मुख्यमंत्री ने ली सारकोट की माहेश्वरी के उपचार की जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर चमोली के सारकोट गांव निवासी महेश्वरी देवी का उपचार किया जा रहा है। जिसे लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी संदीप तिवारी से उनके उपचार के साथ ही अन्य सुविधाओं के विषय में विस्तृत जानकारी ली।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट निवासी महेश्वरी देवी का उपचार मुख्यमंत्री के निर्देशों पर एम्स ऋषिकेश से करवाया जा रहा है। साथ ही उनकी नियमित जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में जाकर जांच कर रही है। चिकित्सकों ने उनके स्वास्थ्य में सुधार बताया है। कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें दवाइयों के साथ ही पोषाहार भी समय-समय पर आवश्यकतानुसार उपलब्ध करवाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि सारकोट गांव में विकास कार्यों को गति देने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए है। जिसके तहत गांव में उद्यान, कृषि, पशुपालन सहित सभी विभागों के अधिकारियों द्वारा नियमित मॉनिटरिंग कर कार्य किए जा रहे है। कहा कि मुख्यमंत्री शीघ्र ही सारकोट में किए जा रहे विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे।

सरकोट निवासी माहेश्वरी देवी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर मिल रहे उपचार के लिए मुख्यमंत्री के साथ ही जिला प्रशासन के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।

पौड़ी में तीन दिवसीय शहीद मेले का सीएम ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी के दुगड्डा पार्क में तीन दिवसीय शहीद मेले का शुभारंभ किया। कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री ने दुगड्डा में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद, स्व. बलदेव सिंह आर्य और स्व. भवानी सिंह रावत की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास के लिए कई घोषणाएं की गई। जिसमें नगर पालिका दुगड्डा के क्षेत्रान्तर्गत एक आधुनिक बहुउद्देशीय भवन का निर्माण। नगर पालिका के लिए एक आधिकारिक वाहन की व्यवस्था। भवानी सिंह रावत शहीद स्मृति स्थल का संरक्षण, सौंदर्यीकरण एवं पुनर्निर्माण नगर पालिका द्वारा किया जाएगा। नगर पालिका परिषद दुगड्डा क्षेत्रान्तर्गत निराश्रितों के लिए एक स्थायी रैन बसेरा का निर्माण किए जाएगा। दुगड्डा नगर में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का विकास एवं इसका नाम स्व. श्री मोहनलाल बौंठियाल के नाम पर रखा जाएगा। दुगड्डा ब्लॉक में एक मिनी स्टेडियम की स्थापना की जाएगी। फतेहपुर में सिलगाड नदी पर पुल का निर्माण कराया जाएगा। मटियाली में सिद्धबाबा मंदिर का सौंदर्यीकरण एवं विकास कार्य कराए जाने की घोषणाएं की।

मुख्यमंत्री ने अमर शहीदों के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका साहस और बलिदान हमें देश की सेवा में समर्पण और कर्तव्य का मार्गदर्शन देता है। इस प्रकार के आयोजन हमारे इतिहास और संस्कृति के प्रति युवाओं को जागरूक करते हैं, जिनसे हमें शहीदों के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधाममंत्री के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम की गौरवशाली गाथाओं का नई पीढ़ी को पुनः स्मरण कराने के लिए पूरे देश में स्मारकों और संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा ऐसे वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, सैनिकों व उनके परिवारों के कल्याण के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की गयी है। इस कड़ी में उत्तराखंड का पांचवा धाम सैनिक धाम देहरादून के गुनियाल गांव में बनाया जा रहा है। सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को स्वास्थ्य सेवाओं और आवासीय योजना में भी प्राथमिकता दे रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पूरे राज्य में 5 हजार हेक्टेयर से भी अधिक जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया गया है। सरकार ने चार दिन पहले विधानसभा सत्र में सशक्त भू कानून को पूर्ण बहुमत से पारित कर दिया है। वनाग्नि की समस्या के समाधान के लिए भी प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की जा रही है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा जिस भी वन क्षेत्र में आग लगेगी संबंधित वन विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। साथ ही आग लगाने वालों के खिलाफ कार्यवाही और नुकसान की भरपाई भी उन्हीं लोगों से की जाएगी। इसके लिए जल्द कानून भी बनाया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष और विकास बनाम वन संरक्षण के संबंध में केंद्र सरकार के साथ चर्चा की जाएगी। इससे चुनौतियों का समाधान होगा और जो विकास कार्य नहीं हो पाते हैं उन पर काम हो सकेगा। साथ ही वन्यजीव हमलों के सबंध में संबंधित अधिकारियों को विधि सम्मत कार्यवाही को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सबकी जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। वन्य जीवों के हमलों को लेकर भी जल्द कानून बनाया जाएगा।

शहीद मेले में रीप परियोजना, बाल विकास, वन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान, सहकारिता, समाज कल्याण, डेयरी विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा लगाए स्टॉल लगाकर लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया।
कार्यक्रम में विधायक महंत दिलीप रावत, विधायक यमकेश्वर रेनू बिष्ट, मेयर कोटद्वार शैलेंद्र सिंह रावत, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद दुगड्डा शांति बिष्ट, जिला अध्यक्ष भाजपा वीरेंद्र सिंह रावत, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

शीतकाल के कारण रूके हुए निर्माण कार्य दो महीने बाद होंगे फिर से शुरू

उत्तरकाशी के सीमांत जादुंग गांव की कायाकल्प के प्रयास तेज हो गए हैं। राज्य सरकार पिछले वर्ष से ही जादुंग गांव की सूरत बदलने के लिए जुटी हुई है। शीतकाल की वजह से बंद किए गए निर्माण कार्य दो महीने बाद फिर से शुरू करने की तैयारी है। कोशिश ये ही है कि इस वर्ष जादुंग गांव में सुखद बदलाव की तस्वीर नजर आनी चाहिए।

वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद से उत्तरकाशी जिले का सीमांत गांव जादुंग वीरान था। पिछले वर्ष से यहां छाई खामोशी टूटने लगी है। राज्य सरकार ने इस गांव को पर्यटन गांव के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) को कार्यदायी संस्था नियुक्त किया गया है, जिसने वहां पर काम शुरू कर दिया है। जीएमवीएन के प्रबंध निदेशक विशाल मिश्रा के अनुसार-सीमांत गांव जादुंग में शीतकाल की वजह से जिन निर्माण कार्यों को रोका गया था, उन्हें दो महीने बाद फिर से शुरू कर दिया जाएगा।

छह घरों का पुनर्निर्माण, आठ का प्लान तैयार
-पहले चरण में जीएमवीएन ने जादुंग गांव में छह जीर्ण-शीर्ण घरों के पुनर्निर्माण पर फोकस किया है। इसके लिए वहां पर 19 सितंबर 2024 से कार्य शुरू कराया गया। चार घरों को पूरी तरह से ध्वस्त करने के बाद उनके पुनर्निर्माण का काफी काम हो गया है। इस कार्य के लिए 365. 33 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी, इसमें से शासन स्तर पर 146 लाख रूपये की धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है। इसी तरह, वहां पर आठ अन्य भवनों के पुनर्निर्माण के लिए 493.36 लाख रूपये का आगणन तैयार किया गया है। तकनीकी परीक्षण कर लिया गया है और आय-व्यय समिति का अनुमोदन भी प्राप्त हो गया है। जल्द ही शासन स्तर से प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति मिलने की संभावना है।

उत्सव मैदान के बनने के बाद लौटेगी रौनक
-जादुंग गांव की रौनक लौटाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में वहां पर उत्सव मैदान बनाया जाना है। कार्यदायी संस्था ने इसके लिए 997.31 लाख रूपये का आगणन तैयार किया है। इसी तरह, भेरोंघाटी जादुंग मोटर मार्ग पर हिंडोलीगाड़ में कारवां पार्क के विकास के लिए 999.89 लाख रूपये का आगणन तैयार किया गया है।

प्रवेश द्वार, चौक पोस्ट और व्यू प्वाइंट भी
-जादुंग गांव में प्रवेश द्वार व चौक पोस्ट निर्माण का काम अप्रैल 2025 से शुरू होने जा रहा है। इस कार्य के लिए 91.38 लाख रूपये अवमुक्त किए गए हैं। टैंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसके अलावा, भैंरोंघाटी जादुंग मोटर मार्ग पर गर्तांग गली के सामने स्थित हवा बैंड में व्यू प्वाइंट बनाने के लिए 50.43 लाख रूपये स्वीकृत किए गए हैं। इसी तरह, भैंरोंघाटी जादुंग मोटर मार्ग पर श्रीकांठा पर व्यू प्वाइंट के लिए 66 लाख रूपये मंजूर किए गए हैं। इन दोनों ही कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब अप्रैल-मई से काम शुरू होना है।

-सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए राज्य सरकार गंभीरता से काम कर रही है। जादुंग गांव को पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित करने के लिए कार्य शुरू किया गया है। हमारी यही कोशिश है कि सीमांत गांव जादुंग पर्यटन के मानचित्र में प्रभावी ढंग से उभरकर सामने आए।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सीएम ने जौनसार बावर की संस्कृति पर आधारित विभिन्न लोक नृत्य व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अवलोकन किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महासू मंदिर परिसर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। उन्होंने जौनसार बावर की संस्कृति पर आधारित विभिन्न लोक नृत्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान स्वयं भी हारूल तांदी लोकनृत्य किया। उन्होंने मंदिर परिसर में आयोजित भंडारे में श्रद्धालुओं को प्रसाद भी बांटा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार विरासत के साथ विकास को आगे बढ़ा रही है। एक ओर जहां मंदिर परिसर का भव्य निर्माण कार्य कर हम विकास करेंगे वहीं इससे हमारी देवभूमि की विरासत भी संरक्षित होगी। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हम अपनी लोक संस्कृति को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

इस अवसर पर विधायक मुन्ना सिंह चौहान, दुर्गेश्वर लाल, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामशरण नौटियाल, जिला पंचायत सदस्य मठोर सिंह चौहान एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सीएम धामी ने पीएम के मन की बात के 119वें संस्करण को सुना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जगतगुरु आश्रम, हरिद्वार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का 119 वां संस्करण सुना। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात कार्यक्रम पूरे देश वासियों को एक नई प्रेरणा देता है। मन की बात से सभी में नया प्रोत्साहन एवं उत्साहवर्धन होता है। देश के सामूहिक प्रयासों, युवा सपनों और नागरिकों की आकांक्षाओं की बात को प्रधानमंत्री सबसे साझा कर, बेहतर कार्यों के लिए देशवासियों को प्रेरित करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के बारे में देश व दुनिया को मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड के भिन्न-भिन्न स्थानों पर आयोजित किए गए। उत्तराखंड के 11 स्थान पर इन खेलों का आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों में गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है। जिसमें राफ्टिंग की प्रतियोगिता शारदा और काली नदी में दिन के बजाय रात्रि में सफलतापूर्वक संपन्न कराई गई। उन्होंने कहा कि 38 वें राष्ट्रीय खेल राज्य की खेल प्रतिभाओं के लिए बहुत बड़ा अवसर था। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि, वीर भूमि के साथ अब खेल भूमि के रूप में स्थापित होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जहां 37वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का स्थान 25वे नंबर पर था वहीं 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का स्थान सातवें नंबर पर होना गर्व की बात है। मुख्यमंत्री ने 38वें राष्ट्रीय खेलों में देश भर से आए सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने मन की बात कार्यक्रम में उत्तराखंड में हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों की बात करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

नेशनल गेम्स के समापन पर बोले गृहमंत्री, उत्तराखंड की देवभूमि के साथ खेलभूमि के तौर पर भी बनी पहचान

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में अन्तरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम गोलापार, हल्द्वानी में 38वें राष्ट्रीय खेल का समापन समारोह आयोजित किया गया। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी. ऊषा ने 38वें राष्ट्रीय खेल के समापन की घोषणा की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले सर्विसेज, महाराष्ट्र और हरियाणा को सम्मानित किया।

उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखण्ड के चारों धामों के देवी देवताओं को प्रणाम करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो गया है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने देवभूमि को राष्ट्रीय खेलों के नक्शे पर 25वें स्थान से 7वें स्थान पर लाने का कार्य किया है। राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के विजेता खिलाड़ियों ने देवभूमि को खेल भूमि बनाया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी उत्तराखंड के विजेता खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

उत्तराखंड की मेजबानी का देशभर में गुणगान।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड की आयोजन समिति एवं खेल संगठनों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए पूरे देश में उत्तराखंड की तारीफ हो रही है। पूरा देश उत्तराखंड द्वारा की गई शानदार व्यवस्थाओं के गुणगान कर रहा है। भौगोलिक कठिनाइयों के बावजूद उत्तराखंड राज्य ने मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में इस कार्य को कुशलतापूर्वक सम्पन्न किया है। उन्होंने 38वें राष्ट्रीय खेल के सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हार और जीत का खेल से मतलब नहीं है। जीत का जज्बा और हार से निराश न होना, ये खेल का संदेश है। हारने वाले खिलाड़ियों के लिए अगली बार मेडल लाने का मौका है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में 38वें राष्ट्रीय खेलों में इको- फ्रेंडली प्रैक्टिसेज एवं इको फ्रेंडली गेम को धरातल में उतारा गया है। खिलाड़ियों के नाम पर पौधारोपण किया गया। राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों द्वारा कई नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए गए हैं, इन रिकॉर्डों से अंतरराष्ट्रीय खेलों में भी भारत के लिए पदक की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय खेलो की यह मशाल उत्तराखंड से अब मेघालय जाएगी। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने यह निर्णय लिया है कि नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों में कुछ खेलों के आयोजन से पूरे नॉर्थ ईस्ट को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा को आगामी राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।

हार से लें जीत की प्रेरणा।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में खेलों के वातावरण में सकारात्मक बदलाव आया है। देश भर के कई जिलों में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर, कोचिंग की व्यवस्था, खिलाड़ियो को प्रोत्साहन और पारदर्शी चयन के माध्यम से आज विश्व के खेल पटल पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा भारत के खेलों का भविष्य उज्ज्वल है। खेलों में हर बार नए कीर्तिमान स्थापित हो इसकी व्यवस्था केंद्रीय खेल मंत्री ने की है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने फिट इंडिया और खेलो इंडिया के माध्यम से युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाया है। खेल हमें हारने के बाद जितने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

प्रधानमंत्री को खेल मित्र मानता है हर खिलाड़ी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सफलता सिर्फ शारीरिक क्षमता से नहीं बल्कि दृढ़ निश्चय और मजबूत मन से प्राप्त होती है। अथक परिश्रम और निरंतर प्रयास खिलाड़ियों को आगे ले जाएगी। इन सभी के माध्यम से खिलाड़ी मेडल तक की यात्रा तय कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। आज हर खिलाड़ी प्रधानमंत्री मोदी को खेल मित्र के रूप में मानता है। उन्होंने कहा 2014 में खेल बजट 800 करोड़ था, जो 2025 – 26 में खेल बजट 3800 करोड़ तक पहुंचाया है। अंतरराष्ट्रीय मंचों में भी हमारे खिलाड़ियों ने तिरंगे का मान बढ़ाया है। खिलाड़ियों के मेडल से पता लगता है कि देश में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और जीतने की भूख में बढ़ोतरी हुई है।

2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है भारत।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि खेलो इंडिया के माध्यम से उत्तराखंड जैसे छोटे पहाड़ी राज्य ने इतने बड़े खेल आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। यह बताता है कि भारत का हर राज्य खेलने और खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। इस राज्य से, अब फिर राष्ट्रीय खेल का आयोजन एक पहाड़ी राज्यों में जा रहा है। आज खिलाड़ी कई प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है। 2036 में ओलंपिक के अंदर उत्तराखंड के खिलाड़ी भी मेडल लाकर भारत के तिरंगे का मान बढ़ाएंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज एवं पुलवामा में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पुलवामा के जवानों की शहादत ने देश को सुरक्षित किया है। जवानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर करारा जवाब दिया था। इसी के कारण पूरी दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदला है। इससे दुश्मनों को साफ संदेश गया कि भारत की सेना और सीमा से कभी खिलवाड़ नहीं करना है।

नेशनल गेम्स से उत्तराखण्ड में नई उम्मीदों, और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत -सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के अवसर पर हमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। आज इन खेलों के समापन के अवसर पर हमें देश के गृहमंत्री अमित शाह जी का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड में पहली बार राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हुआ। खेलों के इस महा समागम में देशभर से पधारे 16 हजार से अधिक एथलीट्स ने 35 खेल विधाओं में प्रतिभाग कर कुल 448 स्वर्ण 448 रजत तथा 594 कांस्य पदक जीते। कई खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर अनेक रिकॉर्ड स्थापित किए गए और भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखने वाले बहुत से चौंपियन भी उभर कर सामने आए हैं। इन खेलों में जहां हमने पहली बार योग और मलखंब जैसे अपने पारंपरिक खेलों को शामिल करने का कार्य किया वहीं रात्रि काल में रिवर राफ़्टिंग की प्रतियोगिता का आयोजन कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों को ग्रीन गेम्स की थीम पर आयोजित किया गया। इस आयोजन में प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करने के साथ ही बिजली के लिए सोलर एनर्जी का उपयोग भी किया। खिलाड़ियों को दिए गए मेडल को ई-वेस्ट और खेल किटों को रीसाइकिल्ड पदार्थों से तैयार किया गया। ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई-वाहनों का प्रयोग भी किया गया। 2.77 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ’खेल वन’ के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें प्रत्येक पदक विजेता खिलाड़ी के नाम से रूद्राक्ष के पेड़ लगाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राष्ट्रीय खेल में देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी और ऋषिकेश जैसे मैदानी शहरों के साथ ही अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और टिहरी जैसे सुदूर पहाड़ी स्थानों में भी खेल स्पर्धाएं आयोजित की गई। चकरपुर जैसे एक छोटे से कस्बे में भी राष्ट्रीय खेलों की प्रमुख स्पर्धा का आयोजन हुआ। राष्ट्रीय खेल में जितने भी वाटर स्पोर्ट्स के इवेंट्स हुए, सभी को उत्तराखंड की हाई एल्टिट्यूड पर स्थित झीलों एवं नदियों में आयोजित किया गया। इन खेलों के आयोजन के लिए अस्थाई निर्माण की बजाय प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्थाई स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का प्रयास किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों को सफलतापूर्वक आयोजन के साथ उत्तराखंड ने इन खेलों में 24 स्वर्ण पदकों के साथ रिकॉर्ड 103 पदक अर्जित किए। इन परिणामों से हमारे युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि “अतिथि देवो भवः“ की प्राचीन परंपरा के अनुसार खेलों के आयोजन के दौरान प्रयास किया गया कि विभिन्न राज्यों से पधारे खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय खेल में आये खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ देवभूमि उत्तराखंड से अपने इस रिश्ते को बनाए रखेंगे और भविष्य में सपरिवार उत्तराखण्ड की नैसर्गिक सुंदरता को देखने अवश्य आएंगे। उन्होंने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन आप सभी खिलाड़ियों के लिए खेल अवसरों का अंत नहीं, बल्कि नई उम्मीदों, नए संकल्पों और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत है।

उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेल के आयोजन की जिम्मेदारी देने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा खेल मंत्री मनसुख मांडविया का आभार व्यक्त किया। इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान देने वाले भारतीय ओलंपिक संघ, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन, खेल विभाग और सभी वॉलेंटियर्स का भी आभार व्यक्त किया। प्रस्तावित 39वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए मेघालय को भी उन्होंने अग्रिम शुभकामनाएं दी।

केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री मनसुख मांडविया ने 38 राष्ट्रीय खेलों के शानदार आयोजन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजना के बाद देवभूमि उत्तराखण्ड खेलभूमि भी बन गई है। उन्होंने इस राष्ट्रीय खेल में पदक प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश स्पोर्ट्स हब बने इसकी शुरूआत आज से हुई है।

भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी. ऊषा ने कहा कि बहुत कम समय मिलने के बावजूद भी उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेल की हर स्पर्धा का शानदार आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में खेल और खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई।

खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि खिलाड़ियों ने संकल्प से शिखर तक को आत्मसात कर उत्तराखण्डियों को गर्व से अभिभूत किया। राज्य की रजत जयंती को स्वर्णिम बनाया है। हमारे खिलाड़ियों ने उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में आगे बढ़ाया है। उत्तराखंड की जनता ने राष्ट्रीय खेल के महा आयोजन को सफल बनाया है

इस अवसर पर मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट, सांसद अजय भट्ट उपस्थित थे।

सीएम ने कांडा महोत्सव में 84.80 करोड़ की विभिन्न विकास योजनाओं का किया शिलान्यास एवं लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांडा महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बागेश्वर जिले की 83 करोड़ की 11 योजनाओं का शिलान्यास एवं 1.80 करोड़ की योजना का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने जिले के विकास को और गति प्रदान करने के लिए अनेक घोषणाएं भी की।

कांडा महोत्सव को राज्य की अनमोल धरोहर बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव की हमारी समृद्ध परंपराओं को संजोए रखने तथा उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने में अद्वितीय योगदान देने में बड़ी भूमिका रही है। ये महोत्सव हमारे छोटे व्यापारियों, कारीगरों और किसानों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने और उनकी बिक्री करने का मंच प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लोक संस्कृति ही हमारी मूल पहचान है और हम जीवन में किसी भी स्तर पर हों या विश्व में कहीं भी चले जाएं, हमारी पहली पहचान ये है कि हम उत्तराखंड वासी हैं। उत्तराखण्ड की संस्कृति, उत्तराखण्ड के पहनावे और उत्तराखण्ड के खान पान पर हमें सदैव गर्व रहना चाहिए। उन्होने कहा कि ऐसे आयोजनों के कारण ही हमारी लोक संस्कृति और भी अधिक सुदृढ़ होती है। अपनी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और उसे नई पीढ़ी तक पहुँचाने का अद्भुत कार्य करने के लिए उन्होने आयोजकों के प्रयासों को भी सराहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया जा रहा है। वहीं वोकल फॉर लोकल,मेक इन इंडिया,मेड इन इंडिया जैसे पहलुओं के माध्यम से हमारे स्थानीय उद्योगों और स्वयं सहायता समूह में काम करने वाली महिलाओं को प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है। इस दिशा में हमारी सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत भी की है। जिसमें स्थानीय उत्पादों को राज्य में ही नहीं अपितु राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। प्रदेश में एक लाख महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी है। पहाड़ी उत्पादों का पहचान दिलाने के लिए हाउस ऑफ हिमालया ब्रांड बनाया गया है। प्रदेश सरकार ने एक जनपद दो उत्पाद योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका के अवसरों में बढ़ोत्तरी किए जाने का काम अनवरत रूप किया जा रहा है। स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि पहाड़ों से हो रहे पलायनों को रोका जाए। गांव में पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय निवासियों को होम स्टे के माध्यम से रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्रदान किया जा रहे हैं। उत्तराखंड में होम स्टे पूरी क्षमता के साथ चल रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों आजीविका मजबूत हो रही है। उन्होंने कहा कि बागेश्वर को रेल मार्ग से जोड़ने के लिए सरकार ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है। रेल लाइन बनने से बागेश्वर के साथ ही चंपावत व पिथौरागढ जनपदों में भी विकास के अनेकों संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले के विकास के लिए वह सब कार्य पूर्ण हो रहे हैं, जिनका यहां की जनता को लंबे समय से इंतजार था।

जिले के विकास के लिए मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं-
कांडा को विकासखंड़ बनाने के लिए जो भी औपचारिकताएं है उसे आगे बढाने की दिशा में कार्य किया जाएगा। बनकोट क्षेत्र को बागेश्वर क्षेत्र में जोड़ने के लिए दोनों क्षेत्रों से एनओसी लेकर विधिक राय लेकर उस पर कार्यवाही की जाएगी। जनपद में सैनिकों के लिए कैंटीन भवन का निर्माण कराया जाएगा। कांडा क्षेत्र में मल्टी लेवल पार्किंग निर्माण व राइंका देवतोली भवन का पुर्ननिर्माण कार्य एवं देवतोली क्षेत्र में मिनी स्टेडियम बनाने की घोषणा की। वहीं मुख्यमंत्री ने सरयू घाटी एवं शामा क्षेत्र में विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कराये जाने के साथ ही बिलखेत-गैराड़ मोटर मार्ग का नाम स्व.हीरा सिंह धपोला एवं कर्मी-तोली मोटर मार्ग का नाम स्व. हयात सिंह गढ़िया के नाम से रखने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांडा में नर्सिंग कॉलेज निर्माण जल्द पूर्ण कराया जाएगा तथा बागेश्वर में नशा मुक्ति केंद्र का कार्य किया जाएगा तथा जिले में सभागार निर्माण हेतु रेडक्रॉस भवन का निर्माण कराने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री द्वारा किए गए शिलान्यास एवं लोकार्पण-
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बागेश्वर जिले के लिए 8299.64 लाख की 11 योजनाओं का शिलान्यास एवं 180.25 लाख की एक योजना का लोकार्पण किया। विधानसभा बागेश्वर अंतर्गत रूनीखेत-गांधीग्राम-अमतौड़ा मोटर मार्ग में डामकरीकरण कार्य 192.30 लाख एवं अकुणाई-अणा-लोहारचौरा मार्ग का सुधारीकरण कार्य 442.08 लाख तथा विधानसभा कपकोट अंतर्गत कांडा-सानिउडियार-रावतसेरा मोटरमार्ग में सुधारीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य 2294.03 लाख,कफनी ग्लेशियर मार्ग पर सुंदरढुंगा ग्लेशियर से कफनी ग्लेशियर की ओर क्षतिग्रस्त मार्ग का नव निर्माण 96.98 लाख, बागेश्वर-कपकोट-तेजम मोटर मार्ग व असों बैड़ा पाखड़ दोफाड़ मार्ग में सुधारीकरण एवं डामरीकरण कार्य 94.73 लाख तथा चीराबगड़ से पोथिंग मोटर मार्ग कार्य 768.46 लाख, भ्यूं गुलेर मोटर मार्ग 661.62 लाख, भ्यूं गड़ेरा मोटर मार्ग 927.89 लाख, खंडलेख भनार मोटर मार्ग 542.66 लाख, कपकोट-पिंडारी-रिखाड़ी-वाछम मोटर मार्ग 1591.29 लाख व कमेड़ी देवी स्यांकोट मोटर मार्ग 687.60 लाख की योजनाओं का शिलान्यास किया। वहीं जिस एक योजना का लोकार्पण किया उसमें विधानसभा कपकोट अंतर्गत दूणी सुकंडा मोटर मार्ग में सुधारीकरण एवं डामरीकरण कार्य 180.25 लाख सम्मिलित है।

क्षेत्रीय विधायक सुरेश गढ़िया ने मुख्यमंत्री के मेले में प्रतिभाग करने पर क्षेत्रीय जनता की ओर से आभार व धन्यवाद प्रकट किया। इस दौरान उन्होंने सरकार के विकास कार्याे एवं उपलब्धियों को गिनाया। विधायक ने विधानसभा के विकास कार्याे को और गति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष कई मांगे रखी।

इस अवसर पर दर्जा राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट, निवर्तमान अध्यक्ष जिला पंचायत/प्रशासक बसंती देव, ब्लाक प्रमुख/प्रशासक गोविंद सिंह दानू, जिलाध्यक्ष भाजपा इंद्र सिंह फर्स्वाण, डीएम आशीष भटगांई, एसपी चंद्रशेखर आर घोड़के, सीडीओ आरसी तिवारी, निवर्तमान अध्यक्ष कांडा महोत्सव हीरा सिंह कर्मयाल, संरक्षक गुसाईं सिंह धपोला, सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण व क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही।

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार और हिंसा ने मानवता के मूल्यों पर गहरा आघात कियाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस के अवसर पर गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने के लिए 1971 के युद्ध में भारत के लगभग 39 सौ जवान शहीद हुए, वही बांग्लादेश अब सांप्रदायिक ताकतों के बहकावे में आकर हमारे देश के खिलाफ अपशब्द बोल रहा है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार और हिंसा ने मानवता के मूल्यों पर गहरा आघात किया है।

गांधी पार्क में आयोजित विजय दिवस समारोह में अपने संबोधन की शुरुआत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 1971 के य़ुद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने 1971 के युद्ध में न केवल राष्ट्र की अखंडता और स्वाभिमान की रक्षा की बल्कि अपने अद्वितीय रण कौशल द्वारा दुश्मन को चारों खाने चित्त भी कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1971 में पाकिस्तान के साथ लड़ा गया यह युद्ध स्वतंत्र भारत के इतिहास का एक ऐसा स्वर्णिम अध्याय है, जो प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव और प्रेरणा का स्रोत है। 1971 के युद्ध में हमारी सेना ने विश्व को दिखा दिया कि भारत न केवल अपनी संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि जरूरत पड़ने पर मानवता और न्याय की रक्षा के लिए भी खड़ा हो सकता है। इस युद्ध में हमारी तीनों सेनाओं ने मात्र 13 दिनों में पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस युद्ध में पाकिस्तान के लगभग एक लाख सैनिकों ने 16 दिसंबर 1971 को हमारी सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जो दुनिया के सैन्य इतिहास में एक अद्वितीय घटना के रूप में दर्ज है। उस युद्ध में लगभग 39 सौ भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, जिनमें वीर भूमि उत्तराखंड के 255 बहादुर सपूत भी शामिल थे। तब हमारे प्रदेश के 74 सैनिकों को अपने अदम्य साहस और शौर्य के लिए विभिन्न वीरता पदकों से सम्मानित भी किया गया था।

गोली का जवाब गोलों से दे रही है सेना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2014 से पूर्व सेना के शौर्य को भी राजनीतिक चश्मे से आंकने का प्रयास किया जाता था। तब दुश्मन के हमला का जवाब देने के लिए भी सेना को आदेश लेना पड़ता था, लेकिन 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की सेनाओं को युदध् के समय गोली चलाने के लिए आदेश की आवश्यकता नहीं पड़ती है, सेना अब बढ़े हुए मनोबल से गोलियों का जवाब गोलों से दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना तो पहले भी शक्तिशाली और पराक्रमी थी, लेकिन तब नेतृत्व के कारण सेना को साजो सामान के मामले में न्याय नहीं मिल पाता था। लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार सेना के पराक्रम और बलिदान को सर्वाेच्च सम्मान देती है। आज भारतीय सेना को प्रत्येक क्षेत्र में सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप आज भारत न केवल अपनी रक्षा जरूरतों में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है, बल्कि विभिन्न देशों को रक्षा सामग्री निर्यात करने में भी नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

प्रदेश सरकार सैनिक कल्याण के लिए समर्पित
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने जहां एक ओर सैनिकों या उनके आश्रितों को मिलने वाली अनुदान राशि को बढ़ाने का काम किया है वहीं शहीद सैनिकों के आश्रितों को राज्य सरकार के अधीन आने वाली नौकरियों में वरीयता के आधार पर नियुक्ति देने का भी निर्णय लिया है। साथ ही, वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को मिलने वाली एकमुश्त अनुदान राशि में भी बढ़ोतरी की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अनुदान राशि को लेकर परिवार में कोई मतभेद ना हो, इसके लिए राज्य सरकार ने शहीदों के माता-पिता और पत्नी दोनों को समान रूप से अनुदान राशि में अधिकार देने का काम किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो खुद एक सैनिक पुत्र हैं, इसलिए आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में रक्षा क्षेत्र में आ रहे सकारात्मक बदलाव को देखकर उन्हें भी अत्यंत हर्ष का अनुभव होता है।

“धूल से फूल“ बनाना और “धूल में मिलाना“ भी जानते हैं
मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश के मौजूदा हालातों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं की चिंता है। उन्होंने कहा कि छोटी – छोटी घटना पर कैंडिल मार्च के साथ ही संसद बाधित करने वाले अब पूरी तरह गायब हैं। ये कौन लोग हैं जिन्हें केवल वोट के लिए बांग्लादेश का नरसंहार तक नहीं दिखाई दे रहा है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने अपनी चिंताओं से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को अवगत करा दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत हमेशा से शांति और सहिष्णुता का पक्षधर रहा है, लेकिन हमारी सद्भावना को हमारी कमजोरी समझने की भूल नहीं की जानी चाहिए। हम अगर “धूल से फूल“ बनाना जानते हैं तो हम “धूल में मिलाना“ भी जानते हैं।

पीएम करते हैं उत्तराखंड की चिंता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर विशिष्ट अवसर पर उत्तराखंड की चिंता करते हैं। उन्होंने केदारनाथ की धरती से कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होने जा रहा है, अब राज्य सरकार इसी संकल्प को पूरा करने की दिशा में बढ़ रही है। राज्य विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। नीति आयोग के इंडेक्स में देश के अंदर उत्तराखंड को पहला स्थान मिला है, राज्य में अब बेरोजगारी भी घटी है। प्रदेश सरकार प्रति व्यक्ति आय भी दोगुना करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में होने जा रहे राष्ट्रीय खेलों का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड को देवभूमि, वीरभूमि के साथ ही खेल भूमि के रूप में भी स्थापित करने का काम करेंगे।

वीरांगनाओं और वीर माताओं को निःशुल्क बस यात्रा
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं और वीर माताओं को भी परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की घोषणा की है। समारोह के अंत में मुख्यमंत्री ने 1971 युद्ध के वीर सैनिकों और वीर नारियों का भी सम्मान किया।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विश्व की प्रमुख सैनिक शक्ति बन गया है। आज 70 से अधिक देशों को रक्षा निर्यात हो रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में शहीदों के याद में सैन्य धाम बनकर तैयार हो गया है, जल्द ही सैन्य धाम का लोकार्पण होने जा रहा है।

इस मौके पर शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए साबित किया है कि दुनिया में यदि कोई भी ताकत भारत को आंख दिखाने का काम करेगी तो भारत उसे सबक सिखाना भी जानता है।

इस मौके पर विधायक खजान दास, दर्जाधारी विश्वास डाबर, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, सचिव दीपेंद्र चौधरी, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, एसएसपी अजय सिंह, निदेशक सैनिक ब्रिगेडियर कल्याण अमृत लाल (से.नि), मेजर जनरल सम्मी सबरवाल (से.नि), ब्रिगेडियर के.जी बहल(से.नि) एवं पूर्व सैन्य अधिकारी और वीरांगनाएं उपस्थित थे।

जिलाधिकारी अतिवृष्टि से प्रभावितों को राहत और बचाव में कोताही न बरतेंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि शासन के वरिष्ठ अधिकारी अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों का निरंतर अनुश्रवण करें, जिलाधिकारियों द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जो भी सहायता की मांग की जा रही है, उस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए उन्हें सहयोग प्रदान किया जाए।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर केदारनाथ यात्रा मार्ग के प्रभावित क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के रेस्टोरेशन के लिए आयुक्त गढ़वाल मण्डल विनय शंकर पाण्डेय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि सचिव आपदा प्रबंधन,सचिव लोक निर्माण विभाग तथा ऊर्जा विभाग के उच्च अधिकारी तत्काल जनपद रूद्रप्रयाग का दौरा करते हुए रेस्क्यू और रेस्टोरेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करायेंगे। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हुई अतिवृष्टि से हुए नुकसान का मुख्यमंत्री जिलाधिकारियों से हर पल का स्वयं अपडेट ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से वर्चुअल माध्यम से वार्ता करते हुए निर्देश दिये कि श्री केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवागमन को जल्द सुचारू किये जाने के प्रयास किये जाएं। पैदल यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया जाए और उनको भोजन की समुचित व्यवस्था रखी जाए। श्रद्धालुओं के परिजनों को उनकी कुशलक्षेम की नियमित अपडेट दी जाए। जारी किये गये हेल्पलाईन नम्बरों का भी व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। मौसम अनुकूल होने की स्थिति में श्रद्धालुओं को जल्द रेस्क्यू किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच के क्षतिग्रस्त 150 मीटर मोटर मार्ग के निर्माण की कार्यवाही जल्द की जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं के साथ पुलिस का व्यवहार अच्छा हो। प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था भी सुचारू रखने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग सौरभ गहरवार ने जानकारी दी कि श्री केदारनाथ पैदल मार्ग पर जिन स्थानों पर मलबा आया है,उन पर कार्य गतिमान है। मौसम अनुकूल होने की स्थिति में इन रास्तों को एक सप्ताह में ठीक करा लिया जायेगा। गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच क्षतिग्रस्त 150 मीटर मोटर मार्ग के निर्माण की कार्यवाही भी शुरू की जा रही है, अभी इसमें पैदल चलने की व्यवस्था की जा रही है। शेष मोटर मार्ग पूरा सही है।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी ए.पी. अंशुमन, आईजी कृष्ण कुमार वी.के, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।