प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगीः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में उत्तराखंड पॉवर लिफ्टिंग एसोसिएशन“ द्वारा आयोजित “एशियन सब जूनियर-जूनियर मैन एवं वूमेन कप एवं एशियन यूनिवर्सिटी कप पॉवर लिफ्टिंग प्रतियोगिता 2025” का शुभारंभ किया।

सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड को खेलभूमि के रूप में स्थापित करने उद्देश्य से हमारी सरकार राज्य में शीघ्र ही एक ’स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान’ लागू करने जा रही है, जिसके अंतर्गत प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी। इन अकादमियों में प्रत्येक वर्ष 920 विश्वस्तरीय एथलीट और 1000 अन्य खिलाड़ी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। हमारी सरकार हल्द्वानी में उत्तराखंड का प्रथम खेल विश्वविद्यालय एवं लोहाघाट में एक महिला स्पोर्ट्स कॉलेज स्थापित करने की दिशा में भी तेजी से कार्य कर रही है। प्रदेश में खेलों के समग्र विकास और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने एक नवीन खेल नीति लागू की है। इस नीति के अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ियों को ’आउट ऑफ टर्न’ सरकारी नौकरी प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने होटल हयात सेंट्रिक देहरादून में उत्तराखंड पावर लिफ्टिंग एसोसिएशन“ द्वारा आयोजित “एशियन सब जूनियर-जूनियर मैन एवं वूमेन कप एवं एशियन यूनिवर्सिटी कप पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता 2025” का शुभारंभ किया।
5 मई से 12 मई तक आयोजित हो रही इस पॉवरलिफ्टिंग चौंपियनशिप में भारत सहित एशिया महाद्वीप के 16 देशों के करीब 300 से अधिक प्रतिभाशाली खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी सरकार ’मुख्यमंत्री खेल विकास निधि’, ’मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना’, ’मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना’ तथा ’खेल किट योजना’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य के उभरते हुए युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है। हम ‘उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार’ और ‘हिमालय खेल रत्न पुरस्कार’ प्रदान कर खिलाड़ियों की योग्यता को भी सम्मानित कर रहे हैं। इसके साथ ही हमने राज्य की राजकीय सेवाओं में खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत खेल कोटे को पुनः लागू कर दिया है, जिससे हमारे खिलाड़ियों के परिश्रम और उत्कृष्टता को उचित अवसर और सम्मान मिल सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्राचीन भारतीय इतिहास में शारीरिक शक्ति और कौशल का विशेष स्थान रहा है। प्राचीन समय में जहां हमारे पूर्वज मुगदर, गदा और हल जैसे पारंपरिक उपकरणों से अपने बल और परिश्रम का प्रदर्शन करते थे, वहीं आज उनकी जगह वेट लिफ्टिंग और पावरलिफ्टिंग जैसे आधुनिक खेलों ने ले ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक पावर लिफ्टिंग में वजन उठाने के जो तरीके हैं, वो इन पारंपरिक भारतीय खेलों से ही प्रेरित हैं। पावर लिफ्टिंग जैसी प्रतिस्पर्धाएं न केवल युवाओं में आत्मविश्वास और अनुशासन को बढ़ावा देती हैं, बल्कि उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाने में भी अपनी अहम भूमिका निभाती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल के प्रारंभ से ही “खेलो इंडिया“ और “फिट इंडिया मूवमेंट“ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रहे हैं।
आज प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में भारत खेलों के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों को छू रहा है तथा वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है।
उनके मार्गदर्शन में हमारी सरकार भी प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने हेतु निरंतर प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इसी वर्ष हमारे राज्य में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन ने उत्तराखंड को “देवभूमि“ के साथ ही “खेलभूमि” के रूप में भी स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया हैद्यइस बार के राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक पदक जीतकर इतिहास रचते हुए राज्य का गौरव बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।हमने उत्तराखंड में, 517 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक स्टेडियम बनाने के साथ ही लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल उपकरण लाकर उत्तराखंड में विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है, इसी का परिणाम है कि आज उत्तराखंड केवल राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के आयोजनों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बन रहा है। जिसका एक उदाहरण ये “पॉवर लिफ्टिंग प्रतियोगिता“ भी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज यह विश्व स्तरीय स्टेडियम और खेल सुविधाएँ प्रदेश के खिलाड़ियों की ट्रेनिंग का एक मजबूत आधार बन चुके हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि खेल में हार-जीत से कहीं अधिक महत्वपूर्ण ’खेल भावना’ होती है, क्योंकि ये हमें अनुशासन, धैर्य, सहनशीलता और परस्पर सम्मान सिखाती है, जो केवल खेल परिसर तक सीमित नहीं रहते, बल्कि जीवन के हर पहलू में हमारे लिए मार्गदर्शक बनते हैं।
इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या, विधायक खजान दास, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, अपर सचिव प्रशांत आर्य एवं बड़ी संख्या में विभिन्न देशो के पावर लिफ्टर मौजूद रहे।

देहरादून में जयडे हैकेट ने की मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात

एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध संस्था ए.जे. हैकेट इंटरनेशनल के मुख्य परिचालन अधिकारी COO जयडे हैकेट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान प्रदेश में विश्व स्तरीय बंजी जंपिंग प्रोजेक्ट्स को स्थापित करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर के एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने को लेकर गहन चर्चा की गई।

जयडे हैकेट, जो स्वयं 12 वर्षों से एडवेंचर टूरिज्म से जुड़े हुए हैं, और सिंगापुर स्थित स्काईपार्क सेंटोसा के संचालन व प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं, वर्तमान में ए.जे. हैकेट इंटरनेशनल के COO के रूप में कार्यरत हैं। वे अब उत्तराखंड में कुमाऊँ और गढ़वाल दोनों मंडलों में संभावित स्थानों पर बंजी जंपिंग और अन्य साहसिक गतिविधियों की स्थापना की योजना पर कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उत्तराखंड में पर्यटन को नया आयाम मिलेगा और राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने परियोजना के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
उत्तराखंड में इन प्रोजेक्ट्स की शुरुआत से न केवल पर्यटन को वैश्विक पहचान मिलेगी, बल्कि राज्य को एडवेंचर टूरिज्म का अंतरराष्ट्रीय हब बनाने में भी मदद मिलेगी।

जयडे हैकेट, विश्व प्रसिद्ध एडवेंचर स्पोट्र्स आइकन एलेन जॉन ए.जे. हैकेट के पुत्र हैं। ए.जे. हैकेट ने 1987 में एफिल टावर से बंजी जंप कर पूरी दुनिया को रोमांचित कर दिया था और 1988 में विश्व का पहला वाणिज्यिक बंजी जंपिंग साइट शुरू किया। उनके इस योगदान के लिए उन्हें न्यूज़ीलैंड ऑर्डर ऑफ मेरिट (ONZM) से सम्मानित किया गया।

खेल प्रतियोगितायें अनुशासन की भावना के साथ शारीरिक व मानसिक स्वस्थता को बढ़ावा मिलता हैः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में स्कूल गेम्स फेड़रेशन ऑफ इण्डिया से सम्बद्ध विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित 35वें राष्ट्रीय खेल कूद टेबल टेनिस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाली सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज ज्योतिर्मठ चमोली के छात्रों की टीम ने भेंट की।

मुख्यमंत्री ने विजेता टीम के सदस्य छात्रों को बधाई देते हुए भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल प्रतियोगितायें छात्रों में अनुशासन की भावना के साथ शारीरिक व मानसिक स्वस्थता को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक छात्र खेलों के प्रति जागरुक होकर विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभागी बनें, इसके लिये राज्य की खेल नीति तैयार की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

इस अवसर पर रतनगढ़ राजस्थान में आयोजित 35वें राष्ट्रीय खेल कूद टेबल टेनिस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 14 छात्र-छात्राओं के साथ उनके अभिभावक तथा टी.टी. कोच विजय कुमार अग्रवाल सीनियर वेटरन खिलाडी देवेन्द्र कांडपाल आदि उपस्थित थे।

प्रतियोगी छात्रों में केशव चौहान, प्रियांशु नेगी, अनमोल, शार्दुल नेगी, सिद्धार्थ नेगी, समीर, शौर्य भट्ट, आयुष राणा तथा छात्राओं में अदिति नेगी, जोया पंवार, खुशी नेगी, विभूति चौहान, दिया, एवं अंशिका नेगी शामिल थी।

युवाओं में बढ़ते ई-कल्चर को पी-कल्चर में बदलेंगेः धामी

राज्य की समस्त विधानसभाओं में विधायक खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन होगा। इससे खिलाड़ियों को एक मंच के साथ ही नई प्रतिभाओं को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा। युवाओं में बढ़ते ई-कल्चर (इलेक्ट्रॉनिक संस्कृति) को पी-कल्चर (प्ले ग्राउंड संस्कृति) में बदला जाए। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवा कल्याण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा बैठक लेते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर युवाओं को खेलों से जोड़ा जाए। युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उन्हें साहसिक खेल गतिविधियों का प्रशिक्षण, सेना, अर्द्धसेना और पुलिस बलों में भर्ती पूर्व प्रशिक्षण दिया जाए। उनके बेहतर भविष्य के लिए परामर्श केंद्र स्थापित कर उन्हें, शिक्षा, रोजगार और अन्य पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया जाए। युवाओं में नशे की प्रवृत्ति को रोकने के लिए नियमित जागरूकता कार्यक्रम किये जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की समस्त खेल परिसंपत्तियों को अधिकतम उपयोग में लाने के साथ ही उनके रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य के सभी बहुद्देशीय हॉल में खेल गतिविधियों के साथ ही स्थानीय सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित होती रहे। उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को अच्छे प्रशिक्षण के साथ ही अधिकतम सुविधा देने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव को गेम चेंजर योजनाओं की नियमित समीक्षा के भी निर्देश दिए। सीएस पूर्व से चल रही योजनाओं में सुधार के लिए बनाई गई कार्ययोजना की अपने स्तर से समीक्षा करेंगे। जिससे योजनाओं को बेहतर तरीके से धरातल पर क्रियान्वयन किया जाएगा और पात्र व्यक्तियों को अधिकतम लाभ मिलेगा।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण विकास परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, निदेशक खेल प्रशांत आर्य सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

सीएम धामी ने चौथे खेलो मास्टर्स राष्ट्रीय चौंपियनशिप के लिये उत्तराखंड की टीम को किया रवाना

नई दिल्ली में 11 से 13 अप्रैल 2025 तक आयोजित होने वाले चौथे खेलो मास्टर्स राष्ट्रीय चौंपियनशिप में प्रतिभाग करने के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से उत्तराखण्ड की टीम को रवाना किया। इस आयोजन में एथलेटिक्स, फुटबॉल, बास्केटबॉल, हॉकी, शूटिंग, बैडमिंटन टेबल टेनिस और वॉलीबॉल जैसे खेल शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री ने चौथे खेलो मास्टर्स राष्ट्रीय चौंपियनशिप में प्रतिभाग करने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में अनेक कार्य हुए हैं। खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हुआ है। प्रधानमंत्री द्वारा खिलाड़ियों का हमेशा उत्साहवर्द्धन किया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नई खेल नीति में खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा देने के प्रयास किये गये हैं। उत्तराखण्ड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में राज्य ने सातवां स्थान प्राप्त किया। उत्तराखण्ड अब खेल भूमि के रूप में भी अपनी पहचान बना चुका है।

खेलो मास्टर्स गेम्स फाउंडेशन ऑफ़ उत्तराखंड के उपाध्यक्ष डॉ. विरेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में इस वर्ष उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों का दल चौथे मास्टर्स नेशनल गेम्स में प्रतिभाग करेगा। उत्तराखंड की फुटबाल टीम में 40, 50 और 60 से अधिक आयु वर्ग की तीन टीमों के खिलाड़ी और एथलेटिक्स की 40 से अधिक आयु और 70 से अधिक की आयु वर्ग के खिलाड़ी खेलो मास्टर्स नेशनल गेम्स 2025 में प्रतिभाग करेंगे।

इस अवसर पर खेलो मास्टर्स गेम्स फाउंडेशन ऑफ़ उत्तराखंड के संरक्षक प्रेम सिंह बिष्ट, पी सी खंतवाल, सुभाष अरोड़ा, विमल सिंह रावत, सुनील शर्मा अनीश शर्मा, विनेश राणा शरद अग्रवाल, सुरेन्द्र सिंह रावत, छत्रेश कुमार प्रेम प्रकाश पुरोहित और अन्य खिलाड़ी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने आवास पहुंचे मौली का किया स्वागत, बोले मौली की सक्रियता ने जीता सभी का दिल

38वें राष्ट्रीय खेल में लोगों के आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहा शुभंकर ‘मौली’ राष्ट्रीय खेलों के समापन के बाद सीएम आवास पहुंचा। मुख्यमंत्री ने सीएम आवास में मौली का स्वागत किया। राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर प्रतीक ’मौली’ (मोनाल पक्षी) देशभर में चर्चा का केन्द्र रहा है।

उत्तराखण्ड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर मौली राज्य के हर जनपद में भव्य स्वागत हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेल के दौरान मौली की सक्रियता ने सबका दिल जीतने का कार्य किया। उत्तराखण्ड का राज्य पक्षी मोनाल की विशिष्टता से देशभर के लोग परिचित हुए।

38वें राष्ट्रीय खेल ने उत्तराखण्ड को देवभूमि और वीरभूमि के साथ ही खेल भूमि के रूप में नई पहचान दिलाई है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास और नई खेल नीति के परिणाम स्वरूप राज्य के खिलाड़ियों द्वारा 38वें राष्ट्रीय खेलों में शानदार प्रदर्शन कर 103 पदक हासिल कर देशभर में शीर्ष सात राज्यों की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया है। 37वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड 25वें स्थान पर था। उत्तराखण्ड में हुए 38वें राष्ट्रीय खेल ग्रीन गेम्स, ई-वेस्ट से बनाये गये मेडल और पदक विजेता खिलाड़ियों के नाम से पौध रोपण के लिए भी याद किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने 39वें राष्ट्रीय खेलों के लिए अभी से तैयारी शुरू करने को कहा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने, 38वें राष्ट्रीय खेलों में राज्य के खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन पर बधाई देते हुए कहा है कि, अब हमें 39वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी में जुटना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में, राष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार किए गए खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के भी दीर्घ कालिक इस्तेमाल की योजना बनाई जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, 38वें राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड को आयोजन के साथ ही खेल प्रदर्शन को लेकर शानदार यादें देकर गया है। उत्तराखंड की मेजबानी को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है, उत्तराखंड ने इस आयोजन के जरिए लंबी लकीर खींचने का काम किया है। इसी तरह उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने भी अपने शानदार प्रदर्शन से, इस आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हमें मेघालय में प्रस्तावित 39वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी में जुटना होगा, इसके लिए खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों से लेकर विभाग को तक प्रयास करने होंगे। सरकार इस काम में पूरा सहयोग देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के जरिए उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में शानदार खेल इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हो गया है। इसका इस्तेमाल खेल प्रतिभाओं को निखारने में किया जाएगा। सरकार खेल सुविधाओं के दीर्घकालिक इस्तेमाल के लिए योजना बनाएगी।

नेशनल गेम्स के समापन पर बोले गृहमंत्री, उत्तराखंड की देवभूमि के साथ खेलभूमि के तौर पर भी बनी पहचान

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में अन्तरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम गोलापार, हल्द्वानी में 38वें राष्ट्रीय खेल का समापन समारोह आयोजित किया गया। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी. ऊषा ने 38वें राष्ट्रीय खेल के समापन की घोषणा की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले सर्विसेज, महाराष्ट्र और हरियाणा को सम्मानित किया।

उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखण्ड के चारों धामों के देवी देवताओं को प्रणाम करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो गया है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने देवभूमि को राष्ट्रीय खेलों के नक्शे पर 25वें स्थान से 7वें स्थान पर लाने का कार्य किया है। राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के विजेता खिलाड़ियों ने देवभूमि को खेल भूमि बनाया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी उत्तराखंड के विजेता खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

उत्तराखंड की मेजबानी का देशभर में गुणगान।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड की आयोजन समिति एवं खेल संगठनों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए पूरे देश में उत्तराखंड की तारीफ हो रही है। पूरा देश उत्तराखंड द्वारा की गई शानदार व्यवस्थाओं के गुणगान कर रहा है। भौगोलिक कठिनाइयों के बावजूद उत्तराखंड राज्य ने मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में इस कार्य को कुशलतापूर्वक सम्पन्न किया है। उन्होंने 38वें राष्ट्रीय खेल के सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हार और जीत का खेल से मतलब नहीं है। जीत का जज्बा और हार से निराश न होना, ये खेल का संदेश है। हारने वाले खिलाड़ियों के लिए अगली बार मेडल लाने का मौका है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में 38वें राष्ट्रीय खेलों में इको- फ्रेंडली प्रैक्टिसेज एवं इको फ्रेंडली गेम को धरातल में उतारा गया है। खिलाड़ियों के नाम पर पौधारोपण किया गया। राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों द्वारा कई नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए गए हैं, इन रिकॉर्डों से अंतरराष्ट्रीय खेलों में भी भारत के लिए पदक की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय खेलो की यह मशाल उत्तराखंड से अब मेघालय जाएगी। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने यह निर्णय लिया है कि नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों में कुछ खेलों के आयोजन से पूरे नॉर्थ ईस्ट को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा को आगामी राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।

हार से लें जीत की प्रेरणा।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में खेलों के वातावरण में सकारात्मक बदलाव आया है। देश भर के कई जिलों में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर, कोचिंग की व्यवस्था, खिलाड़ियो को प्रोत्साहन और पारदर्शी चयन के माध्यम से आज विश्व के खेल पटल पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा भारत के खेलों का भविष्य उज्ज्वल है। खेलों में हर बार नए कीर्तिमान स्थापित हो इसकी व्यवस्था केंद्रीय खेल मंत्री ने की है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने फिट इंडिया और खेलो इंडिया के माध्यम से युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाया है। खेल हमें हारने के बाद जितने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

प्रधानमंत्री को खेल मित्र मानता है हर खिलाड़ी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सफलता सिर्फ शारीरिक क्षमता से नहीं बल्कि दृढ़ निश्चय और मजबूत मन से प्राप्त होती है। अथक परिश्रम और निरंतर प्रयास खिलाड़ियों को आगे ले जाएगी। इन सभी के माध्यम से खिलाड़ी मेडल तक की यात्रा तय कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। आज हर खिलाड़ी प्रधानमंत्री मोदी को खेल मित्र के रूप में मानता है। उन्होंने कहा 2014 में खेल बजट 800 करोड़ था, जो 2025 – 26 में खेल बजट 3800 करोड़ तक पहुंचाया है। अंतरराष्ट्रीय मंचों में भी हमारे खिलाड़ियों ने तिरंगे का मान बढ़ाया है। खिलाड़ियों के मेडल से पता लगता है कि देश में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और जीतने की भूख में बढ़ोतरी हुई है।

2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है भारत।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि खेलो इंडिया के माध्यम से उत्तराखंड जैसे छोटे पहाड़ी राज्य ने इतने बड़े खेल आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। यह बताता है कि भारत का हर राज्य खेलने और खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। इस राज्य से, अब फिर राष्ट्रीय खेल का आयोजन एक पहाड़ी राज्यों में जा रहा है। आज खिलाड़ी कई प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है। 2036 में ओलंपिक के अंदर उत्तराखंड के खिलाड़ी भी मेडल लाकर भारत के तिरंगे का मान बढ़ाएंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज एवं पुलवामा में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पुलवामा के जवानों की शहादत ने देश को सुरक्षित किया है। जवानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर करारा जवाब दिया था। इसी के कारण पूरी दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदला है। इससे दुश्मनों को साफ संदेश गया कि भारत की सेना और सीमा से कभी खिलवाड़ नहीं करना है।

नेशनल गेम्स से उत्तराखण्ड में नई उम्मीदों, और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत -सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के अवसर पर हमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। आज इन खेलों के समापन के अवसर पर हमें देश के गृहमंत्री अमित शाह जी का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड में पहली बार राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हुआ। खेलों के इस महा समागम में देशभर से पधारे 16 हजार से अधिक एथलीट्स ने 35 खेल विधाओं में प्रतिभाग कर कुल 448 स्वर्ण 448 रजत तथा 594 कांस्य पदक जीते। कई खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर अनेक रिकॉर्ड स्थापित किए गए और भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखने वाले बहुत से चौंपियन भी उभर कर सामने आए हैं। इन खेलों में जहां हमने पहली बार योग और मलखंब जैसे अपने पारंपरिक खेलों को शामिल करने का कार्य किया वहीं रात्रि काल में रिवर राफ़्टिंग की प्रतियोगिता का आयोजन कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों को ग्रीन गेम्स की थीम पर आयोजित किया गया। इस आयोजन में प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करने के साथ ही बिजली के लिए सोलर एनर्जी का उपयोग भी किया। खिलाड़ियों को दिए गए मेडल को ई-वेस्ट और खेल किटों को रीसाइकिल्ड पदार्थों से तैयार किया गया। ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई-वाहनों का प्रयोग भी किया गया। 2.77 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ’खेल वन’ के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें प्रत्येक पदक विजेता खिलाड़ी के नाम से रूद्राक्ष के पेड़ लगाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राष्ट्रीय खेल में देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी और ऋषिकेश जैसे मैदानी शहरों के साथ ही अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और टिहरी जैसे सुदूर पहाड़ी स्थानों में भी खेल स्पर्धाएं आयोजित की गई। चकरपुर जैसे एक छोटे से कस्बे में भी राष्ट्रीय खेलों की प्रमुख स्पर्धा का आयोजन हुआ। राष्ट्रीय खेल में जितने भी वाटर स्पोर्ट्स के इवेंट्स हुए, सभी को उत्तराखंड की हाई एल्टिट्यूड पर स्थित झीलों एवं नदियों में आयोजित किया गया। इन खेलों के आयोजन के लिए अस्थाई निर्माण की बजाय प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्थाई स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का प्रयास किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों को सफलतापूर्वक आयोजन के साथ उत्तराखंड ने इन खेलों में 24 स्वर्ण पदकों के साथ रिकॉर्ड 103 पदक अर्जित किए। इन परिणामों से हमारे युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि “अतिथि देवो भवः“ की प्राचीन परंपरा के अनुसार खेलों के आयोजन के दौरान प्रयास किया गया कि विभिन्न राज्यों से पधारे खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय खेल में आये खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ देवभूमि उत्तराखंड से अपने इस रिश्ते को बनाए रखेंगे और भविष्य में सपरिवार उत्तराखण्ड की नैसर्गिक सुंदरता को देखने अवश्य आएंगे। उन्होंने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन आप सभी खिलाड़ियों के लिए खेल अवसरों का अंत नहीं, बल्कि नई उम्मीदों, नए संकल्पों और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत है।

उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेल के आयोजन की जिम्मेदारी देने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा खेल मंत्री मनसुख मांडविया का आभार व्यक्त किया। इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान देने वाले भारतीय ओलंपिक संघ, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन, खेल विभाग और सभी वॉलेंटियर्स का भी आभार व्यक्त किया। प्रस्तावित 39वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए मेघालय को भी उन्होंने अग्रिम शुभकामनाएं दी।

केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री मनसुख मांडविया ने 38 राष्ट्रीय खेलों के शानदार आयोजन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजना के बाद देवभूमि उत्तराखण्ड खेलभूमि भी बन गई है। उन्होंने इस राष्ट्रीय खेल में पदक प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश स्पोर्ट्स हब बने इसकी शुरूआत आज से हुई है।

भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी. ऊषा ने कहा कि बहुत कम समय मिलने के बावजूद भी उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेल की हर स्पर्धा का शानदार आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में खेल और खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई।

खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि खिलाड़ियों ने संकल्प से शिखर तक को आत्मसात कर उत्तराखण्डियों को गर्व से अभिभूत किया। राज्य की रजत जयंती को स्वर्णिम बनाया है। हमारे खिलाड़ियों ने उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में आगे बढ़ाया है। उत्तराखंड की जनता ने राष्ट्रीय खेल के महा आयोजन को सफल बनाया है

इस अवसर पर मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट, सांसद अजय भट्ट उपस्थित थे।

आने वाले राष्ट्रीय खेलों के लिए लंबी लकीर खींच गया उत्तराखंड

उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल इस बार व्यवस्थाओं से लेकर आयोजन तक लेकर लंबी लकीर खींचने वाले साबित हुए हैं। इस बार के राष्ट्रीय खेल पर्यावरण हितैषी कदमों से लेकर खिलाड़ियों की सुविधाओं और स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर चर्चाओं मे रहे।

01 – पदक तालिका में प्रदर्शन
38 वें राष्ट्रीय खेलों से पहले इस आयोजन में उत्तराखंड का इतना शानदार प्रदर्शन कभी नहीं रहा। राज्य स्थापना के बाद जब-जब उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों में भाग लिया, तब-तब उसे मिलने वाले पदकों की संख्या दस से लेकर 19 तक रही है। इसी तरह, पदक तालिका में वह 13 वें स्थान से लेकर 26 वें स्थान के बीच में कहीं रहा है। यही हाल स्वर्ण पदकों का भी रहा है, जिसकी संख्या एक से लेकर अधिकतम पांच तक रही है। अब 38 वें राष्ट्रीय खेलों की बात कर लें, तो क्या कुल पदक, क्या स्वर्ण और क्या पदक तालिका की स्थिति, सभी में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। पदकों की कुल संख्या 103 पर पहुंची है। पदकों का सैकड़ा जड़ कर उत्तराखंड ने सबको चकित कर दिया है। इसी तरह, स्वर्ण पदकों की संख्या 24 रही है। पदक तालिका में सातवें स्थान पर आना, सचमुच कमाल का अनुभव है। पश्चिम बंगाल, पंजाब, ओडिसा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, आंध्र, जम्मू कश्मीर जैसे बडे़ राज्य पदक तालिका में उत्तराखंड से पीछे हैं।

02 – छोटे राज्य ने दिखाया दम
उत्तराखंड जैसे अपेक्षाकृत छोटे राज्य को राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के लिए बहुत कम समय मिला। सफल आयोजन किसी चुनौती से कम नहीं था, क्योंकि उत्तराखंड को राज्य बने सिर्फ 25 वर्ष हुए हैं। जिस पड़ोसी पर्वतीय राज्य हिमाचल के मॉडल को अपनाने की अक्सर बातें होती हैं, उसे राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कभी नहीं मिली। मणिपुर और असम के बाद उत्तराखंड राष्ट्रीय खेल कराने वाला तीसरा हिमालयी राज्य बन गया है। वर्ष 2000 में उत्तराखंड के साथ राज्य का दर्जा हासिल करने वाले झारखंड ने वर्ष 2011 में राष्ट्रीय खेल कराए हैं, जबकि छत्तीसगढ़ मेजबानी मिलने के बावजूद इसका आयोजन नहीं करा पाया था। उत्तराखंड ने 38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए मजबूत आधारभूत ढांचा तैयार किया। अत्याधुनिक उपकरण मंगवाए। इस वजह से कई रिकार्ड भी टूटे। दस हजार खिलाड़ियों के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई।

03 – ग्रीन गेम्स
राष्ट्रीय खेलों में सबसे अहम हरित पहल रही। ग्रीन गेम्स की थीम को अमल में लाने के लिए कई कदम उठाए गए। रायपुर में 2.77 हेक्टेयर जमीन पर खेल वन तैयार किया गया, जहां पर पदक विजेताओं के नाम के 1600 पौधे लगाए जा रहे हैं। खेलों में जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए पदक हों या मेहमानों के लिए आमंत्रण पत्र, सभी ई-वेस्ट से तैयार कराए गए। शुभंकर राज्य पक्षी मोनाल को बनाया गया। हरित जागरूकता के लिए स्पोर्ट्स वेस्ट मटीरियल के प्रतीक चिन्ह आयोजन स्थल पर प्रदर्शित किए गए। आयोजन स्थल पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवाजाही के लिए ई-रिक्शे, साइकिल प्रयोग किए गए। इसके अलावा, सोलर पैनल के प्रयोग से लेकर पानी के लिए रीयूसबल वाटर बॉटल की व्यवस्था की गई। हरित पहल से इतर महिला स्वास्थ्य का संदेश देने के लिए महिला खिलाड़ियों को वैलकम किट में सेनेटरी नैपकीन व अन्य जरूरी सामान दिए गए। तीन बार इस्तेमाल किए जा चुके 250 लीटर तेल को बायो डीजल बनाने के लिए भेजा गया।

38 वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी को हमने पहले ही दिन से अपने लिए बड़ी उपलब्धि माना। इस आयोजन को भव्य रूप देने के लिए पूरे प्रयास किए गए। आधारभूत ढांचा तैयार किया गया और उच्चस्तरीय सुविधाएं जुटाई गईं। निश्चित तौर पर उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के बाद खेल के क्षेत्र में मजबूत होकर उभरा है। मै सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई देता हूं।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।

गौलापार स्पोर्ट्स स्टेडियम का सीएम ने किया निरीक्षण, शुक्रवार को नेशनल गेम्स का होना है समापन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी गौलापार स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित 38 वें राष्ट्रीय खेलों की विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर समापन कार्यक्रम हेतु अंतिम रूप से की जा रही तैयारियों का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने समापन समारोह को भव्यता पूर्वक सम्पन्न कराए जाने हेतु की जा रही विभिन्न तैयारियां मंच निर्माण, साज सज्जा, बैठने की व्यवस्था आदि व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर, की जा रही सभी तैयारियां की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह की पूर्व तैयारियां का स्थलीय निरीक्षण करते हुए स्टेडियम के ऑडिटोरियम में अधिकारियों के साथ बैठक कर समापन समारोह की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों से जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है इस समापन कार्यक्रम को भव्यता से सम्पन्न करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा, दर्शक दीर्घा, और अन्य सभी सुविधा बेहतर हो इसका विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि 38 वें राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत सभी प्रतियोगिताएं उत्तराखंड राज्य के भीतर ही सम्पन्न हुई, राज्य के बाहर नहीं जाना पड़ा। इस हेतु सभी इंफ्रास्ट्रक्चर यहाँ तैयार किया गया। आने वाले समय में राज्य के युवाओं को इसका बेहतर लाभ प्राप्त होगा और यहाँ के खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रौशन करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले उत्तराखंड राज्य 25 स्थान पर था आज पदक जीतकर 7 वें स्थान पर है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या न हो इस हेतु सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद हो। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने फैनसिंग के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय प्रतिभागियों से परिचय प्राप्त कर उन्हें मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। उन्होंने निशानेबाजी प्रतिभागियों का मनोबल बढाते हुये उत्साहवर्धन किया।

इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट,डा0 अनिल कपूर डब्बू, दिनेश आर्य, एशियन फैनसिंग फैडरेशन के महासचिव राजीव मेहता, सचिव खेल अमित सिन्हा, आयुक्त/सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत, आईजी डा. योगेन्द्र रावत, जिलाधिकारी वंदना निदेशक खेल प्रशान्त आर्या, ले. जनरल (सेनि) हरपाल सिंह के साथ ही अन्य अधिकारी उपस्थित थे।