सत्यापन अभियान में तेजी लाने के साथ ही किरायेदारों का सत्यापन न कराने वाले लोगों पर जुर्माना लगाएंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों की बैठक लेते हुए अध्यस्त पाकिस्तानी नागरिकों का चिन्हीकरण कर उनको तत्काल प्रभाव से वापस भेजने की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में चल रहे सत्यापन अभियान में भी तेजी लाने के साथ ही किरायेदारों का सत्यापन न कराने वाले लोगों पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गलत अभिलेखों के आधार पर सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे लोगों के चिन्हीकरण में भी तेजी लाते हुए उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले को देखते हुए अधिकारियों को चारधाम यात्रा मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत और पुख्ता बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग पर यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दे तो उसे तुरंत हिरासत में लिया जाए। साथ ही, इस संबंध में आम जनता को भी जागरूक किया जाए। संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया जाए जिससे आम लोग सम्बन्धित नंबर पर जानकारी साझा कर सकें।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, डीजीपी दीपम सेठ, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए बंशीधर तिवारी मौजूद थे।

केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों और यात्रियों की सुविधाओं का सीएस ने किया निरीक्षण

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने केदारनाथ धाम पहुंचकर आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों और व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। अपने इस दौरे में उन्होंने सबसे पहले केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने मंदाकिनी और सरस्वती नदियों पर बनाए गए बेली ब्रिज का भी निरीक्षण किया। उन्होंने जानकारी दी कि इस पुल का कार्य पूरा हो चुका है, जिससे यात्रियों को आने-जाने में और अधिक सुविधा और सुगमता प्राप्त होगी। उन्होंने आस्था पथ पर बने रेन शेल्टरों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए इन रेन शेल्टरों में एलईडी साइनेज लगाए जाने चाहिए, ताकि यात्रियों को यह स्पष्ट जानकारी मिल सके कि शौचालय, मेडिकल सहायता और अन्य जरूरी सुविधाएं किस स्थान पर उपलब्ध हैं।

मुख्य सचिव ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि कतार में खड़े यात्रियों को गर्म पानी की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि वे ठंडे मौसम में भी आरामदायक अनुभव प्राप्त कर सकें। उन्होंने मंदिर परिसर से लेकर सरस्वती नदी के किनारे बने आस्था पथ तक की स्वच्छता व्यवस्था का भी निरीक्षण किया और वहां स्थापित शौचालयों की स्थिति को परखा। इसके साथ ही उन्होंने गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग में बने सभी कॉटेजों की मरम्मत समय पर पूरी की जाए और उनकी साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान किसी भी यात्री को असुविधा न हो, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं समयबद्ध और सुचारू रूप से पूरी कर ली जाएं।

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने रुद्र प्वाइंट और घोड़ा पड़ाव का भी निरीक्षण किया। इन स्थलों पर उन्होंने यात्रियों की भीड़ प्रबंधन, पेयजल, चिकित्सा, विश्राम और सफाई व्यवस्था की समीक्षा की।

जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि केदारनाथ यात्रा से जुड़े सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं। यात्रा मार्ग से लेकर धाम क्षेत्र तक सभी जरूरी व्यवस्थाएं समय पर पूरी कर ली गई हैं। जो कुछ शेष कार्य हैं, उन्हें भी यात्रा प्रारंभ होने से पूर्व पूर्ण कर लिया जाएगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि पैदल मार्ग, ठहरने की व्यवस्था, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवाएं, पेयजल, विद्युत आपूर्ति, संचार सुविधा एवं आपातकालीन व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त किया गया है। तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए सभी पड़ावों पर मूलभूत सुविधाओं को भी सुनिश्चित कर दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि सुरक्षा दृष्टि से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। यात्रा मार्ग पर पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित कर दी गई है। अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को नियमित रूप से यात्रा मार्ग की चेकिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा अवधि के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए पूर्व से ही विस्तृत ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है, ताकि किसी भी स्थान पर जाम की स्थिति न बने।पुलिस एवं प्रशासन द्वारा आपदा प्रबंधन से जुड़ी टीमें भी यात्रा मार्ग पर सक्रिय रहेंगी, ताकि किसी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

सीएम बोले, सीएम हेल्पलाइन 1905 में समय पर समस्याओं का निवारण न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करें

सीएम हेल्पलाइन 1905 में समय पर समस्याओं का निवारण न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। जिन अधिकारियों के स्तर पर अधिक शिकायतें लंबित हैं, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए और लापरवाही बरते जाने की स्थिति में सख्त कार्रवाई भी की जाए। सभी विभागाध्यक्ष यह सुनिश्चित करें कि कार्मिकों की सेवानिवृत्ति के बाद एक माह के अन्दर उनके सभी देयकों का भुगतान हो जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री ने बुधवार को नई दिल्ली से सीएम हेल्पलाइन 1905 की वर्चुअल समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जन मानस की है। जन समस्याओं का त्वरित समाधान करना हमारी जिम्मेदारी है। राजस्व विभाग, वन विभाग और शिक्षा विभाग में जन शिकायतों के समाधान में हो रही लेट लतीफी पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि अधिक समय तक लंबित प्रकरणों के मामले में संबंधित अधिकारियों का स्पष्टीकरण लिया जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि राजस्व विभाग से संबंधित सभी मामलों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। जिन क्षेत्रों में अधिक शिकायते प्राप्त हो रही हैं, उसका कारण जानने के साथ ही उचित समाधान के लिए आगे की योजना बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। उन्होंने कहा कि सभी सुनिश्चित करें कि जिन समस्याओं का समाधान जिस स्तर पर हो सकता है, वहीं समाधान किया जाए। अनावश्यक रूप से शिकायत उच्च स्तर पर आने पर उन अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाए, जो अपने स्तर पर समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया जाए। पेयजल से संबंधित अधिक शिकायतें प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल की समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावी प्रयास किये जाएं। आगामी ग्रीष्मकाल के दृष्टिगत भी प्रदेश में पेयजल की सुचारू आपूर्ति के लिए पूरी व्यवस्था की जाए। 180 दिन से अधिक समय से लंबित मामलों पर विशेष अभियान चलाकर उनका निस्तारण करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को दिए हैं।

सीएम हेल्पलाइन पर मुख्यमंत्री ने सुनी जन समस्याएं

मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन पर 05 लोगों की समस्याएं सुनी और उनका यथाशीघ्र समाधान करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

उत्तरकाशी की लक्ष्मी देवी ने कहा कि उनके पिता शिक्षा विभाग में कार्यरत थे पिता की मृत्यु के पश्चात् उनकी माता को पेंशन मिलती है। वे पूर्णत अपनी माता पर आश्रित है, शासनादेश अनुसार प्रार्थिनी ने पारिवारिक पेंशन हेतु नॉमिनी बनाये जाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को सभी औपचारिकता पूर्ण कर अपर निदेशक पौड़ी को कार्यवाही हेतु प्रेषित किया, उनके स्तर पर प्रकरण लंबित है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को तीन दिन के अन्दर लक्ष्मी देवी की समस्या का समाधान करने के निर्देश दिये हैं।

रुद्रप्रयाग के जगदम्बा प्रसाद नौटियाल ने कहा उनके द्वारा मेडिकल के बिल के लिए आवेदन किया गया था पर शिक्षा विभाग के द्वारा उन्हें पूर्ण रूप से भुगतान नहीं किया गया। विभाग को इसकी सूचना दिये जाने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिये कि इस प्रकरण का शीघ्र परीक्षण कर समाधान किया जाए और जिम्मेदार अधिकारी को कारण बताओ नोटिस दिया जाए।

नैनीताल के बहादुर सिंह बिष्ट ने बताया कि 31 दिसंबर 2023 को सहायक विकास अधिकारी के पद से उद्यान विभाग से रिटायर्ड होने के बाद अभी तक उन्हें 10 प्रतिशत जीपीएफ का पैसा नहीं मिल पाया है। मुख्यमंत्री ने उद्यान और वित्त विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि बहादुर सिंह बिष्ट के जीपीएफ की अवशेष धनराशि शीघ्र उनको दी जाए। उन्होंने कहा कि कार्मिकों को समय पर उनके अधिकार की धनराशि मिले, यह संबंधित विभागों का कर्तव्य है।

बागेश्वर के जगदीश कार्की ने कहा कि वर्ष 2019 में उनके द्वारा प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना के अंतर्गत टेंट हाउस के लिए लोन लिया था, लेकिन उद्योग विभाग द्वारा अभी तक सब्सिडी नहीं दी गई है। बैंक द्वारा लगातार किस्ते काटी जा रही है, जिस वजह से समस्या हो रही है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी बागेश्वर को एक सप्ताह में जगदीश कार्की को सब्सिडी दिलवाने के निर्देश दिये हैं।

देहरादून के विराट ने कहा कि भू माफिया द्वारा अवैध खनन एवं पेड़ों का कटान किया जा रहा है, जिससे प्रकृति को बहुत नुक्सान हो रहा है, एवं अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। भूमाफियाओं द्वारा उनको धमकी भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने वन विभाग को इस प्रकरण पर शीघ्र कार्यवाही करने और एसएसपी देहरादून को धमकी देने वालों पर कारवाई करने के निर्देश दिये हैं।

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, प्रमुख सचिव एल.फैनई, आर.मीनाक्षी सुदंरम, डीजीपी दीपम सेठ, सचिवगण, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, वर्चुअल माध्यम से उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन विनय रोहिला, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, आर.सी अजय मिश्रा एवं सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

नेशनल गेम्स के समापन पर बोले गृहमंत्री, उत्तराखंड की देवभूमि के साथ खेलभूमि के तौर पर भी बनी पहचान

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में अन्तरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम गोलापार, हल्द्वानी में 38वें राष्ट्रीय खेल का समापन समारोह आयोजित किया गया। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी. ऊषा ने 38वें राष्ट्रीय खेल के समापन की घोषणा की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले सर्विसेज, महाराष्ट्र और हरियाणा को सम्मानित किया।

उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखण्ड के चारों धामों के देवी देवताओं को प्रणाम करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो गया है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने देवभूमि को राष्ट्रीय खेलों के नक्शे पर 25वें स्थान से 7वें स्थान पर लाने का कार्य किया है। राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के विजेता खिलाड़ियों ने देवभूमि को खेल भूमि बनाया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी उत्तराखंड के विजेता खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

उत्तराखंड की मेजबानी का देशभर में गुणगान।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड की आयोजन समिति एवं खेल संगठनों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए पूरे देश में उत्तराखंड की तारीफ हो रही है। पूरा देश उत्तराखंड द्वारा की गई शानदार व्यवस्थाओं के गुणगान कर रहा है। भौगोलिक कठिनाइयों के बावजूद उत्तराखंड राज्य ने मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में इस कार्य को कुशलतापूर्वक सम्पन्न किया है। उन्होंने 38वें राष्ट्रीय खेल के सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हार और जीत का खेल से मतलब नहीं है। जीत का जज्बा और हार से निराश न होना, ये खेल का संदेश है। हारने वाले खिलाड़ियों के लिए अगली बार मेडल लाने का मौका है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में 38वें राष्ट्रीय खेलों में इको- फ्रेंडली प्रैक्टिसेज एवं इको फ्रेंडली गेम को धरातल में उतारा गया है। खिलाड़ियों के नाम पर पौधारोपण किया गया। राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों द्वारा कई नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए गए हैं, इन रिकॉर्डों से अंतरराष्ट्रीय खेलों में भी भारत के लिए पदक की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय खेलो की यह मशाल उत्तराखंड से अब मेघालय जाएगी। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने यह निर्णय लिया है कि नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों में कुछ खेलों के आयोजन से पूरे नॉर्थ ईस्ट को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा को आगामी राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।

हार से लें जीत की प्रेरणा।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में खेलों के वातावरण में सकारात्मक बदलाव आया है। देश भर के कई जिलों में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर, कोचिंग की व्यवस्था, खिलाड़ियो को प्रोत्साहन और पारदर्शी चयन के माध्यम से आज विश्व के खेल पटल पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा भारत के खेलों का भविष्य उज्ज्वल है। खेलों में हर बार नए कीर्तिमान स्थापित हो इसकी व्यवस्था केंद्रीय खेल मंत्री ने की है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने फिट इंडिया और खेलो इंडिया के माध्यम से युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाया है। खेल हमें हारने के बाद जितने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

प्रधानमंत्री को खेल मित्र मानता है हर खिलाड़ी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सफलता सिर्फ शारीरिक क्षमता से नहीं बल्कि दृढ़ निश्चय और मजबूत मन से प्राप्त होती है। अथक परिश्रम और निरंतर प्रयास खिलाड़ियों को आगे ले जाएगी। इन सभी के माध्यम से खिलाड़ी मेडल तक की यात्रा तय कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। आज हर खिलाड़ी प्रधानमंत्री मोदी को खेल मित्र के रूप में मानता है। उन्होंने कहा 2014 में खेल बजट 800 करोड़ था, जो 2025 – 26 में खेल बजट 3800 करोड़ तक पहुंचाया है। अंतरराष्ट्रीय मंचों में भी हमारे खिलाड़ियों ने तिरंगे का मान बढ़ाया है। खिलाड़ियों के मेडल से पता लगता है कि देश में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और जीतने की भूख में बढ़ोतरी हुई है।

2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है भारत।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि खेलो इंडिया के माध्यम से उत्तराखंड जैसे छोटे पहाड़ी राज्य ने इतने बड़े खेल आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। यह बताता है कि भारत का हर राज्य खेलने और खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। इस राज्य से, अब फिर राष्ट्रीय खेल का आयोजन एक पहाड़ी राज्यों में जा रहा है। आज खिलाड़ी कई प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है। 2036 में ओलंपिक के अंदर उत्तराखंड के खिलाड़ी भी मेडल लाकर भारत के तिरंगे का मान बढ़ाएंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज एवं पुलवामा में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पुलवामा के जवानों की शहादत ने देश को सुरक्षित किया है। जवानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर करारा जवाब दिया था। इसी के कारण पूरी दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदला है। इससे दुश्मनों को साफ संदेश गया कि भारत की सेना और सीमा से कभी खिलवाड़ नहीं करना है।

नेशनल गेम्स से उत्तराखण्ड में नई उम्मीदों, और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत -सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के अवसर पर हमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। आज इन खेलों के समापन के अवसर पर हमें देश के गृहमंत्री अमित शाह जी का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड में पहली बार राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हुआ। खेलों के इस महा समागम में देशभर से पधारे 16 हजार से अधिक एथलीट्स ने 35 खेल विधाओं में प्रतिभाग कर कुल 448 स्वर्ण 448 रजत तथा 594 कांस्य पदक जीते। कई खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर अनेक रिकॉर्ड स्थापित किए गए और भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखने वाले बहुत से चौंपियन भी उभर कर सामने आए हैं। इन खेलों में जहां हमने पहली बार योग और मलखंब जैसे अपने पारंपरिक खेलों को शामिल करने का कार्य किया वहीं रात्रि काल में रिवर राफ़्टिंग की प्रतियोगिता का आयोजन कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों को ग्रीन गेम्स की थीम पर आयोजित किया गया। इस आयोजन में प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करने के साथ ही बिजली के लिए सोलर एनर्जी का उपयोग भी किया। खिलाड़ियों को दिए गए मेडल को ई-वेस्ट और खेल किटों को रीसाइकिल्ड पदार्थों से तैयार किया गया। ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई-वाहनों का प्रयोग भी किया गया। 2.77 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ’खेल वन’ के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें प्रत्येक पदक विजेता खिलाड़ी के नाम से रूद्राक्ष के पेड़ लगाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राष्ट्रीय खेल में देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी और ऋषिकेश जैसे मैदानी शहरों के साथ ही अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और टिहरी जैसे सुदूर पहाड़ी स्थानों में भी खेल स्पर्धाएं आयोजित की गई। चकरपुर जैसे एक छोटे से कस्बे में भी राष्ट्रीय खेलों की प्रमुख स्पर्धा का आयोजन हुआ। राष्ट्रीय खेल में जितने भी वाटर स्पोर्ट्स के इवेंट्स हुए, सभी को उत्तराखंड की हाई एल्टिट्यूड पर स्थित झीलों एवं नदियों में आयोजित किया गया। इन खेलों के आयोजन के लिए अस्थाई निर्माण की बजाय प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्थाई स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का प्रयास किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों को सफलतापूर्वक आयोजन के साथ उत्तराखंड ने इन खेलों में 24 स्वर्ण पदकों के साथ रिकॉर्ड 103 पदक अर्जित किए। इन परिणामों से हमारे युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि “अतिथि देवो भवः“ की प्राचीन परंपरा के अनुसार खेलों के आयोजन के दौरान प्रयास किया गया कि विभिन्न राज्यों से पधारे खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय खेल में आये खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ देवभूमि उत्तराखंड से अपने इस रिश्ते को बनाए रखेंगे और भविष्य में सपरिवार उत्तराखण्ड की नैसर्गिक सुंदरता को देखने अवश्य आएंगे। उन्होंने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन आप सभी खिलाड़ियों के लिए खेल अवसरों का अंत नहीं, बल्कि नई उम्मीदों, नए संकल्पों और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत है।

उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेल के आयोजन की जिम्मेदारी देने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा खेल मंत्री मनसुख मांडविया का आभार व्यक्त किया। इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान देने वाले भारतीय ओलंपिक संघ, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन, खेल विभाग और सभी वॉलेंटियर्स का भी आभार व्यक्त किया। प्रस्तावित 39वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए मेघालय को भी उन्होंने अग्रिम शुभकामनाएं दी।

केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री मनसुख मांडविया ने 38 राष्ट्रीय खेलों के शानदार आयोजन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजना के बाद देवभूमि उत्तराखण्ड खेलभूमि भी बन गई है। उन्होंने इस राष्ट्रीय खेल में पदक प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश स्पोर्ट्स हब बने इसकी शुरूआत आज से हुई है।

भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी. ऊषा ने कहा कि बहुत कम समय मिलने के बावजूद भी उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेल की हर स्पर्धा का शानदार आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में खेल और खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई।

खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि खिलाड़ियों ने संकल्प से शिखर तक को आत्मसात कर उत्तराखण्डियों को गर्व से अभिभूत किया। राज्य की रजत जयंती को स्वर्णिम बनाया है। हमारे खिलाड़ियों ने उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में आगे बढ़ाया है। उत्तराखंड की जनता ने राष्ट्रीय खेल के महा आयोजन को सफल बनाया है

इस अवसर पर मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट, सांसद अजय भट्ट उपस्थित थे।

महाकुंभ का पर्व राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और विश्व बंधुत्व का प्रतीकः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाकुंभ 2025 के पुण्य अवसर पर पावन दिव्य त्रिवेणी संगम पर सपरिवार स्नान किया। उन्होंने पतित पावनी मां गंगा, यमुना और सरस्वती के पूजन के साथ सभी देवों का आह्वाहन कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि तथा प्रदेश की उन्नति के लिए प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ शताब्दियों से अपनी अक्षुणता बनाये रखते हुए सनातन धर्म की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता के माध्यम से करोड़ों लोगों को धर्म एवं संस्कृति से जोड़ता रहा है। महाकुंभ का पर्व केवल आध्यात्मिक चेतना का ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और विश्व बंधुत्व का प्रतीक है। विश्व का यह महान पर्व सदियों से मानवता, समरसता तथा नैतिक मूल्यों की प्रेरणा देकर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता रहा है।

मुख्यमंत्री ने प्रयागराज महाकुंभ में अपनी पूज्य माताजी को स्नान कराना अपने जीवन का अमूल्य एवं भावुक क्षण बताते हुए कहा कि वेदों, शास्त्रों और पुराणों में उल्लिखित है कि कोई भी जीव अपनी माता के ऋण से उऋण नहीं हो सकता। माता से ही हमारा अस्तित्व जुड़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिव्य अवसर पर उन्हें यह भी अनुभूति हुई है कि मां केवल जन्मदात्री ही नहीं बल्कि सजीव तीर्थ के समान है। उनकी सेवा और सम्मान से जीवन में सभी पुण्य फलीभूत होते हैं। उन्होंने कहा कि यह भावपूर्ण क्षण उनके लिए सनातन संस्कृति परंपरा और मातृ भक्ति का सजीव स्वरूप प्रस्तुत करने वाला है।

औद्योगिक स्मार्ट सिटी, सेटेलाईट एम्स व हाईटेक बस अड्डा की सौगात देने पर सीएम का हुआ अभिनंदन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किच्छा खुरपिया फार्म में औद्योगिक स्मार्ट सिटी व सेटेलाईट एम्स एवं हाइटेक बस अड्डा की सौगात देने पर किच्छा इन्दिरा गांधी खेल मैदान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार एवं अभिनंदन समारोह आयोजित हुआ। अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री धामी का विभिन्न संस्थाओं, संगठनों द्वारा पुष्पगुच्छों व पुष्प मालाओं से भव्य स्वागत किया गया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा किच्छा क्षेत्र में लगभग 8.5 किमी अटरियां सड़क निर्माण, पंतनगर विश्वविद्यालय में अम्बेडकर पार्क में बाबा साहेब डॉ0 भीम राव अम्बेडकर जी की आदम कद मूर्ति स्थापना, विभाजन विभिषिका के सेनानियों की स्मारक स्थापना, बण्डियां नमक फैक्ट्री के पास पुल निर्माण व दरऊ में अम्बेडकर पार्क का सौन्दर्यकरण की घोषणा की।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि किच्छा क्षेत्र में ऐतिहासिक विकास कार्य हुए है, जिनमे एम्स निर्माण, बस अड्डा निर्माण, औद्योगिक स्मार्ट सिटी का निर्माण होने जा रहा है जो भविष्य में मील का पत्थर साबित होगें। उन्होंने कहा कि पूरे देश में मात्र 12 नये औद्योगिक स्मार्ट पार्क बनने थे एक औद्योगिक स्मार्ट पार्क किच्छा में बनाया जा रहा है इसके लिए उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि किच्छा के पास पंतनगर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बनाया जा रहा है, जिससे क्षेत्र का स्वर्णिम विकास होगा। उन्होने कहा कि हमने 850 एकड़ भूमि एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए हस्तगत कर दी है। अब शीघ्र ही एयरपोर्ट का कार्य प्रारम्भ होने जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले लगभग पांच दशकों से लंबित जमरानी बांध को भी स्वीकृति मिल गयी है। जो पेयजल व सिंचाई के लिए मील का पत्थर साबित होगा साथ ही गिरता हुआ भूजल भी बढेगा। उन्होंने कहा भारत सरकार द्वारा एचएमटी की भूमि राज्य सरकार को दी गयी है। अब राज्य सरकार एचएमटी की भूमि अन्य प्रयोजन के लिए भी उपयोग कर सकती है। उन्होने कहा कि प्रदेश को देश के मॉडल राज्य के रूप में विकसित किया जा रहा है जो पूरे देश के लिए नजीर बनेगा। हम देवभूमि के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास की धारा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रदेश में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया है, जिसमे योग्यता, प्रतिभा और क्षमता होगी, उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में राज्य सरकार द्वारा 17 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम प्रदेश में कनेक्टिविटी, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने से लेकर विभिन्न योजनाओं के जरिए जन-जन का उत्थान सुनिश्चित करने तक, हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं। औद्योगिकीकरण, पर्यटन और कृषि के क्षेत्र में विकास कर रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को गति प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति और सर्विस सेक्टर नीति सहित अनेक नई नीतियां लाकर हम नवाचार के साथ कार्य कर रहे हैं। हमारी सरकार जल, जंगल और ज़मीन के संरक्षण पर कार्य करते हुए इकोलॉजी और इकोनॉमी के बीच समन्वय के साथ आगे बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू करने का ऐतिहासिक कार्य भी किया है, उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड की डेमोग्राफी को बचाए रखने पर लगातार कार्य कर रही है। हमने सख्त धर्मान्तरण रोधी कानून लागू करने के साथ ही किच्छा में अवैध अतिक्रमण को हटाकर 270 एकड़ सरकारी जमीन को मुक्त करवाया है। इसके साथ ही प्रदेश में सुख, शांति और समानता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून, दंगा रोधी कानून और समान नागरिक संहिता लागू करने का ऐतिहासिक कार्य भी हमारी सरकार ने ही किये है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उधम सिंह नगर के खुरपिया में एक हजार एकड़ में एक इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी स्थापित की जा रही है जिससे अरबों का निवेश होगा तथा लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

कार्यक्रम में सांसद अजय भट्ट, विधायक शिव अरोरा, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, ब्लाक प्रमुख ममता जल्होत्रा, दर्जा मंत्री अनिल कपूर डब्बू, उत्तम दत्ता, राजपाल सिंह, खतीब अहमद, पूर्व विधायक डॉ0 प्रेम सिंह राणा, डॉ0 शैलेन्द्र मोहन सिंघल, निवर्तमान मेयर रामपाल सिंह, जिलाध्यक्ष कमल जिदंल, मंडलायुक्त दीपक रावत, जिलाधिकारी उदयराज सिंह, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, सीडीओ मनीष कुमार उपस्थित थे।

यूएस नगर के बंगाली समुदाय के लोगों ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और विधायक शिव अरोड़ा के नेतृत्व में उधम सिंह नगर जनपद के सितारगंज, गदरपुर एवं रूद्रपुर क्षेत्र के बंगाली समुदाय के लोगों ने भेंट कर मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी विभिन्न समस्याएं रखी। राज्य में विस्थापित बंगाली समुदाय के सदस्यों को जारी किए जाने वाले जाति प्रमाण पत्रों से “पूर्वी पाकिस्तान” शब्द हटाये जाने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाली समुदाय के लोगों द्वारा जो समस्याएं रखी गई हैं, उन पर गहनता से विचार कर उचित समाधान करने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास की भावना से कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा विभिन्न समुदायों की समस्याओं का हर संभव समाधान के लिए सरकार द्वारा निरंतर कार्य किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर बंगाली समुदाय से उत्तम दत्ता, हिमांशु सरकार, के.के.दास, विष्णुपद प्रमाणिक, देबू मण्डल, कार्तिक राय, सुनील विश्वास, संजय बाछाड़, गोपाल सरकार, विधान दास, रवि मजूमदार, अशोक माली, कृष्ण पद मण्डल, रविन्द्र विश्वास, विक्की राय, मयंक अगवाल, विश्वजीत हालदार, अशोक मण्डल, प्रभाकर राय, शंकर गोलदार और पंकज बसु मौजूद थे।

सीएम ने नारी शक्ति वंदन कार्यक्रमों को चुनाव से पूर्व ही कर तोड़ दी थी विपक्ष की उम्मीदें

विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचण्ड बहुमत से वापसी कराकर इतिहास लिख चुके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लोकसभा चुनाव में फिर नायक बनकर उभरे हैं। राज्य में अकेले मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में 90 से ज्यादा जनसभाएं, रोड शो, कार्यकर्ता मिलन कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर पार्टी चुनावी मोर्चे पर अंतिम दिन तक डटे रहे। मुख्यमंत्री धामी ने एक दिन में 3 से 4 रिकॉर्ड कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर सरकार और संगठन में समन्वय की मिसाल कायम की है। इसके अलावा मुख्यमंत्री धामी और संगठन के बीच बेहतर समन्वय का परिणाम है कि केंद्रीय नेतृत्व ने भी राज्य की पांचों लोकसभा सीट पर गंभीरता से प्रचार किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने 70 विधानसभाओं में करीब डेढ़ सौ से ज़्यादा जनसभाएं, रोड शो, कार्यकर्ता मिलन कार्यक्रम कर सरकार की उपलब्धियों पर वोट मांगे। जबकि प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रचार की बात करें तो केंद्रीय नेतृत्व ने पहले टिकट बंटवारे में देरी, फिर प्रचार में औपचारिकता भर जिम्मेदारी निभाने का काम भी पूरा नहीं किया है। कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की लंबी सूची तो जारी की, लेकिन राज्य में एंट्री सिर्फ प्रियंका गांधी की हुई। प्रियंका की दो लोकसभा सीट पर चुनावी जनसभा कर कांग्रेस ने प्रचार की जिम्मेदारी की इतिश्री कर दी। सचिन पायलट ने भी हल्द्वानी में रोड शो कर केवल अपनी उपस्थिति दर्ज कराई जबकि अन्य राष्ट्रीय नेताओं ने यहां कदम तक नहीं रखा। राज्य में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी अपने बेटे की हरिद्वार सीट से बाहर नहीं निकल पाए। हालांकि, कुछ स्थानों पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने जरूर उपस्थिति दर्ज कराई।

पौड़ी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल को छोड़ दिया जाए तो बाकी सीटों पर अंदाज लगाया जा सकता है कि कांग्रेस ने ये लोकसभा चुनाव कितनी गंभीरता से लड़ा और कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष देवभूमि के मतदाताओं का कितना सम्मान है। बहरहाल, राज्य की हितैषी बताने वाली कांग्रेस देवभूमि के दंगल से इस बार भी दूर ही नज़र आई।

माइक्रो लेवल मैनेजमेंट गुरु साबित हो रहे हैं सीएम धामी

गत 2 वर्षाे में सीएम धामी का माइक्रो लेवल मैनेजमेंट मॉडल न केवल राज्य की जनता के बीच वरन अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बना है। जमीनी स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन से लेकर शिकायतों और समस्याओं के निवारण के प्रति उनकी परतिबद्धता और संवेदनशीलता ने उन्हें एक जननेता के रूप में उभारा है। सीएम धामी का सरलीकरण, समाधान व निस्तारण का मंत्र शुरुआत में केवल शिगूफा लगा था परंतु पिछले वर्षों में इस पर उनके द्वारा की गई कार्यवाही से उनकी प्रतिबद्धता परिलक्षित हुई है।

सरलीकरण, समाधान व निस्तारण का मंत्र और उसको अमली जामा पहना कर जनसेवा के मार्ग को प्रशस्त करना धामी की एक बहुत बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।

तय जवाबदेही
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को भी अपने मिशन और विजन के साथ बखूबी जोड़ने में अभी तक कामयाब साबित हुए हैं, सचिवालय में हो रही ताबड़तोड़ बैठकें और अधिकारियों से सीधा संवाद विशेषकर सचिवालय से लेकर निदेशालय और जनपद से लेकर ब्लॉक तक के अधिकारियों को एक साथ जोड़ना और सभी की जवाबदेही तय करना सीएम धामी के धाकड़ प्रशासक की छवि को उकेरने का कार्य कर रहा है।

जनता और नौकरशाही के बीच बने सेतु
सचिवालय में हो रही बैठकों में सीधा शिकायतकर्ताओं और लाभार्थियों से संवाद करना हो या फिर अधिकारियों को इसी दौरान निर्देशित करना हो, यह धामी की समयबद्धता और जनसमस्याओं के प्रति सरकार की जिम्मेदारी की समझ को प्रदर्शित करता है। अधिकारियों के लिए टारगेट सेट करना और विभागों के पास आ रही शिकायतों को अपने स्तर पर शीध्र समाधान देना धामी सरकार के गुड गवर्नेंस का प्रमाण है।

उत्तराखंड में लोगों की समस्याओं के सामधान के लिए शुरू की गई सीएम हेल्पलाइन 1905 सेवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गुड गवर्नेंस मॉडल को साकार करती नजर आ रही है।

समस्याओं का घर बैठे ही समाधान हो सके, लोगों को विभागों के चक्कर न काटने पड़ें, इसके लिए मुख्यमंत्री धामी स्वयं इसकी मॉनिटरिंग भी करते रहते हैं।

धामी के मॉडल का ही असर है कि जनवरी 2024 में हेल्पलाइन में दर्ज कुल 95573 शिकायतों में से 61 प्रतिशत का निस्तारण हो चुका है। बीते सोमवार को मुख्यमंत्री धामी ने हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों की मॉनिटरिंग के दौरान फरियादियों से वार्ता कर उनका फीडबैक भी लिया। इससे पहले भी कई बार धामी हेल्पलाइन में शिकायतें दर्ज कराने वाले लोगों को फोन कर उनका फीडबैक ले चुके हैं, इससे जनता में धामी के इस मॉडल के प्रति विश्वास सुदृढ़ हुआ है।

मुख्यमंत्री का साफ कहना है कि शासन-प्रशासन की जवाबदेही जनता के प्रति होनी चाहिए। अधिकारी शिकायतकर्ताओं के प्रति सेवा भाव से कार्य करें एवं उनकी समस्याओं को बेवजह लंबित न रखें।

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गुड गर्वनेंस से सरकार की आय में हो रही वृद्धि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के नारे को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का गुड गवर्नेंस मॉडल आत्मसात करता नजर आ रहा है। सुशासन की दृष्टि से दिया गया यह मॉडल लोगों को खासा पंसद आ रहा है। इससे न सिर्फ जनता की समस्याओं का सरलीकरण, समाधान और निस्तारण हो रहा है बल्कि प्रदेश सरकार की आय में भी बढ़ोतरी हो रही है।
यह धामी के गुड गवर्नेंस मॉडल का ही असर है कि इस साल परिवहन निगम ने घाटे से बाहर निकल अधिक मुनाफा कमाया। यूकाडा ने भी केदारनाथ धाम के लिए शुरू हुई हेलीकॉप्टर बुकिंग से एक साल में 49 करोड़ की आय प्राप्त की। पिछले 15 सालों में यह सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। उत्तराखंड को नशा मुक्त बनाने के संकल्प पर भी सरकार तेजी से काम कर रही है। इससे लोगों को जागरूक करने के साथ ही नशा तस्करों पर भी नकेल कसी जा रही है।
गुड गवर्नेंस मॉडल की सबसे अच्छी बात यह है कि मुख्यमंत्री धामी खुद कार्यों की मॉनिटरिंग करते रहते हैं। जिसका असर विभागों की कार्यशैली में साफ नजर आ रहा है। कई बार धामी खुले मंचों से इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि हमारी सरकार का प्रयास समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास को पहुंचाना हैं। इस मॉडल की मूल अवधारणा में प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, सामाजिक न्याय, सहयोगी शासन, और नागरिकों के साथ संवेदनशीलता को बढ़ावा देना शामिल है।

पीआरडी जवानों को सीएम ने दिया साल के अंत में तोहफा, की पांच घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तपोवन रोड, देहरादून में प्रान्तीय रक्षक दल के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित रैतिक परेड में शामिल होकर रैतिक परेड का मान प्रणाम ग्रहण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पीआरडी के घोषवाक्य ‘अहमस्मि योधः’ का लोकार्पण किया और पीआरडी स्वयं सेवकों के आश्रितों को सहायता राशि का वितरण भी किया।
मुख्यमंत्री ने सभी को प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज पीआरडी. स्वयंसेवकों द्वारा रैतिक परेड में किए गए मार्च पास्ट का प्रदर्शन अत्यंत ही मनोहारी था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 05 घोषणाएं की। उन्होंने घोषणा की कि पी.आर.डी. स्वयं सेवकों को प्रत्येक 02 वर्ष पर 01 गर्म वर्दी एवं 01 सामान्य वर्दी विभाग द्वारा दी जायेगी। पी.आर.डी. स्वयं सेवकों को प्रशिक्षण एवं पुर्नप्रशिक्षण के समय दी जानी वाली वर्दी की दर 1500 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए की जाएगी। सभी पंजीकृत ड्यूटी पर तैनात पी.आर.डी. स्वयं सेवकों को होमगार्ड स्वयं सेवकों की भांति 200 रुपए प्रतिमाह ड्यूटी दिवस के अनुमानित में धुलाई भत्ता दिया जायेगा। विकासखण्ड स्तर पर तैनात ब्लाक कमाण्डर एवं न्याय पंचायत स्तर पर तैनात हलका सरदार का मासिक मानदेय क्रमशः 600 रुपए एवं 300 से बढ़ाकर प्रतिमाह 1000 रुपए एवं 500 रुपए किया जायेगा। आपदा बचाव कार्य में तैनात पी.आर.डी. स्वयं सेवकों को 50 रुपए प्रतिदिन की दर से अतिरिक्त मानदेय दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीआरडी स्वयंसेवक अपनी निरंतर सेवा और समर्पण भाव से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहयोग कर रहे हैं। सामाजिक सुरक्षा कार्य, आपदा प्रबंधन और यातायात व्यवस्था में पीआरडी द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पी.आर.डी. स्वयं सेवकों के हित में कई कदम उठाए हैं। पी.आर.डी. स्वयंसेवकों के मृतक आश्रितों के पंजीकरण हेतु शासनादेश जारी किया गया है। अभी तक 116 मृतक आश्रितों को पंजीकृत किया गया है, इनमें से 70 मृतकों के आश्रितों को रोजगार प्रदान किया गया है, जिसमें 25 महिलाएँ भी शामिल हैं। प्रान्तीय रक्षक दल कल्याण कोष संशोधित नियमावली अगस्त 2023 में प्रख्यापित की गई है। जिसमें आर्थिक सहायता की धनराशि में वृद्धि करते हुए साम्प्रदायिक दंगो के दौरान ड्यूटी पर मृत्यु की दशा में देय एक लाख रुपए को बढ़ाकर 02 लाख किया गया है। इसके साथ ही अति संवेदनशील ड्यूटी में मृत्यु की दशा में देय 75 हजार रुपए को बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपए किया गया है। सामान्य ड्यूटी के दौरान मृत्यु की दशा में देय 50 हजार को बढ़ाकर एक लाख रुपए किया गया है। प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान के लिए भी संबंधित अधिकारी की संस्तुति पर अधिकतम 50 हजार रुपए का प्राविधान किया गया है, जिससे सीधे तौर पर पीआरडी जवानों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान भी पीआरडी स्वयंसेवकों ने उत्कृष्ट कार्य किया। जिसके सम्मान में सरकार द्वारा 4651 पी.आर.डी. स्वयंसेवकों को पुरस्कार स्वरूप 6 हजार प्रति स्वयंसेवक प्रदान किये गए थे।
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने कहा पिछले दो वर्षों से प्रान्तीय रक्षक दल का स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पीआरडी स्वयंसेवकों के लिए अनेक सुविधा देने के प्रयास किये गये हैं। राज्य की चारधाम यात्रा, कावंड़ और समय-समय पर आई आपदाओं में पीआडी स्वयं सेवकों द्वार अपने कार्यों के बल पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा ‘काऊ’ विशेष प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण अमित सिन्हा, निदेशक युवा कल्याण जितेन्द्र सोनकर एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।