सीएम ने किया ई-विधान एप्लीकेशन का लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण की उपस्थिति में मंगलवार को ई-विधान एप्लीकेशन का लोकार्पण किया। इस बार विधानसभा का बजट सत्र नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन के तहत संचालित किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड में विधानसभा के कार्यों को डिजिटल और पेपरलेस बनाने के लिए ई-विधानसभा प्रणाली अपनाई गई है। इसके माध्यम से विधायकों को कार्यसूची, विधानसभा में पूछे गये प्रश्नों के जवाब और अन्य दस्तावेज अब ऑनलाइन उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके तहत विधानसभा में विधायकों की टेबल पर टैबलेट लगाए गए हैं, और सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि विधानसभा की कार्यवाही भी अधिक दक्षता से संपन्न होगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्रीगण और विधायकगण उपस्थित रहे।

सराहनीय कदमः मुख्यमंत्री ने किया समान नागरिक संहिता की अधिसूचना का अनावरण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने की अधिकारिक घोषणा करते हुए कहा है कि आज का दिन सिर्फ उत्तराखंड के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष के लिए ऐतिहासिक है। आज से उत्तराखंड में समाज में समानता स्थापित करने के लिए, समान नागरिक संहिता लागू हो गई है।

सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत तौर पर समान नागरिक संहिता की अधिसूचना का अनावरण, यूसीसी पोर्टल ucc.uk.gov.in का भी शुभारंभ और यूसीसी नियमावली बुकलेट का विमोचन किया।

यूसीसी पोर्टल पर मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अपने विवाह का पहला पंजीकरण कराया, जिसका प्रमाणपत्र मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री को सौंपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यूसीसी के तहत सर्वप्रथम पंजीकरण कराने वाले पांच आवेदकों को भी प्रमाणपत्र प्रदान किए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तय करने के लिए विशेषज्ञ कमेटी ने 2.35 लाख लोगों से सम्पर्क साधा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करके राज्य सरकार संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ बी.आर. अंबेडकर सहित संविधान सभा के सभी सदस्यों को सच्ची भावांजलि दे रही है।

भावुक होकर की घोषणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बेहद भावुक होकर सवा करोड़ उत्तराखंडवासियों के सामने समान नागरिक संहिता पूर्ण रूप से लागू करने की घोषणा कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें हर्ष के साथ ही गर्व की भी अनुभूति हो रही है। इसके साथ राज्य में प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक और नागरिक अधिकार एक समान हो गए हैं। साथ ही सभी धर्म की महिलाओं को भी समान अधिकार मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो पाई है, इसके लिए उन्होंने पूरे उत्तराखंडवासियों की ओर से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार व्यक्त किया।

पूरा हुआ संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों के दौरान 12 फरवरी 2022 को उन्होंने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का संकल्प लिया था। तब उन्हें नया-नया दायित्व मिला था, इसके सात महीने बाद ही विधानसभा चुनाव में जाना पड़ा। इसलिए कई लोग तब इस पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे। लेकिन उन्हें पूरा भरोसा था कि उत्तराखंड की देवतुल्य जनता इस काम में उनका साथ देगी। उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार दुबारा भाजपा की सरकार बनी। सरकार बनने के बाद पहला निर्णय उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर लिया गया।

पहले छह महीने में नहीं लगेगा शुल्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी जाति धर्म लिंग के आधार पर कानूनी भेदभाव समाप्त करने का संवैधानिक उपाय है, इसके जरिए सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है। इसके जरिए महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण सुनिचित हो सकेगा। साथ ही हलाला, तीन तकाल, इद्दत जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगेगी। साथ ही संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत वर्णित अनुसूचित जनजातियों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। इससे उनके रीति रिवाजों का संरक्षण हो सकेगा। जिन पंजीकृत व्यक्तियों का विवाह यूसीसी के लागू होने से पूर्व पंजीकृत हुआ हो या तलाक की डिक्री घोषित हुई हो या विवाह निरस्त हुआ हो, उनसे पहले छह महीने में किसी भी तरह का रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लिया जायेगा।

किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नही
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है। यह समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर, समानता से समरता कायम करने का कानूनी प्रयास है। इसमें किसी की भी मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व के प्रमुख मुस्लिम और विकसित देशों में पहले से ही यूसीसी लागू है। इस कानून द्वारा सभी लोगों के लिए विवाह, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार के नियमों को समान किया गया है। सभी धर्म के लोग अपने अपने रीति रिवाजों से विवाह कर सकते हैं। लेकिन अब सभी धर्मों में लड़कों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 21 और लड़कियों के लिए 18 कर दी गई है। साथ ही पति या पत्नी के रहते दूसरे विवाह को प्रतिबंध किया गया है। समान नागरिक संहिता में बाल अधिकारों को संरक्षित किया गया है, साथ ही बेटियों को सम्पति में समान अधिकार दिए गए हैं। परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद न हो इसके लिए मृतक की संपत्ति में पत्नी, बच्चे और माता-पिता को समान अधिकार दिए गए हैं।

यूसीसी के तहत की गई है, ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय को देखते हुए, लिव इन के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, युगल की सूचना रजिस्ट्रार माता-पिता या अभिभावक को देगा। यह जानकारी पूरी तरह गोपनीय रहेगी। लिव इन से पैदा बच्चों को भी समान अधिकार दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी को लागू करने के लिए सरलीकरण के मूल मंत्र पर चलते हुए, ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है, साथ ही स्पष्ट नियमावली भी लागू कर दी गई है। पूरा ध्यान रखा गया है कि इसके लिए किसी भी नागरिक को दिक्कत का सामना न करना पडे।

27 जनवरी को मनाया जायेगा यूसीसी दिवस
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि अब प्रदेश में प्रति वर्ष 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि धारा 370, तीन तलाक, राम मंदिर को लेकर जितने भी संकल्प लिये गये थे, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे किये गये हैं।

इस अवसर पर यूसीसी नियमावली समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने यूसीसी नियमावली के बारे में विस्तार से जानकारी दी जबकि सचिव शैलेश बगोली ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा, राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायकगण, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, यूसीसी नियमावली समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह, प्रो. सुरेखा डंगवाल, मनू गौड़, अजय मिश्रा, शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम धामी ने तीन साल कार्यकाल में 519 नई सड़कों और 195 सेतुओं का निर्माण किया

देहरादून। पुष्कर सिंह धामी सरकार के तीन साल बेमिसाल के दौरान पीएमजीएसवाई में उत्तराखण्ड में कुल 1481 किमी लंबाई युक्त 519 सड़कों का निर्माण किया गया, जिस कारण 250 सौ से अधिक आबादी वाले 35 नए गांवों तक सड़क पहुंच पाई।

धामी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में जहां योजना के तहत कुल 1481 किमी लम्बाई युक्त 519 नई सड़कों और 195 सेतुओं का निर्माण किया गया, वहीं पहले से निर्मित 159 किमी लंबी 61 ग्रामीण सड़कों का भी अपग्रेडेशन किया गया। इन सड़कों और पुलों के निर्माण पर कुल 2310 करोड़ रुपए व्यय किए गए। धामी सरकार के दौरान 250 से अधिक जनसंख्या की 35 बसावटों को सड़क से जोड़कर ग्रामीणों की आवाजाही सुगम की गई है। योजना के तहत प्रथम और दूसरे चरण के कार्य अब पूरे होने की स्थिति में पहुंच गए हैं, अब पीएमजीएसवाई तृतीय चरण के तहत पूर्व में निर्मित सड़कों के अपग्रेडेशन के लिए 1824 करोड़ रुपए की स्वीकृति भारत सरकार से मिल गई है, इसके तहत कुल 2288 किमी लंबी सड़कों का अपग्रेडेशन किया जाना है। इसके अलावा वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सड़क से वंचित आठ बसावटों को सड़क सम्पर्क से जोड़े जाने के लिए 119 करोड़ की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त की गई है। इसके बाद प्रदेश में 150 से कम जनसंख्या की कुल 1796 बसावटें ही ऐसी रह गई हैं, जहां सड़क नहीं पहुंच पाई है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना दिसम्बर, 2000 में केंद्र की तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने प्रारम्भ की थी। योजना का मुख्य उद्देश्य गांवों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ना है। यह योजना 90 प्रतिशत केंद्र पोषित है, शेष दस प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार का होता है। योजना के प्रारंभ होने से अब तक उत्तराखण्ड में कुल 2329 सड़कों और 312 पुलों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। योजना पर अब तक कुल 10183 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, जिसके फल स्वरूप 250 से अधिक जनसंख्या वाली 1846 बसावटों को सड़क से जोड़ा जा चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। सड़कें प्रगति का आधार होती हैं, इसलिए हमारी सरकार का संकल्प है कि प्रत्येक गांव तक सडक पहुंचे। साथ ही सड़क मार्ग से वंचित शेष गांवों तक भी सड़क पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड

आपदा से क्षतिग्रस्त क्षेत्रों में पुनर्निर्माण हेतु समयबद्ध कार्यवाही की जाए-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरियाणा चुनाव प्रचार से वापस आकर देर शाम मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश में आपदा से हुए क्षतिग्रस्थ सड़क मार्गों व पेयजल लाइनों को अभियान के तहत पुनः सुचारू करने, डेंगू की रोकथाम, चारधाम यात्रा समेत विभिन्न विषयों पर विस्तृत दिशा निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश का मौसम लगभग समाप्त हो गया अतः सड़कों के निर्माण और मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया जाए। मानसून के दौरान आपदा में जो भी पेयजल और बिजली की लाइन सहित संपर्क मार्ग क्षति ग्रस्त हुए हैं उन्हें प्राथमिकता से ठीक किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून के दौरान सभी विभागों के सामने विभिन्न चुनौतियां थी लेकिन अब इस अभियान में कोई भी लापरवाही बरदाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि आपदा से जहां-जहां नुक़सान हुआ है। उसके पुनर्निर्माण हेतु समय बद्ध कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि इस अभियान के लिए हर अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाए।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा को लेकर समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून के बाद दीपावली तक पुनः धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी ऐसे में किसी प्रकार की अव्यवस्था ना हो इसके लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा अच्छी चल रही है, यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका ध्यान रखा जाए।

डेंगू रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग सहित सभी मिलकर कार्य करें- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में डेंगू की रोकथाम के लिए किए हा रहे प्रयासों पर समीक्षा करते हुए कहा कि डेंगू के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं।इस पर रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग सहित सभी मिलकर कार्य करें।और प्रभावी नियंत्रण करें। मुख्यमंत्री ने नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में साफ़ सफ़ाई पर विशेष दिए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव डॉ. आर.के.सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, गढ़वाल आयुक्त एवं सचिव विनय शंकर पांडेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मौका मिलने पर खंडूरी से मिलने घर पहुंचते है सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी को जन्मदिवस की बधाई देते हुए उनके स्वस्थ जीवन और दीर्घायु की कामना की।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को खंडूरी के जन्मदिन के अवसर पर उनके वसंत विहार स्थित आवास पर जाकर उन्हें जन्मदिवस की बधाई दी।
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी से भेंट कर उनको जन्मदिवस की बधाई दी।

विभिन्न मोटर मार्गों के निर्माण के लिए मिली धनराशि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र अल्मोड़ा के अन्तर्गत अल्मोड़ा में बेतालघाट स्यालीधार मोटर मार्ग का डामरीकरण एवं सुधारीकरण के कार्य के लिए ₹ 222.25 लाख (दो करोड़ बाईस लाख पच्चीस हजार) एवं जनपद चम्पावत की विधानसभा क्षेत्र लोहाघाट में राज्य योजना के अन्तर्गत टाक खंदक करौली मोटर मार्ग का सुधारीकरण/डामरीकरण के कार्य के लिए ₹ 119.35 लाख (एक करोड़ उन्नीस लाख पैंतीस हजार) की धनराशि स्वीकृत की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद उधम सिंह नगर के विधान सभा क्षेत्र सितारगंज के अन्तर्गत ग्राम निर्मल नगर एवं ग्राम राजनगर को ग्राम सिसौना से जोड़ने हेतु बैगुल नदी पर 60 मी. स्पान पैदल झूला पुल के निर्माण हेतु ₹ 386.22 लाख (तीन करोड़ छियालीस लाख बाईस हजार मात्र) की धनराशि स्वीकृत की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य योजना के अंतर्गत जनपद रूद्रप्रयाग के विधानसभा क्षेत्र केदारनाथ के अंतर्गत विकासखंड अगस्त्यमुनि में चन्द्रापुरी-गुगली आसों-जयकण्डी मोटर मार्ग के सुधार/ डामरीकरण कार्य एवं राज्य योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र राजपुर में देहरादून शहर के डालनवाला क्षेत्र में बलवीर रोड, मोहिनी रोड, प्रीतम रोड, कर्जन रोड, सर्कुलर रोड, लक्ष्मी रोड, इन्दर रोड, म्युनिसिपल रोड, चन्दर रोड, नेमी रोड एवं तेग बहादुर रोड में माइक्रो सरफेसिंग से मार्ग सुधारीकरण के कार्य हेतु भी वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

धामी सरकार के बेहतर यात्रा प्रबंधन ने जीता यात्रियों का विश्वास

प्रदेश सरकार के बेहतर यात्रा प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों के चलते चार धाम यात्रा को लेकर यात्रियों में भारी उत्साह है। मानसून थमते ही यात्रा ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। बीते दिवस 30 सितंबर को 20497 श्रद्धालु चार धाम दर्शन को पहुंचे। इनमें केदारनाथ धाम में सर्वाधिक 7350 तीर्थयात्री पहुंचे। अभी तक के पूरे यात्राकाल की संख्या पर नजर दौडाएं तो करीब 38 लाख श्रद्धालु चारधाम दर्शन को आ चुके हैं। केदारघाटी आपदा से निपटने में सरकार ने पूरी ताकत झोंककर जिस तेजी से स्थिति को सामान्य बनाया है, उससे यात्रियों का सरकार के प्रति विश्वास गहराया है। यात्री पूरे उत्साह और आस्था के साथ बाबा केदार के दर्शन को उमड़ पड़े हैं।
चारधाम यात्रियों की सुरक्षा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सर्वाेच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री के इस ध्येय वाक्य के अनुसार राज्य सरकार के यात्रा इंतजामों और व्यवस्थाओं का असर यात्रा पर दिखाई दिया है। केदारघाटी में 31 जुलाई को आई बड़ी आपदा का जिस प्रकार सरकार ने सामना किया, उसकी आम यात्रियों ने खुले दिल से तारीफ की है। पैदल मार्ग और पड़ावों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित निकालने में जरा भी देरी नहीं की गई। करीब 18 हजार लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर उन्हें उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया। यही नहीं केदारघाटी में आम जनजीवन को बहाल करते हुए पैदल यात्रा मार्ग को सुधार कर यात्रा भी शुरू कर दी गई।
अब दूसरे चरण की यात्रा जोर पकड़ गई है। अक्टूबर और नवंबर माह में भी यात्रा के लिए बड़ी संख्या में यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। 30 सितंबर को हेमकुंड और गोमुख समेत 22 हजार 244 श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर पहुंचे। इनमें केदारनाथ के अलावा बदरीनाथ में 6811, गंगोत्री 3619, यमुनोत्री 2717, हेमकुंट 1632 और 115 श्रद्धालु गोमुख पहुंचे।

रिकॉर्ड बनाएगी चारधाम यात्रा
इस यात्राकाल में बीते दिवस 30 सितंबर तक कुल 37 लाख 91 हजार 205 यात्री चारधाम दर्शन को आ चुके हैं जबकि बीते वर्ष पूरे यात्राकाल में 56.13 लाख यात्री पहुंचे थे। इसी प्रकार वर्ष 2022 में 46.29 लाख और वर्ष 2019 में 34.77 लाख यात्री चारधाम दर्शन को पहुंचे। वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा प्रभावित रही। इन दो वर्षों में यात्री संख्या क्रमशः 3.30 लाख और 5.29 लाख रही।

इस वर्ष 17 दिन की देरी से शुरू हुई चारधाम यात्रा
इस वर्ष चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हुई है जबकि पिछले वर्ष 23 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा का श्रीगणेश हो गया था। तब केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुले थे। इस वर्ष गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 17 दिन बाद यानी 10 मई को खुले हैं, जबकि बदरीनाथ धाम की यात्रा 12 मई से शुरू हुई है। यात्रा अभी अगले माह नवंबर तक चलेगी।

केदारघाटी आपदा से भी प्रभावित रही यात्रा
केदारघाटी में 31 जुलाई की रात आई भीषण आपदा का असर भी यात्रा पर पड़ा है। हालांकि धामी सरकार ने तेजी से राहत और बचाव कार्य करते हुए कुछ दिनों के अंतराल में ही आम जनजीवन को बहाल कर दिया लेकिन सुरक्षा कारणों से यात्रा को कई दिनों के लिए रोक दिया गया था।

बेहतर यात्रा प्रबंधन पर नजर
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर बनाए गए बीस पार्किंग स्थल।
पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली।
यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती।
यात्रा पर निगरानी के लिए 850 सीसीटीवी कैमरे और 8 ड्रोन।
यात्रियों की सुविधा के लिए 56 पर्यटन सहायता केंद्रों की स्थापना।
ट्रैक रूट को साफ करने के लिए कुल 657 पर्यावरण मित्रों की तैनाती।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा मार्ग पर 50 स्क्रीनिंग कियोस्क की स्थापना। स्वास्थ्य मित्र हैं तैनात।
यात्रा मार्ग पर 156 एम्बुलेंस तैनात। 8 ब्लड बैंक और 2 भंडारण इकाइयां स्थापित
49 स्थायी स्वास्थ्य सुविधाएं और 26 चिकित्सा राहत पोस्ट। 22 विशेषज्ञ, 179 चिकित्सा अधिकारी और 299 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात।

सुगम, सुरक्षित, सुलभ और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं। यात्रियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध हैं। चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। राज्य में आज जिस तेजी के साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए हमें यात्रा व्यवस्थाओं को और विस्तार देना होगा। इसकी कवायद भी शुरू कर दी गई है। इस बार केदारघाटी आपदा के चलते व्यवस्थाएं प्रभावित हुई, लेकिन सरकार ने इस कठिन चुनौती का भी दृढ़तापूर्वक सामना कर केदार यात्रा को बहाल किया।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

पीएम मोदी ने जब भी अवसर आया, देश को दी देवभूमि की मिसाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देवभूमि उत्तराखंड से विशेष लगाव रहा है। प्रधानमंत्री के “मन की बात“ कार्यक्रम में उत्तराखंड छाया रहा है। शारदीय नवरात्रि के शुभारंभ पर आगामी तीन अक्टूबर को “मन की बात कार्यक्रम“ दस वर्ष पूर्ण कर लेगा। इन दस वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार उत्तराखंड का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में महिलाओं, युवाओं और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अपने कार्यों से पूरे देश और समाज के सामने आदर्श मिसाल पेश की है। कई कार्याे को प्रेरणाजनक बताते हुए उन्होंने पूरे देश का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया।

हर गांव में शुरू हो धन्यवाद प्रकृति अभियान
मन की बात के 114वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनपद उत्तरकाशी के सीमांत गांव झाला का जिक्र किया। इस गांव के ग्रामीण हर रोज दो-तीन घंटे गांव की सफाई में लगाते हैं। गांव का सारा कूड़ा कचरा उठाकर गांव से बाहर निर्धारित स्थान पर रख दिया जाता है। ग्रामीणों ने इसे धन्यवाद प्रकृति अभियान नाम दिया है। प्रधानमंत्री ने ग्रामीणों की मुहिम की सराहना कर कहा कि देश के हर गांव में यह अभियान शुरू होना चाहिए।

जखोली में महिलाओं ने जलस्रोत किए पुनर्जीवित
रुद्रप्रयाग जनपद के जखोली ब्लॉक की ग्राम पंचायत लुठियाग में महिलाओं ने जल संरक्षण की दिशा में सराहनीय पहल की है। चाल-खाल (छोटी झील) बनाकर बारिश के पानी का संरक्षण किया। इस मुहिम से गांव में सूख चुके प्राकृतिक जलस्रोत पुनर्जीवित होने से पेयजल की किल्लत काफी हद तक दूर हो गई है और सिंचाई के लिए भी पानी मिलने लगा है। प्रधानमंत्री ने महिलाओं के प्रयासों की सराहना कर इसे अनुकरणीय बताया। यहां ग्रामीणों को पानी के लिए तीन किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ता था।

रोज 5-7 किमी पैदल सफर तय कर लगाए कोरोना के टीके
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में कोरोना काल में बेहतर काम करने वाली बागेश्वर की एएनएम पूनम नौटियाल की खूब सराहना की। कोरोना का टीका लगाने के लिए पूनम ने रोज पांच से सात किमी का पैदल सफर तय किया। जो लोग वैक्सीन लगाने से डर रहे थे, उन्हें भी पूनम जागरूक किया। पीएम ने स्वयं भी पूनम से बात की। पीएम ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र होने से वैक्सीनेशन का सारा सामान इन्हें खुद ही अपने कंधे पर उठाकर ले जाना होता था।

स्वच्छता अभियान में जुटे सुरेंद्र
गुप्तकाशी के सुरेंद्र प्रसाद बगवाड़ी स्वच्छता अभियान में जुटे हैं। उन्होंने रुद्रप्रयाग के तत्कालीन जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को गदेरे की सफाई करते देखा तो उन्होंने भी सफाई में जुटने का फैसला किया। वह केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित हैं।

बोली-भाषा को बचाने के लिए काम कर रहा रं समाज
प्रधानमंत्री ने अपनी मन की बात में धारचूला के रं समाज का जिक्र किया। अपनी बोली-भाषा को बचाने के लिए रं समाज द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रधानमंत्री ने जमकर तारीफ की और इसे पूरी दुनिया को राह दिखाने वाली पहल बताया। पीएम ने कहा कि उन्होंने धारचूला में रं समाज के लोगों द्वारा अपनी बोली को बचाने के प्रयास की कहानी एक किताब में पढ़ी।

पवित्र स्थलों को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने में जुटे मनोज
रुद्रप्रयाग के मनोज बैंजवाल पवित्र स्थलों को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने में जुटे हैं। पीएम ने उनकी सराहना की है। जो घाट गंदगी से पटे थे, उन्होंने वहां सफाई कर आरती शुरू कर दी। अन्य लोगों को भी इससे जोड़ा। अब लोगों ने वहां गंदगी फैलाना बंद कर दिया। उन्होंने तुंगनाथ, बासुकीताल आदि बुग्यालों को कचरे से मुक्त करने के लिए अभियान चलाया। अब वह स्कूलों में छात्रों को जागरूक कर रहे हैं।

गायत्री ने रिस्पना की पीड़ा बताई
देहरादून के दीपनगर निवासी छात्रा गायत्री ने रिस्पना नदी की पीड़ा को प्रधानमंत्री के सामने रखा था। उन्होंने बताया कि यह नदी अब लगभग सूख चुकी है। प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में उनकी बातचीत की रिकॉर्डिंग पूरे देश को सुनाई थी।

घोड़ा लाइब्रेरी से दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच रही किताबें
नैनीताल जिले में कुछ युवाओं ने बच्चों के लिए अनोखी घोड़ा लाइब्रेरी की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री ने इस कार्य की सराहना की है। इस लाइब्रेरी की खासियत है कि दुर्गम से दुर्गम इलाकों में भी इसके जरिए बच्चों तक पुस्तकें पहुंच रही हैं और यह सेवा बिल्कुल निशुल्क है। अब तक इसके माध्यम से नैनीताल के 12 गांवों को कवर किया गया है। बच्चों की शिक्षा से जुड़े इस नेक काम में मदद करने के लिए स्थानीय लोग भी खूब आगे आ रहे हैं।

स्कूल परिसर में उगाई हरियाली
राजकीय इंटर कालेज कोटद्वार में गणित के शिक्षक संतोष नेगी की ओर से जल संरक्षण के लिए किए गए प्रयोग को प्रधानमंत्री ने सराहा था। संतोष नेगी ने कॉलेज परिसर में दो सौ गड्ढे बनाकर उनमें बारिश के पानी का संचय किया, जिससे पूरा परिसर हरियाली से भर गया।

दस साल से सूखा नाला हुआ पुनर्जीवित
पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लाक के उफ्रेखाल निवासी रिटायर्ड शिक्षक सचिदानंद भारती ने वर्ष 1989 में उफ्रेखाल में चाल खाल बनाकर बारिश के जल का संरक्षण किया। उन्होंने 30 हजार से अधिक चाल-खाल बनाकर बांज और बुरांश के पेड़ लगाए। इसका परिणाम हुआ कि 10 साल से सूखा नाला पुनर्जीवित हो उठा। उन्होंने अपने अभियान को पाणी राखो नाम दिया है।

भोजनमाता भी कर रही स्वच्छता के प्रति जागरूक
गुप्तकाशी के देवरगांव की चंपा देवी स्कूल में भोजन माता है और लोगों को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक कर रही हैं। उन्होंने बंजर भूमि पर पेड़ लगाकर उसे हराभरा बनाया है।

भोजपत्र पर कलाकृतियां बना रही चमोली की महिलाएं
उत्तराखंड के चमोली जिले के उच्च हिमालय क्षेत्र में उगने वाले दुर्लभ भोजपत्र की छाल पर महिलाएं अपनी कलम चलाकर पुरातन संस्कृति की याद दिला रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बद्रीनाथ दौरे के दौरान सीमांत नीति माणा घाटी की महिलाओं ने उन्हें भोजपत्र पर लिखा एक अभिनंदन पत्र भेंट किया था। इसके बाद प्रधानमंत्री ने भोजपत्र के सोवियत बनाने को लेकर अपने मन की बात कार्यक्रम में महिलाओं की इस पहल की सराहना की।

युवाओं ने बनाया घड़ियालों पर नजर रखने वाला ड्रोन
रुड़की क्षेत्र में स्थित रोटर कंपनी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात में जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वन्य जीव संरक्षण और इको टूरिज्म के लिए नए-नए इनोवेशन युवा सामने ला रहे है। रुड़की में रोटर प्रीसिश़न ग्रुप ने वन्य जीव संस्थान की मदद से ऐसा ड्रोन तैयार किया हैं, जिससे नदी में घड़ियालों पर नजर रखने में मदद मिल रही है।

लोक संस्कृति के संरक्षण में जुटे हैं पूरण सिंह
जनपद बागेश्वर के रीमा गांव के निवासी पूरण सिंह उत्तराखंड की लोक संस्कृति के संरक्षण में जुटे हैं। उत्तराखंड की लोक विधा जागर, न्योली, हुड़का बोल, राजुला मालूशाही लोकगाथा के गायन में उन्होंने खास पहचान बनाई है। पूरण सिंह की बचपन मे ही दोनों आंखें खराब हो गई थी। वह पहाड़ी गीत झोड़ा, छपेली, चाचरी, न्यौली, छपेली, जागर आदि सुना करते थे। आंखें खराब होने से वह पढ़ाई नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने बाल्यावस्था से ही गायन शुरू कर दिया।

प्रधानमंत्री के दिल में बसता है उत्तराखंड-धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड से अगाध प्रेम है। उत्तराखंड उनके दिल में बसता है। यह उनके देवभूमि से असीम लगाव को ही प्रदर्शित करता है कि प्रधानमंत्री ने “मन की बात“ कार्यक्रम में देवतुल्य जनता, प्राकृतिक संपदा, रीति-नीति और लोक परंपराओं का अक्सर जिक्र किया है। इस कार्यक्रम ने छोटे से छोटे स्तर पर काम करने वालों को भी देश-दुनिया मे पहचान दी है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नवरात्रि के शुभारंभ पर आगामी तीन अक्टूबर को “मन की बात“ कार्यक्रम के 10 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। दस वर्षों में इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री ने सामाजिक संगठनों और लोगों द्वारा जनहित में किए गए अनेक कार्यों का जिक्र कर लोगों को अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित किया है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया है कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए हम सबको अपना योगदान देना है।

अवैध रूप से क्रय की गई भूमि को राज्य सरकार में किया जाएगा निहित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भू-कानून की दिशा में लिए गए निर्णय के बाद प्रदेश में अवैध रूप से जमीनों की खरीद फरोख्त करने वालों के ख़िलाफ़ सरकार ने कार्रवाई तेज कर दी है।
प्रदेश के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भू क़ानून को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार भू-क़ानून को लेकर गंभीर है। जिन लोगों ने भी यहां भूमि ख़रीदी और उसका उपयोग उस प्रयोजन हेतु नहीं कर रहे हैं जिस प्रयोजन हेतु भूमि क्रय की है उनके विरुद्ध कार्यवाही करते हुए भूमि को राज्य सरकार में निहित किया जाएगा। इसके अतिरिक एक परिवार में 250 वर्ग मीटर से ज़्यादा भूमि ख़रीद कर जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है,उनकी भी अतिरिक्त ज़मीन राज्य सरकार में निहित की जाएगी।
वन मंत्री ने कहा भू-क़ानून में जो भी सुधार राज्य हित में अपेक्षित होंगे वह प्रयास किए जायेंगे लेकिन इसके लिए प्रदेश के नागरिकों को भी जागरूक होकर सरकार का सहभागी बनना होगा। वन मंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि प्रदेशवासी अपने पैतृक भूमि को संरक्षित करें और उसकी बिक्री ना करें। वन मंत्री ने स्पष्ट किया कि पूर्व में भू-कानून में जो भी ऐसे संशोधन हुए हैं, और उनसे अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं, जन भावनाओं के अनुरूप उनमें भी संशोधन करने से पीछे नहीं हटा जाएगा। वन मंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों के हक हकूकों को संरक्षित करने को हर संभव कदम उठाये जा रहे हैं। राज्य का भावी भू कानून इसी सोच के साथ तैयार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि भू कानून को लेकर मुख्यमंत्री ने कई स्तर पर कार्यवाही करने और अगले बजट सत्र में राज्य की जनभावनाओं के अनुरूप भू क़ानून लागू करने दिशा में निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने सुभाष कुमार समिति का गठन किया है इसके साथ ही भू कानून का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में गठित समिति सुझावों का अध्ययन कर लागू करने के लिए बैठकें कर के इसको अंतिम रूप दे रही है।

लोगों को मंच प्रदान कर प्रेरणादायक बनाता है मन की बात कार्यक्रम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अनारवाला, देहरादून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात का 114वां संस्करण सुना। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का मन की बात कार्यक्रम हमेशा सबको सामाजिक सरोकारों को लेकर बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि के शुभारंभ अवसर पर 3 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के 10 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। दस सालों में इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले सामाजिक संगठनों और लोगों द्वारा जनहित में किये गये अनेक कार्यों का जिक्र कर लोगों को अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित किया है। इस कार्यक्रम से प्रेरणा लेकर लोगों द्वारा अनेक सराहनीय कार्य किये भी जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आज मन की बात कार्यक्रम में राज्य के उत्तरकाशी के सीमावर्ती गाँव झाला का जिक्र किया। यहां के युवाओं ने अपने गाँव को स्वच्छ रखने के लिए एक खास पहल शुरू की है। वे अपने गाँव में ‘धन्यवाद प्रकृति’ अभियान चला रहे हैं। यह स्वच्छता के क्षेत्र में एक सराहनीय पहल है। इसके तहत गाँव में रोजाना दो घंटे सफाई की जाती है। गाँव की गलियों में बिखरे हुए कूड़े को समेटकर, उसे, गाँव के बाहर, तय जगह पर डाला जाता है। इससे झाला गाँव भी स्वच्छ हो रहा है और लोग जागरूक भी हो रहे हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि स्वच्छता के इस तरह के कार्यक्रम जनसहयोग से प्रदेश के हर क्षेत्र में चलाए जाए। राज्य में पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए स्वच्छता अभियान पर राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वाहन किया है कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए हम सबको अपना योगदान देना है। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘वोकल फॉर लोकल’ पर विशेष ध्यान देना है। त्योहारों में स्थानीय उत्पादों की खरीददारी कर हमें स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका को बढ़ाने में योगदान देना होगा। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि हमें विकास के साथ अपनी विरासत को भी बढ़ावा देना होगा। अपनी स्थानीय भाषा, बोलियों और संस्कृति के संरक्षण की दिशा में लगातार प्रयास करने हैं।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। उन्होंने हमेशा उत्तराखंड की चाहे बाल मिठाई हो या एपण कला और आज उत्तराखंड के जनपद उत्तरकाशी के झाला गांव का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस गांव के युवा रोजाना गांव में दो घंटे सफाई करते हैं। इससे गांव स्वच्छ हो रहा है और लोग जागरुक भी हो रहे हैं। उन्होंने सभी से मन की बात कार्यक्रम को सुनने की अपील की।