सनकादिक पीठ में श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ के पाचवें दिन नंद महोत्सव मनाया

ब्रह्मपुरी राम तपस्थली सनकादिक पीठ में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ के पाचवें दिन नंद महोत्सव में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पहुंचे और कथा का लाभ उठाया। इस दौरान ऋषि कुमारों ने उनका पुष्प वर्षा और स्वस्तिवाचन से स्वागत किया।
तुलसी मानस मंदिर के अध्यक्ष रवि शास्त्री ने बताया कि मदन कौशिक के पहुंचने पर ब्रह्मपुरी राम तपस्थली के संस्थापक अध्यक्ष महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने उत्तरीय एवं तुलसी का पौधा भेंट किया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने सभी आए हुए महामंडलेश्वर संत महात्माओं का आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं व्यासपीठ पर विराजमान आचार्य सतीश कौशिक महाराज को पुष्पहार पहनाकर आशीर्वाद लिया।
उन्होंने कहा कि आज पृथ्वी पर अगर धर्म बचा है तो आज उसका श्रेय घर-घर हो रही भागवत कथा, राम कथाओं को जाता है। जो इन संत महात्माओं के द्वारा की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमे अपने बच्चों को संस्कार देने चाहिए, जिससे धर्म की रक्षा की सके। हम सभी धर्म अनुरागी भक्तों आज मां गंगा के तट पर संकल्प लें कि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के साथ-साथ हम अपने क्षेत्र के आसपास पौधारोपण जरूर करेंगे। अपने घर जन्मदिन मनाए किंतु पौधा जरूर लगाएं। कौशिक ने भगवत कथा में सभी भक्तों के साथ मिलकर नंद महोत्सव भी मनाया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर दया राम दास महाराज, संदीप गुप्ता, संजय व्यास, महावीर दास, प्रमोद दास, मीना श्रीवास्तव, डॉ राहुल श्रीवास्तव, आरती श्रीवास्तव, विकास श्रीवास्तव, निधि श्रीवास्तव, गौरव पुष्पेंद्र, राखी, मनीष, सुनील, आहूजा आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।

शारदीय नवरात्रों में कब करनी है घट स्थापना, जानिए पूरी विधि

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत कल से हो रही है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। 7 अक्टूबर को नवरात्रि का पहला दिन है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है और अखंड ज्योत जलाई जाती है। नवरात्रि का दौरान मां के 9 रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और मां दुर्गा की पूजा विधि जानिए।

अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना का विशेष महत्व है। घट स्थापना के दिन चित्रा नक्षत्र जैसे शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इस दिन कन्या राशि में चर्तुग्रही योग का शुभ संयोग बन रहा है। घट स्थापना मुहूर्त 7 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 7 मिनट तक और अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट के बीच है। जो लोग इस शुभ योग में कलश स्थापना न कर पाएं, वे दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक लाभ का चौघड़िया में और 1 बजकर 42 मिनट से शाम 3 बजकर 9 मिनट तक अमृत के चौघड़िया में कलश-पूजन कर सकते हैं।

पूजा विधि-
इस दिन सुबह उठकर जल्गी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

पूजा सामग्री-
लाल चुनरी
लाल वस्त्र
मौली
श्रृंगार का सामान
दीपक
घी/ तेल
धूप
नारियल
साफ चावल
कुमकुम
फूल
देवी की प्रतिमा या फोटो
पान
सुपारी
लौंग
इलायची
बताशे या मिसरी
कपूर
फल-मिठाई
कलावा

आध्यात्म, पर्यटन और वेलनेस को लेकर सीएम की आध्यात्मिक गुरु सदगुरु से चर्चा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में आध्यात्मिक गुरु सदगुरु के साथ आयोजित संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सदगुरु से जीवन दर्शन से जुड़े विषयों के साथ ही आध्यात्म, पर्यटन और वेलनेस आदि के क्षेत्र में उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने की चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड दुनिया का खूबसूरत प्रदेश है जहां पहाड़, हिमाच्छादित चोटियां, नदियां, वन संपदा की भरमार है, हमारा प्रयास पर्यटन और आध्यात्म के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को शिखर पर ले जाने का है। उत्तराखण्ड दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी बने इसके लिये भी हम प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में हर व्यक्ति अलग-अलग ज़िम्मेदारी के साथ काम करता है और समय समय पर व्यक्ति की ज़िम्मेदारी भी बदलती हैं। हमें जो जिम्मेदारी मिली है उसे पूरे मनोयोग तथा प्राण प्रण से निभाना है। अन्त्योदय के साथ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सुविधाओं का हमें लाभ पहुंचाना है। हमारे लिये नर सेवा नारायण सेवा है। सभी जरूरतमंदों की मदद करना ही हमारे लिये आध्यात्मिकता है।
संवाद कार्यक्रम के दौरान सद्गुरु ने कहा कि उत्तराखंड तमाम प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर राज्य है। इस राज्य में एशिया का सबसे बेहतर सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पर्यटन राज्य बनने की क्षमता है। एशिया का स्विट्जरलैंड भी यह बन सकता है। स्वदेशी तौर-तरीकों को विकसित कर इसे आगे बढ़ाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आने वाले हर व्यक्ति को यहाँ की प्रकृति और पहाड़ों की जीवटता को महसूस करना चाहिए। हिमालय विभिन्न संस्कृतियों का जनक रह है। सद्गुरु ने कहा कि यहां की संस्कृति अपने आप में श्रेष्ठ है इसकी तुलना देश दुनिया में किसी से नहीं की जा सकती है। उन्होंने इस अवसर पर प्रश्नोत्तर के माध्यम से आध्यात्मिक व जीवन दर्शन से सम्बन्धित अनेक प्रश्नों के भी उत्तर दिये।
सद्गुरु ने वर्तमान में विश्वव्यापी चुनौती कोविड-19 संक्रमण को लेकर भी चर्चा करते हुए कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए हम सबको जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार करना होगा। अगर हम सब जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार नहीं करेंगे तो सरकार अपने स्तर पर कुछ नहीं कर पाएगी। समस्याओं के समाधान में आम जनता का भी सहयोगी बनना होगा।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, शासन प्रशासन के उच्चाधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।

आगामी दिसम्बर माह तक पूरे प्रदेश में सम्पूर्ण वैक्सीनेशन-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आस्था पथ, हरिद्वार में ब्रह्मलीन वीतराग सन्त शिरोमणि स्वामी वामदेव महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया तथा सन्तों का आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि आस्था पथ स्थित यह वाटिका सन्त शिरोमणि स्वामी वामदेव के नाम से जानी जायेगी तथा इस वाटिका की देखरेख का कार्य हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण करेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि ब्रह्मलीन बीतराग सन्त शिरोमणि स्वामी वामदेव महाराज श्री राम मन्दिर आन्दोलन के स्तम्भ सन्त थे। वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने गोरक्षा तथा श्री राम मन्दिर के लिये अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उत्तराखण्ड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने के साथ ही आर्थिक रूप से भी सशक्त व मजबूत राज्य बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से कांवड़ यात्रा हमें प्रतीकात्मक करनी पड़ी, जिसमें सभी का सहयोग प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि आगामी दिसम्बर माह तक पूरे प्रदेश में सम्पूर्ण वैक्सीनेशन किया जायेगा। बागेश्वर तथा रूद्रप्रयाग जनपद में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन हो गया है तथा कुछ जनपदों में 95 प्रतिशत तक वैक्सीनेशन हो गया है। उन्होंने कहा कि हमें केन्द्र से पर्याप्त वैक्सीन प्राप्त हो रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जो भी घोषणाएं की जा रही हैं, वे सभी पूर्ण की जायेंगी। वित्त विभाग से परामर्श के बाद ही घोषणा की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस कार्य का भी हम शिलान्यास करेंगे, उसका लोकार्पण भी करेंगे। उन्होंने कहा कि अगले 10 सालों में उत्तराखण्ड को अनेक क्षेत्रों में अग्रणी राज्य बनाया जायेगा।
स्वामी अनन्त गिरि महाराज ने कहा कि स्वामी वामदेव जी ने हमेशा सनातनी परम्पराओं का पालन किया। महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव महन्त रविन्द्रपुरी ने कहा कि सभी के अथक प्रयासों से आज मां गंगा के तट पर स्वामी वामदेव की प्रतिमा का अनावरण हुआ, जिसके लिये सभी बधाई के पात्र हैं।
इस अवसर पर जगत्गुरू शंकराचार्य, महामण्डलेश्वर हरिचेतनानन्द, स्वामी वासुदेवानन्द महाराज, राजेन्द्र देवाचार्य, विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेश चन्द्र, डॉ. सच्चिदानन्द साक्षी, महन्त ज्ञानदेव महाराज निर्मल अखाड़ा, महन्त अविचलदास महाराज, स्वामी राजेन्द्र देवाचार्य, महामण्डलेश्वर अनन्तदेव गिरि महाराज, स्वामी देवानन्द सरस्वती महाराज, आचार्य धर्मदेव, स्वामी ललितानन्द, स्वामी जितेन्द्रानन्द, नितिन गौतम, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत, अपर जिलाधिकारी प्यारेलाल शाह, एचआरडीए सचिव उत्तम सिंह चौहान, एसडीएम पूरण सिंह राणा, सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह सहित पदाधिकारीगण तथा साधु-सन्त उपस्थित थे।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नेरन्द्र गिरी की मौत, पुलिस जांच में जुटी

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का सोमवार को निधन हो गया है। नरेंद्र गिरि का शव प्रयागराज के उनके बाघंबरी मठ में ही फांसी के फंदे से लटकता मिला। उस कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची तो उनका शव फंदे से लटका था। मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। सूत्रों के मुताबिक इस सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि पर मानसिक तौर पर परेशान करने का आरोप लगाया गया है। जिसके बाद हरिद्वार पुलिस ने आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया है।
जानकारी के मुताबिक, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि बाघंबरी मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। पुलिस के मुताबिक अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और बाघंबरी मठ में फांसी के फंदे से लटकता मिला। पुलिस के मुताबिक बाघंबरी मठ में जहां महंत नरेंद्र गिरि का शव फंदे से लटकता मिला, वहां चारो तरफ से गेट बंद मिला। पुलिस ने शुरुआती जांच के आधार पर इसे आत्महत्या बताया है।
गौरतलब है कि आचार्य नरेंद्र गिरि का पिछले दिनों अपने ही शिष्य आनंद गिरि के साथ विवाद हो गया था। हाल ही में इस विवाद का पटाक्षेप हुआ था। महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्वामी सव्विदानंद सरस्वती ने इसे साजिश करार दिया। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की है, नहीं मान सकती। उन्होंने इसे लेकर और कुछ कहने से इनकार करते हुए कहा कि ये जांच का विषय है।
प्रयागराज के आईजी केपी सिंह ने बताया कि सात पन्नों का सुसाइड नोट मिला है जिसे वसीयत की तरह लिखा गया है। इस सुसाइड नोट में आनंद गिरि का भी नाम है। उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि को जानने वाले लोग ये बता रहे हैं कि हैंड राइटिंग उन्हीं की है। हम फॉरेंसिक जांच के बाद लेटर जारी करेंगे। आनंद गिरि ने आईजी की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए कहा कि ये बड़ी साजिश है. उन्होंने कहा कि प्रदेश और देश की सरकार से निवेदन करता हूं कि निष्पक्ष जांच हो। इसमें बड़े लोग शामिल हैं। दोषी हूं तो सजा पाने को तैयार हूं।
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा है कि आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया गया है। उन्होंने बताया कि आनंद गिरि को हरिद्वार से हिरासत में लिया गया। इस संबंध में उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि यूपी पुलिस की ओर से फोन कॉल आने के बाद आनंद गिरि को हरिद्वार आश्रम में ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। यूपी पुलिस के करीब 10 पुलिसकर्मी हरिद्वार पहुंच गए हैं। वहीं, प्रयागराज में लेटे हनुमानजी के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को भी यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। सुसाइड नोट में इनके भी नाम थे।

चारधाम यात्रा, 42 हजार तीर्थ यात्रियों ने किया रजिस्ट्रेशन

उत्तराखंड में चार धाम शुरु हो गई है। यात्रा प्रारम्भ होने से प्रदेश में चार धाम से जुड़े व्यवसायों की उम्मीद बढ़ गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष प्रयासों से चार धाम यात्रा शुरू होने से कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद बंद पड़े कारोबार को संजीवनी मिलेगी। चार धामों में अब तक लगभग साढ़े पांच हजार लोग दर्शन कर चुके हैं जबकि अब तक 42 हजार से अधिक लोगों को ई-पास जारी किये जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की संवेदनशीलता का ही परिणाम है कि कोविड संक्रमण के चलते आर्थिक मंदी से जूझ रहे चारधाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज जारी कर संजीवनी देने का काम किया। जिसकी बदौलत चारों धाम के होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी संचालक आदि के साथ ही पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एकमुश्त सहायता राशि सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गई है। पर्यटन विभाग की ओर से अब तक लगभग 15 हजार लोगों को 7 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी है। यह धनराशि लाभार्थियों के खाते में सीधे जमा कराये जा रही है। मुख्यमंत्री इस बात का साफ संकेत दे चुके हैं कि यात्रा से जुड़े व्यवसाइयों, तीर्थ पुरोहितों की परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। जिसका असर धरातल पर दिखने लगा है।

तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन हुआ स्थगित
मुख्यमंत्री ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के मन में उठ रहे संशय को दूर करते हुए यह स्पष्ट किया कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति द्वारा चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जायेगा। मुख्यमंत्री की कार्यपद्धति से प्रभावित होकर तीर्थ पुरोहितों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया।

सरकार की मजबूत पैरवी से हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा से प्रतिबंध हटाया

उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर लंबे समय से लगी रोक पर गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद माननीय उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को कुछ प्रतिबंधों के साथ हटा दिया है।

मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800, बद्रीनाथ धाम में 1000, गंगोत्री में 600, यमनोत्री धाम में 400 श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति दे दी है।

चारधाम यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को 72 घंटे पूर्व तक की कोविड जांच की नेगेटिव रिपोर्ट अथवा दोहरी वैक्सीन का प्रमाण पत्र साथ लाना अनिवार्य होगा। साथ ही तीर्थ यात्रियों को देवस्थानम बोर्ड में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। न्यायालय ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवयश्यक्तानुसार पुलिस फोर्स लगाने को कहा है। भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे।

मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने सचिवालय में चारधाम त्यारियो की बैठक के दौरान सम्बंधित सभी विभागों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा के लिए समय काफी कम बचा है वे अपनी सारी तैयारियां पूरी करें। उन्होंने कहा कि चारधाम प्रदेश के लाखों व्यक्तियों के रोजगार और आजीविका का साधन है। चारधाम आने वाले सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना, शारीरिक दूरी के मानक का अनुपालन कराना और सैनिटाइजेशन कराना सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि माननीय हाईकोर्ट ने स्थानीय लोगों की आजीविका, कोविड नियंत्रण में होने, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, एसओपी का कड़ाई से पालन आदि के आधार पर चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटाया है। यात्रा शुरू होने से हजारों यात्रा व्यवसायियों व तीर्थ पुरोहितों समेत उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के निवासियों की आजीविका पटरी पर लौट सकेगी।

तीर्थ पुरोहितों के हक हकूक रहेंगे सुरक्षित, सीएम ने दिलाया विश्वास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के चारधाम देश-दुनियां के लिए आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं। सरकार का काम मंदिरों में अवस्थापना विकास को सुदृढ़ बनाना है। चारधाम यात्रा जल्द शुरू हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति द्वारा चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जायेगा। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार को निर्णय लेना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हित में जो होगा, वह कार्य किया जायेगा।
बैठक के बाद गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं चारधाम महापंचायत समिति के संयोजक सुरेश सेमवाल ने कहा कि आज बड़ा सौभाग्य है कि ऊर्जावान मुख्यमंत्री ने हमें आज आमंत्रित किया था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट यह बात कही कि जो हाई पॉवर कमेटी बनाई गई है, उसमें आपकी ओर से आठ लोगों को मेंबर बनाया जायेगा। जो रिपोर्ट होगी, उसके आधार पर आगे उचित समाधान निकाला जायेगा। चारधाम महापंचायत समिति द्वारा मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया गया है कि हमारा जो भी धरना प्रदर्शन एवं आन्दोलन है, हम इसे स्थगित करते हैं। 30 अक्टूबर 2021 तक हमें इसे स्थगित रखेंगे। सभी विषयों को गंभीरता से लेने वाले मुख्यमंत्री हमें मिले हैं, उसके लिए उनका धन्यवाद भी व्यक्त किया।
चारधाम महापंचायत सदस्य उमेश सती ने कहा कि मुख्यमंत्री से आज सकारात्मक बातचीत हुई है। हमें पूरी उम्मीद है कि इस बातचीत से जल्द से जल्द उचित निष्कर्ष तक पहुंचेगे। मामले का उचित हल निकलने की पूरी आशा है। हम चारों धामों के लोगों ने निर्णय लिया है कि 30 अक्टूबर 2021 तक हम अपना आन्दोलन स्थगित रखेंगे। उसके बाद जैसा आउटकम सरकार की तरफ से आएगा, आगे के बारे में उसके बाद तय करेंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री अरविंद पाण्डेय, गणेश जोशी, सचिव शैलेश बगोली, सीईओ देवस्थानम् बोर्ड रविनाथ रमन, सचिव एच.सी. सेमवाल, एसीईओ देवस्थानम् बोर्ड बी.डी. सिंह एवं चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

कांग्रेस नेता ने प्रदेश की खुशहाली की कामना की

उत्तराखंड कांग्रेस के महासचिव राजपाल खरोला ने जानकारी देते हुए बताया कि आज ऋषिकेश विधासनभा क्षेत्र के अंतर्गत श्री गणपति सेवा मण्डल ऋषिकेश द्वारा गणपति महोत्सव 2021 के दौरान मूर्ति स्थापना दिवस के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पहुँच कर पूरी विधि विधान से भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
श्री गणेश जी के स्थापना दिवस के मौके पर राजपाल खरोला ने कहा की भगवान विघ्नहर्ता से यही प्रार्थना करते है कि प्रदेश की जनता को सुख, समृद्धि व सफलता का आशीर्वाद प्रदान करें और सबकी मनोकामनाएं पूरी करें द्य कार्यक्रम में मनोज धींगरा, नितिन गुप्ता, योगेश कालड़ा, प्रिंस मनचंदा, कमल शर्मा, मुकेश जैन, आलोक चावला, राकेश मनचंदा, योगेश जैन उपस्थित रहे।

30 सितम्बर तक सभी 13 जिलों में आयोजित होंगे 240 शिविर, मौके पर होगा आवेदनों का निस्तारण


अगले 30 दिनों में राज्य में स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं के निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरे करने का काम अभियान के रूप में चलेगा। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और उनकी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए सभी जनपदों में ’स्वरोजगार शिविर’ लगाये जायेंगे। इन शिविरों में जिला स्तरीय अधिकारी एवं बैंक के अधिकारी स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही मौके पर ही आवेदकों की समस्याओं का समाधान करेंगे। इस माह 30 सितम्बर से पहले ये शिविर आयोजित कर लिए जाऐंगे। शिविरों के आयोजन का रोस्टर सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों ने शासन को उपलब्ध करवा दिया है।

प्रदेश में स्वरोजगार की योजनाओं के आवेदनों के निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार पूरे प्रदेश में कार्यवाही शुरू हो गई है। प्रदेश के सभी 13 जिलों में 30 सितम्बर से पहले स्वरोजगार शिविर आयोजित होंगे। बीते 5 अगस्त को समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वरोजगार योजनाओं के जुड़े आवेदकों के ऋण की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश के बाद सभी जनपदों में विकासखंड स्तर पर स्वरोजगार शिविरों के आोजन का रोस्टर तैयार कर लिया गया है। इसके तहत अलग- अलग स्थानों में अल्मोड़ा जनपद में 45, उत्तरकाशी में 11, चमोली में 9, देहरादून में 16, टिहरी गढ़वाल में 9, पौड़ी गढ़वाल में 15 तथा जनपद रुद्रप्रयाग में 7 स्वरोजगार शिविरों का आयोजन किया जाएगा।

इसके अलावा जनपद उधमसिंहनगर में 11, पिथौरागढ़ में 21, बागेश्वर में 16, हरिद्वार में 13, नैनीताल 28 और चंपावत में 39 स्वरोजगार शिविर लगेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं के निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरे करने के निर्देश आधिकारियों को दिए हैं। उनका कहना है कि सरकारी नौकरियां सीमित होने के कारण स्वरोजगार से आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त होगा। खासकर पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड स्वरोजगार से ही आर्थिक समृद्धि की ओर आगे बढ़ सकता है।