2022 तक गरीबों को एक लाख आवास देने की मिली मंजूरी

2022 तक गरीब व कमजोर वर्गों को एक लाख आवास मुहैया कराने के लक्ष्य पर आगे बढ़ते हुए उत्तराखंड आवास नीति को मंजूरी दी गई है। निजी क्षेत्र की मदद से बनने वाले आवासों को राज्य सरकार प्रति आवास छह लाख रुपये की दर से खरीदेगी, जबकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को प्रति परिवार साढ़े तीन लाख रुपये पर आवास मुहैया कराया जाएगा।
राज्य खाद्य योजना के 11 लाख परिवारों को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर चक्कर काटने से निजात रहेगी। आगामी एक नवंबर से इन परिवारों के बैंक खाते में खाद्यान्न सब्सिडी पहुंचेगी।
इसी तरह अंत्योदय परिवारों को भी चीनी की सब्सिडी उनके खाते में मुहैया कराई जाएगी। उक्त फैसले के साथ ही मंत्रिमंडल ने ऊर्जा के तीन निगमों को सातवां वेतनमान देने पर मुहर लगा दी।
सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि राज्य के तीन नगर निगमों, 22 नगर पालिकाओं और 10 नगर पंचायतों की सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
भविष्य में अन्य निकायों की सीमा में भी इजाफा किया जाएगा। अगले नगर निकाय चुनाव में नए विस्तारित क्षेत्र भी शामिल होंगे। निकायों के विस्तारित क्षेत्रों में जन सुविधाओं के लिए केंद्रीय योजनाओं का अधिक फायदा मिलेगा।
साथ ही नए बनने वाले वार्डों को विकास के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड आवास नीति के तहत अगले पांच सालों में गरीबों को एक लाख आवास मुहैया कराने की कार्ययोजना को मंजूरी मिल गई है। इस कार्ययोजना को निजी भागीदारी से पूरा किया जाएगा। योजना में भागीदार निजी क्षेत्र को सरकार की ओर से रियायतें दी जाएंगी। राज्यभर में आवासहीन कमजोर वर्गों का चिह्नीकरण सर्वे नगर निकायों के जरिए कराया गया था। इस सर्वे के आधार पर ही निकायवार कमजोर वर्गों के लिए आवासों का निर्माण किया जाएगा। काबीना मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल ने राज्य के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लघु व सीमांत किसानों को एक लाख ऋण मात्र दो फीसद ब्याज दर पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस योजना को दीनदयाल सहकारिता सहभागिता योजना का नाम दिया गया है।

सुविधायुक्त घर को लोन का लाभ

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जहां एक ओर झोपड़ी और कच्चे घरों में रहकर गुजर-बसर करने वाले परिवारों को आवास बनाने के लिये योजना का लाभ मिल सकेगा। वहीं दूसरी ओर सरकार ने इस योजना में कुछ नई सौगाते भी दी है। जिसके तहत जहां लाभार्थी पक्का आवास बना सकेंगे, वहीं शौचालय के लिए भी उन्हें अनुदान भी मिलेगा। साथ ही बिजली और गैस कनेक्शन भी मुफ्त मिल सकेगा। इससे गरीब परिवारों को समस्याओं से निजात मिलेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभ पाने वाले गरीबों को अब एक साथ कई योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। सरकार की ओर से पक्का आवास बनवाने के लिए निर्धारित 1.20 लाख रुपये तीन किस्तों में मिलेंगे। पहली किस्त में 40 हजार, दूसरी में 70 हजार, जबकि अंतिम किस्त 10 हजार की होगी। वहीं, जिला पंचायत राज विभाग से शौचालय के लिए 12 हजार रुपये का अनुदान का लाभ मिलेगा। नई व्यवस्था में लाभार्थियों को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस का कनेक्शन भी दिया जाएगा। दीनदयाल विद्युतीकरण योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन मिलेगा। यही नहीं, गरीबों के लिए जिला पूर्ति विभाग से संचालित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की पात्र गृहस्थी में भी शामिल किया जाएगा। इससे उन्हें सस्ते दर में अनाज भी मिल सकेगा।
परिवार के सदस्यों को मिलेगा काम
योजना के तहत जहां आवास का लाभ मिलेगा। वहीं, घर के सदस्य जॉबकार्ड बनवा सकेंगे। साथ ही आवास में स्वयं काम भी कर सकेंगे। इसके तहत मनरेगा से 90 मानव दिवस का लाभ मिल सकेगा। इससे आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी।
सुविधायुक्त आवास के लिए लोन का भी लाभ
सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.20 लाख दिए जाएंगे। यदि कोई लाभार्थी आवास को अधिक सुविधायुक्त बनाना चाहेगा और इसके लिए उसे अतिरिक्त धनराशि की जरूरत होगी तो शासन से निर्धारित धनराशि के अलावा बैंक से सस्ते ब्याज दर पर 70 हजार रुपये के लोन की भी सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
आपको बतो दें कि इस प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ गरीब परिवारों को दिया जाता है। इसमें 2011 की जनगणना के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शामिल किया जाता है। प्राथमिकता पर उन लोगों को लाभ मिलता है, जो आवास विहीन अथवा कच्चे मकान में रहते हैं। साथ ही इससे पहले परिवार के किसी सदस्य को लोहिया, इंदिरा आवास या अन्य किसी आवास योजना का लाभ न मिला हो।

इंजन तो पहले ही चल दिया, डिब्बे तो आने ही थेः अखिलेश

कहने के लिये जो लखनऊ में मेट्रो की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन वो कहते है ना अगर शुरूआत ही अच्छी न हो तो फिर सबको कहने का मौका मिल जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ नवाब नगरी में। जहां पहले ही दिन मेट्रो की शुरूआत अच्छी नहीं हुई है। 5 सितम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मेट्रो का उद्घाटन किया। जिसके बाद 6 सितम्बर से यह आम लोगों के लिए शुरू कर दी गई, लेकिन पहले ही दिन मेट्रो में खराबी आ गई, जिसपर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस पर तंज कसा है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने मेट्रो खराबी के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। वहीं अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि लखनऊ मेट्रो तो पहले से ही बनकर तैयार थी, भारत सरकार ने सीएमआरएस के जरिए एनओसी देने में इतना लंबा वक्त लिया, फिर भी पहले ही दिन मेट्रो ठप।
20 मिनट तक थक गई मेट्रो
दुर्गापुरी और मवईया के बीच मेट्रो में खराबी आ गई। जहां से पैसेंजर्स को निकाला जा रहा है। बाकी चारों मेट्रो ऑपरेशनल हैं। तकनीकी खराबी के कारण मेट्रो 20 मिनट के लिए आलमबाग में फंस गई। लखनऊ मेट्रो कई वजहों से चर्चा में है। एक वजह सियासी है तो दूसरी देश के सबसे शानदार मेट्रो रेल होना भी एक वजह है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस मेट्रो रेल को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में रखते थे। यही वजह है कि मेट्रो के शिलान्यास से लेकर मेट्रो के बनने तक के हर सफर में वह साथ रहे, लेकिन चुनाव हार गए तो इसका उद्घाटन नहीं कर सके।

बाबा रामदेव ने राम रहीम को लेकर क्या कहा? इधर पढ़े

न्यायालय द्वारा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के फैसले के बाद जब पत्रकारों ने जब बाबा रामदेव से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि, बाबाओं ने राम का नाम बदनाम कर दिया है। इससे हमारी धर्म और संस्कृति की भी बदनामी होती है। कहा कि, जहां देखों हर दो तीन साल में देश में बाबा कांड हो रहा है। इसलिए ऐसे में जरूरत है कि आज जो बाबा शिखर पर हैं, उन्हें अपने आचरण का ध्यान रखना चाहिए। बाबा रामदेव ने अपने लिए कहा कि मैं भी एक संन्यासी हूं। संतों के लिए गेरुआ वस्त्र महज एक कपड़ा नहीं है। इससे लोगों की आस्था जुड़ी होती है। इसलिए देश में जो भी बाबा खुद को सच में बाबा मानते हैं वे अपने आचरण से दुनिया को शिखर पर लाने का प्रयास करें। राम रहीम के लिए बाबा ने कहा कि उन्होंने जो भी किया वह उनको शोभा नहीं देता था। लोगों ने उन पर विश्ववास किया ऐसे में देश की जनता को धोखा देना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं लोगों ने जो पंचकुला में किया वह भी सही नहीं था।

जानिये, कौन सा मंत्री आपकी समस्या को सुलझा सकता है!

सरकार अब सीधे जनता के दरवाजो पर दस्तक देगी। जिसके लिए मुख्यंत्री नें एक मास्टर प्लान तैयार किया है। जनता से सीधे सरोकार को लेकर आज भाजपा कार्यालय में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक जहां जिलो के दौरों में प्रभारी मंत्री समेत जिलाधिकारियो को समय-समय पर जनता के बीच संवाद स्थापित करने के आदेश जारी हो चुके है। वही एक तरफ अब माह में एक बार मुख्यमंत्री खुद कुमाऊ मंडल के पार्टा कार्यालय हल्द्वानी जाकर जनता की समस्याओ का सीधा निस्तारण करेंगे। वहीं, पार्टी कार्यालय में भी इसी तरह की व्यवस्था लागू की जा रही है। सरकार ने सीधे जनता से सरोकार को लेकर एक बृह्द योजना बनाई है, जिससे पूरी सरकार समय-समय पर जनता के बीच मौजूद रहकर जनका की समस्याओ का निस्तारण कर सकेगी। वहीं, इसे जनता और सरकार के बीच संवाद के रूप में एक बेहतर पहल के रूप में देखा जा रहा है।

जानियें, कौन मंत्री किस दिन लगायेगा दरबार
सोमवार को कृषि मंत्री सुबोध उनियाल
मंगलवार को वन मंत्री हरक सिंह रावत
बुद्धवार को वित्त मंत्री प्रकाश पंत
गुरुवार को परिवहन व समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य
शुक्रवार पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज
शनिवार को उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत
रविवार को महिला एंव बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य

इसके साथ ही किसी भी मंत्री की अनुपस्थिति में पार्टी कार्यालय में बैठने की जिम्मेदारी शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक समेत शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डे संभालेंगे। सरकार नें एक तरफ जहां पहले जनता दरवार से जनता के बीच पहुचने की कोशिश की है। वहीं, प्रभारी मंत्रियो के जरिए सरकार नें पूरे प्रदेश में जनता से संवाद स्थापित करने का प्रयास किया। अब हफ्ते के 7 दिन सरकार नें जनता से जुडने के लिए पार्टी कार्यलय को अपना ठिकाना बनाया है।

महाविद्यालयों में अगले सत्र से शैक्षणिक कलेंडर लागू

रायपुर, मालदेवता में राजकीय महाविद्यालय रायपुर के नव निर्मित भवन व शौर्य दीवार के लोकार्पण अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यहां इसी सत्र से स्नातकोतर महाविद्यालय के रूप में उच्चीकृत करने की घोषणा की। इस सत्र से यहॉं कला संकाय की कक्षाएं प्रारम्भ होंगी। अगले सत्र से यहॉ ग्रेजुएशन में संस्कृत की कक्षाएॅं भी शुरू की जाएॅगी। मुख्यमंत्री ने कॉलेज के लिए 04 अतिरिक्त कक्षा कक्ष की घोषणा भी की। इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि उच्च शिक्षा और कॉलेज स्तरीय हों। शिक्षकों की भर्ती शीघ््रा की जाएगी। आने वाले समय में फैकल्टी की समस्या दूर होगी। उन्होंने छात्रछात्राओं का आहवाहन किया कि वे बहुआयामी शिक्षा के प्रति प्रयत्न करें। सिर्फ किताबी ज्ञान और डिग्री पर ध्यान न दें। जिंदगी का लक्ष्य स्पष्ट रखे और उसे पाने का प्रयास करें। उन्होंने गॉंवों से हो रहे पलायन को रोकने और न्याय पंचायत स्तर पर स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न करने की योजना भी साझा की। उन्होंने कहा कि हर न्याय पंचायत पर 100150 महिलाओं को स्वरोजगार दे कर न्याय पंचायत को ग्रोथ सेंटर बना सकते है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मालदेवता में पीजी कॉलेज खुलने से स्थानीय स्तर पर विकास को गति मिलेगी। आसपास के विद्यार्थियों विशेषकर छात्राओं का उच्च शिक्षा के अवसर मिलेंगे। इससे पूर्व त्रिवेन्द्र ने कार्यक्रम स्थल पर ही उपस्थित जनसमूह के साथ रेडियो में प्रसारित प्रधानमंत्री के ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम सुना। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पिछले चार महीनो में सरकार द्वारा ठोस आधारभूत कार्य किए गए है। सरकार राज्य को ग्रामीण क्षेत्र में पूरी तरह ओडीएफ बनाने के बाद अब शहरी क्षेत्र को ओडीफ बनाने की ओर अग्रसर है। उच्च शिक्षा मंत्री डा0 धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशो पर शैक्षणिक कैलेण्डर घोषित कर दिया गया है। अगले सत्र से शैक्षणिक कैलेण्डर लागू कर दिया जाएगा। अब कॉलेजो में 180 दिन कक्षाएं चलेगी। 30 दिन के भीतर परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए जाएगे। 877 अस्सिटेंट प्रोफेसरो की नियुक्ति के सम्बन्ध में विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। स्मार्ट कलासेज व ई लाइब्रेरी की योजनाएं भी अगले कुछ महीनों में धरातल लाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि राजकीय महाविद्यालय रायपुर का निर्माण, राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा 1762.04 वर्ग मी0 क्षेत्रफल में 4.90 करोड़ रूपये की लागत से किया गया है। इसमें प्रधानाचार्य कक्ष, लाइब्रेरी, आईटीसी लैब जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध है। महाविद्यालय भवन की मानचित्र संरचना भूकम्परोधी तकनीक पर आधारित है।

35वीं बार मन की बात में मोदी बोले शिक्षक दिवस पर 5साल के लिये संकल्प लेकर पूरा करे

नरेंद्र मोदी ने 35वीं बार मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित किया। पीएम हर महीने के आखिरी रविवार को 11 बजे इस कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित करते हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने हरियाणा में हुई हिंसा पर चिंता जताई। अहिंसा परमो धर्म ये हम बचपन से सुनते आए हैं। पीएम ने कहा कि मैंने लाल किले से भी कहा था कि आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी। चाहे वो सांप्रदायिक आस्था हो, चाहे वो राजनैतिक विचार धाराओं के प्रति आस्था हो, चाहे वो व्यक्ति के प्रति आस्था हो, चाहे वो परम्पराओं के प्रति आस्था हो, आस्था के नाम पर, कानून हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि कानून हाथ में लेने वाले, हिंसा के राह पर दमन करने वाले किसी को भी, चाहे वो व्यक्ति हो या समूह हो, न ये देश कभी बर्दाश्त करेगा और न ही कोई सरकार बर्दाश्त करेगी। हर किसी को कानून के सामने झुकना होगा, कानून जवाबदेही तय करेगा और दोषियों को सजा दे कर रहेगा।
स्वच्छता का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि 2 लाख 30 हजार से भी ज्यादा गांव, खुले में शौच से अपने आपको मुक्त घोषित कर चुके हैं। शौचालयों की कवरेज 39 से करीब-करीब 67 पहंची है। मैं आह्वान करता हूं कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती से 15-20 दिन पहले से ही स्वच्छता ही सेवा मुहिम चलाएं। ऐसा स्वच्छता खड़ी कर दें कि 2 अक्टूबर सचमुच में गांधी के सपनों वाली 2 अक्टूबर हो जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे की अपर्णा का मैसेज उठाते हुए कहा कि क्या आपको नहीं लगता है कि जब हम, हमारे घर के आस-पास कोई सामान बेचने के लिए आता है, कोई फेरी लगाने वाला आता है। किसी छोटे दुकानदार से, सब्जी बेचने वालों से हमारा संबंध आ जाता है, कभी ऑटो-रिक्शा वाले से संबंध आता है। जब भी हमारा किसी मेहनतकश व्यक्ति के साथ संबंध आता है तो हम उससे भाव का तोल-मोल करने लग जाते हैं, मोल-भाव करने लग जाते हैं। नहीं इतना नहीं, दो रुपया कम करो, पांच रुपया कम करो और हम ही लोग किसी बड़े रेस्त्रां में खाना खाने जाते हैं तो बिल में क्या लिखा है देखते भी नहीं हैं, धड़ाम से पैसे दे देते हैं। इतना ही नहीं शोरूम में साड़ी खरीदने जाएं तो कोई मोल-भाव नहीं करते हैं, लेकिन किसी गरीब से अपना नाता आ जाए तो मोल-भाव किए बिना रहते नहीं हैं। गरीब के मन को क्या होता होगा, ये कभी आपने सोचा है? उसके लिए सवाल दो रुपये- पांच रुपये का नहीं है। उसके ह्रदय को चोट पहुंचती है कि आपने वो गरीब है इसलिए उसकी ईमानदारी पर शक किया हैं। दो रुपया- पांच रुपया से आपके जीवन में कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन आपकी ये छोटी-सी आदत उसके मन को कितना गहरा धक्का लगाती होगी कभी ये सोचा है? खेल पर पीएम ने कहा कि खेल मंत्रालय ने खेल प्रतिभा की खोज के लिए स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च पोर्टल तैयार किया है। इस पर कोई भी बच्चा जिसने खेल के क्षेत्र में कुछ उपलब्धि हासिल की है, वो पोर्टल पर अपना बायोडाटा या वीडियो अपलोड कर सकता है। सलेक्ट इमर्जिंग प्लेयर्स को खेल मंत्रालय ट्रेनिंग देगा और मंत्रालय कल इस पोर्टल को लॉन्च करने वाला है। खुशी की खबर है कि भारत में 6 से 28 अक्टूबर तक फीका अंडर-17 वर्ल्ड कप का आयोजन होने जा रहा है।
पीएम ने कहा कि 5 सितंबर को हम सब शिक्षक दिवस मनाते हैं। हमारे देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस है। वे राष्ट्रपति जरूर थे, लेकिन जीवन भर अपने आप को एक शिक्षक के रूप में ही वो प्रस्तुत करते थे। वो हमेशा शिक्षक के रूप में ही जीना पसंद करते थे। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इस बार जब हम शिक्षक दिवस मनाए। तो हम सभी एक संकल्प लें। हर किसी को 5 साल के लिए, किसी संकल्प से बांधिए, उसे सिद्ध करने का रास्ता दिखाइये और 5 साल में वो पाकर कर रहे। जीवन में सफल होने का आनंद पाएं।

जानिए लिंग परिवर्तन कराने के पीछे का सच, हैरान करने वाली कहानी

मुंबई में इन दिनों एक नया मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला जो कुछ सालों पहले पुरुष हुआ करती थी और एक पुरुष जो पहले महिला हुआ करता था। दोंनों ने शादी करने का फैसला लिया है। तीन साल पहले दोनों मुंबई के एक अस्पताल में अपना लिंग परिवर्तन कराने आए थे। वहीं पर उन दोनों की पहली ही मुलाकात प्यार में बदल गई। अब अगले महीने वे शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। केरल का रहने वाला आरव अप्पुकुट्टन 46, मुंबई में एक अस्पताल में अपना लिंग परिवर्तन कराने गया था। उसी अस्पताल में सुकन्या कृष्णन 22, भी वहां अपने लिंग का परिवर्तन कराने गयी हुयी थी। बस फिर क्या था, दोनों ने एक दूसरे को देखा, प्यार कर बैठे और अगले महीने शादी करने जा रहे है। सुकन्या बताती हैं, हम दोनों के माता-पिता ने बचपन से ही उन्हें किन्नरों की तरह ट्रीट किया था। आरव ने कहा, मैंने सोचा भी नहीं था कि हमें इस तरह प्यार हो जाएगा। हम दोनों ने पूरे रीति-रिवाज के साथ मंदिर में शादी करने का फैसला किया है। हमने एक बच्चा भी गोद लेने का फैसला किया है।
मुलाकात से पहले की कहानी
आरव ने बताया, जब मैं 13 साल का हुआ तब मुझे पता चला कि मैं औरत नहीं हूं। मुंबई जाने के बाद जब मैंने लड़कों के कपड़े पहने और उनके जैसे हेयरस्टाइल रखी। मैं अपना लिंग परिवर्तन कराने दुबई गया। एक साल मैं पूरी तरह से औरत से आदमी में बदल चुका था। यहां तक कि मेरे दाढ़ी और मूंछें भी आनी शुरु हो गई थी।
वहीं सुकन्या कहती है कि परिवार मुझे लड़कों के कपड़े पहनने को और लड़कों के साथ खेलने को कहते थे। एक बार तो एयरपोर्ट पर मुझे ये कहकर रोक दिया गया कि मेरे आधारकार्ड से मेरा चेहरा मैच नहीं कर रहा है। मैं इस समस्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहती हूं कि हमें किस समस्या से गुजरना पड़ रहा है।

सीएम को ट्वीट कर की शिकायत, अगले ही दिन हुआ समाधान

आज के दौर में हर कोई सोशल मीडिया का बखूबी उपयोग करता नजर आ सकता है और यह आम लोगों से संवाद स्थापित करने और उनकी समस्याओं के निस्तारण में अहम भूमिका निभाता है, तो ऐसे में शासन भी इससे अछुता नहीं है। ऐसा ही एक वाकया सामने आया है जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोशल मीडिया के जरिये समस्या का निदान किया है। मुख्यमंत्री सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं, उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने को कहा है। मुख्यमंत्री की अपील पर अल्मोड़ा की जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव ने भी सोशल मीडिया का उपयोग करके लोगों की समस्याएं सुलझाने का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। दरअसल अल्मोड़ा के चौखुटिया की रहने वाली अंबुली देवी को पिछले 6 महीन से समाज कल्याण विभाग द्वारा विधवा पेंशन नहीं मिली। ऐसे में नम्रता कांडपाल नाम की महिला ने ट्वीटर के माध्यम से मुख्यमंत्री को शिकायत लिखी। मुख्यमंत्री ने शिकायत को ट्वीटर पर ही अल्मोड़ा की जिलाधिकारी को फॉरवर्ड करते हुए कार्रवाई के आदेश दिए। जिस पर डीएम ने तुरन्त संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की। डीएम ने ट्वीटर पर ही शिकायतकर्ता से अंबुली देवी के विवरण उपलब्ध कराने को कहा जिस पर आगे की कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी ने अगले ही दिन उनकी पेंशन का चेक जारी किया। जिलाधिकारी, अल्मोडा ने मुख्यमंत्री और शिकायतकर्ता को ट्वीटर पर टैग करते हुए चेक की फोटो एवं विधवा पेंशन की धनराशि जारी किये जाने का आदेश पोस्ट किये। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर इसी प्रकार जनता की समस्याओं के त्वरित निस्तारण की अपेक्षा की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए है कि जिन जनपदों में जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षकों द्वारा सोशल मीडिया का उपयोग प्रारम्भ नहीं किया गया है वे तत्काल इसका उपयोग जन समस्याओं के निस्तारण और महत्वपूर्ण सूचनाओं के प्रसार हेतु करें।

बाढ़ पीड़ितों ने लगाए क्षेत्रीय सांसद के पोस्टर, कहा मिले तो हमें बताए

एक ओर जहां बरसात का मौसम चल रहा है और ऐसे में बाढ़ का आना लाजमी है। बिहार के 18 जिले इस वक्त बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं इन बाढ़ पीड़ितों की कोई सुध नहीं ले रहा है। मदद न होने की वजह से उनका गुस्सा और आक्रोश बढ़ता जा रहा है। दरभंगा जिले में भी बाढ़ में भारी तबाही मचाई है। अब तक 12 लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में बाढ़ पीड़ितों का गुस्सा अपने क्षेत्र के सांसद, पूर्व क्रिकेटर व स्थानीय सांसद कीर्ति आजाद पर निकला है। दरभंगा की सड़कों पर बाढ़ पीड़ितों ने निलंबित बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद के गुमशुदगी की कई पोस्टर चिपकाए हैं। जिसमें कहा गया है कि चुनाव जीतने के बाद वह अपने क्षेत्र से गायब हो गए हैं।
बिहार के इस क्षेत्र में जगह-जगह सांसद कीर्ति आजाद के पोस्टर चिपकाए गए है। चिपकाए गए पोस्टरों में कीर्ति आजाद पर तंज कसा गया है और कहा गया है कि बाढ़ पीड़ित अपने सांसद कीर्ति आजाद की तलाश कर रहे हैं और जिस किसी को भी वह मिल जाए वह तुरंत बाढ़ पीड़ितों को सूचित करें। यहां की जनता उनका इन्तजार कर रही है। लोगों को उम्मीद थी कि आपदा के वक्त वह अपने इलाकों के लोगों से मिलकर उनका दुख-दर्द बांटेंगे और मदद का भरोसा देंगे, लेकिन आजाद के गायब होने से स्थानीय लोग काफी नाराज हैं। दरअसल में कीर्ति आजाद बीजेपी की टिकट से चुनाव जीतकर आए थे लेकिन वह लगातार डीडीसीए घोटाले मामले में अरुण जेटली पर हमलावर थे जिसके बाद उन्हें पार्टी विरोध गतिविधियों के चलते बीजेपी ने निलंबित कर दिया था। बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह रूप धारण कर चुकी है। सीएम नीतीश कुमार ने खुद कहा था कि उन्होंने जीवन में अबतक इतनी भयंकर बाढ़ नहीं देखी है। राज्य भर बाढ़ से अबतक 253 लोगों की मौत हो चुकी है और कई इलाके पूरी तरह जलमग्न हैं।