जीरो टॉरलेंस सरकार ने की कारवाई, भ्रष्टाचार के चलते किए वित्तीय अधिकार सीज

शासन ने पालिकाध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम पर लगे वित्तीय अनियमितता के सात में से तीन आरोप गढ़वाल मंडलायुक्त की जांच में सही साबित होने पर उनके वित्तीय अधिकारों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। वहीं पौड़ी के डीएम को अग्रिम आदेशों तक पालिका के वित्तीय अधिकारों का जिम्मा सौंपा गया है।
गौरतलब है कि पौड़ी नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष यशपाल बेनाम पर वर्ष 2013-14 में वित्तीय अनियमितता के सात आरोप लगाते हुए सभासदों ने जिलाधिकारी से शिकायत की थी। पिछली सरकार ने इन शिकायतों की जांच गढ़वाल मंडलायुक्त से कराई थी।
मंडलायुक्त ने दस अक्टूबर, 2015 और चार अगस्त, 2016 को जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। इसके बाद पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम को कारण बताओ नोटिस जारी कर आरोपों पर पक्ष रखने का मौका दिया गया था। उनका पक्ष सामने आने के बाद कुल सात आरोपों में से तीन आरोप सिद्ध पाए गए। मंडलायुक्त की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि पालिका के गेस्टहाउस के बारे में पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड के सहायक अभियंता ने भवन सुरक्षित नहीं होने का प्रमाणपत्र 12 दिसंबर, 2013 को जारी किया। इस मामले में अध्यक्ष पर बोर्ड से भवन ध्वस्तीकरण का प्रस्ताव पास कराए बगैर ही यह कार्य किया गया। जांच रिपोर्ट में यह निष्कर्ष दिया गया कि भवन ध्वस्तीकरण का प्रस्ताव बोर्ड से विधिवत पास नहीं कराया गया। इस मामले में अध्यक्ष के साथ तत्कालीन अधिशासी अधिकारी अब सेवानिवृत्त हो चुके रमेश प्रसाद सेमवाल को भी दोषी माना गया। जांच आख्या में कहा गया कि नगरपालिका अध्यक्ष ने तत्कालीन क्षेत्रीय विधायक सुंदरलाल मंद्रवाल की ओर से शरदोत्सव के लिए 10 लाख रुपये देने के आश्वासन पर पालिका निधि से उक्त धनराशि खर्च कर दी। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी दरबान सिंह राणा ने विहित प्रक्रिया न अपनाकर बोर्ड फंड से धनराशि आवंटित की। इसमें वित्तीय अनियमितता की गई। उक्त धनराशि की विधायक निधि से प्रतिपूर्ति नहीं हुई। नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री की ओर से ग्रीष्मोत्सव के आयोजन को 20 लाख देने के आश्वासन पर उक्त आयोजन किए जाने का उल्लेख किया है। ग्रीष्मोत्सव पर 15 लाख रुपये व्यय किए गए, लेकिन पालिका निधि से आहरित इस धनराशि के बारे में बोर्ड बैठक में प्रस्ताव को अनुमोदित नहीं कराया गया। जांच में कहा गया कि 15 लाख की धनराशि का समायोजन किस मद से होगा, यह उल्लेख नहीं करना गंभीर अनियमितता है। पालिका ने कूपन छपवाने का बिल प्रस्तुत किया, उसमें 50 पृष्ठ की 100 बुक छापने का उल्लेख है। लेकिन, इन कूपनों से कितनी धनराशि प्राप्त हुई और उसे किन मदों में खर्च किया गया, इसका उल्लेख या व्यय विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया। उक्त आयोजन यशपाल बेनाम परे व्यक्तिगत तौर पर कराया था और इसके लिए जिला प्रशासन या शासन से अनुमति नहीं ली गई थी। मंडलायुक्त एवं पौड़ी जिलाधिकारी की जांच आख्या और पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम के अभिकथन के बाद शासन ने सात में उक्त तीन आरोप सिद्ध पाए। इनके आधार पर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम के वित्तीय अधिकार सीज करने के आदेश शहरी विकास प्रभारी सचिव राधिका झा की ओर से जारी किए गए हैं।

अब पिरूल के जंगल नहीं जलेंगे: सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में उत्तराखण्ड सरकार एवं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (आईआईपी) के मध्य पिरूल से तारपिन ऑयल और उसके कचरे से बॉयोफ्यूल तैयार करने के लिए सैद्धांतिक सहमति बनी। इसके लिए शीघ्र ही एमओयू किया जायेगा। एमओयू में मुख्य सचिव एस.रामास्वामी एवं निदेशक आईआईपी डॉ.अंजन रे हस्ताक्षर करेंगे। राज्य के आठ पहाड़ी जिलों अल्मोड़ा, चमोली, नैनीताल, पौड़ी, रूद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, टिहरी एवं उत्तरकाशी में पिरूल के कलेक्शन सेंटर स्थापित किये जायेंगे। पिरूल एकत्रित करने वालों को इंसेटिव भी दिया जायेगा। इसके लिए आधुनिक तकनीकि का इस्तेमाल किया जायेगा। तारपिन ऑयल एवं बॉयोफ्यूल का औद्योगिक क्षेत्र में भी प्रयोग किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि यह वेस्ट को बेस्ट में परिवर्तित करने का एक प्रयास है। इससे गर्मियों में पिरूल के जंगलों में वनाग्नि से बचाव होगा। जंगल एवं जीव जन्तुओं का भी संरक्षण होगा। उन्होंने कहा कि प्रारम्भिक चरण में प्रतिदिन 40 टन पाइन निडिल की आवश्यकता पड़ेगी। जिसे पंचायतों एवं गांवों से खरीदा जायेगा। इससे जहां सरकार को राजस्व प्राप्त होगा, वहीं स्थानीय लोगों को बेहतर रोजगार भी मिलेगा। उद्योगपति महेश मर्चेन्ट ने बताया कि इसके लिये शीशमबाड़ा में प्लान्ट बनाना प्रस्तावित है।

कोई हटा नहीं सकता, चूंकि सरकार हमारी!

कहते हैं, जिसकी लाठी उसकी भैंस। यह कहावत सटीक बैठती है, जहां सत्ता का डर दिखाकर डराया व धमकाया जाता है, मगर शायद वह यह भूल जाते है, कि सरकार हर उस आम नागरिक की होती है, जिसे वह चुनकर सत्ता पर बैठाती है। सरकार पूरे राज्य की जनता की होती है, न की किसी व्यक्ति विशेष की।
चंपावत में एक ऐसा मामला सामने देखने को आया है, जहां दो नाली जमीन खरीद कर 13 नाली पर कब्जा कर आने-जाने वालों के रास्ते बंद कर दिए। जब बगल में एक फौजी ने जमीन खरीद कर रास्ता बनाने की कोशिश की तो प्रबंधक बच्चों संग धरने पर बैठ गया।
प्रबंधक ने कहा कि हमारा स्कूल हट नहीं सकता है, क्यों कि सरकार हमारी है। हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता है।
आपको बता दें कि जब बाराकोट निवासी फौजी रमेश नाथ ने आरएसएस द्वारा संचालित स्कूल के पास तीन नाली जमीन खरीद कर रास्ता बनाने लगा तो स्कूल प्रबंधक ने मना कर दिया। प्रबंधक ने कहा कि यह मेरी जमीन है। इसमें रास्ता कैसे बनेगा। इस पर फौजी रमेश ने घटना की शिकायत एसडीएम सीमा विश्वकर्मा से कर रास्ता देने की मांग की। जब एसडीएम ने पटवारी व कानूनगो को मामले की जांच के लिए भेजा तो पता चला कि स्कूल प्रबंधक ने दो नाली 10 मुट्ठी जमीन खरीदी थी। जबकि उसका भवन चार नाली व दो से तीन नाली में फिल्ड समेत करीब 13 नाली सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा था। पास में ही विष्णु दत्त नाम के व्यक्ति ने एक नाली जमीन खरीद कर दो नाली सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। पटवारी ने एसडीएम को घटना की जानकारी दी। एसडीएम ने पटवारी ने तीन फिट रोड बनाने का आदेश दिया। जब फौजी सड़क बनाने लगा तो स्कूल प्रबंधक बच्चों संग हंगामा करने लगा।

आधी रात में हथियारबंद बदमाशों का कहर

झबरेड़ा थाना क्षेत्र के लखनौता-झबरेड़ा मार्ग पर शेरपुर गांव के समीप हथियारबंद बदमाशों ने सड़क पर पेड़ डालकर कई वाहनों में चढ़कर लूटपाट कर ली। लूटपाट के शिकार लोगों में देहरादून ग्रामीण रोडवेज डिपो के सहायक महाप्रबंधक, उनके स्टाफ के अलावा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के एक कर्मचारी भी शामिल हैं। करीब पौने घंटे तक बदमाशों ने लूटपाट की।
झबरेड़ा की लखनौता पुलिस चौकी से थोड़ा आगे शेरपुर गांव के समीप बीती रात्रि करीब दो बजे बदमाशों ने एक पेड़ काटकर सड़क पर गिरा दिया। इसी बीच यहां से कार से परिवार के साथ गुजर रहे देहरादून नेहरू ग्राम निवासी प्रकाश चंद्र पंत ने रास्ता बंद होने पर कार को रोक दिया। बदमाशों ने जबरन कार की खिड़की खुलवाकर आठ हजार की नकदी, सूटकेस और मोबाइल लूट लिया। प्रकाश चंद पंत ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में कार्यरत हैं। इसी बीच देहरादून ग्रामीण डिपो के सहायक महाप्रबंधक प्रतीक जैन, यातायात निरीक्षक राजबीर, संजय और चालक राजकुमार सरकारी गाड़ी से दिल्ली से बसों की चेकिंग कर लौट रहे थे। तभी बदमाशों ने उनकी गाड़ी को भी रोककर उनसे 12 हजार की नकदी और अन्य सामान लूट लिया।
इसके बाद बदमाशों ने एक लोडर को लूटा। लोडर के बाद बदमाशों ने एक ट्रक चालक और उसके क्लीनर से 700 रुपये की नकदी और तीन मोबाइल फोन लूट लिये। इसी बीच एक ट्रक चालक ने वाहनों को खड़े देखा तो वह समझ गया कि बदमाश हैं, उसने ट्रक को पीछे मोड़ दिया और लखनौता चौकी पर तैनात होमगार्ड को इसकी सूचना दी।
होमगार्ड ने इसकी सूचना पुलिसकर्मियों को दी। इस बीच, दो पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे तो चारों बदमाश दो बाइक पर सवार होकर भाग निकले। रात में ही एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। डीआइजी ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। साथ ही लापरवाही बरतने पर एक सिपाही को निलंबित करते हुये एसओ को फटकार लगाई। प्रकाश चंद पंत और रोडवेज के अधिकारी रामवीर ने मामले में पुलिस को तहरीर दी गई है।

फोटो खींच व्हाट्सएप पर भेंजे, मिलेगा इनाम

सावधान, अब अगर नदी में कूड़ा डाला तो खैर नहीं और साथ ही जो व्यक्ति नदी में कूड़ा डालने वालों पर नजर रखेगा व उसकी फोटो खींचकर देगा। उसे पुरूस्कृत भी किया जायेगा। जी हां रुद्रप्रयाग प्रशासन ने नदी में कूड़ा डालने से रोकने के लिए अब नया फार्मूला निकाला है। कूड़ा डालने वाले व्यक्ति की फोटो लाने वाले व्यक्ति को प्रशासन इनाम भी देगा। ताकि लोगों की जागरुकता से नदियो को निर्मल बनाया जा सके।
कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में नमामि गंगे समिति के सदस्यों की बैठक आयोजित की गई। इसमें नदी को निर्मल एवं अविरल बनाए रखने के लिए व्यापक स्तर पर जागरुकता अभियान चलाने का निर्णय लिया। साथ ही कहा कि जो लोग नदी नालों में गंदगी डालेंगे उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि नमामि गंगे के अंतर्गत नदी एवं नालों तथा सामाजिक प्रतिष्ठानों पर कूड़ा फेंकने वालों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाए। साथ ही नदी, नालों और सामाजिक प्रतिष्ठानों पर कूड़ा फेंकने वालों की फोटो खींचकर उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप पर भेजने वाले को 500 रुपये का नगद पुरस्कार दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कूड़ा फेकने वाले की फोटो साफ होनी चाहिए, जिससे कूड़ा फेंकने वाले का पता चल सके। जिलाधिकारी ने कहा कि फोटो भेजने वाले का नाम, पता व स्थान का नाम भी उल्लेख करना होगा। कहा कि सामाजिक प्रतिष्ठानों (घाट) में दीवार लेखन, वाल पेटिंग के माध्यम से जन जागरुकता लाई जाएगी। नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत अगस्त्यमुनि में कार्यशाला आयोजित की जाएगी।

राष्ट्रपति के स्वागत को सीएम ने की बैठक, सौन्दर्यीकरण पर दिया जोर

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सितम्बर माह के द्वितीय पक्ष में प्रस्तावित उत्तराखंड दौरे की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने देहरादून शहर की व्यवस्था सुधारने के लिए भी सख्त निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सुरक्षा की दृष्टि से सभी व्यवस्थाए दुरस्त रखी जाए। एस.एस.पी देहरादून को सुनियोजित ट्रेफिक प्लान बनाने तथा किसी भी वीआईपी मूवमेंट के दौरान ट्रेफिक डायवर्ट प्लान को प्रेस के माध्यम से प्रचार करने के निर्देश दिये, जिससे जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। लोक निर्माण विभाग को सड़कों का समतलीकरण एवं पैचवर्क करने के निर्देश दिये। वन विभाग को एमडीडीए के साथ चिन्हित स्थानों पर सौन्दर्यीकरण करने तथा जल संस्थान को पानी के लीकेज की मरम्मत करने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्युत विभाग को निर्देश दिये के यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी झूलते हुए तार न हों। एमडीडीए को चिन्हित स्थानों पर हैरिटेज लाइटिंग, पेंटिंग एवं सौन्दर्यीकरण करने को कहा। एनएचआई के कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए एनएचआई के अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। मुख्य सचिव रामास्वामी ने कहा कि राष्ट्रपति के उत्तराखंड आगमन की तैयारियों को लेकर सभी कार्यदाई संस्थाएं समन्वय बनाकर कार्य करें। सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कर ली जाए। कार्यों के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।

माउंटेन रेजीमेंट के हवाले होगी उत्तराखंड की सीमाएं

भारतीय सीमाओं में चीन की लगातार घुसपैठ की खबरों के बीच अब सेना भी उत्तराखंड में सैन्य क्षमता बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत सेना सूबे में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के साथ ही यहां अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) तैनात करने की तैयारी कर रही है। साथ ही हैवी फायरिंग रेंज बनाने को भूमि भी तलाशी जा रही है। अब सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने राज्य में माउंटेन रेजीमेंट की स्थापना की बात कही है।
दून पहुंचे थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड की सरहद, देश की किसी भी अन्य सीमा से कम या ज्यादा संवेदनशील नहीं है। हमारे पास यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त ताकत है कि यहां कोई घुसपैठ न हो। हम राज्य में माउंटेन रेजीमेंट स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं और इसके लिए काम चल रहा है।
माउंटेन रेजीमेंट की खासियत
विशेषज्ञ माउंटेन रेजीमेंट की खासियत शत्रु पर सीधे प्रहार की होती है। इसके जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं। इसमें उन्हीं जवानों को लिया जाता है जो लंबे वक्त तक पहाड़ी और बर्फीले इलाकों में रहने के आदी होते हैं। इनको खास तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। ये चीते की तरह फुर्तीले और सबसे कम वक्त में सबसे तेज तरीके से किसी भी आपरेशन को अंजाम देने में सक्षम होते हैं।

गन्ने की फसल होने के चलते नहीं कर पाए सर्वे

भारत सरकार ने 1998 में रुड़की-देवबंद रेल मार्ग बनाने की घोषणा की थी, लेकिन इस पर काम वर्ष 2007 में शुरू हुआ। परियोजना के लिए 600 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। 28 किमी लंबी इस परियोजना के बनने से दिल्ली से देहरादून का सफर 48 किमी कम हो जाएगा। रेलवे ने सर्वे का कार्य पूरा कर लिया था। साथ ही पिलर आदि भी लगा दिए थे। इसके बाद से इस परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा की सरकारें बनने के बाद इस परियोजना में तेजी आई। वर्ष 2012 में कराए गए सर्वे का जमीनी सच जानने के लिए रेलवे ने हाल ही में इस रेल लाइन का ड्रोन सर्वे कराया, जिसमें कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई।
सर्वे में पाया गया कि वर्ष 2012 में लगाए गए सीमांकन पिलर गायब है और अधिग्रहण की गई भूमि पर किसान खेती कर रहे हैं। रेलवे के दिल्ली डिवीजन के सेक्शन इंजीनियर नीरज गुप्ता ने बताया कि रेल लाइन के लिए अधिग्रहित भूमि पर गन्ने की फसल के कारण सर्वे नहीं हो पा रहा था। ऐसे में ड्रोन के जरिए सर्वे कराया गया। अब इस सर्वे का सत्यापन शुरू कर दिया गया है।

पंडित पंत एक कुशल प्रशासक व वक्ता थेःसीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी ऑडिटोरियम में भारत रत्न पंडित गोविन्द बल्लभ पंत के 130वें जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए पंडित गोविन्द बल्लभ पंत के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। त्रिवेन्द्र ने कहा कि 10 सितम्बर 1887 में अल्मोड़ा के खूंट गांव में जन्म लेने वाले पंडित गोविन्द बल्लभ पंत बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। देश की आजादी के बाद उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री, भारत के गृह मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर देश का नेतृत्व किया। 1955 में उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। उन्होंने काकोरी कांड के क्रांतिकारियों का मुकदमा भी लड़ा। वे एक कुशल प्रशासक के साथ ही ओजस्वी वक्ता भी थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा पीढ़ी को श्री पंत के जीवन आदर्शों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना होगा।

स्थानीय शिल्प और कला को दिया जायेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से बर्मिंघम इंडस्ट्रियल एक्सपो से लौटे 08 शिल्पियों के दल ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने शिल्पियों का स्वागत कर आशा की, कि वे अपने अनुभव से उत्तराखण्ड में और अधिक लोगों को प्रशिक्षित करेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव उद्योग को निर्देशित किया कि जो शिल्पी विदेश का अनुभव लेकर लौटे हैं, उनकी आवश्यकताओं को समझने के लिए एक मीटिंग की जाए और फिर सरकारी स्तर से जो भी मदद हो उनको दी जाए। मुख्यमंत्री ने शिल्पियों से कहा कि आधुनिक समय में गुणवत्ता के साथ-साथ डिजाइन व फैशन का भी बहुत महत्व है। उत्तराखण्ड के उत्पादों को फैशन में लाना होगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय शिल्प और कला को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जाएगा। सरकार न सिर्फ इसके लिए प्रशिक्षण दे रही है बल्कि विपणन केंद्रों के विकास के लिए भी संकल्पित है। प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि 04 सितंबर को बर्मिंघम में आयोजित इंडस्ट्रियल एक्सपो में गए भारतीय दल में उत्तराखंड के 08 शिल्पी सम्मिलित थे। उत्तराखंड के शिल्पियों ने नेचुरल फाइबर, ऊन और कॉपर के सामानों का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि एक्सपो में बहुत से व्यापारियों ने उत्तराखण्ड के उत्पादों में रुचि दिखाई। विशेष रुप से नेचुरल फाइबर और ऊन के स्टोल्स और शॉल ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। कॉपर से निर्मित उत्पादों की प्रशंसा हुई। इस दौरे से उत्तराखण्ड के शिल्पियों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार का अनुभव प्राप्त हुआ और इसके साथ ही उन्हें बाजार की मांग की जानकारी भी मिली। उन्होंने बताया कि यह सभी शिल्पी मास्टर क्राफ्ट मैन है और प्रत्येक शिल्पी 100100 शिल्पियों को प्रशिक्षित करेगा। बर्मिंघम के दल में उत्तरकाशी के चंद्र लाल, नरेश, अल्मोड़ा के बलवंत टम्टा, बागेश्वर के शिव लाल, चमोली के धरमलाल और गुड्डी देवी तथा हरिद्वार के मुकेश और आशु सम्मिलित थे। अपर निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल ने बताया कि उत्तराखंड के शिल्पियों के दल ने बर्मिंघम, यूनाइटेड किंगडम में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय उद्योग मेले में 04 सितंबर को प्रतिभाग किया था। यह दल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट और उत्तराखंड हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट काउंसिल के संयुक्त तत्वाधान में बर्मिंघम में स्थापित भारतीय पवेलियन में सम्मिलित हुआ था।