेसीबी, एंबुलेंस सहित मौके के लिए रवाना हुए। विद्युत विभाग द्वारा तत्काल शट डाउन किया गया। खोज बचाव एवं राहत टीम ने खोज बचाव शुरू किया। इस घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु हुई है। दो लोगों के शव रात्रि में बरामद कर लिये गये थे। एक घायल व्यक्ति ने अस्पताल ले जाने के दौरान दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में आई आपदा में मुयालगांव में घनसाली -चिरबिटिया मोटरमार्ग को जोड़ने वाली पुलिया बहने, एक घोड़ा बहने की घटना एवं अन्य परिसंपत्तियों को काफी नुकसान हुआ है।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह, विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय,एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, सीडीओ डॉ. अभिषेक त्रिपाठी मौजूद रहे।

राहत एवं बचाव कार्यों के लिए धनराशि की पर्याप्त व्यवस्था-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आईटी पार्क स्थित राज्य आपदा परिचालन केन्द्र से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि की जानकारी ली। सचिव आपदा प्रबंधन को उन्होंने निर्देश दिये कि जिलाधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाये रखें। अतिवृष्टि के कारण राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जिलाधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता मांगे जाने पर यथाशीघ्र उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने बालगंगा एवं बूढ़ाकेदार क्षेत्र के प्रभावित गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया को भी शीघ्र से शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सभी जनपदों को इस वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल 315 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। आवश्यकता पड़ने पर जनपदों को और भी धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जिलाधिकारी हरिद्वार, टिहरी, देहरादून, चमोली, नैनीताल, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी से बारिश की स्थिति, जानमाल के नुकसान, जलभराव की स्थिति, सड़कों, पुलों, पेयजल और विद्युत की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अगले 24 घण्टे सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रखें। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया जाए और उनके रहने खाने की पर्याप्त व्यवस्थाएं रखी जाए। सुरक्षित स्थानों पर लाये जा रहे बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती माताओं को रहने के साथ दवाइयों एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की समुचित व्यवस्था रखी जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अतिवृष्टि के कारण सड़के बाधित होने की स्थिति में उनको सुचारू करने में कम से कम समय लिया जाए। उन्होंने पुल टूटने पर बैली ब्रिज बनाकर जल्द से जल्द आवागमन को सुचारू किए जाने के भी निर्देश दिए, कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को पेयजल और विद्युत की सूचारू आपूर्ति हो। चारधाम यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं रखने के उन्होंने निर्देश दिये हैं। यात्रा मार्ग में अतिवृष्टि के कारण यदि कहीं पर मार्ग बाधित होते हैं या आगे कोई खतरा प्रतीत होता है तो यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए। अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य सहायता राशि शीघ्र उपलब्ध कराये जाने के साथ ही फसलों और मवेशियों को हुए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को दिए हैं।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति आपदा प्रबंधन विनय कुमार रूहेला, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन राजकुमार एवं आपदा प्रबंधन से जुड़े अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखंडः कोयला आपूर्ति के लिए केंद्र से मिली सैद्धांतिक स्वीकृति


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा यूजेवीएन लिमिटेड एवं टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम को कोयला आधारित तापीय बिजली संयंत्र की स्थापना हेतु सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी गई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा शक्ति नीति के अंतर्गत अप्रैल 2024 में कोयला आवंटन हेतु भारत सरकार को अवगत कराया गया कि राज्य सरकार अपने सार्वजनिक उपक्रम यूजेवीएन लिमिटेड के अतिरिक्त टीएचडीसी एवं यूजेवीएन लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम के माध्यम से भी कोयला आधारित तापीय विद्युत संयंत्र की स्थापना की इच्छुक है। इसी क्रम में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा भी उत्तराखंड राज्य को शक्ति नीति के अंतर्गत 1320 मेगावाट तापीय विद्युत उत्पादन के प्रयोजनार्थ कोयला आपूर्ति हेतु प्रबल संस्तुति की गई थी। इसी क्रम में उत्तराखंड सरकार द्वारा टीएचडीसी तथा यूजेवीएन लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम के माध्यम से तापीय विद्युत संयंत्र स्थापना पर सहमति जताई गई। शक्ति नीति के अनुसार कोल इंडिया लिमिटेड केंद्र एवं राज्य सरकारों की उत्पादन कंपनियों तथा उनके संयुक्त उपक्रमों को अधिसूचित दरों पर कोयला आपूर्ति की अनुमति दे सकती है। इसी क्रम में टीएचडीसी तथा यूजेवीएन लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम द्वारा कोयला आवंटन हेतु आवेदन किया जाना प्रस्तावित किया गया था। कोयला आवंटन के उपरांत उत्पादित होने वाली विद्युत से राज्य की विद्युत व्यवस्था में निश्चित ही सुधार होगा।

चीड़ पिरूल एकत्रीकरण का वन प्रभागवार लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में कुशल वनाग्नि प्रबन्धन हेतु चीड़ पिरूल एकत्रीकरण को मिशन मोड में संचालित किए जाने के निर्देश दिए गए थे। कुशल वनाग्नि प्रबन्धन के दृष्टिगत चीड़ पिरूल एकत्रीकरण को महत्वपूर्ण मानते हुए प्रत्येक चीड़ आच्छादित वन प्रभाग में चीड़ पिरुल एकत्रीकरण हेतु लक्ष्य निर्धारित किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए थे।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में अपर प्रमुख वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन द्वारा क्षेत्रीय प्रभागीय वनाधिकारी, अल्मोड़ा, चम्पावत, गढ़वाल, बागेश्वर, मसूरी, लैंसडौन, नैनीताल, सिविल अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, टिहरी, टौंस, पिथौरागढ़, अपर यमुना बड़कोट, नरेन्द्रनगर, हल्द्वानी, रुद्रप्रयाग, चकराता, बद्रीनाथ, रामनगर एवं सिविल सोयम कालसी वन प्रभाग को निर्देशित किया गया है कि पिरूल एकत्रीकरण को मिशन मोड में क्रियान्वित करने के लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक चीड़ आच्छादित क्षेत्रीय रेंज में एक ब्रिकेट/पैलेट यूनिट की स्थापना सुनिश्चित की जाये ताकि एकत्रित पिरूल का प्लांट में उपयोग होकर ब्रिकेट/पैलेट उत्पादित किये जा सके एवं संबंधित उद्यमियों द्वारा उनका विक्रय किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इससे पिरूल के वन क्षेत्रों से हटने से वनाग्नि की घटनाओं में कमी आयेगी तथा स्थानीय संग्रहणकर्ताओं को आय अर्जित होगी इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। रेंजवार पिरूल एकत्रीकरण लक्ष्य 5000 है० में उपरोक्त लक्ष्यों की पूर्ति हेतु न्यूनतम एक ब्रिकेट/पैलेट यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने सभी वन क्षेत्राधिकारियों से जिला स्तर पर उद्योग एवं ग्रामीण विकास विभाग के संबंधित अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुये उद्यमियों का चयन कर उन्हें राज्य सरकार/वन विभाग से दी जाने वाली सुविधाओं/सहयोग के विषय में जागरूक करेंगे एवं इन यूनिटों की स्थापना सुनिश्चित करायेगें।
जारी निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रभागीय वनाधिकारी अपने प्रभाग के अंतर्गत ब्रिकेट/पैलेट यूनिटों की स्थापना सम्बन्धी कार्यवाही 3 माह (सितम्बर 2024 तक) में पूर्ण करते हुये अनुपालन आख्या उपलब्ध करायेंगे तथा सम्बन्धित मुख्य वन संरक्षकों/वन संरक्षकों द्वारा वन क्षेत्राधिकारियों द्वारा की जा रही कार्यवाही की प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा किया जाना भी सुनिश्चित किया जाए।

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला से भेंट कर सीएम ने दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला भेंट कर उन्हें लोकसभा अध्यक्ष के रूप में दूसरे कार्यकाल की बधाई व शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि लोक सभा अध्यक्ष के रुप में बिरला के अनुभव का लाभ सदन व सांसदों को मिलेगा एवं उनके कुशल नेतृत्व में सदन की कार्यवाही व्यवस्थित व सुगम रूप से संचालित होगी और हमारे देश का महान लोकतंत्र और अधिक सशक्त होगा।

गैर वानिकी परियोजनाओं के लिए वन भूमि हस्तांतरण प्रस्ताओं को अनुमोदन करने का अनुरोध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट कर उन्हें पुनः पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का दायित्व मिलने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उनके कुशल नेतृत्व में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नये कीर्तिमान स्थापित करेगा।
मुख्यमंत्री ने भेंट के दौरान केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान में जौलीग्रांट एयर पोर्ट के विस्तारीकरण का कार्य गतिमान है। जिसके लिये वन विभाग की 87.0815 है0 भूमि का हस्तांतरण किया जाना है। उन्होंने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु जौलीग्रांट के आस-पास के क्षेत्रों की कुल 96.2182 हैक्टेयर भूमि में से 87.0815 है0 भूमि वन विभाग की भी अधिग्रहण की जानी है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार/वन विभाग के पक्ष में निर्णय पारित किया जा चुका है। न्यायालय के उक्त निर्णय के उपरान्त जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारण हेतु वन विभाग की उक्त 87.0815 है० भूमि नागरिक विभाग को हस्तांतरित करने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं है।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया कि वर्तमान में जौलीग्रांट एयरपोर्ट से काठमाण्डू (नेपाल) के लिए वायुयान सेवा संचालित किये जाने के लिए निविदा की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। जिसके दृष्टिगत जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का दर्जा देने की कार्यवाही को गति देने की नितांत आवश्यकता है। भूमि अधिग्रहण एवं कब्जे की प्रक्रिया सम्पन्न होने के उपरान्त भारतीय विमानपत्न प्राधिकरण द्वारा जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण कर कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री से भेंट के दौरान यह भी अनुरोध किया कि उत्तराखण्ड के विशिष्ठ भौगोलिक, सामरिक महत्व तथा पर्वतीय क्षेत्र में आम जनमानस को मूल भूत सुविधा प्रदान किये जाने के उद्देश्य से भारत सरकार के उपक्रमों द्वारा कराये जा रहे गैर वानिकी परियोजना हेतु पूर्व की भांति राज्य में उपलब्ध ‘अधिसूचित अवनत वन भूमि’ में क्षतिपूरक वृक्षारोपण कराये जाने तथा इन सभी प्रयोजन के लिये गतिमान वन भूमि हस्तान्तरण प्रस्तावों पर अनुमोदन प्रदान किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री को यह भी अवगत कराया कि जनपद रुद्रप्रयाग के विधानसभा क्षेत्र केदारनाथ के अंतर्गत चोपता (तल्लानागपुर) में वर्ष 2014 से राजकीय पॉलिटेक्निक चोपता का संचालन किराए के भवन में किया जा रहा है। उन्होंने इसके दृष्टिगत राजकीय पॉलिटेक्निक चोपता की स्थापना हेतु पूर्व में राजस्व ग्राम कुंडा दानकोट में चयनित 2 हेक्टेयर वन भूमि को हस्तांतरण करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय पालीटेक्निक, चोपता की स्थापना हेतु उक्त क्षेत्र के अन्तर्गत कहीं भी गैर वन भूमि उपलब्ध नहीं हो पा रही है। राजकीय पालीटेक्निक, चोपता की स्थापना हेतु चयनित वन भूमि लगभग 8 वर्षों से संस्था को हस्तांतरित न होने के कारण संस्था का संचालन किराये के भवन में किया जा रहा है, जिससे संस्थान में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान नहीं हो पा रही है एवं वहां के नवयुवक/युवतियों को रोजगारपरक शिक्षा प्रदान करने का उद्देश्य सफल नहीं हो पा रहा है। वन भूमि हस्तांतरण से पॉलिटेक्निक अपने भवन में संचालित हो सकेगा तथा छात्रों को सुविधा होगी।