खेलों से जुड़ें युवा, जीवन में अनुशासन और टीमवर्क लाएंः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के द्वारा राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम रायपुर देहरादून में आयोजित उत्तराखंड प्रीमियर लीग 2025 के समापन समारोह में प्रतिभाग किया। हरिद्वार एलमास उत्तराखंड प्रीमियर लीग 2025 चौंपियनशिप का विजेता रहा। सभी खिलाड़ियों एंव आयोजन समिति के पदाधिकारियों का स्वागत व अभिनन्दन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन द्वारा उत्तराखंड प्रीमियर लीग चौंपियनशिप को जीतने वाली टीम के सभी खिलाड़ियों को बधाई दी।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वे सभी टीमे और खिलाड़ी जो इस बार जीत से कुछ कदम दूर रह गए हैं उनसे मेरा आग्रह है कि खेल में हार-जीत स्वाभाविक है, लेकिन जो बात सबसे महत्वपूर्ण है वो है आपकी खेल भावना, परिश्रम और निरंतर आगे बढ़ने का जज्बा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल न केवल युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि खेल के माध्यम से युवाओं में अनुशासन, टीमवर्क और संघर्षशीलता जैसे गुणों का भी विकास होता है। इसी को देखते हुए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के प्रारंभ से ही ’’खेलो इंडिया’’ और ’’फिट इंडिया मूवमेंट’’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने की मजबूत नींव रखी। आज प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में भारत खेलों के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों को छू रहा है तथा वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है। उनके मार्गदर्शन में हमारी सरकार भी प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और पुरूषों के साथ ही महिला खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु निरंतर प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जानकार अत्यंत प्रसन्नता हुई है कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड द्वारा पुरूष खिलाडियों के साथ-साथ महिला खिलाडियों के क्रिकेट को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। महिला खिलाड़ियों की चार टीमों ने इस टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन किया और मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस लीग में महिलाओं की भागीदारी भविष्य में मील का पत्थर साबित होगी। मुझे बताया गया है कि इतने कम समय में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड की बालिकाओं द्वारा बी.सी.सी.आई. के तत्वाधान में आयोजित अंडर 19 वर्ग की प्रतियोगिता में दो बार चौंपियन ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया गया है। इसके साथ ही ये हमारे राज्य के लिए अत्यंत गौरव का विषय है कि पर्वतीय राज्य की तीन बालिकाएं राघवी बिष्ट, प्रेमा रावत एवं नंदनी कश्यप अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने में कामयाब रही है। उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से वर्तमान में न्यूजीलैंड में होने वाली सीरीज में भारतीय टीम में जगह बनाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड के युवाओं द्वारा बढ़-चढ़कर ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लिया जा रहा है, जो पूरे भारत में उत्तराखंड की अलग पहचान बना रहा है। आज का युवा उत्तराखंड को खेल के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण स्थान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रहा है। लेकिन, यह भी सोचने का विषय है कि उत्तराखंड का टैलेंट बाहर क्यों जा रहा है? हम जब देखते है कि हमारे पहाड़ी मूल के खिलाड़ी आईपीएल में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, पर अपने राज्य से नहीं बल्कि दूसरे राज्यों की टीम से खेल रहे है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों से कहना चाहता हूं कि उत्तराखंड की टीम देश की सबसे मजबूत टीम बने, ऐसी व्यवस्था की जाए। क्योंकि हमारी सरकार प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु निरंतर प्रयास कर रही है। इसी वर्ष हमारे राज्य में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन ने उत्तराखंड को “देवभूमि’’ के साथ ही “खेलभूमि” के रूप में भी स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया है। इस बार के राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 103 पदक जीतकर इतिहास रचते हुए राज्य का गौरव बढ़ाने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड विश्वस्तरीय ’’स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर’’ के मामले में भी देश के प्रमुख राज्यों में गिना जाने लगा है और अब हमारे प्रदेश में राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन भी होने लग गए हैं। हमारी सरकार उत्तराखंड को खेलभूमि के रूप में स्थापित करने उद्देश्य से राज्य में शीघ्र ही एक ’’स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान’’ भी लागू करने जा रही है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी। इन अकादमियों में प्रत्येक वर्ष 920 विश्वस्तरीय एथलीट और 1000 अन्य खिलाड़ी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार हल्द्वानी में उत्तराखंड का प्रथम खेल विश्वविद्यालय एवं लोहाघाट में एक महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित करने की दिशा में भी तेजी से कार्य कर रही है। प्रदेश में खेलों के समग्र विकास और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने एक नवीन ’’खेल नीति’’ भी लागू की है। इस नीति के अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को ’’आउट ऑफ टर्न’’ सरकारी नौकरी प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही, हमारी सरकार मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना तथा खेल किट योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य के उभरते हुए युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ’‘उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार’’ और ‘’हिमालय खेल रत्न पुरस्कार’’ प्रदान कर खिलाड़ियों की योग्यता को भी सम्मानित कर रहे हैं। इसके अलावा, हमने राजकीय सेवाओं में खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत खेल कोटे को पुनः लागू कर दिया है, जिससे हमारे खिलाड़ियों के परिश्रम और कौशल को उचित अवसर और सम्मान मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सफलता का एक ही मूल मंत्र है “विकल्प रहित संकल्प“, इस मूल मंत्र को अपनाकर आप अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जी-जान से जुट जाएं, जिस भी फील्ड में जाएं, वहां लीडर बनें।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक उमेश शर्मा, उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी, खेल विभाग के अधिकारी व बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री धामी ने लैंसडाउन में शहीद सम्मान समारोह मे किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लैंसडाउन, पौड़ी गढ़वाल में आयोजित शहीद सम्मान समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने लैंसडाउन की पावन धरती से शहीदों की अमर वीरगाथाओं और उनके सर्वाेच्च बलिदान को नमन किया।

मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों एवं आश्रितों को ताम्रपत्र और अंगवस्त्र भेंटकर उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने आर्मी बैंड का निरीक्षण कर आर्मी जवानों को शुभकामनाएं भी दीं। मुख्यमंत्री ने अमर शहीद गब्बर सिंह नेगी मेमोरियल में उनकी प्रतिमा पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा वीर गब्बर सिंह नेगी जैसे अमर सपूतों के कारण ही आज देश सुरक्षित है।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनपदों के शहीदों के आंगन की पवित्र मिट्टी से भरे ताम्र कलशों के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर वीर शहीदों की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान सभी ने मौन रखकर शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। गौरतलब है कि इन ताम्र कलशों में एकत्रित शहीदों के आंगन की पावन माटी को देहरादून में बन रहे भव्य सैन्य धाम में ले जाया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सैनिकों और उनके परिजनों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कोटद्वार में स्थित सैनिक विश्राम गृह का जीर्णाेद्धार कर उसे आधुनिक सुविधाओं से युक्त किए जाने, निदेशालय सैनिक कल्याण तथा जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालयों में वीर नारियों एवं पूर्व सैनिकों की नियुक्ति कर निःशुल्क सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए जाने, गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन संग्रहालय के जीर्णाेद्धार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जयहरीखाल का उच्चीकरण किए जाने, राजकीय इंटर कॉलेज कर्तिया का नाम शहीद कमल सिंह रावत के नाम पर, हाईस्कूल डोबरियासार का नाम शहीद अनुज सिंह नेगी के नाम पर, बरुआ-चिणबो मार्ग का नामकरण शहीद केशवानंद ध्यानी के नाम पर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नामकरण शहीद हरीश जोशी के नाम पर एवं जयहरीखाल-गुमखाल मार्ग का नामकरण शहीद खुशाल सिंह नेगी के नाम पर किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि अन्य स्रोतों से अनुदान प्राप्त न करने की बाध्यता को समाप्त करते हुए सभी द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सैनिकों और विधवाओं को सम्मान राशि प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सैन्य धाम केवल ईंट-पत्थरों का ढांचा नहीं बल्कि अमर आत्माओं का प्रतीक है। उन्होंने कहा शहीदों के आंगन की पावन मिट्टी को सैन्य धाम में लाया जा रहा है। यह कार्यक्रम उन वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि है जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पित किया है। उन्होंने कहा 25 सितंबर से 04 अक्टूबर तक चली शहीद सम्मान यात्रा 2.0 शहीदों के परिजनों के आंसुओं का सम्मान है। यह निर्माणाधीन सैन्य धाम आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति के लिए प्रेरित करता रहेगा। यह उन शहीदों के लिए हमारी श्रद्धांजलि है, जिन्होंने हमारे भविष्य के लिए अपना वर्तमान बलिदान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में लगभग हर घर का सदस्य सैन्य पृष्ठभूमि से जुड़ा है। राज्य सरकार सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को रूपए 50 लाख से बढ़ाकर रुपए 1 करोड़ किया गया है। शहीद के अंतिम संस्कार हेतु 10 हजार की सहायता राशि दी जाती है। सैनिकों को भूमि खरीद पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी के रूप में 25 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है।शहीदों के परिजनों को सरकारी सेवा में संयोजन के तहत 28 परिजनों को अब तक नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है तथा 13 मामलों की प्रक्रिया गतिमान है। पूर्व में आवेदन हेतु 02 वर्ष का समय सीमा थी, जिसे बढ़ाकर 05 वर्ष कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन, आधुनिक उपकरण, जैकेट एवं जूते जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि भारत आज रक्षा क्षेत्र में निर्यात में अग्रणी देशों में शामिल हो गया है और दुश्मन देश को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तरह ही “एक पेड़ शहीदों के नाम” लगाने का आग्रह भी किया।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि शहीद सम्मान यात्रा 2.0 का आज लैंसडाउन में सफल समापन हुआ है। उन्होंने बताया कि यात्रा का दूसरा चरण 25 सितंबर को देहरादून से प्रारंभ हुआ था, जो आज लैंसडाउन में सम्पन्न हुआ। उन्होंने बताया कि शेष 71 शहीदों के आंगन की पवित्र मिट्टी लायी जा चुकी है, जिसे सैन्य धाम के लोकार्पण से पूर्व अमर जवान ज्योति में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री सदैव सैनिकों और वीर नारियों के सम्मान एवं कल्याण के प्रति संवेदनशील रहते हैं, जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी है। हम शहीदों को मृतक नहीं, बल्कि अमर वीर मानते हैं। आज हम खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं तो यह हमारे वीर सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान का परिणाम है। सैनिकों एवं उनके परिवारों का सम्मान और सहयोग केंद्र तथा राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। प्रदेश सरकार द्वारा सैनिकों एवं अग्निवीरों को समूह श्गश् की वर्दीधारी राजकीय सेवाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना एक सराहनीय कदम है।

विधायक दिलीप सिंह रावत ने वीर सपूतों के पराक्रम और बलिदान को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान शहीद सम्मान यात्रा की झलकियों पर आधारित विशेष वीडियो क्लिप भी प्रदर्शित की गयी, जिसने उपस्थित जनसमूह को शहीदों के गौरवशाली इतिहास और योगदान से अवगत कराया।

सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र चौधरी ने सभी अतिथियों, शहीद परिवारों और नागरिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा यह आयोजन न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर बना, बल्कि सैन्य धाम निर्माण की दिशा में जनता और सरकार की एकजुट की संकल्प शक्ति का प्रतीक भी रहा।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्षा रचना बुटोला, विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, कर्नल ऑफ द रेजिमेंट ले.ज. डी.एस राणा, ले. ज. शरत चंद्र (से.नि.), ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी, उपाध्यक्ष गौ सेवा आयोग पं. राजेंद्र अंथवाल, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मेयर कोटद्वार शैलेन्द्र सिंह रावत, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

प्रदेश सरकार का निर्णय, राज्य के 1983 राजस्व ग्रामों को नियमित पुलिस क्षेत्राधिकार में किया शामिल

प्रदेश सरकार ने राज्य के 1983 राजस्व गांवों को नियमित पुलिस क्षेत्राधिकार में सम्मिलित किये जाने का निर्णय लिया है।

उच्च न्यायालय के आदेश तथा पूर्व मंत्रिमंडलीय निर्णयों के अनुरूप राज्य की कानून व्यवस्था को और अधिक मजबूती प्रदान करने के उदे्श्य से राज्य सरकार द्वारा आज राज्य के 1983 राजस्व गांवो को अब नियमित पुलिस क्षेत्राधिकार में सम्मिलित किये जाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से जनपदों के ग्रामीण एवं सीमांत इलाकों में अब सीधे नियमित पुलिस व्यवस्था लागू हो जायेगी, जिससे अपराधों पर नियंत्रण, त्वरित कार्रवाई, और न्याय की उपलब्धता सुदृढ़ होगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश की कानून व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक कदम से जनता की सुरक्षा एवं विश्वास में वृद्धि होगी, जिससे एक सुरक्षित और स्वच्छ सामाजिक वातावरण बनेगा साथ ही पुलिस व्यवस्था और अधिक प्रभावी तथा जवाबदेह बनेगी।

जनपद चमोली के सवाड़ गांव में केन्द्रीय विद्यालय खोले जाने पर मिली स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद चमोली के सवाड़ गांव में केन्द्रीय विद्यालय की स्वीकृति प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के साथ ही केन्द्रीय मंत्रीमण्डल का आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद चमोली के प्रसिद्ध सवाड़ गांव में क्षेत्रीय जनता की मांग पर केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना के लिये उनके द्वारा निरन्तर अनुरोध किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि जनपद चमोली के सीमांत क्षेत्र में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना से इस क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को बेहतर गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध हो पायेगी तथा क्षेत्र को नई पहचान भी मिल सकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा का अनुकूल शैक्षिक वातावरण बनाने के लिए निरन्तर प्रयासरत है, इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण के साथ नवाचार से जोडा जा रहा है ताकि छात्रों को अच्छी शिक्षा के साथ शिक्षा का उचित माहौल उपलब्ध हो सके।

मेडिकल स्टोर्स पर एफडीए की छापेमारी शुरू, सीएम ने प्रतिबंधित कफ सिरप पर सख्त कार्रवाई के दिए थे निर्देश

बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए उत्तराखंड सरकार ने प्रदेशभर में प्रतिबंधित कफ सिरप और औषधियों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ.डी.ए.) की संयुक्त टीमें प्रदेश के सभी जिलों में मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों की औषधि दुकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैं। यह अभियान हाल ही में राजस्थान और मध्य प्रदेश में खांसी की दवा (कफ सिरप) के सेवन से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद शुरू किया गया है। उत्तराखंड सरकार ने इसे जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मामला मानते हुए तत्परता से कार्रवाई प्रारंभ की है।

केंद्र की एडवाइजरी पर तुरंत कार्रवाई
स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफ.डी.ए.) डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को आदेश जारी करते हुए कहा कि भारत सरकार की एडवाइजरी को प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू कराया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य से बड़ा कोई विषय नहीं हो सकता। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि औषधि निरीक्षक चरणबद्ध तरीके से कफ सिरपों के नमूने एकत्र करें और उनकी गुणवत्ता की प्रयोगशाला जांच कराएं, ताकि किसी भी दोषपूर्ण या हानिकारक दवा को बाजार से तत्काल हटाया जा सके।

बच्चों के लिए प्रतिबंधित सिरप न लिखें डॉक्टर
डॉ. आर. राजेश कुमार ने प्रदेश के सभी चिकित्सकों से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार की एडवाइजरी का संज्ञान लेते हुए वे बच्चों के लिए प्रतिबंधित कफ सिरप न लिखें। डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा यदि चिकित्सक इन सिरपों को लिखेंगे तो मेडिकल स्टोर भी उन्हें बेचेंगे। इसलिए ज़रूरी है कि डॉक्टर स्वयं भी जिम्मेदारी दिखाएं और प्रतिबंधित दवाओं से परहेज़ करें।

कौन-सी दवाएं प्रतिबंधित हैं

भारत सरकार की एडवाइजरी के अनुसार कृ

दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार की खांसी या जुकाम की दवा नहीं दी जानी चाहिए।

पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में इन दवाओं का सामान्य उपयोग अनुशंसित नहीं है।

केवल विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह, सही खुराक और न्यूनतम अवधि के लिए ही इनका उपयोग किया जा सकता है।

सरकार ने विशेष रूप से Dextromethorphan युक्त सिरप और Chlorpheniramine Maleate + Phenylephrine Hydrochloride संयोजन वाली दवाओं को चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित किया है।

प्रदेशभर में छापेमारी और सैंपलिंग अभियान
प्रदेश में इस आदेश के बाद अपर आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी के नेतृत्व में राज्यभर में युद्धस्तर पर छापेमारी की जा रही है। स्वयं अपर आयुक्त ने देहरादून के जोगीवाला, मोहकमपुर समेत कई क्षेत्रों में औषधि दुकानों का निरीक्षण किया। सभी जिलों में औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस माह के भीतर सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और खुदरा दुकानों से सिरपों के नमूने लेकर प्रयोगशाला परीक्षण करवाएँ। ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि एफ.डी.ए. की टीमें प्रदेशभर में सक्रिय हैं। यदि किसी भी स्तर पर दोष पाया गया तो संबंधित कंपनी या विक्रेता के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सख्त संदेश दृ जनस्वास्थ्य सर्वाेपरि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और जनता के स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रदेश में बिकने वाली हर दवा सुरक्षित और मानक गुणवत्ता वाली हो। जनस्वास्थ्य हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है, और बच्चों की सुरक्षा पर किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि सरकार प्रदेश में औषधि गुणवत्ता निगरानी प्रणाली को और सुदृढ़ करने की दिशा में भी काम कर रही है।

बच्चों की दवा में लापरवाही अस्वीकार्य- डॉ. धन सिंह रावत
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा राज्य सरकार केंद्र की एडवाइजरी का पूरी गंभीरता से पालन कर रही है। बच्चों की दवाओं से जुड़ी किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी चिकित्सकों और औषधि विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रतिबंधित सिरप को न लिखें और न बेचें। यह कदम बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

जनता से अपील दृ डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चों को दवा न दें
एफ.डी.ए. ने राज्यभर में कफ सिरप की सैंपलिंग शुरू कर दी है। अपर आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन एवं ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने जनता से अपील की है कि वे बच्चों को कोई भी दवा देने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। यदि किसी दवा के सेवन से कोई प्रतिकूल प्रभाव दिखाई दे तो तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या अस्पताल से संपर्क करें।

पहली बार देवभूमि उत्तराखंड में सब-जूनियर नेशनल बास्केटबॉल प्रतियोगिता का होना ऐतिहासिकः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड ग्राउंड, देहरादून में 50वीं सब-जूनियर राष्ट्रीय बास्केटबॉल चौंपियनशिप का शुभारंभ किया। 10 अक्टूबर तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में देश के 28 राज्यों से 54 टीमों के लगभग एक हजार से अधिक खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया एवं उत्तराखंड बास्केटबॉल एसोसिएशन को इस आयोजन के लिए बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार देवभूमि उत्तराखंड में सब-जूनियर नेशनल बास्केटबॉल चौंपियनशिप का आयोजन हो रहा है, जो राज्य के लिए गौरवपूर्ण एवं ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने कहा कि खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण, धैर्य, अनुशासन व टीम भावना भी सिखाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा खेलो इंडिया एवं फिट इंडिया मूवमेंट जैसी पहलों से देश में खेलों के प्रति नई जागरूकता आयी है और भारत खेल के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को स्पर्श कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के बाद उत्तराखंड तेजी से खेलभूमि के रूप में अग्रसर है। राज्य में 517 करोड़ रुपये की लागत से विश्वस्तरीय खेल अवसंरचना विकसित की जा रही है। शीघ्र ही आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों के साथ स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान लागू किया जाएगा तथा हल्द्वानी में प्रथम खेल विश्वविद्यालय और लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘नई खेल नीति’ के तहत राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी, ‘खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना’, खेल किट, राज्य स्तरीय पुरस्कार तथा 4 प्रतिशत खेल कोटा की बहाली जैसे अनेक कदम खिलाड़ियों के हित में उठाए गए हैं। हाल ही में राष्ट्रीय खेल दिवस पर उत्कृष्ट खिलाड़ियों को 50-50 लाख रुपये की सम्मान राशि भी दी गई है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देहरादून में बास्केटबॉल खिलाड़ियों के प्रशिक्षण (बास्केटबॉल प्रशिक्षण अकादमी) के लिए जिलाधिकारी देहरादून को भूमि चिन्हित करने तथा हल्द्वानी में निर्माणाधीन खेल विश्वविद्यालय के पास बास्केटबॉल प्रशिक्षण अकादमी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बास्केटबॉल प्रतियोगिताओं के लिए खेल विभाग को आवश्यक कदम उठाने तथा अन्य खेलों की भांति बास्केटबॉल की भी समय-समय पर प्रतियोगिताएं आयोजित करने की बात कही।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, अध्यक्ष उत्तराखंड बास्केटबॉल एसोसिएशन सुशील कुमार, महासचिव बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया कुलविंदर सिंह गिल, उपाध्यक्ष उत्तराखंड बास्केटबॉल एसोसिएशन आदित्य चौहान, मंदीप सिंह ग्रेवाल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

सीएम धामी ने आपदा में सहयोग वाले कर्मियों को सम्मानित किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पटेलनगर स्थित राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में अर्पित फाउंडेशन द्वारा आयोजित ’’प्राइड मूवमेंट सम्मान समारोह’’ में आपदा के दौरान राहत एवं बचाव अभियान में योगदान देने पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, आईटीबीपी के कर्मियों को सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये सम्मान ऐसे कर्मियों के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है, जिन्होंने आपदा के दौरान राहत एवं बचाव अभियान में अपनी जान की परवाह किए बिना योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम उत्तराखंड की बात करते हैं, तो केवल इसके प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता की ही नहीं, बल्कि इसकी भौगोलिक कठिनाइयों और प्रत्येक वर्ष होने वाली आपदाओं की चुनौती भी स्वतः ही सामने आ जाती है। उन्होंने कहा कि हिमालय की गोद में बसे हमारे राज्य में भूस्खलन, बाढ़, अतिवृष्टि और अन्य प्राकृतिक आपदाएँ आना आम बात हैं। देवभूमि में रहते हुए हम ये जानते हैं कि प्रकृति का सौंदर्य जितना मनोहारी है, उतनी ही यहां चुनौतियाँ भी अप्रत्याशित हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हम सबने 2013 की केदारनाथ आपदा की त्रासदी को देखा है, जब जय प्रलय में हजारों लोगों की जानें चले गईं थी। इसी प्रकार 2021 में चमोली की ऋषिगंगा और धौलीगंगा घाटी में आई आपदा ने पूरे देश को झकझोर दिया था। 2023 में जोशीमठ का धंसाव भी एक बड़ी चुनौती के रूप में हमारे सामने आया। इस वर्ष भी उत्तरकाशी, चमोली और देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की अनेक घटनाओं का हमने सामना करना पड़ा। इन आपदाओं में कई लोगों की मृत्यु हुई, कई लोग लापता हुए और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कठिन परिस्थितियों में हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती मानव जीवन की रक्षा करने की थी, यही समय था जब एसडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित पुलिस- प्रशासन के लोगों ने आपदा में घायल और मलबे में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए ग्राउंड जीरो पर लगातार काम किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा के समय हमारे राहत कर्मियों ने न केवल प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, बल्कि पुनर्वास और राहत शिविरों का भी संचालन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सिल्क्यारा टनल में फंसे मजूदरों के लिए चलाए गए अभियान को नहीं भूल सकते। तब दिन-रात चलने वाले बचाव अभियान पर पूरे देश की निगाह थी। परंतु बाबा बोखनाग के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन ने हमारे अभियान को सफल बनाया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वो जब भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हैं, तो बचाव और राहत कर्मियों के जज्बे को देखकर उन्हें विश्वास हो जाता है कि हम प्रत्येक चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं। मुख्यमंत्री ने आपदा राहत कार्यों में सहयोग प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वयं देहरादून आकर आपदा पीड़ितों से मिलकर उनका दर्द बाँटा, उनकी समस्याएँ सुनीं और समीक्षा बैठक कर त्वरित निर्णय भी लिए। उन्होंने उत्तराखंड की जनता के लिए 1200 करोड़ रुपये की विशेष राहत राशि की घोषणा भी की, जिससे पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य में हमें बड़ी सहायता मिली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा केवल इमारतें या सड़कें ही नहीं तोड़ती, आपदा लोगों के आत्मविश्वास और भविष्य को भी चोट पहुंचाती है। इसलिए राज्य सरकार ने ये सुनिश्चित किया है कि आपदा पीड़ितों को केवल मुआवज़ा ही न दिया जाए, बल्कि उनके पुनर्वास और उनकी आजीविका पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने एसडीआरएफ जवानों को ड्रोन, सैटेलाइट आधारित मॉनिटरिंग और अत्याधुनिक रेस्क्यू गियर जैसे अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए हैं। साथ ही, आपदा मित्र योजना के अंतर्गत गांव-गांव में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके साथ ही सड़क और पुल निर्माण में डिजास्टर रेज़िलिएंट तकनीक का उपयोग भी अनिवार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण को स्कूल-कॉलेजों में शामिल करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ की है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी आपदा के खतरों से और बेहतर तरीके से निपट सके। समारोह में नकल विरोधी कानून लागू करने के लिए छात्रों द्वारा मुख्यमंत्री धामी का विशेष तौर पर स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर विधायक प्रेमचंद अग्रवाल, स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश, कृष्ण गिरी महाराज, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरूगेशन, कार्यक्रम की संयोजक हनी पाठक मौजूद थे।

राधेश्याम जी का संपूर्ण जीवन समाज, संगठन और राष्ट्र के लिए समर्पित रहाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज रेसकोर्स स्थित स्वर्गपपुरी आश्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक राधेश्याम जी की श्रद्धांजलि सभा में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें विनम्र नमन किया और उनके निधन को समाज एवं राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राधेश्याम जी का संपूर्ण जीवन समाज, संगठन और राष्ट्र के लिए समर्पित रहा है। वे संघ की मूल भावना दृ निःस्वार्थ सेवा, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति दृ के जीवंत प्रतीक थे। उन्होंने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से हजारों युवाओं और कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया। उनके मार्गदर्शन में असंख्य कार्यकर्ताओं ने समाज सेवा का संकल्प लिया और आज भी उनकी शिक्षाएं संगठन और समाज को ऊर्जा प्रदान कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राधेश्याम जी का त्यागमय जीवन, सरलता, तपस्या और राष्ट्रहित के प्रति उनकी निष्ठा हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहेगी। उन्होंने कहा कि संगठन को सशक्त बनाने और समाज को जोड़ने के लिए उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। उनकी प्रेरणा आने वाली पीढ़ियों के लिए भी पथप्रदर्शक का कार्य करेगी।

मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों एवं संघ परिवार के सभी कार्यकर्ताओं के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति और उन्हें ईश्वर के श्रीचरणों में स्थान मिलने की प्रार्थना की।

राज्य स्थापना दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों की भी प्रभावी कार्ययोजना तैयार करेंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी 09 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की भी प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर इस अवसर पर होने वाले कार्यक्रमों में जन सामान्य की भागीदारी सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने नन्दा राज जात यात्रा मार्गों के रख रखाव तथा यात्रा के रात्रि पडावों पर अवस्थापना सुविधाओं के विकास से संबंधित कार्य योजना भी शीघ्र तैयार किये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रदेश में हाल ही में आई आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में सभी संबंधित संस्थानों एवं अधिकारियों द्वारा किये गए प्रयासों की भी सराहना की।

मुख्यमंत्री ने शहरों में बढते यातायात के दबाव को कम करने के लिये प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने, साफ सफाई के साथ खाद्य सामग्री में मिलावट खोरी रोकने के लिये जांच अभियान सघनता से संचालित किये जाने के साथ प्रदेश में पूर्ण होने वाली फ्लैगशिप योजनओं व कार्यक्रमों का भी पूर्ण विवरण तैयार किये जाने के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निर्माण और नव निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण और मरम्मत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। क्षतिग्रस्त सड़कों के पुनर्निर्माण एवं मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों से बार-बार सड़क संबंधी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, वहां विशेष निगरानी रखी जाए और कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने गड्ढा मुक्त सड़क अभियान की कार्य प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करने तथा 31 अक्टूबर तक पैच वर्क पूर्ण का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़क मरम्मत कार्यों का स्थलीय निरीक्षण के भी निर्देश दिये हैं।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते एवं अपर सचिव बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री धामी ने सीएम हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा कर दिए निर्देश

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय टिहरी की छात्रा साक्षी द्वारा विवि के स्तर से डिग्री नहीं दिए जाने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन किए जाने के बावजूद इस प्रकरण का निस्तारण नहीं किया गया।
सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा के दौरान उक्त प्रकरण जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में आया तो उन्होंने इस पर सख़्त नाराज़गी व्यक्त करते हुए सचिव आईटी और सचिव उच्च शिक्षा एक सप्ताह में इस प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के साथ ही संबंधित अधिकारी पर सख़्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्यर्थी को एक सप्ताह के अंदर डिग्री उपलब्ध कराई जाए। छात्र-छात्राओं की शिकायतों के निस्तारण के लिए विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में हेल्प डेस्क बनाई जाए। सेवा के अधिकार के तहत दी जाने वाली सेवाओं को कार्यालयों के डिस्प्ले बोर्ड पर दर्ज किया जाए। सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज बिजली, पानी, सड़क और अन्य मूलभूत सुविधाओं से संबंधित शिकायतों का त्वरित निस्तारण तेजी से किया जाए। इसके लिए संबंधित अधिकारी कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करें कि वे किस निर्धारित दिन समस्याओं के समाधान के लिए बैठेंगे।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिकायतकर्ताओं से बात कर उनकी समस्याओं के यथाशीघ्र समाधान के निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की शिकायतों और समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को प्रत्येक सप्ताह, सचिवगणों को माह में दो बार और मुख्य सचिव को प्रत्येक माह में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करने के निर्देश दिए, साथ ही कहा कि 3 माह से अधिक लंबित प्रकरणों को अभियान चलाकर निस्तारित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए जिलाधिकारियों को जनता मिलन कार्यक्रमों का आयोजन नियमित तौर पर करना होगा, साथ ही शिकायतों का समाधान निर्धारित समयसीमा के भीतर न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी। आपदा से क्षतिग्रस्त लाइनों, सुरक्षा दीवारों का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करने के साथ ही रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान तभी माना जाएगा, जब शिकायतकर्ता पूर्ण रूप से संतुष्ट होगा। प्रत्येक माह की 5 तारीख तक सभी विभागों को हेल्पलाइन 1905 पर प्राप्त शिकायतों की स्थिति रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।

निदेशक आईटीडीए गौरव कुमार ने सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों और विभागों द्वारा समाधान के लिए की गई कार्यवाही के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तराखंड पेयजल, गृह विभाग, ऊर्जा से संबंधित लोगों की अधिक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।

बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिवगण, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।