हर घर तिरंगा’ अभियान आज जन-जन तक पहुंचकर राष्ट्रभक्ति का एक महाअभियान बन चुकाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के अंतर्गत तिरंगा फहराया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से प्रारंभ हुआ ‘हर घर तिरंगा’ अभियान आज जन-जन तक पहुंचकर राष्ट्रभक्ति का एक महाअभियान बन चुका है। तिरंगा हमारी स्वतंत्रता, एकता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि इस स्वतंत्रता दिवस पर सभी अपने घर, कार्यालय, दुकान आदि पर तिरंगा गर्व और सम्मान के साथ फहराएं तथा देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वाले वीर सेनानियों को नमन करें। साथ ही तिरंगे के साथ अपनी फोटो लेकर harghartiranga.com पर अवश्य साझा करें।

राज्य में “एआई मिशन“ प्रारंभ होगा, जो “एक्सीलेंस सेंटर“ के रूप में विकसित होगाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं का शुभारंभ किया। इनमें डिजिटल उत्तराखण्ड एप का उद्घाटन, सुरक्षित, स्केलेबल और सुगम्य प्लेटफॉर्म आधारित 66 वेबसाइटों का उद्घाटन, नगरीय क्षेत्र में कूड़ा उठाने वाले वाहनों की रियल टाइम ट्रैकिंग के लिए विकसित की गई जीआईएस आधारित वेब एप का उद्घाटन, जन सुविधा के लिए संचालित 1905 सीएम हेल्पलाइन में एआई के अनुप्रयोग नवाचार का शुभारंभ और अतिक्रमण की निगरानी के लिए वेब आधारित एप्लीकेशन का शुभारंभ शामिल हैं।

मुख्यमंत्री घोषणाएं-
1-भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए राज्य में नेक्स्ट-जनरेशन डेटा सेंटर स्थापित किया जाएगा, जिसके अंतर्गत डिजास्टर रिकवरी के लिए भी एक अलग से मैकेनिज्म बनाया जाएगा।

2-राज्य में शीघ्र ही भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए “एआई मिशन“ प्रारंभ किया जाएगा, जिसे “एक्सीलेंस सेंटर“ के रूप में विकसित किया जाएगा।

3-गुड गवर्नेंस की अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए राज्य में नेक्स्ट-जनरेशन रिमोट सेंसिंग एवं ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर का विकास किया जाएगा।

4-राज्य में एक विशिष्ट आईटी कैडर स्थापित करने के लिए सरकार प्रयास करेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड सुंदर पहाड़ी राज्य होने के साथ ही तकनीकी रूप से दक्ष राज्य के रूप में आगे बढ़े, इसके लिए राज्य सरकार “हिल से हाइटेक“ के मंत्र पर कार्य कर रही है। आज प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी 5 महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की गई है। ये सभी नवाचार शासन व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाने के साथ ही विभिन्न सेवाओं में गति एवं पारदर्शिता भी लाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया अभियान के माध्यम से प्रौद्योगिकी और नवाचार का विस्तार हुआ है। उनके ’डिजिटल इंडिया’ के सपने को साकार करने के लिए राज्य सरकार भी निरंतर प्रयास कर रही है। “डिजिटल उत्तराखण्ड“ एप के माध्यम से लोग घर बैठे ही अनेक सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। अब लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह एप प्रधानमंत्री के ’मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस’ के मंत्र को साकार करने में सहायक होगा। इससे सरकारी सेवाओं को एकीकृत, सरल और सुलभ बनाने में सहायता मिलेगी और विभिन्न गतिविधियों की मॉनिटरिंग भी आसानी से होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लेटफॉर्म पर आधारित 66 नई सरकारी वेबसाइटें विभागीय जानकारी को सुरक्षित, त्वरित और पारदर्शी तरीके से जनता तक पहुंचाएंगी। जीआईएस आधारित वेब ऐप शहरी क्षेत्रों में कूड़ा उठाने वाले वाहनों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग करेगा। अतिक्रमण की रोकथाम के लिए एक वेब-आधारित ऐप के माध्यम से कोई भी नागरिक अतिक्रमण की तस्वीर या वीडियो अपलोड कर सकेगा, जिस पर संबंधित विभाग तुरंत जांच कर कार्यवाही सुनिश्चित करेगा। इस पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि 1905 सीएम हेल्पलाइन राज्य के नागरिकों और सरकार के बीच संवाद का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस सेवा में भी एआई आधारित सुविधाओं से शिकायतों का ऑटो-केटेगराइजेशन, त्वरित समाधान और फॉलो-अप मॉनिटरिंग और भी बेहतर तरीके से होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ऑनलाइन शिक्षा, ई-स्वास्थ्य सेवा और भूलेख डिजिटलीकरण जैसे कार्यों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल और सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से लोगों को घर बैठे ही अनेक सरकारी सेवाओं का लाभ प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट क्लासरूम और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म का भी विस्तार किया जा रहा है। दूरस्थ क्षेत्रों के नागरिकों को टेलीमेडिसिन और ई-संजीवनी सेवाओं के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह घर बैठे उपलब्ध कराने का भी कार्य किया जा रहा है। “अपणी सरकार“ पोर्टल द्वारा 886 सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध करवाया जा रहा है। राज्य के लगभग 95 प्रतिशत गांवों में दूरसंचार कनेक्टिविटी पहुंच चुकी है।

इस अवसर पर विधायक खजानदास, प्रमुख सचिव एल. फैनई, सचिव नितेश झा, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, नीरज खेरवाल, डॉ. वी. षणमुगम, श्रीधर बाबू अदांकी, महानिदेशक यू-कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, निदेशक आईटी गौरव कुमार (वर्चुअल माध्यम), नगर आयुक्त देहरादून नमामि बंसल, संबंधित विभागों के अपर सचिव एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

सीएम से मिले स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधिमंडल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट की। इस दौरान स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी द्वारा उत्तरकाशी जिले के धराली एवं हर्षिल क्षेत्र में आई आपदा के राहत कार्यों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में ₹ 51 लाख की धनराशि का योगदान दिया गया।

मुख्यमंत्री ने स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी द्वारा दिए सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि निश्चित रूप से विभिन्न संस्थाओं द्वारा आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए दिया जा रहा यह सहयोग सराहनीय है।

सीएम बोले, ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ को मिलेगा वैश्विक बाजार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के अन्तर्गत सराहनीय कार्य करने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों को सम्मानित किया और उनसे संवाद भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना का शुभंकर एवं लोगो लॉन्च किया तथा हाउस ऑफ हिमालयाज के नये उत्पाद एवं वेबसाइट का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मातृशक्ति के कल्याण एवं सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, उज्ज्वला योजना और लखपति दीदी जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य हुआ है। जब एक महिला आर्थिक रूप से सशक्त होती है, तो वह पूरे समाज को सशक्त बनाने का कार्य करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी मातृशक्ति के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। शिक्षा और स्वास्थ्य से लेकर उद्यमिता और नौकरियों तक में प्रदेश की महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है। ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया जा रहा है। सशक्त बहना उत्सव योजना और मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना के माध्यम से मातृशक्ति को नए अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के अन्तर्गत आगामी तीन वर्षों में 15 हज़ार से अधिक उद्यमियों, स्वयं सहायता समूहों और लखपति दीदियों को इन्क्यूबेशन सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अंतर्गत उन्हें व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण, कानूनी एवं लाइसेंसिंग सहयोग, को-वर्किंग स्पेस, निवेश सहायता और स्थानीय से लेकर वैश्विक स्तर तक विपणन के लिए एक मजबूत नेटवर्क उपलब्ध कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में वोकल फॉर लोकल और लोकल टू ग्लोबल की पहल के अंतर्गत, लखपति दीदी के संकल्प को साकार करने तथा स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए राज्य में हाउस ऑफ हिमालयाज अम्ब्रेला ब्रांड बनाया गया है। इसके अंतर्गत अभी 35 उच्च-गुणवत्ता वाले उत्पादों को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। शीघ्र ही हाउस ऑफ हिमालयाज के उत्पाद विश्व के अन्य देशों में भी निर्यात किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में 68 हज़ार स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से लगभग 5 लाख महिलाएं संगठित होकर अपना व्यवसाय कर रही हैं। 2023 में शुरू की गई मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के माध्यम से हमारी बहनों ने विभिन्न आयोजनों में 27 हज़ार से अधिक स्टॉल लगाकर 7 करोड़ रुपये से अधिक के उत्पादों की बिक्री की है। प्रदेश की 1 लाख 63 हज़ार से अधिक बहनें लखपति बन चुकी हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रोसेसिंग एवं मार्केटिंग हेतु 49 ग्रोथ सेंटरों की स्थापना की गई है। इन उत्पादों के प्रभावी विपणन के लिए 13 जनपदों में 33 नैनो पैकेजिंग यूनिट्स, 17 सरस सेंटर, 3 राज्य स्तरीय विपणन केंद्र तथा 8 बेकरी यूनिट्स का भी संचालन किया जा रहा है। केंद्र सरकार की वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट योजना के अंतर्गत देहरादून और हरिद्वार रेलवे स्टेशनों पर महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिए विशेष केंद्र स्थापित किए गए हैं।

अल्मोड़ा की सीमा कुमारी ने कहा कि राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर वे पिछले 5 वर्षों में 18 लाख रुपये की आमदनी कर चुकी हैं। बागेश्वर की दया दानू ने कहा कि उनके साथ 400 महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ी हैं और एक वर्ष में सबने मिलकर एक करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है। चम्पावत की हेमा उपाध्याय ने कहा कि वे एग्रो टूरिज्म पर कार्य कर रही हैं। पॉली हाउस और होमस्टे के माध्यम से उन्हें हर साल 4 लाख रुपये की आय प्राप्त हो रही है। कोरोना के दौरान उन्होंने अपने पति के साथ रिवर्स पलायन किया था। चमोली की रेखा नेगी ने कहा कि स्टॉल के माध्यम से उन्हें स्थानीय उत्पादों पर अच्छी आय प्राप्त हो रही है। देहरादून की किरण राणा ने कहा कि उन्हें मशरूम उत्पादन से काफी फायदा हुआ है और उनके साथ 34 महिलाएं कार्य कर रही हैं। हरिद्वार की छवि ने बताया कि उन्होंने रेस्टोरेंट के लिए 10 लाख रुपये का लोन लिया था, जिस पर उन्हें 6 लाख रुपये की सब्सिडी मिली। नैनीताल की किरण जोशी ने बताया कि उनके द्वारा बनाए गए रेशम उत्पादों से उन्होंने पिछले 9 माह में 8 लाख रुपये का व्यवसाय किया है।

इस अवसर पर विधायक खजानदास, सविता कपूर, सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा, आयुक्त ग्राम्य विकास अनुराधा पाल, अपर सचिव झरना कमठान तथा ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम धामी के निर्देश पर धराली में 98 आपदा प्रभावितों को दिए गए चेक

प्रदेश सरकार द्वारा धराली में आपदा प्रभावित 98 परिवारों को पाँच-पाँच लाख रुपये की आर्थिक सहायता के चेक प्रदान किए गए। यह वितरण गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेश सिंह चौहान द्वारा किया गया।

गत 5 अगस्त को उत्तरकाशी एवं पौड़ी जनपदों में आई भीषण प्राकृतिक आपदा ने व्यापक तबाही मचाई थी। कई स्थानों पर भारी बारिश, भूस्खलन और मलबे के प्रवाह से घर पूरी तरह नष्ट हो गए, बुनियादी ढाँचा क्षतिग्रस्त हुआ और प्रभावित परिवारों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ा। इस आपदा के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और सभी प्रभावित परिवारों को पाँच-पाँच लाख रुपये की तत्कालिक सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की थी।

इसी घोषणा के तहत आज धराली में 98 परिवारों को राहत राशि के चेक वितरित किए गए। इस सहायता का उद्देश्य पीड़ित परिवारों को पुनर्वास की दिशा में प्रारंभिक सहारा देना है ताकि वे आपदा के बाद के कठिन दौर में अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकें।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सहायता राहत प्रक्रिया का प्रारंभिक चरण है। भवनों, आवासों, होमस्टे, पशुधन और बागानों को हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए प्रदेश सरकार ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो सात दिनों के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर एक व्यापक राहत एवं पुनर्वास पैकेज तैयार किया जाएगा, जिससे प्रभावितों को दीर्घकालिक सहयोग मिल सके।

उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले लोग मेरे परिवार के सदस्य हैं। इस कठिन समय में वह और प्रदेश सरकार प्रभावितों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। पुनर्निर्माण और पुनर्वास कार्य को प्राथमिकता के साथ अंजाम दिया जाएगा, ताकि सभी प्रभावित जल्द से जल्द सामान्य जीवन की ओर लौट सकें।”

इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी एवं क्षेत्रीय नागरिक भी उपस्थित रहे और उन्होंने प्रदेश सरकार की इस त्वरित राहत कार्रवाई के लिए आभार व्यक्त किया।

सीएम ने किया 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो प्रोसेडिंग विमोचन समारोह में प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल आयुष गांव विकसित किया जा रहा है। साथ ही नए योग एवं वेलनेस केंद्र भी विकसित किए जा रहे हैं।

ओल्ड राजपुर स्थित एक होटल में 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के प्रोसेडिंग विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये हमारे लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि देवभूमि उत्तराखंड 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो का आयोजन करने में सफल रहा, साथ ही अब हम उस ऐतिहासिक आयोजन की स्मृतियों और उपलब्धियों को संजोने के लिए प्रोसिडिंग का विमोचन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये मात्र एक दस्तावेज नहीं बल्कि ज्ञान, अनुभव और गहन विचार-विमर्श का सार तत्व है, जो आने वाले वर्षों में आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान, नीति-निर्माण और जन स्वास्थ्य की दिशा तय करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और एक्सपो मार्ट के आयोजन के माध्यम से हम न केवल भारत में, बल्कि विश्व के विभिन्न देशों में यह संदेश देने में सफल रहे कि आयुर्वेद द्वारा किस प्रकार उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है।

साथ ही हम विश्व को अपनी सनातन हिंदू संस्कृति द्वारा बताए गए सर्वे सन्तु निरामयाः के संदेश को व्यापक रूप से पहुंचाने में भी सफल रहे।

मुख्यमंत्री ने विज्ञान भारती के विज्ञान विद्यार्थी मंथन की सराहना करते हुए कहा कि ये न केवल हमारे युवाओं में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा, अनुसंधान की प्रवृत्ति और नवाचार की क्षमता को विकसित करने की एक सशक्त पहल है बल्कि भावी पीढ़ी को जिज्ञासु, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाने का एक व्यापक अभियान भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद विश्व की एक ऐसी विशिष्ट चिकित्सा प्रणाली है जो प्राचीन काल से ही मानव सभ्यता का आरोग्य सुनिश्चित करती आ रही है। आयुर्वेद मात्र बाह्य रोगों को ही नहीं बल्कि हमारी बुद्धि और हमारी इन्द्रियों से जुड़े हुए आंतरिक विकारों को भी ठीक करता है। आयुर्वेद के इसी समग्र दृष्टिकोण के कारण आज इसकी स्वीकारिता लगातार बढ़ती जा रही है। आयुर्वेद मानवता को मिला सबसे मूल्यवान उपहार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड प्राचीन काल से ही आयुर्वेद और औषधीय संपदा की प्रज्ञा भूमि रही है। हमारे पर्वतीय अंचल में पाई जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटियों ने आयुर्वेद को आरोग्य के आधारभूत तत्व के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसलिए इस प्रकार का आयोजन हमारे प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होने कहा हम सभी के लिए गौरव का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में गठित आयुष मंत्रालय आज हमारे इस प्राचीन विज्ञान को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिला रहा है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित ‘राष्ट्रीय आयुष मिशन’ और ‘प्रकृति परीक्षण अभियान’ जैसे विभिन्न कार्यक्रम आज शहरों से लेकर गांवों तक आरोग्य स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं सहयोग से राज्य सरकार भी प्रदेश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार हेतु निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, राज्य के भीतर आयुष आधारित 300 से अधिक ’’आयुष्मान आरोग्य केंद्रों’’ का संचालन हो रहा है। ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से 70 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा आयुष परामर्श प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार प्रत्येक जनपद में 50 बेड और 10 बेड वाले आयुष चिकित्सालयों की स्थापना कर रही है। साथ ही प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल आयुष गांव विकसित किया जा रहा। इसके साथ ही, राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में ’’उत्तराखंड आयुष नीति’’ को लागू करते हुए औषधि निर्माण, वेलनेस, शिक्षा, शोध और औषधीय पौधों के उत्पादन को गति प्रदान की जा रही है। अब राज्य सरकार आगामी वर्षों में आयुष टेली-कंसल्टेशन प्रारम्भ करने के साथ-साथ 50 नए योग और वेलनेस केंद्र स्थापित करने हेतु भी प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए आयुष मंत्रालय से अनुरोध किया है, जो उत्तराखंड में आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयुष विभाग की कॉफी टेबल बुक और विज्ञान भारती के विज्ञान विधार्थी मंथन प्रतियोगिता के पोस्टर का विमोचन करने के साथ ही आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कई लोगों को सम्मानित किया।
इससे पहले विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ शिव कुमार ने आयोजन की विस्तृत रूप रेखा प्रस्तुत की।

मुख्य आयोजन से पूर्व धराली आपदा में दिवंगत हुए नागरिकों के प्रति मौन भी रखा गया।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, आरएसएस के प्रांत प्रचारक डॉ शैलेंद्र, सचिव दीपेंद्र चौधरी, निदेशक आयुष विजय जोगदंडे, प्रो. अनूप ठक्कर, चन्द्रशेखर नय्यर, डॉ. वी. के अशोक, प्रो. के डी पुरोहित के साथ ही विभिन्न गणमान्य लोग शामिल हुए।

संवेदनशील क्षेत्रों में सीएम ने दिए निर्माण रोकने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्च स्तरीय बैठक के दौरान राज्य में आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन, हिमस्खलन तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों को तत्काल चिन्हित किया जाए, ताकि संभावित खतरे से पहले ही सतर्कता बरती जा सके। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन चिन्हित संवेदनशील स्थलों पर किसी भी प्रकार की नई बसावट या नए निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्राकृतिक जल स्रोतों और नदियों और नालों के किनारों पर किसी भी प्रकार का सरकारी या निजी निर्माण कार्य प्रतिबंधित रहेगा। इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं तथा इनके क्रियान्वयन की नियमित निगरानी की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि इन निर्देशों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से बचाव के लिए रोकथाम के उपायों को प्राथमिकता दी जाए और संवेदनशील क्षेत्रों में जनहित को ध्यान में रखते हुए ठोस एवं प्रभावी कदम उठाए जाएं।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और अपर सचिव बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

धराली आपदा में ध्वस्त हुए कल्प केदार देवता के मंदिर का पुनः निर्माण किया जाएगाः सीएम

सीएम धामी ने जिलाधिकारी सहित संबंधित विभागों के सचिवों को धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए निजी और सार्वजनिक संपत्ति के आकलन को 7 दिन की टाइमलाइन में तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में आठ संबंधित विभागों द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट दे दी गई है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को यह आकलन तैयार होते ही भारत सरकार को भेजने की निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएम ने धराली सहित राज्य के सभी आपदाग्रस्त क्षेत्रों हेतु सरकार की ओर से दी जा रही तात्कालिक सहायता वितरण कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि यह सहायता राशि तात्कालिक रूप से प्रभावितों को प्रदान की जा रही है, इस संबंध में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता ना फैलाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि धराली आपदा में ध्वस्त हुए कल्प केदार देवता के मंदिर का निर्माण भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि धराली के लोग हमारे अपने लोग हैं, उनका बेहतरीन विस्थापन किया जाएगा, इस सम्बन्ध में कोई कमी नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने राहत – बचाव कार्यों में लगी सरकारी मशीनरी का उत्साहवर्धन करने की अपील की, उन्होंने इसमें जन सहयोग की भी अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में सभी को भ्रामक एवं नकारात्मक प्रचार से बचना चाहिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को आपदा कंट्रोल रूम, आई०टी० पार्क, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून में आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली- हर्षिल आपदाग्रस्त क्षेत्र में हर्षिल तक सड़क मार्ग को युद्धस्तर पर कार्य करते हुए मंगलवार तक सुचारु करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग सहित संबंधित एजेंसियो ने जानकारी दी है कि आज शाम लिमचीगाड़ ब्रिज संचालित होते ही, हर्षिल तक की रोड कनेक्टिविटी 2 दिन के भीतर आरंभ कर दी जाएगी। सड़क के जल्द से जल्द निर्माण हेतु सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई है।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को धराली आपदा में 108 बेघर हुए परिवारों से निरंतर सम्पर्क एवं संवाद बनाते हुए तात्कालिक रूप से उनके रहने, भोजन दवाइयों एवं आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बेहतरीन व्यवस्थाए करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि धराली आपदा ग्रस्त क्षेत्र के चौनेलाइजेशन के लिए सोमवार की सुबह ही आईआईटी रुड़की, सी एस आर ई एवं अन्य विशेषज्ञ एजेंसीयों के जियोलॉजिस्ट की एक टीम तत्काल रवाना की जाए।

आज की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से ग्राम प्रधान सहित धराली के आपदा प्रभावितों से बात की। धराली ग्राम प्रधान तथा अन्य ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्वयं तीन दिन तक धराली में उनके साथ बने रहने, उनका हौसला बनाए रखने, आपदा आकलन हेतु तत्काल त्रिस्तरीय समिति बनाने, मुआवजा वितरण की प्रक्रिया तुरंत आरंभ करने एवं प्रशासन द्वारा प्रभावी राहत एवं बचाव कार्यों के लिए आभार व्यक्त किया।

धराली व पौड़ी आपदा के राहत एवं बचाव कार्यों में निरंतर लगे सभी सरकारी अधिकारियों एवं कार्मिकों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि रक्षाबंधन पर्व के दौरान भी अपने घरों से दूर रहते हुए धराली एवं अन्य आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में निरंतर पूरे मनोयोग से कार्य करते हुए सभी अधिकारियों एवं कार्मिक, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, विभिन्न एजेंसियों एवं सेना के जवानों ने जो हिम्मत दिखाई है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी पौड़ी से भी आपदा रावत बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की। डीएम पौड़ी स्वाति भदौरिया ने बताया कि पौड़ी के 338 गांव आपदा प्रभावित है। आपदा प्रभावित सैंजी गांव के क्षतिग्रस्त घरों का आकलन कर दिया गया है। अभी तक प्रभावितों को 50.86 लाख रुपए का मुआवजा वितरण कर दिया गया है। जनपद में राहत कार्य मिशन मोड पर संचालित किया जा रहे हैं।

बैठक में मुख्य सचिव आनंद वर्धन, डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु सहित सभी संबंधित विभागों के सचिव, अपर सचिव, वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी उत्तरकाशी तथा पौड़ी तथा धराली के ग्राम प्रधान तथा अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।

सीएम ने कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा भेजी गई आपदा राहत सामग्री को किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा धराली में राहत एवं पुनर्वास के लिए भेजी जा रही आपदा राहत सामग्री को रवाना किया।

कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा सी.एस.आर के अंतर्गत 10 से 12 दिनों तक के लिए पर्याप्त कच्चा राशन-आटा, चावल, दालें, मसाले, खाद्य तेल-सहित दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुएँ जैसे टूथपेस्ट, नहाने एवं कपड़े धोने का साबुन, आदि सम्मिलित हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोटक महिंद्रा बैंक का आभार जताते हुए कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों की हर संभव सहायता के लिए प्रतिबद्ध है और राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा इस दुख की घड़ी में पूरा राज्य आपदा प्रभावितों के साथ खड़ा है।

इस अवसर पर अपर सचिव मनमोहन मेंनाली, महिंद्रा बैंक के सर्किल हेड शोभित अग्रवाल, एरिया हेड अनुज कपूर, रजत जैन कोटक, महिंद्रा बैंक के इंप्लीमेंट पार्टनर सेवा इंटरनेशनल के पदाधिकारी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

राखी, राहत और रिश्ता, आपदा के बीच मानवीय संवेदनाओं का मार्मिक दृश्य

उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों का निरीक्षण कर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने शुक्रवार को एक अत्यंत भावुक कर देने वाला दृश्य सामने आया, जिसने वहां उपस्थित सभी लोगों की आंखें नम कर दीं।

गुजरात के अहमदाबाद स्थित ईशनपुर निवासी धनगौरी बरौलिया अपने परिवार के साथ गंगोत्री दर्शन के लिए उत्तराखंड आई थीं। 5 अगस्त को आई भीषण आपदा के कारण वे धराली में अपने परिवार सहित फंस गईं। मार्ग अवरुद्ध होने और लगातार मलबा व तेज बहाव के कारण स्थिति अत्यंत चुनौतीपूर्ण हो गई थी।

प्रदेश सरकार के निर्देशों पर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित राहत व बचाव कार्य प्रारंभ किए गए। मुख्यमंत्री स्वयं तीन दिनों से लगातार क्षेत्र में मौजूद रहकर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। रेस्क्यू टीमों के अथक प्रयासों से श्रीमती बरौलिया और उनके परिवार को सुरक्षित निकाला गया।

रक्षाबंधन से पहले दिन जब मुख्यमंत्री प्रभावित क्षेत्र में मौजूद थे, तब श्रीमती बरौलिया ने भावुक होकर अपने दुपट्टे का एक टुकड़ा फाड़कर उसे राखी के रूप में मुख्यमंत्री श्री धामी को बांधा। यह दृश्य वहां उपस्थित सभी लोगों को गहराई से छू गया।

मुख्यमंत्री ने भी इस भावनात्मक क्षण को विनम्रता से स्वीकार करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार आपदा की इस घड़ी में हर प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

धराली जैसे दुर्गम क्षेत्र में मानवीय संवेदनाओं का यह दृश्य विपदा के बीच आशा, विश्वास और सामाजिक एकजुटता की मिसाल बना।