यूजीसी की गाइडलाइन के तहत प्रदेश में उच्च शिक्षा में तेजी लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग से सम्बन्धित बैठक आयोजित की गई।
बैठक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा निर्देशो के तहत विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में परीक्षायें संचालित किये जाने के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय स्तर पर अन्तिम वर्ष एवं अन्तिम सेमेस्टर के छात्र-छात्रों की परीक्षायें 24 अगस्त से 25 सितम्बर तक आयोजित की जायेंगी तथा 25 अक्टूबर तक परीक्षा फल घोषित कर दिया जायेगा जबकि 1 नवम्बर से नया सत्र शुरू कर दिया जायेगा। इसके अलावा पुराने छात्र छात्राओं की सेमेस्टर परीक्षायें यूजीसी गाइडलाइन के अनुसार अगली कक्षाओं में प्रोमोट करते हुए 5 अगस्त तक परीक्षा फल घोषित कर 16 अगस्त से ऑनलाईन कक्षायें शुरू कर दी जायेंगी। 12वीं के परीक्षाफल घोषित होने के साथ ही समस्त राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों बीए, बीएससी, एम, एमएससी आदि कक्षाओं में प्रथम वर्ष हेतु प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जायेगी तथा 1 नवम्बर से कक्षायें प्रारम्भ होंगी।
बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों द्वारा बताया गया कि राज्य के कई महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों को कोविड 19 क्वारंटीन सेंटर बनाये गये हैं जिसके चलते परेशानी आ सकती है जिस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कोविड-19 के दृष्टिगत जिन विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में क्वारंटीन सेंटर बनाये गये हैं सम्बन्धित संस्थान के मुखिया के ओर से जिलाधिकारी को पत्र भेजकर 25 जुलाई तक क्वारंटीन सेंटर खाली कराते हुए अन्यत्र शिफ्ट करा दिये जाये तथा वहां पर छात्रों के आने से पहले सेनेटाईजेशन की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए ताकि परीक्षा देने वाले छात्रों को कोई कठिनाई न हो।
बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि पूरे प्रदेश में लगभग 3 लाख छात्र-छात्राओं उच्च शिक्षा में अध्यनरत हैं जिनमें से लगभग 80 हजार छात्र-छात्रायें अन्तिम वर्ष/सेमेस्टर के शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 25 हजार छात्र-छात्रायें बाहरी राज्यों से अध्यनरत हैं जिनको परीक्षा से पूर्व 1 अगस्त तक सम्बन्धित विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में अपनी उपस्थिति देनी होगी, लेकिन उनके लिए शर्त रखी गई है वह अपने प्रदेशों से कोविड-19 का टेस्ट कराते हुए प्रमाण पत्र भी साथ लेकर आयेंगे ताकि क्वारंटीन की अनिवार्यता से बचा जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन ने बताया कि यूजीसी के द्वारा पूर्व में शिक्षको, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कार्यालय आने सम्बन्धित जो छूट दी गई थी वह समाप्त कर दी गई है। अब सभी प्राचार्यों, शिक्षकों अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने कार्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। आदेशों का पालन न करने पर सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
बैठक के उपरान्त मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति ओपीएस नेगी द्वारा मुख्यमंत्री को कोविड-19 के दृष्टिगत मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु विश्वविद्यालय की ओर से 5 लाख 80 हजार की धनराशि का चेक भेंट किया गया।
बैठक में राज्य मंत्री दिप्ती रावत, मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति ओपी नेगी, दून विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एके कर्नाटक, श्रद्धेय सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डा. पीपी ध्यानी, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. कुमकुम रौतेला, तकनीकी सलाहकार मुख्यमंत्री डॉ. नरेन्द्र सिंह, रूषा सलाहकार डॉ. एमएसएम रावत, डॉ. के.डी.पुरोहित, पन्तनगर विवि के डीन डॉ. एसके कश्यप, संयुक्त सचिव एमएम सेमवाल, कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी, एमएस मन्दरवाल, विपिन चन्द जोशी, डॉ. एएस उनियाल आदि विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल उपलब्ध कराने के मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में जल जीवन मिशन की सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन एक समयबद्ध कार्यक्रम है। सभी जिलाधिकारियों को इसके उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये हर संभव प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल के माध्यम से गुणवत्ता युक्त स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी है इसके लिये जिलाधिकारियों को आवश्यक व्यवस्थाओं एवं प्रबंधन के लिये अधिकार प्रदान किये गये हैं। शासन स्तर पर इससे सम्बन्धित स्वीकृतियों आदि में विलम्ब न हो, इसके लिये उन्होंने जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला जल एवं स्वच्छता मिशन (D.W.S.M) को एक करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति के अधिकार दिये जाने, गढ़वाल एवं कुमाऊं के आयुक्तों को 2 करोड़ तथा 5 करोड़ के प्रस्तावों की मंजूरी के लिये स्टेट लेवल कमेटी तथा इससे ऊपर के प्रस्तावों को ही शासन को संदर्भित किये जाने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन जीवन से जुड़ा यह महत्वपूर्ण विषय है। अतः इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। इस योजना के तहत अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो, इसका ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान विपरीत परिस्थितियों में भी सभी जिलाधिकारियों को सभी सम्बन्धित विभागों एवं संस्थाओं के सहयोग एवं समन्वय से इसे मिशन मोड में संचालित करना होगा। उन्होंने कहा कि वन, राजस्व, पेयजल आदि विभागों को इसमें सामूहिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा। यह हम सबका कार्य है। हर घर को नल के माध्यम से स्वच्छ जल उपलब्ध कराने हेतु कनेक्शन उपलब्ध कराने में कोई समस्या न हो इसके लिये आर्थिक रूप से असहाय लोगों को एक रूपये में कनेक्शन दिये जाने का निर्णय लिया गया है ताकि प्रदेश में कोई भी घर कनेक्शन से वंचित न रहे। उन्होंने जिलाधिकारियों को कार्य हित में अपने स्तर पर कार्यदायी संस्थाओं का चयन कर उसकी सूचना शासन को उपलब्ध कराने को कहा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने भी जिलाधिकारियों से जल जीवन मिशन के तहत दिये गये लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूर्ण करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अपने विवेक से इसमें आनी वाली कठिनाइयों का निराकरण करें। उन्होंने योजनाबद्ध ढंग से कुशल नेतृत्व क्षमता के साथ इस योजना को धरातल पर उतारने की भी बात कही। जिलाधिकारियों को इसमें व्यक्तिगत रूप से ध्यान देना होगा तभी इतनी बड़ी योजना के क्रियान्वयन में हम सफल हो पायेंगे। उनहोंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी जिलाधिकारी इस वर्ष के लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ ही आगे की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप देने के लिये प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने सीमान्त जनपदों में माइग्रेट होने वाले गांवों के सभी घरों को इसमें शामिल करने के भी निर्देश दिये।
इस अवसर पर सचिव पेयजल नीतेश झा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि वर्ष 2024 तक प्रदेश के सभी विकास खण्डों की 7755 ग्राम पंचायतों के 14871 गांवों में फंक्सनल हाऊस होल्ड टेप कनेक्शन (FHTC) उपलब्ध कराये जाने हैं। इसके लिये वर्ष 2020-21 के लिये 358880 घरों को नल से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। जनपद चमोली को वर्ष 2020-21 में सभी 43265 घरों को घरेलू जल संयोजन के साथ जोड़ा जाना है। इसके साथ ही देहरादून का डोईवाला, पौड़ी का थलीसैण, रुद्रप्रयाग का ऊखीमठ, उत्तरकाशी का भटवाड़ी, नैनीताल का हल्द्वानी तथा पिथौरागढ़ का धारचूला विकास खण्ड को शत प्रतिशत आच्छादन का लक्ष्य भी इस वर्ष के लिये रखा गया है।
उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये भारत सरकार द्वारा 1565.06 करोड़ की कार्य योजना स्वीकृत की है। इसके लिये 140 एन.जी.ओ को भी सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने जिलाधिकारियों से 2021 तक सभी योजनाओं के टेण्डर जारी करने की भी अपेक्षा की। शासन द्वारा इस सम्बन्ध में शीघ्र ही गाइड लाइन भी जारी की जायेगी। इस अवसर पर जिलाधिकारियों ने अपने अपने सुझाव रखे गये तथा योजना को समय बद्धता के साथ पूर्ण करने का आश्वासन दिया।

कैबिनेट के 21 अहम फैसलों पर मुहर, जानिए पूरी खबर

राज्य सचिवालय में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में 21 अहम फैसलों पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगाई। कैबिनेट निर्णय की जानकारी शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने दी।

1. श्रीकोट सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज के लिए 0.326 हैक्टेयर पटटे पर दी गई भूमि का नजराना और मालगुजारी को निशुल्क करने का निर्णय लिया गया।

2. कैम्पा योजना निधि प्रबन्धन के लिए विभागीय ढ़ांचा 29 पद की मंजूरी।

3. उत्तराखण्ड राज्य परिवहन निधि नियमावली 2020 में संशोधन करते हुए प्राप्त धनराशि सीधे ट्रेजरी में लेने के निर्देश।

4. उत्तराखण्ड स्टोन क्रेशर प्लांट, मोबाईल, हॉट मिक्स प्लांट निति 2020 के अन्तर्गत कृषि मंत्री की संस्तृति के आधार पर गंगा नदी के किनारे 1.5 कि0मी0, मैदानी नदी के किनारे 1 कि0मी0, बरसाती नदी के किनारे 500 मीटर तक प्लांट लगाने की अनुमति दी गई।

5. उत्तराखण्ड खनिज अवैध खनन भण्डारण नियमावली 2020 को अनुमति। शासन स्तर से जिलाधिकारी स्तर पर अधिकार दिया गया। मोबाईल स्टोन क्रेशर हेतु दो वर्ष, रिटेल भण्डारण हेतु पांच वर्ष की अनुमति। लाइसेंस शुल्क 25,000 हजार। क्रय विक्रय नगद पर प्रतिबंध।

6. औद्योगिक नियोजन आर्दश नियमावली 1992 के तहत कर्मकारों को रखने के लिए नियत अवधि नियोजन कर्मकार नियमावली 2020 लाया गया।

7. उद्योग विभाग में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग नियमावली को मंजूरी। विभागीय चयन समिति के स्थान पर समुह ग के अन्तर्गत पद पर चयन उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से होगा।

8. ऋषिकेश भोगपुर मैसर्स गंगा डिजायन स्टूडियों फर्म के न्यूनतम मार्ग में छूट दी गई।

9. देहरादून अर्बन सिलींग होम हेतु एमडीडीए को स्थानांतरित भू उपयोग भूमि के लिपिकीय त्रुटि में सुधार।

10. मुख्यमंत्री राहत कोष में प्राप्त धनराषि में पारदर्शिता के लिए वित्त विभाग के अधिकारी को रखा जायेगा। अभी तक 15 मार्च से 26 जून 2020 तक कुल 154 करोड़ 56 लाख रूपये प्राप्त किया गया। इनमें से 85 करोड़ 60लाख व्यय किया गया।

11. राज्य सरकार के कल्याणकारी नीति के प्रचार प्रसार हेतु भारत सरकार की एजेंसी ब्राडकास्ट इंजीनियरिंग कंसलटेंट लि0 से अनुबंध किया गया।

12. उत्तराखण्ड विज्ञापन अनुश्रवण समिति में भारतीय प्रेस परिषद् के सदस्य के स्थान पर वरिष्ठ पत्रकार को लेने की अनुमति।

13. श्रम विभाग में इएसआई चिकित्साधिकारी के लिए प्रेक्टिस भत्ता की अनुमति।

14. एकीकृत आर्दश कृषि ग्राम योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तहत मंजूरी। 95 ब्लॉक में 95 ग्राम पंचायत का चयन करके 100 कृषकों हेतु 10 हैक्टेयर का क्लस्टर बनेगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत को 15 लाख रूपये सीड मनी के रूप में दिया जायेगा।

15. अमृतसर, कलकता इंडस्ट्रीयल समेकित निर्माण समूह, उधम सिंह नगर में, फिल्म सिटी, साईबर पार्क, एसइजेड के लिए तीन हजार एकड़ भूमि में से प्रथम चरण के लिए एक हजार एकड़ भूमि दी जायेगी।

16. राज्य सरकार की भूमि के आवंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जायेगी। जिलाधिकारी द्वारा निलामी न्यूनतम बाजार मूल्य के आधार पर आवंटन प्रक्रिया की जायेगी। पर्यटन, उद्योग, पेयजल व उर्जा इत्यादि विभाग को सूखा अधिकार के तहत सर्किल रेट पर भूमि दी जायेगी लेकिन इसका प्रयोग सार्वजनिक कार्यो के लिए भी होगा।

17. ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व में 2220 रूपये जल संयोजन को कम करके केवल 1 रूपये संकेत के रूप में लेने का निर्णय लिया गया है।

18. कोविड स्वास्थ्य सेवा एवं मेडिकल कॉलेज भर्ती के लिए 1020 नर्सिंग स्टाफ को तत्काल भरने का निर्णय लिया गया है।

19. नर्सिंग शिक्षक सेवा नियमावली को मंजूरी।

20. दीनदयाल उपाध्याय सहकारी कृषक कल्याण योजना के ऋण सीमा शुन्य प्रतिशत पर बढ़ाकर 1 लाख से 3 लाख किया गया। इसके अन्तर्गत 3 लाख 68 हजार कृषक, 1247 स्वंय सहायता समुह लाभान्वित होंगे।

21. विधानसभा सदस्यों के लोन लेने की नियमावली संशोधन किया गया।

ऐतिहासिक उत्तराखंडी फिल्म बनाने वाले अशोक मल्ल का निधन

प्रसिद्ध समाजसेवी अभिनेता अशोक मल्ल के निधन से मुंबई से लेकर उत्तराखंड तक शोक की लहर दौड़ गई है। उत्तराखंडी फिल्म जगत के आधार स्तंभ के रूप में अनेक फिल्मों से पहाड़ में फिल्म उद्योग को सींचने वाले अशोक मल्ल जी ने गढवाली फिल्म कौथिग, गोपीभीना, बंटवारू, मेरी गंगा होली त मैमा आली, चक्रचाल जैसी हिट फिल्में दी हैं।
अभिनेता अशोक मल्ल ने उत्तराखंडी फिल्म गोपीभीना में खुद डायरेक्टर की भूमिका में पहाड़ की खूबसूरत वादियों में फिल्मांकन की संभावनाओं की मजबूत बुनियाद बनाई।उत्तराखंड के सुपर स्टार एक महान समाजसेवक और एक अच्छे इंसान के असमय चले जाने से मुंबई के तमाम लोगों ने संवेदना व्यक्त करते हुए गहरा दुख जताया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी शोक संवेदना व्यक्त की।मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंण्ड की आंचलिक फिल्मों के अभिनेता, नामी रंगकर्मी अशोक मल्ल के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दु:ख हुआ। परमपिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ। कलाकार कभी नहीं मरते, उनकी यादें सदैव जिंदा रहती हैं। भावभीनी श्रद्धांजलि।

उत्तराखंडी फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता व उनके साथ काम कर चुके बलराज राणा ने कहा अशोक मल्ल जी उत्तराखंड फिल्मों म एक बेहतरीन अभिनेता थे। जो 1986 सी लगातार 2020 आज तक बतौर अभिनेता, लेखक, निर्देशक का रुप म उत्तराखंड को गौरव बढ़णा छिन।
भाई अशोक मल्ल द्वारा फिल्म व रंगमंच मा अभिनीत/ निर्देशित/ नृत्य निर्देशक को विवरण,

1- कौथिग (मुख्य अभिनेता)
1987 गढ़वाली फिल्म
2- मेघा आ (मुख्य खलनायक)
1987 कुमाऊंनी फिल्म
3- बंटवारू (नायक का बड़ा भाई)
1992 गढ़वाली फिल्म
4- चक्रचाल (नायक का बड़ा भाई)
1997 गढ़वाली फिल्म
5- मेरी गंगा होलि त मीमू आली (मुख्य नायक)
2004 उत्तराखंडी फिल्म
6- गोपी भैना (निर्देशक)
2016 उत्तराखंडी फिल्म

उत्तराखंडी रंगमंच मुंबई

1- रामलीला मुंबई (स्थान -चेंबूर)
1984 से 1986 तक हनुमानजी कि भूमिका निभाई।

पर्वतीय नाटक मंच के अंतर्गत अभिनित व नृत्य निर्देशित
2- प्यारी जन्मभूमि उत्तराखंड
17 नवंबर 1994 मुंबई दामोदर हाल
नृत्य निर्देशक
3 – वीरभड़ माधोसिंह भंडारी
11 सितंबर 1995 मुंबई दीनानाथ मंगेशकर हाल
नृत्य निर्देशक
4- सत्यवान सावित्री
10 जनवरी 1996 मुंबई कर्नाटक संघ हॉल
नृत्य निर्देशक
5- सिमन्या समधी
9 फरवरी 1997 मुंबई दीनानाथ मंगेशकर हाल
मुख्य नायक
6- चला कौथिग देखी ओला
9 फरवरी 999 मुंबई कर्नाटक संघ हॉल
नृत्य निर्देशक
7- कख बोली मेरी डांडी कांठी
14 दिसंबर 1999 मुंबई कर्नाटक संघ हॉल
नृत्य निर्देशक
8- सरूली मेरु जिया लगीगे
13 जनवरी 2004 मुंबई षणमुखानंद हॉल
मुख्य नायक

9- मुंबई कौथिग प्रथम बार नवी मुंबई में स्थापना
2009 तीन दिवसीय भव्य आयोजन,
प्रथम बार उत्तराखंड संस्कृति विभाग की टीम मुंबई में
आयोजक /निर्देशक

इसके अलावा अनेक हिंदी धारावाहिक और पृथ्वी थिएटर मुंबई में कई हिंदी नाटकों में अभिनय व कई उत्तराखंडी नाटकों में भाई अशोक मल्ल ने कार्य किया।

कमिश्नर के आदेश पर व्यापारी नेता के कांपलेक्स की तीसरी मंजिल सील

मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने ऋषिकेश में रेलवे रोड पर बहुमंजिला भवन के तृतीय तल को सील किया है। एमडीडीए की कार्रवाई से नगर के अन्य बिल्डरों में भी खलबली मची रही।
बुधवार को एमडीडीए के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर सुधीर गुप्ता के नेतृत्व में टीम रेलवे रोड पहुंची। यहां पर निर्माणाधीन बिल्डिंग की सीलिंग के आदेश पूर्व में ही जारी हुए थे। इस पर अमल करते हुए एमडीडीए टीम ने रेलवे रोड स्थित ललित मोहन मिश्रा की निर्माणाधीन बिल्डिंग के तृतीय तल को सील किया। एई सुधीर गुप्ता ने बताया कि बीती तीन जुलाई को भी सील की कार्रवाई को टीम पहुंची थी। मगर, ललित मोहन मिश्रा की ओर से उक्त मामले में कमिश्नर से स्टे होना बताया था। इसके चलते टीम वापस लौट गई थी। बताया कि मंगलवार की शाम को कमिश्नर की ओर से उन्हें पत्र मिला। ‌इस पत्र में बिल्डिंग के दो तल का नक्शा पास होना बताया गया है, जबकि तृतीय तल का नक्शा नहीं होना बताया गया था। इसके चलते टीम ने बुधवार को मौके पर जाकर तृतीय तल को सील कर दिया है। इस मौके पर नायब तहसीलदार विजय पाल सिंह चौहान, प्राधिकरण की टीम में जूनियर इंजीनियर पीपी सिंह, सुपरवाइजर महावीर, धर्म सिंह आदि उपस्थित रहे।

दिनेश कोठारी के कार्यों को सराहा, लगातार तीसरी बार बनाया अध्यक्ष

दिनेश कोठारी को रियल स्टेट एसोसिएशन ऋषिकेश के अध्यक्ष पद की लगातार तीसरी बार कमान सौंपी गई है। दिनेश कोठारी के अध्यक्ष पद पर नियुक्त होने पर प्रॉपर्टी से जुड़े व्यवसाइयों ने हर्ष जताया है।
एसोसिएशन की कार्यकारिणी को लेकर पदाधिकारियों की एक बैठक हरिद्वार रोड स्थित कार्यालय में आयोजित हुई। इसमें रियल एस्टेट के कारोबार में आ रही परेशानियों से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार की गई। साथ ही कोरोना महामारी में एसोसिएशन की ओर से जरूरतमंद व्यक्तियों की बढ़-चढ़कर मदद करने पर सभी सदस्यों ने सराहना की। इसके बाद नवीन कार्यकारिणी को लेकर मंथन किया गया। इसमें सभी पदाधिकारियों ने सर्वसहमति से अध्यक्ष पद पर दिनेश कोठारी के नाम को मुहर लगाई। इसी के साथ दिनेश कोठारी को रियल ‌स्टेट एसोसिएशन की तीसरी बार लगातार कमान सौंपी गई। इस दौरान सभी ने हर्ष व्यक्त किया। मौके पर एसोसिएशन के महामंत्री दीपक चुग, कोषाध्यक्ष नितिन गुप्ता, वरिष्ठ सदस्य मानव जौहर, निशांत मलिक, संजय व्यास, विशाल कक्कड़, सरदार मंगा सिंह, राजीव खुराना, अनिल कुकरेती, विवेक तिवारी, नितिन गवाडी, अजीत कवल, गोपाल सती, अशोक पाल, धीरज मखीजा, प्रदीप गुप्ता, विजय रावत, कोमल सिंह, आशीष शर्मा, निपुण गुप्ता, अंकित अरोड़ा आदि उपस्थित रहे।

ऋषिकेश के द्वितीय महंत अशोक प्रपन्नाचार्य का निधन, शोक की लहर

(एनएन सर्विस)
आज प्रात: 7:30 बजे श्री भरत मन्दिर के महन्त अशोक प्रपन्नाचार्य महाराज ने अतिंम सांस ली। उनके देहावसान की खबर से पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गयी। शहर के साथ ही देहरादून और अन्य स्थानों से लोगो ने उनके आवास पहुचकर परिवार को सान्त्वना दी। शहर के कई व्यापारियों ने अपने अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
आपको बता दे कि श्री महन्त का जन्म 10 फ़रवरी 1942 को तत्कालीन महंत परशुराम जी के घर उनके बेटे ज्योति प्रसाद शर्मा के यहा हुआ। अशोक प्रपन्नाचार्य परिवार में बड़े पुत्र थे उनसे बड़ी एक बहन व छोटी बहन व छोटे भाई श्री हर्षवर्धन शर्मा हैं। उनके दादा श्री भरत मन्दिर के गद्दी नसीन मंहन्त परशुराम जी महाराज जोकि नगर पालिका परिषद ऋषिकेश के प्रथम अध्यक्ष भी रहे। उनके पश्चात अशोक प्रपन्नाचार्य श्री भरत मन्दिर ऋषिकेश की गद्दी वर्ष 1956 में शुषोभित हुए। इसके साथ ही श्री भरत मन्दिर द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज, श्री भरत मन्दिर संस्कृत महाविद्यालय, ज्योति विशेष विद्यालय के साथ ही उत्तराखंड एवं अन्य स्थानों की धार्मिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं के संचालन व संवर्द्धन में सराहनीय भूमिका रही।
अशोक प्रपन्नाचार्य श्री भरत मंदिर एजुकेशन सोसाइटी व शिक्षण संस्थाओं के संचालक मंडल के अध्यक्ष पद पर सुशोभित रहे।
पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, शान्तिप्रपन्न शर्मा राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश व कई अन्य संस्थाओं को वृहत्तर भूखंड प्रदान कर क्षेत्र के युवाओं के लिए उच्च शिक्षा के प्रवेश द्वार खोले व नगरीय क्षेत्र के साथ गढ़वाल के नागरिकों की स्वास्थ्य सुविधाओं के संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान रहा।
वर्ष 1962 के भारत चीन युद्ध में भारतीय सेनाओं को शिविर कैम्प संचालित करने के लिये महन्त अशोक प्रपन्नाचार्य ने श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज के विशाल प्रांगढ को प्रदान करने के साथ ही रायवाला में सेना को छावनी बनाने का सुझाव प्रदान किया था।
स्वाधीनता संग्राम में भी श्री भरत मंदिर परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा। महंत अशोक प्रपन्नाचार्य जी के चाचा शान्ति प्रपन्न शर्मा कई वर्षों तक उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायक व उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन, उद्योग व ऊर्जा मंत्री पद पर रहे। ऋषिकेश में आईडीपीएल की स्थापना का सुझाव तत्कालीन केन्द्र सरकार को उनके द्वारा ही प्रदान किया गया था।
स्वर्गीय मंहन्त अशोक प्रपन्न शर्मा के छोटे भाई हर्षवर्धन शर्मा क्षेत्र के सार्वजनिक, सामाजिक सेवा जीवन के साथ शिक्षण संस्थाओं के संचालन में प्रबंधकीय व्यवस्था देखते हैं।
उत्तरकाशी भूकंप,केदारनाथ आपदा व कोरोना महामारी में लॉक डाउन के दौरान स्व० मंहन्त जी व उनके परिवार द्वारा राहत कार्यों में बड़े स्तर सहायता प्रदान की।
स्वर्गीय मंहन्त अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं आपके दो पुत्र वत्सल शर्मा व वरुण शर्मा हैं। वे भी सामाजिक, शिक्षण संस्थाओं व धार्मिक संस्थाओं के संचालन व संवर्धन में सक्रिय हैं। उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि अशोक प्रपन्नाचार्य महाराज विगत कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे, उनका अंतिम संस्कार ऋषिकेश चंद्रेश्वर घाट मुक्ति धाम पर अपराह्न 3 बजे सम्पन्न होगा।

डीजीपी ने यूपी से लगती सीमाओं में सख्ती बरतने के दिए निर्देश

(एनएन सर्विस)
यूपी कानपुर के कुख्यात विकास दुबे और उसके गिरोह के उत्तराखंड पहुंचने की आशंका से हड़ंकप मचा हुआ है। राज्य की पुलिस ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद है। इसके तहत उत्तर प्रदेश से सटी सीमाओं पर पुलिस टीम को सघन चेकिंग करने के निर्देश जारी किये गये है। सूत्रों ने बताया कि आला अधिकारी उत्तर प्रदेश की पुलिस से विकास और उसके गिरोह के सदस्यों के मूवमेंट पर पल-पल का इनपुट ले रहे हैं। इसके साथ ही डीजीपी अनिल के रतूड़ी ने एडीजी इंटेलीजेंस को भी स्थिति पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिये है।
बता दें कि कानपुर में दबिश के दौरान डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद उत्तराखंड पुलिस ने भी ऐसी आपात स्थिति से निपटने के लिए गंभीरता से कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। वहीं, सोमवार को डीजीपी अनिल के रतूड़ी और पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने एडीजी इंटेलीजेंस पी. विनय कुमार के साथ उत्तर प्रदेश के इस प्रकरण पर चर्चा की।
डीजीपी अनिल के रतूड़ी ने कहा कि प्रदेश में भी शातिर अपराधियों की धरपकड़ के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार होनी चाहिए। दबिश के लिए जाने वाली टीम इसके लिए अच्छी तरह प्रशिक्षित हो। साथ ही जिस व्यक्ति को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है, उसकी पूरा विवरण और मूवमेंट की जानकारी हो। पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि कानपुर घटना के बाद उत्तर प्रदेश से लगती राज्य की सीमाओं पर चैकसी बढ़ा दी गई है। उत्तर प्रदेश और दिल्ली की ओर से जितने भी वाहन और लोग आ रहे हैं, उनकी सघन चेकिंग की जा रही है।

दो अधीक्षण अभियंताओं पर नेपाल सीमा में सड़क निर्माण पर लापरवाही का आरोप, निलंबित

(एनएन सर्विस)
शासन ने अंतरराष्ट्रीय और सामरिक महत्व के टनकपुर-जौलजीवी मोटर मार्ग के निर्माण में लापरवाही पर दो अधीक्षण अभियंताओं को निलंबित किया है। अधीक्षण अभियंता मयन पाल सिंह वर्मा व प्रभारी अधीक्षण अभियंता मनोहर सिंह पर आरोप है कि दोनों ने मार्ग की निविदा प्रक्रिया संपन्न न कर प्रक्रिया को टालने का प्रयास किया।
भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बलों के आवागमन और भारतीय सीमा की सुरक्षा के लिए टनकपुर-जौलजीवी मार्ग का निर्माण प्रस्तावित है। इस मार्ग के 30 किमी से 55 किमी का निर्माण ठेकेदार दिलीप सिंह अधिकारी को आवंटित गया। ठेकेदार पर अनुबंध के दौरान फर्जी प्रमाणपत्र लगाने के शिकायत की जांच के बाद यह कार्य अगस्त 2017 में निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद इसके लिए दोबारा टेंडर आमंत्रित किए गए। इस पर ठेकेदार कोर्ट और फिर ट्रिब्यूनल में गया। आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल ने मामले में यथास्थिति रखने के निर्देश दिए, जिसे विभाग ने कमर्शियल कोर्ट में चुनौती दी।
जुलाई 2019 में ट्रिब्यूनल के यथास्थिति रखने के आदेश को निरस्त कर दिया गया। इसके बाद पिथौरागढ़ में तैनात तत्कालीन अधीक्षण अभियंता मयन पाल ने अपने स्तर से 12 दिसंबर 2019 को निविदाएं आमंत्रित की। अपरिहार्य कारणों का उल्लेख करते हुए 24 दिसंबर 2019 को निविदाएं फिर से स्थगित कर दी गई। मुख्य अभियंता लोनिवि पिथौरागढ़ के निर्देशानुसार चार जनवरी 2020 को अधीक्षण अभियंता पिथौरागढ़ तृतीय वृत्त को फिर से निविदाएं आमंत्रित करने को पत्र भेजा गया। बावजूद इसके उन्होंने 12 जनवरी 2020 तक अपने कार्यकाल के दौरान इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई। 13 जनवरी को यहां मनोहर सिंह को प्रभारी अधीक्षण अभियंता के रूप में भेजा गया। एक माह बाद, यानी 12 फरवरी 2020 को उन्होंने 12 दिसंबर 2019 को आमंत्रित निविदा में शुद्धिपत्र लगाया। इसमें निविदा आमंत्रित करने की अंतिम तिथि 19 मार्च रखी गई।

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इस बीच 18 मार्च को उन्होंने अपरिहार्य कारणों का उल्लेख करते हुए एक शुद्धि पत्र जारी किया और निविदा आमंत्रित करने की अंतिम तिथि 26 मार्च 2020 रखी। इसी दौरान बीच 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन हो गया। इसका उल्लेख करते हुए प्रभारी अधीक्षण अभियंता ने केवल दो निविदादाताओं की हार्ड कॉपी प्राप्त होने का उल्लेख करते हुए 19 मई 2020 को फिर से निविदाएं निरस्त कर दीं। 28 मई को तीसरी बार निविदाएं आमंत्रित की गई।
इस बीच एक जून को आर्बिटेशन अवार्ड में ठेकेदार दिलीप सिंह अधिकारी के पक्ष में निर्णय पारित हो गया। इस प्रकरण को शासन ने बेहद गंभीरता से लिया। सचिव लोनिवि आरके सुधांशु ने दोनों अभियंताओं को शासकीय नियमों की अनदेखी करते हुए संबंधित ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के आरोप में निलंबित कर दिया। मयन पाल निलंबन अवधि में प्रभारी मुख्य अभियंता कार्यालय देहरादून तो मनोहर सिंह लोक निर्माण विभाग पौड़ी कार्यालय में संबद्ध रहेंगे।