वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत तीन लोगों को मिले डिजिटल राशनकार्ड

राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक और बड़ी पहल की। भराड़ीसैंण गैरसैंण में आयोजित राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत डिजिटल राशनकार्ड वितरित किये। मुख्यमंत्री ने जनपद चमोली के तीन लोगों को प्रतीकात्मक तौर पर ये राशन कार्ड प्रदान किये। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना में किसी भी क्षेत्र के नागरिक राशन कार्ड के माध्यम से देश के किसी भी राज्य से पीडीएस राशन की दुकान से राशन प्राप्त कर सकेंगे। इस योजना के तहत देश के लोग किसी भी राज्य की पीडीएस की दुकान से अपने हिस्से का राशन लेने में पूर्ण रूप से स्वतंत्र रहेंगे।

गैरसैंण में सीएम ने किया 662 ई-पंचायत सेवा केन्द्रों का उद्धाटन

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य की ग्रीष्माकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में राज्य की 662 ई-पंचायत सेवा केन्द्र का उद्घाटन किया। उन्होंने ई-पंचायत सेवा केन्द्र के लाभार्थियों से ई-संवाद भी किया। मुख्यमंत्री के प्रयासों से सभी न्याय पंचायतों में ई सेवा का शुभारम्भ किया गया है। इस सेवा के माध्यम से न्याय पंचायत स्तर तक 12 प्रकार की सेवाएं लोगों को आसानी से मिल जायेंगी। कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से उपलब्ध होने वाली सभी सेवाएं भी ई-पंचायत सेवा केन्द्र के माध्यम से भी उपलब्ध रहेंगी। आने वाले कुछ माह में ई-पंचायत सेवा केन्द्रों को ‘अपणि सरकार’ पोर्टल से भी जोड़ा जायेगा।

पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है। उत्तराखण्ड देश का ऐसा तीसरा राज्य है, जहां पर सभी न्याय पंचायतों में ई-पंचायत सेवा केन्द्र की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ई-पचांयत सेवा केन्द्र में और सेवाएं जोड़ी जायेंगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि लोगों को अपने कार्यों के लिए अनावश्यक रूप से सरकारी कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़े। उन्हें डिजिटल माध्यम से घर से ही सारी सुविधाएं उपलब्ध हो।

इस अवसर पर विधायक महेन्द्र भट्ट, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रवीन्द्र दत्त, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा, जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान, सीडीओ हंसादत्त पांडे एवं केन्द्रीय कार्यालय दिल्ली से सीएससी के अधिकारी जुड़े थे।

आंध्र प्रदेश का युवक रायवाला में, पुलिस ने परिजनों के सुपुर्द किया

रायवाला पुलिस ने आंध्र प्रदेश से लापता युवक को उसके परिजनों से मिलाया है। पुलिस के इस कार्य की हर कोई तारीफ कर रहा है।

थानाध्यक्ष अमरजीत सिंह रावत ने बताया कि लावारिश अवस्था में घूमते पाए जाने पर युवक से पूछताछ की गई। तो उसने अपना नाम 20 वर्षीय कुच्ची पृथ्वी पुत्र चंद्रहास बताया। जो कि जिला अनंतपुर आंध्र प्रदेश का रहने वाला है जोकि अपने परिवार जनों से नाराज होकर घर से निकल गया था तथा भटक कर यहां पहुंच गया है। रायवाला पुलिस ने उक्त युवक के परिजनों से संपर्क किया तो पता चला कि उक्त युवक कुच्ची पृथ्वी बीते 11 अक्टूबर से लापता है। उसकी गुमशुदगी परिजनों ने थाना अनंतपुरम-2 टाउन आंध्र प्रदेश में दर्ज कराई है। लापता युवक के परिजन आज थाना रायवाला पहुंचे और युवक को आंध्र प्रदेश पुलिस एवं उसके चाचा के भास्कर निवासी 12-55 आदर्श नगर, अनंतपुर, आंध्र प्रदेश के सुपुर्द किया। परिजनों ने पुलिस का आभार प्रकट किया।

एम्स प्रशासन ने अस्थमा रोगियों को किया अलर्ट, दिए आवश्यक सुझाव

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश ने शीतकाल के मद्देनजर अस्थमा रोगियों को विशेष सावधानी बरतने का सुझाव दिया है। संस्थान के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि ठंड और कोहरे की यह समस्या सबसे अधिक अस्थमा रोगियों के लिए नुकसानदेय है। ऐसे में अस्थमा रोगियों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि नियमततौर पर मास्क लगाने से कोरोना से तो बचाव होगा ही, साथ ही मास्क का उपयोग अस्थमा रोगियों के लिए ठंडी हवा से रोकथाम में भी बेहतर विकल्प साबित होगा। बताया कि ठंड और कोहरे के कारण वायुमंडल में जल की बूंदें संघनित होकर हवा के साथ मिल जाती हैं। यह हवा जब सांस के माध्यम से शरीर के भीतर प्रवेश करती है, तो सांस की नलियों में ठंडी हवा जाने से उनमें सूजन आने लगती है। ऐसे में अस्थमा के रोगी गंभीर स्थिति में आ जाते हैं। उन्होंने मास्क के इस्तेमाल को इस समस्या से बचने का सबसे बेहतर उपाय बताया।

पल्मोनरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. गिरीश सिंधवानी ने बताया कि अस्थमा किसी भी व्यक्ति को और किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन समय पर इसके लक्षणों की पहचान होने से इस पर नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह रोग संक्रमण से नहीं फैलता है यह एलर्जी से होने वाली बीमारी है। जुकाम और बार-बार आने वाली छींकों से उत्पन्न यह एलर्जी जब नाक व गले से होते हुए छाती में फेफड़ों तक पहुंचती है तो अस्थमा का रूप ले लेती है। डा. सिंधवानी के अनुसार अस्थमा रोगियों को रात के समय अधिक दिक्कत होती है। उन्होंने बताया कि इस मर्ज का समय पर उपचार नहीं कराने से मरीज की सांस फूलने लगती है और दम घुटने के कारण उसे अस्थमा अटैक पड़ जाता है।
डा. सिंधवानी ने सुझाव दिया कि अस्थमा के रोगी नियमिततौर से दवा लेना नहीं भूलें। उन्होंने आगाह किया कि बीच-बीच में दवा छोड़ने से यह बीमारी घातकरूप ले लेती है। बताया कि लोगों में भ्रांति है कि इनहेलर का उपयोग केवल संकट के समय ही किया जाता है। जबकि यह तर्क पूरी तरह से गलत है। विशेषज्ञ चिकित्सक ने बताया कि इनहेलर का उपयोग अस्थमा के रोगी को नियमिततौर से करना चाहिए। इस बीमारी में इनहेलर सबसे उत्तम उपाय है। इससे बचना, नुकसानदेह होता है। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश एम्स में इस बीमारी की सभी तरह के परीक्षण व उपचार की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं।

यह हैं अस्थमा के प्रमुख लक्षण-
खांसी, जुकाम, छींकें आना, सांस फूलना, सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आना आदि।

यह है अस्थमा रोग को बढ़ाने वाले कारक-
ठंड, कोहरा, धुंध, धुवां, धूल, प्रदूषण, संक्रमण, पेंट की गंध, परागकण। इसके अलावा बंद घरों के भीतर रहने वाले पालतू कुत्ते और बिल्लियों के बालों से भी अस्थमा मरीजों की परेशानियां बढ़ जाती हैं।

इस तरह अस्थमा से बचाव का उपाय-
फ्रिज का पानी, ठंडी और बासी चीजों का सेवन कदापि नहीं करें। सर्दी से बचाव के सभी जरुरी उपाय जैसे गर्म कपड़े पहनना, धूप आने से पहले बाहर नहीं निकलना, कमरों के भीतर बैठने के बजाय धूप में बैठना आदि को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। धूप में विटामिन डी प्रचुर मात्रा में होता है और यह जनरल बूस्टर का कार्य करते हुए शरीर की इम्यूनिटी क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा ग्रसित मरीज दवा का सेवन नियमित तौर पर करें।

राज्यपाल ने ‘राज्य स्थापना दिवस’ की 20वीं वर्षगांठ पर पुलिस रैतिक परेड की सलामी ली

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राज्य स्थापना दिवस की 20वीं वर्षगांठ पर पुलिस लाइन में आयोजित रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली।

राज्यपाल ने विशिष्ट सेवाओं के लिए ‘‘राष्ट्रपति पुलिस पदक’’ प्राप्त 06 पुलिस अधिकारियों और ‘‘राष्ट्रपति के जीवन रक्षा पदक’’ से सम्मानित दो पुलिस कार्मिकों को अलंकृत भी किया। इनमें पुष्पक ज्योति, पुलिस महानिरीक्षक, श्रीधर प्रसाद बडोला, (से.नि.) पुलिस उपाधीक्षक, श्री प्रकाश चन्द्र शर्मा (से.नि.) उपनिरीक्षक, धनराम आर्य (से.नि.) पीसी विशेष श्रेणी पीएसी, आदित्यराम डिमरी (सेनि) उप निरीक्षक एस.डी.आर.एफ. तथा हीरा सिंह राणा (से.नि.) सहायक सेना नायक को राष्ट्रपति पुलिस पदक और विनोद प्रसाद थपलियाल, उप निरीक्षक, ममलेश सिंह, आरक्षी को राष्ट्रपति के जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया है।

उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था और शांति की स्थापना में उत्तराखण्ड पुलिस अच्छा कार्य कर रही है। कोविड महामारी के समय में भी पुलिस ने अग्रिम मोर्चे पर रहकर जनता की सहायता की है। कर्तव्य निवर्हन करते हुए लगभग 1600 पुलिस अधिकारी-कर्मचारी कोविड बीमारी से संक्रमित हुए। लेकिन इसके बाद भी हमारी पुलिस, डाक्टर्स, नर्सेज और सभी कर्मचारी अपने कर्त्तव्य का पालन कर रहे हैं। उत्तराखण्ड निर्माण में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है। हमें महिलाओं के समग्र कल्याण एवं सशक्तीकरण हेतु हर संभव कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि ड्रग्स हमारी युवा पीढ़ी के लिये बहुत बड़ा खतरा है। प्रदेश में एण्टी ड्रग्स टास्क फोर्स बनाई गई है। इस टास्क फोर्स को अपनी पूरी क्षमता से कार्य करना होगा, जिससे देवभूमि से नशे के सौदागरों का समूल नाश हो। उत्तराखण्ड में वर्ष 2022 तक हर घर तक नल से जल देने पर काम चल रहा है। इसी प्रकार राज्य सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लगातार कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संबोधन में 21वें राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य निर्माण के सभी ज्ञात अज्ञात शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। डी.जी.पी ए.के.रतूड़ी ने अपने संबोधन में उत्तराखण्ड पुलिस की उपलब्धियों की जानकारी दी।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका ‘‘विकसित होता उत्तराखण्डः बातें कम, काम ज्यादा’’ का विमोचन किया। इस दौरान राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस विभाग द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया।

मौके पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, विधायक मुन्ना सिंह चैहान, कुंवर प्रणव सिंह ‘चैम्पियन‘, हरबंस कपूर, विनोद चमोली, गणेश जोशी, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव आर.के.सुधांशु, सचिव नितेश झा, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, सचिव सूचना दिलीप जावलकर, सचिव राज्यपाल बृजेश कुमार संत, महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे।

कांग्रेस ने राज्य स्थापना दिवस पर वरिष्ठ आंदोलनकारियों को किया सम्मानित

राज्य स्थापना दिवस के मौके पर कांग्रेस जन सहायता कार्यालय श्यामपुर में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला की अध्यक्षता में स्व० इन्द्रमणि बडोनी की चित्र पर पुष्प अर्पित कर व उत्तराखण्ड के शहीदों के लिये मौन रखकर श्रद्धांजली दी व उसके पश्चात जयेन्द्र रमोला द्वारा वरिष्ठ आंदोलनकारियों को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया ।

जयेन्द्र रमोला ने कहा कि आज हमारे राज्य का 21वॉं स्थापना दिवस है जिस भावना के लिये हमारे शहीदों व आंदोलनकारियों ने राज्य निर्माण का स्वप्न देखा था वह आज भी अधूरा है आज भी युवा रोजगार के सपने देख रहा है आज भी प्रदेश का व्यापारी अपने व्यापार क प्रगति के लिये सरकार की ओर देख रहा है आज भी पहाड़ में रहने वाले लोग स्वास्थ्य, शिक्षा व रोजगार के इंतजार में बैठा है परन्तु जो सरकार पलायन रोकने,शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार के नाम पर सत्ता में आई वह सरकार हर मोर्चे पर विफल नजर आ रही है पलायन इनसे नहीं रूक पा रहा है।

पूर्व मंडी सभापति जय सिंह रावत ने कहा कि जिन लोगों के बलिदान से ये राज्य बना आज उन लोगों की अनदेखी की जा रही उनकी शासन और सत्ता में कोई भागीदारी लेना तो दूर उनकी सुनने को भी सरकार तैयार नहीं है।

श्रद्धांजली कार्यक्रम में वेद प्रकाश शर्मा, जय सिंह रावत, कमला नेगी, इंदु थपलियाल, अरुणा शर्मा, सरोजिनी थपलियाल, शीला ध्यानी, चन्द्रकान्ता जोशी, बृजमोहन कण्डवाल, लोक बहादुर थापा, सुधीर लखेडा, देवी प्रसाद व्यास, युद्धवीर चैहान, बलबीर नेगी व सोहन रौतेला को माला पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया ।

कार्यक्रम में विजयपाल सिंह रावत, दिनेश चंद्र मास्टर, आशा सिंह चैहान, सतीश रावत, कुसुम जोशी, रतन देव रयाल, गब्बर कैंतुरा, हरेंद्र सिंह, निर्मल सिंह, शिवेक बलूनी, बॉबी रांगड़, लक्ष्मण सिंह चैहान, अर्जुन रांगड़, बर्फ सिंह पोखरियाल, विजय बिष्ट, पूरन चन्द रमोला, राजेन्द्र गैरोला, धर्मेंद्र गुलियाल, राकेश कंडियाल, प्रताप सिंह पोखरियाल, चंद्र कांता जोशी, विशाल सजवाण, रोहित नेगी आदि मौजूद थे।

सफलता के सोपान तय करने को तेजी से अग्रसर है उत्तराखंडः अनिता

इन्द्रमणि बडोनी चैक पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य का स्थापना दिवस जोशो खरोश के साथ मनाया। मेयर अनिता ने मिठाइयां बांटकर न सिर्फ अपनी खुशी का इजहार किया बल्कि आंदोलनकारियों के साथ ढोलक की थाप पर थिरक कर माहौल को बेहद खुशनुमा बना दिया।

मेयर अनिता ममगाईं ने राज्य आंदोलन की लड़ाई में शहादत देने वाले आंदोलनकारियों को नमन किया। इंदिरा नगर क्षेत्र की विस्थापित कॉलोनी में नेशनल मार्शल आर्ट एकडेमी के द्वारा चलाए जा रहे शिविर में पहुंची जहां उन्होंने बच्चों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई दी। एकडेमी संचालिका शिवानी गुप्ता ने मेयर अनिता को माला पहनाकर व पुष्पगुच्छ भेंट किया। इसके बाद देहरादून रोड़ स्थित गोपाल कुटी पहुंची जहां उन्होंने राज्य आंदोलन के शहीदों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रमों की श्रंखला में मेयर अनिता ममगाईं ने राज्य आंदोलन के प्रणेता स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी के चैक पर पहुंची जहां उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की डबल इंजन की सरकार में राज्य सफलता के सोपान तय कर रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में देश में अपनी उत्तराखंड ने अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि यह आपदा को अवसर बनाने का समय है। उत्तराखंड प्रवासी निश्चित ही अपने प्रदेश में लौटेंगे और पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी उत्तराखंड के काम आएगी। इस दौरान पार्षद बिजेंद्र मोगा, पार्षद विजय बडोनी, पार्षद लक्ष्मी रावत, पार्षद अनीता रैना, पार्षद अनीता प्रधान, वेद प्रकाश शर्मा, पूर्व राज्य मंत्री उषा रावत, पार्षद कमलेश जैन, पंकज शर्मा जिला मंत्री भाजपा, राजपाल ठाकुर, सुनील उनियाल, मदन कोठारी, प्रिया ढकाल, रणवीर सिंह, रोमा सहगल, गौरव केन्थुला, सुनैना, राजेन्द्र सिंह, रवि सिंह आदि मौजूद रहे।

स्थापना दिवस पर नपां मुनिकीरेती के सभासद हुए सम्मानित

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा व उत्तराखंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन के सयुंक तत्वावधान में ढालवाला ऋषिकेश स्थित आरएमआई ग्राउंड में एक दिवसीय खेल महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें एथलेटिक, रस्साकस्सी और बॉलीवाल की प्रतियोगिता विधिवत सम्पन्न कराई गई।

कार्यक्रम का उद्घाटन पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी, समाज सेवी कमल सिंह राणा, मधु असवाल, रोशनी राणा, निर्मला उनियाल द्वारा किया गया। प्रतियोगिता में वॉलीबॉल की 20 टीमों ने प्रतिभाग किया, इसमें विजेता एरिना स्पोर्ट्स एकेडमी व उपविजेता कुंजापुरी क्लब रही।

रस्साकशी पुरूष वर्ग में 17 टीमों ने हिस्सा लिया, इसमें विजेता आरएसबी भानियावाला एवं उपविजेता द ब्याज ढालवाला रही।
रस्साकस्सी 8 टीमों में महिला वर्ग विजेता टीम एक भारत श्रेष्ठ भारत ऋषिकेश एवं उपविजेता स्टार क्लब रही ।
100 मीटर अंडर 10 बालक वर्ग में प्रथम स्थान पर शान, द्वितीय स्थान नितिन कंसवाल, तृतीय स्थान आर्यन ।
200 मीटर अंडर 10 बालक वर्ग में प्रथम स्थान सागर लेखवार, दीपश्री थपलियाल द्वितीय, रुद्राक्ष थपलियाल तृतीय ।
100 मीटर अंडर 15 बालक वर्ग में प्रथम स्थान अर्जुन द्वितीय रघु दास, तृतीय दीपांशु सिंह
100 मीटर अंडर 15 बालिका वर्ग में अनुष्का चैहान प्रथम, स्नेहा द्वितीय, तानिया तृतीय रही ।
200 मीटर अंडर 15 बालक वर्ग में प्रथम दिपांशु सिंह, द्वितीय अर्जुन महाजन, तृतीय राहुल ।
100 मीटर अंडर 18 बालक वर्ग में प्रथम अभिषेक कुमार, द्वितीय विकास रावत, तृतीय अमन ।
200 मीटर अंडर 18 बालक वर्ग में प्रथम स्थान पर अभिषेक कुमार, द्वितीय सुखदेव डवोला, तृतीय प्रभात पांडे ।
सभी विजेता खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी, महामंत्री उत्तम सिंह असवाल, उत्तराखंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश चंद्र भट्ट, महामंत्री दिनेश पैन्यूली के द्वारा ट्रॉफी मेडल के साथ माल्यार्पण कर के सम्मानित किया गया। मौके पर पालिका के सभी 11 सभासदों को विशिष्ट सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया।

मौके पर अरविंद नेगी, हॉकी गुरु डीपी रतूड़ी, राम कृष्ण पोखरियाल, सभासद विनोद सकलानी, वंदना थलवाल, अंकित नैथानी, रोशन पंत, कुलभूषण द्विवेदी, शेर सिंह थापा, अनिकेत प्रजापति, पूजा गुसाईं, कुलबीर सिंह, रंजीत सिंह भंडारी, अमित राणा, संजय न्यूली, दिलवीर रावत, प्रिंस गुप्ता, राहुल, पूनम चैहान, रजनी बिष्ट, पिंकी पयाल, वीरेंद्र नौटियाल, सुमित उनियाल, विशन मिंया, राजू थलवाल, राहुल लेखवार, भगवान सिंह भंडारी, अनुज गोड़ आदि मौजूद रहे।

उत्तराखंड निर्माण में महिलाओं का संघर्ष किसी ने नहीं छिपाः स्पीकर

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर स्पीकर प्रेम चंद अग्रवाल ने उत्तराखंड राज्य निर्माण में आंदोलनकारी महिलाओं को आज पुष्पगुच्छ एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

राज्य आंदोलनकारी महिलाओं में उषा रावत, सरोज डिमरी, अरुणा शर्मा, कमला नेगी, इंदु थपलियाल, शीला ध्यानी आदि का सम्मान करने के पश्चात स्पीकर ने कहा कि इस राज्य के निर्माण के लिए महिलाओं का संघर्ष किसी से छिपा हुआ नहीं है। कहा कि राज्य प्राप्ति के लिए अपने घर गृहस्ती के सारे काम निपटाने के बाद महिलाएं सड़कों पर उतरती थी और उत्तराखंड को अलग राज्य प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया।

उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आभार जताता और कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया जिससे आंदोलनकारियों का सम्मान हुआ है ।

इस अवसर पर खाण्ड गांव के प्रधान शंकर धने, तेज बहादुर यादव, राजवीर रावत, शिव कुमार गौतम, क्षेत्र पंचायत सदस्य अमर खत्री, आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सुंदरी कंडवाल ने किया।

गैरसैंण को राजधानी बनाकर सीएम त्रिवेंद्र ने बातें कम काम ज्यादा… को किया सार्थक

देहरादून। गैरसैंण राज्य निर्माण के शहीदों और आन्दोलनकारियों की भावनाओं का प्रतीक है। पहाड़ की राजधानी पहाड में जैसे नारे अब सार्थक होते जा रहे हैं। जी हां और ये सपना एक राज्य आन्दोलनकारी ही पूरा कर सकता था, जो मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया। राज्य आन्दोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले सीएम त्रिवेन्द्र का गैरसैंण को लेकर भावनात्मक लगाव किसी से छुपा नहीं है। उत्तराखंड में त्रिवेन्द्र सिंह रावत पहले ऐसे सीएम हैं जो लगातार गैरसैंण जाकर अपने इस लगाव के साथ काम करते भी दिखाई देते हैं। सीएम त्रिवेन्द्र ने गैरसैंण के विकास की इबारत लिखने में केवल बाते हीं नहीं की बल्कि धरातल पर भी इसे उतराने में पूरी शिद्दत से काम किए हैं।

इसकी पहली झलक मार्च माह में सीएम त्रिवेन्द्र ने विधानसभा सत्र के दौरान गैरसैंण मे ही दिखा दी थी। जब किसी को अपेक्षा नहीं थी कि गैरसैंण ग्रीष्मकालीन राजधानी को लेकर फैसला इस सत्र में होगा लेकिन दृढनिश्चियी सीएम ने वो फैसला गैरसैंण के हित में और उत्तराखंड के हित में ले लिया जिसकों लेने में बाकी मुख्यमंत्रियों ने कभी हिम्मत तक नहीं दिखाई। हां दिखावा जरूर करते रहे लेकिन त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दिखा दिया था की वो केवल बातें नहीं करते बल्कि उसे पूरा करने की हिम्मत भी रखते हैं। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा के दौरान ही सीएम की आखों से बहे आंसूओं ने साफ बता दिया था की मुख्यमंत्री के लिए गैरसैंण सियासी मुद्दा नहीं बल्कि भावनाओं से जुड़ा और उनके दिल से जुडा मुद्दा है। उसी दिन लग गया था कि शहीदों के सपनों को पूरा करने में सीएम त्रिवेन्द्र कोई कसर नहीं छोडेंगे।

साफ है गैरसैंण पर फैसला लेते हुए सीएम कभी भी एक सीएम की तरह नहीं बल्कि राज्य के लिए आन्दोलन करने वाले एक आन्दोलनकारी, राज्य आन्दोलन के लिए शहीद होने वालों के परिवार के सदस्य की तरह उनके सपनों को अपना सपना बनाते हुए उसे पूरा करने की सोच के साथ काम करते रहे हैं। इसलिए राज्य के मुद्दों के लिए उनकी टीस और भावनाएं ठीक उसी तरह हैं जैसी एक राज्य आन्दोलनकारी के मन की टीस। यही वजह है कि सीएम ने गैरसैंण में ही घर बनाने का फैसला भी किया है।