स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, आईसीयू, वेंटीलेटर और बाईपैप मशीनों की हुई स्थापना

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के 8 जनपदों एवं देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज में 73 आई०सी0यू0, 46 वेण्टीलेटर तथा 21 बाईपैप मशीनों का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वर्ष 2017 में राज्य में जहां केवल 3 मेडिकल कालेजों में 62 आई०सी0यू0, 37 वेण्टीलेटर तथा 4 बाईपैप मशीनें ही थीं। जबकि वर्तमान में कुल 251 आई0सी0यू0, 113 वेण्टीलेटर तथा 33 बाईपैप मशीनें स्थापित की जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि आगामी चार माह में राज्य में आई0सी0यू0 बैड्स की संख्या 525, वेण्टीलेटर की संख्या 363 तथा बाईपैप मशीनों की संख्या 52 किये जाने की योजना को धरातल पर लाने के लिये विशेष प्रयास किये जाएं, इसके लिए धनराशि की व्यवस्था करायी गई है। मुख्यमंत्री ने इस पर भी सन्तोष व्यक्त किया कि वर्ष 2017 में जहां प्रदेश में मात्र 3 जनपदों में आई0सी0यू0 स्थापित थे वहीं अब राज्य के 11 जनपदों में आई0सी0यू0 की स्थापना पूर्ण हो चुकी है शेष 02 जनपदों अल्मोड़ा तथा बागेश्वर में भी अगले सप्ताह तक आई0सी0यू0 का संचालन प्रारम्भ हो जायेगा।
मुख्यमंत्री द्वारा ऑनलाइन वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से जिन चिकित्सालयों में आई.सी.यू वेण्टीलेटर तथा बाईपैप मशीनों का लोकापर्ण किया उनमें मेला हास्पिटल हरिद्वार में 10 आई0सी0यू0, 3 वेण्टीलेटर तथा 4 बाईपैप मशीनें, संयुक्त चिकित्सालय, रूड़की में 10 आई0सी0यू0, 1 वेण्टीलेटर तथा 2 बाईपैप मशीनें, बी.डी पांडे जिला चिकित्सालय, नैनीताल में 4 आई0सी0यू0, 1 वेण्टीलेटर तथा 1 बाईपैप मशीन, माधव आश्रम चिकित्सालय, रूद्रप्रयाग में 6 आई0सी0यू0, 4 वेण्टीलेटर तथा 2 बाईपैप मशीनें, जिला चिकित्सालय चमोली में 6 आई0सी0यू0, 3 वेण्टीलेटर तथा 5 बाईपैप मशीनें, जिला चिकित्सालय चम्पावत में 6 आई0सी0यू0, 3 वेण्टीलेटर तथा 2 बाईपैप मशीनें, जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ में 1 आई0सी0यू0, 2 वेण्टीलेटर तथा 1 बाईपैप मशीन, जिला चिकित्सालय पौड़ी में 1 वेण्टीलेटर तथा 1 बाईपैप मशीन के साथ ही दून मेडिकल कॉलेज, देहरादून में 30 आई0सी0यू0, 28 वेण्टीलेटर तथा 3 बाईपैप मशीनों की स्थापना शामिल है।
इस अवसर पर कोविड-19 के दृष्टिगत उपचार हेतु की गई व्यवस्थाओं की भी मुख्यमंत्री ने समीक्षा की। मुख्यमंत्री को बताया गया कि वर्तमान में कोविड-19 के पोजिटिव मामलों के लिये 753 आइसोलेशन बेड सरकारी तथा 856 निजी अस्पतालों में की गई है, जबकि सस्पेकटेड कोविड-19 के लिये 745 बेड सरकारी तथा 2450 निजी अस्पतालों में की गई है। इसी के तहत 103 वेण्टीलेटर सरकारी तथा 189 वेण्टीलेटर निजी अस्पतालों में की गई है जबकि 136 आई0सी0यू बेड सरकारी तथा 498 आई0सी0यू0 की व्यवस्था निजी अस्पतालों में की गई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी सम्बन्धित चिकित्सालयों के चिकित्सकों से भी वार्ता कर उनकी समस्यायें सुनी तथा उनके प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव स्वास्थ्य नितेश झा, अपर सचिव युगल किशोर पंत, अरूणेन्द्र सिंह चैहान व महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. अमिता उप्रेती उपस्थित थीं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को लाॅकडाउन में हो रही समस्याओं की दी जानकारी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके आवास में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भेंट की। इस दौरान उन्होंने विभिन्न जनसमस्याओं के संबंध में मुख्यमंत्री से चर्चा की तथा कोरोना संक्रमण से बचाव में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की तथा इस संबंध में सहयोग का आश्वासन भी मुख्यमंत्री को दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी के सहयोग एवं व्यापक जागरूकता तथा दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर हम इस संकट का सामना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन की स्थिति में आम जनता को कोई कठिनाई न हो इसके लिए प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। फसल कटाई के लिए किसानों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने के साथ ही मास्क की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी मास्क तैयार कर वितरण की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खाद्यान्न सहित अन्य आवश्यक सामग्री की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। प्रदेश के 13 लाख कार्ड धारकों को 15 किलो राशन के अलावा 5 किलो प्रति यूनिट अतिरिक्त राशन उपलब्ध कराए जाने के साथ ही 3 माह का राशन अग्रिम दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन के कारण प्रदेश में फंसे पर्यटकों एवं अन्य लोगों के साथ ही कोरोना के दृष्टिगत क्वॉरेंटाइन में रखे गए लोगों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, पूर्व दायित्व धारी अजय सिंह, पूर्व विधायक राजकुमार आदि उपस्थित थे।

त्रिवेन्द्र सरकार ने सरकारी काॅलेजों के लिए खजाना खोला

त्रिवेन्द्र सरकार प्रदेश में सरकारी महाविद्यालयों की तस्वीर बदलने जा रही है। उच्च शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए सरकार कोई कसर नही छोड़ना चाहती है। इसी के तहत भवनों से वंचित सरकारी कॉलेजों की नए भवनों की मुराद पूरी होने जा रही है, वहीं पुराने भवनों को मरम्मत और नए निर्माण कार्यों के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है। तकरीबन एक दर्जन सरकारी कॉलेजों पर राज्य सरकार ने धन वर्षा की है। 11 कॉलेजों को भवन निर्माण कार्यों के लिए 15.59 करोड़ से ज्यादा धनराशि दी गई है। वहीं ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित गैरसैंण के डिग्री कॉलेज का खेल मैदान दुरुस्त करने के लिए सरकार ने 76 लाख रुपये जार किये है।
उत्तराखंड में भवनविहीन सरकारी डिग्री कॉलेजों को भवन निर्माण के लिए धनराशि देने को सरकार पहले ही अपनी प्राथमिकता बता चुकी है। चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंतिम महीने में सरकार ने करीब दर्जनभर डिग्री कॉलेजों को तोहफा दिया है। इनमें पाबौ डिग्री कॉलेज को 1.18 करोड़, नागनाथ पोखरी को 1.98 करोड़, रामनगर को 96 लाख, बेतालघाट को 90 लाख, पिथौरागढ़ को एक करोड़, नंदासैंण को 1.19 करोड़, गणाई गंगोली को एक करोड़, कोटद्वार कॉलेज को 2.03 करोड़, बेरीनाग को एक करोड़, भिकियासैंण को 87.46 लाख और कपकोट को 47.32 लाख की धनराशि दी गई है। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्धन ने आदेश जारी कर उच्च शिक्षा निदेशक के लिए धनराशि अवमुक्त की है।
जिन कॉलेजों को पहली किस्त के रूप में धनराशि दी गई है, उन्हें इसका इस्तेमाल चार महीनों के भीतर करना होगा। शेष कॉलेजों को 31 मार्च, 2020 तक उक्त राशि का सदुपयोग करने की हिदायत सरकार ने दी है। हालांकि चालू महीने में अब काफी कम वक्त बचा है। ऐसे में अभी तक इन कॉलेजों से संबंधित कार्यदायी संस्थाओं तक धनराशि पहुंचने में अभी वक्त लग सकता है। इस महीने के भीतर इस धनराशि का उपयोग मुमकिन नहीं है। शासन ने एक हफ्ते के भीतर उक्त धनराशि निर्माण इकाई को जारी करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पहले ही कहा था कि उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार धन की कोई कमी नही आने देगी। उन्होंने पर्वतीय सरकार काॅलेजों को दुरस्त करने और पलायन रोकने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है।

सरकार की कोशिश ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रूकेः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को द्वारीखाल, पौड़ी गढ़वाल में राजकीय इण्टर कॉलेज देवीखेत के हीरक जयन्ती समारोह में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों के सम्मान में उनका स्मारक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने वाले हैं। प्रदेश की जनता से हमने वायदा किया था कि हम राज्य के विकास एवं भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलायेंगे। पीएमजीएसवाई में सबसे अधिक दस अवार्ड उत्तराखण्ड को मिले हैं। गांवों को सड़को से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने गंभीरता से प्रयास किये। देश में सड़कों के ग्रामीण संयोजन में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान मिला है। जन सहयोग एवं सरकार की मंशा से विकास में तेजी आती है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में 17 विद्यार्थियों पर औसतन एक अध्यापक है, देश में छात्र-शिक्षक अनुपात में सबसे अच्छी स्थिति उत्तराखण्ड की है। आज रोजगार परक एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। दुनिया की डिमाण्ड के हिसाब से शिक्षा में गुणात्मक सुधार पर बल देना होगा। उत्तराखण्ड में लगभग एक हजार विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें छात्र संख्या 10 से कम है। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को क्लब किया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इन तीन वर्षो में राज्य सरकार की कोशिश रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रूके। प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए पर्वतीय क्षेत्रों पलायन रूकना जरूरी है। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका के साधन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को बिना ब्याज के एक लाख रूपये तक का ऋण तथा स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के 05 लाख रूपये का ऋण दिया जा रहा है। गौचर मेले में सात दिन में साढ़े छः करोड़ रूपये का कारोबार हुआ, जिसमें से 61 लाख का कारोबार स्थानीय महिलाओं ने किया। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है, इस दिशा में उत्तराखण्ड में महिला स्वयं सहायता समूह अच्छा कार्य कर रहे हैं।

वृद्धावस्था पेंशन में चयन प्रक्रिया गलत होने से साढ़े दस लाख की वित्तीय हानि

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने समाज कल्याण विभाग की करोड़ों रूपए की वित्तीय गड़बड़ी का खुलासा किया है। कैग के अनुसार विभाग ने वृद्धावस्था पेंशन योजना की चयन प्रक्रिया में कई गलतियां की है। इससे साढ़े 10 लाख रूपए की वित्तीय हानि हुई है।

कैग ने राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के डेटा बेस की जांच में पाया कि 1,17,454 लाभार्थियों में से केवल 49,924 के मामलों में ही बीपीएल पहचान संख्या अंकित थी। शेष 67,530 लाभार्थियों ने बीपीएल पहचान संख्या नहीं दी। इनमें से 8,134 लाभार्थियों के अभिलेखों की जांच में 76 प्रतिशत यानी 6184 ऐसे लोगों को भी पेंशन बांट दी गई, जो बीपीएल की श्रेणी में नहीं थे। इससे विभाग को 7.25 करोड़ की चपत लगी। 614 प्रकरणों में विभाग ने 17 लाख रुपये अधिक भुगतान किया, जबिक 85 लाभार्थियों को डबल पेंशन देकर 21 लाख रुपये की वित्तीय हानि की।

लाभार्थियों के गलत आकलन से विभाग पर 87.89 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ा। वर्ष 2015-16 से 2017-18 के दौरान सरकार ने 7,65,599 लाभार्थियों के लिए 235.08 करोड़ की मांग की। इसके सापेक्ष उसे 180.48 करोड़ रुपये मिले। लेकिन विभाग ने 6,46,687 लाभार्थियों को 268.37 करोड़ वितरित किए। इसके चलते राज्य सरकार पर 87.89 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा। ऐसा 33.29 करोड़ रुपये केंद्र से कम मांग के कारण हुआ।

विभाग में पेंशन भुगतान के लिए 12.36 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई थी। ये धनराशि न तो बांटी गई न सरकार को समर्पित की गई। इसमें राज्यांश 11.08 करोड़ रुपये और केंद्राश 1.28 रुपये था। कैग को विभाग ने जवाब नहीं दिया कि पांच जिला कोषागारों में यह धनराशि क्यों पड़ी रही।

कैग ने पाया कि वर्ष 2017-18 में चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत और यूएस नगर में 34,551 लाभार्थियों को धन की कमी के चलते 15.25 करोड़ रुपये की बकाया पेंशन का भुगतान नहीं किया गया। वर्ष 2016 में 6,703 बुजुर्गों की पेंशन रोक दी गई। आधार कार्ड की अवधि बढ़ाए जाने के बावजूद बकाया पेंशन 7.79 करोड़ का भुगतान नहीं किया गया।

ये कमियां भी आईं सामने
1. पेंशन मामलों के अनुश्रवण व मूल्यांकन के लिए राज्य और जिलास्तर पर समितियां नहीं बनाई गई। राज्य स्तरीय समिति मुख्य अधिकारी की अध्यक्षता में गठित होनी है, जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष की अध्यक्षता में जिलास्तरीय समिति का गठन होना था। लेकिन लेखा अवधि में ये दोनों समितियां नहीं बनीं।
2. कैग ने पाया कि विकास खंड, जनपद, नगर पालिका स्तर पर शिकायत निवारण प्रणाली का गठन नहीं किया गया। जबकि एनएसएपी के इसे लेकर दिशा-निर्देश हैं।
3. एनएसएपी की गाइडलाइन के हिसाब से विभाग में सोशल ऑडिट की भी व्यवस्था नहीं थी। कैग ने भौतिक सत्यापन की भी कमी पकड़ी।

सीएम त्रिवेन्द्र से मिले फिल्म निर्देशक अवनीश ध्यानी, की उत्तराखंड की प्रशंसा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में पद्मा सिद्धि फिल्म्स एवं जेएसआर प्रोडक्शन हाउस द्वारा उत्तराखण्ड में शूट की जा रही फिल्म ‘‘सौम्या गणेश‘‘ का मुहूर्त शॉट लिया। फिल्म के निर्देशक अवनीश ध्यानी एवं छायांकन निर्देशक हरीश नेगी हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति से सुन्दरता का वरदान प्राप्त है, यहां की प्राकृतिक सुन्दरता और खूबसूरत वादियां फिल्म प्रोड्यूसर्स के लिए आकर्षण का केन्द्र बनती जा रही हैं। साथ ही फिल्म निर्माताओं को सहयोग देने के लिए राज्य सरकार हमेशा तत्पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म निर्माताओं की सुविधा के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा फिल्म पॉलिसी लागू की गई है। उन्होंने कहा कि यह पॉलिसी फिल्म प्रोड्यूसर्स को बहुत ही पसंद आ रही है। फिल्म निर्माताओं को फिल्म निर्माण में किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए प्रदेश में प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है, जिसके माध्यम से 3-4 दिनों में ही सभी प्रकार की क्लीयरेंस दे दी जाती हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में फिल्म, टीवी सीरियल आदि की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए फिल्म कॉन्क्लेव आयोजित किया गया था जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। बहुत से फिल्म प्रोड्यूसर प्रदेश में शूटिंग करने के लिए आकर्षित हो रहे हैं। इस समय प्रदेश में बहुत सी फिल्मों की शूटिंग चल रही है, और बहुत सी फिल्मों की शूटिंग शुरू होने जा रही है।

सीएम बोले, जिलों के प्रभारी सचिव 45 दिन में एक बार जरूर जाएं आदर्श गांव

सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड में सांसद आदर्श ग्राम योजना की समीक्षा की। सांसद आदर्श ग्राम योजना में चयनित गांवों का आउटकम आधारित थर्ड पार्टी मूल्यांकन कराया जाए। जिलों के प्रभारी सचिव 45 दिन में एक बार आदर्श गांव में जाना सुनिश्चित करें। मुख्य विकास अधिकारी भी इन गांवों में जाकर विकास कार्यों का भौतिक निरीक्षण करें। इसके लिए भ्रमण कैलेण्डर बनाएं। सचिवालय में आदर्श सांसद ग्राम योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उक्त निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदर्श गांवों के लोगों के जीवन में परिवर्तन दिखना चाहिए। स्थानीय लोगों को लगना चाहिए कि वहां काम हुए हैं। आदर्श गांवों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए कि पहले क्या स्थिति थी और अब क्या स्थिति है। वहां की खेती, पशुपालन, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रति व्यक्ति आय में क्या गुणात्मक सुधार हुए हैं। आदर्श गांव आत्मनिर्भर होने चाहिए, ग्रामीणों । इन गांवों की मासिक रिपोर्ट संबंधित सांसदों को भेजी जाए। चयनित गांवों को पॉलिथीन मुक्त बनाया जाए। कार्यों की समयावधि निश्चित की जाए।

बैठक में बताया गया कि सांसद आदर्श ग्राम योजना में तीन चरणों में कुल 15 चयनित ग्राम पंचायतों में 762 कार्य लिए गए। इनमें से 565 काम पूर्ण किए जा चुके हैं, 53 प्रगति पर हैं। प्रथम चरण में भगत सिंह कोश्यारी द्वारा चयनित गांव सरपुड़ा (जिला ऊधमसिहनगर) में कुल 70 कार्यों में से 69, मे.ज (से.नि.) भुवन चंद्र खण्डूड़ी द्वारा चयनित देवली भणीग्राम (जिला रूद्रप्रयाग) में 66 कार्यों में 52, डा.रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा चयनित गोरधनपुर (जिला हरिद्वार) में 85 में से 80 कार्य, माला राज्य लक्ष्मी शाह द्वारा चयनित बौन (जिला उत्तरकाशी) में 59 में से 57 कार्य, अजय टम्टा द्वारा चयनित सूपी (जिला बागेश्वर) में 22 में से 21 कार्य, महेन्द्र सिंह माहरा द्वारा चयनित रौलमेल (जिला चम्पावत) में 59 में से 55 कार्य और राजबब्बर द्वारा चयनित लामबगड़ (जिला चमोली) में 17 में से 15 कार्य पूर्ण हो चुके हैं।

दूसरे चरण में प्रदीप टम्टा द्वारा चयनित बाछम (जिला बागेश्वर) में 17 में से 17 कार्य, तरूण विजय द्वारा चयनित तेवा (जिला टिहरी गढ़वाल) में 80 में से 59 कार्य, डा.रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा चयनित जमालपुर कलान (जिला हरिद्वार) में 55 में से 41 कार्य, भगत सिंह कोश्यारी द्वारा चयनित लोहाली (जिला नैनीताल) में 50 में से 08, माला राज्य लक्ष्मी शाह द्वारा चयनित अटकफार्म (जिला देहरादून) में 39 में से 07 और अजय टम्टा द्वारा चयनित जुम्मा (जिला पिथौरागढ़) में 44 में से 41 कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। इसी प्रकार तृतीय चरण में अजय टम्टा द्वारा चयनित सल्ली (जिला चम्पावत) में 54 में से 44 कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। जबकि डा.रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा चयनित खेड़ी सिकोहपुर (जिला हरिद्वार) में 45 कार्य लिए गए हैं।

सांसद आदर्श ग्राम योजना का 11 अक्टूबर 2014 को प्रारम्भ की गई थी। इसका उद्देश्य सांसद द्वारा चयनित ग्राम पंचायत में सभी केंद्र पोषितध्राज्य पोषित योजनाओं के अभिसरण (कन्वर्जेंस) के माध्यम से आधारभूत अवस्थापना सुविधाओं का विकास, सेवाओं की उपलब्धता और ग्राम पंचायत का सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरणीय विकास द्वारा चयनित ग्राम पंचायत में विकास के अंतर की पूर्ति करते हुए आदर्श ग्राम बनाना है।

प्रदेश में बड़ी संख्या में फिल्मों व टीवी सीरियलों की शूटिंग हो रही

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड की विभिन्न लोकेशन्स में शूट की जा रही हिन्दी फिल्म ‘‘शुभ निकाह‘‘ का मुहूर्त शॉट लिया। इस फिल्म का 90 प्रतिशत हिस्सा उत्तराखण्ड में फिल्माया जाना है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति से सुन्दरता का वरदान प्राप्त है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता और लोकेशन्स शूटिंग के लिए अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं को फिल्म निर्माण में किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए प्रदेश में प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है, जहां से औसतन 3-4 दिनों में सभी तरह की क्लियरेंस दे दी जाती हैं। यहां शूटिंग कर चुके फिल्मकार भी इस बात की प्रशंसा करते हैं कि उत्तराखण्ड में फिल्म शूटिंग के समय स्थानीय लोगों द्वारा किसी प्रकार का व्यवधान नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं को सहयोग देने के लिए राज्य सरकार हमेशा तत्पर है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में फिल्म, टीवी सीरियल आदि की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए फिल्मकारों व इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से प्राप्त सुझावों को राज्य सरकार द्वारा अमल में लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गत वर्ष आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त सुझावों को समाहित कर राज्य की फिल्म नीति बनाई गई है, जिसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं। प्रदेश में बड़ी संख्या में यहां फिल्मों व टीवी सीरियलों की शूटिंग हो रही है।

इस अवसर पर मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, फिल्म निर्माता भूपेन्द्र संधू, अर्श संधू, फिल्म निर्देशक अरशद सिद्धकी एवं नायक-नायिका सहित फिल्म से जुड़े अन्य कलाकार व क्रू मेंबर भी उपस्थित थे।

तीन चरणों में होंगे पंचायत चुनाव, 21 अक्टूबर को आयेंगे परिणाम

हरिद्वार को छोड़ राज्य के शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत (ग्राम, क्षेत्र और जिला) चुनाव के लिए सरकार से अनुमोदन मिलने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने देर शाम चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी। इसके साथ ही नगरीय क्षेत्रों और हरिद्वार जिले को छोड़कर राज्यभर में पंचायत चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। 89 विकासखंडों में त्रिस्तरीय पंचायतों में 66640 पदों के चुनाव तीन चरणों छह अक्टूबर, 11 अक्टूबर और 16 अक्टूबर को मतदान होगा। चुनाव की प्रक्रिया 20 सितंबर को नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ होगी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से कसरत चल रही थी। इस बीच पंचायतों में आरक्षण का निर्धारण होने के बाद सरकार की ओर से इस संबंध एक सितंबर को आयोग को सूचना दे दी गई थी। इसके बाद आयोग ने भी चुनाव का प्रस्तावित कार्यक्रम सरकार को भेजा। सरकार की ओर से अनुमोदन होने में हो रहे विलंब के चलते संशय भी बना हुआ था। शुक्रवार को गंगोत्री में आर्ट गैलरी के उद्घाटन और करीब दो दर्जन योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करने के बाद देहरादून लौटे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से अनुमोदन मिलने के बाद शाम को शासन ने चुनाव के कार्यक्रम को हरी झंडी दे दी। देर शाम राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की अधिसूचना भी जारी कर दी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार 89 विकासखंडों में ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए मतदान तीन चरणों छह अक्टूबर, 11 अक्टूबर और 16 अक्टूबर को होगा। अधिसूचना के मुताबिक पंचायत चुनाव की प्रक्रिया 20 सितंबर से नामांकन दाखिल करने के साथ होगी। 20, 21, 23 व 24 सितंबर को सुबह आठ से शाम चार बजे तक नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। 25 सितंबर से 27 सितंबर तक नामांकन पत्रों की जांच होगी। 28 सितंबर को सुबह आठ से दोपहर बाद तीन बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। तीनों चरण के लिए यह प्रक्रिया इन्हीं दिनों में चलेगी। अलबत्ता, चुनाव चिह्न आवंटन अलग-अलग तिथियों में होगा। छह अक्टूबर को होने वाले प्रथम चरण के चुनाव के लिए 29 सितंबर को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे। 11 अक्टूबर के द्वितीय चरण के चुनाव को चार अक्टूबर और अंतिम चरण में 16 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के लिए नौ अक्टूबर को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे। मतगणना 21 अक्टूबर को सुबह आठ बजे से होगी और इसी दिन शाम से परिणाम भी आने लगेंगे।
आयोग की अधिसूचना के बाद संबंधित जिलों में जिलाधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी 16 सितंबर को अधिसूचना जारी करेंगे। ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत सदस्य पदों के लिए नामांकन दाखिल करने से लेकर मतगणना तक की सभी प्रक्रिया विकासखंड मुख्यालयों में होगी। अलबत्ता, जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए नामांकन पत्र दाखिला, जांच, नाम वापसी, चुनाव चिह्न आवंटन संबंधी कार्य जिला पंचायत मुख्यालयों पर होंगे। मतगणना संबंधित विकासखंड मुख्यालय पर होगी और जिला पंचायत सदस्य पदों के निर्वाचन के परिणाम जिला मुख्यालय से घोषित किए जाएंगे।
प्रथम चरण (छह अक्टूबर)-द्वितीय चरण -तृतीय चरण (16 अक्टूबर)
अल्मोड़ा-ताकुला, हवालबाग, लमगड़ा, धौलादेवी- चैखुटिया, द्वाराहाट, ताड़ीखेत, भैंसियाछीना- सल्ट, स्यालदे, भिकियासैंण
ऊधमसिंहनगर-रुद्रपुर, गदरपुर -बाजपुर, काशीपुर, जसपुर -खटीमा, सितारगंज
चंपावत- चंपावत -लोहाघाट, बाराकोट -पाटी
पिथौरागढ़-विण (पिथौरागढ़), मूनाकोट, कनालीछीना-बेरीनाग, गंगोलीहाट – धारचूला, मुनस्यारी, डीडीहाट
नैनीताल- हल्द्वानी, रामनगर, भीमताल – कोटाबाग, धारी, रामगढ़ -बेतालघाट, ओखलकांडा
बागेश्वर-बागेश्वर-गरुड़-कपकोट
उत्तरकाशी-भटवाड़ी, डुंडा-चिन्यालीसौड़, नौगांव -मोरी, पुरोला
चमोली- जोशीमठ, दशोली, घाट- कर्णप्रयाग, पोखरी, गैरसैंण -देवाल, थराली, नारायणबगड़
टिहरी-चंबा, जाखणीधार, भिलंगना-थौलधार, जौनपुर, प्रतापनगर -कीर्तिनगर, देवप्रयाग, नरेंद्रनगर
देहरादून- डोईवाला, रायपुर -सहसपुर, कालसी -विकासनगर, चकराता
पौड़ी- पौड़ी, पाबौ, खिर्सू, कोट, कल्जीखाल -यमकेश्वर, द्वारीखाल, जयहरीखाल, एकेश्वर, दुगड्डा – रिखणीखाल, पोखड़ा, थलीसैंण, नैनीडांडा, बीरोंखाल
रुद्रप्रयाग- ऊखीमठ-जखोली-अगस्त्यमुनि

दंबग मंत्री को राहत, सरकार ने मुकदमें वापस लिए

उत्त्राखंड के तराई क्षेत्र हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर में भाजपा के दो बड़े नेताओं का अच्छा खासा प्रभाव है। जिनमें मदन कौशिक और अरविन्द पाण्डेय का नाम शामिल है। अरविन्द पाण्डेय इस बार पहली बार कैबिनेट मंत्री बनाये गये है। लेकिन अकसर चर्चाओं में रहने वाले अरविन्द पाण्डेय के पास जनसमुदाय की अच्छी पकड़ है। इसी के चलते वे राज्य गठन के बाद से ही लगातार जीत रहे है। एक बार तो वह अपनी सीट भी बदल चुके है। इसी के चलते राज्य सरकार भी अपने दंबग मंत्री के बचाव में रही है।
ताजा मामला है कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा एंव खेल मंत्री अरविंद पांडेय व अन्य पर वर्ष 2015 में नायब तहसीलदार से मारपीट के आरोप में दर्ज मुकदमा समेत चार मुकदमे वापस ले लिए हैं। शासन ने उनपर दर्ज इस मुकदमे के साथ ही सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने व शांति भंग आदि की धाराओं में दर्ज तीन अन्य और मुकदमे वापस लेने की संस्तुति की है। ये मुकदमे 2012 के बाद दर्ज किए गए थे।
इसी वर्ष कुंडेश्वरी थाने में दर्ज मुकदमे समेत पुराने अन्य मुकदमों पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है। कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय पर विभिन्न थानों में तकरीबन एक दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। आरोप था कि दिनेशपुर में नायाब तहसीलदार का वाहन रोक तत्कालीन गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय और उनके समर्थकों ने मारपीट की। इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।