उत्तराखण्ड को मिला ईज ऑफ डूईंग कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित एकल खिड़की व्यवस्था के तहत टॉप अचीवर्स श्रेणी का पुरस्कार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में ईज ऑफ डूईंग कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित एकल खिड़की व्यवस्था को देश में Top Achievers श्रेणी का पुरस्कार प्राप्त होने प्रसनता व्यक्त की है राज्य को यह पुरस्कार वर्ष 2022-23 के लिए इस क्षेत्र में की गई पहल के लिए प्रदान किया गया है।

गुरुवार को यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में सभी प्रदेशों के उद्योग मंत्रियों के साथ आयोजित उद्योग समागम कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किये गये। राज्य की ओर से मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल तथा सचिव उद्योग विनय शंकर पाण्डेय द्वारा पुरस्कार ग्रहण किया गया।

राज्य में ईज ऑफ डूइंग कार्यक्रम के अंतर्गत निवेशकों के सम्मुख आने वाली विभिन्न समस्याओं की पहचान की जाती है। समस्याओं की पहचान कर उनके निराकरण हेतु अनुकूल नीतियां तैयार की जाती हैं। नीतियों के क्रियान्वयन तथा निवेशकों को समस्त प्रकार की स्वीकृतियां/अनापत्तियां ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध कराये जाने हेतु www-investuttarakhand-uk-gov-in के नाम से पोर्टल तैयार किया गया है। पोर्टल पर उद्यम स्थापना से संबंधित सभी जानकारियां, विधिक अनापत्तियों/स्वीकृतियों की उद्योगवार सूचना उपलब्ध है। एकल खिड़की अधिनियम के अंतर्गत निवेशकों को उद्योग स्थापना तथा संचालन से संबंधित स्वीकृतियां/अनापत्तियां निर्धारित समय-सीमा के अंतर्गत उपलब्ध करायी जाती हैं।

भारत सरकार द्वारा विकसित नेशनल सिंगल विण्डो सिस्टम के साथ इण्टीग्रेशन करने वाला उत्तराखण्ड प्रथम राज्य रहा है। पोर्टल पर उपलब्ध सूचनाओं, एकल खिड़की अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित विधिक समय-सीमा, अन्य विभागों के साथ इण्टीग्रेशन, नेशनल सिंगल विण्डो के साथ इण्टीग्रेशन, शिकायतों का ऑनलाईन निस्तारण तथा समर्पित हेल्पलाईन विशिष्टताओं के दृष्टिगत भारत सरकार द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने इस पुरस्कार को राज्य में उद्यमियों को निवेश के लिये प्रेरित करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्यमियों एवं निवेश अनुकूल नीतियों के कारण बडी संख्या में उद्यमी राज्य में निवेश के प्रति आकर्षित हुए है।

गृह मंत्रालय ने बढ़ाई एसडीआरएफ की रिकवरी व पुनर्निर्माण की दरें

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा एसडीआरएफ की रिकवरी और पुनर्निर्माण की निर्धारित दरों को संशोधित कर बढ़ा दिया गया है। इस बढ़ोतरी से आपदा प्रभावित उत्तराखंड को सबसे ज्यादा लाभ होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से इस बढ़ोतरी के लिए लंबे समय से पैरवी की जा रही थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस संबंध में लगातार पत्र लिखने के साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात कर रिकवरी और पुनर्निर्माण की इन दरों को बढ़ाने का अनुरोध किया था।
बता दें कि इससे पूर्व एसडीआरएफ की मदों में रिकवरी और पुनर्निर्माण के मानक तय नहीं थे। साथ ही दरें भी काफी कम थी। इस प्रकार धनराशि कम होने से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के मरम्मत कार्य में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से कई बार गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर एसडीआरएफ के मानक की धनराशि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए इस मामले में विचार करने का अनुरोध किया था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 14 अगस्त को एसडीआरएफ की रिकवरी और पुनर्निर्माण की दरों के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे आपदा प्रभावित उत्तराखंड को सबसे अधिक लाभ होगा। आपदा में क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के मरम्मत कार्य में सुविधा होगी और जनसामान्य को होने वाली कठिनाइयों को दूर किया जा सकेगा।

’धामी कैबिनेट ने प्रधानमंत्री व गृहमंत्री का जताया आभार’
उत्तराखंड कैबिनेट ने एसडीआरएफ की रिकवरी और पुनर्निर्माण की दरें बढ़ाए जाने का स्वागत करते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है। शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से की गई प्रभावी पैरवी के लिए उनका भी धन्यवाद व्यक्त किया गया। कहा गया कि मानकों में संशोधन का सबसे ज्यादा लाभ उत्तराखंड को मिलेगा।

’पहाड़ में घर की पूर्ण क्षति पर मिलेंगे ₹2 लाख’
पूर्व में मैदानी इलाकों में पक्के घरों के लिए निर्धारित मानक ₹01.20 लाख प्रति घर के स्थान पर अब 30 से 70 प्रतिशत क्षति होने की दशा में ₹90 हजार प्रति घर तथा 70 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर ₹1.80 लाख कर दिया गया है तथा पहाड़ी क्षेत्रों में पूर्व में निर्धारित मानक ₹01.30 लाख प्रति घर के स्थान पर अब 30 से 70 प्रतिशत क्षति होने की दशा में ₹01 लाख प्रति घर तथा 70 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर ₹02 लाख प्रति घर कर दिया गया है।

’प्राइमरी स्कूल भवन के लिए मिलेंगे ₹15 लाख’
प्राथमिक स्कूलों के लिए पूर्व में निर्धारित मानक प्रति विद्यालय ₹02 लाख की सीमा के अध्यधीन रहते हुए वास्तविक व्यय के अनुसार परिवर्तित करते हुए अब प्राथमिक स्कूलों के लिए 30 से 70 फीसदी की क्षति होने पर ₹07.50 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹15 लाख अनुमन्य किया गया है।
माध्यमिक/वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के नाम से पूर्व में मानक निर्धारित नहीं थे, किन्तु अब माध्यमिक/वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के 30 से 70 प्रतिशत क्षतिग्रस्त होने की दशा में ₹12.50 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹25 लाख अनुमन्य किया गया है।

’सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की भी धनराशि बढ़ी’
प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिये पूर्व में ₹02.50 लाख प्रति यूनिट की अधिकतम सीमा के अध्यधीन वास्तविक व्यय के अनुसार अनुमन्य था, जिसको अब बढ़ाकर उपकेन्द्र मैदानी क्षेत्र के लिये 30 से 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹ 09.20 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹18.40 लाख अनुमन्य किया गया है। पर्वतीय क्षेत्र के लिए यह राशि कमशः ₹07.91 लाख तथा ₹15.81 लाख अनुमन्य किया गया है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए मैदानी क्षेत्रों में 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹20.99 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹41.97 लाख अनुमन्य है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹24. 72 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक ₹49.45 लाख अनुमन्य है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैदानी क्षेत्र के लिये 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹79.06 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹158.12 लाख। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर्वतीय क्षेत्र के लिये 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹92.86 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर रू0 185.72 लाख।

’पुल की क्षति पर मिलेंगे 35 करोड़’
पुल प्रति संख्या में 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹1750 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹3500 लाख अनुमन्य किया गया है।

’अन्य क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के लिए निर्धारित दरें एक नजर में’
-तटबन्ध प्रति किमी- 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹50.00 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹ 01 करोड़ प्रति किमी।
-प्रमुख सड़कों के लिए मैदानी क्षेत्र में 70 प्रतिशत की सीमा तक ₹32 लाख प्रति किमी और 70 प्रतिशत से अधिक होने पर ₹64 लाख प्रति किमी। इसी प्रकार पहाड़ी क्षेत्रों में 70 प्रतिशत की सीमा तक ₹93.75 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक होने पर ₹187.75 लाख प्रति किमी।
-अन्य जिला सड़कों के लिए भी मैदानी क्षेत्रों में 70 प्रतिशत की सीमा तक ₹26.75 लाख प्रति किमी तथा 70 प्रतिशत से अधिक होने पर ₹54.50 लाख। इसी प्रकार पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 70 प्रतिशत की सीमा तक ₹80 लाख तथा 70 फीसदी से अधिक होने पर ₹159.88 लाख।

सीएम ने भराड़ीसैंण में आम जनता से भेंटकर सुनी जन समस्यायें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गैरसैण में आयोजित विधानसभा के मानसून सत्र के सफल आयोजन के लिए श्रमिकों, शासन व प्रशासन के अधिकारियों एवं कार्मिकों को धन्यवाद दिया है। उन्होंने भराडीसैण में आम जनता से भेंट कर जन समस्यायें सुनी तथा अधिकारियों को समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने मानसून सत्र की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री आवास भराडीसैण में रात्रि विश्राम किया। उन्होंने क्षेत्रवासियों को गैरसैण के समग्र विकास का आश्वासन देते हुए कहा कि भराडीसैण में वर्षभर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा तथा ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप गैरसैण क्षेत्र के अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जायेगा। रात्रि प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने कई जन प्रतिनिधियों से भी भेंट की तथा राज्य के विकास से जुडे विषयों पर उनसे चर्चा की।

विपक्ष के साथी जल्दबाजी नही करते तो सदन और लम्बा चलता-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गैरसैण में आयोजित विधानसभा सत्र की समाप्ति के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए सदन में हुई सकारात्मक चर्चा को राज्य हित में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के साथी जल्दबाजी नही करते तो सदन और लम्बा चलता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में कई विधेयकों के साथ अनुपूरक बजट पर चर्चा हुई तथा उन्हें स्वीकृति प्रदान की गई। अनुपूरक बजट, सामान्य बजट की पूर्ति के लिये लाया गया है। राज्य में वित्तीय अनुशासन के साथ राजस्व बढाने तथा खर्चों को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए राजस्व प्राप्ति के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं। ऋण लेने की प्रक्रिया में भी कमी लाई गई है। विकास की दिशा में राज्य का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में राज्य द्वारा प्रथम स्थान पर रहना इसका प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास केन्द्र पोषित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने का है। राज्यांश कम होने वाली योजनाओं का लाभ प्रदेश वासियों को मिलें इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा राज्य के गेस्ट हाऊसों का बेहतर ढंग से संचालन कर इन्हें आय के संशाधनो से जोडने में मददगार बनाया जा रहा हैं। राज्य की भावी पीढी को बेहतर वित्तीय स्थिति का लाभ मिले इसके लिए हम प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में युवाओं, खिलाडियों एवं छात्रों के व्यापक हित में अनेक प्रभावी निर्णय लिये गये है। महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कर उनकी आर्थिकी मजबूत करने के साथ उन्हें स्वरोजगार से जोडने के लिये योजनायें बनाई गई है। समूहों के उत्पादों के विपणन की कारगर व्यवस्था की गई है। कृषि, बागवानी, मत्स्य, दुग्ध विकास की योजनाओं को रोजगार परक बनाया जा रहा है। जनता के हित से जुडी योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में राज्य के किसी भी क्षेत्र में बनभूलपुरा जैसी घटना न हो, आपसी भाईचारा व अमन चैन बना रहें तथा दंगा, तोड-फोड के साथ सरकारी व निजी सम्पत्ति का नुकसान न हो इसके लिए लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली विधेयक को मंजूरी दी गई है। अब सम्पतियों के नुकसान की भरपाई दंगाईयों से ही की जायेगी। उन्होंने कहा कि देवभूमि का प्रत्येक व्यक्ति बांग्लादेश में हिन्दुओं के प्रति हो रही हिंसक घटनाओं के प्रति चिंतित है, उनके प्रति हो रहे इस अन्याय को रोका जाना चाहिए। हिंसक घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम हम सबकी मांग है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न आपदा की घटनाओं के प्रति हम संवेदनशील है। वे स्वयं राज्य के विभिन्न आपदाग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा ले रहें है तथा प्रभावितों का दुःख दर्द बांटने में लगे है। पीडितों की हर सम्भव मदद करने का प्रयास निरन्तर जारी है। इसके लिए धन की कमी नही होने दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भराडीसैंण का ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप विकास हमारा लक्ष्य है, इसके लिए शीघ्र उच्च स्तरीय बैठक का भी आयोजन किया जायेगा। भराडीसैण में वर्षभर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के आयोजन के भी प्रयास किये जाने की बात कही साथ ही यहां पर विधानसभा सत्र लम्बें समय तक संचालित किये जाने, अच्छा अस्पताल बनाये जाने, पत्रकारों तथा पुलिस के जवानों के लिये आवास की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही।

कांग्रेस विधायक ने अपनों को घेरा, सीएम से मिलकर क्षेत्र के लिए मांगी मदद

विधानसभा मानसून सत्र के दौरान प्राकृतिक आपदा के मुद्दे पर सदन में चर्चा के दौरान विपक्ष को बोलने के लिए जो समय मिला था, उसमें बोलने का अवसर न मिलने पर विपक्ष के विधायक हरीश धामी ने विपक्ष के प्रति नाराजगी व्यक्त की।
विधायक हरीश धामी ने गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में सत्रावसान के बाद विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर उनके समक्ष अपनी पीड़ा रखी। उन्होंने कहा आपदा की दृष्टि से सबसे संवेदनशील राज्य के पर्वतीय क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि आपदा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर उन्हीं की पार्टी के सदस्यों ने उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इस समय उत्तराखंड के कई इलाके आपदाग्रस्त हैं। ऐसे में इस गंभीर विषय पर चर्चा बहुत आवश्यक थी।
मुख्यमंत्री ने विधायक हरीश धामी की बातों को गंभीरतापूर्वक सुनकर उन्हें आश्वसत किया कि उनके क्षेत्र सहित अन्य स्थानों में आपदा से संबंधित जो भी प्रकरण हैं, उनको प्राथमिकता पर लिया जाएगा। उन्होंने प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु और सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में सभी व्यवस्थाएं सामान्य करने के लिए जिलाधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाए रखें।
विधायक धारचूला द्वारा अपनी विधानसभा क्षेत्र की समस्या बताने के बाद मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु को निर्देश दिए कि सचिव आपदा प्रबंधन और जिलाधिकारी पिथौरागढ़ के साथ बैठक कर क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं का समाधान किया जाए। आपदा कि दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों के विस्थापन की आवश्यकता है तो, किए जाय।

आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का प्रतीक है खनसर घाटी का महाकौथिग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चमोली जनपद के गैरसैंण विकासखंड स्थित माईथान, खनसर में आयोजित “जन्माष्टमी महाकौथिग” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने माईथान क्षेत्र के मंगल दलों को 25-25 हजार रुपए देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने रामगंगा नदी में आवश्यक बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य किए जाने, मालकोट में पुल या वैली ब्रिज बनाने, माईथान में जिला सहकारी बैंक की शाखा खोलने, शिशु मंदिर माईथान को सीएसआर के माध्यम से धनराशि उपलब्ध कराने एवं विनायकधार-कस्बीनगर मोटरमार्ग के जल्द निर्माण की घोषणा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा माईथान मां-भगवती का पवित्र स्थान है एवं माँ भगवती की कृपा से यह क्षेत्र बेहद संपन्न और समृद्ध है। उन्होंने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि बीते कई वर्षों से मेला समिति श्री कृष्ण जन्माष्टमी महाकौथिग का सफल आयोजन कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि माईथान में आयोजित होने वाला यह मेला हमारी संस्कृति का प्रमुख मेला है। खनसर घाटी का यह महाकौथिग आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मेले हमारे सांस्कृतिक धरोहर हैं एवं इन मेलों के माध्यम से ही नई पीढ़ी अपनी विरासत से जुड़ती है। यह मेले लोक कलाकारों को भी मंच प्रदान करते हैं।
मुख्यमंत्री ने समस्त क्षेत्रवासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस पर्व का मानव जीवन पर विशेष प्रभाव है। श्री कृष्ण का प्राकट्य अन्याय और अधर्म को समाप्त करने के लिए हुआ था। भगवान के श्रीमुख से निकले वाक्य आज गीता के रूप में हमें प्रेरित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की मातृशक्ति हर क्षेत्र में आगे बढ़ कर आत्मनिर्भर बन रही है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हमारी महिलाएं विश्वस्तरीय उत्पाद बना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार मातृशक्ति को और सक्षम एवं समृद्ध बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को देश- दुनिया तक पहुंचाने के लिए “हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड” को स्थापित किया है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार का द्वारा महिला समूहों को तीन लाख रुपए तक ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनता का आह्वान किया कि मेले में सभी लोग बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल ने मुख्यमंत्री का आभार जताया एवं प्रदेश सरकार के विभिन्न जनकल्याणकारी फैसलों के बारे में जनता को बताया।
कार्यक्रम में भाजपा प्रवक्ता सतीश लखेड़ा, मेला समिति के पदाधिकारी समेत बड़ी संख्या में स्थानीय जनता उपस्थित रही।

लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए हवलदार के परिजनों से मिले सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को गैरसैंण स्थित सारकोट में लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान शहीद हवलदार बसुदेव सिंह के पैतृक आवास पहुंचकर उनके परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हवलदार बसुदेव सिंह ने देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया है, जिसके लिये पूरा देश उनका ऋणी रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शहीद के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने शहीद हवलदार के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

पुरोला विधायक ने जताया सीएम का आभार

जनपद उत्तरकाशी के विकासखण्ड मोरी के मोरी नैटवाड़ सांकरी जखोल मोटर मार्ग (राज्य मार्ग सं0 48) का हॉटमिक्स/एफ०डी०आर० तकनीक द्वारा सुदृढीकरण का कार्य (लम्बाई 42.15 किमी) को संस्तुति प्रदान किए जाने पर पुरोला विधायक श्री दुर्गेश्वर लाल ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से भराड़ीसैंण में भेंट कर क्षेत्रीय जनता की ओर से उनका आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग का सुदृढ़ीकरण कार्य होने से स्थानीय जनता को आवागमन में काफी सहूलियत होगी।
विधायक दुर्गेश्वर लाल ने कहा कि पिछले लंबे समय से उक्त मार्ग के सुदृढीकरण कार्य की स्थानीय जनता की ओर से मांग उठाई जा रही थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने जनभावनाओं के अनुरूप उक्त सुदृढ़ीकरण कार्य की घोषणा की थी।
विदित है कि विधानसभा गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विगत दिवस हुई व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक में जनपद उत्तरकाशी के विकासखण्ड मोरी के मोरी नैटवाड़ सांकरी जखोल मोटर मार्ग (राज्य मार्ग सं0 48) का हॉटमिक्स/ एफ०डी०आर० तकनीक द्वारा सुदृढीकरण का कार्य (लम्बाई 42.15 किमी) को संस्तुति प्रदान की गई थी।

सीएम ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत और बचाव कार्यों का किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को जनपद टिहरी क्षेत्रांतर्गत घुत्तू-पंजा-देवलिंग टिहरी पहुंचकर आपदा प्रभावित क्षेत्र में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मलेथी में आपदा प्रभावित परिवार दुर्गा देवी पत्नी विशाल मणि से मुलाकात कर हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घुत्तू में अतिवृष्टि/बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है। कई मकान और मवेशी आपदा की जद में आए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को आपदा प्रभावितों को तत्काल सहायता देने, आपदा संभावित क्षेत्रों में आपदा क्षति का आंकलन करने तथा आपदा से क्षतिग्रस्त पुनर्निर्माण के कार्यों को तत्काल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यों के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी, आपदा से हुए नुकसान की भरपाई जल्द से जल्द करने के प्रयास किए जाएंगे। ग्रामीणों की शिकायत पर घुत्तू हाइड्रो पॉवर से मकानों को हो रहे नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को पुनः परीक्षण करवाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि 21 अगस्त की रात्रि को हुई अतिवृष्टि से तहसील घनसाली क्षेत्रांतर्गत घुत्तू क्षेत्र में 29 भवनों को क्षति पहुंची है, जिसमें 6 भवन पूर्ण क्षतिग्रस्त तथा 23 भवन आंशिक क्षतिग्रस्त हुए हैं। अभी तक लगभग 9 क्षतिग्रस्त मकानों का 10 लाख से अधिक की धनराशि नियमानुसार अहेतुक एवं मकान क्षति के रूप में दी जा चुकी है। आंशिक क्षति भवनों के लगभग 20 परिवारों के लोगों को सुरक्षा के दृष्टिगत आपदा राहत शिविरों में रखा गया है, जिनके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर यदि कुछ गांवों के विस्थापन की जरूरत होगी तो नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी या जो किराए के घरों में जाना चाहेगा नियमानुसार किराया दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आपदा से 17 पशु हानि हुई है, जिसमें नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। लगभग 24 पेयजल लाइनों को क्षति पहुंची है। इसके साथ ही विद्युत लाइनों, सड़क, पुलिया आदि अन्य परिसंपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है। अभी तक 450 परिवारों की कृषि क्षति का आंकलन कर लिया गया है। 3-4 गांव का सड़क मार्ग से संपर्क कट चुका है, जिनके सुचारू करने की कार्यवाही गतिमान है।
जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा से मलेथी, चंदला, गवाणा मल्ला, गवाणा तल्ला, कैलबागी, देवलंग, जोगियाणा, गंगेरी, चक्रगांव, मलेथा, रानीढांग, पंजा, मेंडू सिंधवाल, सांकरी, लोम, समणगांव, मिसवाली, भाट्गांव, अंकवाण गांव, रैतगांव, भेलुन्ता आदि कई गांवों में काफी नुकसान हुआ है।
इस मौके पर विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, एसडीएम अपूर्वा सिंह, डीएसओ मनोज डोभाल, अधिशासी अभियंता विद्युत अमित आनंद, अधिशासी अभियंता लोनिवि घनसाली दिनेश नौटियाल, अधिशासी अभियंता पेयजल निगम के एन सेमवाल, अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई पवन कुमार सहित जनप्रति निधि, ग्रामीण मौजूद रहे।

गैरसैंण में बनेगा पत्रकारों के लिए रेस्टहाउस, मुख्यमंत्री ने की घोषणा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से गुरुवार को गैरसैंण (भराड़ीसैंण) स्थित मुख्यमंत्री आवास में जनपद चमोली के विभिन्न पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधियों, वरिष्ठ पत्रकारों के शिष्टमंडल ने शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से विभिन्न विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री धामी ने पत्रकारों की मांग पर गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में पत्रकारों के लिये रेस्टहाउस बनाए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने महानिदेशक सूचना को निर्देशित किया कि इस संबंध में तत्काल कार्ययोजना तैयार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने सचिव संस्कृति एवं धर्मस्व हरिचन्द्र सेमवाल को निर्देश दिए कि गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में मां भराड़ी देवी का भव्य मंदिर बनाया जाए एवं इसके लिए स्थानीय जनता एवं हितधारक तीर्थ पुरोहितों के सुझाव लिए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि गैरसैंण का सर्वांगीण विकास हो इसके लिए गैरसैंण (भराड़ीसैंण) भवन में सालभर विभिन्न प्रशिक्षण, वर्कशॉप, सेमिनार कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में सालभर चलने वाले कार्यक्रमों हेतु सचिव स्तर के अधिकारी को यह ज़िम्मेदारी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षभर संचालित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मज़बूती मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैंण को योग, ध्यान, अध्यात्म के केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भराड़ीसैंण में पुलिस आवास का निर्माण कार्य गतिमान है।
इस अवसर पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, चमोली जिला प्रेस क्लब अध्यक्ष देवेन्द्र रावत, वरिष्ठ पत्रकार क्रांति भट्ट, रजपाल बिष्ट, दिनेश थपलियाल, जगदीश पोखरियाल उपस्थित रहे।