वन खेलकूद प्रतियोगिता में 42 टीमों के 3390 खिलाड़ी, 700 महिला प्रतिभागियों को सीएम धामी ने दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर (देहरादून) में आयोजित अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता 2025 में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल एवं कल्पना सैनी, तथा विधायक उमेश शर्मा ‘काउ’, खजान दास, सविता कपूर, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

देवभूमि में खिलाड़ियों और वन अधिकारियों का स्वागत
मुख्यमंत्री ने मंच से देश के विभिन्न राज्यों से पधारे वन अधिकारियों, खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि 28वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता की मेजबानी का सौभाग्य उत्तराखंड को प्राप्त हुआ है।
उन्होंने इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त किया तथा वन विभाग और आयोजकों को इस भव्य आयोजन के लिए बधाई दी।

3390 खिलाड़ी, 42 टीमें, 700 से अधिक महिला प्रतिभागी
मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस वर्ष प्रतियोगिता में देशभर के 42 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से 3390 खिलाड़ी, जिनमें 700 से अधिक महिला खिलाड़ी, भाग ले रही हैं।
उन्होंने सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “खेल केवल शारीरिक तंदुरुस्ती का माध्यम नहीं, बल्कि व्यक्तित्व विकास और राष्ट्र निर्माण का भी आधार हैं।”

खेल संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के दोहरे संकल्प पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल व्यक्ति में अनुशासन, टीमवर्क और संघर्ष की भावना विकसित करते हैं। उन्होंने कहा कि वन कर्मियों का फिट रहना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि वही वन और पर्यावरण की रक्षा के असली प्रहरी हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ-साथ वन संपदा के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी सतत प्रयासरत है।

स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान और खिलाड़ियों को सम्मान
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि प्रदेश में 8 शहरों में 23 खेल अकादमियां, एक राज्य खेल विश्वविद्यालय, और महिलाओं के लिए महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि “राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को हमारी सरकार ‘आउट ऑफ टर्न’ नियुक्ति दे रही है और उत्कृष्ट खिलाड़ियों को 50 लाख रुपये की सम्मान राशि भी प्रदान कर रही है।”

मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि हाल ही में वर्ल्ड कप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सदस्य एवं उत्तराखंड की बेटी स्नेहा राणा को 50 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की घोषणा की गई है।

ग्रीन गेम्स और खेल वन की सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में संपन्न 38वें राष्ट्रीय खेलों को उत्तराखंड ने ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम पर आयोजित किया, जहाँ सभी सामग्री ई-वेस्ट और रिसाइकल्ड मटेरियल से तैयार की गई।
उन्होंने बताया कि 2.77 हेक्टेयर भूमि पर ‘खेल वन’ विकसित किया गया है, जहाँ पदक विजेताओं के नाम पर 1600 से अधिक रुद्राक्ष वृक्ष लगाए गए हैं। “यह स्थल खेल उत्कृष्टता के साथ हरित चेतना का प्रतीक बनेगा।”

वन्यजीव संरक्षण में आधुनिक तकनीक का प्रयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का लगभग 71 प्रतिशत क्षेत्र वनाच्छादित है, जो इसे देश का ‘ऑक्सीजन बैंक’ और ‘वाटर टॉवर’ बनाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 6 राष्ट्रीय उद्यान, 7 वन्यजीव विहार और 4 संरक्षण आरक्षित क्षेत्र हैं- जो पूरे देश के औसत से कहीं अधिक है।
उन्होंने बताया कि वन्यजीव संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने जीपीएस ट्रैकिंग, ड्रोन सर्विलांस, डॉग स्क्वॉड जैसी आधुनिक तकनीकें लागू की हैं।

साथ ही, मानव-वन्यजीव संघर्ष में मुआवजा राशि को 6 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है।

सीएम यंग ईको-प्रिन्योर योजना और इको-टूरिज्म
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में “सीएम यंग ईको-प्रिन्योर योजना” के तहत युवाओं को नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, ट्रेकिंग गाइड और इको-टूरिज्म उद्यमी के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही, “कैन्टर राइड” जैसी पहलों से स्थानीय समुदायों को वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन से जोड़कर उनकी आजीविका सशक्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि कॉर्बेट में ‘वन्यजीवों का एम्स’ कहे जाने योग्य आधुनिक रेस्क्यू सेंटर स्थापित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से से हल्द्वानी जू सफारी परियोजना और उत्तरकाशी में प्रस्तावित स्नो लेपर्ड कंज़र्वेशन सेंटर की स्वीकृति हेतु सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा “ये दोनों परियोजनाएं राज्य के पर्यटन और वन्यजीव संरक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।”

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान का उल्लेख करते हुए खिलाड़ियों से आग्रह किया कि “यदि आप इस स्टेडियम परिसर में अपनी माता के नाम एक पौधा लगाएंगे, तो यह माँ के प्रति प्रेम और सम्मान का प्रतीक होगा और इस आयोजन को यादगार बनाएगा।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि देशभर से आए वन अधिकारी और खिलाड़ी अपनी अनुशासन, परिश्रम और खेल भावना से न केवल खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करेंगे, बल्कि वन संपदा के संरक्षण और हरित उत्तराखंड निर्माण के संकल्प को भी साकार करेंगे। “आप सभी अपने परिश्रम से न केवल राज्य का गौरव बढ़ा रहे हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित, स्वस्थ और सशक्त उत्तराखंड का निर्माण कर रहे हैं।”

सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को महराणा प्रताप स्पोटर्स कॉलेज, रायपुर, देहरादून में लोक योजना अभियान-2021 सबकी योजना सबका विकास के अन्तर्गत गढ़वाल मण्डल के त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं कार्मिक पंचायतीराज विभाग की एक दिवसीय राज्य स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यशाला का शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना काल में कार्य करने वाले ग्राम पंचायत विकास एवं सहायक विकास अधिकारी, पंचायत को एक क्लिक से पी.एफ.एम.एस. के माध्यम से गढ़वाल मण्डल के 55 सहायक विकास अधिकारी, पंचायत एवं 455 ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों प्रत्येक को 10-10 हजार रूपये की धनराशि कुल 510 कार्मिकों को रू0 51 लाख की धनराशि त्वरित ट्रान्सफर की गयी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 10 हजार रूपये से बढ़ाकर रू0 14 हजार कर दिया गया जायेगा। उपाध्यक्षों का मानदेय रू0 6000 से बढ़ाकर रू0 9800, उप प्रधान का रू0 500 से रू0 1000, जिला पंचायत सदस्य का रू0 1000 से बढ़ाकर रू0 1500 प्रति बैठक एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य रू0 500 से रू0 700 प्रति बैठक किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में जन प्रतिनिधियों द्वारा सराहनीय कार्य किया गया। सभी प्रधानों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर ओपन जिम खोलने की जो घोषणा की गई थी उसका शासनादेश हो चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा समाज के हर वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। रोजगार के साथ ही स्वरोजगार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जन समस्याओं का समाधान एक ही जगह पर हो इसके लिए लगातार कैंप लगाये जा रहे हैं। जनपदों में रोजगार मेले आयोजित किये जा रहे हैं।
पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा की कोविड काल के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों ने अपनी जान की परवाह किये बगैर पंचायतों में जो कार्य किये वह सराहनीय है। पंचायतों में वर्तमान में सभी धनराशि ऑनलाइन आवंटित की जा रही है। पारदर्शिता के साथ कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद भी पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है। कार्यशाला में पंचायतीराज विभाग एवं अन्य रेखीय विभागों के विशेषज्ञों द्वारा कार्यशाला में आये हुए समस्त प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया। त्रिस्तरीय पंचायतों में जीपीडीपी, बीपीडीपी एवं डीपीडीपी में पंचायतों की आवश्यकतानुसार प्लान बनाकर अपलोड किये जाने के सम्बन्ध में सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया गया, जिससे पंचायतों को मिलने वाले अनुदान का उचित एवं आवश्यकतानुसार प्रबन्धन कर सकें। पंचायतें प्राप्त अनुदान के सापेक्ष अपने-अपने क्षेत्र की यथा आश्यकतानुसार योजनाओं का चयन कर प्लान बनायेंगे। जिससे बजट अनुदान प्रथमतः आवश्यक एवं विकास परक योजनाओं पर व्यय किया जा सकेगा। इस अवसर पर गढ़वाल मण्डल के सभी जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष/उपाध्यक्ष, सदस्य जिला पंचायत, प्रमुख/ज्येष्ट उप प्रमुख/कनिष्ठ उप प्रमुख सदस्य क्षेत्र पंचायत प्रधान/उप प्रधान आदि पंचायत पदाधिकारियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।