गंगा की स्वच्छता का जिम्मा जर्मनी से आयी टीम के हाथों


जर्मनी के प्रतिनिधिमण्डल नेे सचिवालय में डिप्टी मिशन चीफ डॉ.जेस्पर वेक के नेतृत्व में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से तकनीकी और वित्तीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से विचार विमर्श किया। मिशन चीफ के साथ फेडरल मिनिस्ट्री के साउथ एशिया डिवीजन हेड डॉ.रोलफ्राम क्लेन, जर्मन डेवलपमेंट बैंक के सीनियर पॉलिसी ऑफिसर, जीआईजेड(जर्मन एजेंसी फॉर इंटरनेशनल टेक्निकल कोऑपरेशन) के कंट्री डायरेक्टर डॉ.यूरिक रिवेरे, सिल्के पालविज सहित अन्य अधिकारी थे। जीआईजेड उत्तराखण्ड में गंगा नदी की स्वच्छता, चिकित्सा, कौशल विकास में तकनीकी और आर्थिक सहयोग प्रदान करेगा।

गंगा नदी की स्वच्छता के लिए जर्मनी के मिशन चीफ के समक्ष 920 करोड़ रूपये के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। जीआईजेड को बताया गया कि हरिद्वार, ऋषिकेश, तपोवन, मसूरी, देहरादून में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नेटवर्किंग का कार्य किया जायेगा। इन शहरों में 265.47 एमएलडी सीवेज निकलता है। इनके नेटवर्किंग 574.26 किमी में की जानी है। जर्मन मिशन ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार द्वारा बनाये गये डीपीआर का मूल्यांकन जर्मन तकनीकी टीम द्वारा किया जा रहा है। जीआईजेड गंगा नदी की स्वच्छता के लिए 920 करोड़ रूपये दिये जाने पर जल्द निर्णय लेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार का संकल्प है कि गंगा नदी स्वच्छ व निर्मल हो। कोई भी नाला गंगा नदी में नही गिरने दिया जायेगा, इसके लिए गंगा किनारे के कस्बों में कार्य चल रहा है। जर्मनी के सहयोग से इस कार्य में और गति मिलेगी।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वमान्य-मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद के समझौते के लिए शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में मसौदा पेश किया है। शिया वक्फ बोर्ड के मसौदे के मुताबिक विवादित जगह पर राम मंदिर बनाई जाए और मस्जिद को लखनऊ में बने, जिसका का नाम मस्जिद-ए-अमन रखा जाए। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के इस मसौदा से मुस्लिम पक्षकार सहमत नहीं हैं।
मुस्लिम पक्षकार ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी होने और निजी फायदे के लिए राममंदिर का राग अलाप रहे हैं। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के इस मसौदा पर रजा पद ने मुस्लिम पक्षकारों से बात की। मुस्लिम पक्षकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही आदर्श फैसला होगा। इसके अलावा कोई और बात करना निराधार है।
इस मसौदे को कानूनी मान्यता नहीं-खालिक
अयोध्या मामले में अपीलकर्ता मौलाना महफुजुर्ह रहमान के नामित खालिक अहमद खान ने कहा- ये मसौदे वसीम रिजवी की अपनी राय है, जिसकी कोई कानूनी मान्यता नहीं है। मुस्लिम पक्षकारों की एक राय शुरू से सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही इस मसले का हल है।
खालिक ने कहा कि राम मंदिर बनाई जाए हमें कोई हर्ज नहीं है, लेकिन वो अपनी जगह बनाई जाए न की बाबरी मस्जिद की जगह पर, जैसा कि वसीम रिजवी कह रहे हैं कि मस्जिद कहीं और बनेगी तो वह बाबरी मस्जिद का रिप्लेसमेंट नहीं हो सकता है।
अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकार हासिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी ने कहा- वसीम रिजवी के राय से शिया वक्फ बोर्ड और शिया समुदाय ही सहमत नहीं है। वसीम रिजवी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं, उससे बचने के लिए राममंदिर की बात कर रहे हैं। इकबाल कहते हैं कि अयोध्या मामले में वसीम रिजवी का कोई सीधा जुड़ाव नहीं है। ऐसे में वसीम रिजवी की बातें कोई अहमियत नहीं रखती है।
इकबाल ने कहा कि वसीम रिजवी बीजेपी का दिल जीतने के लिए सारे जतन कर रहे हैं। उनका कहना है- मामला सुप्रीम कोर्ट में है और कोर्ट के जरिए ही फैसला होगा।

निजी मुफीद के लिए है ये मसौदा
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड के मसौदे की कोई अहमियत नहीं है। हाईकोर्ट ने 1947 में फैसला करके साफ कर दिया है कि बाबरी मस्जिद शिया वक्फ बोर्ड का नहीं बल्कि सुन्नी वक्फ बोर्ड का है।
फिरंगी महली का कहना है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में फाइनल दौर में है। वसीम रिजवी अपने निजी फायदे कि लिए मामले में कन्फ्यूजन पैदा कर रहे हैं। वो सुप्रीम कोर्ट में अपील कर्ता भी नहीं है और न ही उससे जुड़ सकते हैं, वो सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए ये सब कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने साफ कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा वो मान्य होगा। इससे दोनों समुदाय के पक्षकारों को माननी चाहिए। सुप्रीमकोर्ट के फैसला के बाद हमेशा के लिए इस मसले का हल हो जाएगा और इस मुद्दे पर हमेंशा के लिए सियासत भी खत्म हो जाएगी।

केदारनाथ निर्माण में मोदी का देश के उद्यमियों को निमंत्रण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को केदारनाथ धाम में केदारपुरी के पुनर्निर्माण से संबंधित पांच परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस अवसर पर राज्यपाल डॉ कृष्ण कान्त पाल और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी ने केदार मंदिर परिसर पहुंचने के मुख्य मार्ग के चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण कार्य, सरस्वती और मंदाकिनी नदियों के बाढ़ सुरक्षा और घाट निर्माण कार्य, तीर्थ पुरोहितों के लिए आवासीय भवनों के निर्माण कार्य तथा आदि शंकराचार्य के समाधि स्थल के पुनर्निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए

प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ में प्रकृति और पर्यावरण के अनुकूल भव्य पुनर्निर्माण कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पुनर्निर्माण कार्य एक निश्चित समयसीमा में तीर्थ क्षेत्र की गरिमा के अनुकूल, पुरोहितों और पंडितों की व्यवस्था और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने पुनर्निर्माण कार्य के लिए देश की राज्य सरकारों को भी अपना योगदान देने के लिए कहा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि औद्योगिक घराने सीएसआर के अंतर्गत पुर्ननिर्माण कार्य में योगदान देंगे। प्रधानमंत्री ने पर्यावरण के सभी नियमों का पालन करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि केदारपुरी में आधुनिक पुनर्निर्माण किया जाएगा, परंतु तीर्थ क्षेत्र की आत्मा और हिमालय की आध्यात्मिकता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उत्तराखंड सरकार की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 6 महीने के अल्प समय में महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री ने हिमालयी राज्यों की विशिष्टता की सराहना करते हुए उत्तराखंड को 2022 तक ऑर्गेनिक स्टेट बनने का संकल्प लेने को कहा। उन्होंने कहा कि अभी दुनिया होलिस्टिक हेल्थ केयर की ओर चल रही है। ऐसे में केमिकल फर्टिलाइजर को अस्वीकार कर ऑर्गेनिक उत्पादों की दुनिया में उत्तराखंड अग्रणी भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की स्वच्छता अभियान की भी सराहना करते हुए कहा कि उत्तराखंड देश में ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच से मुक्त करने वाला चौथा राज्य बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में लगभग चार करोड़ परिवार ऐसे हैं जहां अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। ऐसे लोगों के लिए प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना लागू की गई है। उन्होंने आशा व्यक्त की उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना को अपने राज्य में शीघ्र से शीघ्र पूरा करने का बीड़ा उठाएगी। उन्होंने कहा कि सभी हिमालयन राज्यों, सभी राज्यों के बीच विकास की दौड़ की एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों यह कार्य कर रहे हैं कि पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी पहाड़ के काम आए। बाबा केदार के जयजयकारो के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गढ़वाली भाषा में अपना भाषण आरम्भ करते हुए बाबा केदारनाथ से देश, दुनिया व राज्य के लोगो के लिए खुशहाली की कामना की।

प्रधानमंत्री ने भव्य व आधुनिक केदारपुरी पुनर्निर्माण व विकास हेतु 5 प्रमुख योजनाओं का शिलान्यास किया। इनके अंतर्गत मंदिर परिसर की मुख्य सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा। इन कार्य में आरसीसी तथा आधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा। पुरोहितों हेतु थ्री इन वन आवासीय परिसरों का निर्माण किया जाएगा। जिसमें पुरोहितों की रहने की व्यवस्था के अतिरिक्त निचली मंजिल पर श्रद्धालुओं व यात्रियों तथा ऊपरी मंजिल पर उनके यजमानों व मेहमानों की व्यवस्था की जाएगी। आवासीय परिसरों में चौबीस घण्टे बिजली, पानी व स्वच्छता सुविधाओं की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। मंदिर परिसर में पोस्ट ऑफिस, टेलीफोन सुविधाओं तथा कम्युनिकेशन सुविधाओं की भी व्यवस्था की जाएगी। मन्दाकिनी और सरस्वती नदियों पर रिटेनिंग वॉल व घाटों का निर्माण किया जाएगा। आदि शंकराचार्य के समाधिस्थल का पुनर्निर्माण किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के अन्य राज्य सरकारों, सीएसआर के माध्यम से व्यापार जगत के उद्यमियों को निर्माण कार्य में सहयोग का निमंत्रण दिया। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का बाबा केदार जी के आंगन में आने पर उत्तराखण्ड की ओर से हार्दिक अभिनन्दन व स्वागत है। प्रधानमंत्री द्वारा केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने तथा कपाट बन्द होने से पूर्व समाधि पूजा के समय लगभग 6 माह के भीतर दो बार दर्शन करने से पूरे विश्व में सुरक्षित व सुखमय केदारनाथ यात्रा का संदेश गया है। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष दीपावली का पर्व सीमा पर तैनात हमारे वीर सैनिकों के साथ मनाया। सैनिकों की वीरभूमि उत्तराखण्ड के लिए यह सम्मान की बात है।

इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने केदारनाथ मंदिर पहुंचकर गर्भगृह में सम्पूर्ण विधिविधान व मंत्रोचारण के साथ भगवान केदार का रूद्राभिषेक किया तथा मंदिर की परिक्रमा की। प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ मंदिर परिसर में लगभग डेढ़ घण्टे से अधिक समय व्यतीत किया। प्रधानमंत्री के समक्ष उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार किया केदारपुरी के पुनर्निर्माण पर एक 3डी प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी को राज्यपाल डॉ. कृष्णकान्त पाल तथा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अंगवस्त्र तथा केदारनाथ मंदिर की अनुकृति भेंट की।

हॉस्टल बंद से बाहरी राज्यों के स्टूडेंट की बड़ी मुश्किलें

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में बढ़ती छेड़खानी की घटनाओं के खिलाफ विवाद जारी है। सुरक्षा की मांग कर रही छात्राओं के विरोध प्रदर्शन से शुरू हुआ बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा। वहीं, प्रदर्शन के चलते पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। छात्र-छात्राओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्टूडेंट्स की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। कुछ विभाग में सेमेस्टर परीक्षाएं कैंसिल हो गई हैं।
परीक्षाएं हुई कैंसिल, हॉस्टल बंद होने से दिक्कत
बीएचयू में हो रहे बवाल के कारण सेमेस्टर परीक्षाएं आगे के लिए टाल दी गई है। सोमवार से कुछ सब्जेक्ट की परीक्षाएं होनी थी लेकिन अवकाश कर दिए जाने के कारण परीक्षाएं लंबित कर दी गई। अब छात्र-छात्राओं को नई तारीख का इंतजार करना है। वहीं स्टूडेंट्स को रविवार को हॉस्टल छोड़ने का नोटिस दे दिया गया, जिसके चलते स्टूडेंट्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
वाराणसी के बाहर के स्टूडेंट सबसे ज्यादा परेशान
प्रदर्शन के कारण वाराणसी के बाहर के स्टूडेंट सबसे ज्यादा परेशान है। अचानक से हॉस्टल बंद कर देने का नोटिस जारी कर दिया गया। उन्हें हॉस्टल खाली करने के लिए मजबूर किया गया। ऐसे में आनन-फानन सारा इंतजाम करना मुश्किलें पैदा करने वाला है। वाराणसी के बाहर की छात्राएं अचानक हॉस्टल छोड़ने के नोटिस से ज्यादा परेशान हैं। एक तरफ तो सुरक्षा की चिंता वहीं दूसरी ओर पैसों के आभाव में घर जाना उनकी दिक्कतें बढ़ाने वाला है। हॉस्टल में बिजली-पानी सप्लाई काट दी गई है।
मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, तमिलनाडु जैसे राज्यों के स्टूडेंट लौटे
हॉस्टल छोड़ने के नोटिस के बाद मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, तमिलनाडु जैसे राज्यों के स्टूडेंट लौटना पड़ा। बता दें कि विश्वविद्यालय के छात्रावास में करीब 25 हजार स्टूडेंट रहते हैं।
ऐसे शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन की शुरुआत गुरूवार (21 सितंबर) से हुई। ऐसा तब हुआ आर्ट्स डिपार्टमेंट की एक छात्रा अपने हॉस्टल लौट रही थी। उसी वक्त मोटरसाइकिल सवार तीन लोगों ने कथित तौर पर उसका उत्पीड़न किया। छात्रा के मुताबिक, जब उसने उन लोगों का विरोध किया, तो तीन लोगों ने उसके साथ गाली-गलौज की और उसके बाद भाग गए। छात्राओं ने आरोप लगाया कि घटनास्थल से तकरीबन 100 मीटर की दूरी पर मौजूद सुरक्षा गार्डों ने उन लोगों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया।
लगातार छेड़खानी का आरोप
बीएचयू की छात्राओं ने लगातार छेड़खानी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें कैंपस में लगातार ही छेड़खानी का सामना करना पड़ता है। विश्वविद्यालय प्रशासन असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

फोटो खींच व्हाट्सएप पर भेंजे, मिलेगा इनाम

सावधान, अब अगर नदी में कूड़ा डाला तो खैर नहीं और साथ ही जो व्यक्ति नदी में कूड़ा डालने वालों पर नजर रखेगा व उसकी फोटो खींचकर देगा। उसे पुरूस्कृत भी किया जायेगा। जी हां रुद्रप्रयाग प्रशासन ने नदी में कूड़ा डालने से रोकने के लिए अब नया फार्मूला निकाला है। कूड़ा डालने वाले व्यक्ति की फोटो लाने वाले व्यक्ति को प्रशासन इनाम भी देगा। ताकि लोगों की जागरुकता से नदियो को निर्मल बनाया जा सके।
कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में नमामि गंगे समिति के सदस्यों की बैठक आयोजित की गई। इसमें नदी को निर्मल एवं अविरल बनाए रखने के लिए व्यापक स्तर पर जागरुकता अभियान चलाने का निर्णय लिया। साथ ही कहा कि जो लोग नदी नालों में गंदगी डालेंगे उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि नमामि गंगे के अंतर्गत नदी एवं नालों तथा सामाजिक प्रतिष्ठानों पर कूड़ा फेंकने वालों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाए। साथ ही नदी, नालों और सामाजिक प्रतिष्ठानों पर कूड़ा फेंकने वालों की फोटो खींचकर उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप पर भेजने वाले को 500 रुपये का नगद पुरस्कार दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कूड़ा फेकने वाले की फोटो साफ होनी चाहिए, जिससे कूड़ा फेंकने वाले का पता चल सके। जिलाधिकारी ने कहा कि फोटो भेजने वाले का नाम, पता व स्थान का नाम भी उल्लेख करना होगा। कहा कि सामाजिक प्रतिष्ठानों (घाट) में दीवार लेखन, वाल पेटिंग के माध्यम से जन जागरुकता लाई जाएगी। नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत अगस्त्यमुनि में कार्यशाला आयोजित की जाएगी।

नुक्कड़ नाटकों के जरिए गंगा स्वच्छता को चलेगा अभियान

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में सचिवालय में हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय और उत्तराखण्ड में संचालित नमामि गंगे परियोजना के मध्य उत्तराखण्ड राज्य में गंगा संरक्षण हेतु प्रचारप्रसार और जन जागरूकता के लिए एक एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किया गया। एम.ओ.यू पर अपर सचिव डॉ.राघव लंगर एवं रजिस्ट्रार हेमवती नन्दन बहुगुणा विश्वविद्यालय ने हस्ताक्षर किये। इस एम.ओ.यू. के माध्यम से विश्वविद्यालय गंगा संरक्षण कार्यक्रम हेतु एक सक्रिय क्षेत्रीय सहयोगी की भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा को निर्मल एवं अविरल बनाये रखने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना होगा। जिसमें राज्य सरकार के साथ ही शैक्षिक एवं सामाजिक संस्थाओं को भी आगे आना होगा तथा जन सहयोग भी जरूरी है। नुक्कड़ नाटक, गंगा रथ एवं जागरूकता रेलियों के माध्यम से गंगा को स्वच्छ, निर्मल एवं अविरल बनाने के लिए अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि श्रीनगर विश्वविद्यालय के चौरास कैम्पस की लोकेशन नमामि गंगे अभियान के लिए हर प्रकार से उपयुक्त है।

पुलिस के आ गए अच्छे दिन, अब साइकिल से रखेगी नजर!

अब लैला-मजनुओं की खैर नहीं! जी हां ऋषिकेश क्षेत्राधिकारी मंजूनाथ टीसी ने इन लैला-मझनुओं के साथ असामाजिक तत्वों पर काबू पाने के लिये एक नया रास्ता निकाला है। अब पुलिस गंगा नदी के किनारे स्थित आस्था पथ में दो शिफ्टों में गश्त लगाते नजर आयेगी। इससे एक तरफ आस्था पथ की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से निजात मिलेगी वहीं दूसरी ओर अश्लील हरकत करने वालों पर शिकंजा भी कसा जा सकेगा। इस नए तरह के ऑपरेशन में रूटीन में महिला और पुरुष कांस्टेबल गश्त करेंगे।
आपको बता दें कि आस्था पथ में आए दिन असमाजिक तत्वों द्वारा आस्था पथ की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा था। जिससे वहां लगी ग्रिल तक गायब हो गयी। आस्था पथ में अभी तक लैला-मझनुओं को दिन-दहाड़े अश्लील हरकत करते हुए भी देखा जा सकता था। इतना ही नहीं यहां शराबियों व नसेड़ियों का अड्डा भी बन चुका था। यहां अक्सर कॉलेज चुनावों के समय छात्रों द्वारा हुड़दंगियां करने की शिकायत पुलिस को लगातार मिल रही थी। आस्थापथ पर सुबह और शाम को घूमने वालों की भीड़ रहती है। लोग अक्सर मनचलों पर नकेल कसने की मांग उठा रहे थे। लोगों ने बताया के अक्सर यहां शाम को शराबी पहुंच जाते हैं। कई बार युवक-युवतियों के जोड़े भी अश्लील हरकतें करते देखे गए हैं। इससे लोगों को दिक्कत होती है। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने आस्थापथ पर साइकिल से गश्त करने का प्लान तैयार किया।
कोतवाल प्रवीण सिंह कोश्यारी ने त्रिवेणीघाट स्थित आस्थापथ पर साइकिल गश्त का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। बताया कि साइकिल गश्त में एक महिला और एक पुरुष कांस्टेबल दो पाली में डयूटी करेंगे। पहली पाली सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे तक रहेगी। सूचना के आदान-प्रदान के लिए गश्त दल को अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। सहायक पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने आस्थापथ पर सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद रखने के लिए साइकिल गश्त का निर्णय लिया है, इस पर अमल करते हुए यह व्यवस्था शुरू की गई है। पुलिस की इस पहल पर क्षेत्रवासियों ने हर्ष जताया।

अगले माह यात्रियों की संख्या में होगा इजाफा

केदारनाथ यात्रा के लिये आपदा के बाद अच्छी खबर है। बहुत कम समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन कर दिये हैं। बाबा के दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का आकंडा चार लाख पार पहुंच चुका है।
16-17 जून 2013 को केदारनाथ में आई भीषण आपदा के बाद इस बार केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। बरसात के मौसम में भी यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचे हैं, जिससे देश-विदेश में यात्रा को लेकर अच्छा संदेश गया है। मई माह में कपाट खुलने के बाद चार माह के समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंचे हैं। आगामी दो महीने में भी केदारघाटी के सभी होटल-लॉलों में एडवांस बुकिंग आ चुकी है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार पांच लाख से अधिक यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचेंगे।
इधर, पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि यह यात्रा सीजन यात्रा के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा गुजर रहा है। आपदा के बाद यात्रा पटरी पर लौट चुकी हैं बहुत कम समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी दो माह की यात्रा के लिये भी एडवांस बुकिंग आ चुकी हैं। मौसम भी खुल रहा है। बरसात का सीजन समाप्त होने वाला है। ऐसे में अधिक यात्रियों के आने की उम्मीदे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कतें नहीं होने दी जाएंगी। यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

अगले साल के अंत तक पूरी हो जाएगी चार धाम सड़क परियोजना

केंद्रीय सड़क, परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तराखंड में ‘चार धाम’ सड़क संपर्क परियोजना को सरकार 2018 के अंत तक पूरा कर लेगी। 12 हजार करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी परियोजना से जुड़े 10 प्रस्तावों को पर्यावरण मंजूरी भी मिल गई है।
उन्होंने बताया कि पर्यावरण मंजूरी मिलने के बाद सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय ने परियोजना पर काम तेज कर दिया है। जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के एजेंडे में शीर्ष पर है। इस परियोजनाओं से जुड़े अन्य अटके प्रस्तावों को भी जल्द ही मंजूरी प्राप्त हो जाएगी। क्योंकि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय समेत विभिन्न मंत्रालयों के साथ बैठकें जारी हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह लोगों को सबसे बड़ा उपहार होगा। क्योंकि आस्था से जुड़ी चार धाम यात्रा लोगों के एजेंडे में शीर्ष पर रहती है। विदेश से भी बड़ी संख्या में लोग चार धाम यात्रा के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि 900 किमी के नए अलाइनमेंट पर राजमार्गो का निर्माण किया जा रहा है और सुरंगों का निर्माण भी तेज गति से हो रहा है। यह मार्ग सभी मौसम में खुले रहेंगे।
मालूम हो कि इसी महीने की शुरुआत में गडकरी ने आधारभूत ढांचे पर एक बैठक की अध्यक्षता की थी। इसमें उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों से मंजूरियों के अभाव में लटके चार धाम यात्रा के 18 प्रस्तावों में तेजी लाने का अनुरोध किया था। चार धाम परियोजना की आधारशिला पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी।

टीवी सीरियल के जरिये भारत को विश्वगुरू बनाने की कोशिश

योगगुरु बाबा रामदेव की प्रेरणा और सानिध्य में ओम शांति ओम टीवी सीरियल का 28 अगस्त से भारत सहित पूरे विश्व में प्रसारण होने जा रहा है। भारतीय धर्म-अध्यात्म, सभ्यता, संस्कृति, परंपरा और संगीत पर आधारित इस सीरियल का प्रसारण स्टार ग्रुप के नए शुरू होने वाले टीवी सीरियल स्टार भारत पर 28 अगस्त से होगा। सीरियल को योगगुरु बाबा रामदेव के भारत को विश्वगुरु बनाने के सपने और संकल्प को पूरा करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इसके माध्यम से भारतीय परंपरा, सभ्यता, संस्कृति, संगीत और धर्म-अध्यात्म की वास्तविकता और शक्ति से पूरे विश्व को परिचित कराया जाएगा।
योगगुरु बाबा रामदेव की प्रेरणा और सानिध्य में इससे पहले आस्था टीवी चौनल पर इसी तरह का एक सीरियल भारत रत्न का प्रसारण हो चुका है। ओम शांति ओम को इसी का परिष्कृत रूप माना जा रहा है। सीरियल के 28 अगस्त से टीवी चौनल पर प्रसारित होने की पुष्टि करते हुए पतंजलि योगपीठ के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने बताया कि सीरियल से प्रसिद्ध सिने अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा और प्रसिद्ध सिने अभिनेता रणवीर सिंह भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि सीरियल को लेकर और उसके संदर्भ में विस्तृत जानकारी देने को दिल्ली में योगगुरु बाबा रामदेव की एक पत्रकार वार्ता जल्द ही आयोजित की जाएगी।