पीएम भारतीय जन औषधि केंद्र को धरातल पर लाया जाएः पीएम मोदी

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रगति पोर्टल के अंतर्गत प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र एवं अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के संबंध में राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ बैठक में प्रतिभाग किया।

मुख्य सचिव ने बताया कि 65 प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र राज्य में संचालित हो रहे हैं। सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को लगातार जेनेरिक दवाओं की सलाह देने हेतु निर्देशित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों, आईईसी अधिकारियों एवं डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर को जेनेरिक दवाओं के प्रति जागरूकता हेतु भी लगातार निर्देशित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सभी सरकारी अस्पतालों के माध्यम से मरीजों को निशुल्क दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के सम्बन्ध में मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर हेतु खुरपिया, उधमसिंह नगर में 1002.15 एकड़ भूमि चिन्हित कर ली गई है। एन्वायरमेंट क्लियरेंस का कार्य जारी है।

कृषि सुधारों से किसानों को नए अधिकार मिलेः पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हाल के कृषि सुधारों ने किसानों के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोले हैं। आज आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि इन सुधारों से किसानों को नए अधिकार मिले हैं तथा वे सशक्त और बंधनमुक्त हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इन सुधारों ने महाराष्ट्र के धुले जिले के किसान जितेंद्र भोइजी को मक्के की फसल का बकाया भुगतान प्राप्त करने में मदद की। प्रधानमंत्री ने राजस्थान के किसान मोहम्मद असलम की भी सराहना की। मोदी ने कहा कि जहां जागरूकता है, वहीं जीवंतता होती है। प्रधानमंत्री ने हरियाणा के कैथल जिले के वीरेंद्र यादव की भी प्रशंसा की, जो आस्ट्रेलिया से वापस लौटकर पराली की समस्या के समाधान के लिए काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने युवाओं से अनुरोध किया कि वे अपने आसपास के गांवों का दौरा करके किसानों को खेती में नवाचारों और हाल के कृषि सुधारों के बारे में जागरूक करें। मोदी ने कहा कि संकट के समय संस्कृति बहुत काम आती है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि अजंता की गुफाओं की विरासत और कला को संरक्षित करने के साथ-साथ डिजिटल रूप भी दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि शिलॉग में खिले हुए चेरी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों ने मेघालय की सुंदरता को और बढ़ा दिया है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि देवी अन्नपूर्णा की बहुत पुरानी प्रतिमा कनाडा से भारत वापस आ रही है। इस मूर्ति को वाराणसी के मंदिर से 1913 के आसपास चुराकर देश के बाहर भेज दिया गया था। मोदी ने इसके लिए कनाडा सरकार और अन्य सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। यह सुनिश्चित करने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं कि इन धरोहरों को स्वदेश वापस लाया जाए। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से देश कई प्रतिमा और कलाकृतियों को वापस लाने में सफल रहा है।
मोदी ने कहा कि जाने-माने पक्षीविज्ञानी सालीम अली के 125वें जयंती समारोह 12 नवंबर से शुरू हो चुके हैं। उन्घ्होंने ने पक्षियों सर्वेक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया था। मोदी ने लोगों से इस तरह के प्रयासों से जुडने की अपील की। प्रधानमंत्री ने ब्राजील के जोनास मैसेट्टी का भी उल्घ्लेख किया जिन्हें विश्वनाथ के नाम से भी जाना जाता है और वे वेदांत और गीता की शिक्षा देते हैं। प्रधानमंत्री ने न्यूजीलैंड में नवनिर्वाचित सांसद गौरव शर्मा द्वारा संस्कृत में शपथ लेने की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति का प्रसार प्रत्येक भारतीय को गौरवान्वित करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र कल गुरु नानक देव का 551वां प्रकाश पर्व मनाएगा जिनके उपदेश वैंकूवर से वेलिंगटन और सिंगापुर से दक्षिण अफ्रीका तक प्रेरणा देते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल नवम्बर में करतारपुर साहिब गलियारे का उद्घाटन ऐतिहासिक घटना थी। इससे विदेशों में रहने वाले सिखों का दरबार साहिब की सेवा में योगदान देना आसान हो गया है।
मोदी ने कहा कि उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईआईटी दिल्ली से लेकर आईआईटी गुवाहाटी तक कई शिक्षण संस्थानों के छात्रों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भी अपने संस्थानों में पूर्व छात्रों के रूप में योगदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईआईटी के पूर्व छात्रों ने अपनी आईआईटी में सम्मेलन कक्ष, प्रबंध केन्द्र और इनक्यूबेशन केन्द्रों का निर्माण किया है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से मौजूदा छात्रों की पढ़ाई में सुधार होता है। मोदी कहा कि आईआईटी दिल्ली ने एक अक्षयनिधि शुरू की है, जो एक शानदार विचार है। 5 दिसंबर को अरबिंदो की पुण्यतिथि मनाई जाएगी।
मोदी ने कहा कि श्री अरबिंदो के विचारों में बहुत गहराई है। उन्होंने युवाओं से इस महान व्यक्तित्व के बारे में और अधिक जानने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे देश वोकल फॉर लोकल की दिशा में आगे बढ़ रहा है, उसे श्री अरबिंदो के स्वदेशी के दर्शन से प्रेरणा मिल रही है। स्वयं श्री अरबिंदों को स्वदेशी की प्रेरणा उनके परिवार से मिली थी। मोदी ने कहा कि देश ने अब लॉकडाउन चरण से बाहर निकलने के बाद कोविड-19 के टीके पर चर्चा शुरू कर दी है। हालांकि, उन्होंने आगाह किया कि कोरोना के बारे में कोई भी लापरवाही बहुत घातक होगी। मोदी ने सभी को कोरोना से लड़ाई को मजबूत करने के लिए कहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार कर रहा महिलाओं का सहायता समूह

रायवाला क्षेत्र की महिलाओं के समूह राधा कृष्णा निस्वार्थ सेवा समिति की ओर से तीर्थनगरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार किया जा रहा हैं। महिलाओं के समूह द्वारा समय-समय पर समाजिक कार्य किये जाते है। वहीं समूह द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लघु उधोग शुरू किए गए। जिसमें महिलाओं को पापड़, आचार, मोमबत्ती, दीपक बनना आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही दीपावली के त्यौहार में बच्चों को गिफ्ट देने की तैयारी भी की जा रही हैं।
महिलाओं के समूह द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सन्देश से प्रभावित हो कर क्षेत्र की महिलाओं को घर-घर रोजगार से जोड़कर आमदनी का सहारा दिया जा रहा हैं।

समूह के कार्यों से ग्रामीण महिलाओं में काफी उत्साह हैं। संस्था की फॉउंडर एवं अध्यक्ष ममता गुसाईं, क्षेत्र के वार्ड सदस्य आशीष जोशी, अनिता शर्मा, कमला अधिकारी, शांति देवीमल, लीला शर्मा, बबिता गिरी, पारू शाही आदि उपस्थित रहे।

विजयाराजे सिंधिया ने अपना जीवन गरीबों को किया समर्पितः मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया की 100वीं जयंती पर 100 रूपये के विशेष स्मारक सिक्के का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि विजयाराजे सिंधिया ने अपना जीवन गरीबों के लिए समर्पित किया। उनके लिए राजसत्ता नहीं बल्कि जन सेवा अहम थी। नारी शक्ति के बारे में वो कहती थी कि जो हाथ पालने का झुला सकते हैं, तो वे विश्व पर राज भी कर सकते हैं। कहा कि विजयाराजे सिंधिया एक आध्यात्मिक व्यक्तित्व थी। साधना, उपासना, भक्ति उनके अन्तर्मन में रची बसी थी। जेल में रहकर उन्होंने कहा था अपनी भावी पीढ़ियों को सीना तान कर जीने की प्रेरणा मिले इस उद्देश्य से हमें आज की विपदा को धैर्य के साथ झेलना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोई भी साधारण व्यक्ति जिसके अदंर योग्यता, प्रतिभा व देश की सेवा की भावना है, वह इस लोकतंत्र में भी सत्ता को सेवा का माध्यम बना सकता है। जन सेवा के लिए किसी खास परिवार में ही जन्म लेना जरूरी नहीं हैं। राष्ट्र के भविष्य के लिए राजमाता ने अपना वर्तमान समर्पित कर दिया था। उन्होंने पद एवं प्रतिष्ठा के लिए न जीवन जिया और न ही राजनीति की। स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर आजादी के कई दशकों तक भारतीय राजनीति के हर अहम पड़ाव की वे साक्षी रहीं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विजया राजे ने एक पुस्तक में लिखा है कि एक दिन ये शरीर यहीं रह जायेगा। आत्मा जहां से आई है, वहीं चली जायेगी। शून्य से शून्य में, स्मृतियां रह जायेंगी। अपनी इन स्मृतियों को मैं उनके लिए छोड़ जाऊँगी। जिनसे मेरा सरोकार रहा है, जिनकी मैं सरोकार रही हूं। मैं सौभाग्यशाली हूं कि उनकी स्मृति में मुझे विशेष स्मारक सिक्के के अनावरण का अवसर मिला।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, अन्य राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि जुड़े रहे।

राज्य वित्त आयोग के तहत पंचायतों का होगा विकास, 62.21 करोड़ की धनराशि हुई हस्तांतरित

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पंचायतों को राज्य वित्त आयोग के अन्तर्गत प्राप्त धनराशि को डिजिटल माध्यम से प्रदेश के 7791 ग्राम पंचायतों, 95 क्षेत्र पंचायतों एवं 13 जिला पंचायतों को एक साथ कुल 62.21 करोड़ की धनराशि हस्तांतरित की। हस्तानान्तरित की गई धनराशि में ग्राम पंचायतों हेतु रू0 19.30 करोड़, क्षेत्र पंचायतों हेतु रू0 14.48 करोड़, जिला पंचायतों हेतु रू0 28.43 करोड़ की धनराशि शामिल है। सीएम ने कहा कि पंचायतों को धनराशि का डिजिटल स्थानान्तरण होने से कार्यों में तेजी व पारदर्शिता आयेगी। इससे सरकारी सिस्टम के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इण्डिया प्रोग्राम को साकार करते हुए पंचायतीराज विभाग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों को केन्द्रीय वित्त-राज्य वित्त से प्राप्त सभी अनुदान पीएफएमएस के माध्यम से एक साथ डिजिटल हस्तान्तरित किये जा रहे है, तथा त्रिस्तरीय पंचायतों द्वारा प्राप्त अनुदानों तथा स्वयं के आय स्रोत आदि से प्राप्त सभी धनराशियों से कराये जा रहे विकास कार्यो एवं अन्य गतिविधियों के सापेक्ष सभी भुगतान शत प्रतिशत पीएफएमएस के माध्यम से डिजिटल रूप में किये जा रहे है। इस व्यवस्था के लागू होने से सभी पंचायतों को केन्द्र एवं राज्य सरकार से प्राप्त होने वाली धनराशि तत्काल पंचायतों के खाते में पहुंच रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल इण्डिया प्रोग्राम का उद्देश्य सरकारी सेवाओं की जानकारी ऑनलाईन माध्यम से जन सामान्य को पहुंचाने हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देते हुए समस्त ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबेण्ड इंटरनेट से जोडना है, इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु उत्तराखण्ड में पंचायतीराज विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा समस्त ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों के बैंक खातों को पंचायतीराज, भारत सरकार द्वारा लागू ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के माध्यम से पीएफएमएस-प्रिआ सॉफ्ट इंटरफेस के साथ जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि इससे जहॉ एक ओर राजकीय कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी वहीं पंचायत के निवासी, जो पंचायत से बाहर अन्यत्र रहते हों, अपने मोबाईल अथवा किसी भी अन्य डिवाइस पर इस पोर्टल के माध्यम से पंचायत को केन्द्रीय वित्त एवं राज्य वित्त तथा अन्य स्रोतों से प्राप्त धनराशि तथा पंचायत में कराये जा रहे विकास कार्यों की प्रगति के साथ-साथ अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सभी पंचायतों को एक साथ डिजिटल माध्यम से अनुदान की राशि हस्तान्तरित किये जाने के बाद पंचायतों को विकासपरक परियोजनाओं के साथ-साथ कोरोना वायरस महामारी से ग्रामवासियों के बचाव हेतु आवश्यक उपायों और बाहर से आये नागरिकों के संस्थागत क्वारंटीन सम्बन्धी व्यवस्था हेतु सामुदायिक भवनों (पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केन्द्र, विद्यालय या अन्य राजकीय भवन आदि) की साफ-सफाई, विद्युत व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, शौचालय व्यवस्था, मरम्मत, सैनिटाईजेशन, प्रचार-प्रसार आदि कार्यो को पूर्ण करने में सहायता मिलेगी। इस धनराशि से पंचायतों के अन्तर्गत जलापूर्ति की व्यवस्था, सीवरेज ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सैप्टेज प्रबंधन सहित जल निकासी एवं स्वच्छता, सामुदायिक परिसम्पत्तियों का रख-रखाव, स्ट्रीट लाईट तथा आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण-अतिरिक्त कक्षा-कक्ष आदि का निर्माण एवं सामुदायिक भवन निर्माण आदि विकास कार्य किये जाने में सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी से निपटने हेतु पंचायतों द्वारा किये गये प्रयासों के लिये पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ सभी ग्राम वासियों द्वारा निभायी जा रही भूमिका की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने सभी त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ-साथ सभी ग्राम वासियों से यह अपील की गयी कि वर्तमान कोविड-19 परिस्थितियों से बचाव हेतु भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए ‘‘2 गज सामाजिक दूरी और मास्क जरूरी‘‘ नियम का अनुपालन आवश्यक रूप से किया जाय।

अटल टनल का उद्धाटन कर बोले पीएम, पहाड़ के लोगों को पता है दूरी कम होने का मतलब

हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी विश्व की सबसे लंबी सुरंग अटल टनल का शुभारंभ किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टनल का उद्धाटन करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया। कहा कि दशकों पुराना इंतजार खत्म हुआ है। मेरा सौभाग्य है कि अटल टनल का उद्धाटन करने का अवसर उन्हें प्राप्त हुआ है। हिमाचल प्रदेशों के करोड़ों लोगों के साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी का भी सपना साकार हुआ है।

बता दें कि अटल सुरंग दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है। इसकी लंबाई 9.02 किलोमीटर है जो मनाली को लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़ेगी। इससे पहले यह घाटी भारी बर्फबारी के कारण लगभग छह महीने तक संपर्क से कटी रहती थी। मगर अब हर मौसम में सफर जारी रहेगा। इस सुरंग से मनाली और लेह के बीच की पीएम मोदी ने कहा कि अटल टनल लेह, लद्दाख की लाइफ लाइन बनेगी। लेह-लद्दाख के किसानों और युवाओं के लिए भी अब देश की राजधानी दिल्ली और दूसरे बाजारों तक पहुंच आसान हो जाएगी। इस अटल टनल से मनाली और केलॉन्ग के बीच की दूरी 3-4 घंटे कम हो ही जाएगी। पहाड़ के मेरे भाई-बहन समझ सकते हैं कि पहाड़ पर 3-4 घंटे की दूरी कम होने का मतलब क्या होता है।

…तो 2040 में पूरा होता टनल का काम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि साल 2002 में अटल ने इस टनल के लिए अप्रोच रोड का शिलान्यास किया था। अटल सरकार जाने के बाद, जैसे इस काम को भी भुला दिया गया। हालात ये थी कि साल 2013-14 तक टनल के लिए सिर्फ 1300 मीटर का काम हो पाया था। एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस रफ्तार से 2014 में अटल टनल का काम हो रहा था, अगर उसी रफ्तार से काम चला होता तो ये सुरंग साल 2040 में जाकर पूरा हो पाती।

हमने 26 साल का काम छह साल में किया
प्रधानमंत्री बोले, अटल टनल के काम में भी 2014 के बाद, अभूतपूर्व तेजी लाई गई। नतीजा ये हुआ कि जहां हर साल पहले 300 मीटर सुरंग बन रही थी, उसकी गति बढ़कर 1400 मीटर प्रति वर्ष हो गई। सिर्फ 6 साल में हमने 26 साल का काम पूरा कर लिया।

इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने फीता काटकर सुरंग का उद्घाटन किया। मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग आदि उपस्थित थे।

एक नजर अटल सुरंग पर…
अटल सुरंग को अधिकतम 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ प्रतिदिन 3000 कारों और 1500 ट्रकों के यातायात घनत्व के लिए डिजाइन किया गया है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था और सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। मोदी सरकार ने दिसम्बर 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में सुरंग का नाम अटल सुरंग रखने का निर्णय किया था, जिनका निधन पिछले वर्ष हो गया।

शिक्षा नीति में पूरे देश से अध्यापकों और छात्रों में दिख रहा उत्साहः नमो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत 21 वीं सदी में स्कूली शिक्षा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दशकों में दुनिया का हर क्षेत्र बदल गया, हर व्यवस्था बदल गई। अब हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति को उतने ही प्रभावी तरीके से लागू करना है, और ये काम हम सब मिलकर करेंगे। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने पर प्रिंसिपल्स और अध्यापक पूरे उत्साह में दिख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बच्चों में मैथमेटिकल्स थिकिंग और साइंटिफिक टेम्परामेंट विकसित हो, ये बहुत आवश्यक है। मैथमेटिकल्स थिकिंग का मतलब केवल यही नहीं है कि बच्चे मैथमेटिकल्स के प्रॉब्लम ही सॉल्व करें. बल्कि ये सोचने का एक तरीका है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ऐलान होने के बाद बहुत से लोगों के मन में कई सवाल आ रहे हैं, सवाल जायज भी हैं और जरूरी भी हैं। आज हम सभी एक ऐसे क्षण का हिस्सा बन रहे हैं जो देश के भविष्य निर्माण की नींव डाल रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21 वी सदी के भारत को नई दिशा देने वाली है। कितने ही प्रोफेशन हैं जिनके लिए डीप स्किल्स की जरूरत होती है, लेकिन हम उन्हें महत्व ही नहीं देते। एनईपी को इसी तरह तैयार किया गया है ताकि सैलेबस को कम किया जा सके और फंडामेंटल्स चीजों पर ध्यान केन्द्रित किया जा सके।

केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज से स्वावलंबन भारत की ओर बढ़ रहा देश: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत अभियान कोविड-19 की विपरीत परिस्थितियों को अनुकूल बनाने के साथ ही आधुनिक भारत की पहचान भी बना रहा है। मुख्यमंत्री, मीडिया सेंटर सचिवालय में आयेजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में एमएसएमई क्षेत्र को कई तरह की रियायतें देते हुए मजबूती प्रदान की गई। साथ ही गरीबों, किसानों श्रमिकों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 20 लाख करोड़ रूपए के पैकेज की घोषणा के बाद केवल डेढ़ माह की अवधि में ही इसके सकारात्मक प्रभाव भी दिखने लगे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा ‘वोकल फॉर लोकल एंड मेक इट ग्लोबल’ के लिए किए गए आह्वान को सभी देशवासियों का समर्थन मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र के लिए तीन लाख करोड़ रूपए के कोलेटरल फ्री ऋण की व्यवस्था की गई। एमएसएमई के लिए 50 हजार करोड़ रूपए का ‘फंड्स ऑफ फंड’ भी बनाया गया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के मानकों में सुधार किया गया है। इससे इन उद्यमों को विस्तार का अवसर मिलेगा जिससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजित होगा। उद्योगों और श्रमिकों के लिए तीन महीने तक ईपीएफ सपोर्ट दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों में गरीबों, किसानों और मजदूरों की सहायता करने के लिए प्रधानमंत्री ने 1.70 लाख करोड़ रूपए की घोषणा की। इसके तहत प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि की तीन माह की अग्रिम किस्तें किसानों के खातों में जमा की गई। महिला जन-धन खाताधारकों के खातें में 500-500 रूपए की तीन किस्तें जमा की गईं। उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ से अधिक महिलाओं को तीन गैस सिलेंडर मुफ्त दिए गए। दिव्यांगों, विधवाओं और बुजुर्गों को भी 1 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी गई।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में देश के 80 करोड़ लोगों को राहत देने के लिए अप्रैल,मई व जून तीन माह के लिए निशुल्क खाद्यान्न दिया गया। अब इस योजना को नवम्बर माह तक बढ़ा दिया गया है। इसमें हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहू या चावल और प्रति परिवार 1 किलो चना नवम्बर तक निशुल्क मिलता रहेगा। इस योजना पर लगभग डेढ़ लाख करोड़ रूपए खर्च होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा में केंद्र सरकार ने 40 हजार करोड़ रूपए का अतिरिक्त आवंटन किया। उत्तराखण्ड में ही मनरेगा में 36 हजार नए लोगों के काम उपलब्ध करवाया गया है। 6 राज्यों के 116 जिलों में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए गरीब कल्याण रोजगार योजना शुरू की गई है। किसानों के लिए भी बहुत से कदम उठाए गए। किसानों के हित में अनेक फार्मिंग रिफार्म किए गए हैं। किसानों को फसल पर लागत मूल्य का कम से कम डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का निर्णय लिया गया। केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों पर एमएसपी को बढ़ाया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भी काफी महत्वपूर्ण है।
अर्थव्यवस्था में कोविड-19 के प्रभाव से उबारने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार भी किए गए हैं। रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया को बल दिया गया है। पीपीपी मॉडल पर हवाई अड्डों का निर्माण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों में सबसे अधिक सुधार स्वास्थ्य क्षेत्र में किया गया है। कोरोना संक्रमण की शुरूआत में पीपीई किट का निर्माण नहीं होता था। अब देश में पीपीई किट का इतनी अधिक मात्रा में उत्पादन किया जा रहा है कि इनका निर्यात भी किया जाने लगा है। वेंटीलेटर, एन-95 मास्क भी बडे स्तर पर बनाए जा रहे हैं। इनके निर्माण में अनेक स्टार्टअप आगे आए हैं। चीन के विभिन्न मोबाईल एप पर प्रतिबंध लगाने के बाद स्वदेशी एप बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वापिस लौटे प्रवासियों और युवाओं के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की गई है। इसमें 150 प्रकार के कामों को लिया गया है।

खुशखबरीः मुख्यमंत्री ने निर्देश, अब एक रुपये में मिलेगा पानी का कनेक्शन

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जल जीवन मिशन को सफल बनाने के लिये कार्य योजना तैयार की गई है। इसके तहत दिये जाने वाला कनेक्शन गरीब परिवारों को मात्र एक रूपये में दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अब जनहित में रूपये 2350 के स्थान पर उन्हें मात्र एक रूपये में जल जीवन मिशन के तहत कनेक्शन उपलब्ध करायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2024 तक हर घर को नल द्वारा मानकों के अनुसार शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराने की योजना का लाभ प्रदेश वासियों को मिल सकेगा। देश में इस प्रकार की पहल करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य होगा जो आम आदमी के जीवन से जुड़ी इस योजना के लिये मात्र एक रूपये में कनेक्शन उपलब्ध करायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जल जीवन मिशन’ के तहत होने वाले कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता में रखा गया है। 2024 से पूर्व हमें ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर में जल पहुंचाना है। इसके लिए प्रत्येक वर्ष का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें पानी की उपलब्धता के साथ ही शुद्धता का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है तथा पानी की गुणवत्ता के साथ सभी क्षेत्रों के लिए इसके तहत पूरा प्लान भी बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ‘जल जीवन मिशन’ के तहत आगामी 2 वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में 75 प्रतिशत तक पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस वर्ष 3 लाख 58 हजार 880 घरों को इस मिशन के तहत पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है। उन्होंने कहा कि अर्द्ध नगरीय क्षेत्रों के लिए भी घरों में प्रतिदिन 16 घण्टे पेयजल की उपलब्धता के लिए 22 अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में कार्य किये जा रहे हैं। इस योजना के तहत 96797 घरों को लाभान्वित किया जायेगा।

80 करोड़ लोगों को अगले पांच माह तक और मिलेगा निःशुल्क राशनः पीएम मोदी

(एनएन सर्विस)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर में 80 करोड जरूरतमंद लोगों को अगले पांच महीने तक मुफ्त राशन देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का इस साल नवम्घ्बर के अंत तक विस्तार कर दिया गया है।
कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद घोषित इस योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों के हर सदस्य को हर महीने पांच किलोग्राम गेहूं या चावल और एक किलोग्राम साबुत चना मुफ्त उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना को नवम्बर तक बढ़ाने पर सरकार को 90 हजार करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च करनी होगी।
राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले तीन महीनों में करीब बीस करोड़ गरीब लोगों के जनधन खातों में 31 हजार करोड रुपए अंतरित किए गए हैं। इसी तरह नौ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपए भेजे गए हैं। गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए चलाए जा रहे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान पर 50 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश एक-राष्ट्र, एक-राशन कार्ड की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिससे रोजगार के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले गरीब मजदूरों को बड़ा फायदा होगा।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कोरोना महामारी की वजह से मृत्युदर पर नजर डाली जाए तो यह बात स्पष्ट हो जाती है कि अन्य देशों के मुकाबले भारत, इस महामारी से निपटने में बड़ी मजबूत स्थिति में रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि समय पर लॉकडाउन लागू करने के फैसले से कई जानें बचाई जा सकीं। उन्होंने कहा कि जब से देश में अनलॉक-वन शुरू हुआ है, कुछ लोग अपने व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही बरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनलॉकडाउन के दौरान भी नियमों पर उसी तरह से अमल किया जाना चाहिए जिस तरह लॉकडाउन के दौरान किया गया था। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि लोगों को अनुशासन बनाए रखना चाहिए और जो लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं उन्हें रोका जाना चाहिए, उन्हें जागरूक बनाया जाना चाहिए। उन्होंने आगाह किया कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है।