सहस्त्रधारा में क्रॉसिंग बाजार का भ्रमण कर सीएम ने व्यापारियों से की वार्ता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित सहस्त्रधारा क्रॉसिंग बाजार का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने दुकानदारों एवं स्थानीय लोगों से मुलाकात कर स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में राज्य की भूमिका पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेशी वस्तुओं को अपनाना न केवल हमारी परंपराओं और स्थानीय उद्योगों को मजबूत करता है बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध कराता है।

मुख्यमंत्री ने दुकानदारों से साफ-सफाई, ग्राहक सुविधा और बाजार व्यवस्थापन पर भी विशेष ध्यान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा हेतु प्रयासरत है तथा व्यापारिक गतिविधियों के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और विधायक उमेश शर्मा काऊ भी मौजूद थे।

सीएम ने नमो युवा रन का शुभारंभ कर युवाओं के साथ लगाई दौड़

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घंटाघर, देहरादून में ‘सेवा पखवाड़ा’ कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित ‘नमो युवा रन’ का फ्लैग ऑफ किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रतिभागियों के साथ दौड़ में सम्मिलित होकर युवाओं का उत्साहवर्धन भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘नमो युवा रन’ केवल एक खेल आयोजन नहीं है, बल्कि यह युवाओं में ऊर्जा, स्वास्थ्य, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की भावना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारंभ किए गए ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ को नई दिशा और व्यापक जनभागीदारी प्रदान कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने उपस्थित युवाओं का आह्वान किया कि वे स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली अपनाकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से देशभर में सेवा, समर्पण और जनकल्याण की भावना को नई गति मिल रही है और ‘सेवा पखवाड़ा’ के माध्यम से समाज के हर वर्ग को सकारात्मक योगदान देने का अवसर प्राप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे आयोजनों से युवाओं की ऊर्जा राष्ट्रहित में और अधिक सार्थक होती है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, अन्य जनप्रतिनिधिगण, कार्यक्रम के संयोजक विपुल मैदोली सह संयोजक देवेंद्र बिष्ट आदि मौजूद थे।

स्वच्छोत्सव 2025 का शुभारंभ कर सीएम ने स्वच्छता अभियान के तहत झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज स्वच्छ उत्सवः 2025 कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु जीवन की कामना की। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को भगवान विश्वकर्मा जयंती की शुभकामनाएँ भी प्रदान कीं।

मुख्यमंत्री ने स्वच्छता अभियान के तहत झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया और सभी प्रदेशवासियों से स्वच्छता की मुहिम से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक प्रदेश भर में सेवा स्वच्छता से संबंधित नियमित कार्यक्रम किए जाएंगे। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति पर श्रद्धा सुमन अर्पित भी किए। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने स्वच्छता की शपथ दिलाई और पौधारोपण भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वच्छता रथ का फ्लैग ऑफ किया और पर्यावरण मित्रों को सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वच्छता आंदोलन ने देश को नए आयाम प्रदान किए हैं। स्वच्छ उत्सव-2025 भी इसी दिशा में एक संकल्प, एक आंदोलन और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ व स्वच्छ भविष्य का वचन है। उन्होंने कहा कि ‘‘स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत’’ के सपने को साकार करना हम सभी की जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा हाल ही में राष्ट्रीय वायु कार्यक्रम के तहत घोषित स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में नगर निगम देहरादून को देश में 19वाँ स्थान प्राप्त हुआ है। स्वच्छता रैंकिंग में भी नगर निगम देहरादून ने इस वर्ष 62वाँ स्थान प्राप्त किया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर है। अब तक राज्य में छह लाख से अधिक शौचालय रहित परिवारों के लिए शौचालयों का निर्माण किया गया है।

नगर निगम देहरादून ने सफाई से सम्बन्धित समस्याओं के त्वरित निवारण के लिए स्वच्छता कंट्रोल रूम की स्थापना की है।कूड़ा उठान, सीसीटीवी निगरानी और नियमित सफाई व्यवस्था से शहर को बेहतर दिशा दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता केवल सरकारी अभियान नहीं, बल्कि हमारे संस्कार और जीवनशैली का हिस्सा है। उन्होंने सभी नागरिकों का आह्वान किया कि वे अपने घर, मोहल्ले, गाँव और शहर को साफ-सुथरा रखने को अपनी जिम्मेदारी समझें। मुख्यमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण पर बल देते हुए ‘‘एक पेड़ माँ के नाम’’ अभियान का उल्लेख किया और कहा कि पौधारोपण जीवन की गुणवत्ता सुधारने और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने का साधन है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, मेयर देहरादून सौरभ थपलियाल, विधायक सविता कपूर, सुरेश गड़िया, सचिव नीतेश झा, नगर आयुक्त नमामि बंसल और अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर दो दिन के भीतर दून अस्पताल में बढ़ी सुविधाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से दून अस्पताल में जनसुविधाएं बढ़ाने को लेकर दिए गए निर्देश के 48 घंटे के भीतर ही, अस्पताल परिसर में मरीजों और तीमारदारों के लिए सुविधाएं बढ़ा दी गई हैं। अब अस्पताल के वेटिंग एरिया में पंखे और मास्क की समुचित व्यवस्था कर दी गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय का औचक निरीक्षण करते हुए, अस्पताल में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं और जन सुविधाओं का जायजा लिया था। मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल के वेटिंग एरिया में तीमारदारों के लिए पेयजल, पंखे एवं बैठने की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए थे कि अस्पताल परिसर में साफ-सफाई, नियमित सैनिटाइजेशन तथा रंग-रोगन की व्यवस्था की जाए। इसी क्रम में 48 घंटे से कम समय में अस्पताल में सीसीयू के बाहर वेटिंग एरिया में पंखे लगा दिए गए हैं, जिससे उमस गर्मी में तीमारदारों को भारी राहत मिली है। साथ ही वेटिंग एरिया में सेनेटाइजर और मास्क की भी समुचित व्यवस्था की गई है। अस्पताल परिसर की साफ सफाई में भी सुधार हुआ है। जिस पर तीमारदारों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। तीमारदारों का कहना है कि उन्हें कई बार वेटिंग एरिया में ही आराम करना पड़ता है, ऐसे में पंखे, साफ, सफाई और मास्क की समुचित व्यवस्था होने से सुविधा रहेगी। तीमारदारों ने कहा कि शनिवार को मुख्यमंत्री ने खुद उनसे अस्पताल की सुविधाओं पर फीडबैक लिया था, इसके 48 घंटे से कम समय में अस्पताल में सुविधाएं बढ़ गई हैं।

अस्पतालों में मरीजों के साथ तीमारदारों की सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाना जरूरी है। कई बार तीमारदारों को अस्पताल में ही रात बितानी पड़ती है। इसलिए बुनियादी जनसुविधाएं होनी जरूरी है। प्रदेश के सभी अस्पतालों में जन सुविधाओं को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सीएम धामी ने किया दून अस्पताल का निरीक्षण, मरीजों से सीधे संवाद कर जानी उनकी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर अस्पताल में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं, उपचार की गुणवत्ता तथा व्यवस्थाओं का गहन जायजा लिया।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अस्पताल में उपचाररत विभिन्न मरीजों से भेंट कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली तथा उन्हें अस्पताल द्वारा प्रदान की जा रही चिकित्सीय सुविधाओं के बारे में पूछा। मरीजों और उनके परिजनों से संवाद के माध्यम से मुख्यमंत्री ने चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता को प्रत्यक्ष रूप से समझा तथा आवश्यक निर्देश भी दिए।

राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के औचक निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर में मौजूद वेटिंग एरिया (प्रतीक्षालय) में तीमारदारों के लिए समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराने के स्पष्ट निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने अस्पताल के वेटिंग रूम का जायजा लेते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि मरीजों के साथ आने वाले तीमारदारों को भी सुविधाजनक वातावरण मिले, इसके लिए पेयजल, पंखे एवं बैठने की पर्याप्त एवं सुव्यवस्थित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि तीमारदार अस्पताल की व्यवस्था का अहम हिस्सा होते हैं और उन्हें भी बेसिक सुविधाएं मिलनी चाहिए, जिससे वे मानसिक रूप से सहज रह सकें।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि अस्पताल परिसर में साफ-सफाई, नियमित सैनिटाइजेशन तथा रंग-रोगन की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से कराई जाए। उन्होंने कहा कि अस्पताल न केवल चिकित्सा का स्थान है, बल्कि यह मानसिक और शारीरिक रूप से रोगियों एवं उनके परिजनों को संबल देने का स्थान भी है, अतः इसकी स्वच्छता, सौंदर्यीकरण एवं सुव्यवस्था अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों की सुविधा और सम्मान भी राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सरकारी अस्पतालों में आमजन को बेहतर सेवाएं मिलें, इसके लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ब्लड सैंपल कलेक्शन सेंटर भी पहुंचे
मुख्यमंत्री धामी ब्लड सैंपल कलेक्शन सेंटर भी पहुंचे, जहाँ उन्होंने सेंटर में कार्यरत ऑपरेटर से सैंपल संग्रहण की प्रक्रिया, उनकी रिकॉर्डिंग तथा प्रयोगशाला में होने वाली टेस्टिंग संबंधी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सेंटर में उपयोग हो रही तकनीक एवं संसाधनों की कार्यकुशलता की सराहना की तथा इसकी निरंतर निगरानी के निर्देश दिए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अस्पताल प्रशासन, चिकित्सा अधिकारियों एवं स्टाफ को निर्देश दिया कि मरीजों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण उपचार उपलब्ध कराना सर्वाेच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए संकल्पित है तथा इसके लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता, संवेदनशीलता और त्वरित सेवा व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि आम जनमानस को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिल सके।

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना हेल्प डेस्क का भी जायजा लिया
अटल आयुष्मान योजना का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर में स्थापित अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना हेल्प डेस्क का भी जायजा लिया।

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने हेल्प डेस्क पर तैनात कर्मचारियों से योजना की कार्यप्रणाली, लाभार्थियों को दी जा रही सहायता, कार्ड बनाने की प्रक्रिया, मरीजों के क्लेम की स्थिति तथा जनसामान्य को प्रदान की जा रही सुविधा संबंधी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने मौके पर उपस्थित लाभार्थियों से भी बातचीत कर उनके अनुभव सुने तथा हेल्प डेस्क की कार्यक्षमता की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अटल आयुष्मान योजना का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि हेल्प डेस्क पर आने वाले हर व्यक्ति को सरल, स्पष्ट और त्वरित जानकारी मिलनी चाहिए, जिससे उन्हें योजना से जुड़ने और लाभ प्राप्त करने में कोई असुविधा न हो।

मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना गरीब एवं जरूरतमंद मरीजों के लिए संजीवनी के समान है और इसकी प्रभावी क्रियान्वयन व्यवस्था के लिए सभी संबंधित विभागों को सजग एवं सक्रिय रहना होगा।

निरीक्षण के दौरान अपर सचिव बंशीधर तिवारी, चिकित्सा अधीक्षक, वरिष्ठ चिकित्सकगण, प्रशासनिक अधिकारीगण एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

देहरादून पहुंचे पीएम मोदी, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए 1200 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की, प्रभावितों से भी मिले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून का दौरा किया और उत्तराखंड में बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए समीक्षा बैठक की।

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में बाढ़ और बारिश से प्रभावित क्षेत्रों के लिए 1200 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की।

प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की।

प्रधानमंत्री ने हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत व्यापक सहायता की घोषणा की।

प्रभावितों से मिलकर संवेदना व्यक्त की
प्रधानमंत्री ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा मित्र स्वयंसेवकों से भी मिले और उनके प्रयासों की सराहना की। केंद्र सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की बहाली और पुनर्निर्माण के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।

हिमालय में पाई जाने वाली दुर्लभ वनस्पतियां और जीव-जंतु भी हमारे पर्यावरण की महत्वपूर्ण धरोहरः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार हिमालय संरक्षण को लेकर पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है, इस महत्वपूर्ण काम में हम सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी।

आईआरडीटी सभागार में आयोजित हिमालय दिवस समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को हिमालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हिमालय मात्र बर्फीली चोटियों और विस्तृत पर्वतमालाओं का समूह नहीं है बल्कि ये सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप का जीवन स्रोत भी है। हिमालय न केवल भारत के उत्तर में अटल प्रहरी का काम करता है, बल्कि इसकी पर्वतीय नदियाँ पूरे देश की जीवनधारा हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय की ऊंची चोटियां, विस्तृत ग्लेशियर, नदियां और जैव विविधता से भरपूर वन हमें न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कराते हैं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां हिमालय से निकलने वाली नदियां देश के करोड़ों लोगों की प्यास बुझाती हैं वहीं इस पर पाए जानी वाली दुर्लभ जड़ी बूटियां आयुर्वेद का आधार हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज हमारी इस अमूल्य धरोहर को गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है। जलवायु परिवर्तन, अनियंत्रित विकास, और प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन हिमालय के संतुलन को बिगाड़ रहे हैं। इसके ग्लेशियर पिघल रहे हैं, जो आने वाले समय में गंभीर जल संकट और पारिस्थितिकीय असंतुलन की बड़ी चुनौती बन सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हिमालयी क्षेत्र में वर्षा की तीव्रता लगातार बढ़ रही है और अप्रत्याशित क्लाउड बर्स्ट तथा उनके परिणामस्वरूप भूस्खलन जैसी आपदाएँ बार-बार घटित हो रही हैं। इन घटनाओं की आवृत्ति और उनके प्रभाव दिन प्रति दिन बढ़ते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में हमारे राज्य को कई भीषण प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा है। इन गंभीर चुनौतियों से प्रभावी रूप से निपटने के लिए वैज्ञानिक संस्थानों और विशेषज्ञों के बीच समन्वय स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए, गत वर्ष सरकार ने उच्च स्तरीय समिति के गठन के लिए निर्देश जारी किए थे। अब इस वर्ष नवंबर में राज्य में जलवायु परिवर्तन पर ‘विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन’ का भी आयोजन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हिमालय की सुरक्षा केवल सरकार का ही कार्य नहीं है, बल्कि ये देश के प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग एवं मार्गदर्शन में राज्य सरकार हिमालय संरक्षण को लेकर पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसी क्रम में सरकार डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम, ग्लेशियर रिसर्च सेंटर, जल स्रोत संरक्षण अभियान और जनभागीदारी कार्यक्रमों के माध्यम से हिमालय के दीर्घकालिक संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में प्लास्टिक वेस्ट के प्रबंधन के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम प्रारम्भ किया गया है। इस एक छोटी सी पहल से हिमालयी क्षेत्र में 72 टन कार्बन उत्सर्जन को कम करने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें पर्यटन क्षेत्र में भी पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में ध्यान देना होगा क्योंकि अनियंत्रित और असंवेदनशील पर्यटन हिमालय के पर्यावरण के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है। इसके लिए हमें ‘’सस्टेनेबल टूरिज्म’’ को बढ़ावा देना होगा, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना पर्यटन का विकास किया जा सके।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में रहने वाले लोगों की इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका है। उनका ज्ञान, परंपराएं और जीवनशैली हमें सिखाती हैं कि किस प्रकार हम प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर जीवन जी सकते हैं। हमें उनके अनुभवों और पारंपरिक ज्ञान का सम्मान करते हुए उसे भी अपनी पर्यावरण संरक्षण नीति में सम्मिलित करना चाहिए। छोटे-छोटे प्रयास, जैसे पानी की बचत, पेड़ों को लगाना और प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करना, हिमालय की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी क्रम में सरकार ने दो से नौ सितंबर तक प्रतिवर्ष हिमालय जनजागरुकता सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है।

इस मौके पर पद्मभूषण डॉ अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि इस साल समूचे हिमालयी क्षेत्र में आपदाएं आई हैं, अब साल दर साल इस तरह की घटनाओं से मानसून काल डराने लगा है। हमें हिमालय के पर्यावरण को बचाने के लिए नए सिरे से सोचना होगा।

इस मौके पर विधायक किशोर उपाध्याय, मेयर सौरभ थपलियाल, दर्जाधारी मधु भट्ट, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, सूर्यकांत धस्माना सहित प्रमुख लोग शामिल हुए।

सीएम का बरसात के बाद पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने और चारधाम यात्रा को सुचारु कराने पर जोर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तथा वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को आपदा प्रबंधन, कानून व्यवस्था, पुनर्निर्माण कार्यों, पर्यटन एवं जनसुविधाओं से संबंधित व्यापक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता जनता को त्वरित राहत, सुरक्षा एवं सुविधाएं उपलब्ध कराना है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बरसात समाप्त होते ही मरम्मत और पुनर्निर्माण के कार्यों हेतु प्रशासनिक मशीनरी एक्टिव मोड में कार्यरत रहे। वर्षा काल तक राहत सामग्री एवं ड्राई राशन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। आपदा प्रभावितों के ठहरने, भोजन एवं अन्य आवश्यक सुविधाओं की समुचित व्यवस्था की जाए। फसलों, पेयजल लाइन एवं सरकारी संपत्तियों को हुए नुकसान का त्वरित आकलन कर शासन को रिपोर्ट भेजी जाए। नदी-नालों के पास निर्माण की अनुमति पर प्रतिबंध सख्ती से लागू किया जाए। प्रतिबंधों का अनुपालन न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावितों को मानकानुसार त्वरित सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए। जिलाधिकारी समय-समय पर अस्पतालों का निरीक्षण करें और विभिन्न व्यवस्थाओं का आकलन करें। डेंगू, मलेरिया और अन्य जल जनित रोगों से बचाव के लिए अस्पतालों में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में स्वास्थ्य विभाग की शीघ्र बैठक करें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कानून व्यवस्था में बाधा डालने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। अनधिकृत आधार कार्ड, वोटर आईडी और कनेक्शन जारी करने वालों पर नियमित कार्रवाई की जाए। बाहरी व्यक्तियों व संदिग्ध गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जाए।सीमावर्ती क्षेत्रों में चेकिंग और सख्ती बढ़ाई जाए तथा संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर कार्रवाई की जाए। गौवंश के संरक्षण के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बरसात के बाद पुनर्निर्माण एवं इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों में तेजी लाई जाए। सरकारी निर्माण कार्यों में स्थानीय मजदूरों को प्राथमिकता दी जाए। गांवों और शहरी क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि मानसून के बाद चारधाम यात्रा सतर्कता के साथ सुचारू रूप से संचालित हो। श्रद्धालुओं को खराब मौसम की जानकारी समय पर मिल जाए।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद की मुख्यमंत्री घोषणाओं एवं चालू कार्यों की रिपोर्ट 15 दिनों में मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाए। ग्राम स्तर पर चौपाल कार्यक्रम, जिलास्तरीय जनसुनवाई, तहसील दिवस, बीडीसी की बैठकों एवं बहुउद्देशीय शिविरों का नियमित आयोजन किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के जन्मदिवस 17 सितंबर से गांधी जयंती तक सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम की विस्तृत तैयारी की जाए। सेवा, स्वच्छता और जनसुविधा की थीम पर कार्य किए जाएं। जनपदों में नियमित स्वच्छता अभियान चलाने के साथ प्रत्येक सप्ताह एक दिन स्वच्छता कार्यक्रम में जिलाधिकारी स्वयं प्रतिभाग करें। क्षतिग्रस्त सड़कों को जल्द सुचारु करने के साथ ही अभियान के तहत सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 1905 सीएम हेल्पलाइन और 1064 एंटी करप्शन कैंपेन की कार्यवाही निरंतर जारी रहे। आपदा की चुनौतियों से पार पाने के लिए डिजास्टर वालंटियर, संकट मोचन दल एवं जनपद स्तर पर मॉक ड्रिल कराए जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा के अधिकार के तहत प्रदान किए जा रहे विभिन्न प्रमाण पत्रों को आवेदनकर्ता जिस भाषा (हिंदी या अंग्रेजी) में मांगते हैं, उसी भाषा में उपलब्ध कराया जाए। नकली दवाओं के निर्माण और बिक्री की प्रक्रिया में सम्मिलित लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, डीजीपी दीपम सेठ, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, वर्चुअल माध्यम से कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत और सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

सौरभांचल तीर्थ और जीवन आशा अस्पताल उनके दूरदर्शी नेतृत्व और करुणा के उदाहरणः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर में आयोजित जैन समाज सम्मेलन में प्रतिभाग किया और जैन धर्म गुरुओं का आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि आचार्य सौरभ सागर मुनि महाराज का जीवन संयम, त्याग और अहिंसा के अद्वितीय आदर्शों का प्रतीक है। सौरभांचल तीर्थ और जीवन आशा अस्पताल उनके दूरदर्शी नेतृत्व और करुणा के उदाहरण हैं, जो समाज को धर्म और सेवा के पथ पर अग्रसर कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन धर्म ने दुनिया को संदेश दिया है कि अहिंसा ही वीरता का धर्म है। जैन समाज ने केवल अहिंसा का ही नहीं बल्कि संगठन और सामाजिक एकता का भी अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के समग्र विकास के लिए संकल्पबद्ध है और इसी क्रम में उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है जिसने ‘‘समान नागरिक संहिता’’ लागू की है। इसके साथ ही नकल विरोधी कानून के बाद से से 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी पाने में सफलता मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की डेमोग्राफी संरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से धर्मांतरण विरोधी एवं दंगा विरोधी कानून लागू किए गए हैं। प्रदेश में 9 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराया गया है। सनातन मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन कल्याण बोर्ड के गठन के संबंध में प्राप्त सुझाव पर सरकार गंभीरतापूर्वक विचार करेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जैन समाज आगे भी उत्तराखंड के समग्र विकास में सहयोग देता रहेगा।

कार्यक्रम में रविंद्र मुनि जी महाराज, राजेश मुनि महाराज, विधायक विनोद चमोली, खजानदास, पदमश्री डॉ. आर.के. जैन एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण एवं शहर की सौंदर्यता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के केंद्र बिंदु माने जाने वाले ऐतिहासिक घण्टाघर के सौंदर्यीकरण, भव्य रूपांतरण एवं स्वचालित प्रकाश व्यवस्था का विधिवत शुभारंभ किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने घण्टाघर क्षेत्र में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए निर्मित 4 अत्याधुनिक “हिलांस-कम-किचन आउटलेट्स“ का भव्य शुभारंभ किया। यह पहल महिला सशक्तिकरण, स्वरोजगार और स्थानीय पहाड़ी उत्पादों के प्रचार-प्रसार को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई है।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “घण्टाघर देहरादून की पहचान है। इसका यह नवीन एवं आकर्षक स्वरूप न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी गर्व की अनुभूति कराएगा। स्वचालित प्रकाश व्यवस्था से यह स्थल रात्रि में भी जीवंत रहेगा और शहर की नाइटलाइफ में भी नया रंग भरने का कार्य करेगा।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रकार की पहलें न केवल शहर के सौंदर्य को बढ़ाती हैं, बल्कि नागरिकों में स्वच्छता, संरक्षण और अपने शहर के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करती हैद्य लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से इस ऐतिहासिक धरोहर का पुनर्निर्माण कर इसे एक भव्य एवं आधुनिक स्वरूप प्रदान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ण विश्वास है कि इस धरोहर का नया स्वरूप न केवल देहरादून की शोभा बढ़ाएगा, बल्कि ये हमारी शीतकालीन राजधानी में आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज जनपद देहरादून में चार स्थानों पर हिलांस कैंटीनों का लोकार्पण भी किया जा रहा है। ये कैंटीन कलेक्ट्रेट, कोरोनेशन अस्पताल, गुच्चुपानी और आईएसबीटी में स्थापित की गई हैं।ये कैंटीनें न केवल आम लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण वस्तुएँ उपलब्ध कराएँगी, बल्कि हमारे स्वयं सहायता समूहों की बहनों को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी सशक्त बनाएँगी द्यये पहल मातृशक्ति के सशक्तिकरण के साथ-साथ लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। राज्य सरकार का लक्ष्य महिला शक्ति को आत्मनिर्भर बनाना है, और हिलान्स आउटलेट्स के माध्यम से महिलाओं को न केवल स्वरोजगार का अवसर मिलेगा, बल्कि उत्तराखण्ड के पारंपरिक एवं जैविक उत्पादों को भी नया बाजार मिलेगा।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज देहरादून में बाल भिक्षावृत्ति निवारण के लिए भी एक विशिष्ट प्रयास किया जा रहा है, जिसके माध्यम से बालक-बालिकाओं को “भिक्षा की विवशता से निकालकर शिक्षा के अधिकार“ से जोड़ा जाएगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 3 रेस्क्यू वाहनों के साथ अंतरविभागीय टीम गठित की गई है।होमगार्ड, चाइल्ड हेल्पलाइन, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, पुलिस विभाग और कई गैर-सरकारी संस्थाओं को इस टीम में सम्मिलित किया गया है। हमारे लिए खुशी की बात है कि इस टीम द्वारा पहले चरण में 51 बच्चों को रेस्क्यू कराकर विभिन्न स्कूलों में डाला जा चुका है। आज दूसरे चरण में 31 बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड और साधूराम इंटर कॉलेज में दाखिला दिलाया गया है।हम रेस्क्यू किए बच्चों के लिए डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की लागत से साधूराम इंटर कॉलेज में इंटेसिव केयर सेंटर का निर्माण भी करा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने इस प्रयास को तब तक जारी रखेंगे, जब तक हमारे राज्य का प्रत्येक बच्चा स्कूल नहीं जाने लगता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं सहयोग से हमारी सरकार उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
चाहे वो राज्य के बुनियादी ढांचे का विकास हो, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार हो, या युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करना हो स हम देहरादून को एक आधुनिक और विकसित शहर बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रहे हैं। आज देहरादून में लगभग 14 सौ करोड़ रुपये की लागत की विभिन्न विकास परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां एक ओर शहर में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 30 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है, वहीं निजी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 11 स्थानों पर चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण भी किया गया है। हम देहरादून में ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या के स्थायी समाधान हेतु योजनाबद्ध तरीके से निरंतर प्रयासरत हैं। इसके लिए, हम विभिन्न स्थानों पर भूमिगत पार्किंग का निर्माण करा रहे हैं, वहीं ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए रिस्पना और बिंदाल नदियों के ऊपर एलिवेटेड रोड के निर्माण की योजना भी तैयार की जा रही है।

इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, प्रशासनिक अधिकारी, स्थानीय व्यापारीगण एवं बड़ी संख्या में स्थानीय जनता मौजूद रही।