बारिश ने रोकी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति

केदारनाथ हाईवे पर लगातार हो रहे भूस्खलन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाईवे पर जगह-जगह हो रहे भूस्खलन से केदारनाथ यात्रा बुरी तरह प्रभावित हो रही है। हाईवे पर आवाजाही बाधित होने से देश-विदेश से बाबा के दर्शनों के लिये यहां पहुंच रहे तीर्थ यात्री समय पर केदारनाथ धाम नहीं पहुंच पा रहे हैं। साथ ही केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ावों में समय पर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। जिसका खामियाजा यात्रियों के साथ ही केदारघाटी की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
पहाड़ों में आफत की बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। लगातार हो रही बारिश से जहां आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। वहीं जगह-जगह भूस्खलन होने से जिदंगी पटरी से उतर रही है। केदारनाथ धाम की यात्रा में भी भूस्खलन बाधक बन रहा है। केदारनाथ हाईवे पिछले एक सप्ताह से भूस्खलन के कारण जगह-जगह बंद हो रहा है। केदारनाथ हाईवे बांसबाड़ा और डोलिया देवी में नासूर बन गया है। डोलिया देवी में आये दिन भूस्खलन होने से घंटों तक आवाजाही प्रभावित हो रही है। जिस कारण यात्रियों को कई घंटों तक यहां पर रूकना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि देश-विदेश से बाबा केदार के दर्शनों के लिये पहुंच रहे यात्रियों को बारिश में भीगकर हाईवे खुलने का इंतजार करना पड़ रहा है। केदारनाथ हाईवे के बंद होने से यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग, सीतापुर, गौरीकुंड, फाटा आदि स्थानों में समय पर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। केदारघाटी की जनता और केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्री केदारनाथ हाईवे पर जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं।

काश्तकारों को बड़ी राहत, जौनपुर विकासखण्ड में खुलेगा कोल्ड स्टोर

टिहरी जिले के जौनपुर विकासखण्ड के सकलाना क्षेत्र में काश्तकारों की नकदी फसल को बचाने के लिए एक कोल्ड स्टोर खोला जायेगा। यह निर्देश सचिव उद्यान डी सैंथिल पांडियन ने दिए है। सकलाना पट्टी के राजीव गांधी संसाधन परिषद मंज गांव में एकीकृत आजीविका मिषन की और से आयोजित कार्यषाला में उद्यान सचिव ने कहा कि योजना का मुख्य उद्देष्य काष्तकारों को आत्मनिर्भर बनाना है। कहाकि कृषि और उद्यान की उत्तराखण्ड में अपार संभावना है। बताया कि कृषि को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र में सात बडे और चालीस छोटे बीज संग्रह केन्द्र और 170 रैन वॅाटर हार्वेस्टिग टैंकों का निर्माण किया जाएगा। किसानों को फसल बीमा की जानकारी देते हुए समूह के माध्यम से फल, सब्जी, जड़ी-बूटी उत्पादन को प्रोत्साहन देने और मिलने की बात कही। सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए सचिव उद्यान ने बताया कि शीघ्र ही प्रदेष में नर्सरी लागू की जा रही है।

बारिश के चलते तालुका मार्ग बंद

उत्तराकशी के मोरी क्षेत्र में भारी बारिश के कारण हालरा गदेरा उफान पर आ गया। खड्ड उफान पर होने से सांकरी तालुका मोटर मार्ग बंद हो गया। इससे क्षेत्र के चार गांव की आवाजाही पूर्ण रूप से ठप हो गई। ग्रामीण अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं।
जनपद मुख्यालय के सीमांत विकासखंड मोरी में बारिश ने लोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बीते कई दिनों से जारी मूसलाधार बारिश के कारण जहां कई गांव के संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं मंगलवार देर रात को हुई भारी बारिश के चलते सांकरी-तालुका मोटर मार्ग पर हालरा खड्ड उफान पर आने से मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।
गदेरे के उफान पर आने से सड़क पर बना पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया। इससे ओसला, पंवाड़ी, गंगाड़, ढाटमीर, तालुका आदि गांव का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट गया। ग्रामीण उमराव सिंह चौहान, बचन सिंह पंवार ने बताया कि मार्ग बंद होने के कारण वह अपने दैनिक कार्यों को नहीं कर पा रहे हैं। वहीं क्षेत्र की नगदी फसलों को बाजार तक नही पहुंचा पा रहे हैं। जिससे उनको काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

एनआरआइ कोटे से पुराने नोट बदल रहे दो लोग गिरफ्तार

एनआरआइ कोटे से पुरानी करेंसी बदलने की फिराक में घूम रहे दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से 79 लाख 45 हजार रुपये की पुरानी करेंसी के नोट बरामद हुए। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर कोर्ट में पेश कर दिया।
आज एएसपी आफिस पर बांसफोड़ान चौकी इंचार्ज जसविंदर सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि बीते शाम पुलिस गश्त पर थी। इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि दो युवक पंत पार्क में पुरानी करेंसी को नई करेंसी से बदलने के लिए किसी का इंतजार कर रहे हैं। इस पर पुलिस ने एक टीम गठित कर आरोपियों को पकड़ने के लिए लग गई।
सूचना पर पुलिस ने पंत पार्क से दोनों आरोपियों को पकड़ लिया। तलाशी में उनके पास से बैग में 79 लाख 45 हजार रुपये की पुरानी करेंसी के नोट बरामद हुए। बरामद हुई रकम में 55 लाख रुपये पांच सौ के नोट व 24 लाख 45 हजार रुपये एक हजार के नोट थे। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम जसविंदर सिंह उर्फ पप्पू पुत्र जोरा सिंह निवासी ग्राम गिरधई आइटीआइ व परमजीत सिंह उर्फ सोनू पुत्र गुरमीत सिंह निवासी मालवा फार्म जसपुर-खुर्द, आइटीआइ बताया। आरोपियों ने बताया कि नोटबंदी के समय उन्होंने कमीशन पर पुराने नोट बदले थे।

साइबर ठगी के मामले में महिला साथी गिरफ्तार

97 दूनवासियों के बैंक खातों में सेंध लगाकर की गई लाखों रुपये की साइबर ठगी में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने आरोपी साइबर ठगों की महिला साथी को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी गैंग में अहम भूमिका थी। गिरोह के लिए रुपयों से लेकर गाड़ी तक का इंतजाम यही महिला करती थी। उसके कब्जे से पुलिस ने 2.32 लाख रुपये, चार एटीएम कार्ड, दो चेक बुक, एक पासबुक और हरियाणा नंबर की स्कॉपियो के कागजात बरामद किए हैं।
इस प्रकरण में यह पहली गिरफ्तारी है। आरोपी महिला की पहचान अनिल कुमारी पुत्री दया सिंह निवासी सोनीपत हरियाणा के रूप में हुई। उसे सेक्टर तीन रोहतक स्थित एक घर से गिरफ्तार किया गया। महिला के साथियों की तलाश में पुलिस की दबिश जारी है। एसएसपी एसटीएफ रिधिम अग्रवाल और एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि आरोपी महिला को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
गौरतलब है कि देहरादून में जुलाई के पहले सप्ताह में साइबर ठगी की घटना सामने आई थी। शातिर ठगों ने एसबीआइ के एटीएम में स्कीमर डिवाइस लगाकर विभिन्न बैंकों के खाताधारकों के एटीएम कार्ड के क्लोन तैयार किए और इसके बाद इन खातों से करीब तीस लाख रुपये निकाल लिए। मोबाइल पर रुपये निकासी का मैसेज आने पर खाताधारकों को इसका पता चला। 14 जुलाई से ये मामले सामने आने लगे। अभी तक 97 लोग इस संबंध में मामला दर्ज करा चुके हैं और करीब 30 लाख रुपये निकाले जाने का पता चला है। ठगों ने एक से आठ जुलाई के बीच एटीएम कार्डों की क्लोनिंग की थी।

काफी पहले हो गई थी आरोपियों की पहचान
राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित की थी, जिसके निर्देशन में एसटीएफ और विभिन्न थानों की पुलिस ठगों तक पहुंचने की कड़ियां जोड़ रही थी। दून-दिल्ली से लेकर जयपुर तक के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को महत्वपूर्ण कड़ियां हाथ लगी। इसके बाद दून के होटलों और धर्मशालाओं में इस दौरान रुके लोगों के बारे में जानकारी जुटाकर आरोपी साइबर ठगों की पहचान की गई। 10 दिन की मैराथन कसरत के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों झज्जर (हरियाणा) निवासी रामबीर, सुदेश और जगमोहन की पहचान कर ली थी। हालांकि, इनकी गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है। वहीं सोमवार तक पुलिस ने खातों से उड़ाई रकम का भी पता लगा लिया। शातिरों ने रकम झज्जर में कैलाशो देवी नामक महिला के खाते में जमा कराई थी। इस खाते में 34 लाख रुपये जमा हैं। पुलिस ने इस खाते को 24 जुलाई को फ्रीज करा दिया था।
पुलिस ने बताया कि अनिल कुमारी, रामबीर की बेहद करीबी है। वह दोनों दिल्ली में लिव इन रिलेशनशिप में रहते थे। रामबीर के साथ अनिल कई बार दिल्ली, जयपुर और हिमाचल प्रदेश गई। बाद में रामबीर ने उसे गैंग में शामिल कर लिया और कुछ दिनों में ही वह गैंग की अहम सदस्य बन गई। वह गैंग के सदस्यों के लिए गाड़ी, रहने की व्यवस्था, सिम कार्ड आदि सभी जरूरी चीजें और सामान उपलब्ध कराती थी। ठगी के रुपयों का सेटेलमेंट भी अनिल ही करती थी।

अन्य राज्यों में भी दे चुके हैं घटना को अंजाम
पुलिस ने बताया कि यह गैंग दून ही नहीं बल्कि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, जयपुर समेत कई स्थानों में भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। गैंग के सदस्य ऐसी एटीएम मशीनों को निशाना बनाते हैं, जहां गार्ड न हो। एटीएम में घुसते ही यह कैमरा खराब करते और फिर स्कीमिंग डिवाइस (स्कीमर) लगा देते थे। इससे पहले वह आसपास के एटीएम को ग्लू या अन्य तरीकों से खराब कर देते, जिससे लोग डिवाइस लगे एटीएम से निकासी करें। एटीएम की क्लोनिंग करने के बाद यह गिरोह अन्य राज्यों में जाकर रुपये निकालता था। ठगी के रुपयों से ये लोग या तो जमीन खरीदते या गाड़ियां और फ्लैट।

सीएम के प्रयासों से गढ़वाली व कुमाऊंनी बोली को मिलेगा बढ़ावा

गढ़वाली व कुमाऊंनी बोली के प्रचार-प्रसार के लिए एक अनूठी पहल की गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गढ़वाली व कुमाऊंनी बोली को संविधान की 8 वीं अनुसूची में शामिल किए जाने के प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि गढ़वाली व कुमाऊंनी बोली को दर्जा दिलाने की मांग पहले भी संसद में भी उठाई जा चुकी है और यह प्रयास जारी है।
उत्तराखंड की लोक भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र द्वारा सोशल मीडिया में भी गढ़वाली, कुमाऊंनी व उत्तराखंड की अन्य बोली भाषा में आम-जन से संवाद स्थापित किया जा रहा है। जिसकी शुरूआत आज मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीटर अकाउंट में गढ़वाली व कुमाऊंनी बोली में ट्वीट कर की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सदैव अपनी संस्कृति, बोली भाषा से जुड़ाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज का युवा सोशल मीडिया में अधिक सक्रिय है। सोशल मीडिया में अपनी लोक भाषा गढ़वाली, कुमाऊंनी व उत्तराखंड की अन्य बोली भाषा में संवाद करने से युवा पीढ़ी के साथ-साथ भावी पीढ़ी को भी अपनी बोली व संस्कृति से जुड़ने का मौका मिलेगा। सीएम ने लोगों से अपेक्षा की है कि वे समय-समय पर सोशल मीडिया पर गढ़वाली, कुमाऊंनी व उत्तराखंड की अन्य बोली भाषा में भी उनसे संवाद स्थापित करेंगे।

आग लगने से मकान राख, मवेशी की मौत

तहसील क्षेत्र के मगर डोर गांव में आग लगने से एक दो मंजिला मकान जलकर राख हो गया। अग्निकांड के समय घर में मौजूद पांच लोगों ने किसी तरह भागकर जान बचाई। इस हादसे में एक क मवेशी की जलकर मौत गई। बुधवार देर रात करीब 12.15 बजे मगर डोर गांव निवासी भवान सिंह के रसोई घर में आग लग गई। रसोई घर की आग ने दो मंजिले मकान को पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया। लकड़ी के बने इस मकान में तेजी से आग भड़क गई। घर में सो रहे पांच लोगों को जैसे ही तेज धुएं के कमरों में भर जाने का ऐहसास हुआ उन्होंने तत्परता से भागकर अपनी जान बचाई । घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंचे राजस्व निरीक्षक दीन दयाल वर्मा व ग्रामीणों की टीम ने आग पर काबू पाने का प्रयास किया। इसमें वे विफल रहे। इस घटना के बाद भवान सिंह का परिवार सड़क पर आ गया है। फिलहाल परिवार ने गांव में दूसरे व्यक्ति के मकान में शरण ली है।

भूस्खलन से दस दुकानें हुई मलबे में ध्वस्त

भारी बारिश से चमियाला बाजार में भूस्खलन से दस निर्माणाधीन दुकानें मलबे में दब गईं। यहां सड़क पर खड़ा डंपर भी मलबे की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गया।
चमियाला-बूढ़ाकेदार सड़क पर मलबा आने से दो घंटे तक यातायात बाधित रहा। भूस्खलन से आसपास की दुकान और भवनों को भी खतरा बना हुआ है।
चमियाला क्षेत्र में बुधवार शाम से ही भारी बारिश शुरू हो गई थी, जिससे रात को चमियाला बाजार में भूस्खलन हो गया। भूस्खलन से चमियाला निवासी सोहन लाल पुत्र रैठू लाल की निर्माणाधीन दुकानें मलबे में दब गईं।
दुकानों पर एक सप्ताह पूर्व छत डाली गयी थी, लेकिन भूस्खलन से आठ दुकानें पूरी तरह मलबे में दब गई। जबकि दो दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। आसपास के भवन और दुकानों को भी भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। भूस्खलन के मलबे से चमियाला-बूढ़ाकेदार मार्ग पर गुरुवार सुबह दो घंटे तक यातायात बाधित रहा।

गुलदार स्कूल में घुसा और मच गई भगदड़

श्रीनगर के पास बुघाणी मार्ग पर खोला गांव में गुलदार की दहशत है। यहां गुरुवार को दोपहर के समय स्कूल में गुलदार घुस गया। इसके बाद बच्चों और टीचरों की चीख-पुकार मच गई।
जानकारी के अनुसार जूनियर हाईस्कूल स्कूल खोला में गुरुवार को कक्षाएं चल रही थी। स्कूल में उस वक्त चार-पांच बच्चे ही थे। जबकि तीन शिक्षिकाएं मौजूद थीं। सभी एक कमरे में थे। तभी उन्होंने गुलदार के घुर्राने की आवाज सुनीं। सभी सतर्क हो गईं। शिक्षिकाओं ने तुरंत दरवाजा बंद कर लिया। इसी बीच गुलदार स्कूल के आंगन में धमक गया। इससे शिक्षिकाओं ने बच्चों की चीख-पुकार मच गई। यह सुनकर गांव के लोग स्कूल की ओर दौड़ पड़े। काफी देर तक गुलदार आंगन में घुमता रहा। ग्रामीणों को आता देख गुलदार जंगल की ओर भाग निकला।
खोला के नितिन घिल्डियाल व स्कूल की शिक्षिका राधा बिष्ट ने बताया कि स्कूल में गुलदार के घुसने की सूचना मिलने पर गांव वाले स्कूल में पहुंचे। तब जाकर गुलदार वहां से भागा। उन्होंने कहा कि इस घटना से स्कूल के बच्चे व शिक्षिकाएं बुरी तरह से सहमी हुई हैं। सूचना पर श्रीनगर तहसीलदार सुनील राज व वन विभाग की टीम स्कूल में पहुंची। ग्रामीणों ने तहसीलदार व वन विभाग की टीम से गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने तथा गश्त लगाए जाने की मांग की।
तीन लोगों पर झपटा मार चुका है गुलदार
बीते बुधवार को ही गुलदार ने दो अलग-अलग बाइक में सवार तीन लोगों पर झपटा मार दिया था। इस घटना में एक महिला व युवक घायल हो गए थे। उनके पांवों पर गुलदार ने नाखून मारे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार खोला के नरेश कुमार अपनी मां बीना देवी के साथ बाइक से श्रीनगर से खोला गांव जा रहे थे। गांव के नजदीक ही सड़क के ऊपर से गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। जिसमें बीना देवी के पांवों पर गुलदार ने नाखून गाड़ दिए। बाइक का हमला होते ही नरेश कुमार ने बाइक की स्पीड तेज कर दी। जिससे वह गुलदार के चंगुल से बच गए। इसी घटना के दस मिनट बाद खोला के निर्मल घिल्डियाल(21) भी श्रीनगर से बाइक से खोला गांव आ रहे थे। घात लगाए बैठे गुलदान ने उस पर भी हमला कर दिया। निर्मल के भी पांव पर गुलदार ने नाखून मारे हैं। किसी तरह निर्मल ने गुलदार से अपनी जान बचाई। सूचना मिलते ही तहसीलदार सुनील राज टीम सहित मौके पर पहुंचे। उन्होंने घायलों को तत्काल संयुक्त अस्पताल पहुंचाकर उपचार दिलाया। उन्होंने कहा कि वन विभाग को क्षेत्र में पिंजरा लगाने के आदेश दे दिए गए हैं।

पंतजलि के सहयोग से बदलेगी प्रदेश के किसानों की आर्थिकी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और बाबा रामदेव की मौजूदगी में राज्य सरकार और पतंजलि के बीच सहयोग कार्यक्रम पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से 5 क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर सहमति बनी।
मुख्यमंत्री आवास पर हुए इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड को जैविक कृषि और जड़ीबूटी राज्य बनाना, राज्य के मोटे अनाज की व्यवसायिक खपत को बढ़ाना, राज्य में आयुष ग्रामों की स्थापना करना, एक विशाल गोधाम (गाौ शाला) की स्थापना करना और पर्यटन को बढ़ावा देना सम्मिलित है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह सारे सेक्टर राज्य की समृद्धि और खुशहाली की दृष्टि से गेम चेंजर साबित होंगे। इन सारे क्षेत्रों में संभावनाओं पर अभी तक काफी विचार-विमर्श हुआ है, लेकिन अब इस क्षेत्र में कुछ कर दिखाने की जरूरत है। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार कड़े और साहसिक फैसले लेने से नहीं हिचकेगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो एक महीन के अन्दर सभी क्षेत्रों में ठोस कार्ययोजना तैयार करें, जिसको लेकर ठीक एक महीने बाद समीक्षा बैठक की जाएगी और ठोस कार्ययोजना के आधार पर राज्य सरकार और पतंजलि के बीच आवश्यक समझौते भी किये जायेंगे। मुख्यमंत्री का कहना है कि जड़ीबूटी, औद्यानिकी, योग, आयुर्वेद और पर्यटन से राज्य के लोगों की आमदनी बढ़ाने पर कार्य किया जायेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन रोकना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना बहुत आवश्यक है।

किसानों की मदद करेगा पतंजलि
इस दौरान स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि संस्थान उत्तराखण्ड के किसानों को उनके उत्पादों के लिए प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान करने में सक्षम है। सिक्किम जिसे हाल ही में ऑर्गेनिक स्टेट का दर्जा दिया गया है, उससे कही अधिक भूभाग पर उत्तराखण्ड में ऑर्गेनिक खेती हो रही है।

नए पर्यटक स्थलों पर स्थापित होंगे पतंजलि आयुष ग्राम
कहा कि पतंजलि राज्य के उत्पादों के लिए बाईबैक सिस्टम बना रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के 13 जिले 13 नये पर्यटन स्थल बनाने के लक्ष्य की सराहना करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि सभी नये पर्यटन स्थलों पर पतंजलि आयुष ग्राम की स्थापना में सहयोग देने को तैयार है।

विशाल गौशाला तैयार करने की योजना
यह भी कहा कि राज्य सरकार के सहयोग से एक विशाल गोशाला की स्थापना करने की योजना है, जिसमें 40 से 60 लीटर दूध देने वाली गायों की नस्ल तैयार की जायेगी। वहीं कार्यक्रम में मौजूद आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि की रिसर्च लैब और अन्य सुविधाओं को आयुर्वेद के शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए खोला जायेगा। पतंजलि के 300 से अधिक वनस्पति विज्ञानी राज्य की एक-एक जड़ीबूटी और पौधे का सर्वेक्षण कर उनका डॉक्यूमेंटेशन कर सकते हैं।