उत्तराखंड की महिलाओं को अपमानित करने का आरोप लगा महिला ने कराया मुकदमा

एक यू-ट्यूब चैनल पर पवन सेमवाल नाम के व्यक्ति द्वारा अपनी फेसबुक आईडी से एक गीत प्रसारित/ प्रचारित किया गया था, जिसमें उसके द्वारा उत्तराखंड में महिलाओं व बेटियों की लज्जा का अनादर का प्रयास करते हुए उनके विरुद्ध अभद्र टिप्पणी की गई। अभियुक्त द्वारा पूर्व में उक्त वीडियो को यूट्यूब चैनल से हटा दिया गया था, परंतु दिनांक 19/07/2025 को उक्त व्यक्ति पवन सेमवाल द्वारा पुन: उसी यूट्यूब चैनल पर अपनी फेसबुक आईडी से उक्त गाने को पुनः प्रचारित/ प्रसारित करते हुए आम जन के बीच उत्तराखंड की महिलाओं के प्रति हीनभावना को फैलाने का प्रयास किया गया, उक्त गीत से आहत होकर एक महिला द्वारा कोतवाली पटेल नगर में उक्त संबंध में दी गई तहरीर के आधार पर पवन सेमवाल के विरुद्ध मु०अ०सं०- 369/25 धारा- 196/353(1)(b)/79 भारतीय न्याय संहिता के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया, जिसमें पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त पवन सेमवाल को दिल्ली के कल्याणपुरी थाने में नियमानुसार बुलाकर उससे आवश्यक पूछताछ हेतु देहरादून लाया गया, जहां अभियुक्त से आवश्यक पूछताछ के उपरांत उसे विवेचना के अंतर्गत धारा 35(a) BNSS का नोटिस तामील कराकर थाने से सकुशल रवाना किया गया। अभियुक्त को भविष्य में विवेचना में सहयोग करने के लिए अंतर्गत धारा 35(a) BNSS कानूनी हिदायत दी गई।

उत्तराखंड: ऑपरेशन कालनेमि और धर्मांतरण कानून से पाखंडियों पर प्रहार

उत्तराखंड की पहचान संस्कृति, परंपरा, और आध्यात्मिकता से है। ‘देवभूमि’ कहलाने वाले इस पावन राज्य में हर कण में आस्था है और हर नागरिक के जीवन में शांति, सहिष्णुता और सद्भाव बसता है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में कुछ असमाजिक तत्वों और उपद्रवियों ने इसकी मर्यादा को भंग करने में कोई कमी नहीं छोड़ी, जिसे सीएम धामी के धाकड़ प्रहार ने ध्वस्त कर दिया।

उत्तराखंड की सांस्कृतिक अस्मिता और धार्मिक मर्यादा से खिलवाड़ करने वालों पर अब सरकार ने सीधा वार किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में शुरू हुए सख्त अभियानों का असर अब साफ दिख रहा है। असामाजिक तत्वों में कानून का डर और खौफ दोनों है।

पहले प्रदेश में लालच, भय या धोखे से धर्मांतरण की घटनाएं प्रकाश में आती रहती थी लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद ही सीएम धामी ने ये स्पष्ट कर दिया कि उत्तराखंड की धार्मिक स्वतंत्रता की मर्यादा को किसी भी कीमत पर लांघने नहीं दिया जाएगा। वर्ष 2022 में पारित उत्तराखंड धर्म‑स्वतंत्रता अधिनियम, 2022 के तहत जबरन धर्मांतरण को गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध घोषित किया गया। दोषियों को 2 से 10 वर्ष की सज़ा और ₹25,000 से ₹10 लाख तक जुर्माना का प्रावधान किया गया है। हाल ही में छांगुर बाबा गिरोह के पांच सदस्यों के खिलाफ दर्ज मुकदमा भी इसी संकल्प का परिचायक है।

प्रदेश में भगवा चोले और धार्मिक पहचान की आड़ में लोगों को ठगी का शिकार बनने वाले और उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ करने वाले तत्वों की तेजी से पहचान हो रही है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर चलाया गया “ऑपरेशन कालनेमि” एक ऐसा सशक्त अभियान है, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड की शांति, सुरक्षा और संस्कृति की रक्षा करना है।

प्रदेश के 13 जिलों में चलाए जा रहे इस ऑपरेशन के तहत अब तक कुल 2448 लोगों की पहचान की गई, 377 संदिग्धों को चिह्नित किया गया और भगवा चोले की आड़ में पहचान छिपा कर लोगों को ठगने पर 222 अभियुक्तों पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है जबकि 140 गिरफ्तारियां सुनिश्चित की गईं।

इस अभियान के तहत संवेदनशील इलाकों में पहचान पत्र, निवास प्रमाण, और दस्तावेजों की भी गहन जांच की जा रही है ताकि कोई ढोंगी बच न पाए।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह प्रमाणित किया है कि जब नेतृत्व संकल्पित हो, तो अस्मिता पर उठे हर हाथ को रोका जा सकता है।धर्म की रक्षा, अस्मिता की सुरक्षा, और प्रदेश की आत्मा – उत्तराखंडीयत की पहचान बनाए रखना ही धामी सरकार का मूल मंत्र है।

सोमवार को भारी बारिश के चलते बंद रहेंगे देहरादून जिले के स्कूल

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के पत्र तथा भारत मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा 20 जुलाई को जारी पूर्वानुमान के मुताबिक जिले में 21 जुलाई को भारी बारिश, वर्षा के तीव्र से अत्यंत तीव्र दौर की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की चेतावनी को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा के दृष्टि गत 21 जुलाई सोमवार को जनपद में कक्षा 1 से 12 तक के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केदो में एक दिवसीय अवकाश घोषित किया गया है।

देहरादून जिले में सोमवार को 12वीं कक्षा तक स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने यह आदेश मौसम विज्ञान विभाग के भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए यह आदेश जारी किया है। आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी को दी गई है। इससे पहले बीते गुरुवार को भी मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर शिक्षण संस्थान बंद कराए गए थे।

जिलाधिकारी सविन बंसल के आदेश के मुताबिक मौसम विभाग ने भारी वर्षा के साथ ही गर्जन के साथ आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका व्यक्त की है। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ ही कक्षा 12 तक के छात्रों के लिए 10 जुलाई गुरुवार को अवकाश घोषित किया गया है। आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी मुख्य शिक्षा अधिकारी के साथ ही जिला कार्यक्रम अधिकारी को दी गई है।

अतः जनपद के समस्त शासकीय/गैर शासकीय एवं निजी स्कूलों के साथ सभी आंगनबाडी केन्द्र दिनांक 21.07.2025 को बन्द रहेंगे। मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून एवं जिला कार्यकम अधिकारी देहरादून को निर्देशित किया जाता है कि उपरोक्त समस्त शैक्षणिक संस्थाओं एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में उक्त आदेश का अनुपालन कराना सुनिश्चित करायेंगे।

लाइलाज राजू का बिना समय गंवाए डीएम ने भिजवाया निजी बर्न स्पेशिलिस्ट हॉस्पिटल

जिला प्रशासन के सहयोग से हेल्पिंग हेंड चिकित्सालय में असहाय व्यथित राजू का सफल आपरेशन कर लिया तथा राजू पूरी तरह से स्वस्थ है। जिलाधिकारी सविंन बसंल के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम प्रतिदिन राजू का हालचाल जानने चिकित्सालय जाती है तथा जिला प्रशासन की टीम चिकित्सालय के सम्पर्क में है। जिलाधिकारी ने चिकित्सालय प्रबन्धन का राजू के उपचार में सहयोग हेतु अभार व्यक्त किया। जिला प्रशासन तथा हेल्पिंग हेंड चिकित्सालय के सहयोग से राजू के उपचार चल रहा है। जिला प्रशासन राजू के पुनर्वास की भी तैयारी कर रहा है इसके लिए जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

विगत दिवस कलेक्टेट परिसर में असहाय राजू पंहुचा जिसका एक हाथ बुरी तरह से जला हुआ था। राजू ने जिलाधिकारी को अपनी पीड़ा सुनाते हुए बताया कि वह होटल में मजदूरी कराता है तथा चमोली में उसका गर्म पानी से जल गया, दून अस्पताल ने हायर सेंटर को रेफर कर दिया है, उसके पास उपचार के लिए पैसे नही है। जिस पर जिलाधिकारी संविन बसंल ने बर्न स्पेशलिस्ट निजी चिकित्सालय से दूरभाष पर वार्ता करते हुए राजू के उपचार का अनुरोध किया जिस हेल्पिंग हेंड हॉस्पिटल के डॉ कुश ने राजू को तत्काल हास्पिटल भेजने को कहा। जिला प्रशासन ने सारथी वाहन से राजू को चिकित्सालय में भर्ती कराया।

दरअसल असहनीय पीड़ा से छटपटाते हुए अचानक राजू नाम का एक व्यक्ति डीएम दफ्तर पहुंचा। कहा ‘‘साहिब मेरा नाम राजू है। मेरे कोई भी अपना नही है, लावारिस हूॅ। गढ़वाल से आया हूॅ। मेरे हाथ पर गरम पानी गिरने से हाथ जल गया है। इलाज की जरूरत है। बहुत दर्द हो रहा है। अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं सुन रहा, बहुत परेशान हूॅ, हाथ की सर्जरी होनी है। पैसा नही है, मदद करों। अपने रुंधे कंठ से ये कहते कहते राजू की आंखें दर्द के आंसुओं से छलक उठी।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने पूरी संवेदना के साथ असहाय, अनाथ राजू की मार्मिक व्यथा सुनी। राजू के अधजले हाथ के असीमित और असहनीय पीड़ा को महसूस किया और बिना वक्त जाया करते राजू के उपचार हेतु फोन पर चिकित्सकों से परामर्श किया। दून अस्पताल ने राजू के हाथ की गंभीर हालत को देखते हुए हायर सेंटर रेफर करने की सलाह दी। जिलाधिकारी ने सहस्रधारा आईटी पार्क स्थित एक निजी अस्पताल में स्पेशलिस्ट चिकित्सक डॉ कुश से वार्ता की और राजू को तत्काल प्रशासन के सारथी वाहन से चिकित्सक के पास पहुंचाया। जहां अब राजू के अधजले हाथ का मुफ्त इलाज हो रहा है।

एक्स पर नंबर-1 पर ट्रेंड हुआ उत्तराखंड निवेश उत्सव

प्रदेश में ₹01 लाख करोड़ रुपये की ग्राउंडिंग पूरी होने पर रुद्रपुर, ऊधम सिंह नगर में उत्तराखंड निवेश उत्सव मनाया गया तो सोशल मीडिया पर इसकी धूम मच उठी। सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर #UttarakhandNiveshUtsav दिनभर देशभर में नंबर-1 पर ट्रेंड करता रहा।

आम नागरिकों के साथ ही देश के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े उद्यमियों और निवेशकों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेशवासियों को इस उपलब्धि पर बधाई दी।

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने सीएम धामी को “कुशल प्रशासक” बताते हुए लिखा कि उत्तराखंड में इतने बड़े पैमाने पर निवेश की ग्राउंडिंग संभव हो सकी है, तो इसका श्रेय उनके निर्णायक नेतृत्व, पारदर्शी कार्यशैली और विकास के प्रति प्रतिबद्ध दृष्टिकोण को जाता है। कई प्रतिक्रियाओं में यह भी कहा गया कि मुख्यमंत्री धामी के विजन के चलते ही आज उत्तराखंड निवेश, नवाचार और नौकरियों का केंद्र बनता जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में देहरादून में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) के दौरान ₹3 लाख करोड़ से अधिक के निवेश करार किए गए थे। उस समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने व्यक्तिगत रूप से देश और विदेश के निवेशकों से संवाद किया, रोड शो किए और उत्तराखंड को निवेश के अनुकूल राज्य के रूप में प्रस्तुत किया। उन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज ₹1 लाख करोड़ से अधिक का निवेश धरातल पर उतर चुका है।

इस निवेश से प्रदेश में 81,000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है। यह पहली बार है जब प्रदेश में किए गए निवेश करारों का 33% से अधिक हिस्सा धरातल पर उतरने में सफल हुआ है। इससे उत्तराखंड देश के निवेश मानचित्र पर एक भरोसेमंद और सक्रिय राज्य के रूप में उभरा है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने बंपर निवेश पर पीठ थपथपाई, साथ ही ब्रांडिंग भी की

वर्ष 2023 में निवेशक सम्मेलन के समापन में मौजूद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से एक खास चर्चा की थी। यह चर्चा पराक्रम से संबंधित थी। तब गृह मंत्री ने कहा था-निवेश के एमओयू लाने में पराक्रम नहीं है। असल पराक्रम निवेश के प्रस्ताव को धरातल पर उतारने में है। करीब डेढ़ साल बाद निवेश उत्सव के मौके पर उत्तराखंड के इस पराक्रम को केंद्रीय गृह मंत्री ने खुले दिल से मान्यता दी। सीएम पुष्कर सिंह धामी को सुपर शाबासी दी। यह भी विश्वास दिला दिया कि उत्तराखंड के इस तरह के हर प्रयास में केंद्र की मोदी सरकार मजबूती से उसके साथ खड़ी है।

निवेश उत्साह में बतौर मुख्य अतिथि अमित शाह ने वर्ष 2023 के निवेशक सम्मेलन के समापन का खास तौर पर जिक्र किया। रूद्रपुर के कार्यक्रम में उपस्थित निवेशकों और लोगों को बताया कि किस तरह से उन्होंने पराक्रम दिखाने का सीएम से आह्वान किया था। शाह ने खुले दिल से स्वीकार किया कि निवेश प्रस्तावों को तीस फीसदी तक धरातल पर उतार देना सचमुच बहुत बड़ी उपलब्धि है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी और उनकी सरकार के बेहतरीन प्रदर्शन को गृह मंत्री ने एक बार नहीं, बल्कि बार-बार सराहा। सीएम के नाम का खास तौर पर उल्लेख करते हुए उन्होंने कभी भाई कहा, तो कभी लोकप्रिय और यशस्वी मुख्यमंत्री बताया। उत्तराखंड की सराहना करते हुए शाह ने अपने गृह राज्य गुजरात की भी चर्चा की और पहाड़ में निवेश के संबंध में चुनौती को दिलचस्प ढंग से सामने रखा। उन्होंने उत्तराखंड में निवेश लायक बने बेहतरीन माहौल के पीछे छिपी बुनियादी बातों का जिक्र किया। साथ ही, सिलसिलेवार उन नीतियों की ब्रांडिंग भी कर डाली, जिनसे आर्थिक विकास को गति मिल रही है।

गृह मंत्री के वे शब्द, जो बने विश्वास के प्रमाण

01
मैं पूरे उत्तराखंड के प्रतिनिधि के रूप में पुष्कर सिंह धामी जी और उनकी टीम को बधाई और साधुवाद देना चाहता हूं, क्योंकि आज एक लाख करोड़ का निवेश जमीनी सच्चाई बन गया है।
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पहाड़ी राज्यों में निवेश लाने में पहाड़ चढ़ने जितनी कठिनाई होती है, लेेकिन धामी जी ने सारी परिकल्पनाओं को तोड़ा है। आज उत्तराखंड में एक लाख करोड़ का इन्वेस्टमेंट आने के साथ ही 81 हजार से अधिक रोजगार का सृजन हुआ है।
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धामी जी ने औद्योगिक विकास और पर्यावरण के बीच में संतुलन भी स्थापित किया है। रोजगार को स्थायित्व देने का काम किया है। नीतियों में पारदर्शिता, क्रियान्वयन में तीव्रता और दृष्टि में दूरदर्शिता के साथ ही उत्तराखंड के समग्र विकास का खाका खींचा है।

उत्तराखंड निवेश उत्सव में गृहमंत्री अमित शाह होंगे मुख्य अतिथि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रुद्रपुर में गृह मंत्री अमित शाह के भ्रमण को लेकर दो दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम पर जनपद में पहुंचे।

मुख्यमंत्री धामी ने रुद्रपुर पहुंचकर गृहमंत्री के कार्यक्रम स्थल स्पोर्ट्स स्टेडियम में तैयारियां परखी। निरीक्षण दौरान उन्होंने इवेंट मैनेजर व अधिकारियों को आज ही सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम प्रदेश के लिए अति महत्वपूर्ण है इसलिए सभी इंतजामद पुख्ता हो। उन्होंने कहा कल कार्यक्रम मे माननीय गृह मंत्री भारत सरकार के द्वारा शिलान्यास एवं लोकार्पण भी करेंगे।

उत्तराखंड सरकार की ओर से दिसंबर 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान उद्योग समूहों के साथ हुए एमओयू अब जमीन पर उतर रहे हैं, इस आयोजन के बाद उत्तराखंड में अब तक एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश धरातल पर उतर चुका है। इसी मौके को एतिहासिक बनाने के लिए, राज्य सरकार की ओर से शनिवार को रुद्रपुर में उत्तराखंड निवेश उत्सव आयोजित किया जा रहा है। देश में पहली बार किसी राज्य सरकार द्वारा, निवेश के उपरांत इस तरह के आयोजन के जरिए निवेश की धरातलीय स्थिति जनता के सामने रखी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा स्पोर्ट्स स्टेडियम रुद्रपुर में होने वाले इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह होंगे। जिसमें उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में नए स्थापित उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ ही अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहेंगे। इस आयोजन मे जरिए राज्य सरकार उत्तराखंड में निवेश के माहौल को प्रोत्साहित करना चाहती है, ताकि अधिक से अधिक निवेशक उत्तराखंड का रुख करें, इससे राज्य में आर्थिक गतिविधि तेज होने के साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2023 में देहरादून में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान कुल 3,57,693 करोड़ के 1779 एमओयू साइन किए गए थे। जिससे राज्य में 81,327 नए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। इन एमओयू के आधार पर राज्य में अब तक एक लाख करोड़ रुपए की ग्राउंडिंग हो चुकी है। दिसंबर 2023 में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया जबकि समापन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था।

मुख्यमंत्री ने बताया कि ऊर्जा में कुल 1,03,459 करोड़ के 157 एमओयू (रोजगार 8,472) में ग्राउंडिंग 40341 करोड़ रुपए व उद्योग कुल 78,448 करोड़ के 658 एमओयू, (रोजगार 44,663) में ग्राउंडिंग 34086 करोड़ रुपए, आवास क्षेत्र में कुल 41,947 करोड़ के 125 एमओयू, (रोजगार 5,172) में ग्राउंडिंग 10055 करोड़ रुपए, पर्यटन में कुल 47,646 करोड़ के 437 एमओयू, (रोजगार 4694) में ग्राउंडिंग 8635 करोड़ रुपए, उच्च शिक्षा में कुल 6,675 करोड़ के 28 एमओयू, (रोजगार 4428) में ग्राउंडिंग 5116 करोड़ रुपए व अन्य क्षेत्र में कुल 79,518 करोड़ के 374 एमओयू, (रोजगार 13898) में ग्राउंडिंग 3292 करोड़ रुपए हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के दौरान उद्योग समूहों के साथ जो भी निवेश संबंधित समझौते किए गए थे वो अब तेजी से धरातल पर उतर रहे हैं। इससे उत्तराखंड में रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। हम उद्योग स्थापित करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। मजबूत आधारभूत सुविधाएं, शांत वातावरण से उत्तराखंड निवेशकों की पसंद बनकर उभरा है।

निरीक्षण दौरान प्रभारी मंत्री गणेश जोशी, विधायक शिव अरोरा, मेयर विकास शर्मा, दीपक बाली, राज्य मंत्री अनिल कपूर, फरजाना बेगम, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल जिंदल, जिला महामंत्री अमित नारंग, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, डीजीपी दीपम सेठ,प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पांडेय, मंडलायुक्त दीपक रावत, आई जी रिद्धिम अग्रवाल, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, एम डी सिडकुल सौरभ गहरवार, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

सचिवालय में कौशल विकास और श्रम विभाग की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में कौशल विकास और श्रम विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के लिए सभी संबंधित विभागीय सचिव समन्वय बनाकर कार्य करें। उन्होंने मुख्य सचिव को सचिवों के साथ बैठक कर इसके लिए ठोस रणनीति बनाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कौशल विकास को इन्क्यूबेशन और ग्रोथ सेंटरों से जोड़ने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में स्थानीय लोगों को प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, कारपेंटर, मिस्त्री जैसे कार्यों के लिए बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। उद्योगों की मांग और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण कोर्स तैयार किए जाएं। प्रशिक्षण केंद्रों में अत्याधुनिक मशीनें, प्रयोगशालाएं (लैब्स) और स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना की जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर जनपद की पारंपरिक पहचान को ध्यान में रखते हुए लोगों को कौशल विकास और प्रशिक्षण से जोड़ा जाए। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण बढ़ाने के साथ ही सभी कुशल श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि बाल श्रम मुक्ति के लिए लक्षित पुनर्वास से संबंधित कार्रवाई हेतु शीघ्र योजना बनायी जाए। राज्य के बड़े जनपदों में बाल श्रम मुक्ति के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्वरोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये विशेष कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की जाए तथा प्रदेश के दूरदराज इलाकों में स्किल ऑन व्हील्स वैन की शुरूआत की जाए। मुख्यमंत्री ने हेल्थकेयर और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में राज्य के युवाओं को विदेश में रोजगार से जोड़ने के लिए संबंधित देशों में स्थित भारत के दूतावासों से संपर्क किये जाने पर बल देते हुये ऐसे युवाओं को विदेशी भाषाओं के कोर्स कराने हेतु दून विश्वविद्यालय से नियमित समन्वय स्थापित किये जाने के भी निर्देश दिए। जनपदों में बनाए जा रहे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक वर्ष कितने युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ा गया इसके विवरण के साथ दीर्घकालिक योजना के बारे में कौशल विकास विभाग 10 दिनों के भीतर स्पष्ट कार्ययोजना प्रस्तुत करे।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के 27 आईटीआई में प्रशिक्षण ले रहे अभ्यर्थियों को दो वर्षीय कोर्स के अंतर्गत एक वर्ष का प्रशिक्षण आईटीआई में तथा एक वर्ष का प्रशिक्षण उद्योगों में प्रदान करने हेतु भारत सरकार से सहमति प्राप्त हो गई है। पाँच अन्य आईटीआई के लिए शीघ्र ही सहमति प्राप्त किये जाने की प्रक्रिया गतिमान है।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव श्रीधर बाबू अदांकी, सी. रविशंकर एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

विभिन्न प्रजाति के पौधे रोपकर मनाया हरेला पर्व

श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में हरेला पर्व के अवसर पर विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण किया गया। जिसमें विद्यालय के एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड एवं विद्यालय परिवार द्वारा कई छायादार, फलदार पौधे रोपे गए।

विद्यालय के प्रधानाचार्य यमुना प्रसाद त्रिपाठी ने सभी कैडेटों को हरेला पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि हरेला देवभूमि का लोक पर्व है। यह देवियों की पूजा से जुड़ा हुआ है। जिसमें जुलाई अगस्त माह में नो दिन पहले हरियाली बोई जाती है दसवें दिन इसे पूजा अर्चना के बाद काटा जाता है कन्याओं का पूजन ओर फिर प्रसाद बांटा जाता था यह लोक पर्व है।

यह पर्यावरण रक्षण संरक्षण संवर्धन से जोड़ते हुए उत्तराखंड सरकार ने इसे त्योहार के रूप में अपनाया हे संपूर्ण उत्तराखंड में इस दिवस पर हजारों वृक्ष लगाए जाते हैं जो वर्तमान में अत्यधिक विस्तार से बढ़ता जा रहा है।

इस अवसर पर लेफ्टिनेंट लखविंदर सिंह, एनसीसी अधिकारी विकास नेगी, जितेंद्र विष्ट, संजीव कुमार, हरि सिंह, रमेश बुटोला, शालिनी कपूर, सुमित्रा महर, विनीता गवाड़ी, पूजा, आदि उपस्थित थे।

हरेला पर्व पर राज्यव्यापी पौधारोपण अभियान, सीएम ने रोपा रुद्राक्ष का पौधा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला के पावन अवसर पर गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज परिसर, देहरादून में “हरेला का त्योहार मनाओ, धरती माँ का ऋण चुकाओ” थीम पर आयोजित राज्यव्यापी पौधारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए समस्त प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर उन्होंने रुद्राक्ष का पौधा रोपा।

हरेला हमारी संस्कृति और चेतना का पर्व है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला केवल एक पर्व नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, प्रकृति और चेतना से जुड़ा एक गहरा भाव है, जो हमें पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। उन्होंने बताया कि हरेला पर्व के दिन लगभग 5 लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग के प्रत्येक डिवीजन में 50 प्रतिशत फलदार पौधे लगाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि इस महाभियान में सरकार द्वारा जनसहभागिता, स्वयंसेवी संगठनों, छात्र-छात्राओं, महिला समूहों और पंचायतों का सहयोग लिया जा रहा है।

पेड़ बनना ही पौधारोपण की सच्ची सफलता
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि लगाए गए पौधों की नियमित देखभाल की जाए, जब तक वे वृक्ष का रूप न ले लें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता से समृद्ध राज्य है, जिसकी रक्षा करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण को नया आयाम
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे ‘पंचामृत संकल्प’, ‘नेट ज़ीरो इमिशन’, ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसे अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार भी इन्हीं मूल्यों को आत्मसात करते हुए कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष देशभर में 108 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

जल स्रोतों के संरक्षण हेतु ठोस पहलः एसएआरआरए का गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी का गठन किया गया है। इसके माध्यम से अब तक 6,500 से अधिक जल स्रोतों का संरक्षण और 3.12 मिलियन घन मीटर वर्षा जल का संचयन किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है और वाहनों में कूड़ेदान अनिवार्य कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे अपने जीवन के विशेष अवसरों पर एक पौधा अवश्य लगाएं और उसकी देखभाल करें, जिससे पर्यावरण संरक्षण को जनांदोलन बनाया जा सके।

कृषि मंत्री गणेश जोशी और वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भी दी शुभकामनाएं
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में श्रावण मास में हरेला पूजन के उपरांत वृक्षारोपण करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, जो हमारी सांस्कृतिक चेतना और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का प्रमाण है। हरेला पर्व हमें यह सिखाता है कि प्रकृति की रक्षा करना केवल दायित्व नहीं, बल्कि एक पुनीत कर्तव्य है।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि लोकपर्व हरेला प्रदेश के 2,389 स्थानों पर मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में हरेला पर्व पर लगाए गए पौधों का सर्वाइवल रेट 80 प्रतिशत से अधिक रहा है। उन्होंने जल स्तर में हो रही गिरावट को गंभीर चिंता का विषय बताया और कहा कि इसके लिए हमें पौधारोपण एवं जलधाराओं के संरक्षण हेतु निरंतर प्रयास करने होंगे।

इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, खजान दास, देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा सहित वन विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।