रेलवे मार्ग पर घूम रहे लोगों को एसडीआरएफ ने दी कोरोना संक्रमण की जानकारी

एसडीआरएफ की टीम ने आज रेलवे मार्ग पर घूम रहे यात्रियों, दुकानदार को कोविड -19 की जानकारी देकर जागरूक किया। इस दौरान टीम ने प्रशिक्षण के जरिए बताया कि लगातार मास्क लगाकर व सामाजिक दूरी को अपनाकर इससे बचा जा सकता है।

एसडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर कविंद्र सजवाण ने बताया कि किसी भी वस्तु को छूने के बाद हाथों को सेनिटाइज, या साबून से अच्छे से धोएं। अपने हाथों को कार्य के दौरान मुँह को बिल्कुल न छुएं, किसी भी स्थान पर न छींके व थूकें, घरों में जाकर कमरे में अपने जूते चप्पल न ले जाएं, कपड़ों को वाश करें या धूप में सुखाएं,हाथों को धुलने के तरीके भी बताए गए।

बताया कि ठंडी चीज खाने से बचें, गर्म पानी का सेवन करते रहें। उन्होंने योग को अपनाने पर भी जोर दिया। कहा कि इससे इम्युनिटी बढ़ाई जा सकती है। साथ ही उन्होंने बुजुर्ग, बच्चों का विशेष ध्यान देने पर भी जोर दिया। इस दौरान एसडीआरएफ की ओर से संदीप सिंह, रविन्द्र सिंह, सुमित नेगी आदि उपस्थित रहे।

कैफे में काम कर जीविका चलाने वाला युवक गंगा में बहा

दिल्ली के पहाड़गंज का एक युवक गंगा नदी में नहाने के दौरान अनियंत्रित होकर डूब गया। मौके पर पहुंची मुनिकीरेती पुलिस ने गंगा में रेस्क्यू अभियान चलाया। मगर, युवक का कुछ पता न चल सका। मौके पर जल पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों ने भी रेस्क्यू चलाया। मगर, सफलता नहीं लगी।

थाना प्रभारी राम किशोर सकलानी ने बताया कि नीमबीच पर गंगा में डूबे व्यक्ति के साथी हितेश ने बताया कि उनका सच्चा धाम आश्रम के निकट कैफे है। यह लड़का उनके कैफे में नौ अक्टूबर से काम कर रहा है। अपना बैग में मेरे कैफे में रखकर गंगा में नहाने गया था। पुलिस ने मौके पर बैग मंगवाया। इसमें आधार कार्ड मिला। जिसके आधार पर उसकी पहचान संदीप शर्मा पुत्र जगदीश चंद्र शर्मा निवासी निकट रामकृष्ण आश्रम मार्ग, बाराही माता मन्दिर में बाजार पहाड़ गंज दिल्ली के रूप में हुई। मौके पर एसडीआरएफ की डीप ड्राइविंग टीम भी पहुंची और डीप टीम के ड्राइवर कांस्टेबल मातबर सिंह ने 20 फुट गहरी गंगा में जाकर डूबे व्यक्ति की खोज की। मगर, सफलता हाथ नहीं लगी।

प्रशिक्षित शिक्षकों के जरिए स्कूलों के अध्यापकों को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाएः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन की दृष्टिगत युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाय। ग्राम सभा में भी समय-समय पर लोगों को प्रशिक्षित किया जाए। स्कूलों में आपदा प्रबंधन से संबंधित सप्ताह में एक क्लास की व्यवस्था हो। उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत लोगों को आपदा प्रबंधन के लिए जागरूक करना जरूरी है। आगजनी घटनाओं एवं वर्षाकाल के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना जरूरी है। आपदा की चुनौतियों का सामना करने के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल भी कराई जाए।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए जो भी प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं उनको और प्रभावी बनाने के लिए विशेषज्ञों की राय ली जाए जिन शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है उनके माध्यम से सभी स्कूलों के अध्यापकों को भी ट्रेनिंग दी जाए आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत संचार तंत्र को और अधिक मजबूत किया जाए।
मानसून के दृष्टिगत सभी तैयारियां पूरी कर ली जाय। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों का चिन्हीकरण किया जाय। आपदा रिस्पांस टाइम को कम से कम करने का प्रयास किया जाय। लोगों को कोविड 19 से बचाव के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाय।

बैठक में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि मौसम से संबंधित सटीक जानकारियों के लिए मुक्तेश्वर एवं सुरकंडा में डॉप्लर रडार लगाने का कार्य चल रहा है। इस वर्ष 12321 युवक मंगल दल एवं 10908 युवक-युवतियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया। संचार तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए तहसील स्तर पर 184 सेटेलाइट फोन उपलब्ध कराए गए हैं। 2012 से अब तक 27 आपदा से संवेदनशील ग्रामों के 699 परिवारों का पुनर्वास किया गया है। गढ़वाल मंडल में 84 एवं कुमाऊं मंडल में 100 भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र उपकरण स्थापित किए गए हैं। गंगा नदी पर कोटेश्वर से लेकर ऋषिकेश तक 8 संवेदनशील स्थानों पर बाढ़ चेतावनी तंत्र स्थापित किए गए हैं।

राज्य एवं जिला स्तर पर कार्मिकों को इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम का प्रशिक्षण दिया गया है। राज्य आपदा मोचन निधि के तहत प्रदेश के सभी जनपदों को कुल 98 करोड़ रुपए, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को 20 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 30 करोड़ रुपए, पेयजल संस्थान को 20 करोड़ रुपए एवं चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को 16 करोड़ रुपए की धनराशि दी गई है।

त्रिवेन्द्र सरकार उठाएगी उपचार का खर्च, देगी मुआवजा

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण को महामारी घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही अब अस्थाई रूप से कोरोना संक्रमण को आपदा में शामिल कर लिया गया है। कोरोना से प्रभावित व्यक्ति के उपचार का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी और मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को मुआवजा भी दिया जाएगा।
प्रदेश में अब अगले तीस दिन के लिए कोरोना संक्रमण के लिए मेडिकल कैंप लगाने, उपकरणों की व्यवस्था करने, पीड़ितों को अलग कैंप बनाकर रखने की व्यवस्था राज्य आपदा प्रबंधन फंड से की जाएगी। इन सब मामलों में राज्य आपदा प्रबंधन कमेटी फैसला करेगी। इसके साथ ही टेस्टिंग लैब स्थापित करने और महामारी को रोकने के लिए सर्वे आदि की व्यवस्था भी एसडीआरएफ के तहत की जाएगी।
आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। संक्रमण से फैलने को रोकने के लिए प्रदेश के आपदा प्रबंधन तंत्र को भी सक्रिय कर दिया गया है। सभी को सर्जिकल मास्क, सूट आदि की व्यवस्था करने को कहा गया है।
आपदा प्रबंधन तंत्र से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर भी रोक लगा दी गई है। कोरोना संक्रमण को आपदा में अस्थाई रूप से शामिल कर लिया गया है। कोरोना संक्रमण के आपदा में शामिल होने से अब पीड़ितों के उपचार पर आए खर्च का भुगतान राज्य सरकार करेगी। पीड़ित की मृत्यु होने पर आपदा के तहत निर्धारित मानकों के तहत मुआवजा दिया जाएगा।

त्रिवेन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य सचिव को दिए असीमित अधिकारी
महामारी अधिनियम लागू होने के बाद सचिव स्वास्थ्य को असीमित अधिकार होंगे। सचिव स्वास्थ्य अपनी शक्तियां जिलों में जिलाधिकारी और सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) को प्रदान कर सकते हैं।
– धारा 144 के तहत कहीं भी भीड़ एकत्रित करने पर रोक।
– उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत सजा और जुर्माना।
– शिक्षण संस्थान बंद करना या खोलना।
– अनुमति के बिना सार्वजनिक सभा से लेकर कोई भी समारोह नहीं होगा।
– किसी भी संदिग्ध के जांच से मना करने पर जबरन जांच होगी।
– मेडिकल कार्यों के लिए निजी या सार्वजनिक संपत्ति ली जा सकेगी कब्जे में।
– किसी भी वाहन को बतौर टैक्सी या एंबुलेंस इस्तेमाल किया जा सकेगा।
– निजी या सार्वजनिक स्थलों, वाहनों और संपत्तियों को सेनिटाइज करना।

अनुबंध पर सैंकड़ों डाक्टर-नर्सें होंगी नियुक्त
सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में डाक्टरों के रिक्त साढ़े पांच सौ पदों पर वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से नियुक्ति की जाएगी। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के मौजूदा पदों के 50 प्रतिशत पद और भरे जाएंगे। नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टॉफ के खाली पदों पर 11 माह के अनुबंध पर नियुक्तियां की जाएंगी।

स्वास्थ्य विभाग को पचास करोड़ जारी
सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए 50 करोड़ रुपये तुरंत महानिदेशक स्वास्थ्य को जारी कर दिए हैं। आइसोलेशन आईसीयू बनाए जाएंगे। सौ बिस्तर के प्री फेब्रिकेटिड अस्पताल बनाने की अनुमति दे दी है। यह अस्पताल जरूरत पड़ने पर कहीं भी बनाया जा सकेगा। चिकित्सा उपकरणों में 125 वेंटिलेटर सहित औषधि आदि की खरीद बिना टेंडर (लेकिन राज्य या केंद्र सरकार की तय दरों अथवा जेम से) हो सकेगी।

रोकथाम को आपदा मद से मिलेगा पैसा
महामारी घोषित होने से कोरोना को आपदा का दर्जा मिला गया है। इसके तहत अब आपदा के मद से महामारी की रोकथाम के लिए पैसा खर्च किया जा सकेगा। इसके तहत राज्य सरकार को केंद्र से भी मदद मिल सकती है। जिलाधिकारी बिना शासन की अनुमति के रोकथाम और उपचार के लिए पैसा खर्च कर सकते हैं।

राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में मुख्यमंत्री ने श्रद्धासुमन अर्पित किये

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीदों की शौर्य गाथा और पराक्रम को नमन करते हुए पुष्प्प च्रक एवं श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस अवसर पर प्रेस प्रतिनिधियोें को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की यह राष्ट्रीय स्मारक, राष्ट्र की रक्षा में पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स के जवानों के बलिदान और समपर्ण की याद दिलाता है। उन्होंने कहा की राष्ट्रीय पुलिस स्मारक एक प्रेरणादायक स्मारक है। यह सदैव सर्वोच्च बलिदान की गौरवगाथा को बताता है।

मुख्यमंत्री ने बताया की वर्ष 2013 में उत्तराखण्ड राज्य में आई भीषण आपदा के उपरान्त राज्य में एस.डी.आर.एफ का गठन किया गया है जिसके द्वारा प्राकृतिक आपदा दुर्घटना के समय राहत एवं बचाव का कार्य किया जाता है। वर्तमान में राज्य में एस.डी.आर.एफ की चार कम्पनियाॅ कार्यरत है। मुख्यमंत्री ने कहा की सिटी क्राइम पर नियन्त्रण किये जाने के उद्देश्य से प्रयोग के रूप में उत्तराखण्ड राज्य के चार जनपदों में सीटी पेट्रोल यूनिट (सी.पी.यू) का गठन किया गया है जिसका कार्य चैन स्नेचिंग, महिला छोड़खानी, आटो लिफिटिंग लूट, एक्सीडेंट रोकना आदि है।
मुख्यमंत्री ने बताया की उत्तराखण्ड में वर्ष 2000 से 2019 तक शहीद पुलिसकर्मियों की संख्या 182 है। उन्होंने कहा कि देश में शांति व्यवस्था कायम रखने, प्राकृतिक आपदा या दुर्घटनाओं में बचाव और राहत पहुॅचाने का कार्य हमारे जवान करते है और जब भी इनकी जरूरत होती है, यह उस समय मौजूद रहते है। इनकी कर्तव्य परायणता हम सभी को प्रेरणा देती है।

मुख्यमंत्री ने विजिटर बुक में लिखा “राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित करने का अवसर मिला। हमारे जवानों की शहादत ने स्मारक बनाने की प्रेरणा दी। देश की राजधानी में स्मारक बनने से उनकी शहादत को ‘‘सलाम‘‘ करने का यह अवसर मिला”।
कार्यक्रम में उत्तराखंड मे कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, सांसद राजलक्ष्मी शाह, सांसद अजय भट्ट, विधायक देशराज कर्णवाल, रितु खण्डूरी, हरबंस कपूर, गणेश जोशी, सुरेन्द्र सिंह जीना, मुन्ना सिंह चैहान, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, पुलिस अपर महानिदेशक विनय कुमार, पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल, एस.डी.आर.एफ, तृप्ती भट्ट, औद्योगिक सलाहकार मा. मुख्यमंत्री केएस पंवार आदि उपस्थित थे।

मेरी यात्रा एप से यात्रियों को मिली सुविधाः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को आपदा प्रबंधन विभाग के सौजन्य से एसडीआरएफ द्वारा निर्मित एप्प ‘मेरी यात्रा’ का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीआरएफ द्वारा आपदा प्रबंधन एवं यात्रियों की सुविधा की दृष्टि से उत्कृष्ट एप्प बनाया गया है। आज के आईटी युग में लोगों को ऑनलाइन सम्पूर्ण जानकारी की मांग होती है। उन्होंने कहा कि इस एप्प में उत्तराखण्ड के विशिष्ट स्थानों के बारे में भी जानकारी दी जाय।

उन्होंने कहा कि यह एप उत्तराखण्ड में पर्यटन क्षेत्रों की जानकारी एवं आपदा प्रबंधन से संबंधित जानकारियों का अपडेट मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एप्प के माध्यम से जिस स्थान एवं क्षेत्र के चित्रों को दर्शाया जा रहा है, उस स्थान एवं क्षेत्र का पूरा विवरण दिया जाय। जो प्रमुख मंदिर एवं विशिष्ट चीजें सिर्फ उत्तराखण्ड में हैं, उनको भी इस एप्प में शामिल किया जाए।

कमांडेंट एसडीआरएफ तृप्ति भट्ट ने कहा कि इस एप्प में यात्रियों को सूचनाएं एवं सुविधाएं एक साथ उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। एप्प के माध्यम से यात्रियों को अपने निकटवर्ती क्षेत्रों में होम स्टे, प्रमुख स्थलों, आपातकालीन नम्बर, अतिथि गृह, प्रमुख पर्यटक एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थलों की जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि इस एप्प में कई और फीचर जोड़े जायेंगे। जिससे यात्रियों के लिए और सुगमता हो।

राहगीर को मोबाईल पकड़ा गंगा में लगाई छलांग

हरिद्वार के एक युवक ने रहस्यमय परिस्थितियों में लक्ष्मणझूला पुल से गंगा में छलांग लगा दी। घटना बीती सोमवार रात लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र में घटी है। मंगलवार को युवक की खोजबीन को एसडीआरएफ और जल पुलिस टीम ने तलाशी अभियान चलाया, लेकिन लापता का कहीं पता नहीं चल पाया। बताया जा रहा जा रहा है कि युवक ने गंगा में छलांग लगाने से पहले एक यात्री को मोबाइल दिया, उसके बाद आत्मघाती कदम उठाया।
लक्ष्मणझूला पुलिस के मुताबिक, मुंडलाना, मंगलौर, जिला हरिद्वार निवासी राहुल (26) पुत्र रामपाल बीती रात 11 बजे लक्ष्मणझूला पुल के पास पहुंचा और मार्ग से गुजर रहे एक यात्री को अपना मोबाइल पकड़ने के लिए दिया। यात्री कुछ समझ पाता कि राहुल ने अचानक लक्ष्मणझूला पुल से गंगा में छलांग लगा दी। यात्री ने इसकी सूचना लक्ष्मणझूला पुलिस को दी। देर रात अचानक युवक द्वारा गंगा में कूदने की घटना से पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक युवक गंगा की तेज लहरों में ओझल हो गया। मंगलवार सुबह जल पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने युवक की खोजबीन को सर्च अभियान चलाया। मगर उसका कहीं पता नहीं चल सका। लक्ष्मणझूला थानाध्यक्ष राकेंद्र कठैत ने बताया की राहुल सात महीने से लक्ष्मणझूला में योग सेंटर में रह रहा था। युवक द्वारा आत्मघाती कदम का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया। पूछताछ में पता चला कि उसका किसी युवती के संग प्रेम प्रंसग चल रहा था। जिस वजह से वह काफी समय से परेशान था। संभवतः इस कारण उसने यह आत्मघाती कदम उठाया हो। फिलहाल मामले में पुलिस परिजनों और दोस्तों से पूछताछ कर रही है। कूदने से पहले उसने एक यात्री को अपना मोबाइल पकड़ने के लिए दिया था। घटनास्थल के पास से किसी प्रकार का सुसाइड नोट नहीं मिला है।

कोस्टगार्ड भर्ती सेंटर से युवाओं का संवरेगा भविष्य

उत्तराखड में कोस्टगार्ड का भर्ती सेंटर खोला जायेगा। यह भारत का पाँचवा कोस्टगार्ड भर्ती सेंटर होगा। 28 जून को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत इस भर्ती सेंटर के लिए भूमि का शिलान्यास करेंगे। यह भर्ती सेंटर कुंआवाला (हर्रावाला) देहरादून में बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से रविवार को मुख्यमंत्री आवास में डीजी कोस्टगार्ड राजेन्द्र सिंह ने मुलाकात कर इस सम्बन्ध में उत्तराखण्ड में कोस्टगार्ड भर्ती केन्द्र खोलने के लिए भारत सरकार का अनुमति पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में कोस्टगार्ड भर्ती सेंटर खुलने से उत्तराखण्ड के युवाओं को कोस्टगार्ड में रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे। उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। कोस्टगार्ड एस.डी.आर.एफ को आपदा से राहत व बचाव के तरीकों के लिए प्रशिक्षण भी देगा। युवाओं को भी कोस्टगार्ड द्वारा आपदा से राहत व बचाव कार्य का प्रशिक्षण दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सैन्य प्रदेश है। सेना के विभिन्न अंगों मे उत्तराखण्ड के जवान है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड को पांचवे सैन्य धाम के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है। यह उत्तराखण्ड का सौभाग्य है कि देश का पांचवा कोस्टगार्ड भर्ती केन्द्र उत्तराखण्ड में बन रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रैबार कार्यक्रम में डीजी कोस्टगार्ड राजेन्द्र सिंह ने उत्तराखण्ड में कोस्टगार्ड भर्ती केन्द्र खोलने का प्रस्ताव दिया था। उसी का परिणाम है कि भारत सरकार से इसे स्वीकृति भी मिल चुकी है। उन्होंने डीजी कोस्टगार्ड के इन प्रयासों की सराहना करते हुए उनका आभार जताया।
डीजी कोस्टगार्ड राजेन्द्र सिंह ने कहा कि देहरादून में कोस्टगार्ड भर्ती सेंटर के लिए भारत सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है। इसके लिए 17 करोड़ रूपये भूमि के लिए व 25 करोड़ रूपये भवन निर्माण के लिए स्वीकृति मिली है। इस भर्ती केन्द्र का पूरा खर्च भारत सरकार वहन करेगी। नोएडा, मुम्बई, चेन्नई व कोलकत्ता के बाद यह उत्तराखण्ड में 5वां कोस्टगार्ड भर्ती केन्द्र होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उत्तराखण्ड को सैन्य धाम के रूप में 5वां सैन्य धाम विकसित करने की बात कही है। यह कोस्टगार्ड भर्ती केन्द्र उत्तराखण्ड के जवानों को समर्पित होगा। इस भर्ती केन्द्र का लाभ उत्तराखण्ड के साथ ही उत्तर प्रदेश, हिमांचल प्रदेश व हरियाणा के युवाओं को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि लगभग डेढ़ साल में यह भर्ती केन्द्र बनकर तैयार हो जायेगा।

सतपुली की घटना पर सीएम ने जताई नाराजगी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को सचिवालय में गृह विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में थानों की परफार्मेंस के अनुसार उनकी रैंकिंग करने के निर्देश दिये। प्रतिवर्ष की जाने वाली रैंकिंग में सर्वश्रेष्ठ थाने को एक लाख रूपये का पुरस्कार दिया जायेगा। उन्होंने पुलिस विभाग को सीमान्त जनपदों में तैनात आईटीबीपी, एसएसबी और सेना के साथ लगातार समन्वय बनाकर रखने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को ऑनलाइन एफआईआर की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को साइबर अपराध जैसी आधुनिक चुनौतियों से निपटने के लिये तैयार होने को कहा। परिवहन विभाग के साथ पुलिस विभाग संयुक्त रूप से डग्गामार वाहनों के विरूद्ध अभियान चलाये। यद्यपि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष सडक दुर्घटनाओं के मामले में कमी आई है फिर भी मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को इस दिशा में गंभीरता से काम करने को कहा। मुख्यमंत्री ने जनपद पौडी में सतपुली की घटना में पुलिस की भूमिका पर असंतोष व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने पुलिस को नशे के अवैध कारोबार पर सख्ती से लगाम लगाने के निर्देश दिये। बताया गया कि पिछले 6 महीनों में नशे के अवैध कारोबार में 583 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है तथा 5.25 करोड रूपये के मादक पदार्थ बरामद हुए है। अवैध शराब की तस्करी में 2860 अभियुक्त गिरफ्तार हुए तथा रूपये 5 करोड़ की अवैध शराब बरामद हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग में ड्राइवर के आवश्यक 235 पदों तथा एसडीआरएफ के 400 जवानो के पदों को अगले तीन वर्ष में चरणबद्ध प्रक्रिया से भरा जायेगा। उन्होंने प्रमुख सचिव वित्त श्रीमती राधा रतूड़ी को इसके लिये पुलिस विभाग के साथ बैठक करने के निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव गृह डॉ.उमाकांत पंवार को निर्देश दिये कि पूर्व में जिन नये थानो चौकियों की सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है, उन पर वित्त विभाग के साथ वार्ता कर कार्यवाही शुरू की जाए। पुलिस विभाग द्वारा कुल 13 नये थानो तथा 34 रिर्पोटिंग पुलिस चौकी का प्रस्ताव रखा गया। इसके साथ ही कई थानो चौकियों के कार्य क्षेत्र को बढ़ाने की मांग भी की गई।
पुलिस विभाग द्वारा आईआरबी द्वितीय तथा एसडीआरएफ के भवन की मांग पर भी सैद्धांतिक स्वीकृति देते हुए मुख्यमंत्री ने प्रथम चरण में बजट आवंटन हेतु वित विभाग और गृह विभाग को बैठक करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में वाहनों की कमी को भी शीघ्र दूर किया जायेगा।
बैठक में बताया गया कि अनावरण प्रतिशत की दृष्टि में डकैती (100 प्रतिशत), लूट (84 प्रतिशत), गृह भेदन (54 प्रतिशत) और बलात्कार (99 प्रतिशत) के मामलो में प्रदेश की पुलिस की परफार्मेंस राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। हत्या के मामलो में अनावरण प्रतिशत 83 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 86.2 प्रतिशत से कम है। मुख्यमंत्री ने इसमें सुधार के आवश्यकता बताई। बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिये पुलिस सख्त कार्यवाही करे और ऐसी घटनाओं में दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी हो।
पुलिस महानिदेशक श्री अनिल कुमार रतूडी ने बताया कि वर्ष 2017 में लूट, चोरी की गई सम्पत्ति की बरामदगी 45 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 16.4 प्रतिशत है। इस दृष्टि से प्रदेश का देश में 5वां स्थान है। इसके साथ ही सजा का प्रतिशत 65 है। राष्ट्रीय औसत 46.9 प्रतिशत है। देश में 6वां स्थान है। एसटीएफ एवं देहरादून पुलिस द्वारा एटीएम क्लोनिंग की ठगी के 95 प्रकरणों में अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है। 35 लाख रूपये बैंको के खातों में फ्रीज किये गये। लगभग 17 लाख रूपये बरामद किये गये। ऑपरेशन स्माईल के तहत 331 बच्चों की बरामदगी की गई एवं एसआईटी द्वारा 774 शिकायतों का निस्तारण किया गया।