अधर में लटका छात्रों का भविष्य, ग्रामीणों ने स्कूल में लगाये ताले

नारायणबगड़ क्षेत्र के राजकीय आदर्श इंटर कालेज पैंतोली में शिक्षकों की कमी के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। अभिभावकों ने मंगलवार सुबह स्कूल खुलने से पहुंचकर गेट पर ताला लगा दिया। बाहर बैठकर नारेबाजी करते हुए धरना दिया। विद्यालय के पीटीए अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि वर्ष 2015 में राजकीय इंटर पैतोली को आदर्श विद्यालय का दर्जा दिया गया, लेकिन अध्यापकों की कमी के कारण छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालय में 215 छात्र-छात्राएं अध्धयनरत हैं। वहीं पांच प्रवक्ता, जिनमें हिन्दी, अंग्रेजी, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और राजनीति शास्त्र के पद खाली हैं। एलटी स्तर पर हिन्दी, विज्ञान और कला के टीचर नहीं हैं।
ग्राम प्रधान सीरी महेन्द्र सती ने बताया कि वर्तमान में इंटर कॉलेज राजकीय जूनियर हाईस्कूल के भवन में संचालित हो रहा है, जो काफी पुराना है। विद्यालय में चारदिवारी न होने के कारण जंगली जानवरों का भय बना रहता है। इस दौरान भगवती सती, मुन्नी देवी दीपक प्रसाद, मोहित गुंसाई, तुला लाल, विपिन दानू, अयोध्या प्रसाद, चंद्रमणी सती, राजकुंवर आदि अभिभावक मौजूद रहे। इस अवसर पर पीटीए की ओर से शिक्षा निदेशक को ज्ञापन प्रेषित कर शीघ्र ही अध्यावकों की नियुक्ति की मांग की गई है।

राज्य में पुलिस पर लोगों का भरोसा बढ़ाः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पुलिस लाईन में उत्तराखण्ड पुलिस के ट्रेनी आरक्षियों (कांस्टेबल्स) के पासिंग आउट परेड की सलामी ली। इस अवसर पर प्रशिक्षु पुलिस आरक्षियों और उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक समय में पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ी है। पुलिस का काम आगे बढ़ कर बहुत से अन्य सामाजिक सरकारों से जुड गया है। पुलिस पर लोगों का भरोसा भी बढ़ा है। राज्य में जहां राजस्व पुलिस की व्यवस्था लागू है, वहां भी लोगों द्वारा रेगुलर पुलिस की मांग की जाने लगी है। उत्तराखण्ड पुलिस में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर हर्ष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस में महिलाओं की संख्या 11 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि राष्ट्रीय औसत 7 प्रतिशत है। पुलिस फोर्स में महिलाओं की भागीदारी के क्षेत्र में उत्तराखण्ड देश के शीर्ष पांच राज्यों में सम्मिलित हो गया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब प्रदेश हर थाने में एक या उससे ज्यादा महिला पुलिस की तैनाती हो सकेगी। इससे महिला संबंधी अपराध की रोकथाम और उसके कुशल निवारण में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘जब मैं अपनी बेटियों को इस वर्दी में देख रहा हूं तो मुझे अपार प्रसन्नता हो रही है। आज मैं कह सकता हूं कि उत्तराखंड राज्य में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान खूब फल फूल रहा है। आप सारी बेटियां इस राज्य का गौरव है और आपसे उम्मीद है कि आप सब पूरी ईमानदारी और लगन से पुलिस महकमे में अपनी अलग पहचान बनाऐंगी।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस का नशे के कारोबार के विरूद्ध एक कठोर अभियान चलाने में भी महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने सभी पास आउट आरक्षियों को उनके सफल कैरियर के लिये शुभकामनाएं भी दी।
पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने बताया कि कुल 175 ट्रेनी आरक्षियों का प्रशिक्षण रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर देहरादून में हुआ। कुल सीधी भर्ती के 141 महिला आरक्षियों एवं 34 पुरूष रिक्रूट आरक्षियों को 09 माह का आधारभूत प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें प्रशिक्षण देने हेतु 27 पुलिस अधिकारीकर्मी नियुक्त रहे। देहरादून जनपद के अतिरिक्त रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर जनपद हरिद्वार, उधमसिंहनगर, चम्बा (टिहरी गढ़वाल), 31वीं वाहिनी पीएसी में भी कुल 792 प्रशिक्षु महिला आरक्षियों का प्रशिक्षण सम्पन्न कराया गया तथा इन सभी स्थानों पर भी पासिंग आउट परेड विभिन्न तिथियों में आयोजित की जा रही है। दीक्षांत परेड में प्रशिक्षण अवधि में सर्वांगसर्वोत्तम श्रेणी में महिला आरक्षी कविता और अंजना बेलवाल और पुरूष आरक्षी अंकित बिष्ट को पुरस्कार भी प्रदान किया गया। इस अवसर पर एडीजी अशोक कुमार, आईजी दीपम सेठ सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।

काशीपुर की शायरा बानो के मजबूत इरादे से जगी आस

तीन तलाक के मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने वाली शायरा बानो उत्तराखंड की बेटी है। शायरा उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली है। उनका निकाह साल 2002 में इलाहाबाद के रिजवान अहमद से हुई थी। ससुराल वालों की दहेज प्रताड़ना, फिर पति के तलाक देने के बाद शायरा बानो कोर्ट पहुंचीं। आरोप है कि पति शायरा बानो को लगातार नशीली दवाएं देकर याददाश्त कमजोर कर दिया और साल 2015 में मायके भेजकर तलाक दे दिया था। मार्च, 2016 में उतराखंड की शायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके तीन तलाक, हलाला निकाह और बहु-विवाह की व्यवस्था को असंवैधानिक घोषित किए जाने की मांग की थी।
शायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वह तीन बार तलाक बोलकर तलाक देने की बात को नहीं मानती हैं। शायरा की याचिका में मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरियत) एप्लीकेशन एक्ट, 1937 की धारा 2 की वैध्यता पर भी सवाल उठाए गए हैं। यही वह धारा है जिसके जरिये मुस्लिम समुदाय में बहुविवाह, तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) और निकाह-हलाला जैसी प्रथाओं को वैध्यता मिलती है। इनके साथ ही शायरा ने मुस्लिम विवाह विघटन अधिनियम, 1939 को भी इस तर्क के साथ चुनौती दी है कि यह कानून मुस्लिम महिलाओं को बहुविवाह जैसी कुरीतियों से संरक्षित करने में सार्थक नहीं है।
देश की सर्वोच्च अदालत में पांच धर्मों के जस्टिस मिलकर शायरा बानो के मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस मामले पर फैसला सुनाने वाले जजों में चीफ जस्टिस जेएस खेहर (सिख), जस्टिस कुरियन जोसफ (क्रिश्चिएन), जस्टिस रोहिंग्टन एफ नरीमन (पारसी), जस्टिस यूयू ललित (हिंदू) और जस्टिस अब्दुल नजीर (मुस्लिम) शामिल रहें।

ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, लगी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक बार में तीन तलाक पर अगले छह महीने तक के लिए रोक लगा दी है। संसद जब तक इस पर कानून नहीं लाती तब तक ट्रिपल तलाक पर रोक रहेगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को संसद में इसे लेकर कानून बनाने के लिए कहा है। इससे पूर्व 11 से 18 मई तक रोजाना सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि मुस्लिम समुदाय में शादी तोड़ने के लिए यह सबसे खराब तरीका है। कोर्ट ने सवाल किया कि क्या जो धर्म के मुताबिक ही घिनौना है। वह कानून के तहत वैध ठहराया जा सकता है? सुनवाई के दौरान यह भी कहा गया कि कैसे कोई पापी प्रथा आस्था का विषय हो सकती है.
दरअसल, शायरा बानो ने तीन तलाक के खिलाफ कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की थी। इस पर शायरा का तर्क था कि तीन तलाक न तो इस्लाम का हिस्सा है और न ही आस्था। उन्होंने कहा कि उनकी आस्था ये है कि तीन तलाक मेरे और ईश्वर के बीच में पाप है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी कहता है कि ये बुरा है, पाप है और अवांछनीय है।
इस खंड पीठ में सभी धर्मों के जस्टिस शामिल हैं जिनमें चीफ जस्टिस जेएस खेहर (सिख), जस्टिस कुरियन जोसफ (क्रिश्चिएन), जस्टिस रोहिंग्टन एफ नरीमन (पारसी), जस्टिस यूयू ललित (हिंदू) और जस्टिस अब्दुल नजीर (मुस्लिम) शामिल हैं।

सीएम को ट्वीट कर की शिकायत, अगले ही दिन हुआ समाधान

आज के दौर में हर कोई सोशल मीडिया का बखूबी उपयोग करता नजर आ सकता है और यह आम लोगों से संवाद स्थापित करने और उनकी समस्याओं के निस्तारण में अहम भूमिका निभाता है, तो ऐसे में शासन भी इससे अछुता नहीं है। ऐसा ही एक वाकया सामने आया है जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोशल मीडिया के जरिये समस्या का निदान किया है। मुख्यमंत्री सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं, उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को भी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने को कहा है। मुख्यमंत्री की अपील पर अल्मोड़ा की जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव ने भी सोशल मीडिया का उपयोग करके लोगों की समस्याएं सुलझाने का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। दरअसल अल्मोड़ा के चौखुटिया की रहने वाली अंबुली देवी को पिछले 6 महीन से समाज कल्याण विभाग द्वारा विधवा पेंशन नहीं मिली। ऐसे में नम्रता कांडपाल नाम की महिला ने ट्वीटर के माध्यम से मुख्यमंत्री को शिकायत लिखी। मुख्यमंत्री ने शिकायत को ट्वीटर पर ही अल्मोड़ा की जिलाधिकारी को फॉरवर्ड करते हुए कार्रवाई के आदेश दिए। जिस पर डीएम ने तुरन्त संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की। डीएम ने ट्वीटर पर ही शिकायतकर्ता से अंबुली देवी के विवरण उपलब्ध कराने को कहा जिस पर आगे की कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी ने अगले ही दिन उनकी पेंशन का चेक जारी किया। जिलाधिकारी, अल्मोडा ने मुख्यमंत्री और शिकायतकर्ता को ट्वीटर पर टैग करते हुए चेक की फोटो एवं विधवा पेंशन की धनराशि जारी किये जाने का आदेश पोस्ट किये। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर इसी प्रकार जनता की समस्याओं के त्वरित निस्तारण की अपेक्षा की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए है कि जिन जनपदों में जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षकों द्वारा सोशल मीडिया का उपयोग प्रारम्भ नहीं किया गया है वे तत्काल इसका उपयोग जन समस्याओं के निस्तारण और महत्वपूर्ण सूचनाओं के प्रसार हेतु करें।

चीनी बॉर्डर पर सरकार का निर्देश, जल्द सड़क बनाने के दिए आदेश

चीन और भारत में डोकलाम विवाद के बीच सरकार ने बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) की फाइनेंशियल और एडमिनिस्ट्रेटिव पावर बढ़ा दी हैं। सरकार ने इसलिए ये कदम उठाया ताकि 3,409 किलोमीटर लंबे इंडिया-चीन बॉर्डर के पास सड़कें बनाने का काम तेजी से किया जा सके। दरअसल, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इंडिया-चीन बॉर्डर से लगे 61 प्रोजेक्ट लंबे समय से अटके हुए हैं। इंडिया-चाइना बॉर्डर रोड के तहत बनने वाले ये प्रोजेक्ट स्ट्रैटेजिकली इम्पॉर्टेंट हैं व ऐसे इलाकों को सड़कों से जोड़ने का काम कर रहा है, जहां पहुंचना मुश्किल है। असलियत में, सिक्किम सेक्टर में भूटान ट्राइजंक्शन के पास चीन एक सड़क बनाना चाहता है। भारत और भूटान इसका विरोध कर रहे हैं। करीब 2 महीने से इस इलाके में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं। डिफेंस मिनिस्ट्री नेे कहा, बीआरओ में बदलाव लाने का मकसद काम को सही रफ्तार से पूरा करना है, ताकि आर्मी जरूरत के मुताबिक नतीजे हासिल किए जा सकें। बता दें कि इससे पहले बीआरओ के डायरेक्टर जनरल के पास स्वदेशी मशीनरी और इक्विपमेंट के लिए 7.5 करोड़ और विदेश मशीनरी के लिए 3 करोड़ रुपए के अप्रूवल अथॉरिटी थी।
डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा, बीआरओ को बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों के साथ बातचीत की भी आजादी दे दी गई है, ताकि काम को जल्द पूरा करने में मदद मिल सके। चीफ इंजीनियर और टास्क फोर्स कमांडर लेवल तक फाइनेंशियल पावर दे दी गई हैं ताकि चीफ इंजीनियर और बीआरओ डायरेक्टर जनरल और डिफेंस मिनिस्ट्री के बीच बातचीत के नजरिए से भी काम में किसी तरह की रुकावट ना आए।

चीन की बढ़ती गतिविधियों से सीमांत जनपद के चरवाहों ने पहाड़ छोड़ा

उत्तराखण्ड के सीमा बडाहोती पर लगातार चीनी और भारतीय सैनिको की बढती चहल कदमी ने इस इलाके में सालो से अपनी बकरियों को चराने वाले चरवाहो को वापस नीचे उतरने पर मजबूर कर दिया है। ताजा खबर है कि चीन की सेना की ओर से चेतावनी दी है जिसमें कहा गया है कि यह चीन की सीमा है और वापस चले जाओ।
इस धमकी के बाद बकरिया चराने वाले चरवाहो ने सीमाओ से नीचे उतरने में ही अपनी भलाई समझी जबकि चरवाहें हर साल ठण्ड शुरू होने पर ही पहाडी सीमाओ से नीचे आते हे। लेकिन सीमाओ पर सैनिको की बढती चहल कदमी से बकरी चराने वाले लोगो ने ठण्ड का मौसम शुरू होने से पहले ही अपनी बकरियो के साथ नीचे की तरफ आने लग गये है। बकरी चराने वाले लोगो का कहना है कि अभी तक इनको यह रहने में कोई परेशानिया नही थी लेकिन सीमा पर चीनी सैनिको के संख्या बढ गई है और बार बार चेतावनी दी जा रही है कि कोइ्र भी जानवर नाले से पार आये तो ठीक नही होगा। जिससे सहमे चरवाहें बकरी लेकर पहाडी से नीचे की तरफ उतरने लगे है।

नामी बदमाश के नाम पर रिक्शा चालक मांग रहा 20 लाख की रंगदारी!

जल्द लखपति बनने के लिए एक रिक्शा चालक ने जरायम का रास्ता चुना लेकिन पहली ही चाल में पुलिस के हत्थे चढ गया। पुलिस ने रूडकी के कारोबारी से बीस लाख रुपए चौथ मांगने के आरोप में रिक्शा चालक को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी रिक्शा चालक नामी बदमाश सचिन खोखर के नाम पर रंगदारी मांग रहा था।
एसपी देहात मणिकांत मिश्रा ने बताया कि कल नलिन गुप्ता पुत्री मदन गोपाल निवासी पूर्वी राजपूतान अनाजमंडी ने गंगनहर कोतवाली को सूचना दी उनसे कुख्यात सचिन खोखर के नाम से 20 लाख रूपये मांगे जा रहे हैं और धमकी दी जा रही है। मामले का तुरंत संज्ञान लेते हुए एसपी देहात ने एक गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमर चन्द शर्मा और एसएसआई चंद्रमोहन सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया। गंगनहर पुलिस और सीआईयू की सुरागरसी से मुखबीर द्वारा सूचना प्राप्त हुयी। जिस पर पुलिस ने आज इंतज़ार पुत्र फ़तेह मोहम्मद निवासी ग्राम मख्याली कलां थाना लक्सर हरिद्वार को अनाजमंडी बीटी गंज से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में इंतज़ार ने बताया कि वह रिक्शा चलाता है। उसे मालूम था कि नलिन गुप्ता के पास काफी पैसा है। एसपी देहात ने बताया कि इंतज़ार ने पूछताछ के दौरान बताया कि इंतज़ार ने पैसों के लालच में आकर नलिन गुप्ता को अपने फ़ोन में सिम बदलकर धमकी दी और बीस लाख रूपये की मांग की। जब एक दो बार फोन करने के बाद नलिन गुप्ता द्वारा कोई जवाब नही दिया तो 16 अगस्त को पवन पुत्र कलीराम निवासी ग्राम बेलडा रुड़की हरिद्वार से उसका फोन मांगकर अपना सिम डालकर कुख्यात सचिन खोखर के नाम से नलिन गुप्ता से 20 लाख की मांग की और धमकी दी। पुलिस ने फोन, सिम और एक पैन ड्राइव भी बरामद कर लिए हैं। पुलिस टीम में प्रभारी अमर चन्द शर्मा, एसएसआई चंद्रमोहन सिंह, उपनिरीक्षक यशवंत खत्री, कांस्टेबल देवेन्द्र ममगाईं, कपिल देव, सीआईयू से अशोक और रविन्द्र खत्री शामिल रहे।

खुशखबरीः कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर से शुरु

कैलाश मानसरोवर यात्रियों के लिए खुशखबरी है। बादल फटने और रास्ते अवरुद्ध होने के चलते कैलाश मानसरोवर यात्रियों को अपनी यात्रा पूरी न होने की शंका थी। तीन दिनों से रुकी कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर से शुरु हो गई। आज 13वें दल के सदस्यों को गुंजी से धारचूला और पिथौरागढ़ नैनी-सैनी हवाई पट्टी मे सेना के हैलीकाप्टर द्वारा पहुंचाया गया।
जिलाधिकारी पिथौरागढ़ का कहना है कि 13वां दल जो यात्रा पूरी करके लौट गया था उसके यात्रियों को आज गुंजी से धारचूला और 15 यात्रियों को पिथौरागढ़ नैनी-सैनी पहुचाया गया है। 14वां और 15वां दल इस समय कैलाश की परिक्रमा कर रहा है। वही 16वां दल सिर्खा से वापस धारचूला पहुंचाया गया है। जिसे हैलीकाप्टर द्वारा गुंजी ले जाया जायेगा। वही 17वां जत्था आज दिल्ली से यात्रा के लिसे रवाना हुआ है। इन यात्रा दलों को हैलीकाप्टर से पहुंचाया जायेगा।
इस बीच प्रशासन ध्वस्त हुये रास्तो को ठीक करने मे लगा हुआ है। प्रशासन का दावा है कि जल्द ही पूरी व्यास घाटी के टूटे रास्ते ठीक हो जायेगे।

सीएम आवास में दीनदयाल गाथा का आयोजन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष में आयोजित दीनदयाल गाथा कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। पंडित दीनदयाल जन्म शताब्दी वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोजित कथा में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन की सभी विचार सुंदर ढंग से प्रस्तुत किए गए हैं। इससे पंडित दीनदयाल की संदेशों पर आचरण करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। सरकार द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की एकात्म मानवतावाद की भावना के अनुरूप देश से गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी जैसी समस्याओं को समाप्त करने के लिए कार्य किया जा रहा है।
मौके पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कार्यक्रम में प्रतिभाग करने हेतु मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन कथा वाचक अजय भाई ने किया।