सीएम धामी ने चारधाम यात्रा के लिये श्रद्धालुओं की बस को किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईएसबीटी, ऋषिकेश में संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति द्वारा आयोजित “ऋषिकेश से चारधाम यात्रा 2025“ के शुभारंभ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने चारधाम यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं का स्वागत किया एवं श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा के लिए ले जा रही 10 बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के लिए आए सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए बाबा केदार, बद्रीविशाल, मां गंगोत्री और मां यमनोत्री से सबकी सकुशल यात्रा की प्रार्थना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस वर्ष चारधाम यात्रा अपने पिछले सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ेगी और एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है। सरकार द्वारा प्रत्येक स्तर पर चारधाम यात्रा संबंधी तैयारियों की निरंतर समीक्षा की जा रही है। सरकार का प्रयास है कि जब श्रद्धालु, यात्रा पूरी करने के बाद अपने घर लौटें, देवभूमि उत्तराखंड में बिताए गए समय की स्वर्णिम यादों और सुखद अनुभव को साथ लेकर जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आते हैं। इससे राज्य में लोगों के रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं और पर्यटकों से अपील की है कि देवभूमि को पवित्र और स्वच्छ बनाए रखने में अपना सहयोग दें। उन्होंने कहा कि हरित चारधाम यात्रा के साथ ही स्वच्छता पर राज्य सरकार का विशेष फोकस है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केदारनाथ के पुनर्निर्माण और बदरीनाथ के मास्टर प्लान पर तेजी से कार्य हुए हैं। गौरीकुंड से केदारनाथ तक रोपवे का कार्य पूर्ण होने के बाद यात्रा और ज्यादा सुगम होगी। ऑल वेदर रोड के निर्माण से पहले के मुकाबले आज यात्री काफी कम समय में ऋषिकेश से चार धाम पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री ने संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति द्वारा श्रद्धालुओं को यात्रा कराने में सहयोग प्रदान कराने की पहल की सराहना की।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक डा. प्रेमचन्द अग्रवाल, मेयर शंभू पासवान, जीएमओयू अध्यक्ष भास्करानंद भारद्वाज, टीजीएमओसी अध्यक्ष जितेंद्र सिंह नेगी, गढ़वाल मंडल कॉन्ट्रैक्ट अध्यक्ष संजय शास्त्री, सचिव देवेंद्र सिंह रावत, नंदन सिंह रावत, रमेश चंद्र उप्रेती, हर्षवर्धन सिंह कृष्णा विभिन्न राज्यों से चार धाम यात्रा के लिए आए श्रद्धालु एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

उत्तराखंडः ज्यातिर्मठ को आपदा से सुरक्षित करने को केंद्र ने मंजूर की 291.15 करोड की धनराशि

भगवान श्री बदरीविशाल के कपाट खुलने की पूर्व संध्या पर केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को बड़ी सौगात दी गई। केन्द्र सरकार द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर ज्योतिर्मठ को आपदा सुरक्षित करने के लिए 291.15 करोड़ की धनराशि मंजूर की है। मुख्यमंत्री ने ज्योतिर्मठ के पुनर्निर्माण गतिविधियों के लिये धनराशि की स्वीकृति हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्योतिर्मठ के सुनियोजित विकास तथा सुरक्षित दीर्घकालिक कार्यों के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। ज्योतिर्मठ की देवतुल्य जनता तथा क्षेत्र के विकास के लिए भविष्य में हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से न केवल ज्योतिर्मठ के आपदा प्रभावित क्षेत्र को सुरक्षित किया जा सकेगा, अपितु स्थानीय निवासियों एवं देश-विदेश से भगवान बद्रीविशाल के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के सुरक्षित विश्राम हेतु स्थल उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही भगवान बद्रीविशाल के शीतकालीन प्रवास हेतु नरसिंह मंदिर के आस-पास के निवासियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी।

ज्ञातव्य है कि दिनांक 2 जनवरी, 2023 को ज्योतिर्मठ के कई घरों और अवसंरचनाओं में भू-धंसाव के कारण बड़ी दरारें दिखाई देने लगी थी। ज्योतिर्मठ नगर में स्थित संरचनाओं में से लगभग 22 प्रतिशत संरचनायें इससे प्रभावित हुई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत इस संबंध में शासन के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की जानकारी ली तथा मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने क्षेत्र का भ्रमण किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एनडीएमए, यूएसडीएमएम, आईआईटी रुड़की, यूएनडीपी, सीबीआरआई, वाडिया इंस्टीट्यूट, एनआईडीएम, और अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञों से युक्त 35 सदस्यीय टीम ने अप्रैल 2023 के चौथे सप्ताह के दौरान पीडीएनए (Post Disaster Need Assessment) करने के लिए ज्योतिर्मठ का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान आवास और पुनर्वास स्वास्थ्य और शिक्षा पेयजल और स्वच्छता सहित नागरिक सुविधाओं सड़क और पुल जैसे स्थानीय स्तर के बुनियादी ढांचे, आपदा जोखिम में कमी और पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण योजनाओं के लिए क्षेत्रवार क्षति का आकलन किया।

उपरोक्तानुसार विशेषज्ञों द्वारा ज्योतिर्मठ भू-धसाव के सम्बन्ध में दी गयी निरीक्षण आख्या के क्रम में उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) द्वारा ज्योतिर्मठ शहर और आसपास के क्षेत्र में पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण गतिविधियों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कराए जाने हेतु वित्तीय सहायता को मंजूरी दी।

मजबूत अवसंरचनाओं का होगा निर्माण

उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने ज्योतिर्मठ शहर में जमीन के धंसने को रोकने और शहर के निवासियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न परियोजनाएं शुरू करने का प्रस्ताव दिया। प्रारंभ में अस्थिर क्षेत्रों को स्थिर करने और शहर की जलनिकासी और सीवरेज प्रणाली में सुधार करने के लिए परियोजनाओं को शुरू करने की योजना है। इन गतिविधियों से जमीन की स्थिरता में सुधार होगा, जिससे भवन बनाने के लिए मजबूत भूमि उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही घरों और बुनियादी ढांचे के विध्वंस और पुनर्निर्माण से संबंधित विभिन्न गतिविधियों को शुरू करने में मदद मिलेगी।

प्रथम चरण में परियोजनाओं में अलकनंदा नदी के किनारे Toe Protection कार्य ढलान स्थिरीकरण उपाय, Water and Sanitation शामिल हैं। इन पहलुओं पर डीपीआर उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तैयार करायी गयी है और अनुदान की मंजूरी के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार को प्रस्तुत की गई। प्रस्तावित परियोजनाओं को बाद में गृह मंत्रालय में प्रस्तुत किया गया।

उक्त परियोजनाओं की स्वीकृति हेतु मुख्यमंत्री के स्तर से गृह मंत्री एवं प्रधानमंत्री से समय-समय पर विचार-विमर्श करते हुए यथाशीघ्र धनराशि अवमुक्त किये जाने का अनुरोध किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार किए गए अनुरोध तथा गृह मंत्रालय की सिफारिश के आधार पर धनराशि मिलने से ज्योतिर्मठ शहर को स्थिर करने के लिए योजनाबद्ध गतिविधियों को संपन्न किया जा सकेगा।

‘‘भगवान श्री बदरीविशाल के कपाट खुलने की पूर्व संध्या पर केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को बड़ी सौगात देने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह का हार्दिक आभार। ज्योतिर्मठ के सुनियोजित विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। ज्योतिर्मठ की देवतुल्य जनता को भरोसा दिलाता हूं कि एक सुरक्षित, विकसित, सुनियोजित और सुंदर ज्योतिर्मठ शहर का सपना जल्द साकार होगा। इसके लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी।’’
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

चारधाम में यात्रियों का सहयोगी बनकर यात्रा को सफल बनाना हैः सीएम धामी

चारधाम यात्रा ट्रांजिट कैंप में एल.ई.डी. स्क्रीन के माध्यम से यात्रियों के लिए भजन, रामायण, महाभारत, चारधाम यात्रा संबंधी कहानियों एवं आरतियों को दिखाया जाएगा तथा मौसम संबंधित जानकारियां उपलब्ध करायी जायेगी। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश में चारधाम यात्रा ट्रांजिट कैंप (यात्रा रजिस्ट्रेशन कार्यालय) के औचक निरीक्षण के दौरान कही।

मुख्यमंत्री ने आगामी चारधाम यात्रा को लेकर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कार्यालय में पंजीकरण कक्ष, यात्रा पूछताछ एवं सहायता केंद्र, चिकित्सालय, पुलिस सहायता /खोया पाया केंद्र जैसी विभिन्न व्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया।

24 घंटे चालू रहे रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चार धाम यात्रा से पहले ट्रांजिट कैंप में रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को 24 घंटे चालू रखी जाए। उन्होंने कहा ट्रांजिट कैंप में पुलिस, परिवहन, नगर निगम, स्वास्थ्य, जल, पर्यटन, विद्युत, आदि विभागों का संयुक्त हेल्पडेस्क सिंगल विंडो सिस्टम के रूप में बनाया जाए, जिससे लोगों को एक ही स्थान पर सारी सुविधाएं उपलब्ध हो। उन्होंने कहा हमने श्रद्धालुओं का सहयोगी बनकर यात्रा को सफल बनाना है, जिससे हर श्रद्धालु की यात्रा सकुशल सम्पन्न हो एवं वे उत्तराखंड से यात्रा के अच्छे अनुभव लेकर जाएं।

भीड़ प्रबंधन एवं ट्रैफिक व्यवस्था पर एक्शन प्लान बनाकर प्राथमिकता से होगा कार्य
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ट्रांजिट कैंप में श्रद्धालुओं के ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था हो एवं गर्मी से बचाव के लिए कूलर, स्वच्छ पेयजल, टीन शेड, कुर्सियों की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा ट्रांजिट कैंप स्थित अस्पताल में सभी प्रकार की दवाइयों की व्यवस्था और चिकित्सकों की तैनाती हो। उन्होंने कहा भीड़ प्रबंधन एवं ट्रैफिक व्यवस्था पर विशेष तौर पर एक्शन प्लान बनाकर प्राथमिकता से कार्य हो।

ट्रांजिट कैंप परिसर में बिकेंगे उत्तराखंड के स्थानीय उत्पाद
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ट्रांजिट कैंप में स्थापित रिसेप्शन में चारधाम यात्रा प्रचार सामग्री उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा श्रद्धालुओं को चार धाम के साथ ही अन्य स्थलों के बारे में भी जानकारी दी जाए। उन्होंने ट्रांजिट परिसर में स्थापित खोया-पाया केंद्र को संपूर्ण यात्रा मार्गाे से समन्वय बनाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा ट्रांज़िट कैंप परिसर में उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए अलग से स्थान हो। उन्होंने कहा ट्रांजिट कैंप परिसर का चार धाम से संबंधित सभी जिलों में परस्पर समन्वय हो।

मुख्यमंत्री ने ट्रांजिट कैंप के कार्यरत कर्मचारियों से भी मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा सभी कर्मचारियों के ऊपर चार धाम यात्रा की बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे निश्चित ही सभी लोग बखूबी निभाएंगे। उन्होंने कहा हमने अपने व्यवहार से सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करना है ताकि वो यात्रा से अच्छा अनुभव लेकर जाएं।

आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडे ने बताया कि चारधाम यात्रा ट्रांजिट कैंप में 24 काउन्टर के माध्यम से रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त रिर्जव टीम की तैनाती भी की गई है। यात्रा चिकित्सालय में 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। साथ ही पुलिस सहायता केन्द्र में पुलिस द्वारा पब्लिक एड्रेस सिस्टम स्थापित किया गया है।

आयुक्त गढ़वाल ने बताया कि यात्रा ट्रांजिट कैंप में मीडिया सेंटर की व्यवस्था की गई है। केन्द्र में यात्री मित्र तैनात किये जायेगें, जो यात्रियों को विभिन्न सुविधाओं / जानकारियां प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि विभिन्न एन.जी.ओ एवं संगठनों द्वारा यात्रियों को निशुल्क भोजन, जलपान एवं खाद्य सामग्री की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी एवं कैंटीन की व्यवस्था भी उपलब्ध होगी। पीने के पानी की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध करवाई गई है साथ ही जल संस्थान द्वारा टैंकर उपलब्ध कराये जायेगे। उन्होंने बताया इसके अतिरिक्त 4 डोरमेट्री सुविधा मय 80 बेड भी उपलब्ध है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक डा. प्रेमचंद्र अग्रवाल, विधायक रेणु बिष्ट, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

उत्तराखण्ड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने की तैयारी में सरकार, दिए आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर उत्तराखण्ड में डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने त्रियुगी नारायण में सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के साथ ही वहां हेलीपैड के निर्माण का आदेश दिया।

राज्य में नई वेडिंग डेस्टिनेशन की होगी पहचान

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए नए स्थानों की पहचान की जाए और उनके विकास पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देशवासियों से उत्तराखण्ड को डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए प्राथमिकता देने का आग्रह किया है।

राज्य की आर्थिकी को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि डेस्टिनेशन वेडिंग से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौंदर्य और आधुनिक सुविधाएं इसे एक प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने में सहायक होंगी। उन्होंने पर्यटन विभाग को “डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड“ के लिए शीघ्र गाइडलाइन तैयार करने के निर्देश दिए।

बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद

इस बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, अपर पुलिस महानिदेशक वी मुरूगेशन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय और आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री ने की ‘घाम तापो’ के तौर पर की उत्तराखंड विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग

एक दिवसीय शीतकालीन यात्रा पर उत्तरकाशी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुखवा और हर्षिल से उत्तराखंड में शीतकालीन तीर्थाटन और पर्यटन की जोरदार ब्रांडिंग की है। प्रधानमंत्री ने तीर्थयात्रियों, पर्यटकों से लेकर कॉरपोरेट और फिल्म उद्योग तक को विंटर सीजन में उत्तराखंड आने का निमंत्रण दिया।

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म की ब्रांडिंग ‘घाम तापो टूरिज्म’ के तौर पर की है।

आज हर्षिल में जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले बीते दिनों माणा में हुए हिमस्खलन में दिवंगत लोगों के प्रति दुख व्यक्त किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की यह भूमि, आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड से अपना आत्मीय लगाव, व्यक्त करते हुए कहा कि वो जीवनदायिनी मां गंगा के शीतकालीन गद़्दी स्थल पर अपने परिवारजनों के बीच पहुंचकर धन्य महसूस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री बोले कि मां गंगा की कृपा से ही उन्हें दशकों तक उत्तराखंड की सेवा का सौभाग्य मिला। मां गंगा के आशीर्वाद से ही वो काशी पहुंच सांसद के रूप में काशी की सेवा कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने कहा था कि मां गंगा ने ही उन्हें काशी बुलाया है। प्रधानमंत्री ने दार्शनिक अंदाज में कहा कि उन्हें कुछ महीने पहले अनुभूति हुई कि जैसे मां गंगा ने उन्हें गोद ले लिया है, अब अपने बच्चे के प्रति मां गंगा का दुलार ही है कि वो आज खुद मुखवा गांव पहुंच पाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो हर्षिल की धरती पर आकर, अपनी दीदी भुलियों को भी याद कर रहे हैं, क्योंकि वो उन्हें हर्षिल की राजमा और अन्य लोकल प्रॉडक्ट भी भेजती रहती हैं।

बन रहा उत्तराखंड का दशक

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले जब वो बाबा केदार के दर्शन के लिए आए थे तो बाबा के दर्शन के बाद उनके मुंह से अचानक ही भाव प्रकट हुआ कि ये दशक उत्तराखंड का होने जा रहा है। ये भाव भले ही उनके थे, लेकिन इसके पीछे सामर्थ देने की शक्ति बाबा केदार की थी। अब बाबा के आशीर्वाद से ये शब्द धीरे- धीरे सच्चाई में बदल रहे हैं। ये दशक अब उत्तराखंड का बन रहा है। उत्तराखंड की प्रगति के लिए, नए – नए रास्ते खुल रहे हैं, जिन आकांक्षाओं को लेकर उत्तराखंड का जन्म हुआ था, उत्तराखंड नित नए लक्ष्य और संकल्प लेते हुए, उन्हें पूरा कर रहा है।

शीतकालीन यात्रा पर सीएम की पहल को सराहा

प्रधानमंत्री ने शीतकालीन तीर्थाटन – पर्यटन पर जोर देते हुए कहा कि इसके माध्यम से उत्तराखंड की आर्थिक सामर्थ को साकार करने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने इस अभिनव पहल के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखंड के लिए अपने टूरिज्म सेक्टर को बहूआयामी या बारामासी बनाना बहुत जरूरी है। उत्तराखंड में 356 दिन का पर्यटन जरूरी है। वो चाहते हैं कि उत्तराखंड में कोई भी पर्यटन सीजन ऑफ नहीं रहे, बल्कि हर सीजन में टूरिज्म ऑन रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी पहाड़ों पर मार्च से जून के बीच ही ज्यादातर पर्यटन आते हैं, जबकि इसके बाद पर्यटकों की संख्या बहुत कम हो जाती है। अभी सर्दियों के सीजन में होटल, रिजॉर्ट, होम स्टे खाली पड़े रहते हैं। ये असंतुलन साल के बड़े हिस्से में उत्तराखंड की आर्थिकी को सुस्त कर देता हैं। जबकि सच्चाई यह कि अगर देश- विदेश के लोग, सर्दियों में यहां आए तो उन्हें सच्चे अर्थ में देवभूमि की आभा के दर्शन होंगे। विंटर टूरिज्म में यहां लोगों को ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटी का रोमांच मिलेगा।

सर्दियों का सीजन धार्मिक यात्रा के लिए भी अहम

प्रधानमंत्री ने कहा कि धार्मिक यात्रा के लिए भी उत्तराखंड में सर्दियों का समय बेहद खास होता है। यहां इस समय कई तीर्थ स्थलों पर विशेष अनुष्ठान होते हैं। यहां मुखवा गांव में ही जो अनुष्ठान किया जाता है, वो हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है, इसलिए उत्तराखंड सरकार का बारामासी पर्यटन का विजन, लोगों को दिव्य अनुभूति से जोड़ेगा। इससे यहां साल भर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

डबल इंजन की सरकार मिलकर काम कर रही

प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड को विकसित राज्य बनाने के लिए मिलकर काम कर रही है। राज्य में चारधाम, ऑल वेदर रोड आधुनिक एक्सप्रेस वे से लेकर रेलवे और हेली सेवाओं का विस्तार हो रहा है।
एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे को मंजूरी प्रदान की है। केदारनाथ रोपवे के जरिए आठ से नौ घंटे की पैदल यात्रा 30 मिनट में पूरी हो जाएगी। इससे बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों की यात्रा सुगम हो सकेगी।

सीमांत गांवों के विकास पर जोर

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, 2014 से पहले चार धाम यात्रा पर प्रतिवर्ष 18 लाख यात्री ही आते थे, अब हर साल 50 लाख से अधिक यात्री चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल के बजट में 50 टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जा रहे हैं। इसके जरिए सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड के बॉर्डर वाले इलाकों में पर्यटक पहुंचे। उन्होंने कहा कि पहले सीमावर्ती गांवों को आखरी गांव कहा जाता, लेकिन अब उन्हें पहला गांव कहा जा रहा है। इसी क्रम में सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की गई है, इसके जरिए नेलांग और जादुंग गांव फिर से बसाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के टिम्मबरसैंण, महादेवसैंण, माणा और जादुंग गांव में पर्यटकों के लिए आधारभूत सुविधाएं जोड़ी जा रही हैं। जादुंग को 1962 में चीन युद्ध के समय खाली करा दिया गया था, अब 70 साल बाद सरकार इस गांव को फिर से बसा रही है।

गढ़वाली में ‘घाम तापो पयर्टन’

प्रधानमंत्री ने देशभर के लोगों खासकर युवाओं से सर्दियों में उत्तराखंड आने का आह्वाहन करते हुए कहा कि सर्दियों में जब देश के बड़े हिस्से में कोहरा होता है, तो पहाड़ों में आप धूप का आनंद ले सकते हैं। गढ़वाली में इसे ‘घाम तापो पयर्टन’ कहते हैं। प्रधानमंत्री ने देश के कॉरपोरेट से उत्तराखंड में विंटर टूरिज्म से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि कॉरपोरेट की मीटिंग, कांफ्रेंस, सेमिनार, एक्जीबिशन के लिए देवभूमि से अच्छी जगह नहीं हो सकती है। यहां आकर योग और आयुर्वेद के जरिए आप खुद को रिचार्ज कर सकते हैं। इसी तरह कॉलेज, यूनिवर्सिटी, स्कूलों के नौजवान विंटर ट्रिप के लिए उत्तराखंड आ सकते हैं।

शूटिंग और वैडिंग डेस्टिनेशन

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां हजारों करोड़ रुपए की वैडिंग इकॉनामी है। इसलिए उन्होंने देशवासियों से वेड इन इंडिया के तहत देश में ही शादियां करने की अपील की थी। सर्दियों के सीजन में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए देशवासी उत्तराखंड को प्राथमिकता दे सकते हैं। इसी तरह भारत की फिल्म इंडस्ट्री उत्तराखंड का रुख कर सकती है, उत्तराखंड को मोस्ट फिल्म फ्रैंडली स्टेट का पुरस्कार मिल चुका है। यहां फिल्म शूटिंग के लिए शानदार सुविधाएं विकसित हो रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के कई देश विंटर टूरिज्म के लिए जाने जाते हैं, उत्तराखंड उनसे बहुत कुछ सीख सकता है। इसके लिए उत्तराखंड टूरिज्म के सभी स्टेक होल्डर मिलकर अध्ययन करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कई जगह हॉट स्प्रिंग हैं, इन्हें वेलनेस स्पा के रूप में विकसित किया जा सकता है। धार्मिक आध्यात्मिक और योग जगत के दिग्गज सर्दियों में अपने यहां विशेष योगा कैम्प लगा सकते हैं।

कंटेंट क्रिएटर निभाएं भूमिका

प्रधानमंत्री ने हर्षिल में विंटर टूरिज्म पर लगाई गई, प्रदर्शनी का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका मन कर रहा था के वो पचास साल पुराने दिनों में लौटकर इन सभी जगहों पर कुछ दिन बिता सकूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें उत्तराखंड के विंटर टूरिज्म की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए कंटेंट क्रिएटर की मदद लेनी चाहिए, इसके लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की जा सकती है। प्रधानमंत्री ने गंगा मैया की जय नारे के साथ अपने संबोधन का समापन किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का माँ गंगा के मायके मुखवा एवं सीमांत क्षेत्र हर्षिल घाटी आगमन पर सभी प्रदेशवासियों की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि उत्तराखंड के चहुँमुखी विकास के साथ ही यहाँ की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में हमें सदैव प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन एवं सहयोग प्राप्त होता रहा है। उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सफल आयोजन, विश्व स्तरीय जी-20 सम्मेलन की बैठकों का आयोजन, यूसीसी जैसा कानून लागू करना हो या फिर हाल ही में उत्तराखंड में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन हो, प्रधानमंत्री का राज्य को हमेशा मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर जब भी कोई विपदा आयी है, चाहे केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आई प्राकृतिक आपदा, जोशीमठ में भूधंसाव, सिलक्यारा टनल हो या फिर अभी हाल ही में चमोली में माणा गाँव के पास हुई हिमस्खलन की घटना हो। प्रधानमंत्री जी हमारे साथ सदैव खड़े रहे है।

मुख्यमंत्री ने 04 हजार 81 करोड़ रूपए की लागत से गौरीकुंड से केदारनाथ और 27 सौ 30 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे निर्माण की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन दोनों रोपवे परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद तीर्थयात्रियों को आवगमन के लिए सुगमता होगी और प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की आर्थिकी का एक प्रमुख आधार है। होटल व्यवसायियों से लेकर टैक्सी चालकों, स्थानीय दुकानदारों के साथ ही यात्रा से जुड़े हुए लाखों लोगों को रोज़गार के अवसर प्राप्त होते हैं। शीतकाल में उत्तराखण्ड के चारों धामों के कपाट बंद होने के बाद इन सभी लोगों की आर्थिकी प्रभावित होती थी। जिसके दृष्टिगत प्रधानमंत्री जी से मार्गदर्शन प्राप्त कर इस वर्ष से राज्य में शीतकालीन यात्रा की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आगमन से न केवल शीतकालीन यात्रा को वृहद् स्तर पर बढ़ावा मिलेगा बल्कि सीमांत क्षेत्र में ट्रेकिंग और माउंटेन बाइकिंग के साथ-साथ दूसरी एडवेंचरस एक्टिविटीज को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही राज्य में दो बड़े धार्मिक आयोजन प्रस्तावित है। जिनमें नंदा राजजात यात्रा और कुंभ शामिल है। हमें विश्वास है कि पीएम के नेतृत्व में इन दोनों आयोजन का सफलतापूर्वक निर्वहन करेंगे।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक सुरेश चौहान मौजूद थे।

केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे को केंद्रीय कैबिनेट से मिली मंजूरी, सीएम ने व्यक्त किया पीएम का आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोनप्रयाग से केदारनाथ और गोविन्दघाट से हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे विकास के लिए केन्द्रीय मंत्रीमंडल द्वारा मंजूरी दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड आने से पहले प्रधानमंत्री ने राज्य को दो बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे का विकास होने से श्रद्धालुओं को दर्शन में काफी सुगमता होगी। मुख्यमंत्री ने अपने दिल्ली दौरे के दौरान प्रधानमंत्री से इन दोनों रोपवे के निर्माण के लिए अनुरोध किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का देवभूमि उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। उनके मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल हो रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार का हर क्षेत्र में राज्य को सहयोग मिल रहा है। श्री केदारनाथ का पुनर्निमाण, श्री बदरीनाथ के मास्टर प्लान के कार्य तेजी से हुए हैं। उनके आने के बाद राज्य में शीतकालीन यात्रा में भी श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी।

केन्द्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत पर्वतमाला परियोजना के अन्तर्गत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) तक रोपवे को दी मंजूरी ।

केन्द्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत पर्वतमाला परियोजना के अन्तर्गत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ (12.9 किमी) तक रोपवे को मंजूरी दी है। परियोजना का डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और स्थानांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर 4,081.28 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत पर विकसित किया जाएगा। रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है और यह सबसे उन्नत ट्राई-केबल डिटेचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक पर आधारित होगा। इसकी डिजाइन क्षमता 1,800 यात्री प्रति घंटे प्रति (पीपीएचपीडी) होगी, जो प्रतिदिन 18 हजार यात्रियों को ले जाएगी।

यह रोपवे परियोजना केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए वरदान होगी क्योंकि यह पर्यावरण-अनुकूल, आरामदायक और तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और एक दिशा में यात्रा का समय लगभग 8 से 9 घंटे से घटकर लगभग 36 मिनट कर देगी। रोपवे परियोजना निर्माण और संचालन के साथ-साथ आतिथ्य, यात्रा, खाद्य और पेय पदार्थ (एफ एंड बी) और पर्यटन जैसे संबद्ध पर्यटन उद्योगों में पूरे वर्ष रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराएगी। रोपवे परियोजना का विकास संतुलित सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, पहाड़ी क्षेत्रों में लास्ट मील कनेक्टिविटी को बढ़ाने और तेजी से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

वर्तमान में केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा गौरीकुंड से 16 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और इसे पैदल, घोड़ा-खच्चर, पालकी और हेलीकॉप्टर से किया जाता है। प्रस्तावित रोपवे की योजना मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधा प्रदान करने और सोनप्रयाग तथा केदारनाथ के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है। केदारनाथ 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 3,583 मीटर (11968 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।

केन्द्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम – पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड राज्य में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी (12.4 किमी) तक रोपवे परियोजना के विकास को भी दी मंजूरी ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक 12.4 किलोमीटर रोपवे परियोजना के निर्माण को भी मंजूरी दी है। इस परियोजना का डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर विकसित किया जाएगा, जिसकी कुल पूंजीगत लागत 2,730.13 करोड़ रुपये होगी। वर्तमान में हेमकुंड साहिब जी की यात्रा गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है और इसे पैदल, घोड़ा-खच्चर, पालकी से किया जाता है। प्रस्तावित रोपवे की योजना हेमकुंड साहिब जी के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आने वाले पर्यटकों को सुविधा प्रदान करने के लिए बनाई गई है और यह गोविंदघाट और हेमकुंड साहिब जी के बीच हर मौसम में अंतिम मील की कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी।

रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है और यह गोविंदघाट से घांघरिया (10.55 किमी) तक मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला (एमडीजी) पर आधारित होगा, जिसे घांघरिया से हेमकुंड साहिब जी (1.85 किमी) तक सबसे उन्नत ट्राइकेबल डिटैचेबल गोंडोला (3 एस) तकनीक से जोड़ा जाएगा, इसका डिजाइन इस तरीके से तैयार किया जाएगा जिससे इसकी क्षमता प्रति घंटे प्रति दिशा 1,100 यात्री (पीपीएचपीडी) होगी और यह प्रतिदिन 11,000 यात्रियों को ले जाएगा। रोपवे परियोजना निर्माण और परिचालन के दौरान और साथ ही पूरे वर्ष आतिथ्य, यात्रा, खाद्य और पेय (एफ एंड बी) और पर्यटन जैसे संबद्ध पर्यटन उद्योगों में रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करेगी। रोपवे परियोजना का विकास संतुलित सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, तीर्थयात्रियों के लिए अंतिम मील तक कनेक्टिविटी बढ़ाने और क्षेत्र के तीव्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हेमकुंड साहिब जी उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित तीर्थ स्थल है। इस पवित्र स्थल पर स्थापित गुरुद्वारा मई से सितम्बर के बीच साल में लगभग 5 महीने के लिए खुला रहता है और हर साल लगभग 1.5 से 2 लाख तीर्थयात्री यहां आते हैं।

नेशनल गेम्स के समापन पर बोले गृहमंत्री, उत्तराखंड की देवभूमि के साथ खेलभूमि के तौर पर भी बनी पहचान

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में अन्तरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम गोलापार, हल्द्वानी में 38वें राष्ट्रीय खेल का समापन समारोह आयोजित किया गया। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी. ऊषा ने 38वें राष्ट्रीय खेल के समापन की घोषणा की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले सर्विसेज, महाराष्ट्र और हरियाणा को सम्मानित किया।

उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखण्ड के चारों धामों के देवी देवताओं को प्रणाम करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो गया है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने देवभूमि को राष्ट्रीय खेलों के नक्शे पर 25वें स्थान से 7वें स्थान पर लाने का कार्य किया है। राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के विजेता खिलाड़ियों ने देवभूमि को खेल भूमि बनाया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी उत्तराखंड के विजेता खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

उत्तराखंड की मेजबानी का देशभर में गुणगान।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड की आयोजन समिति एवं खेल संगठनों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए पूरे देश में उत्तराखंड की तारीफ हो रही है। पूरा देश उत्तराखंड द्वारा की गई शानदार व्यवस्थाओं के गुणगान कर रहा है। भौगोलिक कठिनाइयों के बावजूद उत्तराखंड राज्य ने मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में इस कार्य को कुशलतापूर्वक सम्पन्न किया है। उन्होंने 38वें राष्ट्रीय खेल के सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हार और जीत का खेल से मतलब नहीं है। जीत का जज्बा और हार से निराश न होना, ये खेल का संदेश है। हारने वाले खिलाड़ियों के लिए अगली बार मेडल लाने का मौका है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में 38वें राष्ट्रीय खेलों में इको- फ्रेंडली प्रैक्टिसेज एवं इको फ्रेंडली गेम को धरातल में उतारा गया है। खिलाड़ियों के नाम पर पौधारोपण किया गया। राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों द्वारा कई नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए गए हैं, इन रिकॉर्डों से अंतरराष्ट्रीय खेलों में भी भारत के लिए पदक की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय खेलो की यह मशाल उत्तराखंड से अब मेघालय जाएगी। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने यह निर्णय लिया है कि नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों में कुछ खेलों के आयोजन से पूरे नॉर्थ ईस्ट को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा को आगामी राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।

हार से लें जीत की प्रेरणा।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में खेलों के वातावरण में सकारात्मक बदलाव आया है। देश भर के कई जिलों में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर, कोचिंग की व्यवस्था, खिलाड़ियो को प्रोत्साहन और पारदर्शी चयन के माध्यम से आज विश्व के खेल पटल पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा भारत के खेलों का भविष्य उज्ज्वल है। खेलों में हर बार नए कीर्तिमान स्थापित हो इसकी व्यवस्था केंद्रीय खेल मंत्री ने की है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने फिट इंडिया और खेलो इंडिया के माध्यम से युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाया है। खेल हमें हारने के बाद जितने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

प्रधानमंत्री को खेल मित्र मानता है हर खिलाड़ी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सफलता सिर्फ शारीरिक क्षमता से नहीं बल्कि दृढ़ निश्चय और मजबूत मन से प्राप्त होती है। अथक परिश्रम और निरंतर प्रयास खिलाड़ियों को आगे ले जाएगी। इन सभी के माध्यम से खिलाड़ी मेडल तक की यात्रा तय कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। आज हर खिलाड़ी प्रधानमंत्री मोदी को खेल मित्र के रूप में मानता है। उन्होंने कहा 2014 में खेल बजट 800 करोड़ था, जो 2025 – 26 में खेल बजट 3800 करोड़ तक पहुंचाया है। अंतरराष्ट्रीय मंचों में भी हमारे खिलाड़ियों ने तिरंगे का मान बढ़ाया है। खिलाड़ियों के मेडल से पता लगता है कि देश में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और जीतने की भूख में बढ़ोतरी हुई है।

2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है भारत।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि खेलो इंडिया के माध्यम से उत्तराखंड जैसे छोटे पहाड़ी राज्य ने इतने बड़े खेल आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। यह बताता है कि भारत का हर राज्य खेलने और खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। इस राज्य से, अब फिर राष्ट्रीय खेल का आयोजन एक पहाड़ी राज्यों में जा रहा है। आज खिलाड़ी कई प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है। 2036 में ओलंपिक के अंदर उत्तराखंड के खिलाड़ी भी मेडल लाकर भारत के तिरंगे का मान बढ़ाएंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज एवं पुलवामा में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पुलवामा के जवानों की शहादत ने देश को सुरक्षित किया है। जवानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर करारा जवाब दिया था। इसी के कारण पूरी दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदला है। इससे दुश्मनों को साफ संदेश गया कि भारत की सेना और सीमा से कभी खिलवाड़ नहीं करना है।

नेशनल गेम्स से उत्तराखण्ड में नई उम्मीदों, और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत -सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के अवसर पर हमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। आज इन खेलों के समापन के अवसर पर हमें देश के गृहमंत्री अमित शाह जी का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड में पहली बार राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हुआ। खेलों के इस महा समागम में देशभर से पधारे 16 हजार से अधिक एथलीट्स ने 35 खेल विधाओं में प्रतिभाग कर कुल 448 स्वर्ण 448 रजत तथा 594 कांस्य पदक जीते। कई खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर अनेक रिकॉर्ड स्थापित किए गए और भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखने वाले बहुत से चौंपियन भी उभर कर सामने आए हैं। इन खेलों में जहां हमने पहली बार योग और मलखंब जैसे अपने पारंपरिक खेलों को शामिल करने का कार्य किया वहीं रात्रि काल में रिवर राफ़्टिंग की प्रतियोगिता का आयोजन कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों को ग्रीन गेम्स की थीम पर आयोजित किया गया। इस आयोजन में प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करने के साथ ही बिजली के लिए सोलर एनर्जी का उपयोग भी किया। खिलाड़ियों को दिए गए मेडल को ई-वेस्ट और खेल किटों को रीसाइकिल्ड पदार्थों से तैयार किया गया। ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई-वाहनों का प्रयोग भी किया गया। 2.77 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ’खेल वन’ के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें प्रत्येक पदक विजेता खिलाड़ी के नाम से रूद्राक्ष के पेड़ लगाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राष्ट्रीय खेल में देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी और ऋषिकेश जैसे मैदानी शहरों के साथ ही अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और टिहरी जैसे सुदूर पहाड़ी स्थानों में भी खेल स्पर्धाएं आयोजित की गई। चकरपुर जैसे एक छोटे से कस्बे में भी राष्ट्रीय खेलों की प्रमुख स्पर्धा का आयोजन हुआ। राष्ट्रीय खेल में जितने भी वाटर स्पोर्ट्स के इवेंट्स हुए, सभी को उत्तराखंड की हाई एल्टिट्यूड पर स्थित झीलों एवं नदियों में आयोजित किया गया। इन खेलों के आयोजन के लिए अस्थाई निर्माण की बजाय प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्थाई स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का प्रयास किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों को सफलतापूर्वक आयोजन के साथ उत्तराखंड ने इन खेलों में 24 स्वर्ण पदकों के साथ रिकॉर्ड 103 पदक अर्जित किए। इन परिणामों से हमारे युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि “अतिथि देवो भवः“ की प्राचीन परंपरा के अनुसार खेलों के आयोजन के दौरान प्रयास किया गया कि विभिन्न राज्यों से पधारे खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय खेल में आये खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ देवभूमि उत्तराखंड से अपने इस रिश्ते को बनाए रखेंगे और भविष्य में सपरिवार उत्तराखण्ड की नैसर्गिक सुंदरता को देखने अवश्य आएंगे। उन्होंने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन आप सभी खिलाड़ियों के लिए खेल अवसरों का अंत नहीं, बल्कि नई उम्मीदों, नए संकल्पों और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत है।

उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेल के आयोजन की जिम्मेदारी देने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा खेल मंत्री मनसुख मांडविया का आभार व्यक्त किया। इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान देने वाले भारतीय ओलंपिक संघ, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन, खेल विभाग और सभी वॉलेंटियर्स का भी आभार व्यक्त किया। प्रस्तावित 39वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए मेघालय को भी उन्होंने अग्रिम शुभकामनाएं दी।

केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री मनसुख मांडविया ने 38 राष्ट्रीय खेलों के शानदार आयोजन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजना के बाद देवभूमि उत्तराखण्ड खेलभूमि भी बन गई है। उन्होंने इस राष्ट्रीय खेल में पदक प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश स्पोर्ट्स हब बने इसकी शुरूआत आज से हुई है।

भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी. ऊषा ने कहा कि बहुत कम समय मिलने के बावजूद भी उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेल की हर स्पर्धा का शानदार आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में खेल और खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई।

खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि खिलाड़ियों ने संकल्प से शिखर तक को आत्मसात कर उत्तराखण्डियों को गर्व से अभिभूत किया। राज्य की रजत जयंती को स्वर्णिम बनाया है। हमारे खिलाड़ियों ने उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में आगे बढ़ाया है। उत्तराखंड की जनता ने राष्ट्रीय खेल के महा आयोजन को सफल बनाया है

इस अवसर पर मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट, सांसद अजय भट्ट उपस्थित थे।

आईटीडीए कैल्क करवा रहा है 52 युवतियों को ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन का कोर्स

पिथौरागढ़ की तनुजा वर्मा, गैरसैंण की रौशनी और उत्तरकाशी की जशोदा। ग्रामीण पृष्ठभूमि और सामाजिक तौर पर कमजोर तबके से आने वाली इन तीनों युवतियों ने आज से कुछ समय पहले तक लैपटॉप तक नहीं चलाया था, लेकिन आज वो ड्रोन दीदी बनकर, ड्रोन असेम्बलिंग, रिपेयरिंग से लेकर फ्लाइंग तक का काम आसानी से कर रही हैं। ये संभव हो पाया है, उत्तराखंड सरकार के उपक्रम आईटीडीए कैल्क के ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन कोर्स, ड्रोन दीदी से।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार ग्रामीण और आर्थिक सामाजिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि वाले युवाओं में तकनीकी कौशल बढ़ाने पर जोर रहे हैं। इसी क्रम में आईटीडीए कैल्क, भारत सरकार की वित्तीय सहायता और उत्तराखंड युवा कल्याण विभाग के सहयोग से, अनुसूचित जाति की युवतियों के लिए ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन कोर्स संचालित कर रहा है। देहरादून में प्रांतीय युवा कल्याण निदेशालय परिसर में चल रहे इस कोर्स के पहले बैच की शुरुआत, छह जनवरी से हो चुकी है, जिसमें प्रदेश भर से 52 युवतियां शामिल हो रही हैं। कोर्स के तहत उन्हें 37 दिन में कुल 330 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाना है। इसमें प्रशिक्षण से लेकर रहने, खाने और आने जाने का व्यय तक सरकार की ओर से उठाया जा रहा है।

पुरस्कार में मिलेंगे निशुल्क ड्रोन

उत्तराखंड सरकार, युवाओं को ड्रोन रिपेयरिंग और संचालन का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ऋषिकेश और पिथौरागढ़ में दो आईटी स्किल ग्रोथ सेंटर संचालित कर रही है। देहरादून में चल रहा प्रशिक्षण कार्यक्रम ऋषिकेश सेंटर के जरिए प्रदान किया जा रहा है। ऋषिकेश सेंटर के प्रभारी वीरेंद्र चौहान के मुताबिक कोर्स के बाद परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसमें सफल प्रशिक्षणार्थियों को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा, साथ ही प्रशिक्षण में प्रथम पांच स्थान पर रहे प्रशिक्षणार्थियों का निशुल्क ड्रोन भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत कुल 200 युवक – युवतियों को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाना है।

खुलेंगे रोजगार के अवसर

प्रशिक्षण प्राप्त कर रही युवतियों का कहना है कि अब वो ड्रोन सेवाओं पर आधारित स्वरोजगार करने के साथ ही आपदा और चिकित्सा सेवा में भी सरकार को सहयोग प्रदान कर सकते हैं। इसमें से कुछ खुद का ड्रोन भी खरीदने की योजना बना रही हैं।

उत्तराखंड के युवाओं को उच्च तकनीकी कौशल प्रदान करने के लिए सरकार कई योजना चला रही है। इसी क्रम में ड्रोन दीदी योजना भी संचालित की जा रही है। भविष्य में ड्रोन सेवाओं का दायरा बढ़ने वाला है, इसलिए हमारे पास इसके लिए पहले से ही प्रशिक्षित मानव बल उपलब्ध होगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में स्पोर्ट़स इकोनॉमी की भी रहेगी अहम भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेरक संबोधन और आधिकारिक उद्घोषणा के साथ ही मंगलवार शाम से उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग शुभारंभ हो गया है।
मंगलवार शाम को देहरादून में राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड आज युवा ऊर्जा से और भी दिव्य हो उठा है, बाबा केदार, बद्रीनाथ जी, मां गंगा के शुभाशीष के साथ आज यहां नेशनल गेम्स शुरू हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये वर्ष उत्तराखंड के निर्माण का 25वां वर्ष भी है, इस खास अवसर पर इस युवा राज्य में देश के अलग- अलग हिस्सों से आए, हजारों युवा अपना सामर्थ्य दिखाने वाले हैं। इससे यहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत की सुंदर तस्वीर नजर आ रही है। प्रधानमंत्री ने शानदार आयोजन के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी टीम को बधाई दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब देश में सालभर कई खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं, खेलो इंडिया सीरीज में कई सारे नए टूर्नामेंट जोड़े गए हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स की वजह से युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिला है। इसी तरह यूनिवर्सिटी गेम्स और पैरा ओलंपिक गेम्स से भी मौके बढ़े हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले लद्दाख में खेलो इंडिया विंटर गेम्स का पांचवां संस्करण शुरु हुआ है। पिछले साल ही बीच गेम्स का भी आयोजन किया। सरकार के साथ ही भाजपा सांसद भी सांसद निधि से खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि अकेले काशी संसदीय क्षेत्र में आयोजित हो रही खेल प्रतियोगिता में हर साल करीब ढाई लाख युवाओं को खेलने का मौका मिल रहा है।

खेल से बढ़ती है देश की प्रोफाइल
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई देश खेल में आगे बढ़ता है तो, देश की साख और प्रोफाइल भी बढ़ती है। इसलिए सरकार खेल को विकास से जोड़कर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी बडी आर्थिक शक्ति बन रहा है तो इसमें स्पोर्ट्स इकोनॉमी का भी अहम योगदान होने जा रहा है। इससे खिलाड़ी ही नहीं बल्कि सहायक स्टॉफ से लेकर मैन्यूफैक्चर तक जुड़े होते हैं। उन्होने कहा कि भारत खेल सामग्री उत्पादन का हब बनता जा रहा है। अकेले मेरठ में खेल सामग्री निर्माण की 35 हजार से अधिक यूनिट हैं, जहां तीन लाख लोग काम कर रहे हैं।

पीएम यानि परम मित्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दिनों उनसे मिलने ओलंपिक टीम के सदस्य आए थे, उस दौरान एक खिलाड़ी ने पीएम की नई परिभाषा बताई, जिसके अनुसार खिलाड़ी पीएम को प्राइम मिनिस्टर नहीं बल्कि परम मित्र कह कर बुलाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दस साल में खेल का बजट तीन गुना बढ़ गया है, टॉप स्कीम के तहत दर्जनों खिलाड़ियों पर सैकडों करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है। देशभर में आधुनिक खेल सुविधाओं का विकास हो रहा है। देश की पहली खेल यूनिवर्सिटी मणिपुर में है। सरकार के प्रयासों का असर पदक तालिका के रूप में नजर आ रहा है। देश के साथ ही उत्तराखंड के खिलाड़ी भी मैडल जीत रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हॉकी के गौरवशाली दिन वापस लौट रहे हैं। कुछ दिन पहले ही खो – खो टीम ने वर्ल्ड कप जीता है। अब युवा खेल को प्रमुख कैरियर के रूप में अपना रहे हैं।

2036 में ओलंपिक आयोजन का प्रयास
प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे हमारे खिलाड़ी हमेशा बड़े लक्ष्य लेकर चलते हैं, वैसे ही हमारा देश भी बडे संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। इसलिए भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी का प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां भी ओलंपिक होते हैं वहां अनेक सेक्टर को गति मिलती है। खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाए बनती हैं। ठीक ऐसे ही नेशनल गेम्स से यहां देवभूमि उत्तराखंड को अनेक लाभ मिलेंगे।

यूसीसी समानता के लिए
प्रधानमंत्री ने कहा कि बाबा केदार के दर्शन के बाद उनके मुंह से अचानक ही निकला था, कि 21वीं सदी का ये दशक, उत्तराखंड के नाम होने जा रहा है। अब उन्हें खुशी है कि राज्य तेजी से इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला राज्य बन गया है। यूसीसी सही मायने में सेक्युलर सिविल कोड है, जो हमारी बेटियों, माताओं और बहनों के गरिमापूर्ण जीवन का आधार बनेगा। इससे लोकतंत्र की भावना भी मजबूत होगी। कहा कि जैसे हर मैडल के पीछे सबको साथ लेकर चलने की भावना छुपी होती है, यही भावना यूसीसी में भी है।

शीतकालीन यात्रा पर सरकार के प्रयासों को सराहा
उन्होंने राज्य सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि उत्तराखंड में पहली बार इतने बडे पैमाने पर नेशनल ईवेंट हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था सिर्फ चारधाम यात्रा पर ही निर्भर नहीं रह सकती है। इसी दिशा में उत्तराखंड ने अब शीतकालीन यात्रा को भी प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उनका दूसरा घर है, इसलिए उनकी भी शीतकालीन यात्रा का हिस्सा बनने की इच्छा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शीतकाल के दौरान उत्तराखंड में युवाओं के लिए एडवेंचर टूरिज्म के लिए भी कई अवसर होते हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से भी शीतकालीन टूरिज्म का आनंद उठाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से फिटनेस पर ध्यान देने की अपील करते हुए मोटापे की समस्या के प्रति सचेत रहते हुए खान पान पर ध्यान देने की भी अपील की है। खासकर अपने खान पान में तेल की खपत कम करनी होगी।

दर्शकों की मोबाइल फ्लैश लाइट करवाई ऑन
प्रधानमंत्री ने नेशनल गेम्स की विधिवत शुरुआत करते हुए कहा कि वैसे तो ये उनका दायित्व है, लेकिन वो चाहते हैं कि स्टेडियम में मौजूद सभी लोग मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर, उनका साथ दें, जिस पर उपस्थित जन समुदाय ने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर प्रधानमंत्री का साथ दिया।

सीएम बोले – 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा भारत
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देवभूमि उत्तराखंड वासियों की ओर से स्वागत करते हुए उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर के इतने महत्वपूर्ण खेल आयोजन की जिम्मेदारी देने के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि इस 17 दिवसीय राष्ट्रीय खेल महाकुम्भ का आयोजन प्रदेश के 11 शहरों में किया जा रहा है, जिसमें देशभर के 10 हजार से अधिक खिलाड़ी 35 खेलों में प्रतिभाग कर रहे हैं। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के उद्देश्य से इस बार के राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ग्रीन गेम्स की थीम पर किया जा रहा है। इस आयोजन में सौर ऊर्जा का व्यापक प्रयोग किए जाने के साथ ही पूरे आयोजन में प्लास्टिक का उपयोग कम से कम किए जाने के भी प्रयास किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में हमारा देश वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित होने के लिए अपनी कमर कस चुका है। जहां एक ओर भारत शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विकास, महिला सशक्तिकरण आदि सामाजिक क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है, वहीं साइंस एंड टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट आदि क्षेत्रों में भी विश्व के बड़े-बड़े देशों को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री जी ने कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति, अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण, सी.ए.ए. कानून लागू करना, तीन तलाक की समाप्ति आदि देश के अधिकतर सभी बड़े संकल्पों को सिद्धि तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से इस वर्ष राज्य में शीतकालीन यात्रा का भी शुभारंभ किया गया है, जिससे एक ओर जहां राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा वहीं स्थानीय रोजगार और आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का जो संकल्प लिया था, उसको पूर्ण कर दिया गया है। 27 जनवरी से राज्य में यूसीसी कानून लागू कर दिया गया है। ये ऐतिहासिक कार्य प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन के बिना असंभव था।

38वें राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई हस्तियों की मौजूदगी में मंगलवार शाम से उत्तराखंड में आयोजित हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग उद्घाटन हो गया है। इस मौके पर बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल, पवनदीप राजन के साथ ही पांडवाज बैंड ने शानदार प्रस्तुतियों से समा बांधा।

तय कार्यक्रम के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोठी ठीक छह बजे, राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन करने, मैदान में पहुंचे। प्रधानमंत्री ने सबसे पहले गोल्फ कार्ट में स्टेडियम का राउंड लिया, गोल्फ कोर्ट पर उनके साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी थे। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों और दर्शकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। जिस पर उपस्थित जनसमुदाय ने भी तालियों की गड़गड़ाहट के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत किया। करीब आधे घंटे तक चले सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद, उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष और सांसद डॉ पीटी ऊषा ने स्वागत भाषण दिया।

शानदार मार्च पास्ट से खिलाड़ियों ने दी सलामी
कार्यक्रम के मध्य भाग में खिलाड़ियों ने शानदार परेड निकाली, परेड का नेतृत्व सैनिक घोड़ाखाल की बैंड टीम ने किया। जिसके पीछे अलग – अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की टीमें पंक्तिबद्ध होकर निकलीं। इसके बाद ओलंपियन शटलर लक्ष्य सेन ने मंच पर पहुंच कर तेजस्वनी मशाल प्रधानमंत्री को सौंपी। लक्ष्य सेन ने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेलों की शपथ भी दिलाई। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद, उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के क्रम में 2025 शंख बजाकर, जोरदार शंखनाद किया गया ।

खिलाडियों से मिले प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने मंच पर ही अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले उत्तराखंड के कई खिलाड़ियों से मुलाकात की। इसमें जसपाल राणा, मनीष रावत, लक्ष्य सैन, सुरेंद्र कनवासी-, हंसा मनरालशर्मा, नितेंद्र रावत, सुभाष राणा, मनोज सरकार शामिल रहे। इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को उत्तराखंड की प्रचलित टोपी पहनाई। समारोह में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी, केंद्रीय युवा एवं खेल मामलों की राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, राष्ट्रमंडल खेलों के अध्यक्ष क्रिस जेनकिंग्स प्रमुख रूप से उपस्थित हुए।

सराहनीय कदमः मुख्यमंत्री ने किया समान नागरिक संहिता की अधिसूचना का अनावरण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने की अधिकारिक घोषणा करते हुए कहा है कि आज का दिन सिर्फ उत्तराखंड के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष के लिए ऐतिहासिक है। आज से उत्तराखंड में समाज में समानता स्थापित करने के लिए, समान नागरिक संहिता लागू हो गई है।

सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत तौर पर समान नागरिक संहिता की अधिसूचना का अनावरण, यूसीसी पोर्टल ucc.uk.gov.in का भी शुभारंभ और यूसीसी नियमावली बुकलेट का विमोचन किया।

यूसीसी पोर्टल पर मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अपने विवाह का पहला पंजीकरण कराया, जिसका प्रमाणपत्र मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री को सौंपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यूसीसी के तहत सर्वप्रथम पंजीकरण कराने वाले पांच आवेदकों को भी प्रमाणपत्र प्रदान किए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तय करने के लिए विशेषज्ञ कमेटी ने 2.35 लाख लोगों से सम्पर्क साधा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करके राज्य सरकार संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ बी.आर. अंबेडकर सहित संविधान सभा के सभी सदस्यों को सच्ची भावांजलि दे रही है।

भावुक होकर की घोषणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बेहद भावुक होकर सवा करोड़ उत्तराखंडवासियों के सामने समान नागरिक संहिता पूर्ण रूप से लागू करने की घोषणा कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें हर्ष के साथ ही गर्व की भी अनुभूति हो रही है। इसके साथ राज्य में प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक और नागरिक अधिकार एक समान हो गए हैं। साथ ही सभी धर्म की महिलाओं को भी समान अधिकार मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो पाई है, इसके लिए उन्होंने पूरे उत्तराखंडवासियों की ओर से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार व्यक्त किया।

पूरा हुआ संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों के दौरान 12 फरवरी 2022 को उन्होंने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का संकल्प लिया था। तब उन्हें नया-नया दायित्व मिला था, इसके सात महीने बाद ही विधानसभा चुनाव में जाना पड़ा। इसलिए कई लोग तब इस पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे। लेकिन उन्हें पूरा भरोसा था कि उत्तराखंड की देवतुल्य जनता इस काम में उनका साथ देगी। उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार दुबारा भाजपा की सरकार बनी। सरकार बनने के बाद पहला निर्णय उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर लिया गया।

पहले छह महीने में नहीं लगेगा शुल्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी जाति धर्म लिंग के आधार पर कानूनी भेदभाव समाप्त करने का संवैधानिक उपाय है, इसके जरिए सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है। इसके जरिए महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण सुनिचित हो सकेगा। साथ ही हलाला, तीन तकाल, इद्दत जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगेगी। साथ ही संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत वर्णित अनुसूचित जनजातियों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। इससे उनके रीति रिवाजों का संरक्षण हो सकेगा। जिन पंजीकृत व्यक्तियों का विवाह यूसीसी के लागू होने से पूर्व पंजीकृत हुआ हो या तलाक की डिक्री घोषित हुई हो या विवाह निरस्त हुआ हो, उनसे पहले छह महीने में किसी भी तरह का रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लिया जायेगा।

किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नही
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है। यह समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर, समानता से समरता कायम करने का कानूनी प्रयास है। इसमें किसी की भी मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व के प्रमुख मुस्लिम और विकसित देशों में पहले से ही यूसीसी लागू है। इस कानून द्वारा सभी लोगों के लिए विवाह, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार के नियमों को समान किया गया है। सभी धर्म के लोग अपने अपने रीति रिवाजों से विवाह कर सकते हैं। लेकिन अब सभी धर्मों में लड़कों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 21 और लड़कियों के लिए 18 कर दी गई है। साथ ही पति या पत्नी के रहते दूसरे विवाह को प्रतिबंध किया गया है। समान नागरिक संहिता में बाल अधिकारों को संरक्षित किया गया है, साथ ही बेटियों को सम्पति में समान अधिकार दिए गए हैं। परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद न हो इसके लिए मृतक की संपत्ति में पत्नी, बच्चे और माता-पिता को समान अधिकार दिए गए हैं।

यूसीसी के तहत की गई है, ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय को देखते हुए, लिव इन के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, युगल की सूचना रजिस्ट्रार माता-पिता या अभिभावक को देगा। यह जानकारी पूरी तरह गोपनीय रहेगी। लिव इन से पैदा बच्चों को भी समान अधिकार दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी को लागू करने के लिए सरलीकरण के मूल मंत्र पर चलते हुए, ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है, साथ ही स्पष्ट नियमावली भी लागू कर दी गई है। पूरा ध्यान रखा गया है कि इसके लिए किसी भी नागरिक को दिक्कत का सामना न करना पडे।

27 जनवरी को मनाया जायेगा यूसीसी दिवस
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि अब प्रदेश में प्रति वर्ष 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि धारा 370, तीन तलाक, राम मंदिर को लेकर जितने भी संकल्प लिये गये थे, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे किये गये हैं।

इस अवसर पर यूसीसी नियमावली समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने यूसीसी नियमावली के बारे में विस्तार से जानकारी दी जबकि सचिव शैलेश बगोली ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा, राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायकगण, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, यूसीसी नियमावली समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह, प्रो. सुरेखा डंगवाल, मनू गौड़, अजय मिश्रा, शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।